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शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

बसंत ऋतु तथा पंचमी , सरस्वती पूजन एवं ज्ञान का महापर्व

सभी मित्रों को सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनायें !!

 
सरस्वती देवी
बसंत ऋतु का आगमन बसंत पंचमी पर्व से होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। पत्रपटल तथा पुष्प खिल उठते हैं। स्त्रियाँ पीले- वस्त्र पहन, बसंत पंचमी के इस दिन के सौन्दर्य को और भी अधिक बढ़ा देती हैं। लोकप्रिय खेल पतंगबाजी, बसंत पंचमी से ही जुड़ा है। यह विद्यार्थियों का भी दिन है, इस दिन विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजा आराधना भी की जाती है।

बसंत का अर्थ
बसंत ऋतु तथा पंचमी का अर्थ है- शुक्लपक्ष का पाँचवां दिन अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार यह पर्व जनवरी-फ़रवरी तथा हिंदू तिथि के अनुसार माघ के महीने में मनाया जाता है।

बसंत ऋतु

बसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। इस समय पंच-तत्त्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंच-तत्त्व- जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। आकाश स्वच्छ है, वायु सुहावनी है, अग्नि (सूर्य) रुचिकर है तो जल पीयूष के समान सुखदाता और धरती उसका तो कहना ही क्या वह तो मानों साकार सौंदर्य का दर्शन कराने वाली प्रतीत होती है। ठंड से ठिठुरे विहंग अब उड़ने का बहाना ढूंढते हैं तो किसान लहलहाती जौ की बालियों और सरसों के फूलों को देखकर नहीं अघाता। धनी जहाँ प्रकृति के नव-सौंदर्य को देखने की लालसा प्रकट करने लगते हैं तो निर्धन शिशिर की प्रताड़ना से मुक्त होने के सुख की अनुभूति करने लगते हैं। सच! प्रकृति तो मानों उन्मादी हो जाती है। हो भी क्यों ना! पुनर्जन्म जो हो जाता है। श्रावण की पनपी हरियाली शरद के बाद हेमन्त और शिशिर में वृद्धा के समान हो जाती है, तब बसंत उसका सौन्दर्य लौटा देता है। नवगात, नवपल्ल्व, नवकुसुम के साथ नवगंध का उपहार देकर विलक्षणा बना देता है।

पौराणिक इतिहास

विष्णुधर्मोत्तर पुराण में वाग्देवी को चार भुजा युक्त व आभूषणों से सुसज्जित दर्शाया गया है। स्कंद पुराण में सरस्वती जटा-जुटयुक्त, अर्धचन्द्र मस्तक पर धारण किए, कमलासन पर सुशोभित, नील ग्रीवा वाली एवं तीन नेत्रों वाली कही गई हैं। रूप मंडन में वाग्देवी का शांत, सौभ्य व शास्त्रोक्त वर्णन मिलता है। संपूर्ण संस्कृति की देवी के रूप में दूध के समान श्वेत रंग वाली सरस्वती के रूप को अधिक महत्त्वपूर्ण माना गया है। बसंत पर्व का आरंभ बसंत पंचमी से होता है। इसी दिन श्री अर्थात विद्या की अधिष्ठात्री देवी महासरस्वती का जन्मदिन मनाया जाता है। सरस्वती ने अपने चातुर्य से देवों को राक्षसराज कुंभकर्ण से कैसे बचाया, इसकी एक मनोरम कथा वाल्मिकी रामायण के उत्तरकांड में आती है। कहते हैं देवी वर प्राप्त करने के लिए कुंभकर्ण ने दस हज़ार वर्षों तक गोवर्ण में घोर तपस्या की। जब ब्रह्मा वर देने को तैयार हुए तो देवों ने कहा कि यह राक्षस पहले से ही है, वर पाने के बाद तो और भी उन्मत्त हो जाएगा तब ब्रह्मा ने सरस्वती का स्मरण किया। सरस्वती राक्षस की जीभ पर सवार हुईं। सरस्वती के प्रभाव से कुंभकर्ण ने ब्रह्मा से कहा- स्वप्न वर्षाव्यनेकानि। देव देव ममाप्सिनम। यानी मैं कई वर्षों तक सोता रहूँ, यही मेरी इच्छा है।

सरस्वती पूजन एवं ज्ञान का महापर्व

ब्राह्मण-ग्रंथों के अनुसार वाग्देवी सरस्वती ब्रह्मस्वरूपा, कामधेनु तथा समस्त देवों की प्रतिनिधि हैं। ये ही विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। अमित तेजस्वनी व अनंत गुणशालिनी देवी सरस्वती की पूजा-आराधना के लिए माघमास की पंचमी तिथि निर्धारित की गयी है। बसंत पंचमी को इनका आविर्भाव दिवस माना जाता है। अतः वागीश्वरी जयंती व श्रीपंचमी नाम से भी यह तिथि प्रसिद्ध है। ऋग्वेद के (10/125 सूक्त) में सरस्वती देवी के असीम प्रभाव व महिमा का वर्णन है। माँ सरस्वती विद्या व ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं। कहते हैं। जिनकी जिव्हा पर सरस्वती देवी का वास होता है, वे अत्यंत ही विद्वान व कुशाग्र बुद्धि होते हैं। बहुत लोग अपना ईष्ट माँ सरस्वती को मानकर उनकी पूजा-आराधना करते हैं। जिन पर सरस्वती की कृपा होती है, वे ज्ञानी और विद्या के धनी होते हैं। बसंत पंचमी का दिन सरस्वती जी की साधना को ही अर्पित है। शास्त्रों में भगवती सरस्वती की आराधना व्यक्तिगत रूप में करने का विधान है, किंतु आजकल सार्वजनिक पूजा-पाण्डालों में देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर पूजा करने का विधान चल निकला है। यह ज्ञान का त्योहार है, फलतः इस दिन प्रायः शिक्षण संस्थानों व विद्यालयों में अवकाश होता है। विद्यार्थी पूजा स्थान को सजाने-संवारने का प्रबन्ध करते हैं। महोत्सव के कुछ सप्ताह पूर्व ही, विद्यालय विभिन्न प्रकार के वार्षिक समारोह मनाना प्रारंभ कर देते हैं। संगीत, वाद- विवाद, खेल- कूद प्रतियोगिताएँ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। बसंत पंचमी के दिन ही विजेयताओं को पुरस्कार बांटे जाते हैं। माता-पिता तथा समुदाय के अन्य लोग भी बच्चों को उत्साहित करने इन समारोहों में आते हैं। समारोह का आरम्भ और समापन सरस्वती वन्दना से होता है। प्रार्थना के भाव हैं-

ओ माँ सरस्वती ! मेरे मस्तिष्क से अंधेरे (अज्ञान) को हटा दो तथा मुझे शाश्वत ज्ञान का आशीर्वाद दो!
घरों में बसंत महोत्सव

गणेश जी
पूजा कक्ष को अच्छी तरह साफ किया जाता है, तथा सरस्वती देवी की प्रतिमा को पीले फूलों से सजे लकड़ी के मंडप पर रखा जाता है। मूर्ति को भी पीत पुष्पों से सजाया जाता है। एवं पीत परिधान पहनाये जाते हैं। पीला रंग हिन्दुओं का शुभ रंग है। इसी प्रतिमा के निकट गणेश का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित की जाती है। परिवार के सभी सदस्य तथा पूजा में सम्मिलित होने वाले सभी व्यक्ति भी पीले वस्त्र धारण करते हैं। बच्चे वयस्क देवी को प्रणाम करते हैं। बेर व संगरी प्रसाद की मुख्य वस्तुएँ हैं तथा इन्हीं के साथ पीली बर्फी या बेसन लड्डू भी रखे जाते हैं। प्रसाद की थाली में नारियल व पान के पत्र भी रखे जाते हैं। बसंत पंचमी, बसंत ऋतु के प्रादुर्भाव की भी तिथि है। अर्थात इसी दिन ऋतुराज बसंत का पृथ्वी पर प्रादुर्भाव हुआ था। साथ ही इसी दिन काम के देवता अनंग का भी आविर्भाव हुआ था। यानी कि इस दिन सम्पूर्ण प्रकृति में एक मादक उल्लास व आनन्द की सृष्टि हुई थी। वह मादक उल्लास व आनन्द की अनुभूति अब भी ज्यों की त्यों है, और बसंत पंचमी के दिन यह फूट पड़ती है। पीला रंग परिपक्वता का प्रतीक है।

बसंतोत्सव और पीला रंग



सरसों का खेत
यह रंग हिन्दुओं का शुभ रंग है। बसंत पंचमी पर न केवल पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं, अपितु खाद्य पदार्थों में भी पीले चावल पीले लड्डू व केसर युक्त खीर का उपयोग किया जाता है, जिसे बच्चे तथा बड़े-बूढ़े सभी पसंद करते है। अतः इस दिन सब कुछ पीला दिखाई देता है और प्रकृति खेतों को पीले-सुनहरे रंग से सजा देती है, तो दूसरी ओर घर-घर में लोग के परिधान भी पीले दृष्टिगोचर होते हैं। नवयुवक-युवती एक -दूसरे के माथे पर चंदन या हल्दी का तिलक लगाकर पूजा समारोह आरम्भ करते हैं। तब सभी लोग अपने दाएं हाथ की तीसरी उंगली में हल्दी, चंदन व रोली के मिश्रण को माँ सरस्वती के चरणों एवं मस्तक पर लगाते हैं, और जलार्पण करते हैं। धान व फलों को मूर्तियों पर बरसाया जाता है। गृहलक्ष्मी फिर को बेर, संगरी, लड्डू इत्यादि बांटती है। प्रायः बसंत पंचमी के दिन पूजा समारोह विधिवत नहीं होते हैं, क्योंकि लोग प्रायः घर से बाहर के कार्यों में व्यस्त रहते हैं। हाँ, मंदिर जाना व सगे-संबंधियों से भेंट कर आशीर्वाद लेना तो इस दिन आवश्यक ही है।

बसंतोत्सव और मनोरंजन



बसंत पंचमी का आनंद उठाते कुछ लोग
बच्चे व किशोर बसंत पंचमी का बड़ी उत्सुकता से इंतजार करते हैं। आखिर, उन्हें पतंग जो उड़ानी है। वे सभी घर की छतों या खुले स्थानों पर एकत्रित होते हैं, और तब शुरू होती है, पतंगबाजी की जंग। कोशिश होती है, प्रतिस्पर्धी की डोर को काटने की। जब पतंग कटती है, तो उसे पकड़ने की होड़ मचती है। इस भागम-भाग में सारा माहौल उत्साहित हो उठता है।

मथुरा का मेला


शाह बिहारी जी मन्दिर, वृन्दावन, मथुरा
मार्ग शुक्ल 5 को बसंत पंचमी के दिन मथुरा में दु्र्वासा ऋषि के मन्दिर पर मेला लगता है। सभी मन्दिरों में उत्सव एवं भगवान के विशेष श्रृंगार होते हैं। वृन्दावन के श्रीबांके बिहारीजी मन्दिर में बसंती कक्ष खुलता है। शाह जी के मंदिर का बसंती कमरा प्रसिद्ध है। यहाँ दर्शन को भरी-भीड़ उमड़ती है। मन्दिरों में बसंती भोग रखे जाते हैं और बसंत के राग गाये जाते हैं बसंम पंचमी से ही होली गाना शुरू हो जाता है। ब्रज का यह परम्परागत उत्सव है। इस दिन सरस्वती पूजा भी होती है। ब्रजवासी बंसती वस्त्र पहनते हैं।

बसंतोत्सव पर प्रसाद और भोजन

बसंत पंचमी के दिन वाग्देवी सरस्वती जी को पीला भोग लगाया जाता है और घरों में भोजन भी पीला ही बनाया जाता है। इस दिन विशेषकर मीठा चावल बनाया जाता है। जिसमें बादाम, किसमिस, काजू आदि डालकर खीर आदि विशेष व्यंजन बनाये जाते हैं। इसे दोपहर में परोसा जाता है। घर के सदस्यों व आगंतुकों में पीली बर्फी बांटी जाती है। केसरयुक्त खीर सभी को प्रिय लगती है। गायन आदि के विशेष कार्यक्रमों से इस त्यौहार का आनन्द और व्यापक हो जाता है।

ज्योतिष में बसंत पंचमी



लड्डू
सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही रति-काम महोत्सव आरंभ हो जाता है। यह वही अवधि है, जिसमें पेड़-पौधे तक अपनी पुरानी पत्तियों को त्यागकर नई कोपलों से आच्छादित दिखाई देते हैं। समूचा वातावरण पुष्पों की सुगंध और भौंरों की गूंज से भरा होता है। मधुमक्खियों की टोली पराग से शहद लेती दिखाई देती है, इसलिए इस माह को मधुमास भी कहा जाता है। प्रकृति काममय हो जाती है। बसंत के इस मौसम पर ग्रहों में सर्वाधिक विद्वान ‘शुक्र’ का प्रभाव रहता है। शुक्र भी काम और सौंदर्य के कारक हैं, इसलिए रति-काम महोत्सव की यह अवधि कामो-द्दीपक होती है। अधिकतर महिलाएं इन्हीं दिनों गर्भधारण करती हैं। जन्मकुण्डली का पंचम भाव-विद्या का नैसर्गिक भाव है। इसी भाव की ग्रह-स्थितियों पर व्यक्ति का अध्ययन निर्भर करता है। यह भाव दूषित या पापाक्रांत हो, तो व्यक्ति की शिक्षा अधूरी रह जाती है। इस भाव से प्रभावित लोग मां सरस्वती के प्राकटच्य पर्व माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी) पर उनकी पूजा-अर्चना कर इच्छित क़ामयाबी हासिल कर सकते हैं। इसके लिए माता का ध्यान कर पढ़ाई करें, उसके बाद गणेश नमन और फिर मन्त्र जाप करें। इसके अलावा संक्षिप्त विधि का सहारा भी लिया जा सकता है। हर राशि के छात्र अपनी राशि के शुभ पुष्पों से मां महासरस्वती की साधना कर सकते हैं। मेष और वृश्चिक राशि के छात्र लाल पुष्प विशेषत: गुड़हल, लाल कनेर, लाल गैंदे आदि से आराधना करके लाभ उठाएं। वृष और तुला राशि वाले श्वेत पुष्पों तथा मिथुन और कन्या राशि वाले छात्र कमल पुष्पों से आराधना कर सकते हैं। कर्क राशि वाले श्वेत कमल या अन्य श्वेत पुष्प से, जबकि सिंह राशि के लोग जवाकुसुम (लाल गुड़हल) से आराधना करके लाभ पा सकते हैं। धनु और मीन के लोग पीले पुष्प तथा मकर और कुंभ राशि के लोग नीले पुष्पों से मां सरस्वती की आराधना कर सकते हैं।
अगर आप मंदिर जा रहे हैं, तो पहले ॐ गं गणपतये नम: मन्त्र का जाप करें। उसके बाद माता सरस्वती के इस मन्त्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम: का जाप करके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस मन्त्र के जाप से जन्मकुण्डली के लग्न (प्रथम भाव), पंचम (विद्या) और नवम (भाग्य) भाव के दोष भी समाप्त हो जाते हैं। इन तीनों भावों (त्रिकोण) पर श्री महाकाली, श्री महासरस्वती और श्री महालक्ष्मी का अधिपत्य माना जाता है। मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है। देवी कृपा से ही कवि कालिदास ने यश और ख्याति अर्जित की थी। वाल्मीकि, वसिष्ठ, विश्वामित्र, शौनक और व्यास जैसे महान ऋषि देवी-साधना से ही कृतार्थ हुए थे

सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

आपके साथ किया जालसाज़ी, धोखेबाज़ी, जाँच कराने के लिये, हमारे साथ लड़ाई में शामिल होने के लिये

 
जागो भारतियों जागो (1)
Financial Terrorism (वित्तीय आतंकवाद)
के खिलाफ अपनी आवाज उठायें |
मैंने सिर्फ हिन्दुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पहली बार कुछ
भ्रष्टाचारी मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट
थोड़े से उच्च न्यायालय के जस्टिस, रजिस्ट्रार (उच्च न्यायालय)
झूठे, जाली Arbitrator के खिलाफ
Date 12/07/12
गैर-कानूनी, झूठा, जाली शिकायत धारा/से. १३८ Negotiable Instrument Act के अंतर्गत माननीय उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के आदरणीय जस्टिस के पास किये आदेश का अनादर करके (Contempt of Court) बिना साहूकारी लायसेन्स (Moneylenders) का धंधा करने वालों के खिलाफ अपनी लड़ाई घोषित की है|
Financial आतंकवाद चलाने वाले कई भारतीय या विदेशी निजी बहुराष्ट्रीय बैंक, गैर बैंकिंग Financial Company व Financial Institute का दुनिया भर में फैला हुआ आतंकवाद, आर्थिक सुधार के नाम पर ग्राहकों का शोषण हिन्दुस्तान का सबसे धोखेबाजी व जालसाजी EMI के गिनती में छेड़खानी करते हुये और कई प्रकार के घोटाले करते हुये ६०० लाख करोड़ रु. (सुधारा हुआ) खा जाने वाली सभी बैंकों के अश्वमेघ यज्ञ के विजय रथ को रोका गया व चुनौती दी गई है|
ऐसा नहीं है कि हम इस २१वीं सदी में विदेशियों के साथ मिलकर धंधा नहीं करना चाहते या corporate घरानों के साथ मिलकर धंधा नहीं करना चाहते या Loan का रुपया नहीं भरना चाहते अगर देखा जाये तो हम पुराने ख्यालात के भी बिलकुल नहीं है जो सच है और सबकि सुविधा जनक है हम उसी का उपयोग करना चाहेंगे|
लेकिन
हम हमारे देश के खासकर के भ्रष्टाचारी नेताओं, उच्च पदों पर बैठे सरकारी बाबुओं RBI से ले-देकर CVC तक CM से लेकर PM तक आर्थिक सुधार के नाम पर जालसाजी करना, घोटाला करना, बैंकों द्वारा साहूकारी का लायसेन्स लिये बिना बेधड़क होकर धंधा करते हुये ग्राहकों का शोषण करना| ग्राहकों से पैसा वसूली के नाम पर गुण्डा-गर्दी करना बैंकों द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करवा कर ग्राहकों की संपत्ति को बिकवा देना व हथिया लेने की साजिश करना ग्राहकों से लगभग ६०० लाख करोड़ (सुधारा हुआ) से ज्यादा खा जाना १५०% (लगभग १२.५ प्रति महीना) तक से ज्यादा वार्षिक ब्याज लेना| जो पैसा अधिकारिक रुप से नहीं निकलता दादागिरी के जरिये उस पैसे की ग्राहकों से वसूली करना| भ्रष्टाचारियों द्वारा कुछ जज का इस्तेमाल करते हुये ग्राहक के ऊपर जाली नाम, पता वाला Arbitrator नियुक्त करना, जाली कार्यवाही चलाना और जाली Award पास करना, जाली दस्तावेजों के द्वारा लोगों की संपत्ति हड़पना या बिकवा देना जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं, इन समाज द्रहियों के खिलाफ हमारा यह आंदोलन है)
हमारे देश में इन भ्रष्टाचारियों ने गरीबों का शोषण करने के लिये कुछ इस तरह से जाल बिछाया है जिसमें इन लोगों ने बड़े-बड़े देश-विदेश के नामी गिरामी NBFC निजी, बहुराष्ट्रीय बैंकों का इस्तेमाल किया है जिन बैंकों ने देश के कानून को ताक पर रखकर पुराने जमाने में जिस प्रकार साहूकार लोग अपनी साहूकारी करते थे और लोगों को ब्याज पर रकम देकर उनकी जमीन जायदाद हथियाते थे उस काम को इन बैंकों ने हमारे देश में शुरु कर दिया है यह बैंक यह कार्य हमारे देश में १५ सालों से कर रहे हैं बिना गैर कानूनी काम को कानूनी रुप देते हुये साहूकारी का धंधा करना शुरु कर दिया वो भी अधिक ब्याज पर|
P.T.O.
कई आदरणीय उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने इस देश की लाज को बचा कर रखा हुआ है जबकि राजनेताओं और पी.एम.ने नहीं जिन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने के बजाये भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचार करने के लिये खुले आम साथ दिया है| मैंने (Whistle Blower) भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वालों का खुले-आम साथ दिया है| माननीय आदरणीय श्री. अण्णा हज़ारे जी, श्री. अरविन्द केजरीवाल जी, बाबा रामदेव जी का लोकपाल बिल और माननीय आरणीय देशप्रेमी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री. अशोक कुमार गांगुली जी के आदेश को - (जिन्होंने १२२ लायसेन्स रद्द किये हैं) उनको कचरा टोकरी में फेंक दिया  है  क्या  बगैर  भ्रष्टाचार  यह  संभव  है?  खुद  को आर्थिक सुधारों के नाम पर देश को बर्बादी की ओर धकेल देने वाले वह खुद को आर्थिक विशेषज्ञ समझने वाले, R.B.I. का भूतपूर्व गवर्नर समझने वाले क्या ऐसे बुद्धीजीवी को financial आतंकवाद की जानकारी नहीं होगी? क्या यह संभव है?
कुछ भ्रष्टाचारियों ने पूरे देश पर झाडू फेरकर पूरे देश का रुपया लूट लिया, चोरी कर डाला और करवाया पूरी न्यायपालिका को बदनाम करके यह लुटेरे बैंकों का कुछ मेजिस्ट्रेट और जस्टिस ने लोन रिकवरी ऐजेन्ट दलाल का काम शुरु किया है, जो पहले यह काम कुछ Recovery Agent का काम और गली के गुंडे, लुख्खे को दिया जाता था| अब यह पढे लिखे कुछ मेजिस्ट्रेट जस्टिस, सुटेड-बूटेड, रजिस्ट्रार को दिया गया है? ऐसा लगता है|
यह गलत आपराधिक काम करने के लिये, सुनियोजित अपराध करने के लिये आर्थिक लेन-देन को कानूनी नियमानुसार स्वीकृति प्रदान करने की जिम्मेदारी RBI (R.B.I. में ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रष्ट हैं और R.B.I. के गवर्नर की निगरानी में उनको पता होने के बावजूद भी यह काम किया जा रहा है| यहाँ तक की पी.एम.ओ. को भी सब पता है लेकिन फिर भी उनपर कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की जा रही है|) की है मगर यह भी तय है कि यह जो खेल चल रहा है वह RBI को पूरी तरह से मालूम है| मगर हमारे देश के भ्रष्टाचारी नेताओं द्वारा खेल को खुले आम जारी रखने की पूरी अनुमति है यही कारण है कि यह सभी बैंक जिसमें Citi Bank, Citi Financial, Kotak Mahindra Bank, Kotak Mahindra Prime Ltd., Reliance Capital Ltd., Gang Leader की अगवानी के अंतर्गत, Barclays Bank PLC, India Bulls, ICICI, HDFC, G.E. Money, ING. Vaishya, ABN Amro, HSBC, Cholamandalam DBS, और कई बैंकों ने पूरे भारत में ना सिर्फ कई बैंकों ने पूरी दुनिया में आतंक फैलाकर रखा है|
यहाँ तक की Citi Bank ने तो जालसाज़ी व धोखाधड़ी का इस्तेमाल करके बराक ओबामा के जरिये अमेरिकन सरकार से अरबों रुपयों का package लेकर खा लिया है|
मैंने तीन साल पहले भारत में इन बैंकों के अश्वमेघ यज्ञ के विजयी घोड़े को रोका है व पिछले तीन साल से यह लड़ाई जारी रखे हुये हूँ| अब वक्त आ चुका है अपने देश को बचाने के लिये ही नहीं बल्कि अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिये ही नहीं, मेरी हर भारतवासी से यह अपील है कि घर से बाहर निकलें और इस आन्दोलन में शामिल हों देश को बचायें जो फिर से इन भ्रष्टाचारी नेताओं के लालच की अधिकता की वजह से आर्थिक सुधारों के नाम पर फिर से गुलाम न बन जायें| भ्रष्ट राजनेताओं ने आर्थिक सुधार के नाम पर देश को लूटनेवाले यह लुटेरों के खिलाफ मैं एलान करता हूँ| जागो भारत जागो, देश का तीसरा स्तंभ मीडिया जागो जब तक यह Financial आतंकवाद खत्म नहीं होता है, जब तक मेरा ऐलान चालू रहेगा| मेरा यह ऐलान, LIC, Mutual Fund, Share Market, Insurance, Mall में भ्रष्टाचार, Mobile Billing, Prepaid Card, Petrol, Diesel, भूमी घोटाला और ऐसे ही एक से एक घोटाला इत्यादी|  मैं मुकेश शाह Financial आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा हूँ इसीलिये बैंकों व NBFC बैंकों ने मुझ पर जनता के मुद्दों पर लड़ने से रोकने के लिये कई u/s 138 of Negotiable Instrument Act के अंतर्गत और Arbitration का जाली व झूठा मामला दर्ज किया है| मैंने कई शिकायतें Chief Metropolitan Magistrate और Chief Justice of High Court को की है लेकिन अभी तक कोई action नहीं लिया गया है इसलिये मैंने बैंकों और कुछ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को चुनौती दी है अतः मैं मुकेश शाह एलान करता हूँ कि NBFC बैंकों के गैर कानूनी मामलों (जालसाज़ी, घोटालों) के ऊपर कानूनी कार्यवाही नहीं की जायेगी और अगर मुझे कुछ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गिरफ्तार करते हैं, तो अदालत में मैं सिर्फ "वन्दे मातरम्‌", "भारत माता की जय", "इन्कलाब जिन्दाबाद" का नारा लगाऊँगा, जेल में आमरण अनशन करूँगा और पेम्पलेट बाँटूंगा|
वंदे मातरम्, जय हिंद, इन्कलाब जिन्दाबाद,
भारतमाता की जय
अधिक जानकारी के लिये आपके साथ किया जालसाज़ी, धोखेबाज़ी, जाँच कराने के लिये, हमारे साथ लड़ाई में शामिल होने के लिये
इंडिया अगेन्स्ट फायनेन्शियल करप्शन (IHFC), जागो भारत जागो, ऑल इन्डिया, निजी, विदेशी बैंक, एन.बी.एफ.सी. ग्राहक एसोसियेशन (un Regd.)
(All India Private Foreign Banks, NBFC's Customers Association (un Regd.)

Mukesh Shah : Mob. 8080 590 801, 9833 283 031

E-mail : FightCorruption1955@rediffmail.com 

FightAgainst India's Biggest Financial Terrorism (English)



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