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सोमवार, 23 जनवरी 2012

विशालकाय शिवलिंग


बन्दूक की गोली के समान इतने बड़े आकार में दिखने वाला ये चित्र एक सामान्य चित्र नहीं है| ये एक विशालकाय शिवलिंग है, ये चित्र १९०४ में बारामुला, जम्मू कश्मीर में किया गया था जो की ये दर्शाता है की यहाँ शिव उपसना का बड़ा केंद्र था| इतिहासकारों के अनुसार , चौथी शताव्दी के आसपास बारामुला से लेकर बजिरिस्तान(वर्तमान में पकिस्तान में) तक एक प्रसिद्ध शिव उपासक केंद्र रहा है| काफी संख्या में पुराने शिवलिंग अभी भी झेलम में पाए जाते है

ये चित्र (b/w) “A Vision of Splendour: Indian Heritage in the Photographs of Jean Philippe Vogel, 1901–1913 by Gerda Theuns-de Boer” से लिया गया है

वर्तमान में भी ये शिवलिंग उसी प्रकार वही स्थित है परन्तु ना तो वहा कोई श्रदालु है ना सरकारी या गैर सरकारी संस्था जो इसको सही रूप में स्थापित कर सके

जय भोले नाथ ..जय शिव शम्भू


नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

रविवार, 22 जनवरी 2012

एक सैनिक की व्यथा ---

एक सैनिक की व्यथा ---
एक भारतीय सियाचिन सैनिक का अपनी दिवंगत माँ को लिखा खत-

प्रणाम माँ,
"माँ" बचपन में मैं जब भी रोते - रोते सो जाया करता था तो तू चुपके से मेरे सिरहाने खिलौने रख दिया करती थी और कहती थी की ऊपर से एक परी ने आकर रखा है और कह गई है की अगर मैं फिर कभी रोया तो खिलौने नहीं देगी! लेकिन इस मरते हुए देश का सैनिक बनके रो तो मैं आज भी रहा हूँ पर अब ना तू आती है और ना तेरी परी। परी क्या....... यहाँ ढाई हज़ार मीटर ऊपर तो परिंदा भी नहीं मिलता।
मात्र 14 हज़ार के लिए मुझे कड़े अनुशासन में रखा जाता है, लेकिन वो अनुशासन ना इन भ्रष्ट नेताओं के लिए है और ना इन मनमौजी देशवासियों के लिए।
रात भर जागते तो हम भी है लेकिन अपनी देश की सुरक्षा के लिए लेकिन वो जागते हैं तो
"लेट नाईट पार्टी" लिए।
इस -12 डिग्री में आग जला के अपने को गरम करते है लेकिन हमारे देश के नेता हमारे ही पोशाको, कवच, बन्दूको, गोलियों और जहाजों में घोटाले करके अपनी जेबे गरम करते है।
आतंकियों से मुठभेड़ में मरे हुए सैनिक की संख्या को न्यूज़ चैनल में नहीं दिखाया जाता लेकिन सचिन के शतक से पहले आउट हो जाने को देश में राष्टीय शोक की तरह दर्शाया जाता है।
हर चार-पांच सालो में हमे एक जगह से दूसरे जगह उठा के फेंक दिया जाता है लेकिन यह नेता लाख चोरी कर लें, बार बार उसी विधानसभा - संसद में पहुंचा दिए जाते है।
मैं किसी आतंकी को मार दूँ तो पूरी राजनीतिक पार्टियां वोट के लिए उसे बेकसूर बना के मुझे कसूरवार बनाने में लग जाती है लेकिन वो आये दिन अपने अपने भ्रष्टाचारो से देश को आये दिन मारते है, कितने ही लोग भूखे मरते है, कितने ही किसान आत्महत्या करते है, कितने ही बच्चे कुपोषण का शिकार होते है लेकिन उसके लिए इन नेताओं को जिम्मेवार नहीं ठहराया
जाता ?
आज अल्पसंख्यको के नाम पर आरक्षण बांटा जा रहा है लेकिन आज तक मरे हुए शहीद सैनिक की संख्या के आधार पर कभी किसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया ?

मैं दुखी हूँ इस मरे हुए संवेदनहीन देश का सैनिक बनके। यह हमे केवल याद करते है 26 जनवरी और 15 अगस्त को। बाकी दिन तो इनको शाहरुख़, सलमान, सचिन, युवराज की फ़िक्र रहती है।
हमारी स्थिति ठीक वैसे ही पागल किसान की तरह है जो अपने मरे हुए बैल पर भी कम्बल डाल के खुद ठंड में ठिठुरता रहता है।

मैंने गलती की इस देश का रक्षक बनके।
तू भगवान् के ज्यादा करीब है तो उनसे कह देना की अगले जनम मुझे अगर इस देश में पैदा करे तो सैनिक ना बनाए और अगर सैनिक बनाए तो इस देश में पैदा ना करे।
यहाँ केवल परिवारवाद चलता है, अभिनेता का बेटा ज़बरदस्ती अभिनेता बनता है और नेता का बेटा ज़बरदस्ती नेता।

प्रणाम-
लखन सिंह ( मरे हुए देश का जिन्दा सैनिक )
भारतीय सैनिक सियाचिन।


नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

रविवार, 15 जनवरी 2012

सूर्य मकर संक्रान्ति : 15 जनवरी, 2012 को......

सूर्य मकर संक्रान्ति  : 15 जनवरी, 2012 को......

आम मान्यता रही है की 'सूर्य' के 'मकर' राशी में प्रवेश करने पर मकर संक्रान्ति होती है l 14-15 जनवरी, 2012 की रात 12.56 बजे सूर्य मकर राशी में प्रवेश करेगा, अत: कलेंडर दिनांक 15 जनवरी आ जायेगी और इस बार मकर संक्रान्ति का महापर्व 15 जनवरी, 2012 रविवार को मनाया जायेगा l संक्रान्ति का पुण्यकाल भी 15 जनवरी ही रहेगा l

मकर संक्रान्ति अक्सर 14 जनवरी को ही मनाई जाती है यह सच है, लेकिन इस साल 2012 में यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा और साल 2110 में यह 16 जनवरी को मनाई जायेगी l ग्रहों की चाल में अंतर आने के कारण करीब 100 साल से हर बार मकर संक्रान्ति का समय 24 घंटे अथवा एक दिन आगे बढ़ जाता है l

17 वीं शताब्दी में संक्रान्ति 9-10 जनवरी को, 18 वीं शताब्दी में 11-12 जनवरी को, 19 वीं शताब्दी में 13-14 जनवरी को मकर संक्रान्ति मनाई जाती रही है l अब 21 वीं एवं 22 वीं शताब्दी में यह 14, 15, 16 और 17 जनवरी को मनाई जायेंगी l

इस दिन संक्रान्ति पुण्यकाल, रविवार और भानुसप्तमी का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो की इस वर्ष 61 वर्ष के बाद बन रहा है l इससे पहले यह संयोग 14 जनवरी, 1951 में बना था l सप्तमी तिथि जब रविवार को होती है, तो उसे भानुसप्तमी कहा जाता है l मकर संक्रान्ति, भानुसप्तमी और रविवार तीनो ही उत्सव सूर्योपासना के लिए अति सर्वश्रेष्ठ होते हैं l इन तीनो का साथ आना दुर्लभ महायोग कहा जाता है l

मकर संक्रान्ति का महत्व इस कारण सबसे अधिक बढ़ जाता है कि उस समय सूर्य उस कोण पर आ जाता है, जब वह अपनी सम्पूर्ण रश्मियाँ मानवलोक पर उतारता है l इनको ग्रहण किस प्रकार किया जाये, इसके लिए चैतन्य होना आवश्यक है, तभी ये रश्मियाँ भीतर की रश्मियों के साथ मिलकर शरीर के कण-कण को जागृत कर देती है l सूर्य तो ब्रम्हा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियों का स्वरुप है, इस कारण "मकर-संक्रान्ति" पर सूर्य की साधना से इन तीनों की साधना का लाभ प्राप्त होता है l

मकर संक्रान्ति के दिन प्रात: काल में जल में 'तिल' मिलाकर स्नान किया जाता है l तिल मिश्रित जल से ही सूर्य को अर्द्य, तिल से ही हवन किया जाता है और तिल युक्त भोजन सामग्री का प्रयोग किया जाता है l

आम मान्यता रही है की 'सूर्य' के 'मकर' राशी में प्रवेश करने पर मकर संक्रान्ति होती है l 14-15 जनवरी, 2012 की रात 12.56 बजे सूर्य मकर राशी में प्रवेश करेगा, अत: कलेंडर दिनांक 15 जनवरी आ जायेगी और इस बार मकर संक्रान्ति का महापर्व 15 जनवरी, 2012 रविवार को मनाया जायेगा l संक्रान्ति का पुण्यकाल भी 15 जनवरी ही रहेगा l 
 
मकर संक्रान्ति अक्सर 14 जनवरी को ही मनाई जाती है यह सच है, लेकिन इस साल 2012 में यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा और साल 2110 में यह 16 जनवरी को मनाई जायेगी l ग्रहों की चाल में अंतर आने के कारण करीब 100 साल से हर बार मकर संक्रान्ति का समय 24 घंटे अथवा एक दिन आगे बढ़ जाता है l 
 
17 वीं शताब्दी में संक्रान्ति 9-10 जनवरी को, 18 वीं शताब्दी में 11-12 जनवरी को, 19 वीं शताब्दी में 13-14 जनवरी को मकर संक्रान्ति मनाई जाती रही है l अब 21 वीं एवं 22 वीं शताब्दी में यह 14, 15, 16 और 17 जनवरी को मनाई जायेंगी l 
 
इस दिन संक्रान्ति पुण्यकाल, रविवार और भानुसप्तमी का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो की इस वर्ष 61 वर्ष के बाद बन रहा है l इससे पहले यह संयोग 14 जनवरी, 1951 में बना था l सप्तमी तिथि जब रविवार को होती है, तो उसे भानुसप्तमी कहा जाता है l मकर संक्रान्ति, भानुसप्तमी और रविवार तीनो ही उत्सव सूर्योपासना के लिए अति सर्वश्रेष्ठ होते हैं l इन तीनो का साथ आना दुर्लभ महायोग कहा जाता है l 
 
मकर संक्रान्ति का महत्व इस कारण सबसे अधिक बढ़ जाता है कि उस समय सूर्य उस कोण पर आ जाता है, जब वह अपनी सम्पूर्ण रश्मियाँ मानवलोक पर उतारता है l इनको ग्रहण किस प्रकार किया जाये, इसके लिए चैतन्य होना आवश्यक है, तभी ये रश्मियाँ भीतर की रश्मियों के साथ मिलकर शरीर के कण-कण को जागृत कर देती है l सूर्य तो ब्रम्हा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियों का स्वरुप है, इस कारण "मकर-संक्रान्ति" पर सूर्य की साधना से इन तीनों की साधना का लाभ प्राप्त होता है l  
 
मकर संक्रान्ति के दिन प्रात: काल में जल में 'तिल' मिलाकर स्नान किया जाता है l तिल मिश्रित जल से ही सूर्य को अर्द्य, तिल से ही हवन किया जाता है और तिल युक्त भोजन सामग्री का प्रयोग किया जाता है l

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रविवार, 8 जनवरी 2012

सेल्समेन

एक लड़के को सेल्समेन के इंटरव्यू में इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी। लड़के को अपने आप पर पूरा भरोसा था । उसने मैनेजर से कहा कि आपको अंग्रेजी से क्या मतलब ? यदि मैं अंग्रेजी वालों से ज्यादा बिक्री न करके दिखा दूं तो मुझे तनख्वाह मत दीजिएगा।
मैनेजर को उस लड़के बात जम गई। उसे नौकरी पर रख लिया गया।
फिर क्या था, अगले दिन से ही दुकान की बिक्री पहले से ज्यादा बढ़ गई। एक ही सप्ताह के अंदर लड़के ने तीन गुना ज्यादा माल बेचकर दिखाया।
स्टोर के मालिक को जब पता चला कि एक नए सेल्समेन की वजह से बिक्री इतनी ज्यादा बढ़ गई है तो वह खुद को रोक न सका । फौरन उस लड़के से मिलने के लिए स्टोर पर पहुंचा। लड़का उस वक्त एक ग्राहक को मछली पकड़ने का कांटा बेच रहा था। मालिक थोड़ी दूर पर खड़ा होकर देखने लगा।
लड़के ने कांटा बेच दिया। ग्राहक ने कीमत पूछी। लड़के ने कहा – 800 रु. । यह कहकर लड़के ने ग्राहक के जूतों की ओर देखा और बोला – सर, इतने मंहगे जूते पहनकर मछली पकड़ने जाएंगे क्या ? खराब हो जाएंगे। एक काम कीजिए, एक जोड़ी सस्ते जूते और ले लीजिए।
ग्राहक ने जूते भी खरीद लिए। अब लड़का बोला – तालाब किनारे धूप में बैठना पड़ेगा। एक टोपी भी ले लीजिए। ग्राहक ने टोपी भी खरीद ली। अब लड़का बोला – मछली पकड़ने में पता नहीं कितना समय लगेगा। कुछ खाने पीने का सामान भी साथ ले जाएंगे तो बेहतर होगा। ग्राहक ने बिस्किट, नमकीन, पानी की बोतलें भी खरीद लीं।
अब लड़का बोला – मछली पकड़ लेंगे तो घर कैसे लाएंगे। एक बॉस्केट भी खरीद लीजिए। ग्राहक ने वह भी खरीद ली। कुल 2500 रु. का सामान लेकर ग्राहक चलता बना।

मालिक यह नजारा देखकर बहुत खुश हुआ । उसने लड़के को बुलाया और कहा – तुम तो कमाल के आदमी हो यार ! जो आदमी केवल मछली पकड़ने का कांटा खरीदने आया था उसे इतना सारा सामान बेच दिया ?

लड़का बोला – कांटा खरीदने ? अरे वह आदमी तो केयर फ्री सेनिटरी पैक खरीदने आया था । मैंने उससे कहा अब चार दिन तू घर में बैठा बैठा क्या करेगा । जा के मछली पकड़ ……


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रविवार, 1 जनवरी 2012

नए साल की नई कसम...

लो फिर आ गया एक और नया साल। पर जनाब इस बार कुछ करने की ठान लीजिए और कुछ करने के लिए जरूरी है कुछ संकल्प यानी रिजॉल्यूशन लेना। तो फिर बस फटाफट बताइए कि 2011 का आपका रिजोल्यूशन क्या है। पिछली साल की गई गलितयों को सुधारने का एक तरीका भी है रिजॉल्यूशन या फिर कुछ ऐसा जिसे आप करना चाह रहे हैं पर कर नहीं पा रहे।
अपने रिजॉल्यूशन को दूसरो से शेयर भी कीजिए , इसके दो फायदे भी है। पहला तो जब आपका रिजॉल्यूसन पब्लिकिली सबको पता चलेगा , तो आप पर उसे फॉलो करने का एक पॉजिटिव प्रेशर भी रहेगा और दूसरा कुछ लोग भी आप वाला रिजॉल्यूशन लेकर इस मुहिम में आपका साथ भी दे सकते हैं।

सबसे पहले हम बताते है कि हमारा क्या रिजॉल्यूशन है , हमारा रिजॉल्यूशन है कि हम इस साल से और ज्यादा से ज्यादा असहाय और जरुरतमंदों की मदद करेंगे, आप भी हमारा साथ दे सकते हैं हमारी website है www.sanwariya.webs.com अब आप अपना रिजॉल्यूशन भी हमसे शेयर कीजिए। अपनी बात कहने के लिए यहां comment पर क्लिक करें...


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