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शनिवार, 28 जुलाई 2012

''ये तीनों पागल हो गये हैं, ज़िद पकड़ के रखी है कि जनता को जगाना है, भारत से भ्रष्टाचार मिटाना है''

''ये तीनों पागल हो गये हैं, ज़िद पकड़ के रखी है कि जनता को जगाना है, भारत से भ्रष्टाचार मिटाना है''

अभी तो तीन दिन ही हुये है, आप 10 दिनो तक अनशन करिये कुछ नही होने वाला, आप लोग किसे जगाने चले हैं, इस जनता को जिसमे युवाओं को फ़ुरसत नही गर्लफ़्रेंड से, बुजुर्गों को फ़ुरसत नहीं परिवार से, महिलाओं को फ़ुरसत नही घर से और नेताओं को फ़ुरसत नही भ्रष्टाचार से.
क्या हो जायेगा अनशन से, आपकी साँसें बंद हो जायेंगी, पर कोई नही जागने वाला.
अरे कांग्रेसियों को देखिये, आज तक कितने कांग्रेसी अनशन पर बैठे हैं????
पर फ़िर भी सबसे मज़े मे यही लोग हैं.
आप भूख हड़ताल पर है, आपको पानी नसीब नही पर हमारे नेता पार्टियों मे व्यस्त है.
आप देश के लिये लड़ रहे हैं और नेता जी आपसे लड़ रहे हैं.
अरे क्या पड़ी थी जो अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर लोगों मे चेतना जगाने चले आये.
और आप ये अनशन कर किसके लिये रहे है, जनलोकपाल के लिये ना.
जनलोकपाल आ भी गया तो क्या हो जायेगा.
आपका क्या फ़ायदा???
आपके प्रयासों से सी.वी.सी. लागू हुआ, किसको फ़ायदा हुआ? जनता को, आपको तो नही हुआ ना?
फ़िर क्यूं अपना शरीर कमजोर कर रहे हैं, जान हथेली पर लेकर अनशन पर बैठ गये.
जनलोकपाल की लड़ाई आप किसके लिये लड़ रहे हैं??
आज जब हर इंसान स्वार्थी हो गया है, बस अपने बारे मे सोचता है तो आप दुसरों के बारे मे सोच रहे हैं.
और आप मांग भी उससे रहे हैं जो वादा करके मुकर गया है, ऐसे नामर्दों से कुछ नही मिलने वाला.
जाती और धर्म के नाम पर वोट करने वाले आपकी नेकी नही समझेंगे, इन्हे आपकी अच्छाई से कुछ लेना देना नही है.
ये जनता ही मूर्ख है, इसे आदत हो गयी है दब कर रहने की और अच्छाईयों मे भी बुराईयाँ निकालने की, तभी तो आप जिनके लिये आंदोलन कर रहे है वही आप पर उंगलियाँ उठा रहे हैं.
इन्हे कुछ लेना देना नही भ्रष्टाचार और महंगाई से.
जनता तो कल भी 100 का पेट्रोल भरवाती थी और आज भी.
बड़े ही अजीब और पागल हैं आप लोग.
पर आप जैसे पागलों को ही सलाम करने को दिल चाहता है.
................................
''कभी तो सुबह होगी इस अंधेरी रात की,
तुम साथ हो इसी उम्मीद मे हम जागे रहेंगे,
तुम्हे नींद आती है तो सो जाओ ऐ दोस्त,
हम जीत की लौ सुबह तक जलाते रहेंगे,
थक कर बंद हो जायेंगी जब आँखे मेरी,
यकीन मानो ये लब तब भी मुस्कुराते रहेंगे,
कभी तो सुबह होगी इस अंधेरी रात की,
तुम साथ हो इसी उम्मीद मे हम जागे रहेंगे''

जय हिंद....बंदे मातरम...

पाप धुलते नहीं मंदिर मस्जिद में जाने से ,

पाप धुलते नहीं मंदिर मस्जिद में जाने से ,
पाप धुलते नहीं गंगा में नहाने से ,
64 साल से पाप कर रहे हैं हम माँ भारती को लुटते देख कर ,
इस बार ना ये पाप करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

सच और झूठ को परखना सिख लो ,
आँखे और कान बंद रख जीना छोड़ दो ,
बोहत कर लिया पाप इस बार इंसाफ करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

एक पापी वो यो पाप करता है ,
एक पापी वो यो पाप सहता है ,
एक पापी वो यो पाप होते देख चुप रहता है ,
हम आज तक चुप रहे माँ भारती हमे माफ़ करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

हाथ में तिरंगा उठा कर माथे पर तिलक लगा कर ,
कदम आगे बढाओ देश को साफ़ करो ,
64 साल से पाप कर रहे हैं हम माँ भारती को लुटते देख कर ,
इस बार ना ये पाप करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो , जय हिंद

दोस्तो मेरी कोशिश देश को करप्षन के खिलाफ एक करने की है ताकि करप्षन के
खिलाफ अन्ना की लड़ाई को जीता या सके ,

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A Water Harvesting Manual For Urban Areas

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Harvesting System
Broadly rainwater can be harvested for two purposes
Storing rainwater for ready use in containers above or below ground
Charged into the soil for withdrawal later (groundwater recharging)


Source: A Water Harvesting Manual For Urban Areas

From where to harvest rain

Rainwater harvesting can be harvested from the following surfaces

Rooftops: If buildings with impervious roofs are already in place, the catchment area is effectively available free of charge and they provide a supply at the point of consumption.
Paved and unpaved areas i.e., landscapes, open fields, parks, stormwater drains, roads and pavements and other open areas can be effectively used to harvest the runoff. The main advantage in using ground as collecting surface is that water can be collected from a larger area. This is particularly advantageous in areas of low rainfall.


Waterbodies: The potential of lakes, tanks and ponds to store rainwater is immense. The harvested rainwater can not only be used to meet water requirements of the city, it also recharges groundwater aquifers.
Stormwater drains: Most of the residential colonies have proper network of stormwater drains. If maintained neatly, these offer a simple and cost effective means for harvesting rainwater.


Whether to store rainwater or use it for recharge:

The decision whether to store or recharge water depends on the rainfall pattern and the potential to do so, in a particular region. The sub-surface geology also plays an important role in making this decision.

For example, Delhi, Rajasthan and Gujarat where the total annual rainfall occurs during 3 or 4 months, are examples of places where groundwater recharge is usually practiced. In places like Kerala, Mizoram, Tamil Nadu and Bangalore where rain falls throughout the year barring a few dry periods, one can depend on a small sized tank for storing rainwater, since the period between two spells of rain is short. Wherever sub-strata is impermeable recharging will not be feasible. Hence, it would be ideal to opt for storage.



Source: A Water Harvesting Manual For Urban Areas
In places where the groundwater is saline or not of potable standards, the alternate system could be that of storing rainwater.

Beyond generalisations, it is the requirement that governs the choice of water harvesting technique. For example, in Ahemadabad, which has limited number of rainy days as that of Delhi, traditional rainwater harvesting tanks, known as tankas, are used to store rainwater even today in residential areas, temples and hotels.
— with Surya Prakash and Nitu Sharma.

शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

aware of banking fraud


इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया :प्रभात गौड़।।


प्रभात गौड़।।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार कई साल से कोशिश कर रही है, लेकिन इस बार इसे थोड़ा जटिल कर दिया गया है। इस साल एक आम टैक्स पेयर को ज्यादा डिटेल्स देने होंगे। इस बार फॉर्म देखने में लगभग वैसा ही है, लेकिन कुछेक बदलाव किए गए हैं। फाइनैंशल इयर 2011-12 के लिए रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अंतिम दिनों की भीड़-भाड़ से बचने के लिए बेहतर है कि यह काम अभी निबटा लिया जाए। सैलरीड क्लास के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने के तरीकों के बारे में हमने चार्टर्ड अकाउंटेंट सत्येंद्र जैन से बातचीत की।

क्या है इनकम टैक्स रिटर्न
फाइनैंशल इयर के खत्म होने के बाद ऐसे हर शख्स को इनकम टैक्स विभाग में एक फॉर्म भरकर देना पड़ता है, जिसकी सालाना आमदनी टैक्सेबल होती है। इनकम टैक्स विभाग में जमा किए जाने वाले इस फॉर्म में कोई शख्स बताता है कि पिछले फाइनैंशल इयर में उसे कुल कितनी आमदनी हुई और उसने उस आमदनी पर कितना टैक्स भरा। इसे इनकम टैक्स रिटर्न कहा जाता है। फाइनैंशल इयर 31 मार्च को खत्म होता है। इन दिनों फाइनैंशल इयर 2011-2012 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरे जा रहे हैं। यानी फाइनैंशल इयर 2011-2012 के लिए रिटर्न साल 2012-13 में भरा जा रहा है। ऐसे में इस बार के लिए 2011-12 प्रीवियस इयर कहलाएगा और 2012-13 को असेसमेंट इयर कहेंगे।

किसे भरना है, किसे नहीं
जिन लोगों की सालाना आमदनी सभी डिडक्शन क्लेम करने के बाद 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें रिटर्न भरने से छूट है। वैसे, इस नियम में भी कई पेच हैं। आप फाइनैंशल इयर 2011-12 के लिए रिटर्न भरने से बच सकते हैं, अगर इन शर्तों को पूरा करते हैं :
- डिडक्शन के बाद साल की कुल आमदनी 5 लाख रुपये या उससे कम हो।
- इनकम में सैलरी व बैंक सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाला ब्याज ही शामिल हो।
- सेविंग्स अकाउंट से मिले ब्याज का ब्योरा फॉर्म 16 में हो।
- सैलरी सिर्फ एक एम्प्लॉयर से मिली हो।
- बैंक में जमा बचत से मिला सालाना ब्याज 10 हजार रुपये से कम हो।

भरना होगा रिटर्न
5 लाख या उससे कम आमदनी के बावजूद भरना होगा रिटर्न अगर...
- सैलरी और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के साथ-साथ किसी दूसरी जगह से भी कोई आमदनी हुई हो।
- टैक्स बचाने के लिए एफडी या एनएससी में निवेश किया है। इससे आने वाला ब्याज इनकम होगी और रिटर्न भरना होगा। एफडी या एनएससी में आपने इस साल इन्वेस्टमेंट किया हो, तो जाहिर है इसका ब्याज आपको अगले साल मिलेगा, जो अगले साल की इनकम होगी। इसलिए इस बार आप रिटर्न से बच सकते हैं।
- सेक्शन 80 सीसीएफ में छूट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश कर रखा हो।
- एक महीने के लिए भी अपना मकान किराए पर दिया हो।
- फाइनैंशल इयर के दौरान नौकरी बदली हो।
- नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करना चाहते हों या फिर रिफंड क्लेम करना हो।

PAN और रिटर्न
- रिटर्न भरने के लिए PAN होना जरूरी है।
- अगर किसी की सालाना आमदनी टैक्सेबल है तो उसे PAN लेना अनिवार्य है। ऐसे लोग अगर एम्प्लॉयर को PAN उपलब्ध नहीं कराते हैं तो एम्प्लॉयर उनका स्लैब रेट या 20 फीसदी में से जो ज्यादा है, उस दर से टीडीएस काट सकता है।
- इनकम टैक्सेबल नहीं है, तो PAN लेना अनिवार्य नहीं है। फिर भी कई मामलों में PAN की जरूरत होती है, इसलिए PAN सभी को ले लेना चाहिए।
- इनकम टैक्सेबल होने पर किसी के पास PAN नहीं है तो PAN न होने के लिए कोई सजा नहीं है, सजा इसलिए हो सकती है कि आप रिटर्न फाइल नहीं करा पाए।

जमा कहां करें
सैलरीड क्लास के लोग रिटर्न मयूर भवन, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में अपने असेसमेंट ऑफिसर के पास जमा करा सकते हैं। असेसमेंट ऑफिसर के बारे में जानने के लिए http://www.incometaxindia.gov.in/ पर जाएं और PAN पर क्लिक करें। Know Your Return पर क्लिक करें। नई खुली वेबसाइट पर PAN मांगा जाएगा। एंटर दबाएं और फिर पेज को लेफ्ट खिसकाएं। अब अपने आईटीओ वॉर्ड से संबंधित पूरी जानकारी आपके सामने होगी। लेकिन अगर आपने पिछले एक साल में नौकरी बदली है तो नए एम्प्लॉयर के हिसाब से वॉर्ड होगा। इस वेबसाइट पर जानकारी पिछले भरे रिटर्न के आधार पर होती है। वेबसाइट से यह पता लगाने में दिक्कत हो और नौकरी न बदली हो तो पिछले साल भरे गए रिटर्न की रसीद से भी आप अपना वॉर्ड पता लगा सकते हैं।

रिफंड
अगर टीडीएस कट जाने के बाद आपने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट किया है तो ज्यादा कटे टैक्स को आप इनकम टैक्स विभाग से रिफंड करा सकते हैं। ऐसे में रिटर्न फाइल करने के कुछ महीने के अंदर आपको रिफंड मिल जाएगा। यह रकम आपके बैंक अकाउंट में सीधे जमा कर दी जाती है। इसके लिए आपको रिटर्न में बैंक अकाउंट नंबर और उस बैंक का एमआईसीआर कोड देना होता है। वैसे अगर आप चाहते हैं कि आपका रिफंड जल्दी मिल जाए तो आपको ऑनलाइन रिटर्न भरना चाहिए। ऐसे रिटर्न की प्रोसेसिंग तेज होती है और नए सरकारी आदेश के मुताबिक ऐसे रिफंड रिटर्न भरने के दो महीने के अंदर मिल जाएंगे। रिटर्न भरते वक्त आपको पता चलता है कि आप पर टीडीएस के अलावा भी टैक्स की देनदारी बन रही है मसलन आपने सेविंग अकाउंट या एफडी से मिले ब्याज की जानकारी अपनी कंपनी को नहीं दी थी तो उस टैक्स को आपको सरकारी बैंकों की तय शाखाओं में चालान भरकर जमा करा देना चाहिए। वर्तमान फाइनैंशल इयर से छह साल पहले तक के मामले टैक्स विभाग खोल सकता है इसलिए रिटर्न आदि का छह साल तक का रेकॉर्ड आपके पास सुरक्षित होना चाहिए।

कोई डॉक्युमेंट नहीं लगेगा
रिटर्न भरने के लिए आपको फॉर्म 16, टीडीएस सटिर्फिकेट और बैंक स्टेटमेंट्स की जरूरत होगी, लेकिन रिटर्न के साथ कोई भी दस्तावेज नहीं लगाना है। हालांकि इन सभी दस्तावेजों को अपने पास संभालकर रखना ठीक है क्योंकि अगर कभी आपकी स्क्रूटनी हो गई तो इन दस्तावेजों की आपको जरूरत पड़ सकती है।

मिला सकते हैं माइनर की इनकम
नाबालिग बच्चे की आमदनी को माता या पिता में से जिसकी आमदनी ज्यादा है, उसकी आमदनी में जोड़ा जा सकता है। ऐसे मामलों में एक बच्चे की आमदनी के लिए माता या पिता को (जिसकी आमदनी में बच्चे की आमदनी जोड़ी जा रही है) 1500 रुपये की छूट मिल जाती है। यानी बच्चे को सालाना जो आमदनी होगी, उसमें से 1500 रुपये कम करके उसे माता या पिता की आमदनी में जोड़ा जाएगा।

लास्ट डेट
31 जुलाई - सैलरीड लोगों के लिए। बिजनेस वाले लोगों के लिए, अगर वे अपनी आमदनी की ऑडिटिंग नहीं कराते। सेल्फ एम्प्लॉइड लोगों के लिए, अगर ऑडिटिंग नहीं कराते।

30 सितंबर - ऐसे सभी लोगों, फर्मों या कंपनियों के लिए जिनके लिए अपनी आमदनी की ऑडिटिंग कराना अनिवार्य है।

31 मार्च 2013 - जिनका टीडीएस उनकी कंपनी द्वारा काटा जा चुका है या वे खुद टैक्स का भुगतान कर चुके हैं और उन पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती, वे 31 मार्च 2013 तक भी बिना किसी अतिरिक्त ब्याज/पेनल्टी के अपना रिटर्न जमा कर सकते हैं। ऐसे लोग अगर 31 मार्च 2013 तक अपना रिटर्न जमा नहीं करा पाते, तो उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। ध्यान रहे, अगर आप लास्ट डेट के बाद रिटर्न फाइल करते हैं तो इसके बाद आप रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे।

कौन-सा फॉर्म किसके लिए
ITR 1 या सहज - आईटीआर 1 को सहज फॉर्म भी कहा जाता है। यह उन लोगों को भरना है, जिन्हें सैलरी, पेंशन और ब्याज से आमदनी हुई हो। जिन लोगों के पास एक मकान है और उन्होंने हाउसिंग लोन लिया हुआ है, उन्हें भी यही फॉर्म भरना है।

ITR 2 - अगर आपको सैलरी, पेंशन और ब्याज से हुई आमदनी के साथ-साथ एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से आने वाले किराए, कैपिटल गेंस, डिविडेंड से भी किसी तरह की कोई आमदनी हुई है तो आपको आईटीआर 2 भरना होगा। एचयूएफ के लिए भी यही फॉर्म है।

ITR 3 - अगर आप किसी फर्म में पाटर्नर हैं और आपको कोई बिजनेस या प्रफेशनल इनकम अलग से नहीं हो रही है तो आपको आईटीआर 3 भरना होगा।

ITR 4 - आईटीआर 4 उन लोगों को भरना होता है, जिन्हें किसी बिजनेस, फर्म आदि से इनकम के साथ प्रफेशनल इनकम भी होती है। इसके अलावा, तमाम प्रफेशनल्स जैसे वकील, डॉक्टर और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि को भी आईटीआर 4 फॉर्म ही भरना होता है।

ITR 4S या सुगम - यह फॉर्म उन छोटे व्यापारियों और प्रफेशनल्स के लिए है, जिनका सालाना टर्नओवर 60 लाख से कम है। ऐसे लोगों को ऑडिटिंग कराने की जरूरत नहीं होती। ये लोग आईटीआर 4 भी भर सकते हैं।

इनकट टैक्स रिटर्न से संबंधित सारे फॉर्मों को देखने के लिए यहां क्लिक करें।

नियमों में कुछ बदलाव, जो इस साल लागू हैं
- जिन इंडिविजुअल या एचयूएफ की टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये ज्यादा है, उनके लिए इस असेसमेंट इयर से रिटर्न की ई-फाइलिंग जरूरी कर दी गई है।

- अगर आप ई रिटर्न भर रहे हैं तो आपको रिफंड दो महीने के भीतर मिल जाएगा, जबकि मैन्युअली जमा करने से आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है।

- अगर हाउस प्रॉपर्टी साझा है तो उससे होने वाली आमदनी को दिखाते वक्त आपको यह भी बताना होगा कि उस पर किस-किस का किस-किस पर्सेंटेज में मालिकाना हक है। अगर यह प्रॉपर्टी आपके और आपके जीवन साथी के नाम है तो आप दिखा सकते हैं कि आप इस प्रॉपर्टी के आधे के मालिक हैं। इस तरह इससे मिलने वाले किराये को भी इसी अनुपात में दिखाया जाएगा।

- सेक्शन 80 जी में दान किए गए पैसे पर डिडक्शन क्लेम करते वक्त अब तक आपको बस रकम दिखानी होती थी, लेकिन इस बार से सरकार इस बारे में कुछ और डिटेल चाहती है। अब आपको दान लेने वाले का नाम, पता और PAN नंबर भी मुहैया कराना होगा।

कैसे भरा जाता है रिटर्न
भरने की तैयारी - रिटर्न भरने से पहले नीचे दिए गए कागजात आपके पास होने चाहिए। हालांकि इन कागजात को रिटर्न के साथ लगाना नहीं है, लेकिन रिटर्न भरते वक्त इनकी जरूरत आपको पड़ेगी। इसके अलावा इन दस्तावेजों को अपने पास संभालकर रखना चाहिए क्योंकि अगर कभी इनकम टैक्स विभाग से आपके पास नोटिस आता है तो इनकी जरूरत पड़ेगी। ये कागजात आपके पास होने चाहिए:
- फॉर्म 16, जो आपका एम्प्लॉयर आपको देगा।
- सभी सेविंग्स अकाउंट की साल भर (1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2012 तक ) की स्टेटमेंट। इसकी मदद से आपको यह पता चलेगा कि बैंक ब्याज के तौर पर आपको कितनी आमदनी हुई।
- टीडीएस सटिर्फिकेट। अगर आपकी कंपनी के अलावा किसी दूसरे ने भी आपको पेमेंट काटा हो।

भरने का तरीका
इनकम टैक्स रिटर्न दो तरह से भरा जाता है - मैन्युअली और ऑनलाइन। मैन्युली भरने के लिए फॉर्म या तो किसी स्टेशनरी की दुकान से लें या फिर साइट http://www.incometaxindia.gov.in/ से डाउनलोड कर लें। याद रखें इस बार आपको फॉर्म का प्रिंटआउट कलर्ड लेना है। ब्लैक ऐंड वाइट फॉर्म नहीं चलेगा।

अब एक ऑप्शन तो यह है कि आप किसी सीए, वकील या इनकम टैक्स विभाग के टीआरपी (Tax Return Prepares) को फीस देकर अपना फॉर्म भरवा लें। दूसरा तरीका यह है कि इसे खुद भर लें। खुद भरने का तरीका हम आपको बता रहे हैं। फॉर्म खुद भरना चाहते हैं तो यहां क्लिक करके नमूना देखें।

अगर आप टीआरपी की मदद से या ऑनलाइन भरना चाहते हैं तो यहां देखें :

1. TRP की मदद से
- वेबसाइट http://www.trpscheme.com/ पर जाएं। continue पर क्लिक करें। अब राइट साइड की बार की मदद से नीचे जाएं। लेफ्ट साइड में Locate your nearest STRP/TRP पर क्लिक करें। अब नीचे खुली विंडो में Search Certified Income Tax Return Prepares पर क्लिक करें। अब Name में कुछ न भरें। State और District के ऑप्शन भरने से आपके क्षेत्र के टीआरपी के नाम, पते और फोन नंबर आपको मिल जाएंगे। इनसे संपर्क करें। समय-समय पर इनकम टैक्स विभाग टीआरपी के बारे में अखबारों में भी सूचना देता रहता है। टोल फ्री नंबर 1800-10-23738 पर कॉल करके भी टीआरपी से संबंधित सूचनाएं हासिल की जा सकती हैं। यह लाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है।

- कोई भी टीआरपी देश में कहीं भी मौजूद आदमी का रिटर्न भर सकता है। टीआरपी को पहचानने के लिए उनका आईडी कार्ड या सटिर्फिकेट देखें।

- टीआरपी को फॉर्म 16 की फोटोस्टैट दें, ऑरिजनल डॉक्युमेंट न दें। इसकी मदद से वह रिटर्न भरेगा और जमा करेगा। रिटर्न जमा करने के बाद टीआरपी आपको उसकी रसीद देगा। रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके लिए टीआरपी जिम्मेदार होगा।

खर्च कितना: रिटर्न भरकर जमा करने के काम के लिए टीआरपी अधिकतम 250 रुपये तक चार्ज कर सकते हैं।

2. ऐसे भरें ऑनलाइन
एक्सपर्ट्स की राय में रिटर्न ऑनलाइन भरना सबसे आसान और सही है। इससे रिफंड भी जल्दी आता है। ई-रिटर्न भरने के लिए टैक्स से संबंधित कई वेबसाइट्स हैं, लेकिन ये साइट्स आपसे पैसे चार्ज करती हैं। फ्री में ई-रिटर्न भरना चाहते हैं तो इनकम टैक्स विभाग की साइट से ई-रिटर्न भरना चाहिए। इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करें :

- वेबसाइट http://incometaxindia.gov.in/ पर जाएं। Continue पर क्लिक करें। वहां लेफ्ट साइड में ऑप्शन file returns online-income tax return पर क्लिक करें।

- लेफ्ट में डाउनलोड के नीचे e-filing AY 2012-13 मेन्यू में Individual/HUF को दबाएं।

- आईटीआर 1 में Excel Utility क्लिक करें। इस साल के लिए सहज फॉर्म आ जाएगा। अब डायलॉग बॉक्स में Save File ऑप्शन क्लिक करें। फॉर्म को डेस्कटॉप पर सेव कर लें।

- अब इस फॉर्म को ऑफलाइन ही भर लें। बीच-बीच में फॉर्म को वैलिडेट करते जाएं। इससे अगर कहीं कुछ गड़बड़ होगी तो पकड़ में आ जाएगी।

- फॉर्म भर लेने के बाद Generate XML file पर क्लिक करके इसका एक्सएएमएल वर्जन तैयार कर लें।

- अब इनकम टैक्स की साइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराएं और ई-मेल अकाउंट व पासवर्ड हासिल करें। इसके लिए https://incometaxindiaefiling.gov.in/portal/index.do पर जाएं। यहां register पर क्लिक करें। यहां आपसे PAN मांगा जाएगा। इसके बाद कुछ बेसिक सूचनाएं मांगकर आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। यह बिल्कुल ऐसे ही है जैसे किसी भी साइट पर रजिस्ट्रेशन होता है।

- इसकी मदद से लॉग-इन करें और Summit Return क्लिक कर दें।

- रिटर्न की एक्सएमएल फाइल ब्राउज करके उसे अपलोड कर दें।

- फाइल अपलोड हो जाने के बाद अकनॉलेजमेंट फॉर्म आएगा।

- अगर आपके पास डिजिटल साइन हैं, तो डिजिटल साइन दे दीजिए। रिटर्न का प्रॉसेस यहीं पूरा हो गया।

- अगर आपके पास डिजिटल साइन नहीं हैं, तो इस अकनॉलेजमेंट फॉर्म का प्रिंट लेकर उस पर अपने साइन करें और 120 दिनों के अंदर इसे साधारण पोस्ट या स्पीड पोस्ट से इस पते पर भेज दें: आईटी विभाग, सीपीसी, पोस्ट बॉक्स नंबर - 1, इलेक्ट्रॉनिक सिटी पोस्ट ऑफिस, बेंगलुरु-560100

- इसके बाद इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 15-20 दिन में इस बात का अकनॉलेजमेंट आपके पास ई-मेल से आएगा कि आपका रिटर्न भरने का काम सफलतापूर्वक पूरा हुआ। कई लोगों को लगता है कि साधारण पोस्ट से अगर फॉर्म बेंगलुरु नहीं पहुंचा तो? ऐसे में अगर 15 दिनों में रिटर्न का अकनॉलेजमेंट मेल न आए तो दोबारा अकनॉलेजमेंट भेज दें। आप बेंगलुरु ऑफिस के फोन नंबर 080-43456700 पर कॉल कर सकते हैं।

खर्च कितना
अगर आप इनकम टैक्स की साइट से भर रहे हैं तो कोई खर्च नहीं है। किसी और साइट से भरते हैं तो 100 से 750 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।

कुछ पेड साइट्स: इन वेबसाइट्स की मदद से कुछ पैसे खर्च करके भी आप अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
Taxsmile.com
Myitreturn.com
Taxspanner.com

टॉप 5 गलतियां
रिटर्न भरते वक्त लोग आमतौर पर कुछ गलतियां कर जाते हैं। आइए देखें:

1. गलत फॉर्म का चयन - किसे कौन सा फॉर्म भरना है, इसके लिए बाकायदा नियम हैं। इस बारे में यहां भी विस्तार से बताया गया है। कई बार लोग गलत फॉर्म का चुनाव कर लेते हैं। अपनी कैटिगरी के हिसाब से सही रिटर्न फॉर्म चुनें और उसे ही भरें।

2. खाली फॉर्म पर साइन - जो लोग किसी एजेंट के जरिए रिटर्न भरते हैं, वे अक्सर खाली रिटर्न फॉर्म पर दस्तखत करके एजेंट को दे देते हैं। एजेंट बाद में उस फॉर्म को भरकर जमा कर देता है। खाली फॉर्म पर दस्तखत न करें। अगर फॉर्म भरने में एजेंट से जरा भी गलती हो गई तो आपको दिक्कत होगी। भरे हुए रिटर्न फॉर्म पर एक नजर डाल लेने के बाद ही उस पर साइन करें।

3. नंबरों पर ध्यान - रिटर्न फॉर्म में PAN, एमआईसीआर कोड, अकाउंट नंबर, एम्प्लॉयर का टैन जैसी कुछ फिगर्स ऐसी होती है जिन्हें भरते वक्त गलती होने की आशंका रहती है। इन नंबरों को ध्यान से भरें। फर्ज कीजिए अगर आपने अपने PAN की कोई एक डिजिट भी गलत भर दी, तो इनकम टैक्स विभाग आपके ऊपर जुर्माना लगा सकता है।

4. अकनॉलेजमेंट भेजने में भूल - जो लोग ई फाइलिंग कर रहे हैं, उनके लिए आईटीआर 5 का प्रिंट लेकर उसे बेंगलुरु भेजना जरूरी है। यह काम ऑनलाइन रिटर्न भरने के 120 दिन के भीतर किया जा सकता है, लेकिन कई बार लोग इस फॉर्म को भेजना भूल जाते हैं या फिर ऐसा भी होता है कि उसे कुरियर से इस फॉर्म को भेज देते हैं। नियम यह है कि इस फॉर्म को साधारण पोस्ट से या स्पीड पोस्ट से ही भेजा जाना चाहिए।

5. फॉर्म 16 न लेना
अगर आपने फाइनैंशल इयर के दौरान नौकरी बदली है तो अपने दोनों एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 जरूर ले लें। अपने पहले एम्प्लॉयर के साथ काम के दौरान की गई सेविंग को अगर आपने अपने नए एम्प्लॉयर को नहीं बताया है तो हो सकता है आपको एक्स्ट्रा टैक्स भरना पड़े।

हमसे पूछिए, इनकम टैक्स रिटर्न से संबंधित सवाल
रिटर्न से संबंधित अगर अब भी आपका कोई सवाल रह गया हो, तो आप उसे हमें भेज सकते हैं। हमारे एक्सपर्ट उसका जवाब देंगे। कृपया सवाल जनरल किस्म के ही पूछें, एकदम निजी सवाल नहीं। मेल, एसएमएस और फोन के जरिए पूछे गए सवालों के जवाब हम मंगलवार, 17 जुलाई को प्रकाशित करेंगे, जबकि वेबसाइट पर चैट के माध्यम से पूछे गए सवालों के जवाब आप हाथों-हाथ ले सकते हैं।

Email - sundaynbt@gmail.com पर आप अपनी समस्या हिंदी या अंग्रेजी में मेल कर सकते हैं। सब्जेक्ट में TAX जरूर लिखें। आपका मेल हमें सोमवार, 16 जुलाई दोपहर 12 बजे तक मिल जाना चाहिए।

SMS - सबसे पहले टाइप करें bol फिर एक स्पेस दें। T1 लिख दें। स्पेस दें और सवाल 58888 पर भेज दें। सवाल सोमवार, 16 जुलाई दोपहर 12 बजे तक मिल जाएं।

Phone - सोमवार, 16 जुलाई दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच फोन करके भी आप अपना सवाल पूछ सकते हैं। फोन नंबर है : 011-43603679

Chat - सोमवार, 16 जुलाई को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच हमारी वेबसाइट पर लाइव चैट में सीए सत्येंद्र जैन देंगे आपके सवालों के जवाब।

Think on That..

Think on That!..









































Think on That!..

 
"Live today like there is no tommorow"

मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं '


रोजाना जो खाना खाते हो वो पसंद नहीं आता ? उकता गये ? 

थोड़ा पिज्जा कैसा रहेगा ? 
www.kute-group.blogspot.com

नहीं ???

ओके ......... पास्ता ?

नहीं ?? ..
इसके बारे में क्या सोचते हैं ?

www.kute-group.blogspot.com
आज ये खाने का भी मन नहीं ? ...
ओके ..
क्या इस मेक्सिकन खाने को आजमायें ? 
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दुबारा नहीं ?

कोई समस्या नहीं ....

हमारे पास कुछ और भी विकल्प हैं........ 
    
ह्म्म्मम्म्म्म ...
चाइनीज ????? ?? 

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बर्गर्सस्स्स्सस्स्स्स ? ??????? 

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ओके ..

हमें भारतीय खाना देखना चाहिए ....... 
?


दक्षिण भारतीय व्यंजन 
ना ???

उत्तर भारतीय ? 

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जंक फ़ूड का मन है ? 

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हमारे  पास अनगिनत विकल्प हैं ..... .. 
 

 
टिफिन  ? 

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मांसाहार  ? 

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ज्यादा मात्रा ? 

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या केवल पके हुए मुर्गे के कुछ  टुकड़े ?

आप इनमें से कुछ भी ले सकते हैं ...

या इन सब में से थोड़ा- थोड़ा  ले सकते हैं  ...

अब शेष  बची मेल के लिए  परेशान मत होओ....



मगर .. इन लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है ...
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इन्हें तो बस थोड़ा सा खाना चाहिए ताकि
ये जिन्दा रह सकें ..........
इनके बारे में  अगली बार तब सोचना जब आप किसी केफेटेरिया या होटल में यह कह कर खाना फैंक रहे होंगे कि यह स्वाद नहीं है !! 

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इनके बारे में अगली बार सोचना जब आप यह कह रहे हों  ...यहाँ की रोटी इतनी सख्त है कि खायी ही नहीं जाती.........

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कृपया खाने के अपव्यय को रोकिये 
 
अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी / समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप 
 1098 (केवल भारत में )पर फ़ोन करें  - यह एक मजाक नहीं है - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है । वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे। 
कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें इससे उन बच्चों का पेट भर सकता है 
 
कृप्या इस श्रृंखला को तोड़े नहीं ..... 

हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तों और अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इस बार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेल करें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग कर सकें - 
  
'मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं ' - हमें अपना मददगार हाथ देंवे 

सभी मित्रों को आगे से आगे यह सन्देश भेजें …

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

एक बचपन का जमाना होता था

एक बचपन का जमाना होता था
वक्त बिताने का अपना एक बहाना होता था,
जब खेल -खेल मे घर बनाना होता था,
गुडडे - गुडियो से घर सजाना होता था,
बिन एहसास के पुतलो को खाना खिलाना होता था,
इन पलो मे खुशियो का चुराना होता था,
पढाई कर बहार खेलने जाना होता था,
मम्मी को इसके लिये मनाना होता था,
पापा की डाट से पहले घर मे घुस जाना होता था
दीदी- भैया से लडाई पर रो जाना होता था,
रो कर मम्मी के बांहो मे सो जाना होता था
मोसम बदलने का अपना एक नजराना होता था,
बारिश मे अपनी नांव बनाकर दुर तक पहुंचाना होता था,
कभी नांव को पानी मे से उठाकर ले आना होता था,
अपनी दुर नांव पंहुच जाने पर जीत का जश्न मनाना होता था,
अपनी मस्ती अपना एक तराना होता था,
खेल कुद कर रात को थककर सो जाना होता था,
डरावने सपने आने पर मम्मी से लिपट जाना होता था,
जब सुबह उठ स्कूल जाना होता था,
दादा -दादी से पेसे कमाना होता था
उस एक रुपये का अपना एक फंसाना होता था,
छोटी-छोटी खुशियो मे जिंदगी को पाना होता था,
सच बचपन का अपना ही एक तराना होता था………
 
 
नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

तुमको क्या फरक पड़ेगा, फिर आज तिरंगा रोया है..!!!

मत बहाना सस्ते आंसू, FACEBOOK की दीवालों पर..
फिर भड़केगी ज्वाला शायद, मुर्दों की मशालों पर..!!!
वतन की वेदी पे जिसने, बेटा अपना खोया है..
तुमको क्या फरक पड़ेगा, फिर आज तिरंगा रोया है..!!!

60 बरस की काठी लेकर, फिर आज मातम मनाता..
जलती चिता संग बैठा, मैं बुझता आफताफ हूँ..
मत पूछो गांव मेरा, क्या नाम है मेरा..
शहीद-ए-हिंद फौजी का, मैं वो बूढा-बाप हू..
CCD में ही तुम बैठो यारों, तुमने कब-कुछ खोया है..
गप्पों में क्या पता पड़ेगा, क्यूँ आज तिरंगा रोया है..!!!

गोली खायी थी सीने में, जिस माटी के लाल ने..
देखो कैसे सो रहा वो, मोक्ष के अंतिम चौपाल में..
माँ घर पे विलख रही है, बच्चे झूठ संग सो जायेंगे..
बीवी"बेवा"बन गयी अब, हर वादे मुर्दा हो जायेंगे..
Macdonlds में तुम बर्गर खाते, तुमने कब कुछ खोया है..
शहीद हुआ वो लाल था मेरा, फिर आज तिरंगा रोया है..!!!

कल तलक ये अंगारे भी, राख में ढल जायेंगे..
माटी से आये थे फिर माटी में मिल जायेंगे..
जिस जिस्म की जान, फकत वतन से होती है..
तपती वेदी संग दुखियारी, वो राख अभी से रोती है..
XXX पे तुम कसक मिटाते..तुमने कब क्या खोया है..
नंगे-जिस्मो में क्या पता पड़ेगा, क्यूँ आज तिरंगा रोया है..!!!

मत देना सोने के तमगे और उम्मीदों के गलियारे..
जब वो जिगर का टुकड़ा चला गया..करके बे-सहारे..
मत देना कोई ईनाम, उसकी शहादत के ईमान का..
वीर बेटा था जो मरा, क्या गया हिन्दुस्तान का..
Incentive की बातों में, तुमने कब कुछ खोया है..
तुमको क्या फरक पड़ेगा, फिर आज तिरंगा रोया है..!!!
....फिर आज तिरंगा रोया है..!!!
....फिर आज तिरंगा रोया है..!!!


नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

सोमवार, 23 जुलाई 2012

लाल किताब : दोषों को शांत करने के अचूक टोटके - पंडित राजीव कौशिक


लाल किताब : दोषों को शांत करने के अचूक टोटके - पंडित राजीव कौशिक 

लालकिताब है ज्योतिष निराली, जो सोई किस्मत जगा देती है
फरमान पक्का दे के आखिरी, दो लफ्जों से ज़हमत हटा देती है

‘लाल किताब’ ज्योतिर्विद्या की एक स्वतन्त्र और मौलिक सिद्धान्तों पर आधारित एक अनोखी पुस्तक है। इसकी अपनी कुछ निजी विशेषताएँ हैं, जो अन्य सैद्धान्तिक अथवा प्रायोगिक फलित ज्योतिष-ग्रन्थों से हटकर हैं। ज्योतिष के इस महाग्रन्थ को पंडित रूपचंद जोशी द्वारा वर्ष १९३९ से १९५२ के दौरान पांच भागों में लिखी गई थी। उन्होंने लाल किताब में हस्त रेखाओं, सामुद्रिक शास्त्र, मकान की हालत और जन्मकुंडली के ग्रहों को मिला कर भविष्य कथन और ग्रहों के दोष निवारण के लिए उपाय बताये हैं। यह पुस्तक मूलतः उर्दू में लिखी गयी थी।

हाथ रेखा को समुद्र गिनते, नजूमे फलक का काम हो
इल्म क्याफा ज्योतिष मिलते, लालकिताब का नाम हो

कुछ लोग लाल किताब को टोनो और टोटको की किताब समझते हैं, तो कुछ लोग इस को तंत्र की किताब मानते हैं। सच्चाई ऐसी नहीं है, लाल किताब से हम किसी का भी कोई नुक्सान नहीं बल्कि केवल भलाई ही कर सकते है। इसमें धर्माचरण और सदाचरण पर जोर दिया है। लाल किताब में बहुत जगह सदाचार, कानून का पालन करना, विधवा सेवा, नेत्रहीन की सेवा और कन्या सेवा के लिए कहा गया है। वास्तव में लालकिताब जीना सीखने की किताब है।

लाल किताब के द्वारा पिछले जन्म और अगले जन्म का हाल बखूबी बताया जा सकता है । किसी भी जातक के जन्म की तिथि या समय के अभाव में उस व्यक्ति के चेहरे, हाथो की रेखा और शरीर के अंगो जैसे कान,होंठ, आंखे इत्यादि देख कर भी बहुत कुछ बताया जा सकता है ।

लाल किताब में पूर्व जन्म में किये गए पाप कर्मो को धोने के भी उपाय बताये गए हैं। उदहारण के तौर पर यदि जन्मकुंडली के दूसरे या सातवें घर में यदि शुक्र के शत्रु ग्रह ( राहू , सूर्य , चंद्रमा) बैठे हैं, तो उस जातक को वैवाहिक जीवन में असंतुष्टि हो सकती है, जिसका एक कारण ये भी हो सकता है कि उस व्यक्ति ने पूर्व जन्म में किसी गर्भवती स्त्री या गाय को स्वार्थवश सताया होगा। उपाय के तौर पर लालकिताब बताती है कि उस व्यक्ति को १०० स्वस्थ गायो को एक ही दिन में हरा चारा खिलाना चाहिए और किसी भी स्त्री या गाय को सताना नहीं चाहिए।

लाल किताब में वास्तु ज्ञान का भी वर्णन किया गया है। यहाँ तक कि मकान की हालत देख कर उसमें रहने वालो के बारे में बताया जा सकता है ।लालकिताब के अनुसार पांच कोण वाला मकान नहीं बनाना चाहिए। इस तरह का भवन उसमें रहने वाले निवासियों के लिए हानिकारक ही होता है ।

लाल किताब की सबसे बड़ी विशेषता ग्रहों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जातक को उपायों का सहारा लेने का संदेश देना है। ये उपाय इतने सरल हैं कि कोई भी जातक इनका सुविधापूर्वक सहारा लेकर अपना कल्याण कर सकता है जैसे, काला कुत्ता पालना, कौओं को खिलाना, क्वाँरी कन्याओं से आशीर्वाद लेना, किसी वृक्ष विशेष को जलार्पण करना, कुछ अन्न या सिक्के पानी में बहाना, चोटी रखना, सिर ढँक कर रखना इत्यादि । इन उपायों के सहारे जातक कीमती ग्रह रत्नों (मूंगा, मोती, पुखराज, नीलम, हीरा आदि) में हजारों रुपयों का खर्च करने के बजाय इन उपायों के सहारे कम खर्च द्वारा ग्रहों के दुष्प्रभावों से अपनी रक्षा कर सकता है। लेकिन, लालकिताब में कहीं भी ऐसा दावा नहीं किया गया है की ज्योतिष द्वारा या किसी भी उपाय द्वारा हम मृत्यु को जीत सकते है बल्कि इसके उपायों द्वारा हम बुरे ग्रहों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। लालकिताब में साफ़ साफ़ लिखा है -

बिमारी का तो बगैर दवा इलाज है, मौत का कोई इलाज नहीं
ज्योतिष दुनियावी हिसाब किताब है , कोई दावा-ऐ -खुदाई नहीं है

यहां लाल किताब के कुछ उपाय हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति अपनी भलाई के लिए कर सकता है -

अपने भोजन में से कुछ हिस्सा गाय, कुत्ते और कौवे को देना, विधवाओं की सेवा करना और उनका आशीर्वाद लेना, पक्षियों को दाना ड़ालना, सूर्य की अराधना करना, बिजली के मीटर में गड़बड़ न करना और बिल पूरा भरना
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