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मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

IAS के एग्जाम में अचानक मुसलमानों की बाढ़ क्यो आ गयी है.... कड़वा सच

यह बहुत खतरनाक संकेत है भविष्य के लिए।
इसे अपने सभी ग्रुप्स और मित्रो को भेजिए।
*सावधान भारत सरकार, सावधान हिंदू*

IAS के एग्जाम में अचानक मुसलमानों की बाढ़ क्यो आ गयी है.... कड़वा सच

पिछले 4-5 सालों से कश्मीरी मुस्लिम युवक UPSC में बहुत सेलेक्ट हो रहें , इसका कारण जानना चाहा , कश्मीरी ही नहीं बल्कि पूरे भारत से मुस्लिम युवक भी बड़ी मात्रा में upsc की बाजी मार रहें पहले इनका चयन % कम था ।
आप इसमें एक पैटर्न देखेंगे बस मेरी बात सावधानी से समझने की कोशिश करियेगा
जो मुस्लिम उर्दू साहित्य mains में रखेगा जाहिर है हिन्दू उर्दू नही पढ़ते उन्हें जाँचने वाला भी मुस्लिम ही होगा और वो चाहेगा उसकी कौम का बन्दा अधिकारी बने ताकि बाद में प्रेशर ग्रुप बना सकें पूरी सरकार पे ,ये उर्दू सेIAS,ओर UPSC जैसी परीक्षाओं में मुस्लिम और कश्मीरी युवकों को देश के उच्च पदों पर बिठाने की साज़िश है जिस से जब भी हिन्दू मुस्लिम गृह युद्ध हो ये कट्टर मुल्ले अपनी कोम का साथ दे और ओवेसी जैसे लोग इन को आसानी से अपने कब्जे में कर सके

अभी आप देखेंगे तो mains में आप उर्दू ही रख सकते हैं ऐसा तमाम वेबसाइट्स आपको दिखायेंगी लेकिन एक न्यूज़ चैनल पर मैंने कुछ दिन पहले जब रिजल्ट आया था तो उसमे किसी कश्मीरी के बारे में बता रहा था
उसने विषय बताया था , *urdu & islamic studies* से इन्होंने *upsc* दिया है , क्या ऐसा कुछ UPSC में शामिल हुआ है ?
खोजने का प्रयास कीजियेगा इसमें कितनी सत्यता है ।
किसी को पता हो तो कमेन्ट सेक्शन में बताइयेगा जरूर
अगर इस्लामिक स्टडी शामिल हुआ है तो मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूँ , लेकिन यह जानकारी केवल उस न्यूज चैनल पर एक झलकी पर आधारित है , इसकी सत्यता मैं बिलकुल नही जानता ।
अब एक बात और गौर करने वाली है ,
1.अल अमीन एजुकेशनल सोसाइटी , बैंगलोर
2. जामिया सल्फ़िया , वाराणसी
3. अल बरकत इंस्टिट्यूट , अलीगढ
4. Aliah यूनिवर्सिटी , कोलकाता
5. अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
6. अल फलाह यूनिवर्सिटी , फरीदाबाद
7. अंजुमान हमी ए मुसलमीन , भटकल
8. अंजुमन ए इस्लाम , मुंबई
9. अंसार अरेबिक कालेज , मल्लपुरम
10. अल जामिया अल इस्लामिया , मल्लपुरम
11. वीमेन इस्लामिया कालेज , मल्लपुरम
12. चौधरी नियाज मुहम्मद कालेज , बैसूली बदायूँ
13. दारुल हुदा इस्लामिक यूनिवर्सिटी
14. हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली
15. जमाल मोहम्मद कालेज trichy
16. इब्न सीना अकैडमी
17. जामिया अर्फ़िया , कौशाम्बी
18. जामिया मिलिया इस्लामिया
19. जामिया नूरिया अरबिया
20. मदरसा अल बकीयत अल सहलात , वेल्लूर
आदि आदि इत्यादि ये सारे मुस्लिम स्पेशल इंस्टिट्यूट हैं , यहाँ हिन्दू मिलेंगे नही , मिलेंगे भी तो नाम मात्र के वो भी कुछ जगह जो केंद्रीय बड़ी यूनिवर्सिटी हैं जैसे अलीगढ या ओस्मानिया हैदराबाद , बाकी हजारों इंस्टिट्यूट जहाँ हिन्दू झाँकने भी नहीं जाता
अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी/कालेज के अंतर्गत चल रहे , सरकार से पैसा पाते हैं और पढ़ाते हैं इस्लामिक स्टडीज ।

एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी इस देश में है जहाँ हिंदुत्व या वैदिक कल्चर की पढ़ाई होती हो ?
जहाँ वेद पढ़ाये जाते हों ?
पर इस्लामिक स्टडी की हजारों हैं ।

एक भी सिक्ख को अब एसपीजी में नौकरी नही मिलती प्राइम मिनिस्टर की सुरक्षा के लिए जब से इंदिरा गाँधी की मौत हुई है , पंजाब में जब स्वर्ण मंदिर में सेना घुसी थी पंजाब रेजिमेंट के कई सैनिकों और अधिकारियों ने विद्रोह कर दिया था सेना में अंत में नियम बदला आज महार रेजिमेंट में भी ब्राह्मण अधिकारी/ सैनिक भेज दिया जाता है , सिक्खों को बाँट दिया गया , आज हर रेजिमेंट में ये आपको मिलेंगे।

ये इस्लामिक स्टडी से , इन्हें आईएएस बनाना मतलब असंतोष और प्रेशर ग्रुप का निर्माण करना , किसी भी कठोर नीति को कश्मीर के विरुद्ध ये बनने नही देंगे ।।
39 करोड़ की आबादी माइनॉरिटी नही होती है , इनसे सारे अल्पसंख्यक अधिकार लिए जाने चाहिए । ये भारत का मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है । इंडोनेशिया के बाद विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में है ????

ताज्जुब यह है कि फिर भी अल्पसंख्यक है ??????
सबसे पहले इनके मदरसे गिनने चहिए , इन इस्लामिक संस्थाओं में क्या चल रहा , क्या पढ़ाया जा रहा सबकी जाँच हो , इन्हें कोई वित्तिय सहायता नही देनी चाहिए , । यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है , यही secularism है ।
इनमे गणित , विज्ञान, कंप्यूटर के शिक्षक भर्ती किये जाने चाहिए !!

*सरकार को चाहिए कि UPSC, IAS, IPS जैसी उच्च पद की परीक्षाओं को केवल हिंदी जो कि राष्ट्रभाषा है और english जो कि प्रचलित भाषा और कार्य भी ज्यादातर इसमे ही होता है इसलिए इन्ही 2 भाषाओ में परीक्षा करवाये न कि रीजनल भाषा मे जिस से भविष्य के भारत को देश भक्त पदाधिकारी मिले न कि देशद्रोही ओर सरकार को झुकाने वाले आखिर इतने उचे पद पर जाने वाले अधिकारियों को कम से कम हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान तो होना ही चाहिए क्यों कि भविष्य में उर्दू में किसी भी आफ़िस में काम नही होगा फिर उर्दू की जरूरत क्या है ये अधिकारी किसी मदरसे में तो पढ़ाने नही जाएंगे मोदी जी कृपया सोचिये ओर समय रहते उर्दू को UPSC exam से बाहर कीजिये*।
मैं यह मैसेज सब को भेज रहा हूँ कृपया इस विषय को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लिया जाय ।

गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

लड़कियां विशेष ध्यान दें। क्या आप जानते है। बॉडी पार्ट्स आते कहाँ से है???

👩‍🎤👩‍🏭लड़कियां विशेष ध्यान दें।
क्या आप जानते है। बॉडी पार्ट्स आते कहाँ से है???

कैसे जरूरत के हिसाब से अंगदान नही होता, अब आप 40 लाख देकर किडनी बदलवा देते हो, अब पैसे दिए हो तो 16-25 आयु के आसपास की मजबूत किडनी ही लगाएगा 🏥डाॅक्टर...
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आखिर बॉडीपार्ट्स कहाँ से आते है...??? ✂मुर्दाघरो में पड़ी लाशो से या एक्सीडेंट में मरने वालो से...??*

ये पर्याप्त नही होती और 16-25 के 🤮लड़के ज्यादातर नशा करके अपने ज्यादातर पार्ट खराब कर चुके होते हैं...
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एक जगह है...!!और वो है...
भारत में मिडिल क्लास फैमिली की 🧟‍♀लडकियां...!!!
*_ये लडकियां सिगरेट, गुटखा या शराब नही यूज करती और बॉडी को मेंटेन रखती

 हैं...,**इनके दात, हड्डी, आँते, चमडा़, क्रेनियम, लीवर, किडनी, हृदय सब सही और ट्रांसप्लांट के लिए परफेक्ट होता है..._

इन 🧜‍♀लडकियों में "लवबग" 🙋‍♂डालकर इनको कहीं भी ले जाना आसान होता है...- लावबग का मतलब है दिमाग मे *प्रेम-प्यार का कीड़ा
.
इसीलिए दिसम्बर में केदारनाथ, PK जैसी लव जिहाद प्रोमोटिंग फिल्मे आती हैं...
दिसम्बर में फ़िल्मी हीरोटाइप राज, करन, राहुल टाइप, अब्दुल, सलीम, जावेद जैसे आशिक घूमना शुरू करते हैं...ये बंदे कोई लवर नही बल्कि प्रोफेशनल क्रिमिनल होते हैं,,
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हर साल फरवरी के अंत तक मिडिल क्लास फैमिली की 2 से 4 लाख लडकियां घर से गायब हो जाती हैं...

व्यौरा दिया जाता है कि...
आशिकी में घर से भाग गयी..,ना तो कोई केस बनता है, ना कोई खोजता है...
अंत में उनका एक बाल तक नही मिलता...जरा सोचिये, ये 🤦‍♀लडकिया कहाँ पहुँच जाती है??

आप अच्छी तरह समझ सकते हो,
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जैसे ही कोई लव जिहादी पकड़ा जाता है,
नेता और मिडिया इसमें फुदकना शुरू कर देते हैं.

असल में पहले तो इन 🧞‍♀बच्चियों का भरपूर शारीरिक शोषण किया जाता है उसके पश्चात हत्या कर दी जाती है और अंग व्यापार से इनकी कमाई होती है..
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अभी आप गूगल पर ' Black market price of human body parts सर्च करके अंगो के भाव देखिएगा.. फिर Organ Transplant Rate in India सर्च करके अंग प्रत्यारोपण का खर्च देखना...

अगर एक 🙍‍♀लडकी की बॉडी को ढंग से खोले, और प्रत्यारोपण योग्य अंगों की सही कीमत लगे तो कम से कम 5 करोड़ आराम से मिल जाता है,,।

इसीलिए लव जिहाद और मानव तस्करी पर ना तो कभी कोई कानून बनता है, और ना ही कोई बनने देता है...।
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एक बात और
कभी भी किसी नेता या बिजनेसमेन की बेटी घर से नही भागती/गायब होती है...।हमेशा वही लडकिया गायब होती हैं, जिनके परिवार की कोई राजनितिक या क़ानूनी Approach/पकड़ नही होती...।
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2015 में UP से 4000 लडकिया गायब हुई थी, केवल ह्यूमन ट्रैफिकिंग से बचने के लिए ही Anti-Romio Squad बनाया गया था, जिसका नेताओ, मिडिया और बिना दिमाग वालों ने भरपूर विरोध किया था,,,।
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माना कि हमारी लाड़ली बहिन 🙆‍♂🙋‍♀🙋‍♂बेटियां सब जानती हैं, लेकिन क्रिमिनल मार्केटिंग और अंग प्रत्यारोपण के लिए सही और असली अंग आते कहाँ से हैं... ये नही जानती,,,
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अपनी बहिन🙋‍♀🙆‍♂🙆‍♀🤦‍♀ बेटियों का ध्यान दें, क्योंकि,
जो बाहर हो रहा है, वो हमारे घर में कभी भी हो सकता है...!
कृपया, पढ़कर अपने संपर्क में सभी को शेयर कीजिये जिससे किसी की बहन-बेटी इस तरह के षड़यंत्र का शिकार ना हो!

घर में, दोस्तों में, चर्चा करने मेँ शर्माएं नहीं हमारी तथाकथित बेशर्मी किसी परिवार की इज्जत और बहिन🧚‍♀🧚‍♂-बेटी की अनमोल जान बचा सकेगी
आइये हम अपना नैतिक दायित्व निभाएं
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हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.

हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे,
प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.
 इस लेख के अन्त में कुछ महत्वपूर्ण सबूत जोड़े गये हैं

प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति — (भाग−६))
अपनी बात मत कहें,उनके मुँह से उनकी ही बातें लोगों को सुनाइये और अर्थ बताइये । यही प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति है ।

काँग्रेस के दिमागमन्त्री चिदम्बरम् ने आज प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा कि न्यूनतम आय स्कीम को “fully explain” तब किया जायगा जब काँग्रेस सत्ता में आ जायगी,अभी केवल “basic features” का खुलासा किया जायगा!
क्योंकि अभी इस स्कीम के केवल “basic features” ही लिखे गये हैं,“fully explain”करने लायक पूरी स्कीम बनायी ही नहीं गयी है क्योंकि काँग्रेस को पता है कि वह सत्ता से कोसों दूर रहेगी,अतः पूरी स्कीम बनाने के पीछे समय नष्ट करके क्या लाभ — वह भी चुनाव के कीमती समय में?
दिमागमन्त्री ने साफ कह दिया है कि “स्कीम को डिजाइन करने के लिये एक्सपर्ट कमिटी गठित की जायगी” । अर्थात् अभी स्कीम “डिजाइन” ही नहीं की गयी है!बिना डिजाइन की स्कीम को स्कीम कहना चाहिये?केवल चुनावी स्टण्ट?
राहुल ने कहा था कि चिदम्बरम् और “एक्सपर्टों” द्वारा स्कीम का पूरा ब्यौरा दिया जायगा । आज चिदम्बरम् ने हाथ खड़े कर दिये,कहा कि “एक्सपर्ट कमिटी” तो सत्ता मिल जाने पर ही बनायी जायगी,अर्थात् अभी जिन लोगों ने स्कीम बनायी है वे एक्सपर्ट नहीं हैं । चिदम्बरम् ने कहा कि पूरा ब्यौरा “चिदम्बरम् और एक्सपर्टों” द्वारा नहीं दिया जायगा,बल्कि “एक्सपर्टों” द्वारा दिया जायगा,अर्थात् चिदम्बरम् एक्सपर्ट नहीं हैं । एक्सपर्ट रहते तब न पूरा ब्यौरा देते!
अभी पूरा ब्यौरा देने में क्या कठिनाई है यह मुझे पता है और चिदम्बरम् को भी पता है,किन्तु वे बतायेंगे नहीं,क्योंकि तब स्वीकारना पड़ेगा कि स्कीम को लागू करना असम्भव है,क्योंकि ३६०००० करोड़ रूपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ने पर पहले से ही विशाल फिस्कल डिफिसिट असहनीय स्तर पर चला जायगा और उसके घातक परिणाम होगें — बड़े पैमाने पर नोट छापकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो मँहगाई इतनी बढ़ेगी कि लोग काँग्रेसियों को घरों से खींच−खींचकर पीटेंगे तथा विदेश में भी रूपये की शक्ति टूट जायगी । अर्थात् देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जायगी । कर बढ़ाकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो करदाता पीटेंगे!
कहीं सत्ता मिल गया तब क्या करेंगे?उसका भी उपाय कर दिया है — स्कीम को कई फेजों में लागू करेंगे । अर्थात् पहला फेज राहुल के जीवनकाल तक चलेगा ।
✿❀❁❂❃✾✽❆❈❉❊❋❅


दूसरा फेज प्रियङ्का की सन्तान के जीवनकाल तक चलेगा,क्योंकि राहुल की सन्तान तो होने से रही!प्रियङ्का के सुपुत्र “Raihan” और सुपुत्री “Miraya” हैं । किस भाषा के नाम हैं?प्रियङ्का ने बौद्ध सम्प्रदाय की दीक्षा ले रखी है यह बात मीडिया छुपाती है,क्योंकि आजकल उसे कट्टर हिन्दू जो दिखाना है (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/6)!
बर्मा से आये बौद्ध गुरु गोयनका से विपासना सीखती है । एक और बात कम लोग जानते हैं — वह केवल १३ वर्ष की थी तभी से राबर्ट वाड्रा के साथ ⋅⋅⋅⋅ था (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/8),उसकी मम्मी भी १३ वर्ष की थी तो इटली के नामी गिरामी लोगों के साथ उनका ⋅⋅⋅⋅ था!दादी भी उसी उम्र की थी तो फ़िरोज़ ख़ान उर्फ़ गैण्डी के साथ ⋅⋅⋅⋅ था!दादी के पिता और पिता की बहन इन मामलों के अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट थे तथा इलाहाबाद के लाल इलाके में पैदा हुए थे,और उनके पिता तो अपने पिता के मरणोपरान्त पैदा हुऐ थे!खानदानी लोग हैं!बिन भतीजे के चाचा ने बनारस की अपने गुप्त “पार्टनर” साध्वी श्रद्धा के साथ जो किया उसपर मीडिया मौन है (“बनारस की साध्वी श्रद्धा” छद्म नाम था जिस नाम से रात में प्रधानमन्त्री आवास जाती थी “योग” सिखाने!असल में ईसाई थी,नन के छद्मवेश में),श्रद्धा के बेटे को बंगलुरु के ईसाई अनाथालय में डाल दिया,बड़ा होने के बाद से वह चीख−चीखकर अपने बाप का नाम बताता रहा किन्तु मीडिया नहीं सुनती!उस K.K.Dominic (Arun Nehru) को कब न्याय मिलेगा?अमित शाह को कहिये कि उसे भाजपा मे ले आयें और हल्ला मचायें । सबूत प्रस्तुत है —
(1)
https://www.geni.com/…/Pandit-Jawaharla…/6000000003923543660
(2)
https://www.geni.com/…/K-K-Dominic-Arun…/6000000016226155444
यह बेचारा तो मर चुका है किन्तु उसके बेटे ने यह वेबपेज बनाया और चीख−चीखकर जवाहरलाल नेहरु का पोता अपने को बता रहा है किन्तु कोई नहीं सुनता!
(3)
और यह है साध्वी श्रद्धा जो एक ईसाई नन थी —
https://www.geni.com/…/Isabel-SwamiKann…/6000000016423676124

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं

1989 में राकेश रोशन ने एक फिल्म बनायी थी 'काला बाजार'।फिल्म भ्रष्टाचार पर केंद्रित थी।इस फिल्म में कादर खान एक भ्रष्ट क्लर्क के रोल में था।जो भी बंदा अपना कोई काम करवाने दफ्तर में आता उससे कादर खान कोई रिश्वत नही माँगताबस एक कप चाय माँगता पोस 'बाहर जो चाय की दुकान है वहाँ से मेरे लिये एक कप चाय ले आओ।दो या तीन चम्मच चीनी डलवाकर'। जब वो बंदा चाय लेने जाता तब चाय वाला जॉनी लिवर उससे एक चम्मच चीनी के 200 रुपये के हिसाब से रिश्वत ले लेता था।
संजय भंडारी कौन है ? रीपुल नाथ कौन है ? कमलनाथ कौन है ? कक्कड़ कौन हैं ? मोईन खान कौन हैं ?
ये सब वही करप्ट चायवाले हैं जो अपने आका का पैसा वसूलते थे हथियारों के दलालों से ।
संजय भंडारी वाड्रा को लंदन में बेनामी बँगले खरीदकर देता हैं चीनी 12 चम्मच।
रीपुल नाथ की सीडी बनाने वाली कम्पनी अगस्ता विमान के दलालों से करोड़ों कैश लेती हैं चीनी 18 चम्मच।
मोइन खान काँग्रेस दफ्तर का पैसा अपने घर में रखता हैं  चीनी 2 चम्मच।
ये सारे करप्ट चायवाले जॉनीलिवर है ये अपने आका कादर खान के लिये रिश्वत इकठ्ठा करते है।आका की सेटिंग भी तगड़ी है।करप्ट चायवाला पकड़ा भी जाये तो ये साबित नही हो सकता कि ये रिश्वत का पैसा उस AP या FAM का है । इनके लिंक कभी आपस में जुड़ नही सकते थे।
फिर एक ईमानदार चायवाला आया।उसने पूरे जाल को ध्यान से देखा।जाल बड़ा उलझा हुआ था।उसे पता था कि इस जाल में बिना तैय्यारी के हाथ मारा तो खुद ही फँसने का डर हैं । उसने टाइम लिया । पहले सबके तार जोड़े । लिंक अच्छे से कनेक्ट किये।तथ्य पूरे जुटाये।
फिर पकड़ा उन दलालों को जो क्लर्क और चायवाले के बीच की कड़ी थे।सबसे पहले सारा डिप्लोमेटिक जोर लगाकर राजीव सक्सेना ,क्रिश्चियन मिशेल को पकड़ा ।
अब सारे तार जुड़ चुके हैं।अब करप्ट चायवालों का नंबर हैं। कमलनाथ , रीपुल नाथ , मोइन खान , संजय भंडारी का नंबर हैं। करोड़ों पकड़ा रहें हैं और भी माल मिलेगा।सारे लिंक जुड़ चुके हैं।आका आधी रात को करप्ट चायवाले के घर जाकर बैठे हैं।बैचेनी बढ़ रही हैं।'दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं
स्क्रिप्ट दमदार हैं।शूटिंग जारी है ।ओवर एक्टिंग के लिये कोई जगह नही हैं।
इस फिल्म के निर्देशक हैं
 नरेन्द्र मोदी ।

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा

आयकर अधिकारीगण याद रहे --कांग्रेस सरकार आई तो भुगतना पड़ेगा -
नगरी नगरी द्वारे द्वारे मोदी चोर पकड़ रिया -

110 दिन की कमलनाथ की सरकार और आयकर छापों में रकम
निकल रही है 500 करोड़ --यानि 4.5 करोड़ रोज कमाया है -
मीडिया चैनल्स बड़ी सफाई से छुपा रहे हैं कि मोज़र बेयर कंपनी
का मालिक दीपक पुरी कमलनाथ का बहनोई है और रातुल पुरी
कमलनाथ का भांजा है --जिसका सीधा मतलब निकलता है ये
दोनों पुरी बाप बेटे है --और ये दोनों छापेमारी के लपेटे में है कमल
नाथ के सचिव, प्रवीण कक्कड़ के साथ --

आज कांग्रेस के नेता अंदर ही अंदर भड़क रहे होंगे कि एक बार
हमारी सरकार आ गई तो आयकर अधिकारियों को तो दिन में तारे
दिखा देंगे --मगर वो अधिकारी भी क्या करें --अभी तो उनके बॉस
प्रधान मंत्री मोदी और अरुण जेटली हैं जो ठीक चुनाव से पहले पैसे
 के गंदे खेल का भांडा फोड़ दिया --

चिदम्बरम और कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेता कह रहे है कि छापेमारी
 से हमारे चुनाव प्रचार में बाधा डालने की कोशिश की गई है --लूटा
हुआ पैसा जो 90% मुसलामानों के वोटों के लिए बांटना था वो रुक गया
 ना -वैसे आज पश्चिमी उत्तरप्रदेश की भाई बहन की 3 रैलियाँ जरूर रद्द
 हो गई 

लेकिन दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई ट्वीट नहीं
आया है जैसे वो इन छापों से गदगद हैं --क्या पता कमलनाथ की कुर्सी
की टांग टूटे और इन्हे नई कुर्सी मिले -- ये दोनों कभी हिन्दुओं को ना
पूछने वाले आजकल मंदिर मंदिर भटक रहे हैं और दिग्विजय सिंह
तो हिन्दुओं को आतंकी कहता है फिर भी मंदिरों में नाक रगड़ रहा
है --

कांग्रेसी भी कलप रहे होंगे कि ये आयकर की छापेमारी और पाकिस्तान
को ठोकना आचार संहिता के दायरे में क्यों नहीं आता -चले जाएँ फिर
 एक बार सुप्रीम कोर्ट में कि सरकार की ऐसी कार्यवाही पर भी रोक
 लगाई जाये -आखिर मेहनत से कमाया हुआ पैसा मोदी रेड करके कैसे
 हड़प सकता है --

कमलनाथ ने CRPF के साथ राज्य पुलिस का टकराव करा कर ममता
बनर्जी बनने की कोशिश की है मगर वो भूल जाता है कि केंद्र सरकार
के हाथ राज्य सरकार से ज्यादा लम्बे होते हैं --

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च
करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा --पता नहीं कब छापा पड़ जाये
और सब कुछ चला जाये --केजरीवाल तो विदेशों से मिला "चंदा" भी छुपाने
में लगा होगा और निर्देश दे रहा होगा --मेरा नाम कोई ना ले --

जो होना है वो होगा --अब तो बस राम राम जपो -


"मैं भी चौकीदार"
08/04/2019
#मोदी फिर से आएगा-2019

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