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शनिवार, 18 अगस्त 2012

मत घबराओ हिन्दु वीरो वह दिन फिर से आएगा

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कौन बनेगा अर्जुन योद्धा कौन कृष्ण बन जाएगा
कौन भारत की डुबती नय्या आकर पार लगाएगा

धीर धरो ए हिन्दू वीरो वह दिन फिर से आएगा
जब भारत का बच्चा बच्चा मातृभक्त बन जाएगा ।

कौन वीर शिवाजी बनकर यवनों के सिर फोडेगा
कौन वीर अभिमन्यू बनकर चक्रव्यूह को तोडेगा

मत घबराओ हिन्दु वीरो वह दिन फिर से आएगा

चल चल करती गंगा-यमुना कहो क्या गुण ये लाती है
अपनी कलकल की वाणी से क्या संदेश सुनाती है

धीर धरो ये हिन्दू वीरो वह दिन फिर भी आएगा

जब भारत का बच्चा बच्चा रामभक्त बन  जायेगा
भारत मे फिर भगवा ध्वज लेहराएगा 
भारत की यह पुण्यभूमी पर फिर से रामराज्य आ  जाएगा

राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए !

राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए !



1 . क्या राष्ट्रीय पिता उसे कहते है जो किसी एक विशेष समुदाय के प्रति तुष्टिकरण की नीति रखता हो..

2 . ऐसे अहिंसा के पुजारी जिसके मंदिर मे एक महीने मे दस लाख लोग मौत के काल मे समा गए..

3 . अगर इसे महात्मा कहते है तो वो 10 लाख लोगो की मौते नहीं होती.! उसे पता थी यह बात कि ऐसा हो जायेगा, क्योकि वह तो महात्मा थे ना ?

4 . ब्रह्मचर्य का सिर्फ अभ्यास कोई भला 60 साल तक करता है ? उसके प्रयोग करता हो, ब्रह्मचर्य का पालन जन्म से लागू होता है, गाँधी ने इसकी अलग ही परिभाषा लिख डाली...

5 . ऐसा महात्मा जो पाकिस्तान को 55 करोड़ जैसी भारी-भरकम राशी (आज के समय मे 20,000 करोड़) देने के लिए अनशन पर बैठा हो..

6 . ऐसा "राष्ट्रपिता" जो जनता को सिखाये कि कैसे अपनी मांगो के लिए हड़ताल करनी चाहिए, ये हाल आज भी है, लोग हड़ताले करते है रोज, बैंक की हड़ताल, शिक्षको की हड़ताले.. वगैरह

7 . ऐसा महात्मा जो सरकार पर मस्जिद बनवाने के लिए दबाव बनाता हो और सोमनाथ मंदिर के लिए पैसे मांगने पर उसे व्यर्थ का सरकारी खर्च मानता हो!

8 . इस महात्मा को सिर्फ भारत के भूखे नंगो को इकठ्ठा करना आता था जिसकी कला आज के रौल विंची, अंतोनियो, बियंका मे भी है (राहुल गाँधी, सोनिया, प्रियंका)

9 . कहते है कि गाँधी तपती धूप मे यात्रा करते थे तो उस ज़माने मे क्या किसान घर मे छत के नीचे खेती-बाड़ी करते थे?? और क्या साथ मे मारुती गाड़ी रखते थे ? कम ही ऐसे थे जो गाड़ी / बेलगाडी से यात्रा करते थे..

10 . कांग्रेस के द्वारा घोषित तथाकथित "राष्ट्रपिता" क्या भारत इतिहास के अकेले भारतीय थे जो ब्रह्मचर्य की बाते करते थे, उनके भी संताने थी और ब्रह्मचर्य का अखंड पालन करने वाले विवेकानंद क्यों नहीं राष्ट्रपिता बनाये गए.? वो तो गाँधी से 100 गुना बड़े और सच्चे देश भक्त थे और दुनिया उन्हें आदर भाव देती है, पूरी दुनिया मे उन्होंने भारत का मान बढाया था!

11 . लेकिन स्वामी विवेकानंद जी जैसे धर्म पुरुष से कोई सत्ता हासिल नहीं होती थी इसलिए "गाँधी" ब्रांड का सहारा लिया कांग्रेस ने.!!

12 . भारतवासियों को हमेशा दूसरे गाल पर भी खाने की सलाह देने वाले गांधी के कांग्रेसी अनुयायी कितने हत्यारों ( गुरु, मदनी, कसाब आदि ) को पनाह देते हैं..

13 . अगर ऐसे महात्मा कहा जाता है तो नाथूराम जैसे तथाकथित "हत्यारा" जिसकी अस्थिया आज भी पुणे में पड़ी है, उसने एक दिन कहा था कि "मेरी अस्थिया उस सिन्धु नदी मे बहा देना जिस दिन सिन्धु नदी भारत झंडे के तले बहने लगे !" ऐसा भला क्यों कहा? जब उनका मानसिक संतुलन का "टेस्ट" हुआ था तो उनका स्वास्थ्य एकदम ठीक था सामान्य मनुष्य की तरह! फिर उनको कांग्रेस की किताबो मे मानसिक रोगी क्यों कहा गया ?

14 . ये कांग्रेस के द्वारा घोषित महात्मा है, जिन्होंने पुरे विश्व में अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से अपने सत्ता के तृष्णा के लिए किसी तथाकथित "महात्मा" का सहारा लिया जिसने हमेशा बोस, पटेल, भगत सिंह, अशफाक उल्लाह खान, राजगुरु की नीतियों का विरोध किया और उन्हें देश द्रोही तक कह दिया..

15 . आज समय आ गया है की नई पीढ़ी कांग्रेसी किताबो के इतिहास से परे सच्चाई जानने का प्रयास करे, और सुनिश्चित करे कि राजगुरु, भगत सिंह, बोस, पटेल, गोडसे आदि देश भक्त थे या फिर ये तथाकथित "महात्मा" भारत के नोट पर शोभा बनने के लायक है.!

16 . गांधी "जी" (?) ने एक बार कहा था कि यदि गो-हत्या देख कर दुःख होता है तो उसके विरोध में अपनी जान दे दो लेकिन गो-हत्या करने वाले को क्षति मत पहुँचाओ... वाह रे गाँधी वाह! मतलब गायें तो मारी हीं जाएँ और साथ में गोपालक भी मरे... तो लक्ष्य किसका सधा ? मुसलमानों को हम गाय के साथ स्वयं को भी समर्पित करें!!

17 . आजकल राहुल गांधी जैसे अज्ञानी को भी महान बना देती है मीडिया नाम की ब्रांडिंग एजेंसी, वैसे ही गांधी को उस समय एक ब्रांडिंग एजेंसी ने ब्रांड बनाया था घर घर तक!! आप ही बताइये उस एजेंसी की मेहनत व्यर्थ जाने वाली थी क्या (क्यूंकी उस समय लोग ज्यादा अनपढ़ थे) यही कारण था कि भगतसिंह, आजाद, बॉस जैसे लोगो के साथ पढे-लिखे लोग थे...
आज की जनता से यह अवश्य पूछना/सर्वे करना चाहिए कि उसका राष्ट्रपिता कैसा हो??
ना कि एक पार्टी किसी अयोग्य व्यक्ति को राष्ट्र-पिता जैसा महान दर्जा दें..
और भारत का राष्ट्र पिता गाँधी जैसा हो तो फिर स्वामी विवेकानंद, गौतम बुद्ध, दयानंद सरस्वती, महर्षि अरविन्द, सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, आजाद, टोपे, मंगल पांडे, वीर सावरकर ( इन्हें तो कांग्रेस आतंकवादी कहती है), राज गुरु, अश्फाकउल्लाह खान, बिस्मिल, राणा प्रताप, शिवाजी, भामा शाह, राणा सांगा, राणा कुम्भा, रामदास, तुका राम, संत कबीर, रैदास, राम कृष्ण परमहंस, राम, कृष्ण, अर्जुन, भीम, भरत, भीष्म पिता, परशुराम, युधिष्ठिर, पृथ्वी राज चौहान ( भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट जिसने मोहम्मद गौरी जैसे नीच, आतंकवादी को 14 बार परास्त किया), राजा हर्षवर्धन (ऐसे महान सम्राट के बारे मे शायद मेक-डोनाल्ड और काफी कैफे मे जाने वाला क्या जाने?), अशोक क्या सिर्फ कहानिया मात्र थे??
क्या ये सभी गाँधी से कम महान थे ...
अच्छा हुआ कि गाँधी जैसे "महापुरुष" ने इस मुर्दी सदी मे मुर्दे लोगो के संग अवतार लिया!!
वरना देशभक्त क्रान्तिकारियों और राष्ट्रभक्तों को इस देश के लिए अपनी शहादत का अफसोस होता...

आज के ज़माने मै गाँधी को महत्व क्यों दिया जा रहा है इसका एक कारण है कि ओबामा गाँधी को मानता है ( मानने का ढोंग करता है, काले अंग्रेजो को बेवकूफ बनाने के लिए..)

नोट: मेरी गाँधी के साथ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, मेरे ह्रदय मे सिर्फ हमारी हजारो साल पुरानी सभ्यता का गौरव है !
इसलिए मुझे घृणा है ऐसे लोगो से जो राष्ट्र-पिता शब्द का अपमान करते है और उस शब्द का मतलब नहीं समझते, मेरे भारत का पिता ऐसा नहीं हो सकता है ! वन्दे मातरम्... !

शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

सोते समय आपका सिर सूर्य की दिशा मे रहे !

पूरी पोस्ट नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=Gs3LtmXc-VE


दोस्तो भारत मे बहुत बड़े बड़े ऋषि हुये ! चरक ऋषि ,पतंजलि ऋषि ,शुशुद ऋषि ऐसे एक ऋषि हुए है 3000 साल पहले बाग्वट ऋषि ! उन्होने 135 साल के जीवन मे एक पुस्तक लिखी जिसका नाम था अष्टांग हरद्यम उसमे उन्होने ने मानव शरीर के लिए सैंकड़ों सूत्र लिखे थे उनमे से एक सूत्र के बारे मे आप नीचे पढे !

बाग्वट जी एक जगह लिख रहे है ! कि जब भी आप आराम करे मतलब सुबह या शाम या रात को सोये तो हमेशा दिशाओ का ध्यान रख कर सोये !अब यहाँ पे वास्तु घुस गया वास्तुशास्त्र ! वास्तु भी विज्ञान ही है ! तो वो कहते की इसका जरूर ध्यान रखे !

क्या ध्यान रखे ???? तो वो कहते है हमेशा आराम करते समय सोते समय आपका सिर सूर्य की दिशा मे रहे ! सूर्य की दिशा मतलब पूर्व और पैर हमेशा पश्चिम की तरफ रहे !और वो कहते कोई मजबूरी आ जाए कोई भी मजबूरी के कारण आप सिर पूर्व की और नहीं कर सकते तो दक्षिण (south)मे जरूर कर ले ! तो या तो east या south ! जब भी आराम करे तो सिर हमेशा पूर्व मे ही रहे !पैर हमेशा पश्चिम मे रहे !और कोई मजबूरी हो तो दूसरी दिशा है दक्षिण ! दक्षिण मे सिर रखे उत्तर दिशा मे पैर !

आगे के सूत्र मे बागवट जी कहते है उत्तर मे सिर करके कभी न सोये !फिर आगे के सूत्र मे लिखते है उत्तर की दिशा म्रत्यु की दिशा है सोने के लिए ! उत्तर की दिशा दूसरे और कामो के लिए बहुत अच्छी है पढ़ना है लिखना है अभ्यास करना है ! उत्तर दिशा मे करे ! लेकिन सोने के लिए उत्तर दिशा बिलकुल निशिद है !

अब बागवट जी ने तो लिख दिया ! पर राजीव भाई इस पर कुछ रिसर्च किया ! तो राजीव भाई लिखते हैं कि गाव गाव जब मैं घूमता था तो किसी कि मृतुय हो जाती तो मुझे अगर किसी के संस्कार पर जाना पड़ता !तो वहाँ मैं देखता कि पंडित जी खड़े हो गए संस्कार के लिए !और संस्कार के सूत्र बोलना वो शुरू करते हैं !

तो पहला ही सूत्र वो बोलते हैं ! मृत का शरीर उत्तर मे करो मतलब सिर उत्तर मे करो !पहला ही मंत्र बोलेंगे मृत व्यक्ति का सिर उत्तर मे करो !और हमारे देश मे आर्य समाज के संस्थापक रहे दयानंद सरस्वती जी ! भारत मे जो संस्कार होते है ! जनम का संस्कार है गर्भधारण का एक संस्कार है ऐसे ही मृतुय भी एक संस्कार है !तो उन्होने एक पुस्तक लिखी है (संस्कार विधि) ! तो उसमे मृत संस्कार की विधि मे पहला ही सूत्र है ! मृत का शरीर उत्तर मे करो फिर विधि शुरू करो !
अब ये तो हुआ बागवट जी दयानंद जी आदि लोगो का !!

अब इसमे विज्ञान क्या है वो समझे !!
ये राजीव भाई का अपना explaination है !!

क्यूँ ????

आज का जो हमारा दिमाग है न वो क्यूँ ? के बिना मानता ही नहीं !
क्यूँ क्यूँ ऐसा करे ???
कारण उसका बिलकुल सपष्ट है ! आधुनिक विज्ञान ये कहता है आपका जो शरीर है !और आपकी पृथ्वी है इन दोनों के बीच एक बल काम करता है इसको हम कहते हैं गुरुत्वाकर्षण बल (GRAVITATION force )!

इसको आप ऐसे समझे जैसे आपने कभी दो चुंबक अपने हाथ मे लिए होंगे और आपने देखा होगा कि वो हमेशा एक तरफ से तो चिपक जाते हैं पर दूसरी तरफ से नहीं चिपकते ! दूसरे तरफ से वे एक दूसरे को धक्का मारते है ! तो ये इस लिए होता है चुंबक कि दो side होती है एक south एक north ! जब भी आप south और south को या north और north को जोड़ोगे तो वो एक दूसरे को धक्का मारेंगे चिपकेगे नहीं ! लेकिन चुंबक के south और north एक दूसरे से चिपक जाते है !!

अब इस बात को दिमाग मे रख कर आगे पड़े !

अब ये शरीर पर कैसे काम करता है !तो आप जानते है कि पृथ्वी का उत्तर और पृथ्वी का दक्षिण ये सबसे ज्यादा तीव्र है गुरुत्वाकर्षण के लिए ! पृथ्वी का उत्तर पृथ्वी का दक्षिण एक चुंबक कि तरह काम करता गुरुत्वाकर्षण के लिए ! अब ध्यान से पढ़े !आपका जो शरीर है उसका जो सिर वाला भाग है वो है उत्तर ! और पैर वो है दक्षिण !! अब मान लो आप उत्तर कि तरफ सिर करके सो गए ! अब पृथ्वी का उत्तर और सिर का उत्तर दोनों साथ मे आयें तो force of repulsion काम करता है ये विज्ञान ये कहता है !

force of repulsion मतलब प्रतिकर्षण बल लगेगा ! तो आप समझो उत्तर मे जैसे ही आप सिर रखोगे प्रतिकर्षण बल काम करेगा धक्का देने वाला बल !तो आपके शरीर मे स्कूचन आएगा contraction ! शरीर मे अगर सकुचन आया तो रक्त का प्रवाह blood pressure पूरी तरह से control के बाहर जाएगा !क्यूँ की शरीर को pressure आया तो blood को भी pressure आएगा ! तो अगर खून को pressure है तो नींद आए गई ही नहीं ! मन मे हमेशा धरपर धरपर चलती रहेगी !दिल की गति हमेशा तेज रहेगी !तो उत्तर की दिशा पृथ्वी की है जो north poll कहलाती है ! और हमारे शरीर का उत्तर ये है सिर ! अगर दोनों एक तरफ है तो force of repulsion (प्रतिकर्षण बल ) काम करेगा नींद आएगी ही नहीं !

अब इसका उल्टा कर दो आपका सिर दक्षिण मे कर दो ! तो आपका सिर north है उत्तर है ! और पृथ्वी की दक्षिण दिशा मे रखा हुआ है ! तो force of attraction काम करेगा ! एक बल आपको खींचेगा !और आपके शरीर मे अगर खीचाव पड़ेगा मान ली जिये अगर आप लेटे हैं !और ये पृथ्वी का दक्षिण है और इधर आपका सिर है !तो आपको खेचेगा और शरीर थोड़ा सा बड़ा होगा ! जैसे रबड़ खीचती है न ? elasticity ! थोड़ा सा बढ़ाव आएगा ! जैसे ही शरीर थोड़ा सा बड़ा तो boby मे relaxation आ गया !

उदारण के लिए जैसे आप अंगड़ाई लेते हैं न एक दम !शरीर को तान देते है फिर आपको क्या लगता है ??? बहुत अच्छा लगता है !क्यूँ की शरीर को ताना शरीर मे थोड़ा बढ़ाव आया और आप बहुत relax feel करते हैं !

इसलिए बागव्ट जी ने कहा की दक्षिण मे सिर करेगे तो force of attraction है ! उत्तर मे सिर करेगे तो force of repulsion है ! force of repulsion से शरीर पर दबाव पड़ता है ! force of attraction से शरीर पर खीचाव पड़ता है ! खीचाव और दबाव एक दूसरे के विपरीत है ! दबाव से शरीर मे सकुचन आएगा दबाव से शरीर मे थोड़ा सा फैलाव आएगा ! फैलाव है तो आप सुखी नींद लेंगे !और अगर दबाव है तो नींद नही आएगी है !

इस लिए बाग्वट जी ने सबसे बढ़िया विश्लेषण दिया है ! ये विश्लेषण जिंदगी मे सारे मानसिक रोगो को खत्म करने का उतम उपाय है ! नींद अच्छी ले रहे है तो सबसे ज्यादा शांति है ! इस लिए नींद आप अच्छी ले ! दक्षिण मे सिर करके सोये नहीं तो पूर्व मे !!

अब पूर्व क्या है ?????
पूर्व के बारे मे पृथ्वी पर रिसर्च करने वाले सब वैज्ञानिको का कहना है ! की पूर्व नूट्रल है ! मतलब न तो वहाँ force of attraction है ज्यादा न force of repulsion ! और अगर है भी तो दोनों एक दूसरे को balance किए हुए हैं !इस लिए पूर्व मे सिर करके सोयेगे तो आप भी नूट्रल रहेंगे आसानी से नींद आएगी !

पश्चिम का पुछेगे जी !??
तो पश्चिम पर रिसर्च होना अभी बाकी है !
बाग्वट जी मौन है उस पर कोई explanation देकर नहीं गए हैं !
और आज का विज्ञान भी लगा हुआ है इसके बारे भी तक कुछ पता नहीं चल पाया है !

तो इन तीन दिशाओ का ध्यान रखे !
उत्तर मे कभी सिर मत करे !
पूर्व या दक्षिण मे करे !

बस एक अंतिम बात का ध्यान रखे !
को साधू संत है या सन्यासी है ! जिहोने विवाह आदि नहीं किया ! वो हमेशा पूर्व मे सिर करके सोये ! और जो ग्रस्त आशरम मे जी रहे है ! विवाह के बंधन मे बंधे है परिवार चला रहे है ! वो हमेशा दक्षिण मे सिर करके सोये !

आपने पूरी पोस्ट पढ़ी इसके लिए धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
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