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शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

जम्मू कश्मीर की कुछ सच्चाईयां

!!!! जानिए आंखें खुल जाएंगी,!!!!
  आतंकवाद से ग्रसित जम्मू कश्मीर की कुछ सच्चाईयां ------

   - भारत के अधिकार में कश्मीर का कुल क्षेत्रफल (पाक अधिकृत कश्मीर को छोड़कर)= 85000 वर्ग कि० मी० है,
जिसका 85% हिस्सा मुस्लिम बहुल नहीं है।   १- कश्मीर  15%
       2- जम्म   26%
       3-लद्दाख  59%
कुल आबादी 1.25 करोड़
कश्मीर  69 लाख( 55लाख कश्मीरी भाषी,13 लाख गैर कश्मीरी भाषी)
  जम्मू-53 लाख,डोगरी, पंजाबी, हिंदी
लद्दाख-0.3लाख, लद्दाखी भाषी
इनमें 7.50 लाख लोग वे सम्मिलित नहीं है जो विस्थापित हो चुके हैं या नागरिक नहीं है।
कुल डिस्ट्रिक्ट संख्या 22 जिनमें से केवल 5 डिस्ट्रिक्ट अलगाववादियों से ग्रसित है ।1 -श्रीनगर  2- अनंतनाग     3-  बारामूला, 4- कुल ग्राम  5- पुलवामा बाकी 17 डिस्ट्रिक्ट भारत के समर्थक हैं। इस प्रकार केवल 15% आबादी में अलगाववादी हैं, जो कि केवल सुन्नी मुसलमान ही हैं, और ये पांचों डिस्ट्रिक्ट पाकिस्तानी बॉर्डर या एल ओ सी से दूर है। यहां पर 14 प्रकार के अन्य धर्मों या प्रकार के लोग भी रहते हैं जो भारत के पूर्ण समर्थक हैं । शिया ,डोगरा ,राजपूत ,ब्राह्मण ,महाजन, कश्मीरी,पंडित,गुर्जर,बक्करवाल,पहाड़ी,सिख,ब्लातिस्त, लद्दाखी,क्रिश्चियन व अन्य भी बहुत सारे संप्रदाय के लोग रहते हैं। जिनकी मातृभाषा डोगरी गुजरी पंजाबी लद्दाखी और पहाड़ी आदि हैं ।
सिर्फ 33% कश्मीरी भाषी लोग ही हुर्रियत मिलिटेंट्स ,पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस से संबंध रखते हैं ।उन्हीं 33% लोगों के हाथों में ही कश्मीर का व्यापार, प्रशासन ,शासन और संपूर्ण कृषि का व्यवसाय है, और यही 33% मुस्लिम आबादी का सुन्नी ही उग्रवाद फैलाता है ।बाकी 69 परसेंट शिया मुसलमान,  वंचित है , भारत समर्थक है ।शिया 12% गुर्जर 14% पहाड़ी मुस्लिम, बुद्धिस्ट, पंडित ,सूफी, क्रिश्चियन ,हिंदू ,जम्मू डोगरी 45% पाकिस्तान के विरुद्ध है।
पत्थरबाजी ,पाकिस्तानी झंडा लहराना, भारत विरोधी प्रदर्शन केवल इन्हीं 5 डिस्टिक तक सीमित है । बाकी 17 डिस्ट्रिक्ट के लोग कभी भी इन देशद्रोही प्रदर्शनकारियों के साथ नहीं रहे ।यह केवल भारत विरोधी मीडिया व देशद्रोही राजनीतिक लोग ही हैं जो भारत विरोधी नफरत फैलाते हैं ।जितने अलगाव वादी कुल कश्मीर में नहीं है उससे ज्यादा तो दिल्ली में बैठकर शोर मचाते हैं, और इन को हवा देते हैं ।कश्मीरी सुन्नियों के भी केवल 15% लोग ही भारत विरोधी हैं।            विशेष आग्रह ****कृपया इस संदेश को प्रत्येक भारतवासी तक पहुंचाएं जिससे कि सभी भारतीय एकजुट हो व भारत की एकता अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिए इन देशद्रोहियों वह नफरत फैलाने वालों की मुंह पर तमाचा/ताला लगाया जा सके।
जय हिंद ! वंदे मातरम!
डॉ श्री कृष्ण सैन
फोन-8700781406
दिल्ली प्रांत परियोजना प्रमुख
(धर्म जागरण समन्वय)

आज का पंचांग 3 August 2018

.            ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्................2075
शक संवत्...................1940
मास..........................श्रावण
पक्ष.............................कृष्ण
तिथी............................षष्ठी
दोप 12.04 पर्यंत पश्चात सप्तमी
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........05.59.36 पर
सूर्यास्त...........07.07.24 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि......................मीन
नक्षत्र...........................रेवती
प्रातः 05.44 पर्यंत पश्चात अश्विनी
योग..............................धृति
दोप 01.56 पर्यंत पश्चात शूल
करण..........................वणिज
दोप 12.04 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
03 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................6
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.55 से 12.32 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.39 से 09.16 तक लाभ
प्रात: 09.16 से 10.54 तक अमृत
दोप. 12.32 से 02.09 तक शुभ
सायं 05.24 से 07.02 तक चंचल
रात्रि 09.47 से 11.09 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ जलमूर्तये नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
मूर्खस्य पञ्च चिन्हानि गर्वो दुर्वचनं तथा।
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः॥
अर्थात :-
मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - गर्व, अपशब्द, क्रोध, हठ और दूसरों की बातों का अनादर॥

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*डायबिटीज कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय -*

*3. करेला -*
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कड़वी चीजें बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। कड़वा करेला डायबिटीज में बिलकुल अमृत की तरह होता है। इसके अलावा आंवला और एलोवेरा जैसी कड़वी और आयुर्वेदिक चीज भी मधुमेह के प्रबंधन और नियंत्रण में प्रभावी पाया गया है।

*4. तांबे के बर्तन में पानी -*
तांबे के बर्तन में रखा पानी हमारे जीवन के लिए वरदान के सामान होता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है और इसके फायदों को साइंस भी मानता है। एक तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी को ‘ताम्र जल’ कहा जाता है और यह तीन दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। इसके लिए आप रात में तांबे के गिलास में पानी रखिए और सुबह में पानी पीजिए।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
रोजगार में वृद्धि होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। गर्व-अहंकार को दूर करें। राजनीतिक व्यक्तियों से लाभकारी योग बनेंगे। मनोबल बढ़ने से तनाव कम होगा। साझेदारी में नवीन प्रस्ताव प्राप्त हो सकेंगे।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
फालतू खर्च होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यावसायिक योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाएगा। परिवार की चिंता रहेगी। आय से व्यय अधिक होंगे। अजनबियों पर विश्वास से हानि हो सकती है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम न लें। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखें। पत्नी के बतलाए रास्ते पर चलने से लाभ की संभावना बनती है। यात्रा से लाभ। वाहन-मशीनरी खरीदी के योग हैं। व्यवसाय में अड़चनें आएंगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है। अधिकारी वर्ग विशेष सहयोग नहीं करेंगे। ऋण लेना पड़ सकता है। यात्रा आज नहीं करें। परिवार के कार्यों को प्राथमिकता दें। आपकी बुद्धिमत्ता सामाजिक सम्मान दिलाएगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बचें। कार्य-व्यवसाय में लाभ होने की संभावना है। दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहेगी। सामाजिक समारोहों में भाग लेंगे। सुकर्मों के लाभकारी परिणाम मिलेंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। मितव्ययिता को ध्यान में रखें। कुटुंबियों से संबंध सुधरेंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। खर्चों में कमी करें। सश्रम किए गए कार्य पूर्ण होंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
भ्रम की स्थिति बन सकती है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्या हल हो सकेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। रुका धन मिलेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। अर्थ संबंधी कार्यों में सफलता से हर्ष होगा। सुखद भविष्य का स्वप्न साकार होगा। विचारों से सकारात्मकता बढ़ेगी। दुस्साहस न करें। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अच्छे लोगों से भेंट होगी जो आपके हितचिंतक रहेंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी। नौकरी में पदोन्नाति के योग हैं। आलस्य से बचकर रहें। परिवार की मदद मिलेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
कष्ट, भय, चिंता व बेचैनी का माहौल बन सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। किसी के भरोसे न रहकर अपना कार्य स्वयं करें। महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप से नुकसान की आशंका है। परिवार में तनाव रहेगा। व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा का शुभ योग होने के साथ ही कठिन कार्य में भी सफलता मिल सकेगी। रिश्तेदारों से संपत्ति संबंधी विवाद हो सकता है। व्यापार-नौकरी में लाभ होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। मन में उत्साह रहेगा, जिससे कार्य की गति बढ़ेगी। आपके कार्यों को समाज में प्रशंसा मिलेगी। भागीदारी में आपके द्वारा लिए गए निर्णयों से लाभ होगा।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

आतंकवाद से ग्रसित जम्मू कश्मीर की कुछ सच्चाईयां

!!!! जानिए आंखें खुल जाएंगी,!!!!
  आतंकवाद से ग्रसित जम्मू कश्मीर की कुछ सच्चाईयां ------

   - भारत के अधिकार में कश्मीर का कुल क्षेत्रफल (पाक अधिकृत कश्मीर को छोड़कर)= 85000 वर्ग कि० मी० है,
जिसका 85% हिस्सा मुस्लिम बहुल नहीं है।   १- कश्मीर  15%
       2- जम्म   26%
       3-लद्दाख  59%
कुल आबादी 1.25 करोड़
कश्मीर  69 लाख( 55लाख कश्मीरी भाषी,13 लाख गैर कश्मीरी भाषी)
  जम्मू-53 लाख,डोगरी, पंजाबी, हिंदी
लद्दाख-0.3लाख, लद्दाखी भाषी
इनमें 7.50 लाख लोग वे सम्मिलित नहीं है जो विस्थापित हो चुके हैं या नागरिक नहीं है।
कुल डिस्ट्रिक्ट संख्या 22 जिनमें से केवल 5 डिस्ट्रिक्ट अलगाववादियों से ग्रसित है ।1 -श्रीनगर  2- अनंतनाग     3-  बारामूला, 4- कुल ग्राम  5- पुलवामा बाकी 17 डिस्ट्रिक्ट भारत के समर्थक हैं। इस प्रकार केवल 15% आबादी में अलगाववादी हैं, जो कि केवल सुन्नी मुसलमान ही हैं, और ये पांचों डिस्ट्रिक्ट पाकिस्तानी बॉर्डर या एल ओ सी से दूर है। यहां पर 14 प्रकार के अन्य धर्मों या प्रकार के लोग भी रहते हैं जो भारत के पूर्ण समर्थक हैं । शिया ,डोगरा ,राजपूत ,ब्राह्मण ,महाजन, कश्मीरी,पंडित,गुर्जर,बक्करवाल,पहाड़ी,सिख,ब्लातिस्त, लद्दाखी,क्रिश्चियन व अन्य भी बहुत सारे संप्रदाय के लोग रहते हैं। जिनकी मातृभाषा डोगरी गुजरी पंजाबी लद्दाखी और पहाड़ी आदि हैं ।
सिर्फ 33% कश्मीरी भाषी लोग ही हुर्रियत मिलिटेंट्स ,पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस से संबंध रखते हैं ।उन्हीं 33% लोगों के हाथों में ही कश्मीर का व्यापार, प्रशासन ,शासन और संपूर्ण कृषि का व्यवसाय है, और यही 33% मुस्लिम आबादी का सुन्नी ही उग्रवाद फैलाता है ।बाकी 69 परसेंट शिया मुसलमान,  वंचित है , भारत समर्थक है ।शिया 12% गुर्जर 14% पहाड़ी मुस्लिम, बुद्धिस्ट, पंडित ,सूफी, क्रिश्चियन ,हिंदू ,जम्मू डोगरी 45% पाकिस्तान के विरुद्ध है।
पत्थरबाजी ,पाकिस्तानी झंडा लहराना, भारत विरोधी प्रदर्शन केवल इन्हीं 5 डिस्टिक तक सीमित है । बाकी 17 डिस्ट्रिक्ट के लोग कभी भी इन देशद्रोही प्रदर्शनकारियों के साथ नहीं रहे ।यह केवल भारत विरोधी मीडिया व देशद्रोही राजनीतिक लोग ही हैं जो भारत विरोधी नफरत फैलाते हैं ।जितने अलगाव वादी कुल कश्मीर में नहीं है उससे ज्यादा तो दिल्ली में बैठकर शोर मचाते हैं, और इन को हवा देते हैं ।कश्मीरी सुन्नियों के भी केवल 15% लोग ही भारत विरोधी हैं।            विशेष आग्रह ****कृपया इस संदेश को प्रत्येक भारतवासी तक पहुंचाएं जिससे कि सभी भारतीय एकजुट हो व भारत की एकता अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिए इन देशद्रोहियों वह नफरत फैलाने वालों की मुंह पर तमाचा/ताला लगाया जा सके।
जय हिंद ! वंदे मातरम!
डॉ श्री कृष्ण सैन
फोन-8700781406
दिल्ली प्रांत परियोजना प्रमुख
(धर्म जागरण समन्वय)

गुरुवार, 2 अगस्त 2018

अथ पंचांगम् दिनांक -: 02/08/2018,गुरुवार

अथ  पंचांगम्
                        
दिनांक -: 02/08/2018,गुरुवार
पंचमी, कृष्ण पक्ष
श्रावण"""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि-------------पंचमी11:31:39    तक
पक्ष-----------------------------कृष्ण
नक्षत्र---उत्तराभाद्रपदा13:01:59
योग--------------सुकर्मा14:31:06
करण-------------तैतुल11:31:40
करण--------------गरज23:51:59
वार---------------------------गुरूवार
माह---------------------------श्रावण
चन्द्र राशि------------------------मीन
सूर्य राशि------------------------कर्क
रितु------------------------------ग्रीष्म
आयन-------------------दक्षिणायण
संवत्सर----------------------विलम्बी
संवत्सर (उत्तर)----------विरोधकृत
विक्रम संवत-----------------2075
विक्रम संवत (कर्तक)-------2074
शाका संवत------------------1940
भारत चित्रकूट धाम सतना मध्य प्रदेश
सूर्योदय-----------------05:41:05.
सूर्यास्त------------------19:01:31.
दिन काल---------------13:21:26.
रात्री काल--------------10:31:05.
चंद्रास्त------------------10:11:14.
चंद्रोदय------------------22:31:26.
लग्न----कर्क 15°34' , 105°34'
सूर्य नक्षत्र-----------------------पुष्य
चन्द्र नक्षत्र-----------उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र पाया----------------------ताम्र
                 पद, चरण 
झ----उत्तराभाद्रपदा 06:48:17
ञ----उत्तराभाद्रपदा 13:11:59
दे----रेवती 19:33:32
दो----रेवती 25:52:53
             ग्रह गोचर 
ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
सूर्य=कर्क  15 ° 34 ,  पुष्य,   4 ड
चन्द्र=मीन 12 ° 41 'उ o भा o,  3 झ
बुध=कर्क 27 ° 53'आश्लेषा '   4 डो
शुक्र=सिंह  00° 46 , उo फाo,  2  टो
मंगल=मकर  08 ° 21 'उ oषा o'  4 जी
गुरु=तुला 19 ° 51  '  स्वाति    , 4  ता
शनि=धनु   09° 38'   मूल   '  3 भा
राहू=कर्क   11 ° 30  '    पुष्य ,  3  हो
केतु=मकर   11 ° 30'   श्रवण, 1  खी
         शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 14:06 - 15:46.अशुभ
यम घंटा 05:44 - 07:24.अशुभ
गुली काल 09:05 - 10:45.अशुभ
अभिजित 11:59 -12:52.शुभ
दूर मुहूर्त 10:12 - 11:05.अशुभ
दूर मुहूर्त 15:33 - 16:26.अशुभ
   गंड मूल13:12 - अहोरात्रअशुभ
     पंचक  अहोरात्र अशुभ
       चोघडिया, दिन
शुभ 05:44 - 07:24शुभ
रोग 07:24 - 09:05अशुभ
उद्वेग 09:05 - 10:45अशुभ
चाल 10:45 - 12:25शुभ
लाभ 12:25 - 14:06शुभ
अमृत 14:06 - 15:46शुभ
काल 15:46 - 17:26अशुभ
शुभ 17:26 - 19:07शुभ
.           चोघडिया, रात
अमृत 19:07 - 20:26शुभ
चाल 20:26 - 21:46शुभ
रोग 21:46 - 23:06अशुभ
काल 23:06 - 24:26.अशुभ.
लाभ 24:26. - 25:45.शुभ.
उद्वेग 25:45 - 27:05अशुभ.
शुभ 27:05 - 28:25शुभ.
अमृत 28:25 - 29:45.शुभ.
        होरा, दिन
बृहस्पति 05:44 - 06:51.
मंगल 06:51 - 07:58.
सूर्य 07:58 - 09:05.
शुक्र 09:05 - 10:12.
बुध 10:12 - 11:18.
चन्द्र 11:18 - 12:25.
शनि 12:25 - 13:32.
बृहस्पति 13:32 - 14:39.
मंगल 14:39 - 15:46.
सूर्य 15:46 - 16:53.
शुक्र 16:53 - 17:59.
बुध 17:59 - 19:07.
      होरा, रात
चन्द्र 19:07 - 19:59.
शनि 19:59 - 20:53.
बृहस्पति 20:53 - 21:46.
मंगल 21:46 - 22:39.
सूर्य 22:39 - 23:32.
शुक्र 23:32 - 24:26.
बुध 24:26 - 25:19.
चन्द्र 25:19 - 26:12.
शनि 26:12 - 27:05.
बृहस्पति 27:05 - 27:58.
मंगल 27:58 - 28:51.
सूर्य 28:51 - 29:45.
  नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
  दिशा शूल ज्ञान----------------दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर युक्त दही खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
             अग्नि वास ज्ञान 
15  + 5 + 5 + 1= 25 ÷ 4 =  1शेष
पाताल पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
             शिव वास एवं फल
20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ  कारक
                विशेष जानकारी   
*सर्वार्थ सिद्धि योग 13:12 से प्रारम्भ
*मेला नागपंचमी ,हरदेव पूजा जी जयपुर
                  शुभ विचार  
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृत ।।
।।चा o नी o।।
  महिलाओं में पुरुषों कि अपेक्षा:
भूख दो गुना,
लज्जा चार गुना,
साहस छः गुना,
और काम आठ गुना होती है।
                सुभाषितानि 
गीता -: अक्षरब्रह्मयोग अo-0
अग्निर्ज्योतिरहः शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्‌ ।,
तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः ॥,
जिस मार्ग में ज्योतिर्मय अग्नि-अभिमानी देवता हैं, दिन का अभिमानी देवता है, शुक्ल पक्ष का अभिमानी देवता है और उत्तरायण के छः महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गए हुए ब्रह्मवेत्ता योगीजन उपयुक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले जाए जाकर ब्रह्म को प्राप्त होते हैं।, ॥,24॥,
                 दैनिक राशिफल  
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
आकस्मिक व्यय से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। विवेक से कार्य करें। स्थानीय धर्मस्थल की परिवार के साथ यात्रा होगी। पार्टनर से मतभेद समाप्त होगा। नौकरी में अधिकारी का सहयोग तथा विश्वास मिलेगा। पारिवारिक व्यस्तता रहेगी।
🐂वृष
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु भय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में ग्राहकी अच्छी रहेगी। नौकरी में कार्य व्यवहार, ईमानदारी की प्रशंसा होगी। मशक्कत करने से लाभ होगा। चिंता होगी। शत्रु पराजित होंगे।
👫मिथुन
कारोबारी नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्त्री कष्ट संभव। कलह से बचें। कार्य में सफलता, शत्रु पराजित होंगे। विवेक से कार्य बनेंगे। पेट रोग से ‍पीड़ित होने की संभावना। वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग।
🦀कर्क
यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। कानूनी बाधा दूर होगी। देव दर्शन होंगे। राज्य से लाभ होने की संभावना। मातृपक्ष की चिंता। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। धनागम की संभावना। मित्र मिलेंगे। विवाद न करें।
🐅सिंह
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। आगे बढ़ने के मार्ग मिलने की संभावना। शत्रु पराजित होंगे। लाभ होगा। स्वास्थ्य ठीक न हो। अनजाना भय सताएगा। राज्य से लाभ। शत्रु शांत होंगे।
🙎‍♀कन्या
बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। नेत्र पीड़ा की संभावना। धनलाभ एवं बुद्धि लाभ होगा। शत्रु से परेशान होंगे। अपमान होने की संभावना। कष्ट की संभावना। धनहानि। कष्ट-पीड़ा। शारीरिक पीड़ा होगी।
⚖तुला
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भागदौड़ रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनागम सुस्त रहेगा। कार्य के प्रति अनमनापन रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कुछ लाभ की संभावना। चिंताएं कुछ कम होंगी।
🦂वृश्चिक
लेन-देन में सावधानी रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पर विजय, हर्ष के समाचार मिलने की संभावना। कुसंग से हानि। धनागम सुखद रहेगा। प्रेमिका मिलेगी। कुछ आय होगी। माता को कष्ट रहेगा।
🏹धनु
भय, पीड़ा व भ्रम की स्थिति बन सकती है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। भय-पीड़ा, मानसिक कष्ट की संभावना। लाभ तथा पराक्रम ठीक रहेगा। दु:समाचार प्राप्त होंगे। हानि तथा भय की संभावना, पराक्रम से सफलता, कलहकारी वातावरण बनेगा। भयकारक दिन रहेगा।
🐊मकर
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।
🍯कुंभ
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।
🐟मीन
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। लाभ होगा। अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। चिंता से मुक्ति नहीं मिलेगी। शत्रु दबे रहेंगे। कलह-अपमान से बचें। संभावित यात्रा होगी। सावधानी बरतना होगी।
प्रथम रोटी गौ माता जी के लिए और आखरी रोटी स्वान के लिए
     🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

बुधवार, 1 अगस्त 2018

कलयुग में ब्राह्मण का श्राप नहीं लगेगा

राधा-कृष्ण विवाह
गर्ग संहिता में राधा रानी की कथा आती है ~ एक बार नंद बाबा बालक कृष्ण को लेकर अपने गोद में खिला रहे हैं। उस समय कृष्ण दो साल सात महीने के थे, उनके साथ दुलार करते हुए वो वृंदावन के भांडीरवन में आ जाते हैं।
एक बड़ी ही अनोखी घटना घटती है। अचानक तेज हवाएं चलने लगती हैं, बिजली कौंधने लगती है, देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा जाता है और इसी अंधेरे में एक बहुत ही दिव्य रौशनी आकाश मार्ग से नीचे आती है जो नख शिख तक श्रृंगार धारण किये हुए थी।
नंद जी समझ जाते हैं कि ये कोई और नहीं खुद राधा देवी हैं जो कृष्ण के लिए इस वन में आई हैं। वो झुककर उन्हें प्रणाम करते हैं और बालक कृष्ण को उनके गोद में देते हुए कहते हैं कि हे देवी मैं इतना भाग्यशाली हूं कि भगवान कृष्ण मेरी गोद में हैं और आपका मैं साक्षात दर्शन कर रहा हूँ।
भगवान कृष्ण को राधा के हवाले करके नंद जी घर वापस आते हैं तब तक तूफान थम जाता है। अंधेरा दिव्य प्रकाश में बदल जाता है और इसके साथ ही भगवान भी अपने बालक रूप का त्याग कर के किशोर बन जाते हैं। इतने में ही ललिता विशाखा ब्रह्मा जी भी वहाँ पहुँच जाते हैं तब ब्रह्मा जी ने वेद मंत्रों के द्वारा किशोरी किशोर का गंधर्व विवाह संपन्न कराया। सखियों ने प्रसन्नतापूर्वक विवाह कालीन गीत गए आकाश से फूलों की वर्षा होने लगी। फिर देखते ही देखते ब्रह्मा जी सखिया चली गई
कृष्ण ने पुनः बालक का रूप धारण कर लिया और श्री राधिका ने कृष्ण को पूर्ववत उठाकर प्रतीक्षा में खड़े नन्द बाबा की गोदी में सौप दिया इतने में बादल छट गए और नन्द बाबा कृष्ण को लेकर अपने ब्रज में लौट आये। जब कृष्ण जी मथुरा चले गए तो श्री राधा जी अपनी छाया को स्थापित करके स्वयं अंतर्धान हो गईं।
वर्णन आता है उनकी छाया जो शेष रह गई उसी का विवाह 'रायाण' नाम के गोप के साथ हुआ। रायाण श्रीकृष्ण की माता यशोदा जी के सहोदर भाई थे गोलोक में वह श्रीकृष्ण के ही अंश भूत गोप थे रायाण श्री कृष्ण के मामा लगते थे।
पद्म पुराण ने वृषभानु राजा की कन्या राधा जी के 28 नामों से उनका गुणगान किया है :
राधा रासेश्वरी
भागवत वेद रूपी वृक्ष का फल है तो ज्ञान से मीठा .जगत का आधार कृष्ण है और कृष्ण का आधार राधा है परन्तु भागवत में राधा का नाम भी नहीं आया है ।.इसके चार कारण बताये गए हैं ।
शुकदेव की गुरु राधा थी राधा गुरु मंत्र है ।
राधा कृष्ण का आधार है कृष्ण ही राधा है व राधा ही कृष्ण है अर्थात राधा एक महाशक्ति है ।
इनका जन्म नहीं हुआ है राधा अयोनिज है वह कमल से पैदा हुई इसी प्रकार सीता पृथ्वी से तथा रुक्मिणी कमल के पत्तों से कृष्ण की एक ज्योति को भी राधा माना गया है ।
कृष्ण ११ वर्ष की उम्र तक ही वृन्दावन में रहे इसी कारण इस लीला को वात्सल्य लीला कहते हैं ।
कृष्ण का राधा के प्रति प्रेम देख कर कहा गया है कि -
राधा तुम बड़भागिनी , कौन तपस्या कीं ।
तीन लोक तारण तरन , इसमें मेक न मीन ॥
वृन्दावन सो वन नहीं , नन्द गाँव सो गाँव
राधा जैसी भक्ति नहीं , मित्र सुदामा जान ॥
बाल्यावस्था में राधा व कृष्ण बिछड़ते हैं , कृष्ण ने राधा को केवल बांसुरी दी थी जिसे उसने जीवन पर्यंत यादगार के रूप में अपने पास रखी । वापिस कब मिलना होगा ऐसा पूछने पर कृष्ण भी बता नहीं पाए ...इसलिए कहा है :-
बंशी दिए जात हूँ राधा मेरे समान ।
अबके बिछड़े कब मिले कह न सके भगवान्॥
राधा -कृष्ण का बचपन का अमर वात्सल्य प्रेम था
राम १२ कला के अवतार थे तो कृष्ण 16 कला के अवतार थे । कृष्ण ने सान्दीपन गुरु से उजैन में शिक्षा ली तथा गुरु के मारे हुए पुत्र को पुनः जीवित किया । कृष्ण ने सिर्फ ६४ दिन तक की शिक्षा प्राप्त कर ६४ विद्याएँ सीखी
कृष्ण योगीराज थे मोर भी योगी होता है । उसके आंसुओं को पीकर ही मोरनी गर्भवती होती है । इसी कारण योगी मोर की पंखुड़ी योगिराज कृष्ण धारण करते थे । कृष्ण 4वर्ष गोकुल में व ११ वर्ष ५५ दिन वृन्दावन में रहे ।
कृष्ण ने वृन्दावन में चार वस्तुओं का त्याग किया था ।
कृष्ण ने कभी मुंडन नहीं कराया
चरण पादुकाएं नहीं पहनी अर्थात नंगे पाँव घूमे
कभी शस्त्र नहीं लिया
कभी सिले वस्त्र नहीं पहने
कृष्ण के वृन्दावन में पैदल घूमने के कारण ही आज उस धाम की मिट्टी को सर पर लगाते हैं ।पवित्र मानते हैं वृन्दावन की सेवा कुंज में आज भी सूर्यास्त के बाद नर वानर पशु व पक्षी नहीं जाते हैं ।इस सेवा कुंज की विशेषता है कि इसमें न तो फल लगते हैं न ही फूल इसमें पतझड़ का असर भी नहीं होता .।
भागवत : सतयुग में विष्णु का ध्यान त्रेता में यज्ञ का द्वापर में कृष्ण- सेवा का तथा कलयुग में नाम- जप का महत्व बताया गया है ।
कलयुग में मानसिक पुण्य का फल मिलता है तथा मानसिक पाप का फल नहीं मिलता । राजा परीक्षित को सर्प डसने का शाप जब श्रृंग ऋषि के पुत्र ने दिया तो श्रृंग ऋषि ने नाराज होकर अपने पुत्र को श्राप दिया कलयुग में ब्राह्मण का श्राप नहीं लगेगा । कृष्ण स्वयं भी शापित थे .

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