यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

ताकि यह सफ़र अंतिम सफ़र न बने.

आजकल नए बने ताज एक्सप्रेस वे पर रोजाना गाड़ियों के टायर फटने के मामले सामने आ रहे हैं जिनमें रोजाना कई लोगों की जानें जा रही हैं.
एक दिन बैठे बैठे मन में प्रश्न उठा कि आखिर देश की सबसे आधुनिक सड़क पर ही सबसे ज्यादा हादसे क्यूँ हो रहे हैं? और हादसों का तरीका भी केवल एक ही वो भी टायर फटना ही मात्र, ऐसा कोन सी कीलें बिछा दीं सड़क पर हाईवे बनाने वालों ने?
दिमाग ठहरा खुराफाती सो सोचा आज इसी बात का पता किया जाये. तो टीम जुट गई इसका पता लगाने में.
अब सुनिए हमारे प्रयोग के बारे में.

मेरे पास तो इको फ्रेंडली हीरो जेट है सो इतनी हाई-फाई गाडी को तो एक्सप्रेस वे अथोरिटी इजाजत देती नहीं सो हमारे एडमिन पेनल की दूसरी कुराफाती हस्ती को मैंने बुला लिया उनके पास BMW X1 SUV है
(ध्यान रहे असली मुद्दा टायर फटना है)
सबसे पहले हमनें ठन्डे टायरों का प्रेशर चेक किया और उसको अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ठीक किया जो कि 25 PSI है. (सभी विकसित देशों की कारों में यही हवा का दबाव रखा जाता है जबकि हमारे देश में लोग इसके प्रति जागरूक ही नहीं हैं या फिर ईंधन बचाने के लिए जरुरत से ज्यादा हवा टायर में भरवा लेते हैं जो की 35 से 45 PSI आम बात है).

खैर अब आगे चलते हैं.
इसके बाद ताज एक्सप्रेस वे पर हम नोएडा की तरफ से चढ़ गए और गाडी दोडा दी. गाडी की स्पीड हमनें 150 - 180 KM /H रखी. इस रफ़्तार पर गाडी को पोने दो घंटे दोड़ाने के बाद हम आगरा के पास पहुँच गए थे. आगरा से पहले ही रूककर हमने दोबारा टायर प्रेशर चेक किया तो यह चोंकाने वाला था. अब टायर प्रेशर था 52 PSI .
अब प्रश्न उठता है की आखिर टायर प्रेशर इतना बढ़ा कैसे सो उसके लिए हमने थर्मोमीटर को टायर पर लगाया तोटायर का तापमान था 92 .5 डिग्री सेल्सियस.
सारा राज अब खुल चुका था, कि टायरों के सड़क पर घर्षण से तथा ब्रेकों की रगड़ से पैदा हुई गर्मी से टायर के अन्दर की हवा फ़ैल गई जिससे टायर के अन्दर हवा का दबाव इतना अधिक बढ़ गया. चूँकि हमारे टायरों में हवा पहले ही अंतरिष्ट्रीय मानकों के अनुरूप थी सो वो फटने से बच गए. लेकिन जिन टायरों में हवा का दबाव पहले से ही अधिक (35 -45 PSI) होता है या जिन टायरों में कट लगे होते हैं उनके फटने की संभावना अत्यधिक होती है.

अत : ताज एक्सप्रेस वे पर जाने से पहले अपने टायरों का दबाव सही कर लें और सुरक्षित सफ़र का आनंद लें. मेरी एक्सप्रेस वे अथोरिटी से भी येविनती है के वो भी वाहन चालकों को जागरूक करें ताकि यह सफ़र अंतिम सफ़र न बने.
आप सभी फेसबुक मित्रों से अनुरोध है कि इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें. चूँकि ऐसा करके आपने यदि एक जान भी बचा ली तो आपका मनुष्य जन्म धन्य होगा |

एक समय था जब मन्त्र काम करते थे

एक समय था जब मन्त्र काम करते थे
उसके बाद समय आया उसमे
तन्त्र काम करते थे
फिर समय आया जिसमे यंत्र काम करते थे
आज समय आया जिसमे षडयंत्र काम करते है

मंगलवार, 24 जून 2014

आपका फोन पानी में भीग जाता है तो भीगे फोन को ऐसे बचा सकते हैं आप

भीगे फोन को ऐसे बचा सकते हैं आप

ज्यादातर लोगों के पास वॉटरप्रूफ फोन नहीं होता। कभी बारिश की वजह से, तो कभी हमारी खुद की गलती से फोन पानी में भीग जाता है। आपका फोन पानी में भीग जाता है, तो आप क्या करते हैं? ज्यादातर लोग फोन को हीटर पर या अवन में रखकर सुखाने की कोशिश करने लगते हैं। लेकिन ये सभी तरीके आपके फोन को खराब कर सकते हैं। अगर आपका फोन भीग जाए, तो परेशान मत होइए, हम आपको बता रहे हैं कि ऐसी हालत में क्या करें। आगे क्लिक करिए और जानिए भीगे फोन को बचाने के उपाय...

पानी में भीगने के बाद अगर फोन ऑन है, तो सबसे पहले उसे ऑफ कर दें। फोन के भीगने की हालत में उसे ऑन करने की कोशिश बिल्कुल न करें। फोन के भीगे रहते हुए ऑन रहने/करने पर पानी सर्किट्स को खराब कर सकता है।

फोन से हेडफोन या चार्जर जैसी चीजें निकाल दें। फोन का बाहरी हिस्सा कॉटन के साफ कपड़े से पोंछें। वैक्यूम क्लीनर हो, तो सावधानी बरतते हुए थोड़ी दूर से इस्तेमाल कर सकते हैं।

फोन का बैककवर निकाल दें। बैटरी और सिमकार्ड आदि निकालें। फोन का भीतरी हिस्सा कपड़े से पोंछें, लेकिन ध्यान रखें कि कपड़े में फोन का कोई पुर्जा अटक कर खिंच न जाए। बैटरी का स्‍टिकर चेक करें। फोन बनाने वाली कंपनियां हैंडसेट के भीगने पर कोई वॉरंटी नहीं देतीं। ज्यादातर फोन्स में बैटरी के नीचे एक छोटा सा स्‍टीकर चिपका होगा, जो अधिकतर सफेद रंग का होता है। अगर फोन के अंदर पानी चला गया है, तो यह गुलाबी या लाल रंग में बदल जाता है।

फोन पर कभी भी हेयरड्रायर का इस्तेमाल न करें। गर्म हवा फोन को नुकसान पहुंचा सकती है। इसकी जगह थोड़ी देर फोन को एसी के सामने रखने से फायदा हो सकता है।

फोन को सूखे कच्चे चावलों में रखें। यह फोन के अंदर का पानी/नमी सुखाने के लिए घर में मौजूद सबसे अच्‍छा तरीका है। बेहतर यह होगा कि एक कटोरे में कच्चे चावल भरें। फोन को इसमें थोड़ा भीतर तक गाड़ें और इसे धूप में रखें। चावल गर्म होने से फोन के अंदर का पानी सूख जाएगा और सीधे धूप में न रखने की वजह से आपका फोन भी खराब नहीं होगा। लेकिन ध्यान रखिएगा कि फोन के ऑडियो पोर्ट जैसे किसी हिस्से में चावल के दाने न घुस जाएं

फोन को 24 घंटे से पहले ऑन/इस्तेमाल न करें। उम्मीद है कि इसके बाद आपका फोन ठीक काम करेगा। लेकिन अगर अब भी यह ठीक नहीं होता, तो तुरंत ऑथराइज़्ड सर्विस सेंटर पर ले जाना ही बेहतर होगा।

function disabled

Old Post from Sanwariya