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रविवार, 22 जुलाई 2018

आज का पंचांग 22 july 2018

.          ।। 🕉 ।।
🚩   *सुप्रभातम्* 🚩
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द...............5120
विक्रम संवत्..............2075
शक संवत्.................1940
मास........................आषाढ़
पक्ष ..........................शुक्ल
तिथी........................दशमी
दोप 02.50 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय.........05.53.03 पर
सूर्यास्त..........07.12.16 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि..................वृश्चिक
नक्षत्र......................विशाखा
प्रातः 10.39 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग............................शुभ
प्रातः 07.08 पर्यंत पश्चात शुक्ल
करण............................गर
दोप 02.50 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.............................वर्षा
दिन..........................रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
22 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक.................5
🔯 शुभ रंग.................लाल

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
संध्या 05.29 से 07.08 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक चंचल
प्रात: 09.14 से 10.53 तक लाभ
प्रात: 10.53 से 12.32 तक अमृत
दोप. 02.11 से 03.50 तक शुभ
सायं 07.07 से 08.29 तक शुभ
रात्रि 08.29 से 09.50 तक अमृत
रात्रि 09.50 से 11.11 तक चंचल ।

📿  *आज का मंत्रः*
|| ॐ सूर्याय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
यादॄशै: सन्निविशते यादॄशांश्चोपसेवते ।
यादॄगिच्छेच्च भवितुं तादॄग्भवति पूरूष: ॥
अर्थात :-
मनुष्य , जिस प्रकारके लोगोंके साथ रहता है , जिस प्रकारके लोगोंकी सेवा करता है , जिनके जैसा बनने की इच्छा करता है , वैसा वह होता है ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*

*1. नमक पानी -*
नमक पानी से गरारे करें गला बैठने पर आप नमक पानी से गरारे कीजिए। गर्म पानी के साथ नमक मिलाकर गरारे करने से गले को शांत करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप 4 से 8 औंस गर्म पानी के साथ 1/4 से 1/2 चम्मच नमक मिलाइए और इसे अच्छी तरह से हिलाएं जब तक नमक अच्छी तरह से मिल न जाए। फिर इस पानी से गरारे कीजिए और बाहर थूक दीजिए।

*2. शहद -*
शहद गले के लिए एक दवा की तरह कार्य करता है, जो गले की सूजन और गले के दर्द को दूर करता है। शहद का जीवाणुरोधी गुण गले में खराश को ठीक कर सकता हैं। यह गले को शांत करने में मदद कर सकता है। बीमार होने पर इसका एक और फायदा है। शोध से पता चलता है कि शहद खांसी की दवाओं की तरह काम करता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-परिवार की चिंता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। रुकते कार्यों में वररिष्ठजन सहयोग करेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर होगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
शत्रुभय रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
भागदौड़ रहेगी। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मसम्मान बढ़ेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ संभव है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। क्लेश होगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नई योजना बनेगी। शत्रु परास्त होंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
तीर्थ दर्शन होंगे। सत्संग का लाभ मिलेगा। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

शनिवार, 21 जुलाई 2018

धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के नुक्कड़छाप भाषण के बाद जो हुआ, वह लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है! यह तो हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के रुतबे को झुकने नहीं दिया, अन्यथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पूरी कोशिश की थी कि उन्हें अपने इशारे पर सीट से उठाकर देश को यह संदेश दे कि प्रधानमंत्री कोई भी बन जाए, आदेश तो गांधी परिवार का ही चलेगा! लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री ने राजतंत्र के अहंकारी युवराज को झुका दिया!

झूठ के आधार पर गढ़े हुए अपने भाषण के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बढ़े, इसे सभी ने लोकसभा चैनल पर देखा। लेकिन जनता और तथाकथित मीडिया बुद्धिजीवियों ने एक बार नोट नहीं किया, या फिर जानबूझ कर उसकी उपेक्षा की। वह एक क्षण था, जिसने साफ-साफ लोकतंत्र और राजतंत्र की मानसिकता के बीच के अंतर को स्पष्ट कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच कर राहुल गांधी ने हाथ से बार-बार इशारा कर उन्हें अपनी सीट से उठने को कहा। एक नहीं, दो नहीं, तीन बार उन्होंने हाथ दिखाकर प्रधानमंत्री को अपनी सीट से उठने को कहा! आश्चर्य कि किसी ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? प्रधानमंत्री पद इस लोकतंत्र का सबसे बड़ा पद है। राजसत्ता की मानसिकता वाला कोई गांधी इसका अपमान नहीं कर सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिस तरह से सोनिया-राहुल उठ-बैठ कराते थे, वही कोशिश राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी से कराना चाहा, लेकिन यह मोदी हैं, जिन्होंने सदन में प्रवेश करने के बाद उसे लोकतंत्र का मंदिर कहा था, उसकी चौखट को चूमा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इशारा किया कि किसलिए उठूं? और क्यों उठूं? मोदी के चेहरे पर उस वक्त की कठोरता नोट करने लायक थी और वह कठोरता प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बनाए रखने के कारण उत्पन्न हुई थी। राहुल को समझ में आ गया कि यह व्यक्ति मनमोहन सिंह नहीं है जो उसके कहने पर किसी ‘नट’ की तरह नाचे। थक-हार कर राहुल गांधी झुका और जबरदस्ती पीएम मोदी के गले पड़ गया। इसके बाद फिर वह अहंकार पीछे मुड़ कर चलने लगा। गले मिलना उसे कहते हैं, जिसमें सदाशयता हो, उसे नहीं, जिसमें अहंकार हो। अहंकार से गले मिलने को गले पड़ना कहते हैं। राहुल गांधी पीएम से गले नहीं मिला, बल्कि उनक गले पड़ा!

पीएम के गले पड़कर वह मुड़ा और जाने लगा। पीएम मोदी ने उसे आवाज देकर बुलाया और सीट पर बैठे-बैठे ही उससे हाथ मिलाया, मुस्कुराए, उसकी पीठ ठोंकी, उसे शाबासी दी! बिल्कुल एक अभिभावक की तरह!
राहुल गांधी पीएम मोदी से गले मिलने नहीं, बल्कि वह गले पड़ने गया था। उन्हें आदेश देकर अपनी सीट से उठने के लिए कहने गया था। मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी के अलावा खुद भाजपा का भी कोई दूसरा नेता होता तो गांधी परिवार के इस अहंकार उद्दंड राजनेता के कहने पर उठ कर खड़ा हो गया होता! देखा नहीं आपने, जब राहुल गांधी पीएम मोदी के पास आए तो पिछली सीट पर बैठे कितने ही सारे भाजपाई नेता उठ कर खड़े हो गये थे, ताली बजा रहे थे! दरअसल यह सब पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर जीत कर आए हैं, लेकिन बीमारी तो वही कांग्रेस वाली लगी है, किसी वंश या परिवार के चाकरी की!

इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी नोट किया कि राहुल गांधी ने सदन और प्रधानमंत्री पद की गरिमा का हनन करने का प्रयास किया है। सुमित्रा महाजन ने बाद में सदन में कहा, “जिस तरह राहुल गांधी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे, उन्हें उठने को कहा, वह अशोभनीय था। प्रधानमंत्री अपनी सीट पर बैठे थे। वह कोई नरेंद्र मोदी नहीं हैं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं। उस पद की अपनी गरिमा है। इसके बाद राहुल उनके पास से जाकर अपनी सीट पर फिर से भाषण देने लगे और आंख मारा, यह पूरे सदन की गरिमा के खिलाफ था।”

अपने अध्यक्ष की अशोभनीय आचरण को ढंकने के लिए एक गुलाम की भांति कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष के कहे पर आपत्ति दर्ज कराना चाहा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, “मैं किसी को गले मिलने से थोड़े न रोक रहीं हूं। मैं भी एक मां हूं। मेरे लिए तो राहुल एक बेटे के समान ही हैं। लेकिन एक मां के नाते उसकी कमजोरियों को ठीक करना भी मेरा दायित्व है। सदन की गरिमा को हम सबको ही बनाए रखनी है।”

इसके उपरांत गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने थोड़ा दार्शनिक अंदाज में राहुल की हरकतों पर कटाक्ष कहते हुए कहा, “जिसकी आत्मा संशय में घिर जाती है, उसके अंदर अहंकार पैदा हो जाता है। यही आज सदन में देखने को मिला है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यह लोकतंत्र आपका आभारी है कि आप अपनी सीट पर बैठे रहे। यह हमारे वोट का सम्मान है। हमने लोकतंत्र के लिए अपना प्रधानमंत्री चुना है, कोई कठपुतली नहीं। कोई प्रधानमंत्री यदि राजशाही के अहंकार वाले किसी व्यक्ति के लिए अपनी सीट से उठ जाए तो यह न केवल प्रधानमंत्री पद के सम्मान का और सदन की गरिमा का अपमान होगा, बल्कि देश की उन सभी जनता का अपमान होगा, जिसे लोकतंत्र में आस्था है और जिसने अपने प्रधानमंत्री के लिए मतदान किया है। धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, एक अहंकारी उद्दंड को उसकी औकात दिखाने के लिए! पुनः धन्यवाद!

आज का पंचांग 21 july 2018

.            ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................आषाढ़
पक्ष............................शुक्ल
तिथी..........................नवमी
दोप 01.47 पर्यंत पश्चात दशमी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय..........05.53.27 पर
सूर्यास्त..........07.13.48 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि...................तुला
नक्षत्र........................स्वाति
प्रातः 09.03 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग...........................साध्य
प्रातः 07.24 पर्यंत पश्चात शुभ
करण.........................कौलव
दोप 01.47 पर्यंत पश्चत तैतिल
ऋतु.............................वर्षा
दिन........................शनिवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
21 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................3
🔯 शुभ रंग....................नीला

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 09.15 से 10.53 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्वदिशा- यदि आवश्यक हो तो उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक शुभ
दोप. 12.32 से 02.11 तक चंचल
दोप. 02.11 से 03.50 तक लाभ
दोप. 03.50 से 05.30 तक अमृत
सायं 07.11 से 08.29 तक लाभ
रात्रि 09.50 से 11.11 तक शुभ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ आंजनेय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
पापं प्रज्ञा नाशयति क्रियमाणं पुन: पुन: ।
नष्टप्रज्ञ: पापमेव नित्यमारभते नर: ॥
अर्थात :-
बार बार पाप करने से मनुष्य की विवेक बुद्धि नष्ट होती है और जिसकी विवेक बुद्धि नष्ट हो चुकी हो , ऐसी व्यक्ति हमेशा पापही करती है ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*जीभ के छाले में करें परहेज :-*

1. फास्ट फूड, जंक फूड, गरम चीजों को खाने से बचें और तीखा व मसालेदार भोजन से परहेज करें। इसके अलावा खाने में नमक का इसतेमाल भी कम ही करें। इससे छालों में दर्द तो होगा ही, छाले ठीक होने में उतना ही वक्त भी लगेगा।

2. जब तक जीभ पर छाले हैं चाय-कॉफी जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। यह चीजें कब्जियत पैदा करेंगी, जिससे पेट साफ न होने के कारण छालों की समस्या ठीक होने के बजाए बढ़ जाएगी।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चोट, रोग, विवाद व चोरी से बचें। अप्रत्याशित हानि संभव है। नकारात्मकता बढ़ेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
कानूनी सहायता मिलेगी। धनलाभ होगा। व्यवसाय लाभ देगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। प्रमाद न करें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। नौकरी में अधिकारों में वृद्धि होगी। मेहमानों पर खर्च होगा। कार्य की प्रशंसा होगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। बौद्धिक कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। धनलाभ होगा। कार्यसिद्धि होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
लाभ के अवसर टलेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। मेहनत अधिक होगी। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है, धैर्य रखें।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
मेहनत रंग लाएगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कुसंगति से हानि होगी। प्रमाद न करें। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पुराने संगी-साथियों से भेंट होगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
अच्‍छी खबरें मिलेंगी। प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विवाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में पदोन्नति होगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
व्ययवृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। चोरी व विवाद से हानि संभव है। अपेक्षित कार्यों में अड़चन आएगी। चोट व रोग से बचें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। बाहरी सहयोग से कार्य बनेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अप्रत्याशित लाभ होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। योजना फलीभूत होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। रुके कार्यों में गति आएगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
ज्ञान में वृद्धि होगी। कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। तीर्थयात्रा का लाभ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बेरोजगारी दूर होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

आज का पंचांग 20 July 2018

.           ।। 🕉 ।।
*🌹🙏जय श्री राम🙏🌹*
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................आषाढ़
पक्ष............................शुक्ल
तिथी........................अष्टमी
दोप 01.23 पर्यंत पश्चात नवमी
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........05.53.41 पर
सूर्यास्त...........07.13.53 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि.....................तुला
नक्षत्र...........................चित्रा
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात स्वामी
योग.............................सिद्ध
प्रातः 08.12 पर्यंत पश्चात साध्य
करण.............................बव
दोप 01.23 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
20 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................2
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.53 से 12.32 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक लाभ
प्रात: 09.14 से 10.53 तक अमृत
दोप. 12.33 से 02.11 तक शुभ
सायं 05.29 से 07.08 तक चंचल
रात्रि 09.50 से 11.11 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ दिव्यदेहाय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
अल्पानामपि वस्तूनां संहति: कार्यसाधिका । तृणैर्गुणत्वमापन्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिन: ।।
अर्थात :-
छोटी छोटी वस्तुएँ एकत्र करने से बडे काम भी हो सकते हैं। जैसे घास से बनायी हुर्इ डोरी से मत्त हाथी बांधा जा सकता है।

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*जीभ के छाले का घरेलू उपचार :-*

*3. बेकिंग सोडा -*
जीभ के छाले के इलाज के लिए, बेकिंग सोडा भी बहुत प्रभावी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो दर्द और सूजन को शांत करने में मदद करते हैं। बेकिंग सोडा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसकी क्षारीय प्रकृति आपके मुंह में पीएच संतुलन को बहाल करने में मदद करती है और आपकी जीभ पर छाले से छुटकारा दिलाती है। इसके लिए आप एक कप गर्म पानी में एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाइए। फिर इस पानी से मुंह का कुल्ला कीजिए। आप इसे दिन में दो से तीन बार कीजिए।

*4. तुलसी -*
तुलसी वैज्ञानिक रूप से ऑसीमम वेसिलिकम के रूप में जाना जाता है और यह अपने औषधीय उपयोगों के लिए काफी लोकप्रिय है। तुलसी के एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण इसे जीभ के छाले के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचार में से एक बनाते हैं। इसके लिए आप तुलसी के कुछ पत्ते लीजिए और उसे चबाइए। आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
राजकीय अड़चन दूर होगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यापार लाभदायी रहेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। कार्यसिद्धि से आशाजनक परिणाम आएंगे।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। जल्दबाजी न करें। क्रोध, उत्तेजना पर संयम रखें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
घर-परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी से बाधा होगी। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक रहेगी। व्यापार में इच्छित सफलता मिलेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
थकान रहेगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। मेहनत का फल मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी, निवेश व यात्रा लाभ देंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
धनलाभ होगा। झंझटों में न पड़ें। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। वरिष्‍ठजनों का सहयोग मिलेगा। विवाद से बचें। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
नौकरी, निवेश व यात्रा मनोनुकूल रहेंगे। अस्वस्थता संभव है। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। रोजगार मिलेगा। भूमि, जायदाद के सौदों में लाभ होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। व्ययवृद्धि होगी। शत्रु सक्रिय होंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लाभ कम होगा। संतान की तरक्की होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
धनलाभ होगा। बेचैनी रहेगी। थकान रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा, प्रयास करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कार्य की गति बढ़ेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
जोखिम जल्दबाजी से बचें। हानि हो सकती है। कार्यस्‍थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। आर्थिक स्थिति कष्टकारी होगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। जल्दबाजी से बचें। प्रमाद न करें। राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। विशेष कार्य बन जाने से हर्ष होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
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शादी का एफिडेबिट

"शादी का एफिडेबिट"

आज निशा जी और अमरनाथ जी के छोटे बेटे अभिषेक के लिए लड़की देखने जाना था। सुबह से सब तैयारियों में लगे थे,अमरनाथ जी ने निशा जी को आवाज़ लगाई 'तैयार हो गए सब तो चलें'?

   निशा जी एक पारंपरिक घरेलू महिला है। ज्यादा पढाई तो नहीं कर पाईं, मगर हाँ उनकी बौद्धिक क्षमता से परिवार वाले भली भांति परिचित थे।

अमरनाथ जी उनके तो क्या कहने, ज्ञान का भंडार थे। उच्च शिक्षित और उच्च विचारधाराओं के धनी । इन विषमताओं के बावजूद दोनों ने एक आदर्श पति पत्नी की छवि बनाई थी। निशा जी भी सामाजिक मापदंडों पर खरी उतरने वाली एक आदर्श महिला थी।

    सब गाड़ी में बैठ कर चल दिए और निशा जी अपने अतीत में  खो गयी। अक्सर ये होता है कि यात्रा करते वक्त अतीत जरूर सामने आता है , निशा जी को भी याद आया जब वो ब्याह कर इस घर में आईं थी ,सास को बिलकुल नहीं भांती थी ।

उनकी सास थोड़ी सख्त मिज़ाज थी और बात बात पर ताने उलाहने देना उनकी आदत थी।बहू मतलब घर की नौकरानी जिसे मुँह खोलने की आज़ादी ना थी । घर में सारी पाबंदियां थी जो आमतौर पर बहुओं पर लगाई जाती थी या यूँ कहूँ कि हर वो अत्याचार जो जायज था उस समय बहुओं पर , हालांकि अमरनाथ जी यथासंभव प्रयास करते थे अपनी माँ को समझाने का , मगर सब व्यर्थ थे , वो किसी की सुनने वाली महिला नहीं थी । उल्टा अमरनाथ जी बीवी के पक्षधर कहलाए । निशा जी के लिए अमरनाथ जी का साथ ही संजीवनी था और वो बखूबी अपना हर पारिवारिक  दायित्व निभाती चली गई ।

    उनके दो बेटे हुए आशुतोष और अभिषेक । वो इसी उधेड़बुन में थीं और गाड़ी लड़की वालों के घर पहुँच गई। स्वागत सत्कार चाय नाश्ते का दौर चला,और बातें होनी शुरू हुई । बात लेन देन की आई निशा जी फिर अतीत में उलझ गई । उनके बड़े बेटे आशुतोष की शादी याद आ गई ।

अमरनाथ जी निशा जी के हर फैसले का सम्मान करते थे मगर कभी-कभी वो सारे फैसले स्वयं कर लेते थे और एक आदर्श पत्नी की तरह वो मौन स्वीकृति दे देती थीं । उसकी शादी में अमरनाथ जी ने लड़की वालों से साफ कह दिया हमें दहेज नहीं चाहिए, बस हमारे बारातियों का अच्छा स्वागत-सत्कार हो , भेंट स्वरूप मिले सारे पैसे और ऊपर से कुछ अपनी तरफ से मिलाकर बहु को गहने बनवाकर दे दिए ।

मगर कहते हैं अच्छों के साथ ही ज्यादातर बुरा होता है ,! बहु आते ही बेटे के साथ चली गई अलग रहने । फिर भी मन ना भरा तो दहेज का मुकदमा कर दिया ससुराल वालों पर कुछ साल तक आशुतोष कोर्ट कचहरी के चक्करों में परेशान रहा और फिर वही बीवी को लेकर अलग रहने लगा।

     सहसा अमरनाथ जी की आवाज़ ने उन्हें चौंका दिया और वो अतीत से वर्तमान में लौट आई। अमरनाथ जी फिर वही पुराना जुमला कह रहे थे हमें दहेज नहीं चाहिए वगैरह वगैरह। मगर इस बार निशा जी ने हस्तक्षेप किया और सहसा बोल पड़ी ' हमें कुछ नहीं चाहिए अपितु #शादी का #एफिडेबिट# चाहिए'। सब आश्चर्य से निशा जी को देखने लगे अमरनाथ जी कुछ कहते इससे पहले निशा जी बोली,,,,

     'आप उसमें साफ शब्दों में लिखवाए कि
1-हमने आपसे कोई दहेज नहीं लिया । हमें अपने बेटे पर पूरा भरोसा है वो यथासंभव अपना खर्च वहन कर सकता है।
2- आपकी बेटी को पुरी आज़ादी रहेगी जो आपने दी है, मगर बड़ों का अपमान करने की आज़ादी हम उसे नहीं देंगे।
3- उसे पारिवारिक दायित्व का निर्वहन पुरी इमानदारी से करना होगा
हम सब उसकी यथासंभव मदद करते रहेंगे।
4- उसे फैसले लेने अपना मत रखने और घर की हर बात जानने का पूरा हक होगा अजनबी सा व्यवहार नही किया जाएगा । उसका हर फैसला मान्य होगा मगर वो फैसले परिवार हित में हो, और उसमें सभी की सहमति अनिवार्य है।
5- मेरे बेटे का ये दायित्व है कि वो उसका पूरी तरीके से ख्याल रखे । जितना सम्मान अपने माँ-बाप को देता है उतना ही उसके माँ बाप को देगा और यही बात आपकी बेटी पर भी लागू होगी  ।

लास्ट बट नाट द लिस्ट
हम बेटी नहीं  बहू ही लेकर जाएँगे क्यों की हम सब जानते हैं कि बहु को प्यार देने में हमेशा कमियाँ हुई है । हम यथासंभव उन कमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। हमें कोई जल्दी नहीं आप सोच समझ कर निर्णय ले । हमें दहेज में ये एफिडेबिट ही चाहिए।'

      और इतना कहकर निशा जी ने हाथ जोड़कर जाने की आज्ञा माँगी ।

दोनों बेटे आश्चर्य से अपनी माँ को देख रहे थे, और अमरनाथ जी अपने किताबी ज्ञान और निशा जी के जिंदगी के तजुर्बों के ज्ञान की तुलना कर रहे थे जिसमें निशा जी का पलड़ा ही भारी पड़ रहा था ।

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