यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए

साभार Ranjay Tripathi :
कट्टर की माने तो क्या कारण रहे भाजपा के हारने के  ... कट्टर लोग कहते हैं कि हिंदुत्व मुद्दा था  ... मोदी सरकार और राज्य सरकारें हिंदुत्व भूलकर सेक्युलर हो गई थी  ... क्या है ये हिंदुत्व ? क्या है हिदुत्व का मुद्दा  ...  और ये हिंदुत्व का एजेंडा क्या है ये भी बता दीजिए  ... कट्टर कहते हैं कि राम मंदिर ही हिंदुत्व है .... लेकिन कट्टर खांटी २४ कैरट को नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए  ... आपको भी समय समय पर पता लगे हैं, और आपने देखे भी हैं  ....

गंगा में गिरने वाले इतने सीवर बन्द हो गए  ... आज उसी गंगा में डुबकी लगाते आपको एक पल को नही लगता कि ये हिंदुत्व का काम है? 2 साल पहले बद्रीनाथ के चारो ओर विधर्मी बस्तियां उग आई थी ... आज जा कर देखिये ... यही सरकार बचा रही है महाराज  ...  वरना कुछ सालों में बदरुद्दीन की कब्र पर सजदे होते वहां ... उस जगह को बदरुद्दीन बोलना शुरू भी किया जा चूका था ...  एक बात बार बार बोली जाती थी पहले, की मंदिरों का पुनरूत्थान करना चाहिए, इससे हिन्दुओ को आर्थिक चक्र में जोड़ा जा सकेगा और हिन्दू सबल बनेगा। आज चाहे चार धाम के लिए बनने वाला 4 लेन हो, छोटा चार धाम हो, रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट हो, सब जगह काम हुआ है, हो रहा है। इससे कौन सबल होगा? मथुरा में, वृंदावन में ही पिछले दिनों परिक्रमा पथ पर पड़ने वाली अनेकों अवैध मजारों को हटाया गया ... क्या हिन्दू इन बातों को याद रखता है वोट देते समय?

जब हिन्दू को लोल्लिपोप, कर्ज माफी,आरक्षण, मोबाइल फोन ही चाहिए, तो ये धर्म का आडंबर करना बंद कीजिए। इससे वोट नही गिरते  ... चलिये सरकारों की गलतियों को मान लेते हैं। लॉलीपॉप नही दिए, हिंदुत्व पे काम नही किया। लेकिन क्या हम अपनी गलतियों के बारे में बात करने को तैयार हैं? क्या हम अपने झूठ और प्रपंच को मानने को तैयार हैं?

राजस्थान में चुनाव हुआ, किसी भी राजस्थानी से पूछ लीजिये कि क्या उसने वसुंधरा के मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर उसे रिजेक्ट किया? आपको एकाध ही मिलेगा, क्योंकि ये मुद्दा था ही नही  ...  इस हिसाब से तो पोखरण में हार नही होनी चाहिए थी, एक साधु सन्यासी थे बीजेपी की तरफ से, हार गए ... हिंदुत्व ही मामला था तो सन्यासी को जिता देते  ...  

असलियत ये है कि इसे मुद्दा किसने बनाया? कांग्रेस ने? नही जी नहीं ... इसे हमारे ही लोगो ने मुद्दा बनवाया ... मुझे याद है अच्छे से, फण्डिंग से निराश मठाधीश लोगों की पोस्ट्स और आर्टिकल्स धड़ल्ले से शेयर किए जाते थे, कि कैसे 70 से भी ज्यादा मंदिरों को जयपुर में तोड़ा गया, उत्तेजक शब्द इस्तेमाल किये जाते थे, शिवलिंग को कटर से काटा गया, ये किया गया, वो किया गया ...  और दूसरे प्रदेश के हिन्दुओ को भड़काया गया  ... बिना बनारस देखे उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सतना आदि के मठाधीश और उनके चूं चूं काशी विश्वनाथ पर प्रपंच फैलाए थे ... जबकि बनारस में 3000 वर्ष पूर्व मन्दिर निकल रहे थे  ... हिन्दू ह्रदय सम्राट और ब्राह्मण - पण्डे लोग शिवलिंग को ग़ुसलख़ाने से ढक के उसके ऊपर विष्ठा बहा रहे थे ... कहाँ गया था हिंदुत्व और आस्था ?  लेकिन अपनों द्वारा ही ऊपर से लेकर सबके मन मे ये बात बैठाई गयी कि बीजेपी सरकार हिन्दू विरोधी है  राम मंदिर तो बनवा नही पाई, लेकिन जयपुर में मंदिर उजाड़ दिए, काशी में खुदाई कर दिए ... अब चूंकि ये पोस्ट्स और आर्टिकल्स हिन्दू हृदय सम्राटों द्वारा बनाये जाते थे, तो हमारे निरीह हिन्दू इन्हें हाथो हाथ लेते थे  ... माहौल बनाया गया।

जिन्होंने ये आर्टिकल लिखकर साल भर से माहौल बनाया क्या उनमे हिम्मत है इन लोगो से फॉलो उप करने की? पूछिये तो सही कि क्या हुआ उन मंदिरों का? क्या जयपुर में मंदिर कोई मुद्दा है भी या नही? ये कट्टर हिन्दू आपको कभी नही बताएंगे कि सभी 70 मंदिर नए स्थान पर पहले से कहीं आलीशान तरीके से बनाये गए थे। जो मंदिर एक गुमटी जैसी जगह पर बने हुए थे, आज उनमे भक्तों के पार्किंग,बैठने की जगह,पुजारी का कमरा इत्यादि सब बनाया सरकार ने। लेकिन ये हिंदुत्व के पुरोधा आपको नही बताएंगे। इन्होंने भ्रम फैलाया और सफल हुए  ... ये कभी नहीं बताएँगे कि काशी के पुरातन मन्दिरों का सुंदरीकरण शानदार हो रहा है ...  अब आप सवाल करेंगे कि सरकार क्या हाथ पे हाथ धरे बैठी थी? तो जनाब इसका जवाब है सरकार ने काम किया ... लेकिन सरकार को क्या पता कि कुछ कट्टर छापो की वजह से आज सतना, इंदौर, भोपाल, जयपुर में बैठा कोई मासूम हिन्दू विरोधी बन चुका है।

अब अगर कुछ करना है तो ये भी करिये की लोगो को प्रवक्ता बोल कर दुत्कारने के बजाए इन नकली हिन्दू हृदय सम्राटों को दुत्कारों ... ये नोटा का हव्वा खड़ा करने वाले भी यही हैं।
.
लोल्लिपोप? और जब लॉलीपॉप ही देने हैं तो कांग्रेस ही चुनिए - खुल के सामने आइए और बोलिए कि लॉलीपॉप चाहिए, हिदुत्व के पीछे मत छिपिए ... इन्ही लॉलीपॉप के चक्कर मे देश बर्बाद हुआ पड़ा है ... आपको वो ही चाहिए तो साफ़ कहिए  ...

लेकिन जरा बता तो दीजिये होता क्या है हिंदुत्व का एजेंडा .. उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का एजेंडा जैसा चल रहा है वैसे तो कहीं ना चल रहा होगा? फिर क्यों कैराना या गोरखपुर हारते हैं? वही कैराना जिसके अपराधियो के डर से हिन्दू लगभग भाग गया था उनको योगी जी ने ख़त्म कर दिया ... और हार गए  ..  
.
कुछ लोग मध्य प्रदेश से आये थे अयोध्या में कुछ माह पहले ? सरकार ने सब सुविधाएं दी थी या नहीं ? बसे दी, रहने खाने की व्यवस्था  ..  सब कुछ दिया था की नहीं .. टोटी चोर ने तो साधुओं की पिटाई करवाई थी सरयू परिक्रमा पे  ... काशी में शंकाराचार्य, ब्राह्मण और पुजारियों को बल भर पिटवाया था और खोपड़ियाँ फोड़ी थी टोटी चोर ने ... उसी टोटी चोर के साथी को आप अपना रहे हैं हिंदुत्व बोलकर ... दो साल पहले से कभी का अयोध्या और दिवाली याद कर लीजिए ... थी हिम्मत पहले ? क्यों नहीं मना पाए सरयू घाट पे ऐसी दिवाली पहले ?  ये क्या हिंदुत्व नहीं है ? ...  ये लोग हिंदुत्व माँग रहे और कैसा हिंदुत्व चाहिए आपको, जरा बता दीजिए  ...  लेकिन आपको पता नहीं कि अगली बार आपको बुरी तरह चलता कर देगा ये आपके एजेंडे का राग ... क्योंकि अब लोग (हिन्दू लिखिए) तंग आ गए हैं आपके गौ रक्षा और गौ सेवा के राग से  ...  मुग़लो के अत्याचार का गान करने से भी ना वोट देगा अब हिन्दू  ..

ये भी मान लीजिए कि राम और राम मंदिर ना कभी मुद्दे थे, और ना होंगे, परख कर देख लीजियेगा। अगर होते तो राम को गाली देने वाले, उन्हें मिथ्या कहने वाले राज ना कर रहे होते। अरे आपके तो बद्रीनाथ तक को बदरुद्दीन कहना शुरू कर दिया था। क्या कर पाए थे आप कट्टर हिन्दू? अब जा कर ऊत्तराखण्ड में सरकार आयी और इस पर काम हो रहा है। कभी मौका लगे तो केदारनाथ हो आइये, लोगो से मिलिए, समझिये, फिर समझ आएगा कि हिंदुत्व के लिए क्या काम किये जा रहे हैं। अरे प्रयाग ही चले जाइये, जो कुछ दिनों पहले तक अल्लाहाबाद था....या फैजाबाद घूम आइए ...
.
अब बेशक आप हमें मोदी जी का प्रवक्ता, अंधभक्त, अण्ड या जो भी बतमीज़ी की बात बोल कर पिंड छुड़ा कर भागने लगियेगा, लेकिन सच्चाई यही है कि हिन्दू ने ही हिंदुत्व पर काम करने वाले कि बलि ली है ...  इतिहास रहा है, साबित करने की जरूरत नही ... बाकी आप बजाते रहिये झुनझुना हिंदुत्व का ... बहुसंख्यक हिन्दुओ को चिढ़ होने लगी है इससे ... सारे हिंदुत्व के कामों जैसे गँगा में गंद जाना रोकना, सुचारु रूप से तीर्थ यात्रा, सरयू तट पे भव्य दिवाली, मथुरा - वृंदावन, रामायण सर्किट, रामायण एक्सप्रेस, कृष्णा सर्किट, काशी के मंदिरों का जीर्णोद्धार आदि में राम मंदिर भी एक कार्य है ... जो सारे काम कर रहा है उस पर उसको छोड़िए ... जिसने ये सब काम किया वो ही ये करेगा 
.
... इतना सा समझ नहीं है तो आप जश्न मनाइए अपने पार्टी के जीत जिसके आप एजेंट बने बैठे थे हिंदुत्व का लबादा ओढ़ कर ... फेसबुक पर मुँह लटकाने का  प्रपंच मत कीजिए  ... आपका ये सब नाटक देख कर उबकाई आ रहा है  ...

मोदी जी! Pm के रूप में आपकी 100 गलतियों के कारण

मोदी जी! Pm के रूप में आपकी 100 गलतियों के कारण,  
1-
पाकिस्तान के खिलाफ 1. सर्जिकल स्ट्राइक
2. ऐतिहासिक जीएसटी योजना का कार्यान्वयन
3. नोटबंदी
4. भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ जैकेट प्रदान कर रहा है
5. सशस्त्र बलों को आधुनिक हथियार प्रदान कर रहे हैं
6. 18450 गांवों को बिजली प्रदान करना
7. पेश है आयुष्मान भारत
8. आतंकवादियों को यूपीए सरकार की तरह भारत में नहीं देने दे रहे हैं ।
9. जेनेरिक दवाइयां
10. सकती की कीमत कम करना
11. संयुक्त ऑपरेशन को कम करने के लिए
12. भारत योजना में मेक इन करने के कारण रोजगार प्रदान कर रहा है
13. मोदी सरकार के 4 साल में एक भी भ्रष्टाचार चार्ज नहीं
14. दलित को भारत का राष्ट्रपति बनाने के लिए
15. महिला को भारत के रक्षा मंत्री के रूप में बनाने के लिए
16. oylmpic मेडलिस्ट को खेल मंत्री बनाने के लिए
17. राष्ट्र के लिए दिन में 18 घंटे काम कर रहा है
18. भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रयासरत
19. पुलिस विभाग में महिलाओं के लिए 33 % आरक्षण प्रदान कर रहा है
20. अवधि 2 लाख करोड़ का लोन ब्याज सहित जो यूपीए सरकार ने बनाया था
21. भारत को ऋण देने के लिए देश को ऋण देने के लिए भारत बनाना
22. gst के कारण 3 लाख शेल कंपनियों का पता लगाने के लिए
23. काले धन को नियंत्रित करने के लिए
24. नोट बैन के कारण पत्थरबाजी रोक रहा है
25. आधार और पैन से लिंक करने के कारण हजारों करोड़ का अवैध व्यापार का पता चलता है
26. khadhi उद्योग के कर्मचारियों को सब्सिडी प्रदान करने और 150 करोड़ रुपये की बचत
27. आतंकवादियों और नक्सलियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ रही है
28. लापता 500 छात्रों को ढूंढ रहे हैं और उन्हें अपने परिवार के साथ की
29. नकली शिक्षकों का पता चल रहा है
30. तमिलनाडु से 1.43 करोड़ फर्जी कार्ड हटा रहे हैं
31. गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए काम कर रहा है
32. जापान के साथ बंधन सुधार
33. बुलेट ट्रेन परियोजना
34. एशियाई खेलों में सबसे अधिक पदक प्राप्त करने वाले
35. 5 करोड़ गरीब के लिए lpg बांटते हुए
कई कृषि उत्पादों पर 36. दोगुना msp
37. बंद 250 फर्जी कंपनियां
38. डिजिटल इंडिया
39. Swacch Bharat
40. स्किल इंडिया
41. कृषि को विशेष पैकेज देना
42. पेश है niti एनएमएपी
43. भारत की सुरक्षा को बढ़ाना
44. अंतर्राष्ट्रीय बंधन को मजबूत करना
45. Beti Bachao, Beti Padao
46. भारत को तीसरा सर्वोच्च विद्युत उत्पादक बनाने वाला
47. जन धन योजना
48. lpg सब्सिडी
49. saffronising 222 राज्य
50. महिला सशक्तिकरण का समर्थन करते हुए
51. स्मार्ट सिटी
52. सुकन्या samrudhi योजना
53. Reintroducing Kisan Vikas Patra
कृषि उपकरणों के लिए 54. सब्सिडी
55. भारत को एक मोबाइल बनाने का हब बनाना
56. Man Ki Baat
57. उर्वरक सब्सिडी
58. विश्व योग दिवस
बच्चों के बलात्कारियों के लिए 59. मौत की सजा
60. इन्द्र धनुष योजना के तहत लड़की का बच्चा लाओ
61. भारत भर में एम्स मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहा है
62. मोदी केयर के तहत 50 करोड़ लोगों को कवर कर रहे हैं
63. सफाई गंगा नदी
64. वन रैंक वन पेंशन
65. फैल और निष्ठा bsnl
66. एयर इंडिया profitbale बनाना
67. केहर प्रत्येक और हर भारतीय गांव
68. परमाणु समझौते रूस, जापान, कनाडा, फ्रांस के साथ
69. अनूकूल भारत रेलवे और इसे लाभदायक बना रहा है
70. भारतीय डाक भुगतान बैंक
71. नक्सलियों को मुख्यधारा में मिल रहा है
भारत भर में 72. सौर योजनाएं
73. भारतीय सेना के लिए इजरायल की तकनीकों का उपयोग करना
74. विश्व भर में कूटनीतिक संबंध बढ़ाना
75. भ्रष्टाचार कम सरकार
76. ने दाऊद इब्राहिम की संपत्ति को पकड़ लिया
77. भारत को "कांग्रेस मुक्त" बनाने के लिए प्रयासरत
78. आधार को बैंक खाते से लिंक कर रहे हैं और इस प्रकार फरेबी लेनदेन की निगरानी कर रहे हैं
79. भारत की वायु सेना की ताकत को बढ़ाना
80. डोकलाम जीत
81. स्विस बैंक में जमा पैसे पाने की कोशिश कर रहा है
82. शौच मुक्त भारत बनाना
83. कई देशों को वीजा प्रदान कर रहा है
84. नदियों का लिंक
85. ट्रिपल तलाक को बैन करने की कोशिश कर रहा है
86. राम मंदिर बनाने की कोशिश कर रहे हैं
87. Ujwala Yojana
88. Mudra
89. हज सब्सिडी रद्द कर रहा है
90. बढ़ रहा है टैक्स का आधार
91. हाईवे निर्माण की गति को आगे बढ़ाने से पहले कभी नहीं
92. Fasal Bhma Yojana
93. Deen Dayal Upadhya Gram Jyoth scheme
ऑस्ट्रेलिया के साथ 94. यूरेनियम सौदा
95. 7 वें वेतन आयोग के माध्यम से ग्रामीण धक कारसेवकों की सैलरी बढ़ा रही है
Indoa-पाक बॉर्डर में 96. बढ़ते बंकर
एक एंटी परमाणु शील्ड बनाने के लिए 97. गायन सौदे
98. 2 + 2 अमेरिका के साथ मिलते हैं
99. बढ़ती भारत की gdp
बर्मा में 100. सर्जिकल स्ट्राइक

पीएम मोदी द्वारा लागू की गई सैकड़ों और योजनाएं हैं लेकिन कांग्रेस अपने पिछले 60 साल के शासन में कभी नहीं कर सकती थी । मोदी जी आप भारत को विश्वगुरु बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुछ नागरिक इसके खिलाफ हैं ।
__________________________________

शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

धनु राशिमें सूर्य का आगमन किस प्रकार 12 राशियों पर असर करेगा, आइए जानते हैं

16 दिसंबर को सूर्यदेव आ रहे हैं धनु राशि पर, क्या असर होगा आपकी राशि पर
सूर्यदेव 16 दिसंबर, 2018 शनिवार को धनु राशि में प्रवेश करेंगे। यहीं से धनुर्मास शुरू होगा और वैवाहिक कार्य पर 1 मास के लिए विराम लग जाएगा। धनु राशिमें सूर्य का आगमन किस प्रकार 12 राशियों पर असर करेगा,
आइए जानते हैं....

मेष राशि : आपके लिए सूर्य भाग्य भाव से भ्रमण करेगा। इसके परिणाम अत्यंत शुभ होंगे। इस समय आपसी संबंधों में सुधार होगा। किन्हीं संबंधियों से निकटता होगी। इस समय धर्म तथा अध्यात्म के प्रति अधिक रुझान रहेगा। धार्मिक कार्यों में भी व्यय होगा। पारिवारिक सुख-शांति रहेगी। संतान से सहयोग व प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। इस समय माणिक पहनना शुभता में वृद्धि करेगा।

वृषभ राशि : आपसी तालमेल की कमी रहेगी। पारिवारिक मामलों में विरोध हो सकता है। अपने क्रोध व अहम पर नियंत्रण रखें। शत्रु पक्ष में सावधानी बरतना होगी। मातृपक्ष के स्वास्थ्य की चिंता रह सकती है। किसी भी कार्य में सावधानीपूर्वक निर्णय लेना होगा। नौकरीपेशा व व्यापारी वर्ग को संभलकर चलना होगा।

मिथुन राशि : दाम्पत्य जीवन में वाद-विवाद से बचना होगा। दैनिक व्यवसाय के क्षेत्र में पराक्रम द्वारा ही सफल होंगे। प्रेम संबंधों के मामलों में आपको किसी न किसी प्रकार की समस्या सामना करना पड़ सकता है। कानूनी विवाद से बचना होगा। शत्रुपक्ष पर दबदबा बना रहेगा। साझेदारी के कार्य में सावधानी रखना होगी।

कर्क राशि : भाग्य में रुकावट आ सकती है व कार्य में भी बाधा रह सकती है। शत्रुपक्ष प्रभावहीन होंगे। मामा पक्ष से कुछ विरोध का सामना करना पड़ सकता है। आपको पेट संबंधी रोग हो सकता है। खान-पान में सुधार करना होगा। कर्ज या लेन-देन के कारण खर्च बढ़ सकता है। नौकरीपेशा लाभान्वित होंगे।

सिंह राशि : प्रेम संबंधों के मामलों में असफलता का स्वाद चखना पड़ सकता है। आपको अपने कार्य तथा व्यवहार पर नियंत्रण रखना होगा। संतान पक्ष में संभलकर चलना होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। गैस संबंधित समस्या हो सकती है। सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ा-चढ़ा रहेगा। विद्यार्थी वर्ग व शिक्षा से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है।

कन्या राशि : पारिवारिक कारणों से घर से दूर जाना पड़ सकता है। नौकरी के क्षेत्र में आपका प्रभुत्व कायम रहेगा। आपके प्रभाव में वृद्धि होगी। परिवारिक जीवन सुखद ही कहा जा सकता है। इस समय आपको आर्थिक लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। जमीन संबंधित कार्यों में सफलता के अवसर हैं। माता के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। शत्रुपक्ष पर प्रभाव बना रहेगा।

तुला राशि : पराक्रम अत्यधिक बढा-चढ़ा रहेगा। आपकी मेहनत और प्रयासों की प्रशंसा होगी। भाई-बंधुओं व मित्रगण का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलने से आपके कई कार्य बनेंगे। सहयोगियों का भरपूर सहयोग मिलेगा। इस समय आपका प्रभाव लोगों पर अधिक पड़ेगा। इस समय रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे। आपके प्रयास ही आपकी सफलता का कारक बनेंगे।

वृश्चिक राशि : आर्थिक लाभ मिलेगा लेकिन बचत के योग कम ही हैं। इस समय किसी प्रकार की मानसिक समास्या आपको परेशान कर सकती है। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम है। राजकीय कार्य संपन्न होंगे। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति होगी। पिता का सहयोग लेकर चलें।

धनु राशि : किसी विशेष पद की प्राप्ति हो सकती है। कार्यक्षेत्र में अत्यधिक व्यस्तता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। किसी कार्य में पिता का सहयोग प्राप्त होगा। पुरानी वस्तु से लाभ प्राप्त हो सकता है। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सरकारी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को प्रगति के अवसर मिलेंगे।

मकर राशि : सावधानी रखना होगी। यात्रा संभलकर करें। आपको अपने कार्यों पर नियंत्रण रखना होगा। अत्यधिक भागदौड़ होने से शारीरिक थकावट अधिक होगी। प्रत्येक कार्य के लिए आपको अधिक प्रयत्न करना होगा। शत्रुपक्ष प्रभावहीन होंगे।

कुंभ राशि : गोचर शुभ फल देगा। घर या परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। पिता या बड़े भाई से लाभ प्राप्त होने के योग हैं। यात्रा के योग बन सकते हैं। धनलाभ के योग भी प्रबल हैं। इस समयावधि में अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी हेतु इच्छुक व्यक्ति के प्रयास सफल हो सकते हैं। ससुराल पक्ष से लाभ या प्रसन्नता प्राप्त हो सकती है।

मीन राशि : समय आपके कार्यों के लिए उत्तम रहेगा। किसी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। इस समय कार्य की अधिकता होने से थकान महसूस करेंगे। अधिकारी वर्ग कार्यों को लेकर प्रसन्न रहेंगे। घर-परिवार के सुखों में वृद्धि होगी। आप अपनी प्रतिभा को विस्तार देंगे।

उपाय-
सुबह उदय होते सूर्य को दूध-मिश्री मिले जल का अर्घ्य दें व नमक का सेवन न करें। ॐ घृणिं सूर्य: आदित्य:या ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्र किरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा... मंत्र का जाप 108 बार करें। पिता का आशीर्वाद लेकर कार्य का शुभारंभ करें। इस तरह सूर्य के अनिष्ट प्रभावों से बचा जा सकता है।

सोमवार, 3 दिसंबर 2018

पालनहार

*'पालनहार'* 🌿
मलूकचंद नाम के एक सेठ थे।
उनका जन्म इलाहाबाद जिले के कड़ा नामक ग्राम में वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को संवत् 1631 में हुआ था।
पूर्व के पुण्य से वे बाल्यावस्था में तो अच्छे रास्ते चले ,
उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था।
एक रात्रि को पुजारी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नींद नहीं आयी।
सुबह उन्होंने पुजारी जी को खूब डाँटा कि "यह सब क्या है ?"
पुजारी जी बोलेः "एकादशी का जागरण कीर्तन चल रहा था।"
मलूकचंद बोलेः "अरे ! क्या जागरण कीर्तन करते हो ? हमारी नींद हराम कर दी।
अच्छी नींद के बाद व्यक्ति काम करने के लिए तैयार हो पाता है, फिर कमाता है तब खाता है।"
पुजारी जी ने कहाः "मलूकजी ! खिलाता तो वह खिलाने वाला ही है।"
मलूकचंद बोलेः "कौन खिलाता है ? क्या तुम्हारा भगवान खिलाने आयेगा?"
*पुजारी जी ने कहाः "वही तो खिलाता है।"*
मलूकचंद बोलेः "क्या भगवान खिलाता है ! हम कमाते हैं तब खाते हैं।"
पुजारी जी ने कहाः "निमित्त होता है तुम्हारा कमाना और पत्नी का रोटी बनाना, बाकी सबको खिलाने वाला, सबका पालनहार तो वह जगन्नियन्ता ही है।"
मलूकचंद बोलेः "क्या पालनहार-पालनहार लगा रखा है ! बाबा आदम के जमाने की बातें करते हो।
*क्या तुम्हारा पालने वाला एक-एक को आकर खिलाता है ? हम कमाते हैं तभी तो खाते हैं !"*
पुजारी जी ने कहाः "सभी को वही खिलाता है।"
*मलूकचंद बोलेः "हम नहीं खाते उसका दिया।"*
पुजारी जी ने कहाः "नहीं खाओ तो मारकर भी खिलाता है।"
मलूकचंद बोलेः *"पुजारी जी ! अगर तुम्हारा भगवान मुझे चौबीस घंटों में नहीं खिला पाया तो फिर तुम्हें अपना यह भजन-कीर्तन सदा के लिए बंद करना होगा।"*
पुजारी जी ने कहाः "मैं जानता हूँ कि तुम्हारी बहुत पहुँच है लेकिन उसके हाथ बढ़े लम्बे हैं।
*जब तक वह नहीं चाहता, तब तक किसी का बाल भी बाँका नहीं हो सकता। आजमाकर देख लेना।"*
पुजारीजी भगवान में प्रीति वाले कोई सात्त्विक भक्त रहें होंगे।
*मलूकचंद किसी घोर जंगल में चले गये और एक विशालकाय वृक्ष की ऊँची डाल पर चढ़कर बैठ गये कि 'अब देखें इधर कौन खिलाने आता है।*
चौबीस घंटे बीत जायेंगे और पुजारी की हार हो जायेगी, सदा के लिए कीर्तन की झंझट मिट जायेगी।'
*दो-तीन घंटे के बाद एक अजनबी आदमी वहाँ आया।*
उसने उसी वृक्ष के नीचे आराम किया, फिर अपना सामान उठाकर चल दिया लेकिन अपना एक थैला वहीं भूल गया। भूल गया कहो, छोड़ गया कहो।
*भगवान ने किसी मनुष्य को प्रेरणा की थी अथवा मनुष्यरूप में साक्षात् भगवत्सत्ता ही वहाँ आयी थी, यह तो भगवान ही जानें।*
थोड़ी देर बाद पाँच डकैत वहाँ से पसार हुए। उनमें से एक ने अपने सरदार से कहाः "उस्ताद ! यहाँ कोई थैला पड़ा है।"
*क्या है ? जरा देखो।" खोलकर देखा तो उसमें गरमागरम भोजन से भरा टिफिन !*
"उस्ताद भूख लगी है। लगता है यह भोजन अल्लाह ताला ने हमारे लिए ही भेजा है।"
*अरे ! तेरा अल्लाह ताला यहाँ कैसे भोजन भेजेगा ? हमको पकड़ने या फँसाने के लिए किसी शत्रु ने ही जहर-वहर डालकर यह टिफिन यहाँ रखा होगा अथवा पुलिस का कोई षडयंत्र होगा।*
इधर-उधर देखो जरा कौन रखकर गया है।"
*उन्होंने इधर-उधर देखा लेकिन कोई भी आदमी नहीं दिखा।*
तब डाकुओं के मुखिया ने जोर से आवाज लगायीः "कोई हो तो बताये कि यह थैला यहाँ कौन छोड़ गया है।"
*मलूकचंद ऊपर बैठे-बैठे सोचने लगे कि 'अगर मैं कुछ बोलूँगा तो ये मेरे ही गले पड़ेंगे।'*
वे तो चुप रहे लेकिन जो सबके हृदय की धड़कनें चलाता है, भक्तवत्सल है वह अपने भक्त का वचन पूरा किये बिना शांत नहीं रहता !
*उसने उन डकैतों को प्रेरित किया कि 'ऊपर भी देखो।' उन्होंने ऊपर देखा तो वृक्ष की डाल पर एक आदमी बैठा हुआ दिखा।*
डकैत चिल्लायेः "अरे ! नीचे उतर!"
मलूकचंद बोलेः "मैं नहीं उतरता।"
*क्यों नहीं उतरता, यह भोजन तूने ही रखा होगा।"*
मलूकचंद बोलेः "मैंने नहीं रखा। कोई यात्री अभी यहाँ आया था, वही इसे यहाँ भूलकर चला गया।"
*नीचे उतर ! तूने ही रखा होगा जहर-वहर मिलाकर और अब बचने के लिए बहाने बना रहा है।*
तुझे ही यह भोजन खाना पड़ेगा।"
*अब कौन-सा काम वह सर्वेश्वर किसके द्वारा, किस निमित्त से करवाये अथवा उसके लिए क्या रूप ले यह उसकी मर्जी की बात है। बड़ी गजब की व्यवस्था है उस परमेश्वर की !*
मलूकचंद बोलेः "मैं नीचे नहीं उतरूँगा और खाना तो मैं कतई नहीं खाऊँगा।".
*पक्का तूने खाने में जहर मिलाया है। अरे ! नीचे उतर, अब तो तुझे खाना ही होगा !"*
मलूकचंद बोलेः "मैं नहीं खाऊँगा,नीचे भी नहीं उतरूँगा।"
*अरे, कैसे नहीं उतरेगा !" डकैतों के सरदार ने अपने एक आदमी को हुक्म दियाः "इसको जबरदस्ती नीचे उतारो।"*
*डकैत ने मलूकचंद को पकड़कर नीचे उतारा।*
"ले, खाना खा।"
.
मलूकचंद बोलेः "मैं नहीं खाऊँगा।"*
उस्ताद ने धड़ाक से उनके मुँह पर तमाचा जड़ दिया।
*मलूकचंद को पुजारीजी की बात याद आयी कि 'नहीं खाओगे तो मारकर भी खिलायेगा।'*
मलूकचंद बोलेः "मैं नहीं खाऊँगा।"
*अरे,कैसे नहीं खायेगा*! इसकी नाक दबाओ और मुँह खोलो।"
डकैतों ने उससे नाक दबायी, मुँह खुलवाया और जबरदस्ती खिलाने लगे।
*वे नहीं खा रहे थे तो डकैत उन्हें पीटने लगे।*
अब मलूकचंद ने सोचा कि 'ये पाँच हैं और मैं अकेला हूँ। नहीं खाऊँगा तो ये मेरी हड्डी पसली एक कर देंगे।'
*इसलिए चुपचाप खाने लगे और मन- ही-मन कहाः 'मान गये मेरे बाप ! मारकर भी खिलाता है !*
डकैतों के रूप में आकर खिला चाहे भक्तों के रूप में आकर खिला लेकिन खिलाने वाला तो तू ही है। अपने पुजारी की बात तूने सत्य साबित कर दिखायी।'
*मलूकचंद के बचपन की भक्ति की धारा फूट पड़ी।*
उनको मारपीटकर डकैत वहाँ से चले गये तो मलूकचंद भागे और पुजारी जी के पास आकर बोलेः
*पुजारी जी ! मान गये आपकी बात कि नहीं खायें तो वह मारकर भी खिलाता है।"*
पुजारी जी बोलेः *"वैसे तो कोई तीन दिन तक खाना न खाये तो वह जरूर किसी-न-किसी रूप में आकर खिलाता है...*
*लेकिन मैंने प्रार्थना की थी कि 'तीन दिन की नहीं एक दिन की शर्त रखी है, तू कृपा करना।'*
*अगर कोई सच्ची श्रद्धा और विश्वास से हृदयपूर्वक प्रार्थना करता है तो वह अवश्य सुनता है।*
*वह तो सर्वव्यापक, सर्वसमर्थ है। उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं है*।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

रविवार, 2 दिसंबर 2018

राजस्थान के रण में भाजपा की ओर मुड़ती सत्ता की हवाएं


*राजस्थान के रण में भाजपा की ओर मुड़ती सत्ता की हवाएं*
कांग्रेस के इंटरनल सर्वे ने बजाई खतरे की घंटी
भाजपा की ताबड़तोड़ रैलियों का दिखा व्यापक असर
ब्यूरो जयपुर डेस्क: राजस्थान के रण में कांग्रेस की जीत की राह अब इतनी आसान नहीं रही, जितनी उन्होंने सोची थी। शुरुआती दौर में पूर्ण बहुमत से बनती नजर आ रही कांग्रेस पार्टी के हाथ से जीत फिसलती हुई नजर आ रही है। कुछ समय पहले तक भले ही कांग्रेस पार्टी सरकार बनने का दावा कर रही हो लेकिन पिछले 15 दिनों में भाजपा सरकार की ताबड़तोड़ रैलियों और बागियों को मनाने में मिली सफलता ने मरुधरा में बाजी पूरी तरह से पलट दिया है। यह बात कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में भी सामने आई है।
कांग्रेस की ओर से हुए इस सर्वे में सबसे चिंताजनक बात यह है भाजपा न सिर्फ कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए अपनी बढ़त बन रही है बल्कि सभी मिथकों को तोड़ते हुए राजस्थान में दोबारा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। इसमें सबसे बड़ा हाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का है। इसके अलावा कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में बढ़ता टकराव सबसे बड़ी चिंता का विषय है। इस टकराव से पार्टी और कांग्रेस समर्थकों में भी रोष बढ़ा है। कांग्रेस पार्टी में कार्यकर्ताओं में भारी निराशा का माहौल है। सूत्रों के हवाले से खबर है की शुरू में जहां कांग्रेस को 130 सीटें और भाजपा को महज 50 सीटें मिल रही थीं, वहीं अब यह आंकड़ा अब एकदम उलट हो गया है। भाजपा के मजबूत संगठन की बदौलत प्रदेश में नए सर्वे के अनुसार 107 से 115 सीटों के बीच दिखाया जा रहा है और कांग्रेस अब 80 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
खास बात यह है कि प्रचार के लिए कांग्रेस के पास सचिन पायलट, अशोक गहलोत और राहुल गांधी के अलावा दूसरा कोई चेहरा नहीं है। इसमें भी कई विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने पायलट और गहलोत के उनकी विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए आने का विरोध किया है। कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जो वोटर्स को लुभा सके। वहीं भाजपा अपने स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं की मदद से वोटर्स को लुभा रही है। भाजपा जनता को यह यकीन दिलाने में कामयाब रही है कि उन्होंने काम किया है लेकिन उसका प्रचार करने में पीछे रही है। भाजपा की मजबूती इसी बात से लगाई जा सकती है कि प्रतिदिन भाजपा की ओर से 10 से 15 रैलियां की जा रही हैं, जिसमें अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा हो रही है। इन रैलियों का व्यापक स्तर पर वोटरों पर प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि राजस्थान के रण में फिजाओं का रुख भाजपा की ओर उड़ता हुआ नजर आ रहा है।🚩🇮🇳👍

function disabled

Old Post from Sanwariya