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रविवार, 1 जनवरी 2012

साढ़ेसाती का प्रभाव राशि 2012: पं . केवल आनंद जोशी

पं . केवल आनंद जोशी
(kajoshi46@gmail.com )
वर्ष 2012 में शनि तुला यानी तराजू की राशि से अपनी यात्रा आरंभ करेगा। 9 फरवरी को यह वक्री यानी उल्टी चाल से चलने लगेगा। लगातार मार्च अप्रैल और मई तक वक्री चलते हुए 17 मई को यह कन्या राशि में उल्टा प्रवेश करेगा 25 जून को यह कन्या राशि में मार्गी होगा उसके उपरान्त 5 अगस्त को यह पुनः तुला राशि में प्रवेश कर जाएगा।

वर्ष 2012 के आरंभ में शनि चित्रा नक्षत्र के उत्तरार्ध और तुला राशि से अपना भ्रमण आरंभ करेगा। इसके अनुसार कन्या राशि को उतरती साढ़ेसाती रहेगी। तुला राशि को भोग में मध्य साढ़ेसाती रहेगी जबकि वृश्चिक राशि को सिर पर चढ़ती साढ़ेसाती रहेगी। साढ़ेसाती के दौरान कन्या, तुला औस वृश्चिक राशिवालों को शारीरिक मानसिक तथा आर्थिक परेशानियों के अलावा शत्रु आदि का भय भी रहेगा। गुप्त चिन्ताएं रहेंगी। हर महत्वपूर्ण कार्य में विलम्ब और बाधा आएगी। दिमाग पर हमेशा निराशा का बोझ रहेगा। मान सम्मान की हानि तथा समाज और सरकार में बदनामी या लज्जित हो सकते हैं। आरोप लांछन भी लग सकते हैं। भोग विलास और अवांछित कार्यो से पीछा नहीं छूट पाएगा। सट्टेबाजी या दुर्बुद्धि के कारण संचित धन का नुकसान होगा। इसके अलावा कर्म के अनुसार शनि की साढ़साती में इसके अच्छे और बुरे फल भोगने को तैयार रहना पड़ेगा। यह भी कहते है कि शनि अपनी गोवर साढ़ेसाती के दौरान हर पिछले अच्छे और बुरे कर्मो का हिसाब लेता है। सत्कर्मी को बख्श देता है और कुकर्मी को सजा देता है ! हर तीस साल में प्रत्येक जातक को शनि महाराज के आगे हाजिर होना पड्रता है।

ऐसा नही कि शनि कि साढ़ेसाती आलसी और निकम्मे लोगो को ही पेलती है। शुद्ध और पवित्र आचरण से जीवनयापन करने वाले चरित्रवान लोगों पर भी शनि का कुछ दुष्प्रभाव जरूर होता है लेकिन समयानुसार उन्हें अपने कष्ट से मुक्ति भी मिल जाएगी। जिन महानुभावों का जन्मजात शनि उनकी जन्मकुंडली में योगकारक और अच्छा है उनके लिए यह साढ़ेसाती बहुत ही लाभप्रद सफलतादायक और राजयोग कारक भी होगी। फिर भी शनि की गोचर स्थिति कम या ज्यादा सभी को ही थोडा-थोडा सुख और दुख का स्वाद देने वाली जरुर होती है।

सभी राशियों के लिए शनि का गोचर फल इस प्रकार रहेगा :

मेष( Aries ) : इस वर्ष आपको शनि का तांबे का पाया रहेगा। सप्तम भाव का शनि आमदनी में तो वृद्धि करेगा लेकिन खर्च भी बढ़ाएगा। मध्यम वर्गीय और निम्न वर्गीय लोगों को धन का अभाव राजकीय और सामाजिक जीवन में परेशानी महत्वपूर्ण कार्यो में अवरोध ओर प्रियजनों से विच्छेद या बिछोह का दुख रहेगा। व्यापारि और कारोबारी लोगों को धनहानि और बढ़ते खर्च के चलते पूंजी में क्षय तथा कानूनी विवाद और रोग व्याधि होंगे। अनावश्यक खर्च बढ़ने की आशंका रहेगी।

वृष (Taurus): इस साल शनिदेव आपकी राशि पर चांदी के पाये से विराजमान रहेंगे। छटा शनि उद्योग व्यापार और आजीविका में लाभदायी होगा। लेकिन पारिवारिक सम्बन्धों और मित्रों में तनाव पैदा करेगा। नौकरी पेशा लोगों के लिए समय कुछ कष्टसाध्य रहेगा। तकनीकी और अर्द्धतकनीकी कार्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए प्रगति के अवसर रहेंगे। जिन जातकों के मंगलकार्य रुके हुए हैं उन्हें इस वर्ष मई-जून के उपरान्त मनोवांछित शुभकार्य होने से हर्ष प्राप्त होगा। प्रौढ़ और वृद्ध जातकों को शरीर कष्ट तथा हड्डी और मांसपेशियों के दर्द की शिकायत रहेगी।

मिथुन (Gemini): इस वर्ष शनि का गोचर सोने के पाये से रहेगा। पंचम शनि चारों तरफ विरोध और अपकीर्ति फैलाता है। किसी से ज्यादा मिलना-जुलना, बातचीत और विपरीत योनि से अधिक प्रगाढ़ता नुकसान और विवाद का कारण बन सकती है। यद्यपि लाभमार्ग ठीकठाक रहेगा फिर भी खर्च भी बढ़चढ़कर होंगे। सन्तान पक्ष से चिन्ता बढ़ेगी। युवा और प्रौढ़ जातकों के लिए समय काफी भागदौड़ वाला भी होगा। किसी नए कारोबार में प्रवेश करने की इच्छा होगी परन्तु पूंजी के संयोजन में धोखाधड़ी की भी आशंका रहेगी।

कर्क (Cancer): इस वर्ष शनि लोहे के पाये से आपकी राशि को पीड़ित करेगा। चैथा शनि आजीविका और कारोबार मे उतार चढ़ाव पैदा करता है। महत्वाकांक्षा बढ़ जाने से अलाभकारी उपक्रमों में फंस जाने की आशंका रहेगी। जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं लेकिन काफी सोच समझकर और कानूनी मुद्दों को अच्छी तरह जांच परखकर। नौकरी और आजीविका के लिए स्थान परिवर्तन हो सकता है। घर के बुजुर्ग सदस्यों का स्वास्थ्य चिन्ता का विषय बन सकता है। चैथा शनि वाहन आदि के लिए शुभ है। अतः धार्मिक यात्राओं के साथ साल का कुछ समय आपके लिए सांत्वनाप्रद होगा।

सिंह (Leo): इस वर्ष आपकी राशि को शनि सोने के पाये से अपना असर डालेगा। सबकुछ ठीकठाक रहते हुए भी अप्रत्याषित हानि और भय की आशंका रहेगी। गोचर में तीसरा शनि लाभकारक तो काफी होता है लेकिन भाग्यस्थान में कुदृष्टि होने से कभी कभी महतवपूर्ण कार्यो में बाधा भी सकती है। सन्तान पक्ष से अच्छी खबर मिल सकती है। घर में शादी विवाह आदि मंगल कार्य सम्पन्न होंगे। विदेश यात्रा भी हो सकती है और कारोबार में प्रगति के भी पूर्ण संभावना रहेगी। पिछले कई वर्षों से जो साढ़ेसाती की पीड़ा आपकी राशि ने भोगी है अब उसमें पूर्ण रूप से राहत मिलेगी। धन जमा होगा और निवेश करने में रुचि रहेगी। शेयर बाजार तथा अन्य प्रकार की सट्टेबाजी में सावधानी बरतें तो बेहतर रहेगा।

कन्या (Virgo) : इस वर्ष आपकी राशि को शनि तांबे के पाये से रहेगा। इस वर्ष उतरती साढ़ेसाती रहेगी और शनि धन तथा कुटुम्बभाव में विचरण करेगा। आर्थिक और शारीरिक कष्ट के साथ-साथ चोर, अग्नि, वाहन आदि से कष्ट हो सकते हैं। मित्रों और सगे सम्बन्धियों से विश्वासघात हो सकता है। अकारण शत्रु बढ़ सकते हैं। चल अचल सम्पत्ति के लेन देन में बाधा उत्पन्न होगी। मई-जून के उपरान्त कुछ छोटे मोटे लाभ होंगे। युवा वर्ग को परीक्षा प्रतियोगिता या नौकरी आदि में प्राथमिकता मिल सकती है। प्रौढ़ और वृद्धि जातकों को पारिवारिक सुख सम्मान तथा इच्छित कार्यो में सफलता मिल सकती है।

तुला ( Libra): इस वर्ष आपकी राशि को शनि चांदी के पाये से रहेगा। साढ़ेसाती की दूसरी ढैया रहेगी। राशि पर चल रहा शनि शरीर में रोग और कामकाज में थकान तथा नीरसता पैदा करेगा। सामाजिक जीवन में विरोधी और शत्रु पैदा होने से कभी-कभी अपमानजनक स्थितियां पैदा हो सकती हैं। घर के लोगों से व्यवस्था सम्बन्धी चूक होने से धनहानि के आसार रहेंगे। कारोबार में भी शनि की साढ़ेसाती कभी फायदेमन्द तो कभी नुकसानदेह साबित होगी। साल की शुरुआत में कुछ अच्छी खबरें भी मिलेंगी। दाम्पत्य जीवन तथा साझेदारी में सहयोग मिलने की आशा रहेगी।

वृश्चिक ( Scorpio): इस वर्ष शनि आपकी राशि में चढ़ती साढ़ेसाती लोहे के पाये से रहेगी। बारहवां शनि अभी साढ़ेसाती की शुरुआत कर रहा है। हर काम में उलट फेर की आशंका रहेगी। घर के सदस्य और सन्तान पक्ष द्वारा मनमाने काम करने से आश्चर्य होगा और आपके अस्तित्व को एक चुनौती मिल सकती है। संचित धन गैर मामूली कार्यो में खर्च होगा। वाद-विवाद और रोग बीमारी को टालने में भी धन की हानि हो सकती है। साढ़ेसाती की शुरुआत तभी अच्छी हो सकती है जब आप समय की धारा को देखते हुए अपना काम करें। स्वार्थ और लालच के चक्कर में और भी संकट पूर्ण स्थिति सकती है। बेहतर यही होगा कि जैसा चल रहा है उसे स्वीकार कर लें।

धनु ( Sagittarius): धनु राशि पर शनि तांबे के पाये से असर करेगा। फिलहाल शनि अगले ढाई साल के लिए एकादश यानी लाभ स्थान में रहेगा। कुछ नये काम शुरु करने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन बृहस्पति के अनुकूल नहीं होने से नये नये संकट भी सामने आएंगे। यदि पूर्व में कोई नैतिक भूलचूक की है अथवा गलती हुई है तो उसका दुष्परिणाम इस दौरान भोगना पड़ सकता है। सन्तान पक्ष से चिन्ता बनी रहेगी। दाम्पत्य जीवन में भी उतार-चढ़ाव आयेंगे। किसी भारी खर्च से भी आप बच नहीं सकते हैं। स्वभाव और व्यवहार में चिड़चिड़ापन सकता है। शनि अभी आपकी राशि को देख रहा है अतः सिर में दर्द, हड्डियों और घुटनों में दर्द तथा घर में चोर ओर उचक्कों का भय बना रहेगा। कुछ अकल्पनीय फायदे भी इस बीच हो सकते है।

मकर (Capricorn): मकर राशिपर शनि सोने के पाये से असर करेगा। दशमभाव में शनि विचरण कर रहा है। कामकाज और व्यापार में तरक्की हो सकती है। खर्च भी कुछ बढ़ जायेंगे। घर के बुजुर्गों का स्वास्थ्य चिन्ता का विषय बनेगा। सामाजिक और राजकीय स्तर पर आपका मान सम्मान बढ़ सकता है। यदि नौकरी में हैं तो पदोन्नति एवं अच्छे स्थान पर नियुक्ति हो सकती है। युवा और विद्यार्थी वर्ग को परीक्षा आदि में अच्छी सफलता मिल सकती है। रोजगार और देश देशान्तर की यात्रा का अवसर भी मिलेगा। शुभ शनि आपकी राशि का स्वामी है अतः अच्छे समय का सदुपयोग करना जरूरी है।

कुंभ ( Aquarius): कुंभ राशिपर शनि चांदी के पाये से रहेगा। भाग्यस्थान का शनि बौद्धिक और आर्थिक विकास के लिए उत्तम है। नौकरी या व्यवसाय में तरक्की के अवसर मिलेंगे। नई प्रॉपर्टी की खरीद हो सकती है। जमा पूंजी का लाभदायक निवेश भी होगा। घर परिवार में रुके हुए मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे। किसी अच्छे सहयोगी या मित्र के द्वारा कोई बड़ा फायदे का सौदा भी हाथ में सकता है। अनेक प्रकार के शुभफलों के साथ-साथ इस साल आपको कई प्रकार की चिन्ताओं और वाद विवादों से भी मुक्ति मिल सकती है। कोर्ट कचहरी आदि में विजय हो सकती है।

मीन (Pisces): मीन राशि पर शनि लोहे के पाये से रहेगा। अष्टम शनि कार्यक्षेत्र में अधिक तनाव तो देगा लेकिन देर सबेर आपकी उन्नति और प्रोन्नति भी होती रहेगी। पूंजी निवेश और जमीन-जायदाद की खरीद कर सकते हैं। देश या विदेश की लम्बी यात्रा हो सकती है। सरकार से या संस्थओं से लाभ हो सकता है। आपके अधिकार और कार्यक्षेत्र में मनोवांछित बदलाव सकता है। कुछ सावधानी भी जरूरी है जैसे कि यात्रा के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जमा पूंजी को सही ढंग से रखें। अष्टम शनि छल और धोखे से भी धन हानि करवाता है अतः किसी प्रकार की लेन देन वाली समस्या को विचार पूर्वक ही हल करें। कुल मिलाकर साल अच्छा है।

शनि का प्रभाव कैसे होता है
शनि के चार पाये यानी पाद लोह , ताम्र , स्वर्ण , और रजत होते हैं। गोचर में जिन राषियों पर शनि सोना या स्वर्ण और लोहपाद से चल रहा है उनके लिए शनि का प्रभाव अच्छा नहीं माना जाता। जिन पर शनि चांदी या तांबे के पाये से चल रहा है उनको फल कुछ अच्छे और कुछ मिश्रित रूप से मिलते हैं।

शनि अपना प्रभाव 3 चरणों में दिखाता है जो साढ़े सात शुरु के साढ़े सात सप्ताह से आरंभ होकर साढ़े सात वर्ष तक लगातार जारी रहता है।
पहले चरण में : जातक का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है तथा वह अपनी उद्देश्य से भटक कर चंचल वृति धारण कर लेता है उसके अन्दर स्थिरता का अभाव अपनी गहरी पैठ बना लेता है। पहले चरण की अवधि लगभग ढाई वर्ष तक होती है।
दूसरे चरण में : मानसिक के साथ साथ शारीरिक कष्ट भी उसको घेरने लगते हैं उसके सारे प्रयास असफल होते जाते हैं। तन,मन, धन से वह निरीह और दयनीय अवस्था में अपने को महसूस करता है। इस दौरान अपने और परायों की परख भी हो जाती है। अगर उसने अच्छे कर्म किए हों तो इस दौरान इसके कष्ट भी धीरे धीरे कम होने लगते हैं। यदि दूषित कर्म किए हैं और गलत विचारधारा से जीवनयापन किया है तो साढ़ेसाती का दूसरा चरण घोर कष्टप्रद होता है। इसकी अवधि भी ढाई साल होती है।
तीसरे चरण में : तीसरे चरण के प्रभाव से ग्रस्त जातक अपने संतुलन को पूर्ण रूप से खो चुका होता है और उसमें क्रोध की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। परिणाम स्वरूप हर कार्य का उल्टा ही परिणाम सामने आता है और उसके शत्रुओं की वृद्धि होती जाती है। मतिभ्रम और गलत निर्णय लेने से फायदे के काम भी हानिप्रद हो जाते हैं। स्वजनों और परिजनों से विरोध बढ़ता है। आम लोगों में छवि खराब होने लगती है अतः जिन राशियों पर साढ़े साती तथा ढैया का प्रभाव है उन्हें शनि की शन्ति के उपचार करने पर अशुभ फलों की कमी होने लगती है और धीरे-धीरे वे संकट से निकलने के रास्ते प्राप्त कर सकते हैं।

शनि शान्ति के उपाय और उपचार :-
1. प्रतिदिन घर मे गुग्गल धूप जलायें और सायंकाल के समय लोबान युक्त बत्ती सरसों तेल के दीये में डालकर तुलसी या पीपल की जड़ में दीपक जलाएं। 2. शनिवार को कच्चे सूत को सात बार पीपल के पेड़ में लपेटे।
3. बन्दरों को गुड़ चना, भैसे को उर्द के आटे की रोटी तथा दूध से आटा माड़ कर रोटी बनाकर मोरों को चुगाएं।
4. जटायुक्त कच्चे नारियल सिर के ऊपर से 11 बार उतार कर 11 नारियल बहते जल में प्रवाहित करें।
5. काले वस्त्र कम्बल सतनाजे से तुलादान एवं छाया पात्र दान करें।
6. माफिक आये तो 7 रत्ती का शुद्व नीलम रत्न धारण करे।
8. आर्थिक हानि अथवा रोग बिमारी से बचने के लिए शनियंत्र युक्त बाधामुक्ति ताबीज और घर में अभिमंत्रित शनियंत्र रखकर उसपर तिल और सरसो के तेल का नित्य अभिषेक करे।
9.. महामृत्युंजय का जप, हनुमान चालीसा का पाठ भी शनि बाधा को शान्त करता है। 



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गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

SCHOOL BUS IN JAPAN

 

SCHOOL BUS IN INDIA  -  

 


notice the Hebrew writing on the door of
> the leather shop





.........and
> which country
> do you call when you have a technical problem
> with your
> computer?

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