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मंगलवार, 27 नवंबर 2012

करेले का कमाल ...न खाने वाले भी खाने लगेंगे जब जानेंगे इसके ये गुण--

करेले का कमाल ...न खाने वाले भी खाने लगेंगे जब जानेंगे इसके ये गुण--
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रेला एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद में बेहद कड़वी होती है। इसीलिए ये कम ही लोगों को करेला पसंद होता है। लेकिन इसके स्वाद के ठीक विपरीत है इसका स्वभाव है। यह जितना कड़वा स्वाद में होता है उससे कहीं ज्यादा मीठे गुणों से भरपूर होता है। यह एक गुणों से भरी सब्जी है।
करेले में 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 15 ग्राम प्रोटीन,20 मिलीग्राम कैल्शियम, 70 मिलीग्राम फास्फोरस,18 मिलीग्राम लोह तत्व, विटामिन ए, विटामिन-सी के अलावा इसमें गंधयुक्त वाष्पशील तेल, केरोटीन, ग्लूकोसाइड, सेपोनिन, एल्केलाइड पाए जाते हैं। इन सभी पौषक तत्वों के कारण करेला केवल सब्जी न होकर औषधि का काम भी करता है। इसके औषधीय गुण इस प्रकार हैं।

- करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का कार्य करता है, छाया में सुखाए हुए करेला का एक चम्मच पावडर प्रतिदिन सेवन करने से डायबिटीज में चमत्कारिक लाभ मिलता है क्योंकि करेला पेंक्रियाज को उत्तेजित कर इंसुलिन के स्रावण को बढ़ाता है।
- विटामिन ए की उपस्थिति के कारण इसकी सब्जी खाने से रतौंधी रोग नहीं होता है।
- जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी का सेवन व जोड़ों पर करेले के पत्तों का रस लगाने से आराम मिलता है।
- करेले के तीन बीज और तीन कालीमिर्च को पत्थर पर पानी के साथ घिसकर बच्चों को पिलाने से उल्टी-दस्त बंद होते हैं।करेले के पत्तों को सेंककर सेंधा नमक मिलाकर खाने से अम्लपित्त के रोगियों को भोजन से पहले होने वाली उल्टी बंद होती है।
- करेले का रस और 1 नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर की चर्बी कम होती है और मोटापा कम होता है।
- पथरी रोगी को 2 करेले का रस प्रतिदिन पीना चाहिए और इसकी सब्जी खाना चाहिए। इससे पथरी गलकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।

भा + रत = भारत (संस्कृति का सन्देश, स्वाभिमान का प्रतीक)

भा + रत = भारत
(संस्कृति का सन्देश, स्वाभिमान का प्रतीक)

भारत उस देश का नाम है, जो अपने में एक विशिष्ट आध्यात्मिक संस्कृति को संजोए हुए है।
भारत : भा= 'प्रकाश और ज्ञान' + रत= 'लीन'
अर्थात जो देश प्रकाश, ज्ञान और आनंद की साधना में संलग्न रह
ा है, उसी का नाम है भारत।

भारत विश्वगुरु रहा है उसी ने बहुत पहले यह उदघोष किया -

॥ असतो माँ सदगमय, तमसो माँ ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ॥
अर्थात असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरत्व की ओर बढ़ना।

"अंग्रेजो ने भारत को इंडिया नाम दिया"

इस शब्द में वह शक्ति नहीं है, जो भारत के उपरोक्त गुणों को ध्वनित और व्यंजित कर सके, भारत के इंडिया शब्द का प्रयोग स्पष्ट करता है की भले ही अंग्रेजो की गुलामी से हम स्वतंत्र हो गए हैं, पर मानसिक दासता से अभी भी मुक्त नहीं हो सके हैं।

हमें इंडिया और अंग्रेजी, दोनों से ही अपने को मुक्त करना है तथा भारत, भारतीय संस्कृति और अपनी मातृभाषा से जुड़ना है, तभी हम सच्चे अर्थों में भारतीय कहलाने के अधिकारी होंगे।


# ::: इंडिया बनाम भारत ::: #

* इंडिया Competition पर चलता है और भारत Cooperation पर।
* इंडिया की theory है Survival of the Fittest और भारत की theory है Survival of all including the Weakest.
* इंडिया में ज्ञान डिग्री से मिलता है और भारत में ज्ञान सेवा से मिलता है।
* इंडिया में Nuclear Family चलती है और भारत में Joint Family.
* इंडिया में सिद्धांत है "स्व हिताय स्व सुखाय" और भारत में सिद्धांत है "बहुजन हिताय बहुजन सुखाय"।
* इंडिया में "I " "मैं" पर चलता है और भारत में "हम" पर चलता है।
* इंडिया मतलब इंडियन शहरों का समूह और भारत मतलब भारतीय गावों का समूह।
* इंडिया/इंडियन मतलब अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देना तथा भारत और भारतीय संस्कृति को भूलना।
* इंडिया/इंडियन मतलब विलासिता और शक्तिशाली लोग हैं जो भारत और भारतीयों पर राज करें।
* इंडियन सरकार ने भारतीय लोगों से जाति और धर्म क्यों पूछते हैं क्योंकि वे भारत/भारतीय लोगों पर शासन "फूट डालो और नियम" का पालन करते हैं।
* इंडियन मतलब साक्षर है और भारतीय मतलब शिक्षाविद् है।
* इंडियन अपने बच्चों के लिए भोग शिक्षा और भारतीय अपने बच्चों के लिए योग शिक्षा मांगते हैं।
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