यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं।

 
पीपल के पेड़ को धर्मशास्त्रों में सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। इस एक पेड़ को मुक्ति के लाखों, करोड़ों उपायों के समकक्ष निरूपित किया है। गीता में भी श्रीकृष्ण ने पीपल को श्रेष्ठ कहा है। भविष्य पुराण में ऐसे कई पेड़ों का उल्लेख है जो पापनाशक माने गए हैं। वृक्षायुर्वेद में पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी है।

वनस्पति जगत में पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं। यह वृक्ष सर्वाधिक ऑक्सीजन छोड़ता है जिसे आज विज्ञान ने स्वीकार किया है। भगवान बुद्ध को जिस वृक्ष के नीचे तपस्या करने के बाद ज्ञान प्राप्त हुआ था, वह पीपल का पेड़ ही है और श्रीमद् भागवत गीता के दसवें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट कहा है कि वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल है।

सौ वृक्षों का रोपण करना ब्रह्मारूप और हजार वृक्षों का रोपण करने वाला विष्णुरूप बन जाता है। अशोक वृक्ष के बारे में लिखा है कि इसके लगाने से शोक नहीं होता। अशोक वृक्ष को घर में लगाने से अन्य अशुभ वृक्षों का दोष समाप्त हो जाता है। बिल्व वृक्ष को श्रीवृक्ष भी कहते हैं। यह वृक्ष अति शुभ माना गया है। इसमें साक्षात लक्ष्मी का वास होता है तथा दीर्घ आयुष्य प्रदान करता है।

कंट्रोल करें थुलथुली काया अपनाएं लहसुन का ये अचूक चटपटा प्रयोग

बिना दवा ......


 
कंट्रोल करें थुलथुली काया अपनाएं लहसुन का ये अचूक चटपटा प्रयोग

आयुर्वेद के अनुसार यह मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब चौदह रत्नों में से एक अमृत भी हासिल हुआ तो देवताओं व दानवों में विवाद हो गया। तब ब्रह्मा ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग पंक्तियों में बैठाकर अमृत बांटना शुरू किया। उस समय राहु नामक राक्षस ने देवताओं की पंक्ति में रूप बदलकर बैठ गया और अमृतपान कर लिया।

लेकिन जब देवताओं को पता चला कि वह राक्षस है तो भगवान विष्णु ने उसकी गर्दन काट दी लेकिन अमृत उसके हलक में पहुंच चूका था। इस घटना के दौरान दानव द्वारा पीए अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। लेकिन चूंकी माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग क्षीण नहीं होते हैं। यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन चिकना, गरम, तीखा, कटु, भारी, कब्ज को तोडऩे वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं नीचे लिखे लहसुन के अचूक प्रयोग-

- लहसुन की पांच-छ: कलियां पीसकर मट्ठे में भिगो दें। सुबह पीस लें। उसमें भुनी हिंग और अजवाइन व सौंफ के साथ ही सोंठ व सेंधा नमक, पुदीना मिलाकर चूर्ण बना लें। आधा तोला चूर्ण रोज फांकना चाहिए।

- लहसुन की चटनी तथा लहसुन को कुचलकर पानी का घोल बनाकर पीना चाहिए।

- लहसुन की दो कलियां भून लें उसमें सफेद जीरा व सौंफ सैंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी से करें।

function disabled

Old Post from Sanwariya