आपको जवाब सटीक ही दूँगा।
आपकी मोटरसाइकिल चोरी हुई, आपने उसकी चोरी की रिपोर्ट यानी एफ.आई.आर करवाई। अब पुलिस ने आपकी बाइक ढूंढ निकाली और वो पिछले चार महीनों से आपको चक्कर कटवा रहे हैं। अब आप चाहते हैं कि आपकी मोटरसाइकिल आपको दे दी जाए और आप अपनी बाइक पुलिस थाने से अपने घर ले आएं।
तो जनाब आइये आपको बताता हूँ कि चोरी के बाद यदि पुलिस चोरी का माल चाहे वो मोटरसाइकिल हो या कोई और संपत्ति उसको बरामद या ढूंढ लेती है तो आप अपनी संपत्ति को कैसे वापिस पा सकते हैं।
अब क्योंकि चोरी की रिपोर्ट कराने के बाद जो भी माल पुलिस बरामद करती है, वो माल ही चोरी का एक पक्का सबूत भी होता है, जो लोग नही जानते उन सम्मानित पाठकों को बता दूँ कि जब भी चोर पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर पुलिस आरोपपत्र न्यायालय में पेश करती है।
अब जब मामला न्यायालय में आ जाता है तो चोर को सज़ा दिलवाने के लिए चोर द्वारा चोरी किया माल भी न्यायालय में पेश करना पड़ता है।
अब क्योंकि चोरी का माल कोर्ट में पेश करके ही चोर को सज़ा दिलवाई जा सकती है, इस कारण से पुलिस चोरी हुए माल को ढूंढ लेने के बाद भी सीधे उस माल के मालिक को माल नहीं दे सकती।
तो जनाब ये माल जो चोरी हुआ, तब तक आपका था, जब तक चोरी नहीं हुआ था। अब क्योंकि चोरी हो गया और पुलिस ने उसे बरामद कर लिया तो ये माल हो गया केस प्रॉपर्टी यानी आसान भाषा में कहें तो मुकदमे का खास सबूत।
अब क्योंकि ये बाइक चोर की चोरी का प्रमाण है, तो यदि आपको वापिस कर दिया पुलिस ने, और कल जब कोर्ट ने पूछा के इस चोर ने कौनसी बाइक चुराई थी, तो पुलिस कैसे दिखा पाएगी कि कौन सी बाइक चोरी की थी इस चोर ने। क्योंकि ये हो सकता है कि आप उस बाइक को बेच चुके हों। या बाइक की हालत खराब होने पर कबाड़ी को बेच दें।
अब क्योंकि आपकी बाइक केस प्रॉपर्टी हो गई है। इस कारण आपकी बाइक को कोर्ट ही आपको देगा। ये बात पुलिस को आपको बता देनी चाहिए थी परंतु नही बताई, ना बताने का कारण होता है पुलिस का आपकी बाइक को पर्सनल रूप से इस्तेमाल करने का लालच। क्योंकि ऐसे मामलों में बरामद वाहनों को जब तक वाहन मालिक कोर्ट से छुड़ा नही लेता तब तक पुलिसवाले कार हो या मोटरसाइकिल खूब चलाते घुमाते रहते हैं।
अब क्योंकि आप जान गए हैं तो आप सीधे अपने संबंधित न्यायालय जाएं, एक वकील करें, फिर संबंधित जुडिशल मजिस्ट्रेट को आपके वकील एक एप्लीकेशन देकर आपकी बाइक आपको सौंपने की प्रार्थना करेंगे। मजिस्ट्रेट साहब पुलिस स्टेशन से लिखित में जानकारी प्राप्त करेंगे कि आपकी बाइक वहाँ है या नहीं।
अब जैसे ही मैजिस्ट्रेट सहाब को पुलिस कहेगी कि आपकी बाइक है थाने में, तब आपसे कोर्ट सबूत मांगेगा बाइक के मालिक होने का। आप बाइक के पेपर्स अपना आधार कार्ड आदि कागज़ जमा करेंगे, अदालत संतुष्ट होने पर आपकी बाइक को आपके हवाले करने के आदेश इस शर्त के साथ देगी कि आप दौरान ऐ मुकदमा, यानी जब तक केस चलता है बाइक को बेचेंगे या नष्ट नही करेंगे, और जब भी केस में जरूरत होगी बाइक को पेश करेंगे।
अब आप कोर्ट के आदेश को लेकर पुलिस स्टेशन जाएंगे, और आदेश को पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को देंगे। वो कोर्ट के आदेश अनुसार आपको आपकी बाइक सौंप देगा।
अब आप बाइक लेकर घर आ सकते हैं कोई आपको रोकेगा नहीं। धन्यवाद।
सम्मानित पाठकों का दिल💓 से अभिनंदन💐🙏