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मंगलवार, 7 जून 2016

देश में दूसरा व् जोधपुर में पहला ग्राम पंचायत के डिजिटल ऐप बनाया युवा जितेंद्र फुलवारिया ने #daijar digital india

देश में दूसरा व् जोधपुर में पहला ग्राम पंचायत के डिजिटल ऐप बनाया युवा जितेंद्र फुलवारिया ने

https://play.google.com/store/apps/details?id=daijargram.panchayat&hl=en-GB


जोधपुर 7 जून| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरे भारत के सारे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के हर नागरिक को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत सरकार से जोड़ने एवं डिजिटॅली साक्षर करने के मिशन से प्रेरित होकर जोधपुर लोकसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत के युवा सामाजिक कार्यकर्ता श्री जितेंद्र फुलवारिया ने अपनी दईजर ग्राम पंचायत को डिजिटल एप के माध्यम से गाव के हर नागरिक को डिजिटली जोड़कर सरकार द्वारा आम जनता के लिए चलाई जाने वाली समस्त योजनाए, सुविधाए, सरकारी मदद केसे प्राप्त करे, इसका आवेदन केसे करे, सभी सरकारी विभागो की विस्तृत  जानकारी एवं उन विभागों द्वारा संचालित सभी योजनाओ का सीधा लाभ लेने हेतु संपूर्ण जानकारी इस एप पर उपलब्ध करवाई है
इस एप के मध्यम से हर नागरिक अपनी पंचायत से स्वयं को सीधा जुड़ा हुआ महसूस करेगा| इस एप मे ग्राम पंचायत दईजर गांव के बारे मे समस्त जानकारी एवं ग्राम पंचायत द्वारा अब तक किए गये समस्त कार्य व गाव के सभी नागरिको की सुविधा के लिए चलाई जा रही योजनाओ की जानकारी सीधे सरकार से आम नागरिक को मिल सकेगी|


श्री जितेंद्र फुलवारिया ने इस एप का विमोचन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद जी द्वारा माहेश्वरी भवन मे आज सभी गणमान्य नेताओं की उपस्थिति में करवाया एवं इस अवसर पर मंत्री श्री रविशंकर जी ने बताया की इस एप को बनाने मे दईजर ग्राम पंचायत का जोधपुर मे प्रथम व भारत मे दूसरा स्थान है इस अवसर पर भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत जी, भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती सरोज पांडे जी, सांसद रामनारायण जी दूडी, सांसद गजेंद्र जी शेखावत, पंचायती राज मंत्री सुरेंद्र जी गोयल, , सांसद  पी पी चौधरी,  लुणी विधायक जोगाराम पटेल, महापौर घनश्याम जी ओझा, भाजपा जिलाध्यक्ष देहात पब्बाराम विश्नोई, सरोज प्रजापत,  जिला प्रमुख पूना राम चौधरी, मण्डोर प्रधान श्रीमती अनुश्री पुनिया, सांवरिया संस्था के कैलाशचंद्र  लढा आदि कई वरिष्ठ नागरिक व् नेता उपस्थित थे जिन्होंने इस ऐप की भूरी भूरी प्रशंसा की

https://market.android.com/details?id=daijargram.panchayat






केन्द्रीय संचार सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने मोबाइल में ग्राम पंचायत दईजर का एप्स मिडिया कान्फ्रेंस में बताते हुए किया संबोधित — #daijar digital india
Jai Shree Krishna

Thanks,

Regards,


कैलाश चन्द्र  लढा(भीलवाड़ा)www.sanwariya.org
sanwariyaa.blogspot.com 
Page: https://www.facebook.com/mastermindkailash

गुरुवार, 2 जून 2016

फेसबुक की मदद से बनीं फिल्म ‘मीराधा’ #meeradha


 फेसबुक की मदद से बनीं फिल्म ‘मीराधा’


नयी दिल्ली 01 जून (वार्ता) #meeradha सोशल मीडिया सूचनाओं के आदान-प्रदान और समीप तथा दूर के मित्रों से बातचीत का एक प्रभावी साधन है पर इसकी मदद से फिल्म का भी निर्माण किया जा सकता है, यह विचार शायद अभी तक किसी के दिमाग में नहीं आया था।
निर्माता सूर्य प्रकाश जेथलिया के दिमाग में यह विचार आया और उन्होंने सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्म ‘मीराधा’ का निर्माण भी कर लिया है, जो इस वर्ष जुलाई में रिलीज होगी।
‘मीराधा’ के निर्माता सूर्य प्रकाश जेथलिया ने कहा कि इस फिल्म के अभिनेताओं के साथ-साथ इसके गानों के बाेल लिखने वाले गीतकारों का भी चयन फेसबुक के माध्यम से हुआ है।
उन्होंने कहा “ फिल्म के लिए अभिनेताओं का चयन हमने फेसबुक के उनके प्रोफाइल को देख कर किया है।
फिल्म के मुख्य कलाकार संदेश गौर, वीनस जैन और सुहानी जेथलिया को उनके फेसबुक प्राेफाइल के जरिये चुना गया है, यहीं नहीं फिल्म के गीतकारों को भी फेसबुक केे जरिये ही चुना गया है।
” संदेश गौर ने जहां ‘सीआईडी’, ‘प्रतिज्ञा’, ‘सरस्वती चंद्र’, ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ और ‘एक लक्ष्य’ जैसे टीवी सीरियलों में काम किया है वहीं वीनस जैन और सुहानी जेथलिया इस फिल्म के जरिये अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत कर रहे है।
‘मीराधा’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले सूर्य प्रकाश जेथलिया ने कहा कि इस फिल्म की पूरी शूटिंग राजस्थान के भीलवाडा में हुई है और राजस्थान से इसका लगाव जरूर है लेकिन इसका विषय ऐसा है जिससे हर दर्शक इससे जुडा हुआ महसूस करेगा।
उन्होंने कहा “ इस फिल्म के जरिये हम बेटियों और महिलाओं से जुडे मुद्दे उठाने के साथ सर्वधर्म सदभाव का संदेश भी दे रहे है।
संदेश देने के साथ साथ इसमें मनोरंजन का तड़का भी खूब लगा है।
” मीरा, राधा आैर कृष्ण की कहानी को अाधुनिक तरीके से कहने वाली इस फिल्म के गानों में जावेद अली और शान जैसे गायकों ने आवाज दी है।
सूर्यप्रकाश जेथलिया ने सरकार से फिल्म को कर मुक्त करने की भी मांग की है ताकि सामाजिक संदेश देने वाली ऐसी और फिल्में भी बन सके।





बुधवार, 1 जून 2016

बॉलीवुड को मुंबई से भीलवाड़ा मे लाने वाले श्री सूर्यप्रकाशजी जेथलिया से खास मुलाकात #meeradha

ज़िंदगी क्या है और क्या होनी चाहिए, यह बताती है फिल्म "मीराधा" #meeradha

#meeradha

सुहानी का फ़िल्मी सफ़र सुहाना होगा,,,मीराधा फ़िल्म का हर कोई दीवाना होगा #meeradha

सुहानी का फ़िल्मी सफ़र सुहाना होगा,,,मीराधा फ़िल्म का हर कोई दीवाना होगा,,,,,,sp साहेब जी की मेहनत रंग लाएगी,,,,,,और फ़िल्म हमारी सुपर डुपर हिट हो जायेगी,,,,इसी आशा और उम्मीद के साथ,,,wish u all de best suhani nd entire unit,,,,,विशेषकर श्री Surya Prakash Jethlia जी जो इस फ़िल्म के निर्माता है,,जिनकी मेहनत का परिणाम है MERAADHA,,,,दोस्तों इस फ़िल्म को हमे SUPPORT करना क्यों की ये FB FRIENDS की फ़िल्म है,,,,#meeradha

Bollywood at Bhilwara presents हिन्दी फिल्म "मीराधा" #meeradha

हरएक क्षेत्र में बज रहा है माहेश्वरीयों का डंका
सूर्यप्रकाशजी जेथलिया द्वारा निर्मित, सुहानी जेथलिया के अभिनय के लिए सराही गई हिन्दी फिल्म "मीराधा" #meeradha

मंगलवार, 31 मई 2016

यदि पत्नी के माँगके बीचो बीच सिन्दूर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यू नही हो सकती है।


यदि पत्नी के माँगके बीचो बीच सिन्दूर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यू नही हो सकती है।
जो स्त्री अपने माँगके सिन्दूर को बालोसे छिपा लेती है उसका पति समाजमेँ छिप जाता है
जो स्त्री बीच माँग मेँ सिन्दूर न लगाकर किनारे की तरफ सिन्दूर लगाती है उसका पति उससे किनारा कर लेता है।
यदि स्त्रीके बीच माँग मेँ सिन्दूर भरा है तो उसके पति की आयु लम्बी होतीहै।
रामायण मेँ एक प्रसंग आता है जब बालि और सुग्रीवके बीच युध्द हो रहा था तब श्रीरामने बालि को नही मारा।
जब बालि के हाथो मार खाकर सुग्रीव श्रीरामके पास पहुचा तो श्रीरामने कहा की तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है इसिलिये मैँ भ्रमित हो गया
अब आप ही बताइये श्रीरामके नजरोसे भला कोई छुप सकता है क्या?
असली बात तो यह थी जब श्रीराम ने यह देख लिया की बालि की पत्नी तारा का माँग सिन्दूरसे भरा हुआ है तो उन्होने सिन्दूरका सम्मान करते हुये बालि को नही मारा ।
दूसरी बार जब सुग्रीवने बालिको ललकारा तब तारा स्नान कर रही थी उसी समय भगवानने देखा की मौका अच्छा है और बाण छोड दिया अब आप ही बताइये की जब माँग मेँ सिन्दूर भरा हो तो
परमात्मा भी उसको नही मारते फिर उनके सिवाय कोई और क्या मारेगा।
यह पोस्ट मै इसीलिये कर रही हुँ की आजकल फैसन चल रहा है सिन्दूर न लगाने की या हल्का लगाने की या बीच माँग मेँ न लगाकर किनारे लगाने की ।
मैँ आशा करती हुँ की मेरे इस पोस्टसे आप लोग सिन्दूरका महत्व समझ गयी होँगी और अपने पतिकी लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थय के लिये अपने पतिके नामका सिन्दूर अपने माँगमेँ भरे रहेगी🚩🚩🚩🚩
🌺जय श्री राम

मौत को छोड कर हर मर्ज की दवाई है कलौंजी

कलौंजी : बड़ी से बड़ी बीमारी का एक इलाज

“मौत को छोड कर हर मर्ज की दवाई है कलौंजी…..! “

कलयुग में धरती पर संजीवनी है कलौंजी, अनगिनत रोगों को चुटकियों में ठीक करता है।

कैसे करें इसका सेवन

कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है।
एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन करें।
पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पीएं।
दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पीएं।
कलौंजी को ग्राइंड करें तथा पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।
कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर इसका सेवन करें।

ये किन -किन रोगों में सहायक है :-



टाइप-2 डायबिटीज
प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।

मिर्गी
2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन दौरे को कम करता है।

उच्च रक्तचाप
100 या 200 मिलीग्राम कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लड प्रैशर कम होता है।

दमा :

कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

रक्तचाप (ब्लडप्रेशर)
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है। तथा 28 मिलीलीटर जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मालिश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।

गंजापन
जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर होकर बाल उग आते हैं।

त्वचा के विकार
कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं।

लकवा
कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।

कान की सूजन, बहरापन
कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।

सर्दी-जुकाम
कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघने से और कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है। आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जाएं और केवल तेल ही रह जाएं। इसके बाद इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें। इससे सर्दी-जुकाम ठीक होता है। यह पुराने जुकाम भी लाभकारी होता है।

पेट के कीडे़
10 ग्राम कलौंजी को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ रात सोते समय कुछ दिन तक नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।

प्रसव की पीड़ा
कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा दूर होती है।

पोलियों का रोग
आधे कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद व आधे चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लें। इससे पोलियों का रोग ठीक होता है।

मुंहासे
सिरके में कलौंजी को पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर लगाएं और सुबह पानी से चेहरे को साफ करने से मुंहासे कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं।

स्फूर्ति
स्फूर्ति (रीवायटल) के लिए नांरगी के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करने से आलस्य और थकान दूर होती है।

गठिया
कलौंजी को रीठा के पत्तों के साथ काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग समाप्त होता है।

जोड़ों का दर्द
एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।

आंखों के सभी रोग
आंखों की लाली, मोतियाबिन्द, आंखों से पानी का आना, आंखों की रोशनी कम होना आदि। इस तरह के आंखों के रोगों में एक कप गाजर का रस, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2बार सेवन करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक होते हैं। आंखों के चारों और तथा पलकों पर कलौंजी का तेल रात को सोते समय लगाएं। इससे आंखों के रोग समाप्त होते हैं। रोगी को अचार, बैंगन, अंडा व मछली नहीं खाना चाहिए।

स्नायुविक व मानसिक तनाव
एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक व मानसिक तनाव दूर होता है।

गांठ
कलौंजी के तेल को गांठो पर लगाने और एक चम्मच कलौंजी का तेल गर्म दूध में डालकर पीने से गांठ नष्ट होती है।

मलेरिया का बुखार
पिसी हुई कलौंजी आधा चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है।

स्वप्नदोष
यदि रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें। इससे स्वप्नदोष दूर होता है। प्रतिदिन कलौंजी के तेल की चार बूंद एक चम्मच नारियल तेल में मिलाकर सोते समय सिर में लगाने स्वप्न दोष का रोग ठीक होता है। उपचार करते समय नींबू का सेवन न करें।

कब्ज
चीनी 5 ग्राम, सोनामुखी 4 ग्राम, 1 गिलास हल्का गर्म दूध और आधा चम्मच कलौंजी का तेल। इन सभी को एक साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से कब्ज नष्ट होती है।

खून की कमी
एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबाल लें और इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें। इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

पेट दर्द
किसी भी कारण से पेट दर्द हो एक गिलास नींबू पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीएं। उपचार करते समय रोगी को बेसन की चीजे नहीं खानी चाहिए। या चुटकी भर नमक और आधे चम्मच कलौंजी के तेल को आधा गिलास हल्का गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है। या फिर 1 गिलास मौसमी के रस में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।

सिर दर्द
कलौंजी के तेल को ललाट से कानों तक अच्छी तरह मलनें और आधा चम्मच कलौंजी के तेल को 1 चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर दर्द ठीक होता है। कलौंजी खाने के साथ सिर पर कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर मालिश करें। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है और सिर से सम्बंधित अन्य रोगों भी दूर होते हैं।
कलौंजी के बीजों को गर्म करके पीस लें और कपड़े में बांधकर सूंघें। इससे सिर का दर्द दूर होता है। कलौंजी और काला जीरा बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और माथे पर लेप करें। इससे सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।

उल्टी
आधा चम्मच कलौंजी का तेल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से उल्टी बंद होती है।

हार्निया
3 चम्मच करेले का रस और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय पीने से हार्निया रोग ठीक होता है।

मिर्गी के दौरें
एक कप गर्म पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मिर्गी के दौरें ठीक होते हैं। मिर्गी के रोगी को ठंडी चीजे जैसे- अमरूद, केला, सीताफल आदि नहीं देना चाहिए।

पीलिया
एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार सुबह खाली पेट और रात को सोते समय 1 सप्ताह तक लेने से पीलिया रोग समाप्त होता है। पीलिया से पीड़ित रोगी को खाने में मसालेदार व खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

कैंसर का रोग
एक गिलास अंगूर के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 3 बार पीने से कैंसर का रोग ठीक होता है। इससे आंतों का कैंसर, ब्लड कैंसर व गले का कैंसर आदि में भी लाभ मिलता है। इस रोग में रोगी को औषधि देने के साथ ही एक किलो जौ के आटे में 2 किलो गेहूं का आटा मिलाकर इसकी रोटी, दलिया बनाकर रोगी को देना चाहिए। इस रोग में आलू, अरबी और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। कैंसर के रोगी को कलौंजी डालकर हलवा बनाकर खाना चाहिए।

दांत
कलौंजी का तेल और लौंग का तेल 1-1 बूंद मिलाकर दांत व मसूढ़ों पर लगाने से दर्द ठीक होता है। आग में सेंधानमक जलाकर बारीक पीस लें और इसमें 2-4 बूंदे कलौंजी का तेल डालकर दांत साफ करें। इससे साफ व स्वस्थ रहते हैं।
दांतों में कीड़े लगना व खोखलापन: रात को सोते समय कलौंजी के तेल में रुई को भिगोकर खोखले दांतों में रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।

नींद
रात में सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।

मासिकधर्म
कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से मासिकधर्म शुरू होता है। इससे गर्भपात होने की संभावना नहीं रहती है।
जिन माताओं बहनों को मासिकधर्म कष्ट से आता है उनके लिए कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मासिकस्राव का कष्ट दूर होता है और बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से ऋतुस्राव की पीड़ा नष्ट होती है।
मासिकधर्म की अनियमितता में लगभग आधा से डेढ़ ग्राम की मात्रा में कलौंजी के चूर्ण का सेवन करने से मासिकधर्म नियमित समय पर आने लगता है।
यदि मासिकस्राव बंद हो गया हो और पेट में दर्द रहता हो तो एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।

गर्भवती महिलाओं
कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करने से मासिकस्राव शुरू होता है।

गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।

स्तनों का आकार
कलौंजी आधे से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से स्तनों का आकार बढ़ता है और स्तन सुडौल बनता है।

स्तनों में दुध
कलौंजी को आधे से 1 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से स्तनों में दुध बढ़ता है।

स्त्रियों के चेहरे व हाथ-पैरों की सूजन:
कलौंजी पीसकर लेप करने से हाथ पैरों की सूजन दूर होती है।

बाल लम्बे व घने
50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से बालों को धोएं। इससे बाल लम्बे व घने होते हैं।

बेरी-बेरी रोग
बेरी-बेरी रोग में कलौंजी को पीसकर हाथ-पैरों की सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है।

भूख का अधिक लगना
50 ग्राम कलौंजी को सिरके में रात को भिगो दें और सूबह पीसकर शहद में मिलाकर 4-5 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे भूख का अधिक लगना कम होता है।

नपुंसकता
कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर पीने से नपुंसकता दूर होती है।

खाज-खुजली
50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीस लें और इसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस व 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप बना लें। यह लेप खाज-खुजली में प्रतिदिन लगाने से रोग ठीक होता है।

नाड़ी का छूटना
नाड़ी का छूटना के लिए आधे से 1 ग्राम कालौंजी को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर होता है और नाड़ी की गति भी तेज होती है। इस रोग में आधे से 1ग्राम कालौंजी हर 6 घंटे पर लें और ठीक होने पर इसका प्रयोग बंद कर दें।
कलौंजी को पीसकर लेप करने से नाड़ी की जलन व सूजन दूर होती है।

हिचकी
एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। तथा कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में मठ्ठे के साथ प्रतिदिन 3-4 बार सेवन से हिचकी दूर होती है। या फिर कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम मक्खन के साथ खाने से हिचकी दूर होती है। और यदि आप काले उड़द चिलम में रखकर तम्बाकू के साथ पीने से हिचकी में लाभ होता है।
3 ग्राम कलौंजी पीसकर दही के पानी में मिलाकर खाने से हिचकी ठीक होती है।

स्मरण शक्ति
लगभग 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी को पीसकर 2 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

छींके
कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।

पेट की गैस
कलौंजी, जीरा और अजवाइन को बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद लेने से पेट की गैस नष्ट होता है।

पेशाब की जलन
250 मिलीलीटर दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।

दमा रोग (ASTHMA)
एक चुटकी नमक, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच घी मिलाकर छाती और गले पर मालिश करें और साथ ही आधा चम्मच कलौंजी का तेल 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे दमा रोग में आराम मिलता है।

पथरी
250 ग्राम कलौंजी पीसकर 125 ग्राम शहद में मिला लें और फिर इसमें आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार खाली पेट सेवन करें। इस तरह 21 दिन तक पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।

सूजन
यदि चोट या मोच आने के कारण शरीर के किसी भी स्थान पर सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए कलौंजी को पानी में पीसकर लगाएं। इससे सूजन दूर होती है और दर्द ठीक होता है। कलौंजी को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है।

स्नायु की पीड़ा
दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से स्नायु की पीड़ा समाप्त होती है।

जुकाम
20 ग्राम कलौंजी को अच्छी तरह से पकाकर किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम ठीक होता है।
जैतून के तेल में कलौंजी का बारीक चूर्ण मिलाकर कपड़े में छानकर बूंद-बूंद करके नाक में डालने से बार-बार जुकाम में छींक आनी बंद हो जाती हैं और जुकाम ठीक होता है। कलौंजी को सूंघने से जुकाम में आराम मिलता है।
यदि बार-बार छींके आती हो तो कलौंजी के बीजों को पीसकर सूंघें।

बवासीर के मस्से
कलौंजी की भस्म को मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर का रोग समाप्त होता है।

वात रोग
वात रोग में कलौंजी के तेल से रोगग्रस्त अंगों पर मालिश करने से वात की बीमारी दूर होती है।

नोट: ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है।

साइटिका का सफल इलाज और लक्षण -

साइटिका का सफल इलाज और लक्षण -
एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना गृध्रसी या रिंगण बाय कहलाता है। प्रायः पैर के पंजे से लेकर कूल्हे तक दर्द होता है जो लगातार होता रहता है। मुख्य लक्षण यह है कि दर्द केवल एक पैर मे होता है। दर्द इतना अधिक होता है कि रोगी सो भी नहीं पाता।
चिकित्सा -
ये चिकित्सा बहुत अनुभव की है। बहुत अधिक परेशानी मे मे भी तीन दिन मे फायदा हो जाता है स्थायी लाभ के लिए 10-15 दिन जरूर प्रयोग करें।
हारसिंगार, पारिजात के 10-15 मुलायम पत्ते तोड़ लाएँ। पत्तों को धो कर मिक्सी मे या कैसे ही थोड़ा सा कूट पीस ले। बहुत अधिक बारीक पीसने कि जरूरत नहीं है। एक गिलास पानी मे धीमी आंच पर उबालें। चाय कि तरह छान कर गरम गरम पानी (काढ़ा) पी ले। प्रतिदिन दो बार पीजिये, पहली बार मे ही 10% फायदा होगा । काढ़े से 15 मिनट पहले और 1 घंटा बाद तक ठंडा पानी न पियें।
दही लस्सी और अचार न खाएं। बार बार प्रयोग किया है । कभी असफल नहीं हुआ। पारिजात (Nyctanthes arbor-tristis) एक पुष्प देने वाला वृक्ष है। इसे परिजात, हरसिंगार, शेफाली, शिउली आदि नामो से भी जाना जाता है। इसका वृक्ष 10 से 15 फीट ऊँचा होता है। इसका वानस्पतिक नाम 'निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस' है। पारिजात पर सुन्दर व सुगन्धित फूल लगते हैं। यह सब स्थानो पर मिलता है। इसकी सबसे बड़ी पहचान है सफ़ेद फूल केसरिया डंडी। सुबह सब फूल झड़ जाते है।
इसके साथ योगराज गुग्गल व वातविध्वंसक वटी एक एक गोली दोनों समय लें । आवश्यकतानुसार इस उपचार को 40 से 45 दिनों तक करलें ।
अन्य उपचार-
एरण्ड के बीजों की पोटली बनालें व इसे तवे पर गर्म करके जहाँ दर्द हो वहाँ सेंकने से दर्द दूर होता है ।
एक गिलास दूध में एक कप पानी डाल दें और इसमें लहसुन की 6-7 कलियां काटकर डाल दें । फिर इसे इतना उबालें कि यह आधा रह जाए तो ठण्डा होने पर पी लें । यह सायटिका की उत्तम दवा मानी जाती है ।
सायटिका के दर्द को दूर करने के लिये आधा कप गोमूत्र में डेढ कप केस्टर आईल (अरण्डी का तेल) मिलाकर सोते समय एक माह पीने से यह दुष्ट रोग चला जाता है ।
निर्गुण्डी के 100 ग्राम बीज साफ करके कूट-पीसकर बराबर मात्रा की 10 पुडिया बना लें । सूर्योदय से पहले आटे या रवे का हलवा बनाएँ और उसमें शुद्ध घी व गुड का प्रयोग करें, वेजीटेबल घी व शक्कर का नहीं । जितना हलवा खा सकें उतनी मात्रा में हलवा लेकर एक पुडिया का चूर्ण उसमें मिलाकर हलवा खा लें और फिर सो जाएँ । इसे खाकर पानी न पिएँ सिर्फ कुल्ला करके मुँह साफ करलें । दस पुडिया दस दिन में इस विधि से सेवन करने पर सायटिका, जोडों का दर्द, कमर व घुटनों का दर्द होना बन्द हो जाता है । इस अवधि में पेट साफ रखें व कब्ज न होने दें ।
मीठी सुरंजान 20 ग्राम, सनाय 20 ग्राम, सौंफ़ 20 ग्राम, शुद्ध गंधक 20 ग्राम, मेदा लकड़ी 20 ग्राम, छोटी हरड़ 20 ग्राम, सेंधा नमक 20 ग्राम। इन सब को मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म पानी से लीजिये।
लौहभस्म 20 ग्राम, रस सिंदूर 20 ग्राम, विषतिंदुक बटी 10 ग्राम, त्रिकटु चूर्ण 20 ग्राम इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर 250 मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिये और दो-दो गोली दिन में तीन बार गर्म पानी से लीजिये।
दवा खाली पेट न लें, बासी भोजन और बाजारू आहार हरगिज न खाएं। कोक पेप्सी बिलकुल न पिएं। तीन माह तक इस उपचार को लगातार ले लेने से आपकी समस्या स्थायी तौर पर खत्म हो जाएगी। लाभ भी आपको मात्र तीन दिन में ही दिखने लगेगा।

हरसिंगार के पत्ते हड्डियों के लिए रामबाण हे

हरसिंगार एक महाऔषधि हैं आइए जाने इसके महागुण मैं खुद अपनी आप बीती बताती हूँ । मेरे रीढ़ की हड्डीयो में १४ जगह गैप हो गया था और पैरों की हड्डियां तो बिल्कुल घस चुकी थी डाक्टरों ने आपरेशन करने को कहा था चलफिर नहीं पाती थी दिन भर दर्द से परेशान रहती पेनकिलर खा खा कर पेट की हालत बदतर हो गई थी । उसी बीच s.s y ( सिद्ध समाधि योग ) का कैम्प लगा मैं वहाँ गईं और वहीं से मुझे हरसिंगार के बारे में पता लगा मैंने इसका काढ़ा पीना शुरू किया । आप सभी को विश्वास नही होगा मै अभी पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हूँ और प्रतिदिन १० किलोमीटर पैदल चलती हूँ ।कोई तकलीफ नहीं है ।

हरसिंगार बुखार मलेरिया टायफड और साईटिक में भी लाभकारी है

हरसिंगार के पत्ते हड्डियों के लिए रामबाण हे।।इस से गठिया रोग काफी हद तक सही कर देता हे।ये प्रमाणिक बात हे। राजीव दीक्षित ने भी इसे गुटनो के व् विभिन्न जॉइंट्स के लिए संजीवनी कहा हे

इसकी पहचान ये पान के पत्ते की तरह होते हे लेकिन इसकी सतह means उपरिभाग खुरदरी होती हे

इसके 5 या 7 पत्ते लेकर 1 लौटे पानी में रात को उबाले व् जब एक चौथाई पानी रह जाये तब रख दे व् सुबह उठते ही इसे पी ले व् 1 hour पहले व् बाद में कुछ नही ले।। तीन माह करने से बिमारी जड़ से सही हो जायेगी।।

जोडो के दर्द के लिये हरसिंगार न मिले तो सदाबहार का काढा बना कर पिये
पेट की चर्बी कम करने के लिए

हरसिंगार का काढ़ा बनाने के लिए सुबह दस पत्ते को चटनी की तरह बनाये और फिर उसे एक गलास पानी में खौला कर चौथाई कर ले और उसे पीले तीन महीने में घुटनों जो लुबरीकेशन घट गया है वो भी ठीक हो जाएगा

आर्थराइटिस का उपचार :-----------
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१. दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritis और Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे जिसका नाम है चुना, वोही चुना जो आप पान मे खाते हो | गेहूं के दाने के बराबर चुना रोज सुबह खाली पेट एक कप दही मे मिलाके खाना चाहिए, नही तो दाल मे मिलाके, नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक, तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर आपके हात या पैर के हड्डी मे खट खट आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा |

२. दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अछि दावा है मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच की गिलास मे गरम पानी लेके उसमे डालना, फिर उसको रात भर भिगोके रखना | सबेरे उठके पानी सिप सिप करके पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तिन महीने तक लेने से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |

३. ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़ जुके है, चाल्लिस साल से तकलीफ है या तिस साल से तकलीफ है, कोई कहेगा बीस साल से तकलीफ है, और ऐसी हालत हो सकती है के वे दो कदम भी न चल सके, हात भी नही हिला सकते है, लेटे रहते है बेड पे, करवट भी नही बदल सकते ऐसी अवस्था हो गयी है .... ऐसे रोगियों के लिए एक बहुत अछि औषधि है जो इसीके लिए काम आती है | एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हरसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुसबू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पिलाना है जिसको भी बीस तिस चाल्लिस साल पुराना आर्थराइटिस हो या जोड़ो का दर्द हो | यह उन सबके लिए अमृत की तरह काम करेगा | इसको तिन महिना लगातार देना है अगर पूरी तरह ठीक नही हुआ तो फिर 10-15 दिन का गैप देके फिर से तिन महीने देना है | अधिकतम केसेस मे जादा से जादा एक से देड महीने मे रोगी ठीक हो जाते है | इसको हर रोज नया बनाके पीना है | ये औषधि exclusiveExclusive है और बहुत strong औषधि है इसलिए अकेली हि देना चाहिये, इसके साथ कोई भी दूसरी दावा न दे नही तो तकलीफ होगी | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |

बुखार का दर्द का उपचार :

डेंगू जैसे बुखार मे शरीर मे बहुत दर्द होता है .. बुखार चला जाता है पर कई बार दर्द नही जाता | ऐसे केसेस मे आप हरसिंगार की पत्ते की काड़ा इस्तेमाल करे, 10-15 दिन मे ठीक हो जायेगा |

घुटने मत बदलिए :

RA Factor जिनका प्रोब्लेमाटिक है और डॉक्टर कहता है के इसके ठीक होने का कोई चांस नही है | कई बार कार्टिलेज पूरी तरह से ख़तम हो जाती है और डॉक्टर कहते है के अब कोई चांस नही है Knee Joints आपको replace करने हि पड़ेंगे, Hip joints आपको replace करने हि पड़ेंगे | तो जिनके घुटने निकाल के नया लगाने की नौबत आ गयी हो, Hip joints निकालके नया लगाना पड़ रहा हो उन सबके लिए यह औषधि है जिसका नाम है हरसिंगार का काड़ा |

राजीव भाई का कहना है के आप कभी भी Knee Joints को और Hip joints को replace मत कराइए | चाहे कितना भी अच्छा डॉक्टर आये और कितना भी बड़ा गारंटी दे पर कभी भी मत करिये | भगवान की जो बनाई हुई है आपको कोई भी दोबारा बनाके नही दे सकता | आपके पास जो है उसिको repair करके काम चलाइए | हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री अटलजी ने यह प्रयास किया था, Knee Joints का replace हुआ अमेरिका के एक बहुत बड़े डॉक्टर ने किया पर आज उनकी तकलीफ पहले से जादा है | पहले तो थोडा बहुत चल लेते थे अब चलना बिलकुल बंध हो गया है कुर्सी पे ले जाना पड़ता है | आप सोचिये जब प्रधानमंत्री के साथ यह हो सकता है आप तो आम आदमी है |

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