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गुरुवार, 21 मार्च 2013

21 मार्च 2013 का राशिफल+ पंचांग:

 विक्रम संवत 2069। शक संवत 1934। मास फाल्गुन । पक्ष शुक्ल पक्ष। तिथि नवमी 14.26। नक्षत्र पुनर्वसु-पूर्ण रात्रि । योग शोभन 23.30। करण कौलाव 14.26। सूर्य राशि मीन । चन्द्र राशि मिथुन । राहुकाल 13.30- 15:00। अभिजीतमुहूर्त 12:10-12.58। सूर्योदय 06:33। सूर्यास्त 18.34। चंद्रोदय 13.16। तिथि विशेष -------
शुभ कार्य शिक्षा, भूमि, लकडी़, वाहन, प्रशासनिक, औषधि, आभूषन,धार्मिक कार्य आदि। वर्ज्य दक्षिण, पूर्व तथा नैॠत्य दिशा में यात्रा।


मेष- आपको नए कार्य करने की प्रेरणा देंगे। हालांकि आप अपने विचारों में स्थिरता का अभाव रहने से कुछ मामलों में उलझन का अनुभव करेंगे। नौकरी या व्यवसाय में स्पर्धात्मक वातावरण रहेगा। लघु यात्रा के संयोग खड़े होंगे। भाई-बंधुओं के साथ मेल-जोल बना रहेगा। उससे लाभ होगा। स्त्रियों को वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए।

वृषभ- मन की डांवाडोल प्रवृत्ति महत्त्वपूर्ण अवसरों से आपको वंचित रखेगी। आज नए कार्य का आरंभ करना उचित नहीं है। बातचीत में आपका झक्की व्यवहार संघर्ष खड़ा करेगा। आर्थिक लाभ होगा। विद्यार्थियों के लिए अच्छा समय है।

मिथुन- आज का दिन ताजगी और स्फूर्ति से परिपूर्ण रहेगा। उत्तम भोजन, सुंदर वस्त्रालंकार और मित्रों व स्वजनों के साथ आपका दिन खूब आनंद में व्यतीत होगा। दांपत्य जीवन में सुख-संतोष की भावना अनुभव करेंगे। आर्थिक लाभ और आयोजनों के लिए अनुकूल दिन है। खर्च अधिक होगा। इसलिए उसपर संयम रखना पड़ेगा।

कर्क- परिवार में मनमुटाव के अवसर आएँगे, इसलिए मानसिक बेचैनी रहेगी। मन दुविधा का अनुभव करेगा इसलिए महत्त्वपूर्ण निर्णय टालना हितकर है। किसी के साथ गलतफहमी या वाद-विवाद खड़े होने की संभावना है। स्वास्थ्य सम्बंधी लापरवाही तंदुरुस्ती खराब करेगी। कोर्ट-कचहरी के मामलों में संभलकर काम लेना पड़ेगा। मानहानि और धन हानि होने की संभावना है।

सिंह- आज का दिन आपके लिए लाभदायक साबित होगा, परंतु मन की डांवाडोल स्थिति के कारण आप हाथ में आए हुए अवसर को खो न दें, इसका ध्यान रखना पड़ेगा। स्त्री मित्रों से मुलाकात और लाभ होगा। बुजुर्गों को आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। घर में मांगलिक कार्य होंगे। व्यापारियों के व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों की आय में वृद्धि होगी। बाहर जाने का आयोजन होगा।

कन्या- नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए मन में बनाई हुई योजनाएँ साकार होंगी। पिता के साथ आत्मीयता बढ़ेगी। उनसे लाभ होगा। व्यापारी और नौकरी वालों को अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। धन और मान- सम्मान में वृद्धि होगी। सरकार की तरफ से लाभ होगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। गृहस्थजीवन में सुख-शांति और संवाद बने रहेंगे। वसूली या व्यापार के काम से बाहर जाना होगा।

तुला- बौद्धिकों या साहित्यानुरागियों के साथ मुलाकात से आप ज्ञान गोष्ठी में समय व्यतीत करेंगे। नए कार्य का आरंभ कर सकेंगे। लंबी दूरी की यात्रा या तीर्थस्थानों पर जाने की संभावना है। विदेशगमन के लिए अवसर बनेंगे। विदेश में बसने वाले मित्रों या स्नेहीजनों के समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य थोड़ा नरम-गरम रहेगा। संतानों की समस्याओं से चिंता उत्पन्न होगी,

वृश्चिक- वाणी और व्यवहार पर आज संयम रखना आवश्यक है। दैनिक कार्यों के अतिरिक्त नए कार्य हाथ में लेना उचित नहीं है। बीमार पड़ने का योग है। इसलिए खान-पान पर ध्यान दें। अचानक धन लाभ होगा। आध्यात्मिक साधना के लिए अच्छा समय है। चिंतन-मनन में समय व्यतीत करने से मानसिक शांति के साथ उलझनों से दूर रह सकेंगे।

धनु- पार्टी, पिकनिक, प्रवास, सुंदर भोजन और वस्त्र-परिधान आज के दिन की विशेषता रहेंगे। मनोरंजन की दुनिया में विहार करेंगे। विपरीत लिंगीय व्यक्ति के साथ की मुलाकात रोमांचक रहेगी। दांपत्य जीवन में उत्तम सुख की प्राप्ति होगी। सार्वजनिक सम्मान और ख्याति मिलेगी। बौद्धिक, तार्किक विचार-विनिमय होगा। भागीदारी में लाभ होगा।

मकर- व्यापार-धंधे के विकास और आर्थिक आयोजनों के लिए आज अनुकूल दिन है। वसूली या पैसे की लेन-देन करने में सफलता मिलेगी। आयात-निर्यात में व्यापारियों को लाभ होगा। परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा। आर्थिक लाभ होगा। कानूनी उलझनों से बचें। तंदुरुस्ती बनी रहेगी। विरोधियों की चाल निष्फल जाएगी।

कुंभ- मानसिक अशांति और उद्वेग भरा दिन है। तेजी से बदलते विचारों के कारण अनिर्णायकता रहेगी, इसलिए ठोस निर्णय नहीं ले सकेंगे। संतानों के प्रश्न उलझन में डालेंगे। पेट की बीमारी से पीड़ित होने की संभावना है, कार्य निष्फलता हताशा पैदा करेगी और आकस्मिक धन खर्च होगा।

मीन- आज के दिन सावधानी रखने की सलाह देते हैं। पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद पैदा होगा। माता का स्वास्थ्य चिंता का कारण का कारण बनेगा। स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है। मानसिक उद्वेग और धन और मानहानि होगी। नौकरी में समस्याएँ खड़ी होंगी। स्थावर जायदाद के दस्तावेज बनवाने में ध्यान रखें। स्त्रियों के साथ के सम्बंध हानिकारक साबित हो सकते हैं।

बुधवार, 20 मार्च 2013

20-03-2013 ka rashi phal

20-03-2013 ka rashi phal

पंचांग: विक्रम संवत 2069। शक संवत 1934। मास फाल्गुन। पक्ष शुक्ल पक्ष। तिथि अष्टमी 12.11। नक्षत्र आर्द्रा 28.44। योग सौभाग्य 22.57। करण बव 12.11। सूर्य राशि मीन। चन्द्र राशि मिथुन। राहु काल 12:00-13:30। अभिजीतमुहूर्त--- सूर्योदय 06.34। सूर्यास्त 18.34। चंद्रोदय 12.25। तिथि विशेष----- शुभ कार्य व्यापारिक वस्तुओं, लेखाकार्य, शिक्षण, लेखन, शिल्प, कानून, वकालत, वाहन, संपादन आदि। वर्ज्य पश्चिम, उत्तर तथा ईशान दिशा में यात्रा।


मेष- विचारों की अस्थिरता आपको उलझनपूर्ण परिस्थिति में डालेगी। नौकरी-व्यवसाय के क्षेत्र में स्पर्द्धायुक्त वातावरण रहेगा, जिसमें से बाहर आने का प्रयत्न कामयाब साबित होगा। नए कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे छोटे-से प्रवास की संभावना है। बौद्धिक तथा लेखन कार्य के लिए अच्छा दिन है।

वृषभ- मन की दुविधा ठोस निर्णय पर आने में रोकेगी। परिणाम स्वरूप हाथ में आए हुए अवसर खोएंगे। व्यवहार के कारण संघर्ष में उतरने की संभावना है। लेखक, कारीगर, कलाकारों को अपने कौशल प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। आपकी वाकपटुता आपका कार्य संपन्न करेगी और दूसरे को मोहित करेगी।

मिथुन- आज का दिन लाभदायक साबित होने की आशा रख सकते हैं। सुबह से ताजगी और प्रसन्नता का अनुभव होगा। मित्रों तथा सगे- सम्बंधियों के साथ मिलकर उत्तम भोजन का आनंद लेंगे। आर्थिक लाभ मिलने के साथ-साथ कहीं से गिफ्ट प्राप्त होने से आप अधिक खुश होंगे, । सभी के साथ मिलकर आनंददायक प्रवास का आयोजन की संभावना है। दांपत्य जीवन में संवादिता बनी रहेगी।

कर्क- शरीर और मन में बेचैनी तथा अस्वस्थता का अनुभव होगा। मन की संदिग्धता और दुविधा आपकी निर्णय शक्ति को कसौटी के शिखर पर चढ़ाएंगे। विशेष रूप से परिवारजनों के साथ मनमुटाव का प्रसंग बनने से मन में उदासी बढ़ेगी। माताजी का स्वास्थ्य चिंता का कारण बनेगा। धन खर्च बढ़ेगा।

सिंह- आज के दिन आपको विविध लाभ मिलने की संभावना है। ऐसे समय में मन का ढीलापन आपको लाभ से वंचित न कर दे, इसका ख्याल रखना पड़ेगा। मित्र-मंडल एवं स्त्री वर्ग और बुजुर्गों से लाभ होगा। नौकरी, व्यवसाय में पदोन्नति और आय वृद्धि का योग है। दांपत्य जीवन में जीवनसाथी के साथ अधिक निकटता अनुभव करेंगे। पुत्र तथा पत्नी से लाभ होगा।

कन्या- नए कार्य शुरू करने के लिए निर्मित योजनाओं को अमल में लाने का आज उत्तम समय है। व्यापार में लाभ होगा। बकाया वसूली के पैसे वसूल किए जा सकेंगे। नौकरी पेशावालों की पदोन्नति की संभावनाएं हैं। पिता की तरफ से लाभ होगा। परिवार में आनंद-उत्साह का वातावरण रहेगा। गृहस्थजीवन में मेल-जोल रहेगा। सरकारी कामकाज पूरे होंगे और स्वस्थता से आज का दिन व्यतीत करेंगे,

तुला- लंबी दूरी की यात्रा या धार्मिक स्थान की मुलाकात होगी। विदेश यात्रा के लिए अनुकूलता रहेगी। फिर भी आपको संतान और स्वास्थ्य के सम्बंध में चिंता रहेगी। नौकरी पेशावालों को उच्च पदाधिकारियों तथा सहकर्मियों का आज सहयोग नहीं मिलेगा। विरोधियों या प्रतिस्पर्द्धियों के साथ चर्चा में गहरे न उतरने की गणेशजी सलाह देते हैं। धन का खर्च होगा।

वृश्चिक- आज का दिन बिना किसी प्रवृत्ति के सावधानीपूर्वक व्यतीत करना पड़ेगा। नए कार्य शुरू न करें। क्रोधावेश और अनैतिक आचरण आपको कठिनाई में डाल सकते हैं। समय से भोजन नहीं मिलेगा। राजकीय अपराधी प्रवृत्तियों से दूर रहने और नए सम्बंध विकसित करने की सलाह देते हैं। दुर्घटना से बचें। इष्टदेव का नाम स्मरण राहत देगा।

धनु- बौद्धिक, तार्किक, विचार-विनिमय और लेखन कार्य के लिए शुभ दिन है। मनोरंजन, प्रवास, मित्रों के साथ मिलन-मुलाकात, सुंदर भोजन और वस्त्र परिधान, विपरीत लिंगीय पात्रों के साथ की निकटता आज के दिन को आनंदित और रोमांचित बनाएगा। भागीदारी में लाभ होगा। जीवनसाथी के साथ के सम्बंधों में अधिक धनिष्ठता रहेगी। सार्वजनिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

मकर- आपके व्यापार-धंधे का विकास होगा। आर्थिक रूप से लाभदायक दिन होने से पैसे की लेन-देन में सरलता रहेगी। परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। कार्यकर्ता तथा अधीनस्थ लोगों का सहयोग मिलेगा। ननिहाल पक्ष की तरफ से अच्छे समाचार मिलेंगे। प्रतिस्पर्द्धियों को पराजित करने में कामयाब साबित होंगे।

कुंभ- आज आप संतानों और अपने स्वास्थ्य के सम्बंध में चिंतित रहेंगे। अपच, पेट-दर्द से परेशान होंगे। विचारों में तेजी से परिवर्तन मानसिक स्थिरता में खलल पहुंचाएगी। आज नए कार्यों का आरंभ न करना हितकर है। यात्रा प्रवास में कठिनाइयां आएंगी।

मीन- शारीरिक-मानसिक भय रहेगा। कुटुंबीजनों के साथ वाद-विवाद होगा। माताजी का स्वास्थ्य खराब होगा। अनचाही घटनाओं से आपके उत्साह में कमी आएगी। अनिद्रा से परेशान रहेंगे। धन और कीर्ति की हानि होगी। स्त्री वर्ग तथा पानी से दूर रहने की गणेशजी की सलाह देते हैं। स्थावर मिल्कियत तथा वाहन आदि की समस्याएं चिंता पैदा करेंगी।

स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र

मित्रो हमारे देश मे 3000 साल पहले एक ऋषि हुए जिनका नाम था बागवट जी ! वो 135 साल तक जीवित रहे ! उन्होने अपनी पुस्तक अशटांग हिरद्यम मे स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र लिखे ! उनमे से ये एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें !

बागवट जी कहते है, ये बहुत गहरी बात वो ये कहते है जब आप भोजन करे कभी भी तो भोजन का समय थोडा निश्चित करें । भोजन का समय निश्चित करें । ऐसा नहीं की कभी भी कुछ भी खा लिया । हमारा ये जो शरीर है वो कभी भी कुछ खाने के लिए नही है । इस शरीर मे जठर है, उससे अग्नि प्रदिप्त होती है । तो बागवटजी कहते है की, जठर मे जब अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिस्सा पाचन मे जाएगा और रस मे बदलेगा और इस रस में से मांस,मज्जा,रक्त,मल,मूत्रा,मेद और आपकी अस्थियाँ इनका विकास होगा ।

हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।

मान लो अगर आप चेन्नई मे हो तो 7 बजे से 9 बजे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होगी । हो सकता है ये इसी सूत्रा अरूणाचल प्रदेश में बात करूँ तो वो चार बजे से साडे छह का समय आ जाएगा । क्यांे कि अरूणाचल प्रदेश में सूर्य 4 बजे निकल आता है । अगर सिक्कीम मे कहूँगा तो 15 मिनिट और पहले होगा, यही बात अगर मे गुजरात मे जाकर कहूँगा तो आपसे समय थोडा भिन्न हो जाएगा तो सूत्रा के साथ इसे ध्यान मे रखे । सूर्य का उदय जैसे ही हुआ उसके अगले ढाई घंटे तक जठर अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो बागवटजी कहते है इस समय सबसे ज्यादा भोजन करें ।

बागवटजी ने एक और रिसर्च किया था, जैसे शरीर के कुछ और अंग है जैसे हदय है, जठर,किडनी,लिव्हर है इनके काम करने का अलग अलग समय है ! जैसे दिल सुबह के समय सबसे अधिक काम करता है ! 4 साढ़े चार बजे तक दिल सबसे ज्यादा सक्रीय होता है और सबसे ज्यादा heart attack उसी समय मे आते है । किसी भी डॉक्टर से पूछ लीजीए, क्योकि हदय सबसे ज्यादा उसी समय में तीव्र । सक्रीय होगा तो हदय घात भी उसी समय होगा इसलिए 99 % हार्ट अॅटॅक अर्ली मॉनिंग्ज मे ही होते है । इसलिए तरह हमारा लिव्हर किडनी है, एक सूची मैने बनाई है, बाहर पुस्तको मे है । संकेतरूप मे आप से कहता हूँ की शरीर के अंग का काम करने का समय है, प्रकृती ने उसे तय किया है । तो आप का जठर अग्नी सुबह 7 से 9.30 बजे तक सबसे ज्यादा तीव्र होता है तो उसी समय भरपेट खाना खाईए ।

ठीक है । फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।

और बागवटजी कहते है की भोजन में पेट की संतुष्टी से ज्यादा मन की संतुष्टी महत्व की है।
मन हमारा जो है ना, वो खास तरह की वस्तुये जैसे , हार्मोन्स , एंझाईम्स से संचालित है । मन को आज की भाषा में डॉक्टर लोग जो कहते हैं , हाला की वो है नहीं लेकिन डाक्टर कहते हैं मन पिनियल गलॅंड हैं ,इसमे से बहुत सारा रस निकलता है । जिनको हम हार्मोन्स ,एंझाईम्स कह सकते है ये पिनियल ग्लॅंड (मन )संतुष्टी के लिए सबसे आवश्यक है , तो भोजन आपको अगर तृप्त करता है तो पिनियललॅंड आपकी सबसे ज्यादा सक्रीय है तो जो भी एंझाईम्स चाहीए शरीर को वो नियमित रूप मंे समान अंतर से निकलते रहते है । और जो भोजन से तृप्ती नहीं है तो पिनियल ग्लॅंड मे गडबड होती है । और पिनियल ग्लॅंड की गडबड पूरे शरीर मे पसर जाती है । और आपको तरह तरह के रोगो का शिकार बनाती है । अगर आप तृप्त भोजन नहीं कर पा रहे तो निश्चित 10-12 साल के बाद आपको मानसिक क्लेश होगा और रोग होंगे । मानसिक रोग बहुत खराब है । आप सिझोफ्रनिया डिप्रेशन के शिकार हो सकते है आपको कई सारी बीमारीया ,27 प्रकार की बीमारीया आ सकती है , । कभी भी भोजन करे तो, पेट भरे ही ,मन भी तृप्त हो । ओर मन के भरने और पेट के तृप्त होने का सबसे अच्छा समय सवेरे का है ।

अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।

मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।

मेरे एक बहुत अच्छे मित्रा है, डॉ. राजेंद्रनाथ शानवाग । वो रहते है कर्नाटक में उडूपी नाम की जगह है वहाँपर रहते है । बहुत बडे ,प्रोफेसर है, मेडिकल कॉलेज में काम करते है । उन्होंने एक बडा गहरा रिसर्च किया ।की बंदर को बीमार बनाओ ! तो उन्होने तरह तरह के virus और बॅक्टेरिया बंदर के शरीर मे डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहाँ । बंदर को कुछ नहीं हो सकता । और मैने कहा की आप ये कैसे कह सकते है की, बंदर कुछ नहीं हो सकता , तब उन्हांने एक दिन रहस्य की बात बताई वो आपको भी ,बता देता हूँ । की बंदर का जो है न RH factor दुनिया में ,सबसे आदर्श है, और कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है ना ! तो वो बंदर से ही कंम्पेअर करता है , वो आपको बताता नहीं ये अलग बात है । कारण उसका ये है की, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । ब्लड मे कॉलेस्टेरॉल बढता ही नहीं । ट्रायग्लेसाईड कभी बढती नहीं डासबिटीस कभी हुई नहीं । शुगर कितनी भी बाहर से उसके शरीर मे डंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वो प्रोफेसर साहब कहते है की, यार ये यही चक्कर है ,की बंदर सवेरे सवेरेही भरपेट खाता है । जो आदमी नहीं खा पाता ।

तो वो प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवागने अपने कुछ मरींजों से कहा की देखो भया , सुबह सुबह भरपेट खाओ ।तो उनके कई मरीज है वो मरीज उन्हे बताया की सुबह सुबह भरपेट खाना खाओ तो उनके मरीज बताते है की, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तो , डासबिटीस माने शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घटनों का दर्द कम हो गया कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई पेट मे जलन होना, बंद हो गयी नींद अच्छी आने लगी ..... वगैरा ..वगैरा । और ये बात बागवटजी 3500 साल पहले कहते ये की सुबह की खाना सबसे अच्छा । माने जो भी स्वाद आपको पसंद लगता है वो सुबह ही खाईए ।

तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !

ये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !

अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?

मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।

अब शाम को कितने बजे खाएं ???

तो बाग्वट जी कहते हैं हमे प्रकति से बहूत सीखने की जरूरत हैं । दीपक । भरा तेल का दीपक आप जलाना शुरू किजीए । तो पहिली लौ खूप तेजी से चलेगी और अंतिम लव भी तेजी से चलेगी माने जब दीपक बूजने वाला होगा, तो बुझने से पहले ते जीसे जलेगा , यही पेट के लिए है । जठरग्नी सुबह सुबह बहूत तीव्र होगी और शमा को जब सूर्यास्त होने जा रहा है, तभी तीव्र होगी, बहुत तीव्र होगी । वो कहते है , शामका खाना सूरज रहते रहते खालो; सूरज डूबा तो अग्नी भी डूबी । तो वैसे जैन दर्शन में कहा है सभी भोजन निषेध् है बागवटजी भी यही कहते है ,तरीका अलग है ,बस । जैन दर्शन मे अहिंसा के लिए कहते है,वो स्वास्थ के लिए कहेते है । तो शाम का खाना सूरज डुबने की बाद दुनिया में ,कोई नहीं खाता । गाय ,भैंस को खिलाके देखो नहीं खाएगी ,बकरी ,गधे को खिलाके देखो, खाता नहीं । हा बिलकूल नहीं खाता । आप खाते है , तो आप अपने को कंम्पेअर कर लीजीए किस के साथ है आप ? कोई जानवर, जीवटाशी सूर्य डूबने के बाद खाती नही ंतो आप क्यू खा रहे है ?

प्रकृती का नियम बागवटजी कहते है की पालन करीए माना रात का खाना जल्दी कर दीजिए ।
सूरज डुबने के पहले 5.30 बजे - 6 बजे खायिए । अब कितना पहले ? बागवट जीने उसका कॅल्क्यूलेशन दिया है, 40 मिनिट पहले सूरज चेन्नई से शाम 7 बजे डूब रहा है । तो 6.20 मिनट तक हिंदूस्थान के किसी भी कोने में जाईए सूरज डूबने तक 40 मिनिट तक निकलेगा । तो 40 मिनिट पहले शाम का खाना खा लिजीए और सुबह को सूरज निकलने के ढाई घंटे तक कभी भी खा लीजीए । दोनो समय पेट भरके खा लिजिए । फिर कहेंगे जी रात को क्या ? तो रात के लिए बागवटजी कहेते है की, एक ही चीज हैं रात के लिए की आप कोई तरल पदार्थ ले सकते है । जिसमे सबसे अच्छा उन्होंने दूध कहा हैं । बागवटजी कहते है की, शाम को सूरज डूबने के बाद ‘हमारे पेट में जठर स्थान में कुछ हार्मोन्स और रस या एंझाईम पैदा होते है जो दूध् को पचाते है’ । इसलिए वो कहते है सूर्य डूबने के बाद जो चीज खाने लायक है वो दूध् है । तो रात को दूध् पी लीजीऐ । सुबह का खाना अगर आपने 9.30 बजे खाया तो 6.00 बजे खूब अच्छे से भूक लगेगी ।

फिर आप कहेंगे जी, हम तो दुकान पे वैठे है 6 बजे तो डब्बा मँगा लीजिए । दुकान में डिब्बा आ सकता है । हाँ दुकान में आप बैठे है, 6 बजे डब्बा आ सकता है और मैं आपको हाथ जोडकर आपसे कह रहाँ हूँ की आप मेरे से अगर कोई डायबिटीक पेशंट है, कोई भी अस्थमा पेशंट है, किसी को भी बात का गंभीर रोग है आज से ये सूत्रा चालू कर दिजीए । तीन महिने बाद आप खुद मुझे फोन करके कहंगे की, राजीव भाई, पहले से बहुत अच्छा हूँ sugar level मेरा कम हो रहा है ।
अस्थमा कम हो रहा है। ट्रायग्लिसराईड चेक करा लीजीए, और सूत्रा शुरू करे, तीन महीने बाद फिर चेक करा लीजीए, पहले से कम होगा, LDL बहुत तेजी से घटेगा ,HDL बढ़ेगा । HDL बढना चाहिए, LDL VLDL कम होना ही चाहिए । तो ये सूत्रा बागवटजी का जितना संभव हो आप ईमानदारी से पालन करिए वो आपको स्वस्थ रहने में बहुत मदद करेगा !!

ये GDP क्या बला है ??


ये GDP क्या बला है ?? रोजाना अखबार लिखा होता है की भारत की जीडीपी 8 .7 % है कभी कहा जाता है के 9 % है ; प्रधानमंत्री कहते है की हम 12 % जीडीपी हासिल कर सकते है पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलम कहते थे की हम 14 % भी कर सकते है , रोजाना आप जीडीपी के बारे में पड़ते है और आपको लगता है की जीडीपी जितनी बड़े उतनी देश की तरक्की होगी । कभी किसीने जानने की कौशिश की के ये जीडीपी है क्या ? आम आदमी की भाषा में जीडीपी का क्या मतलब है ये हमें आज तक किसी ने नही समझाया । GDP actually the amount of money that exchanges hand . माने जो पैसा आप आदान प्रदान करते है लिखित में वो अगर हम जोड़ ले तो जीडीपी बनती है ।

अगर एक पेड़ खड़ा है तो जीडीपी नही बढती , लेकिन अगर आप उस पेड़ को काट देते है तो जीडीपी बढती है किउंकि पेड़ को काटने के बाद पैसा आदान प्रदान होता है , पर पेड़ अगर खड़ा है तो तो कोई इकनोमिक activity नही होती जीडीपी भी नही बढती । अगर भारत की सारे पेड़ काट दिया जाये तो भारत की जीडीपी 27 % हो जाएगी जो आज करीब 7 % है । आप बताइए आपको 27 % जीडीपी चाहिए या नही !

अगर नदी साफ़ बह रही है तो जीडीपी नही बढती पर अगर आप नदी को गंध करते है तो जीडीपी तिन बार बढती है । पहले नदी पास उद्योग लगाने से जीडीपी बढ गयी, फिर नदी को साफ़ करने के लिए हज़ार करोड़ का प्रोजेक्ट लेके ए जीडीपी फिर बढ गयी , फिर लोगोने नदी के दूषित पानी का इस्तेमाल किया बीमार पड़े, डॉक्टर के पास गए डॉक्टर ने फीस ली , फिर जीडीपी बढ गयी ।

अगर आप कोई कार खरीदते है , आपने पैसा दिया किसीने पैसा लिया तो जीडीपी बढ गयी, आपने कार को चलाने के लिए पेट्रोल ख़रीदा जीडीपी फिर बढ गयी, कार के दूषित धुयाँ से आप बीमार हुए , आप डॉक्टर के पास गए , आपने फीस दी उसने फीस ली और फिर जीडीपी बढ गयी । जितनी कारे आयेगी देश में उतनी जीडीपी तिन बार बढ जाएगी और इस देश रोजाना 4000 जादा कारे खरीदी जाती है , 25000 से जादा मोटर साइकल खरीदी जाती है और सरकार भी इसकी तरफ जोर देती है किउंकि येही एक तरीका है के देश की जीडीपी बड़े ।

हर बड़े अख़बार में कोका कोला और पेप्सी कोला का advertisement आता है और ये भी सब जानते है के ये कितने खतरनाक और जेहरिला है सेहत के लिए पर फिर भी सब सरकारे चुप है और आँखे बंध करके रखा है किउंकि जब भी आप कोका कोला पीते है देश की जीडीपी दो बार बढती है । पहले आप कोका कोला ख़रीदा पैसे दिया जीडीपी बढ गया , फिर पिने के बाद बीमार पड़े डॉक्टर के पास गए , डॉक्टर को फीस दिया जीडीपी बढ गयी ।

आज अमेरिका में चार लाख लोग हर साल मरते है किउंकि वो खाना खाते है , किउंकि जो जंक फ़ूड है कार्बोनेटेड ड्रिंक्स है वो खाने से मोटापा और बीमारी होती है , आज 62 % अमेरिका के लोग क्लीनिकली मोटापा के सिकार है और हमारे देश में 62 %लोग तो कुपोषन के सिकार है । ये भी जीडीपी बदने का एक तरीका है , जितना जादा प्रदुषण खाने में होगा उतना जादा जीडीपी बढता है ।

आज अमेरिका में चार लाख लोग हर साल मरते है किउंकि वो खाना खाते है , किउंकि जो जंक फ़ूड है कार्बोनेटेड ड्रिंक्स है वो खाने से मोटापा और बीमारी होती है , आज 62 % अमेरिका के लोग क्लीनिकली मोटापा के सिकार है और हमारे देश में 62 %लोग तो कुपोषन के सिकार है । ये भी जीडीपी बदने का एक तरीका है , जितना जादा प्रदुषण खाने में होगा उतना जादा जीडीपी बढता है । पहले फ़ूड इंडस्ट्री की बृद्धि हुई जीडीपी बड़ी ,उसके साथ फार्मासिउटीकाल्स की बृद्धि हुई फिर जीडीपी बढ गयी , फिर इसके साथ इन्सिउरेंस की भी बृद्धि हुई । ये तिन इंडस्ट्री आपस में जुडी हुई है इसीलिए आज इन्सिउरेंस इंडस्ट्री फ़ूड में पैसा लगा रहा है किउंकि आप जितना जादा ख़राब फ़ूड खायेंगे इन तिन इंडस्ट्री का बृद्धि होगी और जीडीपी बढेगी । अब क्या आपको जीडीपी बढानी है या घर में खाना बनाना है ! अब घर में खाना बनाने से जीडीपी नही बढती । इस मायाजाल को समझे ।


अमेरिका में आज करीब चार करोड़ लोग भूखे पेट सोते है यूरोप में भी चार करोड़ लोग भूखे सो रहे है , भारत में सरकारी आंकड़ा के अनुसार करीब 32 करोड़ लोग भूखे सोते है , अगर जीडीपी ही एक विकास का सूचक होती तो अमेरिका में भूख ख़तम हो जानी चाहिए थी पर अमेरिका और यूरोप में भूख बढ रही है भारत में भी जीडीपी के साथ भूख बढ रही है ।

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