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रविवार, 23 सितंबर 2018

अनंत चतुर्दशी व्रत,पूजन सामग्री-विधि ओर कथा

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*आजअनंत चतुर्दशी व्रत,पूजन सामग्री-विधि ओर कथा*
*(आज 23 सितम्बर,रविवार को)*

 अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री हरि (विष्णु)की पूजा की जाती है । यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है । इस व्रत में सूत या रेशम के धागे को लाल कुंकुम से रंग, उसमें चौदह गांठे (14 गांठे भगवान श्री हरि के द्वारा 14 लोकों की प्रतीक मानी गई है ) लगाकर राखी के तरह का अनंत बनाया जाता है । इस अनंत रूपी धागे को पूजा में भगवान पर चढ़ा कर व्रती अपने बाजु में बाँधते हैं । पुरुष दाएं तथा स्त्रियां बाएं हाथ में अनंत बाँधती है । ऐसी मान्यता है कि यह अनंत हम पर आने वाले सब संकटों से रक्षा करता है। यह अनंत डोरा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फल देने वाला माना गया है।यह व्रत धन पुत्रादि की कामना से किया जाता है। इस दिन नए डोरे के अनंत को धारण करके पुराने का विसर्जन किया जाता है ।
अग्नि पुराण के अनुसार व्रत करनेवाले को एक सेर आटे की मालपुआ अथवा पूड़ी बनाकर पूजा करनी चाहिये तथा उसमें से आधी ब्राह्मण को दान दे दें और शेष को प्रसाद के रूप में बंधु-बाँधवों के साथ ग्रहण करें । इस व्रत में नमक का उपयोग निषेध बताया गया है । ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को अनंत रास्ते में पड़ा मिल जाये तो उसे भगवान की इच्छा समझ कर, अनंत व्रत तथा पूजन करना चाहिये । 
यह व्रत पुरुषों और स्त्रियों के समस्त पापों को नष्ट करने वाला माना गया है । इस व्रत के प्रभाव से ही पाण्डवों ने अपने भाईयों सहित महाभारत का युद्ध जीत अपना खोया हुआ साम्राज्य तथा मान सम्मान पाया । 
*अनंत चतुर्दशी व्रत पूजन सामग्री*
इस पूजा में यमुना (नदी ), शेष (नाग ) तथा अनंत ( श्री हरि ) की पूजा की जाती है । इस में कलश को यमुना के प्रतीक के रूप में, दूर्बा को शेष का प्रतीक तथा 14 गांठों वाले अनंत धागे को भगवान श्री हरि के प्रतीक के रूप में पूजा की जाती है । इस में फूल, पत्ती, नैवैद्य सभी सामग्री को 14 के गुणक के रूप में उपयोग किया जाता है । ऐसा कहा जाता है कि यदि यह व्रत 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती विष्णु लोक की प्राप्ति करता है।
पत्ते – 14 प्रकार के वृक्षों के
कलश (मिट्टी का )- एक
कलश पात्र (मिट्टी का )- एक 
दूर्बा 
चावल – 250ग्राम
कपूर- एक पैकेट
धूप - एक पैकेट
पुष्पों की माला – चार
फल – सामर्थ्यानुसार
पुष्प (14 प्रकार के)
अंग वस्त्र –एक
नैवैद्य( मालपुआ )
मिष्ठान्न - सामर्थ्यानुसार
अनंत सूत्र ( 14 गाँठों वाले ) – नये
अनंत सूत्र ( 14 गाँठों वाले ) – पुराने
यज्ञोपवीत( जनेऊ) – एक जोड़ा
वस्त्र
तुलसी दल
पान- पाँच
सुपारी- पाँच
लौंग – एक पैकेट
इलायची - एक पैकेट
पंचामृत(दूध,दही,घृत,शहद,शक्कर)
शेषनाग पर लेटे हुए श्री हरि की मूर्ति अथवा तस्वीर 
आसन ( कम्बल )

*पूजन विधि*
पुराणों मे इस व्रत को करने का विधान नदी या सरोवर पर उत्तम माना गया है । परंतु आज के आधुनिक युग में यह सम्भव नहीं है । अत: घर में ही पूजा स्थान पर शुद्धिकरण करके अनंत भगवान की पूजा करें तथा कथा सुने । साधक प्रात: काल स्नानादि कर नित्यकर्मों से निवृत हो जायें । सभी सामग्री को एकत्रित कर लें तथा पूजा स्थान को पवित्र कर लें। पत्नी सहित आसन पर बैठ जायें ।

*अनंत चतुर्दशी कथा*
एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया। उस समय यज्ञ मंडप का निर्माण सुंदर तो था ही, अद्भुत भी था वह यज्ञ मंडप इतना मनोरम था कि जल व थल की भिन्नता प्रतीत ही नहीं होती थी। जल में स्थल तथा स्थल में जल की भांति प्रतीत होती थी। बहुत सावधानी करने पर भी बहुत से व्यक्ति उस अद्भुत मंडप में धोखा खा चुके थे।
एक बार कहीं से टहलते-टहलते दुर्योधन भी उस यज्ञ-मंडप में आ गया और एक तालाब को स्थल समझ उसमें गिर गया। द्रौपदी ने यह देखकर 'अंधों की संतान अंधी' कह कर उनका उपहास किया। इससे दुर्योधन चिढ़ गया।
यह बात उसके हृदय में बाण समान लगी। उसके मन में द्वेष उत्पन्न हो गया और उसने पांडवों से बदला लेने की ठान ली। उसके मस्तिष्क में उस अपमान का बदला लेने के लिए विचार उपजने लगे। उसने बदला लेने के लिए पांडवों को द्यूत-क्रीड़ा में हरा कर उस अपमान का बदला लेने की सोची। उसने पांडवों को जुए में पराजित कर दिया।
पराजित होने पर प्रतिज्ञानुसार पांडवों को बारह वर्ष के लिए वनवास भोगना पड़ा। वन में रहते हुए पांडव अनेक कष्ट सहते रहे। एक दिन भगवान कृष्ण जब मिलने आए, तब युधिष्ठिर ने उनसे अपना दुख कहा और दुख दूर करने का उपाय पूछा।
तब श्रीकृष्ण ने कहा- 'हे युधिष्ठिर! तुम विधिपूर्वक अनंत भगवान का व्रत करो, इससे तुम्हारा सारा संकट दूर हो जाएगा और तुम्हारा खोया राज्य पुन: प्राप्त हो जाएगा।'

*इसके लिए श्रीकृष्ण ने उन्हें एक कथा सुनाई*

प्राचीन काल में सुमंत नाम का एक नेक तपस्वी ब्राह्मण था। उसकी पत्नी का नाम दीक्षा था। उसकी एक परम सुंदरी धर्मपरायण तथा ज्योतिर्मयी कन्या थी। जिसका नाम सुशीला था। सुशीला जब बड़ी हुई तो उसकी माता दीक्षा की मृत्यु हो गई।
पत्नी के मरने के बाद सुमंत ने कर्कशा नामक स्त्री से दूसरा विवाह कर लिया। सुशीला का विवाह ब्राह्मण सुमंत ने कौंडिन्य ऋषि के साथ कर दिया। विदाई में कुछ देने की बात पर कर्कशा ने दामाद को कुछ ईंटें और पत्थरों के टुकड़े बांध कर दे दिए।
कौंडिन्य ऋषि दुखी हो अपनी पत्नी को लेकर अपने आश्रम की ओर चल दिए। परंतु रास्ते में ही रात हो गई। वे नदी तट पर संध्या करने लगे।
सुशीला ने देखा- वहां पर बहुत-सी स्त्रियां सुंदर वस्त्र धारण कर किसी देवता की पूजा पर रही थीं। सुशीला के पूछने पर उन्होंने विधिपूर्वक अनंत व्रत की महत्ता बताई। सुशीला ने वहीं उस व्रत का अनुष्ठान किया और चौदह गांठों वाला डोरा हाथ में बांध कर ऋषि कौंडिन्य के पास आ गई।
कौंडिन्य ने सुशीला से डोरे के बारे में पूछा तो उसने सारी बात बता दी। उन्होंने डोरे को तोड़ कर अग्नि में डाल दिया, इससे भगवान अनंत जी का अपमान हुआ। परिणामत: ऋषि कौंडिन्य दुखी रहने लगे। उनकी सारी सम्पत्ति नष्ट हो गई। इस दरिद्रता का उन्होंने अपनी पत्नी से कारण पूछा तो सुशीला ने अनंत भगवान का डोरा जलाने की बात कहीं।
पश्चाताप करते हुए ऋषि कौंडिन्य अनंत डोरे की प्राप्ति के लिए वन में चले गए। वन में कई दिनों तक भटकते-भटकते निराश होकर एक दिन भूमि पर गिर पड़े।
तब अनंत भगवान प्रकट होकर बोले- 'हे कौंडिन्य! तुमने मेरा तिरस्कार किया था, उसी से तुम्हें इतना कष्ट भोगना पड़ा। तुम दुखी हुए। अब तुमने पश्चाताप किया है। मैं तुमसे प्रसन्न हूं। अब तुम घर जाकर विधिपूर्वक अनंत व्रत करो। चौदह वर्षपर्यंत व्रत करने से तुम्हारा दुख दूर हो जाएगा। तुम धन-धान्य से संपन्न हो जाओगे। कौंडिन्य ने वैसा ही किया और उन्हें सारे क्लेशों से मुक्ति मिल गई।'
श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए तथा चिरकाल तक राज्य करते रहे।

*🙏जय श्रीराधे कृष्णा🙏*
*🙏श्री अनन्त (विष्णु)भगवान की जय🙏*
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शनिवार, 22 सितंबर 2018

पुलिस पब्लिक रीलेशनशिप सेमिनार " पुलिस बिन एक दिन" POLICE PUBLIC PRESS

जोधपुर|

 समाज मे पुलिस के महत्व ओर आम जनता के प्रति एक दूसरे के कर्तव्यों को रेखांकित करते हुए पुलिस पब्लिक प्रेस
द्वारा आयोजित पुलिस पब्लिक रीलेशनशिप सेमिनार " पुलिस बिन एक दिन" का आयोजन 22 सितम्बर को सूचना केंद्र में किया गया,
#POLICEPUBLICPRESS

 कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधिपति श्री गोपाल कृष्ण व्यास, महिला आयोग की सदस्या डॉ. नीलम मूँदड़ा की अध्यक्षता मे, एडीशनल एसपी (ग्रामीण) श्री खिंवसिंह जी भाटी, एडीशनल डीसीपी श्रीमती सीमा हिंगोनिया, एडीशनल डीसीपी (यातायात) श्रीमती निर्मला विश्नोई जी, डीएसपी श्री नरेंद्र चौधरी, बार कॉउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणजीत जी जोशी, समाज सेवी व युवा उद्यमी श्री विनोद सिंघवी जी, पुलिस पब्लिक प्रेस के राष्ट्रीय संपादक श्री पवन भूत जी की उपस्थिति मे दीप प्रवज्वलित करके किया गया|

 कार्यक्रम मे राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने पुलिस पब्लिक प्रेस की कार्य प्रणाली तथा कार्यक्रम के मुख्य विषय "पुलिस बिन एक दिन " पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता ओर कर्तव्यों पर प्रकाश डाला | समाज मे एक दिन के लिए पुलिस का होना कितना ज़रूरी है ओर पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता विषय पर विद्यार्थियों द्वारा २ मिनिट मे अपनी बात पुलिस के उच्चाधिकारिओ के सामने प्रस्तुत की जिसका यहा कार्यक्रम मे उपस्थित अधिवक्ताओ, विद्यार्थियों, अभिभावको, अध्यापको, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिको द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया, इसमे आर्मी चिल्ड्रेन अकडमी बनाड आराधना सेन प्रथम, आदर्श विधया मंदिर बासनी की दुर्गा द्वितीय व कॅरियर पॉइंट वर्ल्ड स्कूल झालामांड की जया भाटी तृतीय स्थान पर रही इन विध्यार्थीयों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पुलिस एडीशनल एसपी खिंवसिंह जी द्वारा अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया| आने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रसंशा पत्र व पुलिस पब्लिक प्रेस द्वारा मेडल देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम मे पधारे हुए समाजसेवी केवल जी कोठारी को "कचरे से सोना बनाना सीखे अभियान" के लिए, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम मे तिन्वरि के श्री लालचंद (रमेश) बाहेती, बस्क एंटरटेनमेंट के सुरेश जाजू, विजन एसोसिएट के अमरा राम कुमावत, सनरे ब्रॉडबेंड के सूर्यप्रताप सिंह व जयसिंह, सोनी इवेंट एंड सोनी एग्रो के सत्यप्रकाश सोनी, परिहार डेयरी के राजेंद्र, तरंग इलेक्ट्रॉनिक के संजय आहूजा, शिवम इंटरनॅशनल के सुरेंद्र राव, डाइनामिक प्रिंटर्स के तरुण सोटवाल व विनायक साउंड, दीपिका डिजिटल द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने मे योगदान देने पर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया|
कार्यक्रम संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, पुलिस पब्लिक प्रेस की टीम के जोधपुर के रिपोर्टर हेमंत बाजपेयी, सत्यप्रकाश सोनी अन्य सदस्यों मे अभिषेक शर्मा, अरुण वर्मा, कैलाश सेन,  परमेश्वर वैष्णव, दीपक सोनी, मनीष गुरिया, अधिवक्ता दीपक परिहार, मंच संचालन करने वाले अधिवक्ता श्री मनीष व्यास, वडोदरा के जितेंद्र पटेल, भीलवाड़ा के क्षितिज सोमानी, लक्ष्मी लक्ष्कार, संजय पूरी, आसोप से संपतलाल सोनी . सूरत से महावीर पारीक, पाली से अमर सिंह आदि को मंचासीन पुलिस अधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया|
 पुलिस की और से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सीमा हिंगोनिया जी ने कहा की सभी को पुलिस को ओर पुलिस के बारे मे जानना चाहिए ताकि समाज को अपराधमुक्त बनाने हेतु आम जनता और पुलिस की सहभागिता मे कार्य किया जा सके| महिला आयोग की डॉ. नीलम जी मूंदड़ा ने पुलिस को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक रहते हुए खिंवसिह जी से मंच पर संवाद किया इस पर जवाब देते हुए एडीशनल एसपी साहब ने बताया की यदि आपको कोई पुलिसकर्मी या किसी अन्य नागरिक के यातायात के नियमो का उलंघन करते दिखाई देता है तो वाट्सअप पर बने हुए पुलिस ग्रूप मे भेजे उस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाएगी| नीलम जी ने कार्यक्रम संयोजक कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी, और उनकी टीम को उनके राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी द्वारा संचालित पुलिस पब्लिक प्रेस को जोधपुर मे शुभारंभ करने पर धन्यवाद ओर बधाई दी|
कार्यक्रम मे एडीसीपी निर्मला जी विश्नोई ये यातायात पुलिस से संबंधित नियमो की जानकारी सभी को बताते हुए जनता को संबोधित किया, पूर्व न्यायशीश श्री गोपाल कृष्ण व्यास जी ने सम्बोधित करते हुए बताया की पुलिस की वर्दी एक विश्वास है
रात मे अकेले चलते हुए पुलिस का दिखने पर अपने आपको सुरक्षित महसूस करते है और पुलिस की कार्यविधि बताते हुए सभी से जनसहयोग की अपील की |

कार्यक्रम के समापन पर अतिथियो के लिए भोजन की व्यवस्था की गई
जोधपुर मे एक ही मंच पर महिला आयोग, प्रेस, अधिवक्ता, न्यायाधिकारी, पुलिस, पब्लिक को एकट्ठा कर पुलिस पब्लिक प्रेस के संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी ने बताया की पुलिस पब्लिक प्रेस के एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 1800 11 5100 जो पुलिस पब्लिक प्रेस के मध्यम से आम जनता की सहयता हेतु लोकार्पण किया हुआ है जिसमे पुलिस पब्लिक प्रेस के सभी पाठको को प्रेस के मध्यम से संगठित करने हेतु एक कार्ड दिया जाता है जिससे पूरे देश मे कही भी एक दूसरे के सहयोग हेतु प्रेस से जुड़े हुए सभी लोग पूरे भारत मे एक दूसरे की आपस मे मदद कर सके और आम जनता की सहायता हेतु पुलिस और जनता की सहभागिता देश को अपराध मुक्त बनाने हेतु योगदान कर सके|
राजस्थान के प्रभारी श्री तमन्ना अहमद व राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने बताया की पूरे देश मे पुलिस पब्लिक प्रेस "पुलिस बिन एक दिन", सोशियल मीडीया & यू, ये शान तिरंगा है, माँ-बाप को भूलना नही आदि कई सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है एवं आगामी दिसंबर माह मे जोधपुर मे "माँ-बाप को भूलना नही" कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा|

पुलिस बिन एक दिन का आयोजन 22 सितम्बर को जोधपुर सूचना केंद्र में किया गया

जोधपुर|
 समाज मे पुलिस के महत्व ओर आम जनता के प्रति एक दूसरे के कर्तव्यों को रेखांकित करते हुए  पुलिस पब्लिक प्रेस
द्वारा आयोजित पुलिस पब्लिक रीलेशनशिप  सेमिनार " पुलिस बिन एक दिन" का आयोजन 22 सितम्बर को सूचना केंद्र में किया गया,


 कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधिपति श्री गोपाल कृष्ण व्यास, महिला आयोग की सदस्या डॉ. नीलम मूँदड़ा की अध्यक्षता मे, एडीशनल एसपी (ग्रामीण) श्री खिंवसिंह जी भाटी, एडीशनल डीसीपी श्रीमती सीमा हिंगोनिया, एडीशनल डीसीपी (यातायात) श्रीमती निर्मला विश्नोई जी, डीएसपी श्री नरेंद्र चौधरी, बार कॉउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणजीत जी जोशी, समाज सेवी व युवा उद्यमी श्री विनोद सिंघवी जी, पुलिस पब्लिक प्रेस के राष्ट्रीय संपादक श्री पवन भूत जी की उपस्थिति मे दीप प्रवज्वलित करके किया गया|
कार्यक्रम मे राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने पुलिस पब्लिक प्रेस की कार्य प्रणाली तथा कार्यक्रम के मुख्य विषय "पुलिस बिन एक दिन " पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता ओर कर्तव्यों पर प्रकाश डाला | समाज मे एक दिन के लिए पुलिस का होना कितना ज़रूरी है ओर पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता विषय पर विद्यार्थियों द्वारा २ मिनिट मे अपनी बात पुलिस के उच्चाधिकारिओ के सामने प्रस्तुत की जिसका यहा कार्यक्रम मे उपस्थित अधिवक्ताओ, विद्यार्थियों, अभिभावको, अध्यापको, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिको द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया, इसमे आर्मी चिल्ड्रेन अकडमी बनाड आराधना सेन प्रथम, आदर्श विधया मंदिर बासनी की दुर्गा द्वितीय व कॅरियर पॉइंट वर्ल्ड स्कूल झालामांड की जया भाटी तृतीय स्थान पर रही इन विध्यार्थीयों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पुलिस एडीशनल एसपी खिंवसिंह जी द्वारा अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया| आने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रसंशा पत्र व पुलिस पब्लिक प्रेस द्वारा मेडल देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम मे पधारे हुए समाजसेवी केवल जी कोठारी को "कचरे से सोना बनाना सीखे अभियान" के लिए,  स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया|

कार्यक्रम संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, पुलिस पब्लिक प्रेस की टीम के जोधपुर के रिपोर्टर हेमंत बाजपेयी, सत्यप्रकाश सोनी अन्य सदस्यों मे अभिषेक शर्मा, अरुण वर्मा, कैलाश सेन, तरुण सोटवाल, परमेश्वर वैष्णव, दीपक सोनी, मनीष गुरिया, अधिवक्ता दीपक परिहार, मंच संचालन करने वाले अधिवक्ता श्री मनीष व्यास, वडोदरा के जितेंद्र पटेल, भीलवाड़ा के क्षितिज सोमानी, लक्ष्मी लक्ष्कार, संजय पूरी, आसोप से संपतलाल सोनी . सूरत से महावीर पारीक, पाली से अमर सिंह आदि को मंचासीन पुलिस अधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया|

पुलिस की और से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सीमा हिंगोनिया जी ने कहा की सभी को पुलिस को ओर पुलिस के बारे मे जानना चाहिए ताकि समाज को अपराधमुक्त बनाने हेतु आम जनता और पुलिस की सहभागिता मे कार्य किया जा सके| महिला आयोग की डॉ. नीलम जी मूंदड़ा ने पुलिस को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक रहते हुए खिंवसिह जी से मंच पर संवाद किया इस पर जवाब देते हुए एडीशनल एसपी साहब ने बताया की यदि आपको कोई पुलिसकर्मी या किसी अन्य नागरिक के यातायात के नियमो का उलंघन करते दिखाई देता है तो वाट्सअप पर बने हुए पुलिस ग्रूप मे भेजे उस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाएगी| नीलम जी ने कार्यक्रम संयोजक कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी, और उनकी टीम को उनके राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी द्वारा संचालित पुलिस पब्लिक प्रेस को जोधपुर मे शुभारंभ करने पर धन्यवाद ओर बधाई दी|
कार्यक्रम मे एडीसीपी निर्मला जी विश्नोई ये यातायात पुलिस से संबंधित नियमो की जानकारी सभी को बताते हुए जनता को संबोधित किया, पूर्व न्यायशीश श्री गोपाल कृष्ण व्यास जी ने सम्बोधित करते हुए बताया की पुलिस की वर्दी एक विश्वास है
रात मे अकेले चलते हुए पुलिस का दिखने पर अपने आपको सुरक्षित महसूस करते है और पुलिस की कार्यविधि बताते हुए सभी से जनसहयोग की अपील की |

कार्यक्रम के समापन पर अतिथियो के लिए भोजन की व्यवस्था की गई
जोधपुर मे एक ही मंच पर महिला आयोग, प्रेस, अधिवक्ता, न्यायाधिकारी, पुलिस, पब्लिक को एकट्ठा कर पुलिस पब्लिक प्रेस के संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी ने बताया की पुलिस पब्लिक प्रेस के एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 1800 11 5100 जो पुलिस पब्लिक प्रेस के मध्यम से आम जनता की सहयता हेतु लोकार्पण किया हुआ है जिसमे पुलिस पब्लिक प्रेस के सभी पाठको को प्रेस के मध्यम से संगठित करने हेतु एक कार्ड दिया जाता है जिससे पूरे देश मे कही भी एक दूसरे के सहयोग हेतु प्रेस से जुड़े हुए सभी लोग  पूरे भारत मे एक दूसरे की आपस मे मदद कर सके और आम जनता की सहायता हेतु पुलिस और जनता की सहभागिता देश को अपराध मुक्त बनाने हेतु योगदान कर सके| 

राजस्थान के प्रभारी श्री तमन्ना अहमद व राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने बताया की पूरे देश मे पुलिस पब्लिक प्रेस "पुलिस बिन एक दिन", सोशियल मीडीया & यू, ये शान तिरंगा है, माँ-बाप को भूलना नही आदि कई सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है एवं आगामी दिसंबर माह मे जोधपुर मे "माँ-बाप को भूलना नही" कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा|

बुधवार, 19 सितंबर 2018

देश की पहली स्मार्ट फेंसिंग का हुआ उद्धघाटन ... !!!

देश की पहली स्मार्ट फेंसिंग का हुआ उद्धघाटन ... !!!

जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में अपनी तरह का यह पहला हाईटेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी। भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ और अवैध आव्रजन रोकने के लिए यह पहल एक समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) का हिस्सा है। मोदी => सरकार ने दोनों देशों से लगी भारतीय सीमा को पूरी तरह से सील करने के लिए यह फैसला लिया है।

=> कई उपकरणों का इस्तेमाल

स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरणों का इस्तेमाल होता है। सेंसर जैसे थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार आदि उपकरण स्मार्ट फेंस में विभिन्न स्थानों जैसे एयरोस्टैट, टावर और खंभों पर लगे होते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस नई प्रणाली से चौबीसों घंटे सीमा की निगरानी की जा सकती है। मौसम कैसा भी हो, धूल भरी आंधी, धुंध या बरसात निगरानी में कोई दिक्कत नहीं आएगी। भविष्य में स्मार्ट फेंस पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी 2,400 किमी तक की भारतीय सीमा को पूर्णत: सुरक्षित करने के लिए लगाई जाएगी। लेजर फेंस में अन्य उपकरण जोड़कर एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार बनाई गई है। इस अत्याधुनिक बाड़ के सीसीटीवी फीड तत्काल बीएसएफ की एक चौकी तक पहुंचेंगी। इससे वे घुसपैठ के किसी भी प्रयास को तत्काल नाकाम कर सकेंगे। इन दो स्मार्ट फेंसों में पहली विदेशी है, जबकि दूसरी भारतीय कंपनी की देन है।

=> ऐसे काम करेगी नई फेंस

स्मार्ट फेंस में थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूडर अलार्म की सुविधा होगी। इससे एक अदृश्य जमीनी बाड़, हवाई निगरानी के लिए एयरशिप, नायाब ग्राउंड सेंसर लगा होगा जो घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांपकर सुरक्षा बलों को सूचित कर देगा।

=> सुरंग से घुसपैठ होगी नाकाम

सुरंग खोदकर भारतीय सीमा में घुसपैठ अब मुमकिन नहीं होगी। सुरंग, रडार और सोनार सिस्टम से सीमा पर नदी के किनारों को सुरक्षित किया जा सकेगा। कमांड और कंट्रोल सिस्टम सभी सर्विलांस उपकरणों से डाटा को रियल टाइम में रिसीव करेंगे।

=> सुरक्षा का नया पैमाना

घुसपैठ की पिछली घटनाओं को देखते हुए जम्मू के दो इलाकों को चुना गया है। इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूजन डिटेक्टर्स जमीन और नदी के आस-पास के क्षेत्रों में एक अदृश्य दीवार का काम करेंगे जबकि सोनार सिस्टम नदी के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को पकड़ लेगा। ऐरोस्टेट तकनीक आसमान में किसी भी हरकत पर नजर रखेगी। सुरंग के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भूमिगत सेंसर लगातार निगरानी करेंगे।

बुधवार, 12 सितंबर 2018

क्या-क्या कुदरती घोषित कर दोगे आप ?? #धारा_377

क्या-क्या कुदरती घोषित कर दोगे आप ??
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तस्वीर में दिख रहा बड़ा सा कुत्ता दरअसल एक आदमी है, जिसे लगता है कि वो सेक्सुअली एक कुत्ता है।वह चाहता है उसे कुत्ते की तरह ट्रीट किया जाये । ये ड्रेस सेक्स टॉयज़ बनाने वाली कंपनियां बनाती हैं, अच्छी कीमत पर बेचती हैं।
हार्मोन्स के इंजेक्शन से सेक्स चेंज की जुगाड़ तो बाजार ने खोज ली है, लेकिन अभी इंसान को कुत्ता बनाने वाले हार्मोन्स नहीं बन सके, लिहाजा मानसिक कुत्तों को ड्रेस ही बेची जा रही है। हो सकता है कि आने वाले सालों में इन्हें बोलना भुलाकर भौंकने की व्यवस्था कोई कंपनी खोज निकाले.!

दुनिया में सेक्स मार्केट इस समय करीब 35 बिलियन डॉलर का है। 2020 तक ये करीब 55 बिलियन डॉलर होगा। एक साल में तकरीबन 50,000 करोड़ की सेक्स चेंज सर्जरी भी हो रही है। बाजार के इस मेडिकल क्षेत्र में अभी बहुत स्कोप है। लेकिन बाजार ग्रो करे इसके लिए जरूरी है पहले विकृति को स्वीकृति मिले। उसके बाद शौक और फिर ट्रेंड बने। विज्ञापनों को ध्यान से देखा होगा या मार्केटिंग को पढ़ा होगा तो पहला फंडा है कि जहर भी बेचना है तो उसे ग्लोरीफाई किया जाए.!
ये कुत्ता कोई तस्वीर नहीं है। ये एक कम्युनिटी है। LGBT की तरह।
ये खुद को '#ह्यूमन_पप्स' कहते हैं।

किसी एक आध शख्स के 'शौक' से शुरू हुई पप्स कम्युनिटी आज हजारों लाखों में पहुंच गई है। ब्रिटेन के एंटवर्प शहर में 'मिस्टर पपी यूरोप' की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इनके अपने प्राइड क्लब्स भी हैं, दुनिया के तमाम शहरों में, जहां ये इकट्ठा होकर अपने अंदर के कुत्ते को गर्व से सेलिब्रेट करते हैं।"

होमोसेक्सुअल्स की तरह ही ये कुत्ते और पिल्ले भी तमाम आयोजन करते हैं, और अपने अधिकारों की मांग करते हैं कि दुनिया उन्हें सम्मान से स्वीकार करे जैसे आम लोगों को स्वीकार करती है।
इसी तरह '#ज़ूफाइल्स' नाम से एक कम्युनिटी भी है। ये वो लोग हैं जिन्हें इंसान सेक्सुअली आकर्षित नहीं करते। चाहे फिर वो लड़की हो या लड़का.! इन्हें जानवरों से इंटरकोर्स आकर्षित करता है। इनमें से कई कहते हैं कि इंसानों के संपर्क में जब तक थे ये अपनी सेक्सुअलिटी को पहचान नहीं पाए थे। अब पहचान लिया, और सुखी हैं। ज़ूफाइल्स में भी कई आइडेन्टिटीज़ हैं।
जैसे कि कुत्तों के साथ सेक्सुअल रिश्ते बनाने वाले साइनोफाइल्स, घोड़ों से साथ वाले इक्विनोफाइल्स, सुअर के साथ वाले पोर्किनोफाइल्स.!!
ये सब भी समाज में स्वीकृति की मांग कर रहे हैं और इनके क्लब्स की संख्या 15-20 लाख तक पहुंच चुकी है।
कई देशों में ये लीगल भी है, कुछ में बैन.! डेनमार्क ने हाल में कानून बनाकर ज़ूफीलिया बैन कर दिया, इसे लेकर इस समाज में बहुत नाराज़गी है। भेदभाव बंद करने की मांग कर रहे हैं। कुछ का कहना है जानवर भी उनके साथ रिश्ते को एन्जॉय करते हैं और ये आपसी सहमति से होता है,
और कुछ कहते हैं कि जानवर को मारकर खाने की बात करने वाले जानवर से सेक्स में एनिमल राइट्स कहाँ से घुसेड़ लाते.?

एक सर्वे में पता चला कि 81% पुरुष और 100% ज़ूफ़ाइल महिलाएं केवल जानवरों से आकर्षण को ही अपने ज़ूफ़ाइल होने की वजह मानते हैं। उनके मुताबिक इसके पीछे न कोई कारण है, न मानसिक बीमारी.!! ये उनका नेचुरल ज़ूफ़िलिक सेक्सुअल ओरिएंटेशन है, जस्ट लाइक हेट्रोसेक्सुअल्स.!! इन्हें भी खुद पर 'प्राइड' है और समाज में अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी को सम्मान और बराबरी का स्थान दिलाना चाहते हैं.!!
इसी तरह खुद को लड़की की तस्वीर में देखकर एक्साइट होने वाले ऑटोगाइनेफाइल्स हैं, खुद को किसी जानवर की सेक्सुअल लाइफ में मानने वाले ऑटोज़ूफाइल्स, पेड़ो से सेक्स करना पसंद करने वाले डेंड्रोफाइल्स, कीड़ों को अपने ऊपर डालकर सेक्सुअल प्लेज़र लेने वाले फॉर्मिकोफाइल्स., ये सब अपने आपको सामान्य और आम लोगों की तरह बताते हैं.!!
सामान्यतः कानूनन अपराधी होने के चलते डार्क वेब पर छिपकर पीडोफाइल्स भी बच्चो के साथ सेक्स करने के अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनके पास भी अपने मनोवैज्ञानिक और कथित मानवाधिकार के तर्क हैं।
सबके अपने तर्क हैं, आग्रह दुराग्रह हैं.! होमोसेक्सुअल्स की संख्या ज्यादा है तो उन्होंने होमोसेक्सयूलिटी को ज्यादा नेचुरल घोषित कर लिया.! जिनकी संख्या कम है वो अभी खुली 'प्राइड परेड' नहीं कर पाते।
लेकिन नेचर तो 'प्रोडक्टिवली पर्पसफुल' प्रक्रियाओं को पैदा करती है और यही नेचर के लिए नेचुरल होने का मतलब है। रिप्रोडक्शन को डिस्ट्रक्शन से अलग करने के लिए सेक्स में इमोशन्स, प्लेज़र, बॉन्डिंग और सिक्योरिटी को नेचर ने जोड़ दिया, ताकि सृजन खूबसूरत लगे।

शुद्ध साइंस की भाषा में कहें तो हर जाति के जीवन की हर गतिविधि का मकसद जीन ट्रांसफर ही है। लेकिन नेचर के साथ विकृति और अपवाद हमेशा लिंक्ड रहते। आज कथित समाजसेवी, मानवाधिकारवादी विकृति को 'प्राइड' बताने के लिए कैम्पेन कर रहे हैं।
नॉन-रिप्रोडक्टिव सेक्सुअल साइकोलॉजी को साइंस की भाषा में पैराफीलिया कहते हैं। खुद को अपोजिट सेक्स का सोचने वाले होमोसेक्सुअल्स हो या अपने आपको जानवर समझने वाले ऑटोज़ूफाइल्स, नेचर के सामान्य नियमों पर ये सब पैराफाइल्स असामान्य मानसिक या हार्मोनल विकृतियां ही हैं। कैंटर के रिसर्च पेपर में होमोसेक्सुअल्स के प्रति बहुत उदारता बरतते हुए भी निष्कर्ष यही निकला कि होमोसेक्सुअल्स और पैराफाइल्स में कई कोरिलेट्स हैं, और इस मनोदशा के पीछे के बहुत फैक्टर्स पर रिसर्च बाकी है। लेकिन जज साहब ने घोषणा कर दी कि होमोसेक्सुअलिटी एकदम सामान्य बात है।
दुनिया में सेक्स मार्केट इस समय करीब 35 बिलियन डॉलर का है। 2020 तक ये करीब 55 बिलियन डॉलर होगा। एक साल में तकरीबन 50,000 करोड़ की सेक्स चेंज सर्जरी भी हो रही है। बाजार के इस मेडिकल क्षेत्र में अभी बहुत स्कोप है। लेकिन बाजार ग्रो करे इसके लिए जरूरी है पहले विकृति को स्वीकृति मिले। उसके बाद शौक और फिर ट्रेंड बने। विज्ञापनों को ध्यान से देखा होगा या मार्केटिंग को पढ़ा होगा तो पहला फंडा है कि जहर भी बेचना है तो उसे ग्लोरीफाई किया जाए.!
ख़ैर, आजकल जब कुत्ते का पट्टा पहने इंसान आदमी बनने को तैयार नहीं, तो नेचुरल अननेचुरल की बात मजाक से ज्यादा क्या होगा.!! लेकिन बात ये है कि Section 377 हटने के पहले भी बैडरूम में कोई झांकने नहीं आता था, अब भी नहीं आएगा.! लेकिन होमोसेक्सुअल्स की पर्सनल लाइफ अगर उनका पर्सनल मसला है तो होमोसेक्सुअलिटी को कोई इज्जत दे या हिकारत भरी निगाह से देखे., उसकी पर्सनल चॉइस में क्यों घुसना.??
वैसे, कोर्ट से Section 377 खत्म हुआ है, HIV और STDs का ख़तरा नहीं.!!
साभार हिमांशु मिश्र.....

बुजर्गों के लिए हेल्थ टिप्स

बुजर्गों के लिए हेल्थ टिप्स:-
1. आहार और खानपान- खासकर इस उम्र में खाना हल्का,सुपाच्य ,कम तेल,मिर्च मसालेवाला और जहां तक हो सके शाकाहारी लें।
वैज्ञानिक शोधों से ये साबित हो चुका है कि जो लोग,कम खाते हैं और शाकाहारी खानपान अपनाते हैं वो ज्यादा लंबा और ज्यादा स्वस्थ जीवन ज्वेते हैं ,बनिस्बत उनलोगों के जो ज्यादा मात्रा में खाना खाते हैं और मांसाहार अपनाते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ चूंकि ,मांसपेशियां शिथिल और कमजोर पड़ने लगती हैं,इसीलिये आहार में प्रोटीन की जरूरत भी बढ़ जाती है।इसी के मद्देनजर खाने में प्रोटीन के स्त्रोत,जैसे की दालें, सोयाबीन,चना,पनीर और टोफू(सोया पनीर) की मात्रा बढ़ा दें।कैल्शियम और विटामिन डी की कमी की वजह से हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं, जिस वजह से कमर में दर्द और जोड़ीं में दर्द बहुत ही आम समस्या बन जाती है।इसीलिए ये बहुत ज़रूरी हो जाता है ,की दूध,दही और दूध से बने पदार्थों के रूप में,खाने में भरपूर मात्रा में बराबर कैल्शियम लें।डॉक्टरी सलाह पर ,कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
खाने में साबुत अनाज और फाइबरयुक्त आहार लें।प्रचुर मात्रा में सब्ज़ियों और फलों का सेवन करें।1 मौसमी फल प्रतिदिन खाने का नियम ज़रूर बना लें।1 चम्मच घी के रूप में ,थोड़ी सी वसा का भी अवश्य ही सेवन करें।
खाना थोड़ी मात्रा में लें और बराबर लें ,जिससे शरीर में स्फूर्ति और शक्ति बनी रहे।विशेषकर रात का खाना हल्का लें और जल्दी अवश्य ही लें।
2. नींद-सात से आठ घंटे की तनावरहित नींद लेने की कोशिश करें।अगर तनाव और अनिद्रा की समस्या है तो ध्यान ,योग का सहारा लें।बहुत ज़रूरी है ,की सारे दिन किसी ना किसी गतिविधि में खुद को व्यस्त रखें ,ताकि रात को नींद आने में समस्या ना हो।अगर फिर भी दिक्कत महसूस हो तो,अनिद्रा की समस्या के लिए डॉ से मिलें।
3. व्यायाम- नियम से हफ्ते में कम से कम 3 दिन,आधे घंटे के लिए, घूमना जारी रखें।अगर शरीर में ताकत हो तो जिम ट्रेनर के संरक्षण में वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने से ,हड्डियां मजबूत होंगी और मांसपेशियां भी कमजोर नही पड़ेगी।इसके साथ ही साथ,अगर आप पहले से ही जॉगिंग या स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज करते रहें हो ,तो उसको जारी रखने में कोई हर्ज नही।
साथ ही आपको योग ,ध्यान,प्राणायाम और सूर्य नमस्कार करने से भी स्वास्थ की दृष्टि से बेहद लाभ मिलेंगे।
एक वैज्ञानिक शोध में तो ये भी देखा गया है ,की जो लोग डांस में रूचि रखते हैं और स्वयम डांस सीखते और करते हैं ,वो ज्यादा समय तक स्वस्थ और युवा बने रहते हैं और उनकी याददाश्त भी मजबूत होती है।तो हुई ना एक चौंकानेवाली मजेदार बात!
4. जीवनशैली-सिर्फ वृद्धावस्था ही क्यों,बल्कि बाल्यपन से लेकर युवावस्था से लेकर वृद्धावस्था,में,कुल मिलाकर जीवन के हर पड़ाव में व्यक्ति को एक नियमित जीवनशैली अपनानी चाहिए ही,जिसमें जल्दी सोना और सूर्योदय के साथ उठना ,एक बेहद कारगर आदत है।निश्चित ही,नियमित दिनचर्या,स्वस्थ जीवन की अमूल्य कुंजी है।
5. बीमारियां-वृद्धावस्था में एक बहुत बड़ा डर व्यक्ति को बीमार पड़ने का रहता है।इस उम्र में लोगों को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और जोड़ों की समस्या होना बहुत ही आम होता है।अगर आप उच्च रक्तचाप(हाई ब्लड प्रेशर) या डायबिटीज से पीड़ित हैं तो नियमित तौर पर अपनी दवाइयों का बराबर सेवन करें।डॉ से पूछे बिना अपनी दवाई अपनेआप कभी भी, यूँ ही बंद करने की बिलकुल भी गलती ना करें ,नहीं तो इन बीमारियों के चलते आपको हार्ट अटैक,स्ट्रोक या पक्षाघात(पैरालिसिस) भी हो सकता है।स्वास्थ के लिए सजग और सचेत रहे ,लेकिन लगातार चिंतित बिलकुल भी नही।साल में कम से कम एकबार, अपने शरीर का डॉक्टर से पूरा चेकउप और खून पेशाब की जरूरी जांचें भी अवश्य कराएं।
6. आँख,कान और दांत की देखभाल-इस उम्र में अक्सर पास की नज़र कमजोर हो जाती है और कान से भी अक्सर कम सुनाई पड़ने लगता है।अगर आपको ऐसी कोई भी समस्या है तो ठीक नंबर का चश्मा बनवाकर लगाने और हियरिंग ऐड(सुनने का उपकरण),इस्तेमाल करने में रत्तीभर भी ना झिझकें।आखिर जब आपकी इंद्रियां सही से काम करेंगी, तभी तो आप चिंतामुक्त जीवन का आनंद उठा पाएंगे।अगर आपने अपने दांतों की हमेशा सही देखभाल की है,तो इस उम्र में भी आप सहीसलामत दांतो का लाभ उठा पाएंगे।अगर दांतो या मसूड़ों में दिक्कत हो तो डेंटिस्ट से सलाह लेकर उचित इलाज जरूर कराएं।आजकर दांतों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध जो हैं।
7. धूम्रपान ,शराब,तंबाकू या गुटखा,किसी भी नशे का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें।
8. आखिरी,और सबसे महत्वपूर्ण सन्देश,जीवनभर आप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते रहे और घर के लिए रोटी का इंतज़ाम करने और बच्चों की अच्छी परवरिश करने में लगे रहे।लेकिन उम्र का ये पड़ाव सिर्फ और सिर्फ आपके लिए और आपके जीवनसाथी के लिए होना चाहिए है।
जीवनसाथी को भरपूर समय दें,उनको अब अपने जीवन की प्राथमिकता बनाएं।सारी अधूरी हसरतों को साथ में पूरा करने की कोशिश करें।खूब घूमें फिरें।अब बच्चों को अपनी ज़िम्मेदारियाँ स्वयम ही उठाने दें। नाती पोतों के साथ खूब खेलें ।खूब किस्से कहानियां सुनाएं।अपने जीवन से जुड़ी रोचक घटनाओं को बताएं।अपने अनुभव की अमूल्य धरोहर उन्हें सौंपे।दोस्तो और रिश्तेदारों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताएं।क्या मालूम, सांझ की इस बेला में किसका, कितना और कब तक साथ मिलें।
कोई पुराना शौक जो दिल के किसी कोने में पड़ा दम तोड़नेही वाला था, उसको शॉक ट्रीटमेंट देकर जागृत करें।टूटी कलम और कागज़ दोबारा उठा लें ,पुराना सितार या गिटार बजा लें।साथ में सालसा डांस क्लास ज्वाइन करें।
कुछ वक़्त अवश्य ही समाज को दें,फिर चाहे वो अस्पताल में या वृद्धाश्रम में बीमारों की देखभाल के लिए हो या की फिर अनाथ बच्चों को पढ़ाना हो।सामान का मोह त्याग दें ।सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीखकर, दिल की कहें ,दिल की सुनें और निरंतर नयी चीज़ें सीखते रहें।स्मार्ट फ़ोन इस्तेमाल करते नहीं बनता ना?कोई बात नही☺। आज शाम ही, अपने आठ दस साल के पोते से सही तरीके से इस्तेमाल करना सीख लें।
घर में कम से कम ,बस ज़रुरत का अच्छी क्वालिटी का सामान रखें ।बाकी हो सके तो जरूरतमंदों को दे दें।
मन करे तो जीवनसाथी से जोर से लड़ भी लें।और फिर जब वो आपसे रूठकर,मुंह फुलाकर बैठ जाएं ,तो मनपसंद गरमा गरम जलेबी का दोना लाकर ,ज़बरदस्ती उनके मुंह में ठूंस दें और ज़ोर से खिलखिलाकर हंस पड़ें।जश्न मनाने का एक भी मौका ना छोड़ें ।बल्कि मौके ढूंढ ढूंढकर जश्न मनाएं।फिर चाहे घर में जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह या कुछ और पर्व,त्यौहार।
जमा किया पैसा अपने लिए और अपने जीवन साथी जे ऊपर खर्च करें।
याद रखें, " पूत सपूत तो क्यों धन संचय,और पूत कपूत तो क्यों धन संचय।"
ईश्वर में आस्था रखें और अपनी आध्यात्मिक यात्रा निरंतर जारी रखें।
दोस्तों,चलते चलते...
सर पर बड़े बड़ों का हाथ होना,ईश्वर की एक बहुत बड़ी नेमत होती है।उसके लिए प्रभु का शुक्रगुज़ार रहें।उनको बस थोड़ा सा प्यार और भरपूर सम्मान ज़रूर दें। फिर देखिये ,आपके घर आँगन की बगिया ,एक मज़बूत वट वृक्ष की छाया में कैसे फैलेगी फूलेगी।


--
Jai shree krishna

Thanks,

Regards,


कैलाश चन्द्र लढा(भीलवाड़ा)www.sanwariya.org
sanwariyaa.blogspot.com
https://www.facebook.com/mastermindkailash

आज का पंचांग 12 September 2018

.               *।। 🕉  ।।*
    🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास................................भाद्रपद
पक्ष....................................शुक्ल
तिथी.................................तृतीया
दोप 04.13 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
रवि..............................दक्षिणायन
सूर्योदय...................06.12.35 पर
सूर्यास्त....................06.33.19 पर
सूर्य राशि...............................सिंह
चन्द्र राशि.............................कन्या
नक्षत्र...................................चित्रा
रात्रि 01.05 पर्यंत पश्चात स्वाति
योग.....................................ब्रह्मा
रात्रि 02.19 पर्यंत पश्चात इंद्र
करण...................................गरज
दोप 04.13 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु......................................वर्षा
दिन..................................बुधवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
12 सितम्बर सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.22 से 01.54 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक...............3
🔯 शुभ रंग...............हरा

🌞 *चौघडिया :-*
प्रात: 06.15 से 07.47 तक लाभ ।
प्रात: 07.47 से 09.18 तक अमृत ।
प्रात: 10.50 से 12.22 तक शुभ ।
दोप. 03.25 से 04.57 तक चंचल ।
सायं 04.57 से 06.29 तक लाभ ।
रात्रि 07.57 से 09.25 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।।ॐ वक्रतुण्डाय नम: ।।

🎙 *सुभाषितम्* :-
बालस्तावत् क्रीडासक्तः,
तरुणस्तावत् तरुणीसक्तः।
वृद्धस्तावच्चिन्तासक्तः,
परे ब्रह्मणि कोऽपि न सक्तः॥७॥
अर्थात :-
बचपन में खेल में रूचि होती है , युवावस्था में युवा स्त्री के प्रति आकर्षण होता है, वृद्धावस्था में चिंताओं से घिरे रहते हैं पर प्रभु से कोई प्रेम नहीं करता है॥७॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*खुशी के लिए सात योग  -*

*1. मुक्तासन -*
यह आसन विशेष रूप से तनाव को ध्यान में रखकर और राहत देने के लिए योग विशेषज्ञ द्वारा सिफारिश की जाती है। यह मुद्रा खुशी को बढ़ावा देने, अवसाद की भावनाओं को कम करने में सहायता करता है। मानसिक लाभ के अलावा यह बाह और कलाई, पैरों, नितंबों, पेट और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह अस्थमा, पीठ दर्द, बांझपन, और ऑस्टियोपोरोसिस को कम करने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
बेरोजगारी दूर होगी। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
किसी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेाग। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। बेचैनी रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
दौड़धूप अधिक होगी। शोक समाचार मिल सकता है। बेमतलब झुंझलाहट रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग उभर सकता है। जल्दबाजी में फैसला न लें। बुरी खबर मिल सकती है। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जल्दबाजी से बचें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। काम के प्रति समर्पण बढ़ेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। मेहनत सफल रहेगी। प्रमाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ सूचना प्राप्त होगी। मान बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। विवाद में न पड़ें। व्यवसाय ठीक चलेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। मान बढ़ेगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न उठाएं। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रमाद न करें। निवेश शुभ रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। वाणी पर संयम आवश्यक है। जोखिम न उठाएं। लेन-देन में सावधानी रखें। आय-व्यय बराबर रहेंगे। चिंता व तनाव रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। रुके कामों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रसन्नता बढ़ेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
योजना फलीभूत होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। लाभ होगा। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। अप्रत्याशित लाभ संभव है।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। आय में निश्चितता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। काम में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जल्दबाजी न करें। जोखिम न लें। अपरिचितों पर अतिविश्वास न करें, बाकी सामान्य रहेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। कानूनी बाधा उत्पन्न हो सकती है। आय बनी रहेगी। आगंतुकों पर व्यय होगा। लेन-देन में सावधानी रखें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। यात्रा, निवेश, नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

बछ बारस की कहानी

💐💐बछ बारस की कहानी  💐💐
Bachh Baras Ki Kahani

बछ बारस की कहानी  ( 1 )

एक बार एक गांव में भीषण अकाल पड़ा। वहां के साहूकार ने गांव में एक बड़ा तालाब बनवाया परन्तु उसमे पानी नहीं आया। साहूकार ने पंडितों से उपाय पूछा।

पंडितो ने बताया की तुम्हारे दोनों पोतो में से एक की बलि दे दो तो पानी आ सकता है। साहूकार ने सोचा किसी भी प्रकार से गांव का भला होना चाहिए।

साहूकार ने बहाने से बहु को एक पोते हंसराज के साथ पीहर भेज दिया और एक पोते को अपने पास रख लिया जिसका नाम बच्छराज था । बच्छराज की बलि दे दी गई । तालाब में पानी भी आ गया।

साहूकार ने तालाब पर बड़े यज्ञ का आयोजन किया। लेकिन झिझक के कारण बहू को बुलावा नहीं भेज पाये। बहु के भाई ने कहा ” तेरे यहाँ इतना बड़ा उत्सव है तुझे क्यों नहीं बुलाया ? मुझे बुलाया है , मैं जा रहा हूँ।


बहू बोली ” बहुत से काम होते है इसलिए भूल गए होंगें ,  अपने घर जाने में कैसी शर्म ” मैं भी चलती हूँ।

घर पहुंची तो सास ससुर डरने लगे कि बहु को क्या जवाब देंगे। फिर भी सास बोली बहू चलो बछ बारस की पूजा करने तालाब पर चलें। दोनों ने जाकर पूजा की। सास बोली , बहु तालाब की किनार कसूम्बल से खंडित करो।

बहु बोली मेरे तो हंसराज और बच्छराज है , मैं खंडित क्यों करूँ। सास बोली ” जैसा मैं कहू वैसे करो “।  बहू ने सास की बात मानते हुए किनार खंडित की और कहा ” आओ मेरे हंसराज , बच्छराज लडडू उठाओ। ”

सास मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी –  हे बछ बारस माता मेरी लाज रखना।

भगवान की कृपा हुई। तालाब की मिट्टी में लिपटा बच्छराज व हंसराज दोनों दौड़े आये। बहू पूछने लगी “सासूजी ये सब क्या है ?” सास ने बहू को सारी बात बताई और कहा भगवान ने मेरा सत रखा है। आज भगवान की कृपा से सब कुशल मंगल है।  खोटी की खरी , अधूरी की पूरी

हे बछ बारस माता जैसे सास का सत रखा वैसे सबका रखना।

बछ बारस की कहानी  ( 2 )

एक सास बहु थी। सास को गाय चराने के लिए वन में जाना जाना था। उसने बहु से कहा “आज बज बारस है में वन जा रही हूँ तो तुम गेहू लाकर पका लेना और धान लाकर उछेड़ लेना। बहू काम में व्यस्त थी।

उसने ध्यान से सुना नहीं। उसे लगा सास ने कहा गेहूंला धानुला को पका लेना।  गेहूला और धानुला गाय के दो बछड़ों के नाम थे। बहू को कुछ गलत तो लग रहा था लेकिन उसने सास का कहा मानते हुए बछड़ों को काट कर पकने के लिए चढ़ा दिया ।


सास ने लौटने पर पर कहा आज बछ बारस है , बछड़ों को छोड़ो पहले गाय की पूजा कर लें। बहु डरने लगी , भगवान से प्रार्थना करने लगी बोली हे भगवान मेरी लाज रखना , भगवान को उसके भोलेपन पर दया आ गई।

हांड़ी में से जीवित बछड़ा बाहर निकल आया। सास के पूछने पर बहु ने सारी घटना सुना दी। और कहा भगवान ने मेरा सत रखा , बछड़े को फिर से जीवित कर दिया।

इसीलिए बछ बारस के दिन गेंहू नहीं खाये जाते और कटी हुई चीजें नहीं खाते है। गाय बछड़े की पूजा करते है।

हे बछ बारस माता जैसे बहु की लाज रखी वैसे सबकी रखना।🙏🏻🙏🏻

खोटी की खरी ,अधूरी की पूरी।

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