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सोमवार, 7 अप्रैल 2014

मुन्ना गायब हो गया


!! मुन्ना गायब हो गया !!
एक सज्जन बनारस पंहुचे ,स्टेशन पर पंहुचे , एक लड़का दौड़ता हुआ आया
" मामाजी " मामाजी "बोलते हुए चरण स्पर्श किया और बोला मैं आपका मुन्ना
मामाजी ने कहा कौन मुन्ना ?
उसने कहा मैं आपका मुन्ना , मैं बड़ा हो गया न पहचानोगे कैसे ?
सज्जन ने कहा ओह तु इतना बड़ा हो गया कई साल हो गए तुझको देखे , चलो कोई बात नहीं
बनारस में बहुत घुमे मंदिर देखे और कहा
मैं गंगा नहाना चाहता हूँ , लड़के ने कहा क्यों नहीं यहाँ आये और गंगा स्नान नहीं हो यह कैसे हो सकता है ?
सज्जन ने कपडे उतारे और डुबकी लगाईं , ज्योंही नाहा कर निकले लड़का गायब , कपडे गायब , अटेची गायब . मामाजी बोले मुन्ना मुन्ना ....मुन्ने को देखा है ? ... लोगों ने पुछा कौन मुन्ना ? वही जिसके हम मामा हैं , तौलिये लपेटे मुन्ना मुन्ना चिल्लाते घूमते रहे पर वो नहीं मिला
यही स्थिति वोटर के नाते हमारी है
चुनाव का मौसम आते ही काका ताऊ दादा दादी मामा मामी बुआ फूफा न जाने किस किस उपमा से हम अलंकृत हो जाते हैं , हम चुनाव की गंगा में दुबकी लगते हैं और चुनाव ख़त्म होते ही नेता मुन्ने की तरह गायब .
आप अपने वोट की कीमत जाने , सोच समझकर वोट दें , आगामी चुनावो में ऐसे नेताओं को वोट न दें

कुछ तो असर हो रहा है, नमो का ज़िक्र हर गाँव गली शहर में हो रहा है

कुछ तो असर हो रहा है, नमो का ज़िक्र हर गाँव गली शहर में हो रहा है
जो बेफिक्र बैठे थे सत्ता के मद में, अब उनके सर में तेज दर्द हो रहा है

आया है नमो का तूफ़ान भारत में ,
आया है नमो का तूफ़ान भारत में
अब न चलेगी झाड़ू, न रहेगा पंजा,
न चलेगी साइकिल और न दौड़ेगा हाथी
जनसमर्थन से भाजपा चटाएगी सभी को धूल
अब खिलके रहेगा देश में कमल का फूल

पूरे भारत में यह नियम लागू किया जाना चाहिए

मित्रों,
पूरे भारत में यह नियम लागू किया जाना चाहिए
कि जो भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में है। चाहे
वो कलेक्टर हो या SP या कोई अन्य कर्मचारी।
सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढेंगे और जिनके
बच्चे सरकारी स्कूल में न पढते हो उन्हें
सरकारी नौकरियों से निकाल दिया जाए।
सभी लोग समझ सकते है कि जब जिले के कलेक्टर और
SP तथा अन्य अधिकारीयों के बच्चे सरकारी स्कूल
में पढ़ना आरम्भ कर देंगे, तो उन स्कूल में
शिक्षा का स्तर क्या होगा और शिक्षक किस तरह
की पढाई वहाँ करवाएँगे।
सभी शिक्षक स्कूल समय पर आएँगे और
अपना कार्यपूरी ईमानदारी से करेंगे। जो शिक्षक
किसी जुगाड़ के चलते शिक्षक बने है और पड़ने में
असमर्थ है वो स्वयं अपना इस्तीफा सरकार
को सौंप देंगे।


शिक्षा के स्तर में अचानक उछाल आ जाएगा और
अपने देश के बच्चे भी मिसाल कायम करेंगे।
जो भी मित्र इस पोस्ट को पढ़ रहे है अगर उन्हें
यह सुझाव अच्छा लगे। तो कृपया ये सुझाव अपने-
अपने मुख्यमंत्री तक पहुचाँने की कृपा करें।

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