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रविवार, 25 नवंबर 2018

पति पत्नी में प्यार और तकरार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं

पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गया।
मामला रफा-दफा हो भी जाता, लेकिन पति ने इसे अपनी तौहीन समझी, रिश्तेदारों ने मामला और पेचीदा बना दिया, न सिर्फ़ पेचीदा बल्कि संगीन, सब रिश्तेदारों ने इसे खानदान की नाक कटना कहा, यह भी कहा कि पति को सैडिल मारने वाली औरत न वफादार होती है न पतिव्रता।
लड़के ने लड़की के बारे में और लड़की ने लड़के के बारे में कई असुविधाजनक बातें कही।
मुकदमा दर्ज कराया गया। पति ने पत्नी की चरित्रहीनता का तो पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। छह साल तक शादीशुदा जीवन बीताने और एक बच्ची के माता-पिता होने के बाद आज दोनों में तलाक हो गया।
पति-पत्नी के हाथ में तलाक के काग़ज़ों की प्रति थी।
दोनों चुप थे, दोनों शांत, दोनों निर्विकार।
मुकदमा दो साल तक चला था।
अंत में वही हुआ जो सब चाहते थे यानी तलाक ................
यह महज़ इत्तेफाक ही था कि दोनों पक्षों के रिश्तेदार एक ही टी-स्टॉल पर बैठे , कोल्ड ड्रिंक्स लिया।
यह भी महज़ इत्तेफाक ही था कि तलाकशुदा पति-पत्नी एक ही मेज़ के आमने-सामने जा बैठे।
लकड़ी की बेंच और वो दोनों .......
''कांग्रेच्यूलेशन .... आप जो चाहते थे वही हुआ ....'' स्त्री ने कहा।
''तुम्हें भी बधाई ..... तुमने भी तो तलाक दे कर जीत हासिल की ....'' पुरुष बोला।
''तलाक क्या जीत का प्रतीक होता है????'' स्त्री ने पूछा।
''तुम बताओ?''
पुरुष के पूछने पर स्त्री ने जवाब नहीं दिया, वो चुपचाप बैठी रही, फिर बोली, ''तुमने मुझे चरित्रहीन कहा था....
अच्छा हुआ.... अब तुम्हारा चरित्रहीन स्त्री से पीछा छूटा।''
''वो मेरी गलती थी, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था'' पुरुष बोला।
''मैंने बहुत मानसिक तनाव झेली है'', स्त्री की आवाज़ सपाट थी न दुःख, न गुस्सा।
''जानता हूँ पुरुष इसी हथियार से स्त्री पर वार करता है, जो स्त्री के मन और आत्मा को लहू-लुहान कर देता है... तुम बहुत उज्ज्वल हो। मुझे तुम्हारे बारे में ऐसी गंदी बात नहीं करनी चाहिए थी। मुझे बेहद अफ़सोस है, '' पुरुष ने कहा।
स्त्री चुप रही, उसने एक बार पुरुष को देखा।
कुछ पल चुप रहने के बाद पुरुष ने गहरी साँस ली और कहा, ''तुमने भी तो मुझे दहेज का लोभी कहा था।''
''गलत कहा था''.... पुरुष की ओऱ देखती हुई स्त्री बोली।
कुछ देर चुप रही फिर बोली, ''मैं कोई और आरोप लगाती लेकिन मैं नहीं...''
प्लास्टिक के कप में चाय आ गई।
स्त्री ने चाय उठाई, चाय ज़रा-सी छलकी। गर्म चाय स्त्री के हाथ पर गिरी।
स्सी... की आवाज़ निकली।
पुरुष के गले में उसी क्षण 'ओह' की आवाज़ निकली। स्त्री ने पुरुष को देखा। पुरुष स्त्री को देखे जा रहा था।
''तुम्हारा कमर दर्द कैसा है?''
''ऐसा ही है कभी वोवरॉन तो कभी काम्बीफ्लेम,'' स्त्री ने बात खत्म करनी चाही।
''तुम एक्सरसाइज भी तो नहीं करती।'' पुरुष ने कहा तो स्त्री फीकी हँसी हँस दी।
''तुम्हारे अस्थमा की क्या कंडीशन है... फिर अटैक तो नहीं पड़े????'' स्त्री ने पूछा।
''अस्थमा।डॉक्टर सूरी ने स्ट्रेन... मेंटल स्ट्रेस कम करने को कहा है, '' पुरुष ने जानकारी दी।
स्त्री ने पुरुष को देखा, देखती रही एकटक। जैसे पुरुष के चेहरे पर छपे तनाव को पढ़ रही हो।
''इनहेलर तो लेते रहते हो न?'' स्त्री ने पुरुष के चेहरे से नज़रें हटाईं और पूछा।
''हाँ, लेता रहता हूँ। आज लाना याद नहीं रहा, '' पुरुष ने कहा।
''तभी आज तुम्हारी साँस उखड़ी-उखड़ी-सी है, '' स्त्री ने हमदर्द लहजे में कहा।
''हाँ, कुछ इस वजह से और कुछ...'' पुरुष कहते-कहते रुक गया।
''कुछ... कुछ तनाव के कारण,'' स्त्री ने बात पूरी की।
पुरुष कुछ सोचता रहा, फिर बोला, ''तुम्हें चार लाख रुपए देने हैं और छह हज़ार रुपए महीना भी।''
''हाँ... फिर?'' स्त्री ने पूछा।
''वसुंधरा में फ्लैट है... तुम्हें तो पता है। मैं उसे तुम्हारे नाम कर देता हूँ। चार लाख रुपए फिलहाल मेरे पास नहीं है।'' पुरुष ने अपने मन की बात कही।
''वसुंधरा वाले फ्लैट की कीमत तो बीस लाख रुपए होगी??? मुझे सिर्फ चार लाख रुपए चाहिए....'' स्त्री ने स्पष्ट किया।
''बिटिया बड़ी होगी... सौ खर्च होते हैं....'' पुरुष ने कहा।
''वो तो तुम छह हज़ार रुपए महीना मुझे देते रहोगे,'' स्त्री बोली।
''हाँ, ज़रूर दूँगा।''
''चार लाख अगर तुम्हारे पास नहीं है तो मुझे मत देना,'' स्त्री ने कहा।
उसके स्वर में पुराने संबंधों की गर्द थी।
पुरुष उसका चेहरा देखता रहा....
कितनी सह्रदय और कितनी सुंदर लग रही थी सामने बैठी स्त्री जो कभी उसकी पत्नी हुआ करती थी।
स्त्री पुरुष को देख रही थी और सोच रही थी, ''कितना सरल स्वभाव का है यह पुरुष, जो कभी उसका पति हुआ करता था। कितना प्यार करता था उससे...
एक बार हरिद्वार में जब वह गंगा में स्नान कर रही थी तो उसके हाथ से जंजीर छूट गई। फिर पागलों की तरह वह बचाने चला आया था उसे। खुद तैरना नहीं आता था लाट साहब को और मुझे बचाने की कोशिशें करता रहा था... कितना अच्छा है... मैं ही खोट निकालती रही...''
पुरुष एकटक स्त्री को देख रहा था और सोच रहा था, ''कितना ध्यान रखती थी, स्टीम के लिए पानी उबाल कर जग में डाल देती। उसके लिए हमेशा इनहेलर खरीद कर लाती, सेरेटाइड आक्यूहेलर बहुत महँगा था। हर महीने कंजूसी करती, पैसे बचाती, और आक्यूहेलर खरीद लाती। दूसरों की बीमारी की कौन परवाह करता है? ये करती थी परवाह! कभी जाहिर भी नहीं होने देती थी। कितनी संवेदना थी इसमें। मैं अपनी मर्दानगी के नशे में रहा। काश, जो मैं इसके जज़्बे को समझ पाता।''
दोनों चुप थे, बेहद चुप।
दुनिया भर की आवाज़ों से मुक्त हो कर, खामोश।
दोनों भीगी आँखों से एक दूसरे को देखते रहे....
''मुझे एक बात कहनी है, '' उसकी आवाज़ में झिझक थी।
''कहो, '' स्त्री ने सजल आँखों से उसे देखा।
''डरता हूँ,'' पुरुष ने कहा।
''डरो मत। हो सकता है तुम्हारी बात मेरे मन की बात हो,'' स्त्री ने कहा।
''तुम बहुत याद आती रही,'' पुरुष बोला।
''तुम भी,'' स्त्री ने कहा।
''मैं तुम्हें अब भी प्रेम करता हूँ।''
''मैं भी.'' स्त्री ने कहा।
दोनों की आँखें कुछ ज़्यादा ही सजल हो गई थीं।
दोनों की आवाज़ जज़्बाती और चेहरे मासूम।
''क्या हम दोनों जीवन को नया मोड़ नहीं दे सकते?'' पुरुष ने पूछा।
''कौन-सा मोड़?''
''हम फिर से साथ-साथ रहने लगें... एक साथ... पति-पत्नी बन कर... बहुत अच्छे दोस्त बन कर।''
''ये पेपर?'' स्त्री ने पूछा।
''फाड़ देते हैं।'' पुरुष ने कहा औऱ अपने हाथ से तलाक के काग़ज़ात फाड़ दिए। फिर स्त्री ने भी वही किया। दोनों उठ खड़े हुए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर मुस्कराए। दोनों पक्षों के रिश्तेदार हैरान-परेशान थे। दोनों पति-पत्नी हाथ में हाथ डाले घर की तरफ चले गए। घर जो सिर्फ और सिर्फ पति-पत्नी का था ।।
पति पत्नी में प्यार और तकरार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जरा सी बात पर कोई ऐसा फैसला न लें कि आपको जिंदगी भर अफसोस हो ।।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

गोपाष्टमी 2018

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*गोपष्टमी पूजा 2018 पूजा विधि, कथा व महत्व*

भारत में गाय माता के समान है. यहाँ माना जाता है कि सभी देवी, देवता गौ माता के अंदर समाहित रहते है. तो उनकी पूजा करने से सभी का फल मिलता है.

गोपष्टमी पर्व एवम उपवास इस दिन भगवान कृष्ण एवम गौ माता की पूजा की जाती हैं. हिन्दू धर्म में गाय का स्थान माता के तुल्य माना जाता है, पुराणों ने भी इस बात की पुष्टि की है. भगवान श्री कृष्ण एवम भाई बलराम दोनों का ही बचपन गौकुल में बीता था, जो कि ग्वालो की नगरी थी. ग्वाल जो गाय पालक कहलाते हैं. कृष्ण एवम बलराम को भी गाय की सेवा, रक्षा आदि का प्रशिक्षण दिया गया था. गोपष्टमी के एक दिन पूर्व इन दोनों ने गाय पालन का पूरा ज्ञान हासिल कर लिया था.

*गोपष्टमी 2018 कब मनाई जाती हैं ?*

यह पूजा एवम उपवास कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन होता हैं, इस दिन गौ माता की पूजा की जाती हैं. कहते हैं इस दिन तक श्री कृष्ण एवं बलराम ने गाय पालन की सभी शिक्षा ले कर, एक अच्छे ग्वाला बन गए थे. वर्ष 2018 में गोपाष्टमी 16 नवंबर, दिन गुरुवार को मनाई जायेगी.

अष्टमी तिथि शुरू 15 नवंबर को 07:04 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त 16 नवंबर को 09:40 बजे तक

*गोपष्टमी पर्व का महत्व*

हिन्दू संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं. माँ का दर्जा दिया जाता हैं क्यूंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं. जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिती में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं. गाय का दूध, गाय का घी, दही, छांछ यहाँ तक की मूत्र भी मनुष्य जाति के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं. इसे कर्तव्य माना जाता हैं कि गाय की सुरक्षा एवम पालन किया जाये. गोपष्टमी हमें इसी बात का संकेत देती हैं कि पुरातन युग में जब स्वयं श्री कृष्ण ने गौ माता की सेवा की थी, तो हम तो कलयुगी मनुष्य हैं. यह त्यौहार हमें बताता हैं कि हम सभी अपने पालन के लिये गाय पर निर्भर करते हैं इसलिए वो हमारे लिए पूज्यनीय हैं. सभी जीव जंतु वातावरण को संतुलित रखने के लिए उत्तरदायी हैं, इस प्रकार सभी एक दुसरे के ऋणी हैं और यह उत्सव हमें इसी बात का संदेश देता हैं.

गोपष्टमी कैसे शुरू हुई उसके पीछे एक पौराणिक कथा हैं. किस प्रकार भगवान कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं में गौ माता की सेवा की उसका वर्णन भी इस कथा में हैं.

*गोपष्टमी पर्व की कथा*

गोपष्टमी से जुडी कई कथाये प्रसिद्ध है, जो इस प्रकार है:

*कथा 1:*

जब कृष्ण भगवान ने अपने जीवन के छठे वर्ष में कदम रखा. तब वे अपनी मैया यशोदा से जिद्द करने लगे कि वे अब बड़े हो गये हैं और बछड़े को चराने के बजाय वे गैया चराना चाहते हैं. उनके हठ के आगे मैया को हार माननी पड़ी और मैया ने उन्हें अपने पिता नन्द बाबा के पास इसकी आज्ञा लेने भेज दिया. भगवान कृष्ण ने नन्द बाबा के सामने जिद्द रख दी, कि अब वे गैया ही चरायेंगे. नन्द बाबा ने गैया चराने के लिए पंडित महाराज को मुहूर्त निकालने कह दिया. पंडित बाबू ने पूरा पंचाग देख लिया और बड़े अचरज में आकर कहा कि अभी इसी समय के आलावा कोई शेष मुहूर्त नही हैं अगले बरस तक. शायद भगवान की इच्छा के आगे कोई मुहूर्त क्या था. वह दिन गोपाष्टमी का था. जब श्री कृष्ण ने गैया पालन शुरू किया. उस दिन माता ने अपने कान्हा को बहुत सुन्दर तैयार किया. मौर मुकुट लगाया, पैरों में घुंघरू पहनाये और सुंदर सी पादुका पहनने दी लेकिन कान्हा ने वे पादुकायें नहीं पहनी. उन्होंने मैया से कहा अगर तुम इन सभी गैया को चरण पादुका पैरों में बांधोगी, तब ही मैं यह पहनूंगा. मैया ये देख भावुक हो जाती हैं और कृष्ण बिना पैरों में कुछ पहने अपनी गैया को चारण के लिए ले जाते.

इस प्रकार कार्तिक शुक्ल पक्ष के दिन से गोपष्टमी मनाई जाती हैं. भगवान कृष्ण के जीवन में गौ का महत्व बहुत अधिक था. गौ सेवा के कारण ही इंद्र ने उनका नाम गोविंद रखा था. इन्होने गाय के महत्व को सभी के सामने रखा. स्वयं भगवान ने गौ माता की सेवा की.

*कथा 2*:

कहा जाता है कृष्ण जी ने अपनी सबसे छोटी ऊँगली से गोबर्धन पर्वत को उठा लिया था, जिसके बाद से उस दिन गोबर्धन पूजा की जाती है. ब्रज में इंद्र का प्रकोप इस तरह बरसा की लगातार बारिश होती रही, जिससे बचाने के लिए कृष्ण ने जी 7 दिन तक पर्वत को अपनी एक ऊँगली में उठाये रखा था. गोपष्टमी के दिन ही भगवान् इंद्र ने अपनी हार स्वीकार की थी, जिसके बाद श्रीकृष्ण ने गोबर्धन पर्वत नीचे रखा था.

*कथा 3:*

गोपष्टमी से जुड़ी एक बात और ये है कि राधा भी गाय को चराने के लिए वन में जाना चाहती थी, लेकिन लड़की होने की वजह से उन्हें इस बात के लिए कोई हाँ नहीं करता था. जिसके बाद राधा को एक तरकीब सूझी, उन्होंने ग्वाला जैसे कपड़े पहने और वन में श्रीकृष्ण के साथ गाय चराने चली गई.

कृष्ण जी के हर मंदिर में इस दिन विशेष आयोजन होते है. वृन्दावन, मथुरा, नाथद्वारा में कई दिनों पहले से इसकी तैयारी होती है. नाथद्वारा में 100 से भी अधिक गाय और उनके ग्वाले मंदिर में जाकर पूजा करते है. गायों को बहुत सुंदर ढंग से सजाया जाता है.

*गोपष्टमी पूजा विधि*

इस दिन गाय की पूजा की जाती हैं. सुबह जल्दी उठकर स्नान करके गाय के चरण स्पर्श किये जाते हैं.

गोपष्टमी की पूजा पुरे रीती रिवाज से पंडित के द्वारा कराई जाती है.

सुबह ही गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार किया जाता है. उसका श्रृंगार किया जाता हैं, पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं,अन्य आभूषण पहनायें जाते हैं.

गाय माता की परिक्रमा भी की जाती हैं. सुबह गायों की परिक्रमा कर उन्हें चराने बाहर ले जाते है.

इस दिन ग्वालों को भी दान दिया जाता हैं. कई लोग इन्हें नये कपड़े दे कर तिलक लगाते हैं.

शाम को जब गाय घर लौटती है, तब फिर उनकी पूजा की जाती है, उन्हें अच्छा भोजन दिया जाता है. खासतौर पर इस दिन गाय को हरा चारा खिलाया जाता हैं.

जिनके घरों में गाय नहीं होती है वे लोग गौ शाला जाकर गाय की पूजा करते है, उन्हें गंगा जल, फूल चढाते है, दिया जलाकर गुड़ खिलाते है.

औरतें कृष जी की भी पूजा करती है, गाय को तिलक लगाती है. इस दिन भजन किये जाते हैं. कृष्ण पूजा भी की जाती हैं.

गाय को हरा मटर एवं गुड़ खिलाया जाता है.

कुछ लोग गौशाला में खाना और अन्य समान का दान भी करते है.

गौ माता का हिन्दू संस्कृति में अधिक महत्व हैं. पुराणों में गाय के पूजन, उसकी रक्षा, पालन,पोषण को मनुष्य का कर्तव्य माना गया हैं.

हम सभी को गौ माता की सेवा करना चाहिये, क्यूंकि वह भी हमें एक माँ  की तरह ही पालन करती हैं.

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🙏  🌹Hariom 🌹🙏

बुधवार, 14 नवंबर 2018

क्या गुरु गोविंद सिंह जी के बच्चों के नाम पर बाल दिवस नही होना चाहिए !

14 Nov #क्या गुरु गोविंद सिंह जी के बच्चों के नाम पर बाल दिवस नही होना चाहिए !
क्या आप जानते हैं विश्व की सबसे मंहंगी ज़मीन सरहिंद, जिला फतेहगढ़ साहब (पंजाब) में है, जो मात्र 4 स्क्वेयर मीटर है।
क्यों हुई ये छोटी सी ज़मीन सबसे महंगी? जरूर जानिये - रोंगटे खड़े कर देनें वाली ऐतिहासिक घटना।
यहां पर श्री गुरु गोविंद सिंह जी क दोे छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया था।
सेठ दीवान टोडर मल ने यह ज़मीन 78000 सोने की मोहरें (सिक्के) दे कर मुस्लिम बादशाह से खरीदी थी।सोने की कीमत के मुताबिक इस 4 स्कवेयर मीटर जमीन की कीमत 2500000000 (दो अरब पचास करोड़)बनती है।
दुनिया की सबसे मंहंगी जगह खरीदने का रिकॉर्ड विश्व मे कहीं नहीं है ! आजतक दुनिया के इतिहास में इतनी मंहंगी जगह कहीं नही खरीदी गयी।
और....दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा ना ही सोचा होगा, जिसमे 10 लाख की फ़ौज का सामना महज 42 लोगों के साथ हुआ था और जीत किसकी होती है..??
उन 42 सूरमो की !
यह युद्ध 'चमकौर युद्ध' (Battle of Chamkaur) के नाम से भी जाना जाता है जो कि मुग़ल योद्धा वज़ीर खान की अगवाई में 10 लाख की फ़ौज का सामना सिर्फ 42 सिखों से, 6 दिसम्बर 1704 को हुआ जो कि गुरु गोबिंद सिंह जी की आज्ञा से तैयार हुए थे !
नतीजा यह निकलता है की उन 42 शूरवीरों की जीत होती है और हिंदुस्तान में मुग़ल हुकूमत की नींव, जो बाबर ने रखी थी, उसे जड़ से उखाड़ दिया गया।
औरंगज़ेब ने भी उस वक़्त गुरु गोविंद सिंह जी का लोहा माना और घुटने टेक दिए और ऐसे मुग़ल साम्राज्य का अंत हुआ।
औरंगजेब की तरफ से एक प्रश्न किया गया गुरु गोविंद सिंह जी से, कि यह कैसी फ़ौज तैयार की आपने जिसने 10 लाख की फ़ौज को उखाड़ फेंका?
गुरु गोविंद सिंह जी ने जवाब दिया,
"चिड़ियों से मैं बाज लडाऊ,
गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ
सवा लाख से एक लडाऊं,
तभी गोविंद सिंह नाम कहाउँ !!" गुरु गोविंद सिंह जी ने जो कहा वो किया और जिन्हें आज हर कोई शीश झुकता है। यह है हमारे भारत की अनमोल विरासत जिसे कभी पढ़ाया ही नहीं जाता!
अगर आपको यकीन नहीं होता तो एक बार जरूर Google में लिखे 'बैटल ऑफ़ चमकौर' और सच आपको स्वयं पता लग जाएगा।
आपको अगर ये लेख थोड़ा सा भी अच्छा लगा हो और आपको भारतीय होने पर गर्वान्वित करता हो तो ज़रूर इसे आगे शेयर करें जिससे हमारे देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में दुनिया को पता लगे !
कुछ आगे
चमकौर साहिब की जमीन, आगे चलकर, एक समृद्ध सिख ने खरीदी। उस को इसके इतिहास का कुछ पता नहीं था। जब पता चला कि यहाँ गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटे शहीद हुए थे, तो उन्होंने यह ज़मीन गुरु महाराज जी के बेटों की यादगार ( गुरुद्वारा साहिब) के लिए देने का मन बनाया।
जब अरदास करने के समय उस सिख से पूछा गया कि अरदास में उनके लिए गुरु साहिब से क्या विनती करनी है ....तो उस सिख ने कहा के गुरु जी से विनती करनी है कि मेरे घर कोई औलाद ना हो ताकि मेरे वंश में कोई भी यह कहने वाला ना हो कि यह ज़मीन मेरे बाप दादा ने दी है।
वाहेगुरु... 
और यही अरदास हुई और बिलकुल ऐसा ही हुआ कि उन सिख के घर कोई औलाद नहीं हुई।
अब हम अपने बारे में सोचें
50....100 रु. दे कर क्या क्या माँगते हैं _

सोमवार, 12 नवंबर 2018

आज के दौर की दिवाली

दीपावली के आगमन से पूर्व से ही शुभकामनाओं के संदेशे तो बहुत आये लेकिन मेहमान कोई नही आया. सोचता हूँ ड्राइंग रूम से सोफा हटा दूं. या ड्राइंग रूम का कांसेप्ट बदलकर वहां स्टडी रूम बना दूं.
दो दिन से व्हाट्स एप और एफबी के मेसेंजर पर मेसेज खोलते, स्क्रॉल करते और फिर जवाब के लिए टाइप करते करते पहले दाहिने और अब तो हाथ के अंगूठे में भी दर्द होने लगा है. संदेशें आते जा रहे हैं. बधाईयों का तांता है . लेकिन मेहमान नदारद है .
ये है आज के दौर की दीवाली....
मित्रों, घर के आसपास के पड़ौसी अगर छोड़ दें तो त्यौहार पर मिलने जुलने का रिवाज़ खत्म हो चला है. पैसे वाले दोस्त और अमीर किस्म के रिश्तेदार मिठाई या गिफ्ट तो भिजवाते है लेकिन घर पर बेल ड्राईवर बजाता है. वो खुद नही आते.
दरअसल घर अब "घर" नही रहा. ऑफिस के वर्क स्टेशन की तरह घर एक स्लीप स्टेशन है. हर दिन का एक रिटायरिंग बेस. आराम करिए, फ्रेश हो जाईये और चल पड़िए अगले दिन काम पर...
घर अब सिर्फ घरवालों का है. घर का समाज से कोई संपर्क नही है. मेट्रो युग में समाज और घर के बीच तार शायद टूट चुके हैं. हमें  स्वीकार करना होगा कि ये बचपन वाला घर नही रहा. अब घर और समाज के बीच में एक बड़ा फासला सा है.
वैसे भी शादी अब मेरिज हाल में होती है. बर्थडे मैक डोनाल्ड या पिज़्ज़ा हट में मनाया जाता है. बीमारी में नर्सिंग होम में खैरियत पूछी जाती है. और अंतिम आयोजन के लिए सीधे लोग घाट पहुँच जाते है.
सच तो ये है कि जब से डेबिट कार्ड और एटीएम आ गये है तब से मेहमान क्या ...चोर भी घर नही आते.
मैं सोचता हूँ कि चोर आया तो क्या ले जायेगा...फ्रिज, सोफा, पलंग, लैप टॉप..टीवी...कितने में बेचेगा इन्हें चोर? अरे री -सेल तो olx ने चौपट कर दी है. चोर को बचेगा क्या ? वैसे भी अब कैश तो एटीएम में है इसीलिए होम डेलिवरी वाला भी पिज्ज़ा के साथ डेबिट मशीन साथ लाता है.

सच तो ये है कि अब सवाल सिर्फ घर के आर्किटेक्ट को लेकर ही बचा है.
जी हाँ....क्या घर के नक़्शे से ड्राइंग रूम का कांसेप्ट खत्म कर देना चाहिये ?
इस दीवाली जरा इस सवाल पर गौर करियेगा।
     सादर🙏🙏💐

आज का पंचांग 12 नवंबर 2018

.                 ।। 🕉 ।।
*🙏🌹जय श्री राम🌹🙏*
   🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास................................कार्तिक
पक्ष...................................शुक्ल
तिथी.................................पंचमी
रात्रि 01.52 पर्यंत पश्चात षष्ठी
रवि.............................दक्षिणायन
सूर्योदय..................06.37.19 पर
सूर्यास्त...................05.44.34 पर
सूर्य राशि..............................तुला
चन्द्र राशि..............................धनु
नक्षत्र.............................पूर्वाषाढ़ा
रात्रि 02.30 पर्यंत पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग.....................................धृति
दोप 02.56 पर्यंत पश्चात शूल
करण....................................बव
दोप 12.46 पर्यन्त पश्चात बालव
ऋतु.....................................शरद
दिन.................................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
12 नवम्बर सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.03 से 09.26 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............3
🔯 शुभ रंग.............लाल

📜 *चौघडिया :-*
प्रात: 06.40 से 08.02 तक अमृत
प्रात: 09.25 से 10.47 तक शुभ
दोप. 01.32 से 02.54 तक चंचल
अप. 02.54 से 04.16 तक लाभ
सायं 04.16 से 05.39 तक अमृत
सायं 05.39 से 07.17 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र :-*
|| ॐ देवाधिदेवाय नमः ||

🎙 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
अभिवादनशीलस्य
नित्यं वॄद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते
आयुर्विद्या यशो बलम्॥
अर्थात :
विनम्र और नित्य अनुभवियों की सेवा करने वाले में चार गुणों का विकास होता है - आयु, विद्या, यश और बल ॥

🍃 *आरोग्यं :-*
चेहरे की त्वचा पर नारियल के तेल के लाभ -

*3. डैंड्रफ़ की समस्या -*
डैंड्रफ़ की समस्या हर किसी के लिए शर्मनाक हो सकती है। इसलिए खुद को डैंड्रफ से दूर खने के लिए अपने बालों पर हल्का गर्म नारियल तेल लगाइए और उसके बाद शैंपू कर लीजिए।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। अधिक ध्यान देना पड़ेगा। भय, तनाव व चिंता रहेंगे। अपनी बात ठीक ढंग से लोगों को समझा नहीं पाएंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम अपने पक्ष में रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। छोटे बच्चों पर निगाह रखें। विवाद से क्लेश होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। समय पर काम नहीं होने से तनाव रहेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। झंझटों में न पड़ें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। घर-परिवार के सदस्य सहयोग करेंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बाहरी सहयोग मिलेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय बढ़ेगा। पारिवारिक तनाव रह सकता है। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम न लें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कला रचना के क्षेत्र में रुचि रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। ईष्ट मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। चिंता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लोगों की बातों में न आकर स्वयं निर्णय लें।

👩🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
बुरी खबर मिल सकती है। भागदौड़ रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। बड़े निर्णय सोच-समझकर करें। कुसंगति से हानि होगी। पुराना रोग उभर सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। पारिवारिक अशांति रह सकती है। जल्दबाजी न करें। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। भाग्य का साथ रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रभावशाली व्यक्तियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। तनाव रहेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। विवाद से बचें। बेचैनी रहेगी। पुराने भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बढ़ेगा। मित्र व संबंधियों के साथ अच्‍छा समय गुजरेगा। आय बनी रहेगी। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। चिंता में कमी रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यापार में पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। झंझटों में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पारिवारिक मतभेद कम होंगे। प्रसन्नता रहेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों से अपेक्षा पूरी नहीं होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय बनी रहेगी। कार्य पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। लाभ में वृद्धि तथा मान-सम्मान सहज ही मिलेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य अनुकूल रहेगा। थकान महसूस होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। पारिवारिक सौहार्द बढ़ेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। समय की अनुकूलता बनी हुई है। कार्य में ध्यान दें। लाभ में वृद्धि होगी। घर-बाहर सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य की चिंता रह सकती है। लापरवाही न करें। उत्साह बना रहेगा। विवेक से कार्य की बाधा दूर होगी।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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