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शनिवार, 30 मार्च 2019

गलतियां सिर्फ लड़कियों की नही है उनके नादान माता पिता की भी है

ध्यान देने योग्य बाते खासकर माता पिता को
🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌛🌚🌚🌚🌚🌚
🔍🔍गलतियां सिर्फ लड़कियों की नही है उनके नादान माता पिता की भी है !

क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है
नहीं ना तो आगे से ध्यान दीजिए देखिए आपके आसपास तो यह ऐसा घटित नहीं हो रहा...???

शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी !

 करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं !

आज ही मैंने देखा कि
 4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे !

मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पढि लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा ।

 या इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं ।??
 
4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे

मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें !

 एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि
"आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव यौवनाएं उनसे प्रभावित हों।

फिर युवती गदगद मन से  200 रु देकर मेहंदी लगा हाथ सँभालते हुए रवाना हो गई !

शहरी क्षेत्र में अनेक इंजीनियरिंग और एमबीए की स्टूडेंट्स पीजी के रूप में रहती हैं,

मेरे समझ के बाहर की बात है कि अपने शहर से दूर पढ़ने के लिए आई युवती को मेहंदी और सौंदर्य प्रसाधनों की आवश्यकता क्यों है ?
            
बहरहाल मैंने चारों लड़कों से उनके नाम पूछे ।

 लड़के हिचकिचाये, कुछ और नाम बताये,
मैंने कहा कि ID दिखाओ, ID में लड़कों के नाम,

चारों नाम गौर से पढ़िए :-
1.रुसलान 2.अल्तमष 3.मुज़म्मिल 4.वहीद !
              
साथियों, हमारी बेटियों बहनो का हाथ पकड मेहंदी लगाते यह शातिर शिकारी लोग इन भोली-भाली बच्चियों को किधर मोड़ ले जाएं, कुछ मालूम नहीं !!

मेरे समझ के बाहर का विषय है कि अब घर में माँ बहन और बेटी एक दूसरे के हाथ में मेहंदी क्यों नहीं लगा सकती ?

बाहर जाकर मेंहदी लगवाना कौनसा फैशन है ?
कहीं यह लव जिहाद का कोई नया एंगल तो नही

#नोट इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लोगों को इसके दुष्परिणाम  से बचाएं 🙏🙏🙏🙏🙏
सारिका बहन की वाल से
#कॉपी_पेस्ट

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12 वर्ष तक प्रति वर्ष भरे हुऐ वार्षिक प्रीमियम का 13वे वर्ष बाद , प्रती वर्ष दुगना पाएं वो भी गारंटीड्। और साथ में 15 गुणा तक जीवन बीमा भी।

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30 वर्ष पर 16.5 गुना बीमा मिलेगा

इस योजना में जीवन बीमा के बराबर दुर्घटना बीमा भी बिना कोई अतिरिक्त चार्ज , बीमा राशि के बराबर मिलेगा

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उसके पश्चात मनी बैक दो विकल्प में उपलब्ध रहेंगे

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 2 लाख वार्षिक 12 वर्ष तक मिलेगा

यह योजना पूरी तरह गारंटेड है
Kailash chandra ladha
9352174466

Congress सत्ता में वापसी के लिए इस देश को Venezuela बना देगी

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ,
जब पूरी दुनिया मे तेल की जबरदस्त demand थी और दाम आसमान छू रहे थे , Venezuela की पांचों उँगलियाँ घी में थीं । 1945 में ही देश रोज़ाना 1 Million Barrel तेल बना रहा था ।

सरकार ने अपने नागरिकों को खैरात बांटना शुरू किया ।
देश की हर सेवा सरकारी थी और हर सेवा Free थी ।
तेल के बदले में दुनिया भर से सामान आता था , राशन , अनाज , फल ,सब्जी , दवाइयां , मशीनरी , कपड़ा हर चीज़ Import ही होती थी । तेल के बदले में ....... और सरकार अपने नागरिकों को सबकुछ फ्री देती थी ।
50 और 60 के दशक में जब कि सारी दुनिया हाड़ तोड़ मेहनत कर उत्पादन Manufacturing में लगी थी , Venezuela में एक सूई तक न बनती थी और उनकी तो गोभी और टमाटर भी यूरोप से आती थी ।

बहुत खूबसूरत देश है Venezuela..…... पर यदि कोई Tourist भूला भटका आ भी जाता तो पूरे देश मे कोई उसको पानी पूछने वाला न था .....… आमतौर पे ऐसे देशों में बाहर से विदेशी आ जाते हैं रोज़ी रोज़गार की तालाश में , पर चूंकि इस देश मे फ्री सेवा थी इसलिए सभी पार्टियां और जनता विदेशी लोगों के देश मे प्रवेश के खिलाफ थी कि हमारी मुफ्त सेवा का लाभ विदेशी क्यों लें ।
इसका नतीजा ये हुआ कि कोई नागरिक खुद तो कुछ करता नही था , खेती बाड़ी , कोई उद्योग धंदा , और बाहर से लेबर ही import कर ले सरकार , ये होने नही देता था । इसलिए देश मे Tourism तक develop न हुआ ।
बताया जाता है कि 70 के दशक में अगर भूला भटका सैलानी अगर आ भी जाता तो ये उससे कहते ....... FCUK off .......

फिर एक दिन तेल के दाम गिरने लगे ........ सरकार की एक तेल कंपनी थी ...... PDVSA ...... सरकार ने कंपनी से कहा , सबको नौकरी दे दो ....... कंपनी बोली हुज़ूर हमको employee की ज़रूरत ही नही ....... सरकार बोली , फिर भी दे दो ....... इस तरह सरकार ने हर परिवार के कम से कम एक आदमी को सरकारी तेल कंपनी PDVSA में नौकरी दे दी जहां वो कोई काम नही करता था और मुफ्त की मोटी पगार लेता ........
फिर तेल के दाम और गिरे ........ अब जब तेल कंपनी बुरी तरह घाटे में आ गयी और तेल बिकना बंद हो गया तो खैरात भी बंद हो गयी .........
धीरे धीरे हर चीज़ की कमी होने लगी ।
3.5 करोड़ मुफ्तखोर जिनने ज़िन्दगी में कोई काम नही किया था वो लूट खसोट करने लगे ।
लड़कियां सब वेश्यावृत्ति में उतर गई ।
समाजवादी सरकार फिर भी नही चेती ........ वो कर्ज़ा ले के घी पिलाने लगी अपनी मुफ्तखोर जनता को ........

आज राजधानी कराकास दुनिया का सबसे असुरक्षित शहर है जहां एक Bread के टुकड़े के लिए हत्या हो जाती है और लड़कियां सिर्फ एक पीस bread के लिए शरीर बेचती हैं ।
डेढ़ करोड़ बोलिवर में एक थाली खाना मिलता है ........

1999 के बाद देश की ये दुर्दशा शुरू हुई .......

इतना बड़ा देश सिर्फ 3.5 करोड़ लोगों के लिए गेहूं चावल सब्जी दूध पैदा नही कर सकता ?????

मैं कहता हूँ कि आज अगर वेनेजुएला की सरकार यहां पंजाब से सिर्फ 1000 किसानों को अपने यहां आमंत्रित कर ले और सिर्फ जरूरी मशीनरी दे दे तो सिर्फ 6 महीने में हमारे किसान इतना अनाज , सब्जी , फल और दूध पैदा कर देंगे कि पूरे वेनेजुएला से खाया न जाये ........ अकेला एक कपूरथला जिला इतना खरबूजा पैदा करता है कि पूरा North India खाता है .......

सवाल है कि सरकार ने ये मुफ्तखोरी अपने नागरिकों को क्यों सिखाई ?
अपने देश की जनता को निकम्मा , नकारा , हरामखोर किसने बनाया ?
जब इतनी भुखमरी है देश मे तो भी क्या जनता अपने घर के पिछवाड़े घीया तोरी कद्दू के बीज सिर्फ डाल दे तो भी दो महीने में इतनी सब्जी हो जाएगी कि उसको उबाल के खा के पेट भर लेंगे लोग ........
पिछले 10 साल से भुखमरी है देश मे ........ न सरकार चेती न जानता ???????

आज राहुल G चुनावी वादा कर रहे कि 5 करोड़ गरीब परिवारों को 6000 महीना 72000 सालाना दे के भारत मे 7 venezuela बनाना चाहते हैं ।
3.5 करोड़ लोगों का एक Venezuela है ।
राहुल G 25 करोड़ लोगों को मुफ्तखोर बनाना चाहते हैं यानी 7 Venezuela .........

राहुल G / कांग्रेस की इस मुफ्तखोरी योजना का बजट होगा 3 ,60,000 करोड़ रु यानी हमारे कुल रक्षा बजट से भी ज़्यादा ........

Congress सत्ता में वापसी के लिए इस देश को Venezuela बना देगी .........

Congress से बचो .......

कांग्रेस के 49 वर्षीय युवा नेता माननीय राहुल गांधी जी बस नाम ही काफी है

राहुलजी का जीवन परिचय

कांग्रेस के 49 वर्षीय युवा नेता माननीय राहुल गांधी जी बस नाम ही काफी है।
राहुल जी एक ज़मीनी और तो और बुनियादी नेता हैं जो बचपन से ही देश के तमाम सामाजिक आंदोलनों में भागीदार रहे हैं…
तमाम संघर्षों में भाग लेने वो इटली से अमेरिका तक भी जाते रहे… थाईलैण्ड के संघर्षों में तो उनकी प्रमुख भूमिका रही है…😜

ग़रीबी और अभावग्रस्त जीवन होने के कारण उन्हें कई बार ग़रीबों, दलितों की झोपड़ियों में जाकर खाना माँग कर खाना पड़ा…
उनके कुर्ते की जेब भी अक़्सर फटी रहती है…

नोटबन्दी के दौरान उन्हें हज़ार दो हज़ार रुपये के लिए भी ATM की भीड़ में धक्का-मुक्की झेलनी पड़ी थी..

उनके द्वारा सभी देशवासियों को भैया सम्बोधित करने के कारण अस्सी-नब्बे साल के बुज़ुर्ग भी ख़ुद को युवा महसूस करने लगे हैं… 😎

सन् 2004 में अपने इंग्लैण्ड सत्संग के दौरान वेनेजुएला निवासिनी एक स्पेनिश आर्किटेक्ट उनकी शिष्या बन गयी थी… 😚

उनके शिष्यों के क्रांतिकारी दार्शनिक विचारों से भारत के जनमानस में कई बार रिक्टर स्केल पर 9.0 तक के भूचाल आते रहे हैं।

उनका दर्शन है कि कांग्रेस एक सोच है जो 3000 साल पुरानी है…

भारतीय इतिहास, अध्यात्म, दर्शन, धर्म पर उनकी पकड़ और ज्ञान अद्वितीय है… उनके इसी दर्शन के आधार पर मनमोहन सरकार ने पुरातत्व विभाग से उन्नाव में ख़ुदाई तक करवा डाली थी…

मोदी सरकार का स्वच्छता अभियान उन्हीं के एक विचार से प्रभावित है - जहाँ सोच वहीं शौचालय… 😜

समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र पर उनका ज्ञान कौटिल्य के समकक्ष है… खेत की बजाय आलू बनाने वाली फ़ैक्टरी और आलू डालकर सोना निकालने वाली मशीनों की उनकी थ्योरी से विज्ञान जगत में हलचल मच गई है… 😏

सुना है कि भौतिक शास्त्र के नॉबेल पुरस्कार से उन्हें महज़ एक ग़रीब इण्डियन होने के कारण वंचित कर दिया गया… खेती-किसानी और ग़रीबी की रेखा के नीचे वाले अंत्योदय फार्म हाउस उन्हें विरासत में मिले... उनके माननीय इकलौते भगिनी-वर भी देश के सबसे ग़रीब भूमिहीन किसानों में हैं...

राहुल जी को गुड़ की खेती जैसी विस्मयकारी कलाएं अपने पिता से विरासत में मिलीं...

अब उनका अपनी किसानी में कटहल की बेल और पुदीने के विशाल वृक्षों पर शोध जारी है...

खाट पर चर्चा और गब्बर सिंह टैक्स जैसी अद्वितीय खोजों से वो देश के जनमानस पर छा गए…

राहुल जी जनेऊधारी कट्टर कर्मकाण्डी दरिद्र हिन्दू ब्राह्मण हैं…💐

वो कान पर जनेऊ चढ़ाए बिना संसद के शौचालय में भी नहीं जाते... उन्होंने इटली में रोमा देवी और थाईलैण्ड में थाई नाथ की घोर तपस्या की है...

पिछले वर्ष जब असम में सुबह मंदिर जाते समय किसी महिला ने उनको रोका-टोका तो उसे और असम की जनता को उन्होंने श्राप दे दिया… श्राप के परिणामस्वरूप असम की जनता आज भाजपा का सुशासन झेलने को मज़बूर है…

ज्योतिष का प्रकाण्ड ज्ञानी होने के कारण शुभ दिन बीतते ही खरमास के पहले दिन उन्होंने अध्यक्ष पद जैसा हलाहल पीया...

राहुल जी भी ब्राह्मण रावण की ही तरह परम शिवभक्त हैं… अपने गुजरात मेधयज्ञ के दौरान वो नियमित रूप से बीसियों मंदिरों में जाकर नियमित कर्मकाण्ड करते रहे…

अपने पौराणिक चुनाव क्षेत्र अमेठी को विश्वस्तरीय बनाने में राहुल जी एक मिसाल हैं… आज अमेठी की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन 10 शहरों में है… राहुल जी का संसद की बहसों में भी अपना एक कीर्तिमान है…
कई बार जब वह संसद में बैठकर राष्ट्र चिंतन करते थे तो विपक्षी उनसे जलते हुए उन पर संसद में सोने का आरोप लगाते रहे हैं…

अपने कार्यों को तुरंत निपटने के वो सैद्धांतिक प्रतिबद्ध रहे हैं… एक बार तो इसी सिद्धान्त के तहत उन्होंने मंत्री के हाथ से छीनकर प्रस्तावित बिल फाड़कर तुरन्त निपटारा कर डाला था…

एक हिन्दू और ब्राह्मण होने के नाते हमें उनपर मीट्रिक टनों गर्व है… हमें उम्मीद है कि इस देश को उनके रूप में एक कुशल, ज्ञानी, अनुभवी, प्रतापी, जुझारू, संघर्षलीन नेतृत्व मिलेगा जो इण्डिया को दुनिया से भी बाहर ले जाकर तीनों लोकों में अपनी कीर्ति स्थापित करेगा…
😢😜😃👍

साभार

मतदान अवश्य करें क्योंकि

(1)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र आया ।

(2)मतदान अवश्य करें...................क्योंकि 1998 में वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गयी थी।

(3)मतदान अवश्य करें ......................
वर्ष 2008 में राजस्थान की नाथद्वारा सीट से सी. पी. जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गए थे मजे़ की बात ये हे कि उनके ड्राइवर को वोट डालने का समय नहीं मिला ।

(4)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राजभाषा बनी ।

(5)मतदान अवश्य करें........................क्योंकि
1923 में एक वोट ज्यादा मिलने से हिटलर नाजी़ पार्टी का प्रमुख बना ओर हिटलर युग की शुरुआत हुई ।

(6)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1917 में सरदार पटेल अहमदाबाद म्यूनसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गये थे ।

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