यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 23 जुलाई 2018

आज का पंचांग 23 July 2018 देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी

.              ।। 🕉 ।।
🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
◆««« *आज का पंचांग* »»»◆
कलियुगाब्द.....................5120
विक्रम संवत्....................2075
शक संवत्.......................1940
मास..............................आषाढ़
पक्ष.................................शुक्ल
तिथी...........................एकादशी
दोप 04.26 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि...........................दक्षिणायन
सूर्योदय................05.54.19 पर
सूर्यास्त.................07.12.36 पर
सूर्य राशि............................कर्क
चन्द्र राशि........................वृश्चिक
नक्षत्र............................अनुराधा
दोप 12.48 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा
योग.................................शुक्ल
प्रातः 07.18 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण................................विष्टि
दोप 04.26 पर्यन्त पश्चात बव
ऋतु...................................वर्षा
दिन..............................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
23 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ *तिथि विशेष :*
*देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी -*
*पद्मा (आषाढ़ शुक्ल)* -
*चातुर्मास प्रारम्भ* -

पुराणों के अनुसार चार माह *(श्रावण, भादौ, अश्विन एवं कार्तिक)* के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है।
देवशयनी या हरिशयनी एकादशी या देशज भाषा में देवसोनी ग्यारस आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। चूँकि एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना का व्रत है, इसलिए देवसोनी व देवउठनी एकादशियों का विशेष महत्व है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का चार माह का समय हरिशयन का काल समझा जाता है।
वर्षा के इन चार माहों का संयुक्त नाम चातुर्मास्य दिया गया है। इसके दौरान जितने भी पर्व, व्रत, उपवास, साधना, आराधना, जप-तप किए जाते हैं उनका विशाल स्वरूप एक शब्द में *'चातुर्मास्य'* कहलाता है। चातुर्मास से चार मास के समय का बोध होता है और चातुर्मास्य से इस समय के दौरान किए गए सभी व्रतों/ पर्वों का समग्र बोध होता है।
पुराणों में इस चौमासे का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। भागवत में इन चार माहों की तपस्या को एक यज्ञ की संज्ञा दी गई है। वराह पुराण में इस व्रत के बारे में कुछ उदारवादी बातें भी बताई गई हैं। उदाहरण के लिए, इस व्रत को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के स्थान पर द्वादशी (बारस) या आषाढ़ी पूर्णिमा से भी शुरू किया जा सकता है और चार माह पूर्ण करने के लिए इसका समापन उधर कार्तिक शुक्ल द्वादशी या कार्तिक पूर्णिमा तक किया जा सकता है।
संभवतः यह दृष्टिकोण इसलिए समाहित किया गया होगा क्योंकि यात्रा के दौरान किसी निश्चित स्थान पर पहुँचने में विलंब हो सकता है। उस युग में आज की तरह यात्रा के साधन नहीं थे, इसलिए यह विचार शुमार किया गया होगा। चूँकि चौमासे के व्रत में एक ही स्थान पर रहना आवश्यक है, इसलिए इस परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त तथ्य सारगर्भित लगता है।
शास्त्रों व पुराणों में इन चार माहों के लिए कुछ विशिष्ट नियम बताए गए हैं। इसमें चार महीनों तक अपनी रुचि व अभीष्ठानुसार नित्य व्यवहार की वस्तुएँ त्यागना पड़ती हैं। कई लोग खाने में अपने सबसे प्रिय व्यंजन का इन माहों में त्याग कर देते हैं। चूँकि यह विष्णु व्रत है, इसलिए चार माहों तक सोते-जागते, उठते-बैठते *'ॐ नमो नारायणाय'* के जप की अनुशंसा की गई है।
इन चार माहों के दौरान शादी-विवाह, उपनयन संस्कार व अन्य मंगल कार्य वर्जित बताए गए हैं। पुराणों के अनुसार चार माहों के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है। चार मास की अवधि के पश्चात देवोत्थान एकादशी को भगवान जागते हैं।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.36 से 09.15 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग.............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 05.57 से 07.36 तक अमृत
प्रात: 09.14 से 10.53 तक शुभ
दोप. 02.11 से 03.49 तक चंचल
अप. 03.49 से 05.28 तक लाभ
सायं 05.28 से 07.07 तक अमृत
सायं 07.07 से 08.28 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ नागेन्द्रहाराय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
द्वावेव चिन्तया मुक्तौ परमानन्द आप्लुतौ ।
यो विमुग्धो जडो बालो यो गुणेभ्य: परं गत: ॥
अर्थात :
इस जगत में केवल दो प्राकार के लोग परमआनन्द का अनुभव कर सकते है ।
एक है नन्हासा बालक तथा दुसरा है परम योगी ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*

*3. कैमोमाइल चाय -*
कैमोमाइल चाय बहुत ही लाभकारी है और बीमारियों से बचने में मददगार भी है कैमोमाइल चाय स्वाभाविक रूप से सुखदायक है। इसका इस्तेमाल लंबे समय तक औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता रहा है। यह गला बैठने की दवा के रूप में काम करता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है।

*4. पुदीना -*
पुदीने की ताजा पत्तियों को उबालकर उस पानी से गरारे करने से गला बैठने की समस्या से राहत मिलती है। पेपरमिंट या पुदीना आपके सांस को ताजा करने की क्षमता रखता है। पेपरमिंट तेल स्प्रे भी गले में दर्द से छुटकारा दिला सकता है। पेपरमिंट में मेन्थॉल होता है, जो पतली बलगम और गले में खरास तथा खांसी में मदद करता है। पेपरमिंट में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी, और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो गले के उपचार में मदद कर सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। जोखिम न लें। प्रसन्नता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। बुरी सूचना मिल सकती है। जोखिम न उठाएं। दांपत्य संबंधी विवादों का समाधान निकलेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
विवाद न करें। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपने लोगों से संबंध सुधरेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायी रहेगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
अपेक्षाकृत कार्य रुकेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। घर में शुभ कार्य के आयोजन की भूमिका बनेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
रुके कार्यों में गति आएगी। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। अपने पराक्रम से धन एवं यश प्राप्त करेंगे।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
योजना फलीभूत होगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कार्यस्थल पर सुधार होगा। सोचा हुआ कार्य वक्त पर होने से हर्ष रहेगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। ईष्ट मित्रों से मिलन होगा। राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कार्य बनने से हर्ष रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
विवेक से कार्य करें। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधिकारी आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कानूनी बाधा दूर होगी। कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
भागदौड़ रहेगी। उन्नति होगी। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। परिवार की चिंता रहेगी। नवीन कार्य की योजना के अवसर प्राप्त होंगे।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
                   
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩.

रविवार, 22 जुलाई 2018

क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?


क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

आने वाला कल (जरूर पढ़े)

एक बार मैं अपने अंकल के साथ एक बैंक में गया, क्यूँकि उन्हें कुछ पैसा कही ट्रान्सफ़र करना था।

ये स्टेट बैंक एक छोटे से क़स्बे के छोटे से इलाक़े में था। वहां एक घंटे बिताने के बाद जब हम वहां से निकले तो उन्हें पूछने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाया।

अंकल क्यूँ ना हम घर पर ही इंटर्नेट बैंकिंग चालू कर ले?

अंकल ने कहा ऐसा मैं क्यूँ करूँ ?

तो मैंने कहा कि अब छोटे छोटे ट्रान्सफ़र के लिए बैंक आने की और एक घंटा टाइम ख़राब करने की ज़रूरत नहीं, और आप जब चाहे तब घर बैठे अपनी ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। हर चीज़ बहुत आसान हो जाएगी। मैं बहुत उत्सुक था उन्हें नेट बैंकिंग की दुनिया के बारे में विस्तार से बताने के लिए।

इस पर उन्होंने पूछा ....अगर मैं ऐसा करता हूँ तो क्या मुझे घर से बाहर निकलने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी?

मुझे बैंक जाने की भी ज़रूरत नहीं?

मैंने उत्सुकतावश कहा, हाँ आपको कही जाने की जरुरत नही पड़ेगी और आपको किराने का सामान भी घर बैठे ही डिलिवरी हो जाएगा और ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट व स्नैपडील सबकुछ घर पे ही डिलिवरी करते हैं।

उन्होने इस बात पे जो जवाब मुझे दिया उसने मेरी बोलती बंद कर दी।

उन्होंने कहा आज सुबह जब से मैं इस बैंक में आया, मै अपने चार मित्रों से मिला और मैंने उन कर्मचारियों से बातें भी की जो मुझे जानते हैं।
मेरे बच्चें दूसरे शहर में नौकरी करते है और कभी कभार ही मुझसे मिलने आते जाते हैं, पर आज ये वो लोग हैं जिनका साथ मुझे चाहिए। मैं अपने आप को तैयार कर के बैंक में आना पसंद करता हुँ, यहाँ जो अपनापन मुझे मिलता है उसके लिए ही मैं वक़्त निकालता हूँ।

दो साल पहले की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था। जिस मोबाइल दुकानदार से मैं रीचार्ज करवाता हूं, वो मुझे देखने आया और मेरे पास बैठ कर मुझसे सहानुभूति जताई और उसने मुझसे कहा कि मैं आपकी किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हूँ।

वो आदमी जो हर महीने मेरे घर आकर मेरे यूटिलिटी बिल्स ले जाकर ख़ुद से भर आता था, जिसके बदले मैं उसे थोड़े बहुत पैसे दे देता था उस आदमी के लिए कमाई का यही एक ज़रिया था और उसे ख़ुद को रिटायरमेंट के बाद व्यस्त रखने का तरीक़ा भी !

कुछ दिन पहले मोर्निंग वॉक करते वक़्त अचानक मेरी पत्नी गिर पड़ी, मेरे किराने वाले दुकानदार की नज़र उस पर गई, उसने तुरंत अपनी कार में डाल कर उसको घर पहुँचाया क्यूँकि वो जानता था कि वो कहा रहती हैं।

अगर सारी चीज़ें ऑन लाइन ही हो गई तो मानवता, अपनापन, रिश्ते - नाते सब ख़त्म ही नही हो जाएँगे !

मैं हर वस्तु अपने घर पर ही क्यूँ मँगाऊँ ?

मैं अपने आपको सिर्फ़ अपने कम्प्यूटर से ही बातें करने में क्यूँ झोंकू ?

मैं उन लोगों को जानना चाहता हूँ जिनके साथ मेरा लेन-देन का व्यवहार है, जो कि मेरी निगाहों में सिर्फ़ दुकानदार नहीं हैं।
इससे हमारे बीच एक रिश्ता, एक बन्धन क़ायम होता है !

क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

फिर उन्होने बड़े पते की एक बात कही जो मुझे बहुत ही विचारणीय लगी, आशा हैं आप भी इस पर चिंतन करेंगे........
उन्होने कहां कि ये घर बैठे सामान मंगवाने की सुविधा देने वाला व्यापार उन देशों मे फलता फूलता हैं जहां आबादी कम हैं और लेबर काफी मंहगी है।

भारत जैसे १२५ करोड़ की आबादी वाले गरीब एंव मध्यम वर्गीय बहुल देश मे इन सुविधाओं को बढ़ावा देना आज तो नया होने के कारण अच्छा लग सकता हैं पर इसके दूरगामी प्रभाव बहुत ज्यादा नुकसानदायक होंगे।

देश मे ८०% जो व्यापार छोटे छोटे दुकानदार गली मोहल्लों मे कर रहे हैं वे सब बंद हो जायेगे और बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुंच जायेगी। तो अधिकतर व्यापार कुछ गिने चुने लोगों के हाथों मे चला जायेगा हमारी आदते ख़राब और शरीर इतना आलसी हो जायेगा की बहार जाकर कुछ खरीदने का मन नहीं करेगा।
जब ज्यादातर धन्धे व् दुकाने ही बंद हो जायेंगी तो रेट कहाँ से टकराएँगे तब..... ये ही कंपनिया जो अभी सस्ता माल दे रही है वो ही फिर मनमानी किम्मत हमसे वसूल करेगी। हमे मजबूर होकर सबकुछ ओनलाइन पर ही खरीदना पड़ेगा।और ज्यादातर जनता बेकारी की ओर अग्रसर हो जायेगी।

मैं आजतक उनको क्या जबाब दूं ये नही समझ पाया हूं,.....

प्रिय मित्रों, अगर आप इन बातों से सहमत हैं तो इस मेसिज को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और अपने दूसरे जानने वालो के ग्रूप्स में भी शेयर करे


पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें।

एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा , उसे किसी एक्सीडेंट के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस लड़के का एक्सीडेंट हुआ है उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहे हैं।

डॉक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला , ” आप लोग अपनी ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं करते , आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी ….अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार आप होंगे …”

डॉक्टर ने विनम्रता कहा , ” आई ऍम सॉरी , मैं हॉस्पिटल में नहीं था , और कॉल आने के बाद जितना तेजी से हो सका मैं यहाँ आया हूँ। कृपया अब आप लोग शांत हो जाइये ताकि मैं इलाज कर सकूँ….”

“शांत हो जाइये !!!” , लड़के का पिता गुस्से में बोला , ” क्या इस समय अगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते ? अगर किसी  की लापरवाही की वजह से आपका अपना बेटा मर जाए तो आप क्या करेंगे ?” ; पिता बोले ही जा रहा था।

” भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा , आप लोग दुआ कीजिये मैं इलाज के लिए जा रहा हूँ। ” , और ऐसा कहते हुए डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में प्रवेश कर गया।

बाहर लड़के का पिता अभी भी बुदबुदा रहा था , ” सलाह देना आसान होता है , जिस पर बीतती है वही जानता है…”

करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर निकला और मुस्कुराते हुए बोला , ” भगवान् का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहर है। “

यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए और डॉक्टर से सवाल पर सवाल पूछने लगे , ” वो कब तक पूरी तरह से ठीक हो जायेगा…… उसे डिस्चार्ज कब करेंगे….?…”

पर डॉक्टर जिस तेजी से आया था उसी तेजी से वापस जाने लगा और लोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा।

” ये डॉक्टर इतना घमंडी क्यों है , ऐसी क्या जल्दी है कि वो दो मिनट हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता ?” लड़के के पिता ने नर्स से कहा।

नर्स लगभग रुंआसी होती हुई बोली , ” आज सुबह डॉक्टर साहब के लड़के की एक भयानक एक्सीडेंट में मौत हो गयी , और जब हमने उन्हें फ़ोन किया था तब वे उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। और बेचारे अब आपके बच्चे की जान बचाने के बाद अपने लाडले का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस लौट रहे हैं। “

यह सुन लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हें अपनी गलती का ऐहसास हो गया।

फ्रेंड्स, बहुत बार हम किसी सिचुएशन के बारे में अच्छी तरह जाने बिना ही उसपर रियेक्ट कर देते हैं। पर हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें और पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैं जो हमारा ही भला सोच रहा हो।

ॐ अष्टभुजाधारिण्यै नमः

*अष्टभुजाधारिणी*
〰️〰️🔸〰️〰️
पंडितजी अपने घर के मंदिर में हाथ जोड़े खड़े थे, सामने देवी माँ की मूर्ति थी, जिसे नमन करके वो कह रहे थे," ॐ आय रीं क्लीं अष्टभुजाधारिण्यै नमः:"
इधर दरवाजे पर हाथ में तपेली पकड़े पंडितजी के मित्र का आगमन हुआ, जो कि घर में घुसते ही बोल पड़े, "अरे पंडितजी ये क्या दिन रात जपते रहते हो, अष्टभुजाधारिणी, अष्टभुजाधारिणी. अरे कभी इंसान की आठ भुजाये हो सकती है क्या?"
इतने में पंडितजी की पत्नी नाश्ता लेकर आ गई. "रफीक भैया आज सुबह सुबह कैसे? आप बैठिये ये पूजा करके आ रहे है", अपने पति के मित्र को आया देखकर झट से नाश्ता लगा दिया पंडिताइन ने.

रफीक मियां थोड़े थके थके से थे, आते ही सोफे पर धम्म से बैठ गए, और नाश्ते पर तो यूं टूट पड़े जैसे कई दिनों से जंगल में भूखे प्यासे भटके हो. लगभग आधी प्लेट सफाचट करने के बाद रफीक मियां बोले,"अरे क्या बताऊ भाभीजान, जबसे सलमा मायके गई है, मेरी तो शामत ही आ गई, रब्बू को पढ़ाउ, सब्जी लाऊ, खाना बनाऊ, रब्बू के और अपने कपडे धोऊ, प्रेस करूँ, पोछा लगाऊ, रब्बू को खिलाऊ तब जाकर के मैं कुछ खा पाऊं. इंसान के दो तो हाथ है, आज आपके घर आया हूँ तो जरा चैन से बैठ पाया हूँ, अब जाकर ढंग से नाश्ता कर पाया हूँ. खुदा जाने सलमा कैसे करती है."

इतने में पंडित जी भी पूजा खत्म करके नाश्ता करने को आ बैठे. बैठते हुए रफीक मियां के कंधे पर धौल जमाई और पूछा," अरे वो सब तो ठीक है मियां , इतनी रामायण सुना दी, अब ये तो बताओ की आज सुबह सुबह आना कैसे हुआ?"
जवाब में रफीक मियां कुछ बोलते उसके पहले ही पंडिताइन चाय लेकर आ गई, रफीक मियां आश्चर्य में डूबे हुए कभी नाश्ते की प्लेट को देखते और कभी पंडिताइन की तरफ.आखिर में पूँछ ही बैठे," एक बात बताओ भाभीजान, अभी आप दोनों बच्चो को स्कूल के लिए तैयार करवा रही थी, और अभी आप चाय भी बना लाई. ये सब कैसे? मैं तो कल रात को सब्जी लेने गया तो दूध लाना ही भूल गया इसीलिए आपके पास आना पड़ा और आपने एक साथ दो अलग अलग काम भी कर लिए"

पंडिताइन भी पंडिताइन ही थी, हलके से मुस्कुराई और बोली,"भैया आप जब घर में आये थे, तो कुछ पुछ रहे थे."
अब रफीक मियां के दिमाग की बत्ती जली," सच बोली भाभीजान आप. वाकई में एक औरत दो हाथो से आठ हाथो का काम लेती है. मुझे यकीन हो गया कि वाकई में औरतो की आठ भुजाये होती है. सच में बहुत अच्छी सीख देती है आपके मजहब की किताबे."
अब फिर पंडित जी भी पूँछ बैठे,"तो बताना जरा क्या सीखा तुमने?"
जवाब में रफीक मियां ने बस पंडिताइन की तरफ हाथ जोड़े और बोल पड़े ;"ॐ अष्टभुजाधारिण्यै नमः"
〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️

आज का पंचांग 22 july 2018

.          ।। 🕉 ।।
🚩   *सुप्रभातम्* 🚩
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द...............5120
विक्रम संवत्..............2075
शक संवत्.................1940
मास........................आषाढ़
पक्ष ..........................शुक्ल
तिथी........................दशमी
दोप 02.50 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय.........05.53.03 पर
सूर्यास्त..........07.12.16 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि..................वृश्चिक
नक्षत्र......................विशाखा
प्रातः 10.39 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग............................शुभ
प्रातः 07.08 पर्यंत पश्चात शुक्ल
करण............................गर
दोप 02.50 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.............................वर्षा
दिन..........................रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
22 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक.................5
🔯 शुभ रंग.................लाल

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
संध्या 05.29 से 07.08 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक चंचल
प्रात: 09.14 से 10.53 तक लाभ
प्रात: 10.53 से 12.32 तक अमृत
दोप. 02.11 से 03.50 तक शुभ
सायं 07.07 से 08.29 तक शुभ
रात्रि 08.29 से 09.50 तक अमृत
रात्रि 09.50 से 11.11 तक चंचल ।

📿  *आज का मंत्रः*
|| ॐ सूर्याय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
यादॄशै: सन्निविशते यादॄशांश्चोपसेवते ।
यादॄगिच्छेच्च भवितुं तादॄग्भवति पूरूष: ॥
अर्थात :-
मनुष्य , जिस प्रकारके लोगोंके साथ रहता है , जिस प्रकारके लोगोंकी सेवा करता है , जिनके जैसा बनने की इच्छा करता है , वैसा वह होता है ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*

*1. नमक पानी -*
नमक पानी से गरारे करें गला बैठने पर आप नमक पानी से गरारे कीजिए। गर्म पानी के साथ नमक मिलाकर गरारे करने से गले को शांत करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप 4 से 8 औंस गर्म पानी के साथ 1/4 से 1/2 चम्मच नमक मिलाइए और इसे अच्छी तरह से हिलाएं जब तक नमक अच्छी तरह से मिल न जाए। फिर इस पानी से गरारे कीजिए और बाहर थूक दीजिए।

*2. शहद -*
शहद गले के लिए एक दवा की तरह कार्य करता है, जो गले की सूजन और गले के दर्द को दूर करता है। शहद का जीवाणुरोधी गुण गले में खराश को ठीक कर सकता हैं। यह गले को शांत करने में मदद कर सकता है। बीमार होने पर इसका एक और फायदा है। शोध से पता चलता है कि शहद खांसी की दवाओं की तरह काम करता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-परिवार की चिंता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। रुकते कार्यों में वररिष्ठजन सहयोग करेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर होगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
शत्रुभय रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
भागदौड़ रहेगी। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मसम्मान बढ़ेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ संभव है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। क्लेश होगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नई योजना बनेगी। शत्रु परास्त होंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
तीर्थ दर्शन होंगे। सत्संग का लाभ मिलेगा। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

शनिवार, 21 जुलाई 2018

धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के नुक्कड़छाप भाषण के बाद जो हुआ, वह लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है! यह तो हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के रुतबे को झुकने नहीं दिया, अन्यथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पूरी कोशिश की थी कि उन्हें अपने इशारे पर सीट से उठाकर देश को यह संदेश दे कि प्रधानमंत्री कोई भी बन जाए, आदेश तो गांधी परिवार का ही चलेगा! लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री ने राजतंत्र के अहंकारी युवराज को झुका दिया!

झूठ के आधार पर गढ़े हुए अपने भाषण के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बढ़े, इसे सभी ने लोकसभा चैनल पर देखा। लेकिन जनता और तथाकथित मीडिया बुद्धिजीवियों ने एक बार नोट नहीं किया, या फिर जानबूझ कर उसकी उपेक्षा की। वह एक क्षण था, जिसने साफ-साफ लोकतंत्र और राजतंत्र की मानसिकता के बीच के अंतर को स्पष्ट कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच कर राहुल गांधी ने हाथ से बार-बार इशारा कर उन्हें अपनी सीट से उठने को कहा। एक नहीं, दो नहीं, तीन बार उन्होंने हाथ दिखाकर प्रधानमंत्री को अपनी सीट से उठने को कहा! आश्चर्य कि किसी ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? प्रधानमंत्री पद इस लोकतंत्र का सबसे बड़ा पद है। राजसत्ता की मानसिकता वाला कोई गांधी इसका अपमान नहीं कर सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिस तरह से सोनिया-राहुल उठ-बैठ कराते थे, वही कोशिश राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी से कराना चाहा, लेकिन यह मोदी हैं, जिन्होंने सदन में प्रवेश करने के बाद उसे लोकतंत्र का मंदिर कहा था, उसकी चौखट को चूमा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इशारा किया कि किसलिए उठूं? और क्यों उठूं? मोदी के चेहरे पर उस वक्त की कठोरता नोट करने लायक थी और वह कठोरता प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बनाए रखने के कारण उत्पन्न हुई थी। राहुल को समझ में आ गया कि यह व्यक्ति मनमोहन सिंह नहीं है जो उसके कहने पर किसी ‘नट’ की तरह नाचे। थक-हार कर राहुल गांधी झुका और जबरदस्ती पीएम मोदी के गले पड़ गया। इसके बाद फिर वह अहंकार पीछे मुड़ कर चलने लगा। गले मिलना उसे कहते हैं, जिसमें सदाशयता हो, उसे नहीं, जिसमें अहंकार हो। अहंकार से गले मिलने को गले पड़ना कहते हैं। राहुल गांधी पीएम से गले नहीं मिला, बल्कि उनक गले पड़ा!

पीएम के गले पड़कर वह मुड़ा और जाने लगा। पीएम मोदी ने उसे आवाज देकर बुलाया और सीट पर बैठे-बैठे ही उससे हाथ मिलाया, मुस्कुराए, उसकी पीठ ठोंकी, उसे शाबासी दी! बिल्कुल एक अभिभावक की तरह!
राहुल गांधी पीएम मोदी से गले मिलने नहीं, बल्कि वह गले पड़ने गया था। उन्हें आदेश देकर अपनी सीट से उठने के लिए कहने गया था। मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी के अलावा खुद भाजपा का भी कोई दूसरा नेता होता तो गांधी परिवार के इस अहंकार उद्दंड राजनेता के कहने पर उठ कर खड़ा हो गया होता! देखा नहीं आपने, जब राहुल गांधी पीएम मोदी के पास आए तो पिछली सीट पर बैठे कितने ही सारे भाजपाई नेता उठ कर खड़े हो गये थे, ताली बजा रहे थे! दरअसल यह सब पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर जीत कर आए हैं, लेकिन बीमारी तो वही कांग्रेस वाली लगी है, किसी वंश या परिवार के चाकरी की!

इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी नोट किया कि राहुल गांधी ने सदन और प्रधानमंत्री पद की गरिमा का हनन करने का प्रयास किया है। सुमित्रा महाजन ने बाद में सदन में कहा, “जिस तरह राहुल गांधी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे, उन्हें उठने को कहा, वह अशोभनीय था। प्रधानमंत्री अपनी सीट पर बैठे थे। वह कोई नरेंद्र मोदी नहीं हैं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं। उस पद की अपनी गरिमा है। इसके बाद राहुल उनके पास से जाकर अपनी सीट पर फिर से भाषण देने लगे और आंख मारा, यह पूरे सदन की गरिमा के खिलाफ था।”

अपने अध्यक्ष की अशोभनीय आचरण को ढंकने के लिए एक गुलाम की भांति कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष के कहे पर आपत्ति दर्ज कराना चाहा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, “मैं किसी को गले मिलने से थोड़े न रोक रहीं हूं। मैं भी एक मां हूं। मेरे लिए तो राहुल एक बेटे के समान ही हैं। लेकिन एक मां के नाते उसकी कमजोरियों को ठीक करना भी मेरा दायित्व है। सदन की गरिमा को हम सबको ही बनाए रखनी है।”

इसके उपरांत गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने थोड़ा दार्शनिक अंदाज में राहुल की हरकतों पर कटाक्ष कहते हुए कहा, “जिसकी आत्मा संशय में घिर जाती है, उसके अंदर अहंकार पैदा हो जाता है। यही आज सदन में देखने को मिला है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यह लोकतंत्र आपका आभारी है कि आप अपनी सीट पर बैठे रहे। यह हमारे वोट का सम्मान है। हमने लोकतंत्र के लिए अपना प्रधानमंत्री चुना है, कोई कठपुतली नहीं। कोई प्रधानमंत्री यदि राजशाही के अहंकार वाले किसी व्यक्ति के लिए अपनी सीट से उठ जाए तो यह न केवल प्रधानमंत्री पद के सम्मान का और सदन की गरिमा का अपमान होगा, बल्कि देश की उन सभी जनता का अपमान होगा, जिसे लोकतंत्र में आस्था है और जिसने अपने प्रधानमंत्री के लिए मतदान किया है। धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, एक अहंकारी उद्दंड को उसकी औकात दिखाने के लिए! पुनः धन्यवाद!

function disabled

Old Post from Sanwariya