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गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.

हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे,
प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.
 इस लेख के अन्त में कुछ महत्वपूर्ण सबूत जोड़े गये हैं

प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति — (भाग−६))
अपनी बात मत कहें,उनके मुँह से उनकी ही बातें लोगों को सुनाइये और अर्थ बताइये । यही प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति है ।

काँग्रेस के दिमागमन्त्री चिदम्बरम् ने आज प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा कि न्यूनतम आय स्कीम को “fully explain” तब किया जायगा जब काँग्रेस सत्ता में आ जायगी,अभी केवल “basic features” का खुलासा किया जायगा!
क्योंकि अभी इस स्कीम के केवल “basic features” ही लिखे गये हैं,“fully explain”करने लायक पूरी स्कीम बनायी ही नहीं गयी है क्योंकि काँग्रेस को पता है कि वह सत्ता से कोसों दूर रहेगी,अतः पूरी स्कीम बनाने के पीछे समय नष्ट करके क्या लाभ — वह भी चुनाव के कीमती समय में?
दिमागमन्त्री ने साफ कह दिया है कि “स्कीम को डिजाइन करने के लिये एक्सपर्ट कमिटी गठित की जायगी” । अर्थात् अभी स्कीम “डिजाइन” ही नहीं की गयी है!बिना डिजाइन की स्कीम को स्कीम कहना चाहिये?केवल चुनावी स्टण्ट?
राहुल ने कहा था कि चिदम्बरम् और “एक्सपर्टों” द्वारा स्कीम का पूरा ब्यौरा दिया जायगा । आज चिदम्बरम् ने हाथ खड़े कर दिये,कहा कि “एक्सपर्ट कमिटी” तो सत्ता मिल जाने पर ही बनायी जायगी,अर्थात् अभी जिन लोगों ने स्कीम बनायी है वे एक्सपर्ट नहीं हैं । चिदम्बरम् ने कहा कि पूरा ब्यौरा “चिदम्बरम् और एक्सपर्टों” द्वारा नहीं दिया जायगा,बल्कि “एक्सपर्टों” द्वारा दिया जायगा,अर्थात् चिदम्बरम् एक्सपर्ट नहीं हैं । एक्सपर्ट रहते तब न पूरा ब्यौरा देते!
अभी पूरा ब्यौरा देने में क्या कठिनाई है यह मुझे पता है और चिदम्बरम् को भी पता है,किन्तु वे बतायेंगे नहीं,क्योंकि तब स्वीकारना पड़ेगा कि स्कीम को लागू करना असम्भव है,क्योंकि ३६०००० करोड़ रूपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ने पर पहले से ही विशाल फिस्कल डिफिसिट असहनीय स्तर पर चला जायगा और उसके घातक परिणाम होगें — बड़े पैमाने पर नोट छापकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो मँहगाई इतनी बढ़ेगी कि लोग काँग्रेसियों को घरों से खींच−खींचकर पीटेंगे तथा विदेश में भी रूपये की शक्ति टूट जायगी । अर्थात् देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जायगी । कर बढ़ाकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो करदाता पीटेंगे!
कहीं सत्ता मिल गया तब क्या करेंगे?उसका भी उपाय कर दिया है — स्कीम को कई फेजों में लागू करेंगे । अर्थात् पहला फेज राहुल के जीवनकाल तक चलेगा ।
✿❀❁❂❃✾✽❆❈❉❊❋❅


दूसरा फेज प्रियङ्का की सन्तान के जीवनकाल तक चलेगा,क्योंकि राहुल की सन्तान तो होने से रही!प्रियङ्का के सुपुत्र “Raihan” और सुपुत्री “Miraya” हैं । किस भाषा के नाम हैं?प्रियङ्का ने बौद्ध सम्प्रदाय की दीक्षा ले रखी है यह बात मीडिया छुपाती है,क्योंकि आजकल उसे कट्टर हिन्दू जो दिखाना है (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/6)!
बर्मा से आये बौद्ध गुरु गोयनका से विपासना सीखती है । एक और बात कम लोग जानते हैं — वह केवल १३ वर्ष की थी तभी से राबर्ट वाड्रा के साथ ⋅⋅⋅⋅ था (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/8),उसकी मम्मी भी १३ वर्ष की थी तो इटली के नामी गिरामी लोगों के साथ उनका ⋅⋅⋅⋅ था!दादी भी उसी उम्र की थी तो फ़िरोज़ ख़ान उर्फ़ गैण्डी के साथ ⋅⋅⋅⋅ था!दादी के पिता और पिता की बहन इन मामलों के अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट थे तथा इलाहाबाद के लाल इलाके में पैदा हुए थे,और उनके पिता तो अपने पिता के मरणोपरान्त पैदा हुऐ थे!खानदानी लोग हैं!बिन भतीजे के चाचा ने बनारस की अपने गुप्त “पार्टनर” साध्वी श्रद्धा के साथ जो किया उसपर मीडिया मौन है (“बनारस की साध्वी श्रद्धा” छद्म नाम था जिस नाम से रात में प्रधानमन्त्री आवास जाती थी “योग” सिखाने!असल में ईसाई थी,नन के छद्मवेश में),श्रद्धा के बेटे को बंगलुरु के ईसाई अनाथालय में डाल दिया,बड़ा होने के बाद से वह चीख−चीखकर अपने बाप का नाम बताता रहा किन्तु मीडिया नहीं सुनती!उस K.K.Dominic (Arun Nehru) को कब न्याय मिलेगा?अमित शाह को कहिये कि उसे भाजपा मे ले आयें और हल्ला मचायें । सबूत प्रस्तुत है —
(1)
https://www.geni.com/…/Pandit-Jawaharla…/6000000003923543660
(2)
https://www.geni.com/…/K-K-Dominic-Arun…/6000000016226155444
यह बेचारा तो मर चुका है किन्तु उसके बेटे ने यह वेबपेज बनाया और चीख−चीखकर जवाहरलाल नेहरु का पोता अपने को बता रहा है किन्तु कोई नहीं सुनता!
(3)
और यह है साध्वी श्रद्धा जो एक ईसाई नन थी —
https://www.geni.com/…/Isabel-SwamiKann…/6000000016423676124

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं

1989 में राकेश रोशन ने एक फिल्म बनायी थी 'काला बाजार'।फिल्म भ्रष्टाचार पर केंद्रित थी।इस फिल्म में कादर खान एक भ्रष्ट क्लर्क के रोल में था।जो भी बंदा अपना कोई काम करवाने दफ्तर में आता उससे कादर खान कोई रिश्वत नही माँगताबस एक कप चाय माँगता पोस 'बाहर जो चाय की दुकान है वहाँ से मेरे लिये एक कप चाय ले आओ।दो या तीन चम्मच चीनी डलवाकर'। जब वो बंदा चाय लेने जाता तब चाय वाला जॉनी लिवर उससे एक चम्मच चीनी के 200 रुपये के हिसाब से रिश्वत ले लेता था।
संजय भंडारी कौन है ? रीपुल नाथ कौन है ? कमलनाथ कौन है ? कक्कड़ कौन हैं ? मोईन खान कौन हैं ?
ये सब वही करप्ट चायवाले हैं जो अपने आका का पैसा वसूलते थे हथियारों के दलालों से ।
संजय भंडारी वाड्रा को लंदन में बेनामी बँगले खरीदकर देता हैं चीनी 12 चम्मच।
रीपुल नाथ की सीडी बनाने वाली कम्पनी अगस्ता विमान के दलालों से करोड़ों कैश लेती हैं चीनी 18 चम्मच।
मोइन खान काँग्रेस दफ्तर का पैसा अपने घर में रखता हैं  चीनी 2 चम्मच।
ये सारे करप्ट चायवाले जॉनीलिवर है ये अपने आका कादर खान के लिये रिश्वत इकठ्ठा करते है।आका की सेटिंग भी तगड़ी है।करप्ट चायवाला पकड़ा भी जाये तो ये साबित नही हो सकता कि ये रिश्वत का पैसा उस AP या FAM का है । इनके लिंक कभी आपस में जुड़ नही सकते थे।
फिर एक ईमानदार चायवाला आया।उसने पूरे जाल को ध्यान से देखा।जाल बड़ा उलझा हुआ था।उसे पता था कि इस जाल में बिना तैय्यारी के हाथ मारा तो खुद ही फँसने का डर हैं । उसने टाइम लिया । पहले सबके तार जोड़े । लिंक अच्छे से कनेक्ट किये।तथ्य पूरे जुटाये।
फिर पकड़ा उन दलालों को जो क्लर्क और चायवाले के बीच की कड़ी थे।सबसे पहले सारा डिप्लोमेटिक जोर लगाकर राजीव सक्सेना ,क्रिश्चियन मिशेल को पकड़ा ।
अब सारे तार जुड़ चुके हैं।अब करप्ट चायवालों का नंबर हैं। कमलनाथ , रीपुल नाथ , मोइन खान , संजय भंडारी का नंबर हैं। करोड़ों पकड़ा रहें हैं और भी माल मिलेगा।सारे लिंक जुड़ चुके हैं।आका आधी रात को करप्ट चायवाले के घर जाकर बैठे हैं।बैचेनी बढ़ रही हैं।'दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं
स्क्रिप्ट दमदार हैं।शूटिंग जारी है ।ओवर एक्टिंग के लिये कोई जगह नही हैं।
इस फिल्म के निर्देशक हैं
 नरेन्द्र मोदी ।

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा

आयकर अधिकारीगण याद रहे --कांग्रेस सरकार आई तो भुगतना पड़ेगा -
नगरी नगरी द्वारे द्वारे मोदी चोर पकड़ रिया -

110 दिन की कमलनाथ की सरकार और आयकर छापों में रकम
निकल रही है 500 करोड़ --यानि 4.5 करोड़ रोज कमाया है -
मीडिया चैनल्स बड़ी सफाई से छुपा रहे हैं कि मोज़र बेयर कंपनी
का मालिक दीपक पुरी कमलनाथ का बहनोई है और रातुल पुरी
कमलनाथ का भांजा है --जिसका सीधा मतलब निकलता है ये
दोनों पुरी बाप बेटे है --और ये दोनों छापेमारी के लपेटे में है कमल
नाथ के सचिव, प्रवीण कक्कड़ के साथ --

आज कांग्रेस के नेता अंदर ही अंदर भड़क रहे होंगे कि एक बार
हमारी सरकार आ गई तो आयकर अधिकारियों को तो दिन में तारे
दिखा देंगे --मगर वो अधिकारी भी क्या करें --अभी तो उनके बॉस
प्रधान मंत्री मोदी और अरुण जेटली हैं जो ठीक चुनाव से पहले पैसे
 के गंदे खेल का भांडा फोड़ दिया --

चिदम्बरम और कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेता कह रहे है कि छापेमारी
 से हमारे चुनाव प्रचार में बाधा डालने की कोशिश की गई है --लूटा
हुआ पैसा जो 90% मुसलामानों के वोटों के लिए बांटना था वो रुक गया
 ना -वैसे आज पश्चिमी उत्तरप्रदेश की भाई बहन की 3 रैलियाँ जरूर रद्द
 हो गई 

लेकिन दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई ट्वीट नहीं
आया है जैसे वो इन छापों से गदगद हैं --क्या पता कमलनाथ की कुर्सी
की टांग टूटे और इन्हे नई कुर्सी मिले -- ये दोनों कभी हिन्दुओं को ना
पूछने वाले आजकल मंदिर मंदिर भटक रहे हैं और दिग्विजय सिंह
तो हिन्दुओं को आतंकी कहता है फिर भी मंदिरों में नाक रगड़ रहा
है --

कांग्रेसी भी कलप रहे होंगे कि ये आयकर की छापेमारी और पाकिस्तान
को ठोकना आचार संहिता के दायरे में क्यों नहीं आता -चले जाएँ फिर
 एक बार सुप्रीम कोर्ट में कि सरकार की ऐसी कार्यवाही पर भी रोक
 लगाई जाये -आखिर मेहनत से कमाया हुआ पैसा मोदी रेड करके कैसे
 हड़प सकता है --

कमलनाथ ने CRPF के साथ राज्य पुलिस का टकराव करा कर ममता
बनर्जी बनने की कोशिश की है मगर वो भूल जाता है कि केंद्र सरकार
के हाथ राज्य सरकार से ज्यादा लम्बे होते हैं --

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च
करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा --पता नहीं कब छापा पड़ जाये
और सब कुछ चला जाये --केजरीवाल तो विदेशों से मिला "चंदा" भी छुपाने
में लगा होगा और निर्देश दे रहा होगा --मेरा नाम कोई ना ले --

जो होना है वो होगा --अब तो बस राम राम जपो -


"मैं भी चौकीदार"
08/04/2019
#मोदी फिर से आएगा-2019

क्या यह सच है कि मोदी भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री हैं?

क्या यह सच है कि मोदी भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री हैं?

कोई भी प्रशासक सभी लोगों के लिए अच्छा या बुरा नहीं हो सकता। मोदी निम्नलिखित वर्गों समूहों के लिए भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं।

कालाबाजारियों के लिए। मोदी शासन में यूरिया, सीमेंट,प्याज, दाल,आलू,चीनी की किल्लत कभी दिखाई दी आपको?
फर्जी गैस कनेक्शन, फर्जी राशनकार्ड धारी, फर्जी छात्रवृत्ति लेने वाले, फर्जी कर्मचारी ,नम्बर दो का बिजनेस करनेवाले, नम्बर दो का माल बनाने वाली कम्पनियों के लोग मोदी से बहुत दुखी हुए हैं।
राजनैतिक दल जो अपने प्रतिनिधियों के द्वारा सरकारी नौकरियों में धांधली करवाते थे।
रक्षा सौदों में दलाली करनेवाले लोग
बेनामी सम्पत्ति संग्रह करते भ्रष्ट नेता और अफसर
विदेशों में कालाधन जमा करनेवाले लोग
सरकारी जमीनों पर कब्जा कर मकान दुकान बना कर रास्ता अवरुद्ध किये हुए लोग।इलाहाबाद, जौनपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर जिलों में इतने अधिक अतिक्रमण हटाये गये हैं कि शायद विश्व रिकॉर्ड होगा यह।ऐसा ही अभियान पूरे यूपी में चलाया जा रहा है। मैं इसका प्रत्यक्षदर्शी गवाह हूँ। व्यापारी ,दुकानदार बहुत गुस्से में हैं इस अत्याचार से।बीस पच्चीस फुट रोड की जमीन पर बनी दुकानें अभी तक सभी सरकारों को मान्य कैसे थी?

उपरोक्त समूहों के लिए मोदी सबसे बुरे प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं क्योंकि इनकी दुकानें बंद हो गई हैं।

आपको कौन सा भारत अच्छा लगता है - मोदी के साथ, या मोदी के बिना?

आपको कौन सा भारत अच्छा लगता है - मोदी के साथ, या मोदी के बिना?


आज सही मायने में इस विशाल मंच पर, झकझोर देने वाला, औऱ DEADLINE खींचने वाला सवाल उठाया गया है, जो आने वाली शताब्दियों तक के लिये महान भारत के भविष्य की तो दिशा निर्धारित करेगा ही,साथ ही पूरे एशिया महाद्वीप सहित सम्पूर्ण विश्व की शान्ति, सभ्यताओं, संस्कृतियों यहाँ तक कि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की दशा औऱ दिशा भी निर्धारित करेगा। आतंकवाद, देशद्रोह तथा घृणित राजनीति से पीड़ित देश की जनता को अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करते हुए इस महत्वपूर्ण चुनावी समय में एक नहीं अनेक DEADLINE खींचने की आवश्यकता है………

1.देशद्रोही औऱ राष्ट्रभक्त नेताओं के बीच,

2.देश का खजाना लूटने वाले औऱ आर्थिक सुधार करनेवाले,

3.आतंकवाद के समर्थक तथा आतंक का सफाया करनेवाले

4.पाकिस्तान परस्त तथा पाकिस्तान को औकात दिखाने वाले

5.हिन्दू संस्कृति के विरोधी तथा हिन्दू संस्कृति के रक्षक,

6.हिन्दूओं पर अत्याचार,गैर हिन्दुओं पर कृपा करनेवाले तथा सबको समान दृष्टि से देखने वाले

7.देश विरोधी नारेबाजों के समर्थक तथा देशप्रेमियों के समर्थक

8.बेईमान, भ्रष्ट, नमक हराम तथा ईमानदार,नमक हलाल

9.देश की अवनति करनेवाले तथा देश की उन्नति करनेवाले

10.जम्मू कश्मीर में धारा 35 A औऱ धारा 370 को लगवाने वाले औऱ उसका समर्थन करनेवाले तथा इन धाराओं को समाप्त करके पूरे देश के नागरिकों को जम्मूकश्मीर में सम्पत्ति खरीदने का अधिकार दिलाने वाले,

11.जम्मू कश्मीरको भारत से अलग करने का षडयंत्र करके उसे अपने बाप की जागीर समझने वाले तथा जम्मूकश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने वाले……..आदि आदि।

आजाद देश मे सन् 1947 से 2014 तक देश को मनमाने ढ़ंग से लूटने खसोटने वाले बड़े सुकून से बेखौफ चांदी काटते रहे क्योंकि उन्हें किसी की परवाह नहीं थी। जाति,धर्म औऱ सम्प्रदाय विशेष को बढ़ावा देकर अपने वोट बैंक मजबूत करते करते लोकतंत्र को अपने हाथों की कठपुतली बना कर दशकों तक “गरीबी हटाओ” के नाम पर खुद को ही अमीर बनाने में लगे रहे।बीच मे अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार भी आयी लेकिन कोमल हृदय वाले वाजपेयी जी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की स्थिति मे नहीं थे।लेकिन हर चीज का समय आता जरूर है। देश गवाह है मनमोहन सरकार मे सोनिया एण्ड फैमिली ने पाप का घड़ा इतना ज्यादा भर लिया कि जनता उसे फोड़ने के लिये मोदी जी को ले आयी ।अब मोदी जी पूरी लगन से,जनता द्वारा दी हुई घड़ा फोड़ने की जिम्मेदारी को निभा रहे हैं तो बरसों देशकी मलाई खाने वालों को बहुत ही बेचैनी औऱ परेशानी हो रही है, ससुराल जाने का डर सताने लगा है। विपक्ष के नाम पर देश के सारे भ्रष्टाचार मे आकण्ठ डूबे बेशर्म दागी नेताओं तथा नेत्रियों की जमात को मंच पर गलबहियां करते देख आँखों को विश्वास नहीं होता क्योंकि अपनी जान बचाने की जुगत मे गठबंधन का नाटक करनेवाले ये सभी कलाकार पहले भी एक दूसरे को नीचा दिखाते थे औऱ हमेशा दिखायेंगे। कह रहे हैं.. मोदी हटाओ, देश बचाओ। जबकि इनकी मंशा है…मोदी हटाओ, हमेंबचाओ।

दुनिया को भी मोदी चाहिए……………

गौर कीजिये सभ्य दुनिया पर विकृत मानसिकता वाले भयंकर विनाशकारी आतंक के गम्भीर खतरे तथा संकट की आहट पूरा विश्व सुन रहा है।यहाँ न केवल सिरफिरे किम जोंग उन जैसे अमेरिका को चुनौती देने वाले मौत के सौदागर अपितु सारी दुनिया के लिये सिरदर्द बने ISIS से निपटने की चुनौतियां हैं।यद्यपि विश्व के सभी सभ्य देशों को यह चिंता सता रही है कि ऐसे विध्वंसकारी हाथों मे अत्यंत विनाशक तथा घातक हथियारों का होना किसी भी समय पृथ्वी पर जीवन के विनाश का कारण बन सकता है। औऱ ऐसे मे महात्मा गाँधी की महत्ता दुनिया को समझ आने लगी है।जिससे प्रेरित होकर अनेक देश उनकी प्रतिमाएं लगवा कर दुनियाभर मे शान्ति के सन्देश फैलाने मे लगे हैं।उसी भारत से अदम्य् साहस से भरे हुए एक ऐसे निर्भीक सूर्य (नरेंद्र मोदी) का उदय हुआ है जो मानव जाति के कल्याण तथा उद्धार हेतु भारत के साथ साथ सारी दुनिया से, प्राणीमात्र को दुःख औऱ पीड़ा देने वाली हर बुरी शक्तियों की कालिमा (अन्धकार) को समूल मिटाने के अटल इरादे से उठ खड़ा हुआ हैऔऱ विश्व की महाशक्तियों के लिये भी अनुकरणीय आदर्श बन गया है।विगत पाँच वर्षों मे जिस तरह BRICKS,……..आदि दुनिया के बड़े मंचों पर मोदी जी ने अपनी अद्भुत नेतृत्व क्षमता से दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया, सारा विश्व उनकी महान प्रतिभा का कायल है,तथा अभूतपूर्व रुप से आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होकर भारत की हर तरह से मदद करने को तैयार है।मोदी जी भी GLOBAL CONCERNS तथा देश से जुड़ी सभी चिन्ताओं तथा उनके समाधान के लिये ACTION PLANS को ACTIVE MODE मे लाने के लिये अभूतपूर्व नेतृत्व कर रहे हैं।

अब आप ही बताएं,मैंने अपने अनुभव औऱ अल्प ज्ञान के आधार जो कुछ लिखा, क्या सत्य नहीं है ? मुझे केवल आशा ही नहीं, अमर शहीदों के तड़पते हुए परिवारों के हृदयविदारक दृश्यों को आँखों में समाये इस मन को दृढ़ विश्वास है कि माँ भारती की फिक्र करनेवाला प्रत्येक भारतवासी मोदी वाले भारत को ही चाहता है,बिना मोदी वाले भारत को नहीं।

वन्दे मातरम् !

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