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रविवार, 17 अगस्त 2014

देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ

 

मेरे सर पर रखदो ठाकुर, मेरे सर पर रखदो ठाकुर
अपने ये दोनों हाथ, देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ


सुना हैं अपने भक्तों को तो तुम अपने गले लगते हो
एसा हमने क्या माँगा जो देने से कतराते हो
मेरे जीवन में अब करदो, मेरे जीवन में अब करदो, 
तुम कृपा की बरसात देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ, 
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ.

पिछले जनम में सेवा देकर तुमने बड़ा एहसान किया
तुम्ही हो राम तुम्ही हो कृष्णा हमने तुम्हे पहचान लिया
चाहे दूर रहो बनवारी चाहे दूर रहो बनवारी 
पर होती रहे मुलाकात, देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ , 
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ
 
देने वाले गिरधारी से धन और दौलत क्या मांगूं
मांगूं तो बनवारी से गाडी बंगला क्या मांगू,
मेरे जीवन में अब करदो मेरे जीवन में अब करदो 
तुम करूणा की बरसात देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ , 
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ

ये तो प्रेम कि बात है, उद्धव !!

ये तो प्रेम कि बात है, उद्धव !!
ये तो प्रेम कि बात है, उद्धव ! बंदगी तेरे बस कि नहीं है !-२    !
यहा सरदे के होते है ,सौदे ,-२ ,  आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
ये तो ........................................ तेरे बस कि नहीं है !!

प्रेम वालो ने कब वक्त पूछा, उनकी पूजा में सुनले ऐअ उद्धव !-२ !
यहाँ दम दम में होती है पूजा,-२, सर झुकाने कि फुरसत नहीं है !!
ये तो ........................................ तेरे बस कि नहीं है !!

जो उतरती है चढ़ती है मस्ती, वो हकीकत में मस्ती नहीं है !-२ !
जो असल में है मस्ती में डूबे,-२, उन्हें क्या परवाह जिन्दगी कि !!
ये तो ........................................ तेरे बस कि नहीं है !!

जिसकी नजरो में श्याम प्यारे , वो तो रहते है जग से निराले !-२!
जिसकी नजरो में मोहन समाये,-२,वो नजर फिर तरसती नहीं है !!
ये तो ........................................ तेरे बस कि नहीं है !!

ये तो प्रेम कि बात है, उद्धव ! बंदगी तेरे बस कि नहीं है !-२    !
यहा सरदे के होते है ,सौदे  , -२ ,   आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
ये तो ........................................ तेरे बस कि नहीं है !!

कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

ऎ मेरे मन,
अंधेरे से निकलकर चांदनी में नहाकर तो देख।
जिन्दगी क्या है कभी आवरण हटाकर तो देख॥
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

उपवन महकता है जैसे जीवन भी महक उठेगा।
कन्हैया का नाम दिल से पुकार कर तो देख॥
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

कृष्ण सितारा है चमकता रहेगा सदा आँखों में।
दिखलाई देगा तन से खुद को हटाकर तो देख॥
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

आँखों के रास्ते किस पल दिल में उतर जायेगा।
सांवरे की छवि को दिल में निहार कर तो देख॥
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

दीवारों की भी भाषा होती है आवाज भी होती हैं।
अपने मन्दिर की दीवार को सजाकर तो देख॥
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

दूरियाँ नज़रों की इस जहाँ में सिर्फ़ एक धोखा है।
कान्हा मिलेगा उसकी ओर हाथ बढ़ाकर तो दे
कौन है अपना कृष्णा से दिल लगाकर तो देख॥

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