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शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

रक्तदान से मनाया साँवरिया के संस्थापक का जन्मदिन



 हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी साँवरिया और जोधपुर शहर माहेश्वरी महिला संगठन के संयुक्त तत्वावधान मे बुधवार दिनांक 06 जनवरी 2016 को जोधपुर के रातानाडा क्षेत्र के नवनिर्मित माहेश्वरी बगीची मे विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

जोधपुर शहर माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्ष पूर्णिमा काबरा ने बताया पूरे दिन के इस कार्यक्रम मे रेलवे के पुलिस अधीक्षक ललित माहेश्वरी, राधा माहेश्वरी, संभागीय आयुक्त रतन लाहोटी, समाजसेवी सुरेश राठी, अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के संदीप काबरा , भाजपा नेता राजेंद्र बोराना, हरिप्रकाश राठी, कल्पना चांडक मुख्य अतिथि थे इस कार्यक्रम मे साँवरिया की अध्यक्ष व महिला संगठन की सचिव डॉ. नीलम मूंदड़ा ने बताया की साँवरिया के संस्थापक कैलाश चंद्र लढा के जन्मदिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया | साँवरिया के संस्थापक कैलाश चंद्र लढा ने बताया की शिविर मे 15 जोड़ो ने रक्तदान किया जिसमे सुनील मूंदड़ा- डॉ नीलम मूंदड़ा, प्रदीप झंवर-सोनू झंवर , सुनीता हेडा-संदीप हेडा आदि ने रक्तदान किया

वही 25 महिलाओ ने राधा माहेश्वरी के नेत्रत्व मे रक्तदान किया| कार्यक्रम मे समाज के मंत्री दामोदारलाल बंग ने कार्य की प्रशंसा की| मूंदड़ा ने बताया कार्यक्रम मे कुल 74 यूनिट रक्तदान हुआ| महिला मंडल की महिलाओ ने कैलाश चंद्र लढा को मल्यार्पण कर उनके जन्मदिन पर मंगल गीत गाकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना व्यक्त की जिसमे कैलाश चंद्र लढा ने सभी को धन्यवाद देते हुए रक्तदान के लिए संदेश देते हुए कहा की " जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पर जमाना अफ़सोस करे, वरना जन्म तो सभी का मरने के लिए ही होता है"

कार्यक्रम के संपूर्ण देखरेख व व्यवस्था का भार सुनील मूंदड़ा ने संभाला और कार्यक्रम मे प्रिया माहेश्वरी, जे एम बूब , डॉ प्रदीप गट्टनी, संजीवनी गट्टानी, स्वाती जैसलमेरिया, डॉ सूरज माहेश्वरी,रामानंद काबरा, गिरीश बंग, प्रकाश कलानी, ओम धूत, स्वाती मोदी, पुष्पा सारदा, उमा बिड़ला, सुनीता बिड़ला, रमेश्वरी भूतदा, कमला मूंदड़ा, ओम लोहिया, ज्योति मालानी, अरुणा मोदी, कुमुद लोहिया, नीरज मूंदड़ा, पवन मेवाड़ा, विक्रम तोषनीवाल, डॉ अमन मूंदड़ा, शशि बाहेती, लता रती, किरण लाहोटी मंजू लढा, संगीता लोहिया, अंजू गाँधी, गीता, उषा कोठारी, मीना साबू, अपर्णा मोदी ने सहयोग किया

रविवार, 27 दिसंबर 2015

विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन जोधपुर मे 6 जनवरी 2016


जय श्री कृष्णा मित्रों आप सभी को यह जानकारी देते हुए बहुत हर्ष हो रहा है की हमेशा की तरह इस बार भी आने वाली 6 जनवरी 2016 को साँवरिया और जोधपुर शहर माहेश्वरी महिला संगठन के संयुक्त तत्वावधान में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन जोधपुर मे किया जाएगा | आप सभी मित्रों एवं स्वेच्छिक रक्तदाताओ से अनुरोध है की इस महान कार्य को सफल बनाने हेतु अधिक से अधिक संख्या मे भाग ले और सभी फ़ेसबुक और व्हाट्सअप ग्रूप मे प्रसारित कर इसे सफल बनान्ये मे अपना महत्वपूर्ण योगदान देवे.


साभार डॉ. नीलम जी मूंदड़ा
जोधपुर शहर माहेश्वरी महिला संगठन

निवेदनकर्ता
कैलाशचंद्र लढा
संस्थापक - साँवरिया

रविवार, 20 दिसंबर 2015

चमत्कारी औषधि तेजपात

एक साधारण सी दिखने वाली तेजपात का लाभ आपको चमत्कृत कर देगा -
तेजपात के औषधीय गुण:-
तेजपात के 5-6 पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए -इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं -इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं जी हाँ महिलाओं के लिए एक उत्तम जूं नाशक है- .
चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है -
तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है -
तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है -
एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है -
तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है -
इसके 2-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है -
दमा में - तेजपात ,पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी पीस लीजिए और 1-1 चम्मच चटनी रोज खाएं 40 दिनों तक। फायदा सुनिश्चित है।
दांतों के लिए - सप्ताह में तीन दिन तेजपात के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए। दांत मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा ,ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा , दांत मोतियों की तरह चमकेंगे।
कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते रख दीजिए ,ऊनी,सूती,रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में 4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।
अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है ,वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे और मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुंह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का टुकड़ा चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का चूर्ण पावडर की तरह बगलों में लगाया करें।
अगर अचानक आँखों कि रोशनी कुछ कम होने लगी है तो तेजपात के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आँखों में लगाएं। इससे आँखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है।
पेट में गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो ३-४ चुटकी या ४ मिली ग्राम तेजपात का चूर्ण पानी से निगल लीजिए। एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है।
तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए ,आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा ,कभी हृदय रोग नहीं होंगे।
पागलपन के लिए -एक एक ग्राम तेजपात का चूर्ण सुबह शाम रोगी को पानी या शहद से खिलाएं।या तेजपात के चूर्ण का हलुआ बनाकर खिलाएं। सूजी के हलवे में एक चम्मच तेजपात का चूर्ण डाल दीजिए। बन गया हलवा।
तेजपात के टुकड़ों को जीभ के नीचे रखा रहने दें ,चूसते रहे। एक माह में हकलाना खत्म हो जाएगा।
दिन में चार बार चाय में तेजपत्ता उबाल कर पीजिए ,जुकाम-जनित सभी कष्टों में आराम मिलेगा। या चाय में चायपत्ती की जगह तेजपत्ता डालिए। खूब उबालिए ,फिर दूध और चीनी डालिए।
पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आँतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा।

कायाकल्प योग --सर्व रोग दूर करे -

कायाकल्प योग --सर्व रोग दूर करे ---
बुढ़ापे की आई सभी तरह की कमजोरी को दूर करता है ये योग
भृंगराज और काले तिल 250-250 ग्राम आवला 125 ग्राम लें।
सबको अलग अलग पीस छान कर 500ग्राम पुराना गुड अथवा शक्कर मिला कर प्रात 2 टेबल स्पून यानि 12 ग्राम सेवन करें। ( शुगर रोग वाले शक्कर नहीं मिलाये )
सर्व रोग दूर होते हैं।
अगर एक वर्ष खाएं तो अँधा देखने गूंगा बोलने और बहरा सुन ने लग जाता है। सफेद बाल काले हो जाते हैं। जिस के दांत गिर गये हैं फिर से आ जाते हैं। आयु दीर्घ होती है। बल बुद्धि वीर्य बढ़ता है।
इसको दूध के साथ लेना है ..पानी के साथ भी ले सकते है |
इसके सेवन काल में यद्यपि दुग्धपान का विधान है पर जिन्होंने इसका सेवन किया उन्होंने दूध भात लिया था।
इस प्रयोग से झुर्रियां मिट जाती है।
केश जङ से काले निकलते हैं।
श्रवण शक्ति बढती है वाणी विकार दूर होते हैं। स्मरणशक्ति अद्भुत हो जाती है।
नेत्र विकार दूर हो कर नेत्रज्योति बढ़ जाती है।
एक महीने के बाद लाभ होने लगता है।
सभी प्रकार के उदरमय रोग ठीक हो जाते हैं।
तीन महीने में वाणी मधुर हो जाती है। स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। शारीरिक पीड़ा जोड़ों का दर्द अनिद्रा और चिडचिडापन मिट जाता है।
हर घटक द्रव्य शुद्ध और ताजा ही लें और इस सरल योग का लाभ उठायें।
कोई भी व्यक्ति ले सकता है |

मस्तिष्‍क की शक्ति बढ़ाने के उपाय

आयुर्वेद के जरिये मस्तिष्‍क की शक्ति बढ़ाने के उपाय

कई बार शारीरिक और मानसिक दुर्बलता या किसी लम्बी बीमारी के कारण मस्तिष्‍क पर असर पड़ने लगता है और हमारी स्मरण शक्ति कम हो जाती है। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें कि आयुर्वेद के जरिये मस्तिष्‍क की शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं।


आयुर्वेद और मस्तिष्‍क

अगर हमारा शरीर एक मंत्रालय है, तो मस्तिष्‍क उसका प्रधानमंत्री। इसकी मर्जी के बिना शरीर का कोई भी हिस्‍सा सही प्रकार काम नहीं कर सकता। कई बार अत्यधिक मानसिक परिश्रम व थकान, पाचन संस्थान की गड़बड़ी, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता या किसी लम्बी बीमारी के कारण मस्तिष्‍क पर असर पड़ने लगता है और हमारी स्मरण शक्ति कम हो जाती है। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें कि आयुर्वेद के जरिये मस्तिष्‍क की शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं।

बादाम

बादाम मे पाये जाने वाले आयरन, कॉपर, फास्फोरस और विटामिन बी यह सभी औषधीय तत्व एक साथ क्रिया करते है। इसलिए बादाम मस्तिष्‍क, दिल और लीवर को ठीक से काम करते रहने मे मदद करता है। मस्तिष्‍क की शक्ति बढ़ाने के लिए पांच बादाम रात को पानी में भिगों दें। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध और उसमें इस पेस्‍ट को और दो चम्मच शहद को डालकर पी लें इससे आपको बहुत फायदा होगा।

ब्राह्मी

ब्राह्मी दिमागी शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। ब्राह्मी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व के कारण इसके नियमित सेवन से मस्तिष्‍क की शक्ति बढऩे लगती है। इसका एक चम्मच रस रोज पीना लाभदायक होता है। अगर आपको इसका रस पसंद नहीं है तो आप इसको चबाकर भी खा सकते है इसके 7 पत्ते खाने से भी वही लाभ मिलता है।

अलसी का तेल

अलसी का तेल आपकी एकाग्रता को बढाता है, मस्तिष्‍क की शक्ति को तेज करता है तथा सोचने समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है। नियमित रूप से अलसी के तेल के सेवन से आपको मस्तिष्क सम्बन्धी कोई विकार नहीं होता।

सौंफ

सौंफ प्रतिदिन घर में प्रयोग किए जाने वाले मसालों में से एक है। इसका नियमित उपयोग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को दो चम्मच दोनों समय भोजन के बाद लेते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है।

अखरोट

अखरोट में ओमेगा -3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। इसमें मैगनीज, तांबा, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी पाये जाते हैं। अखरोट विटामिन ई का बहुत अच्छा स्रोत हैं, जो हमारे मस्तिष्क के लिए काफी फायदेमंद होता हैं।

दालचीनी

दालचीनी सिर्फ गर्म मसाला ही नहीं, बल्कि एक औषधि भी है। यह कमजोर मस्तिष्‍क की अच्‍छी दवा है। रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और मस्तिष्‍क की शक्ति बढ़ती है।

जायफल

अपनी गर्म तासीर के कारण बहुत थोड़ी मात्रा में उपयोग होने वाला जायफल के सेवन से मस्तिष्‍क बहुत तेज बनाता है। इसको खाने से आपको कभी एल्‍जाइमर यानी भूलने की बीमारी नहीं होती।

काली मिर्च

छोटी सी दिखने वाली काली मिर्च खाने के स्‍वाद को बढ़ाने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर भी है। मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने में काली मिर्च लाभप्रद होती है। 25 ग्राम मक्खन में 5-6 कालीमिर्च मिलाकर नित्य चाटने से मस्तिष्‍क तेज होता है।

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