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शुक्रवार, 9 जून 2017

क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

1बार मैं अपने अंकल के साथ एक बैंक में गया, क्यूँकि उन्हें कुछ पैसा कही ट्रान्सफ़र करना था।
ये स्टेट बैंक एक छोटे से क़स्बे के छोटे से इलाक़े में था। वहां एक घंटे बिताने के बाद जब हम व हां से निकले तो उन्हें पूछने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाया।
अंकल क्यूँ ना हम घर पर ही इंटर्नेट बैंकिंग चालू कर ले?
अंकल ने कहा ऐसा मैं क्यूँ करूँ ?
तो मैंने कहा कि अब छोटे छोटे ट्रान्सफ़र के लिए बैंक आने की और एक घंटा टाइम ख़राब करने की ज़रूरत नहीं, और आप जब चाहे तब घर बैठे अपनी ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। हर चीज़ बहुत आसान हो जाएगी। मैं बहुत उत्सुक था उन्हें नेट बैंकिंग की दुनिया के बारे में विस्तार से बताने के लिए। इस पर उन्होंने पूछा अगर मैं ऐसा करता हूँ तो क्या मुझे घर से बाहर निकलने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी? मुझे बैंक जाने की भी ज़रूरत नहीं?
मैंने उत्सुकतावश कहा, हाँ आपको कही जाने की जरुरत नही पड़ेगी और आपको किराने का सामान भी घर बैठे ही डिलिवरी हो जाएगा और ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट व स्नैपडील सबकुछ घर पे ही डिलिवरी करते हैं।
उन्होने इस बात पे जो जवाब मुझे दिया उसने मेरी बोलती बंद कर दी।
उन्होंने कहा आज सुबह जब से मैं इस बैंक में आया, मै अपने चार मित्रों से मिला और मैंने उन कर्मचारियों से बातें भी की जो मुझे जानते हैं। मेरे बच्चें दूसरे शहर में नौकरी करते है और कभी कभार ही मुझसे मिलने आते जाते हैं, पर आज ये वो लोग हैं जिनका साथ मुझे चाहिए। मैं अपने आप को तैयार कर के बैंक में आना पसंद करता हुँ, यहाँ जो अपनापन मुझे मिलता है उसके लिए ही मैं वक़्त निकालता हूँ।
दो साल पहले की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था। जिस मोबाइल दुकानदार से मैं रीचार्ज करवाता हूं, वो मुझे देखने आया और मेरे पास बैठ कर मुझसे सहानुभूति जताई और उसने मुझसे कहा कि मैं आपकी किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हूँ।
वो आदमी जो हर महीने मेरे घर आकर मेरे यूटिलिटी बिल्स ले जाकर ख़ुद से भर आता था, जिसके बदले मैं उसे थोड़े बहुत पैसे दे देता था उस आदमी के लिए कमाई का यही एक ज़रिया था और उसे ख़ुद को रिटायरमेंट के बाद व्यस्त रखने का तरीक़ा भी !
कुछ दिन पहले मोर्निंग वॉक करते वक़्त अचानक मेरी पत्नी गिर पड़ी, मेरे किराने वाले दुकानदार की नज़र उस पर गई, उसने तुरंत अपनी कार में डाल कर उसको घर पहुँचाया क्यूँकि वो जानता था कि वो कहा रहती हैं।
अगर सारी चीज़ें ऑन लाइन ही हो गई तो मानवता, अपनापन, रिश्ते - नाते सब ख़त्म ही नही हो जाएँगे !
मैं हर वस्तु अपने घर पर ही क्यूँ मँगाऊँ ?
मैं अपने आपको सिर्फ़ अपने कम्प्यूटर से ही बातें करने में क्यूँ झोंकू ?
मैं उन लोगों को जानना चाहता हूँ जिनके साथ मेरा लेन-देन का व्यवहार है, जो कि मेरी निगाहों में सिर्फ़ दुकानदार नहीं हैं।
इससे हमारे बीच एक रिश्ता, एक बन्धन क़ायम होता है !
क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

फिर उन्होने बड़े पते की एक बात कही जो मुझे बहुत ही विचारणीय लगी, आशा हैं आप भी इस पर चिंतन करेंगे....
उन्होने कहां कि ये घर बैठे सामान मंगवाने की सुविधा देने वाला व्यापार उन देशों मे फलता फूलता हैं जहां आबादी कम हैं और लेबर काफी मंहगी है।
अपने भारत जैसे १२५ करोड़ की आबादी वाले गरीब एंव मध्यम वर्गीय बहुल देश मे इन सुविधाओं को बढ़ावा देना आज तो नया होने के कारण अच्छा लग सकता हैं पर इसके दूरगामी प्रभाव बहुत ज्यादा नुकसानदायक होंगे।
देश मे ८०% जो व्यापार छोटे छोटे दुकानदार गली मोहल्लों मे कर रहे हैं वे सब बंद हो जायेगे और बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुंच जायेगी।
अधिकतर व्यापार कुछ गिने चुने लोगों के हाथों मे चला जायेगा और बाकी जनता बेकारी की ओर अग्रसर हो जायेगी।
मैं आजतक उनको क्या जबाब दूं ये नही समझ पाया हूं, अगर आप को कोई सटीक जबाब मिले तो मुझसे जरुर शेयर करे।
प्रिय मित्रों, अगर आप इन बातों से सहमत हैं तो इस मेसिज को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और अपने दूसरे जानने वालो के ग्रूप्स में भी शेयर करे तथा इसके दूरगामी परिणामों के बारे मे आपकी राय भी मुझे बताये। आप का
🙏 🙏
सुप्रभातम्

Update & Upgrade Time to Time. समय के साथ चलिये और सफलता पाईये ।

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समय के साथ चलिये और सफलता पाईये ।




आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया।अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दूकान आजकल मोबाइल फोन की है।
sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।

अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।

1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।

Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

Paytm, ola cabs , oyo rooms जैसे अनेक उदाहरण हैं।

US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।

Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।

2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।

Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा।जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।

*समय के साथ बदलने की तैयारी करो।*
 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

HMT *(घडी)*
BAJAJ *(स्कूटर)*
DYNORA *(टीवी)*
MURPHY *(रेडियो)*
NOKIA *(मोबाइल)*
RAJDOOT *(बाईक)*
AMBASDO *( कार)*

👉 मित्रों..इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए.!!
कारण...
*समयके साथ बदलाव*
*नहीं किया.!!*

इसलिए...
व्यक्तिको समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने
*स्वभावमें भी बदलाव*
करते रहना चाहिएँ.!!
👉 *Update & Upgrade*
*Time to Time.!!*
समयके साथ चलिये और सफलता पाईये ।
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*SUCCESS MANTRA*

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बुधवार, 26 अप्रैल 2017

पंचांग एवं राशिफल 26 april 2017

.     ।।  🕉  ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द..................5119
विक्रम संवत्................2074
शक संवत्...................1939
मास..........................बैशाख
पक्ष.............................कृष्ण
तिथी.....................अमावस्या
संध्या 05.46 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
तिथि स्वामी.............विश्वदेव
नित्यदेवी.....................चित्रा
रवि......................उत्तरायण
सूर्योदय...........05.58.19 पर
सूर्यास्त...........06.51.56 पर
नक्षत्र.......................अश्विनी
संध्या 07.19 पर्यंत पश्चात भरणी
योग.............................प्रीती
रात्रि 08.41 पर्यंत पश्चात आयुष्यमान
करण........................चतुष्पद
प्रातः 07.29 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु...........................बसंत
दिन..........................बुधवार

💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
26 अप्रैल सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.24 से 01.59 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा -
यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............8
🔯 शुभ रंग...............हरा

💮 चौघडिया :-
प्रात: 06.01 से 07.36 तक लाभ
प्रात: 07.36 से 09.12 तक अमृत
प्रात: 10.48 से 12.24 तक शुभ
अप. 03.35 से 05.11 तक चंचल
सायं 05.11 से 06.47 तक लाभ
रात्रि 08.11 से 09.35 तक शुभ

💮 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ आमोदाय नमः ||

# *सुभाषितम्* :-
*अष्टावक्र गीता - एकादश अध्याय :-* 
चिन्तया जायते दुःखं
नान्यथेहेति निश्चयी।
तया हीनः सुखी शान्तः
सर्वत्र गलितस्पृहः॥११- ५॥
अर्थात :-
चिंता से ही दुःख उत्पन्न होते हैं किसी अन्य कारण से नहीं, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला, चिंता से रहित होकर सुखी, शांत और सभी इच्छाओं से मुक्त हो जाता है॥५॥

#‎ *आरोग्यं* :-
*पीरियड्स के दिनों में बहुत अधिक दर्द की समस्या*
*अजवाइन
अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं में गैस्ट्रिक
की समस्या बढ़ जाती है जिसकी वजह से भी पेट में तेज दर्द
होता है। अजवाइन का सेवन इससे निपटने में बेहद कारगर है।
आधा चम्मच अज्वाइन और आधा चम्मच नमक को मिलाकर
गुनगुने पानी के साथ पीने से दर्द से तुरंत राहत मिल
सकती है। इसके अलावा, पीरियड्स के दिनों में अज्वाइन
को चुकंदर, गाजर और खीरे के साथ जूस बनाकर पीने से
भी दर्द नहीं होता।

*अदरक
पीरियड्स में दर्द के दौरान अदरक का सेवन भी तुरंत राहत
पहुंचाता है। एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक
काटकर उबाल लें। चाहें तो इसमें स्वादानुसार शक्कर
भी मिलाएं। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें।

*डेयरी उत्पाद
दूध और दूध के बने उत्पाद का सेवन महिलाओं के लिए बहुत
जरूरी है। जिन महिलाओं के शरीर में कैल्शियम
की कमी होती है उन्हें मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं
अधिक होती हैं। ऐसे में न सिर्फ पीरियड्स बल्कि हमेशा दूध
व डेयरी उत्पाद का सेवन महलिओं के बहुत जरूरी है
क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।

*तुलसी
तुलसी एक बेहतरीन नैचुरल पेन किलर है जिसे पीरियड्स के
दर्द में बेझिझक ले सकते हैं। इसमें मौजूद कैफीक एसिड दर्द
में आराम पहुंचाता है। ऐसे में दर्द के समय तुलसी के पत्ते
को चाय में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है। अधिक
परेशानी हो तो आधा कप पानी में तुलसी के 7-8 पत्ते
डालकर उबालें और छानकर उसका सेवन करें।

*पपीता
कई बार पीरियड्स के दौरान फ्लो ठीक तरीके से न हो पाने
के कारण भी महिलाओं को अधिक दर्द होता है। ऐसे में पपीते
का सेवन एक बेहतरीन विकल्प है। इसके सेवन से पीरियड्स
के दौरान फ्लो ठीक संतुलित तरीके से होता है जिससे दर्द
नहीं होता।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा सफल रहेगी। जल्दबाजी न करें। चिंता रहेगी।
                              
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपव्यय से तनाव रहेगा। विरोध होगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी विवाद निपटेंगे।
 
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
डूबी हुई धनराशि प्राप्त होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यशवृद्धि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। व्यापारिक कार्यों से श्रीवृद्धि होगी।
                                 
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। धनप्राप्ति सुगम होगी। नवीन योजनाओं से लाभ होगा।
      
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
नई योजना बनेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। धर्म में रुचि रहेगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा।
           
👩🏻‍🎤 *राशि फलादेश कन्या* :-
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव। मशीन व वाहनादि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से बचें। कलह से हानि होगी। शुभचिंतक से मुलाकात का हर्ष होगा।
                          
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय से तनाव रहेगा। परोपकार में रुचि बढ़ेगी।
                            
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
शत्रु घुटने टकेंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। विवाद न करें। आजीविका की समस्या का हल होगा। उन्नति होगी।
                            
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
भय व पीड़ा का माहौल बन सकता है। विद्यार्थी वर्ग सफल रहेगा। संतान की चिंता रहेगी। स्वादिष्ट भोजन प्राप्त होगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रोग, चोट व चिंता तथा तनाव से बाधा उत्पन्न होगी। भागदौड़ रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। पारिवारिक कष्ट दूर होंगे।
                      
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कम प्रयास से अधिक लाभ होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। सुख के साधन जुटेंगे। विवाद से बचें। समस्याओं का अंत संभव है।
                     
🐳 *राशि फलादेश मीन* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। अज्ञात भय सताएगा। शत्रु परास्त होंगे। परिवार की चिंता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सश्रम किए गए कार्य पूर्ण होंगे।
   
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

रविवार, 26 मार्च 2017

भारतीय नववर्ष - नव संवत्सर विक्रम संवत 2074 || 28 March 2017

|| भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2074 ||   28 March 2017
हम कैसे मनायें नव वर्ष-नव संवत्सर..????
भारतीय और वैदिक नव वर्ष की पूर्व संध्या पर हमें दीपदान करना चाहिये। घरों में शाम को 7 बजे लगभग घण्टा-घडियाल व शंख बजाकर मंगल ध्वनि से नव वर्ष का स्वागत करें। इष्ट मित्रों को एसएमएस, इमेल एवं दूरभाष से नये वर्ष की शुभकामना भेजना प्रारम्भ कर देना चाहिये। नव वर्ष के दिन प्रातःकाल से पूर्व उठकर मंगलाचरण कर सूर्य को प्रणाम करें। हवन कर वातावरण शुद्ध करें। नये संकल्प करें। नवरात्रि के नो दिन साधना के शुरू हो जाते हैं तथा नवरात्र घट स्थापना की जाती है।
नव वर्ष का स्वागत करने के लिए अपने घर-द्वार को आम के पत्तों से अशोक पत्र से द्वार पर बन्दनवार लगाना चाहिये। नवीन वस्त्राभूषण धारण करना चाहिये। इसी दिन प्रातःकाल स्नान कर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल ले कर ‘ओम भूर्भुवः स्वः संवत्सर-अधिपति आवाहयामि पूजयामि च’ मंत्र से नव संवत्सर की पूजा करनी चाहिये एवं नव वर्ष के अशुभ फलों के निवारण हेतु ब्रह्माजी से प्रार्थना करनी चाहिये। हे भगवन्! आपकी कृपा से मेरा यह वर्ष मंगलमय एवं कल्याणकारी हो। इस संवत्सर के मध्य में आने वाले सभी अनिष्ट और विघ्न शांत हो जाये।

नव संवत्सर के दिन नीम के कोमल पत्तों और ऋतु काल के पुष्पों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री, इमली और अजवाइन मिलाकर खाने से रक्त विकार आदि शारीरिक रोग होने की संभावना नहीं रहती है तथा वर्षभर हम स्वस्थ रह सकते हैं। इतना न कर सके तो कम-से-कम चार-पाँच नीम की कोमल पत्त्यिाँ ही सेवन कर ले तो पर्याप्त रहता है। इससे चर्मरोग नहीं होते हैं। महाराष्ट्र में तथा मालवा में पूरनपोली या मीठी रोटी बनाने की प्रथा है। मराठी समाज में गुड़ी सजाकर भी बाहर लगाते हैं। यह गुड़ी नव वर्ष की पताका का ही स्वरूप है।

गुड़ी का अर्थ विजय पताका होती है। ‘युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों की संधि से बना है ‘युगादि‘ । आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा‘ के रूप में मनाया जाता है। विक्रमादित्य द्वारा शकों पर प्राप्त विजय तथा शालिवाहन द्वारा उन्हें भारत से बाहर निकालने पर इसी दिन आनंदोत्सव मनाया गया । इसी विजय के कारण प्रतिपदा को घर-घर पर ‘ध्वज पताकाएं’ तथा ‘गुढि़यां’ लगाई जाती है गुड़ी का मूल …संस्कृत के गूर्दः से माना गया है जिसका अर्थ… चिह्न, प्रतीक या पताका ….पतंग….आदि- कन्नड़ में कोडु जिसका मतलब है चोटी, ऊंचाई, शिखर, पताका आदि। मराठी में भी कोडि का अर्थ है शिखर, पताका। हिन्दी-पंजाबी में गुड़ी का एक अर्थ पतंग भी होता है। आसमान में ऊंचाई पर फहराने की वजह से इससे भी पताका का आशय स्थापित होता है।

भारत भर के सभी प्रान्तों में यह नव-वर्ष विभिन्न नामों से मनाया जाता है जो दिशा व स्थानानुसार सदैव मार्च-अप्रेल के माह में ही पड़ता है | गुड़ी पड़वा, होला मोहल्ला, युगादि, विशु, वैशाखी, कश्मीरी नवरेह, उगाडी, चेटीचंड, चित्रैय तिरुविजा आदि सभी की तिथि इस नव संवत्सर के आसपास ही आती है।

सच तो यह है कि विक्रम संवत् ही हमें अपनी संस्कृति की याद दिलाता है और कम से कम इस बात की अनुभूति तो होती है कि भारतीय संस्कृति से जुड़े सारे समुदाय इसे एक साथ बिना प्रचार प्रसार और नाटकीयता से परे हो कर मनाते हैं। हम सब भारतवासियों का कर्तव्य है कि पूर्ण रूप से वैज्ञानिक और भारतीय कैलेण्डर विक्रम संवत् के अनुसार इस दिन का स्वागत करें। पराधीनता एवं गुलामी के बाद अंग्रेजों ने हमें एक ऐसा रंग चढ़ाया कि हम अपने नव वर्ष को भूल कर-विस्मृत कर उनके रंग में रंग गये। उन्हीं की तरह एक जनवरी को नव वर्ष अधिकांश लोग मनाते आ रहे हैं। लेकिन अब देशवासी को अपनी भारतीयता के गौरव को याद कर नव वर्ष विक्रमी संवत् मनाना चाहिये जो आगामी 28 मार्च को है।

भारतीय कैलेंडर के 12 महीने :
1) चैत्र
2) वैशाख
3) ज्येष्ठ
4) आषाढ़
5) सावन
6) भाद्रपद
7) अश्विन
8) कार्तिक
9) मार्गशीष
10) पौष
11) माघ
12) फाल्गुन

भारतीय कैलेंडर की गणना :
1) 1 महीने में 30 तिथि अथवा दिन
2) 1 दिवस दिन में 27 नक्षत्र
3) नक्षत्रो में भी 27 योग
4) 1 तिथि में भी 30 कर ( कर मतलब तिथि का आधा)

यह पूरी गणना सूर्य और चन्द्र के ऊपर निर्धारित होती हे जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में ऐसा कुछ नहीं होता.

भारतीय नववर्ष पर क्या करे :
1) प्रातकाल ब्रह्म मोहरत में जागकर घर में धार्मिक कार्य की शुरुआत करे
2) नववर्ष पूर्व संध्या पर घर में रौशनी करे
3) घर की छत पर भगवा ॐ का ध्वज लगाये
4) नववर्ष पर मोहल्ले वासियों को तिलक लगाए
5) अपने मित्र संबंधियों को नववर्ष के शुभकामना भेजे
6) नववर्ष की संध्या पर आतिशबाजी करे
7) सामाजिक संस्था द्वारा आयोजन कराये जाए
8) गरीब बस्ती में किताबे, धर्म प्रचार सामग्री बाटे
क्या करें नव-संवत्सर के दिन (गुड़ी पड़वा विशेष)—-
—घर को ध्वजा, पताका, तोरण, बंदनवार, फूलों आदि से सजाएँ व अगरबत्ती, धूप आदि से सुगंधित करें।
—-दिनभर भजन-कीर्तन कर शुभ कार्य करते हुए आनंदपूर्वक दिन बिताएँ।
—सभी जीव मात्र तथा प्रकृति के लिए मंगल कामना करें।
—नीम की पत्तियाँ खाएँ भी और खिलाएँ भी।
—ब्राह्मण की अर्चना कर लोकहित में प्याऊ स्थापित करें।
—इस दिन नए वर्ष का पंचांग या भविष्यफल ब्राह्मण के मुख से सुनें।
—इस दिन से दुर्गा सप्तशती या रामायण का नौ-दिवसीय पाठ आरंभ करें।
—इस दिन से परस्पर कटुता का भाव मिटाकर समता-भाव स्थापित करने का संकल्प लें।


भारतीय नववर्ष की पुनः जीवन में लाने के लिए युवाओ को आगे आना होगा, ज्यादा से ज्यादा उस दिन नववर्ष कार्यकर्म करे और फेसबुक, twitter, whats app के जरिये सभी को शुभकामना सन्देश भेजे. पहले पहले सभी हेरान होंगे परन्तु देश के स्वाभिमान के लिए लोग इसे याद जरुर रखेंगे.

सोमवार, 20 मार्च 2017

किस्सा रफ कॉपी का

किस्सा रफ काॅपी का📓

              हर सब्जेक्ट की काॅपी अलग अलग बनती थी, परंतु एक काॅपी ऐसी थी जो हर सब्जेक्ट को सम्भालती थी। उसे हम रफ काॅपी कहते थे।

यूं तो रफ काॅपी का मतलब खुरदुरा होता है। परंतु वो रफ काॅपी हमारे लिए बहुत कोमल होती थी। कोमल इस सन्दर्भ में कि, उसके पहले पेज पर हमें कोई इंडेक्स नहीं बनाना होता था, न ही शपथ लेनी होती थी कि, इस काॅपी का एक भी पेज नहीं फाडेंगे इसे साफ रखेंगे।
                वो काॅपी पर हमारे किसी न किसी पसंदीदा व्यक्तित्व का चित्र होता था उस काॅपी के पहले पन्ने पर सिर्फ हमारा नाम होता था और आखिरी पन्नों पर अजीब सी कला कृतियां, राजा मंत्री चोर सिपाही या फिर पर्ची वाले क्रिकेट का स्कोर कार्ड, उस रफ काॅपी में बहुत सी यादें होती थी।
जैसे अनकहा प्रेम
अनजाना सा गुस्सा
कुछ उदासी
कुछ दर्द, हमारी रफ काॅपी में ये सब कोड वर्ड में लिखा होता था
जिसे कोई आई एस आई
या
सी आई ए डिकोड नहीं कर सकती थी।
उस पर अकिंत कुछ शब्द, कुछ नाम कुछ चीजें एसी थी जिन्हें मिटाया जाना हमारे लिए असंभव था हमारे बेग में कुछ हो या न हो वो रफ काॅपी जरूर होती थी। आप हमारे बेग से कुछ भी ले सकते थे पर वो रफ काॅपी नहीं हर पेज पर हमने बहुत कुछ ऐसा लिखा होता था जिसे हम किसी को नहीं पढ़ा सकते थे,
             कभी कभी ये भी होता था कि उन पन्नो से हमने वो चीज फाड़ कर दांतों तले चबा कर थूक दिया था क्योंकि हमें वो चीज पसंद न आई होगी समय इतना बीत गया कि, अब काॅपी ही नहीं रखते हैं। रफ काॅपी जीवन से बहुत दूर चली गई है,
हालांकि अब बेग भी नहीं रखते हैं कि रफ काॅपी रखी जाए।
              वो खुरदुरे पन्नो वाली रफ काॅपी अब मिलती ही नहीं। हिसाब भी नहीं हुआ है बहुत दिनों से, न ही प्रेम का न ही गुस्से का, यादों की गुणा भाग का समय नहीं बचता।
अगर कभी वो रफ काॅपी मिलेगी उसे लेकर बैठेंगे, फिर से पुरानी चीजों को खगांलेगें, हिसाब करेंगे और आखिरी के पन्नों पर राजा मंत्री चोर सिपाही खेलेंगे।
          वो नटराज की पेन्सिल, वो चेलपारक की स्याही वो महंगी पायलेट की पैन और जैल पेन की लिखाई ******* वो सारी ड्राइंग वो पहाड़ वो नदियां वो झरने वो फूल, लिखते लिखते ना जाने कब ख़त्म हुआ स्कूल।
अब तो बस साइन करने के लिए उठती है कलम, पर आज न जाने क्यों वो नोटबुक का वो आखिरी पन्ना याद आ गया जैसे उस काट पीट में छिपा कोई राज ही टकरा गया।
        जीवन में शायद कहीं कुछ कम सा हो गया। पलके भीगी सी है, कुछ नम सा हो गया। आज फिर वक्त शायद कुछ थम सा गया।

क्या आपको याद है आपकी वो रफ काॅपी📙😊

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