यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 16 जनवरी 2013

क्या नारी सिर्फ भोग की वस्तु है ?

== क्या नारी सिर्फ भोग की वस्तु है ?=====
----------------------------------------------------------
जब वोडाफोन के एक विज्ञापन में दो पैसो मे लड़की पटाने की बात की जाती है तब कौन ताली बजाता है?


हर विज्ञापन ने अध्-नंगी नारी दिखा कर ये विज्ञापन एजेंसिया / कम्पनियाँ क्या सन्देश देना चाहते है इस पर कितने चेनल बहस करेंगे ?

पेन्टी हो या पेन्ट हो, कॉलगेट या पेप्सोडेंट हो, साबुन या डिटरजेण्ट हो , कोई भी विज्ञापन हो, सब में ये छरहरे बदन वाली छोरियो के अधनंगे बदन को परोसना क्या नारीत्व के साथ बलात्कार नहीं है?

फिल्म को चलाने के लिए आईटम सॉन्ग के नाम पर लड़कियो को जिस तरह मटकवाया जाता है या यू कहे लगभग आधा नंगा करके उसके अंग प्रत्यंग को फोकस के साथ दिखाया जाता है वो स्त्रीयत्व के साथ बलात्कार करना नहीं है क्या?

पत्रिकाए हो या अखबार सबमे आधी नंगी लड़कियो के फोटो किसके लिए और क्या सिखाने के लिए भरपूर मात्र मे छापे जाते है? ये स्त्रीयत्व का बलात्कार नहीं है क्या?

दिन रात , टीवी हो या पेपर , फिल्मे हो या सीरियल, लगातार स्त्रीयत्व का बलात्कार होते देखने वाले, और उस पर खुश होने वाले, उस का समर्थन करने वाले क्या बलात्कारी नहीं है ?

संस्कृति के साथ , मर्यादाओ के साथ, संस्कारो के साथ, लज्जा के साथ जो ये सब किया जा रहा है वो बलात्कार नहीं है क्या? निरंतर हो रहे नारीत्व के बलात्कार के समर्थको को नारी के बलात्कार पर शर्म आना उसी तरह है जैसे मांस खाने वाला , लहसुन प्याज पर नाक सिकोडे

जिस देश में "आजा तेरी _ मारू , तेरे सर से _ _ का भूत उतारू" जैसा गाना गाने वाला हनीसिंह , सीरियल किसर कहे जाना वाला इमरान हाशमी, और इसी तरह का नंगा नाच फैलाने वाले भांड युवाओ के " आइडल" बन रहे हो वहा बलात्कार और छेडछाड़ की घटनाए नहीं तो और क्या बढ़ेगा?

कुल मिलाकर मेरे कहने का अर्थ ये है भाई कि जब हम स्त्रीयत्व का सम्मान करना सीखेंगे तभी हम नारी का सम्मान करना सीख पाएंगे। ...... जय श्री राम .........जय माता सीता

क्या आपको होटेल की इतिहास पता है ?


क्या आपको होटेल की इतिहास पता है ?


यूरोप में आप कहीं भी किसी के साथ जाओ कोई limitations नही है, और घर आपके पास नही है तो आपको होटेल में ही जाना पड़ेगा । वास्तबिकता ये है के यूरोप के 85% पापुलेशन के पास अपना घर नही है रहने के लिए और वे जिन्दगी भर अपना घर नही खरीद पाते बना नही पाते, मात्र 5% लोगों के पास अपना घर होता है और बाकि के 10% किराय के घर में रह सकते है और जीवन के अंतिम दिनों में खरीद सकते है और बाकि के 85% लिए तो सपना है वो किराय के घर में पैदा होते है और किराय के घर में मर जाते है । और यूरोप की maximum पापुलेशन जो किराय के घर में रहते है वो सभी घर ' Flats ' कहलाते है ।


मालिक जो है वो बंगलो में रहगा और अपने किरायदार को Flat में रखेगा और मालिक की मान्यता ये है के किरायदार तो निचा है तो उसक उतना Space नेहि मिलना चाहिए जो मुझे मिला है बंगलो में, तो Flat हमेसा छोटे बनाये जाते है बंगलो बड़े बनाये जाते है ।


अब Flats में रहने वाले लोगोकों कुछ ऐसे सम्बन्ध रखने है जिसे हम Illicit या अबैधानिक सम्बन्ध कहते है, तो उनको निभाने के लिए तो होटल ही चाहिए इसलिए वो होटल बनाते है पर हम भारतीय को धर्मशाला की जरुरत है इसीलिए हम धर्मशाला बनाते है ।

राजीव दीक्षित Rajiv Dixit

अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पे जाके विडियो देखे :

function disabled

Old Post from Sanwariya