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मंगलवार, 21 मई 2019

घर से कबाड़ और कचरे को हटाकर वास्तु देव की कृपा को बढ़ाएं

"घर से कबाड़ और कचरे को  हटाकर वास्तु देव की कृपा को बढ़ाएं"

✅वास्तु शास्त्र के अनुसार कचरे कबाड़ रखने के लिए नेऋत्य कोण [दक्षिण -पश्चिम] को सबसे उपयुक्त माना गया है ।

✅सर्वप्रथम वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कचरे कबाड़ होना ही नही चाहिए ,

✅अगर है तो घर के सारे सदस्य छुट्टी के दिन बैठकर अलग अलग कर लें ।

✅कुछ सामान को जरूरतमंद को दे दें क्योंकि आप यह निश्चित मानिये ये आपके कुछ भी काम का नही है ,

✅ये जीवन भर कुछ भी काम नही आने वाला । कुछ सामान को कबाड़ी के पास बेच दें इससे आपको कुछ पैसे मिल जायेंगे

✅ देखिये आपने कबाड़ निकाला नही कि लक्ष्मी कि कृपा शुरू हो गयी ।

✅जरूरत मंद को आपने जैसे ही सामान दिया नही कि वो लोग आपको दुवा देना शुरू कर देंगे ---

✅यह भी समृद्धि कि शुरुवात है ---निर्मल बाबा के अनुसार आपकी कृपा वँही रुकी हुयी थी ----कबाड़ हटाते ही कृपा शुरू हो गई।

✅नेऋत्य कोण वैवाहिक जीवन का कोण है अगर पति-पत्नी के सम्बन्धों में कोई अवरोध या कडुवाहट है तो इस कोण में स्थित कबाड़ को तुरंत घर से बाहर का रास्ता दिखाएँ ।

✅इसी कोण से बच्चों का विवाह देखा जाता है अगर बच्चों के विवाह में कोई बाधा उत्पन्न हो रहा है तो इस कोण के कबाड़ हो तुरंत हटा दें ।

✅पति-पत्नी के बीच अगर तलाक के केस कोर्ट में चल रहे हैं और कोई भी एक पक्ष पुन: मिलने को इच्छुक है तो इस कोण में स्थित कचरे कबाड़ की तुरंत बिदाई की तैयारी करें ।

✅राजनीती के क्षेत्र में काम करने वालो के लिए ---इसी कोण से मतदाताओं के साथ सम्बन्ध देखा जाता है -----

✅राजनेता भूलकर भी इस कोण में कबाड़ न रखें ----राजनेताओं के लिए नेऋत्य कोण अत्यंत महत्व पूर्ण है क्योंकि इसी कोण से पार्टी आलाकमान से सम्बन्ध भी देखा जाता है ,

✅और बगैर आलाकमान से अच्छे सम्बन्ध बनाये आपको पार्टी की टिकिट ,मंत्री पद ,राज्यसभा ,राजभोग मिलने से रहा

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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019

हनुमान_जन्मोत्सव

#बजरंगबलि_हनुमान_का_जन्मदिन_हनुमान_जन्मोत्सव_के_रूप_में_मनाया_जाता_है।

जो इस बार 19 अप्रैल 2019 को दिन शुक्रवार को आ रहा है इस बार चैत्रपूर्णिमा 18 अप्रैल को शाम 6:42 से लग रही है जो 19 अप्रैल को 4:51 बजे तक रहेगी
शास्त्रानुसार, हनुमान जी को श्रीराम का परम भक्त माना जाता है और इसे जुड़ी कई कथाएं भी हैं।

वैसे बजरंगबली के भक्तों में हनुमान जन्मोत्सव पर बहुत ही अधिक उत्साह रहता है और इस दिन उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वे विशेषरूप से मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।

हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। किसी शांत एवं एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें। स्वयं लाल या पीली धोती पहनें। अपने सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें। चित्र के सामने तांबे की प्लेट में लाल रंग के फूल का आसन देकर श्रीहनुमान यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर सिंदूर से टीका करें और लाल फूल चढ़ाएं। मूर्ति तथा यंत्र पर सिंदूर लगाने के बाद धूप, दीप, चावल, फूल व प्रसाद आदि से पूजन करें।
सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जलाएं-

धर्म ग्रंथों में हनुमानजी के 12 नाम बताए गए हैं, जिनके द्वारा इस दिन उनकी स्तुति की जाती है।

हनुमानजी के इन 12 नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने से पहले पाठ करता है, उसके सभी भय दूर हो जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं।
वह अपने जीवन में अनेक उपलब्धियां प्राप्त करता है।
हनुमानजी की 12 नामों वाली स्तुति इस प्रकार है-

#स्तुति

हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:। स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।

इन 12 नामो से होती है हनुमानजी की स्तुति, जानिए इनकी महिमा

1- #हनुमान
हनुमानजी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योकी एक बार क्रोधित होकर देवराज इंद्र ने इनके ऊपर अपने वज्र प्रहार किया था यह वज्र सीधे इनकी ठोड़ी (हनु) पर लगा। हनु पर वज्र का प्रहार होने के कारण ही इनका नाम हनुमान पड़ा ।

2- #लक्ष्मणप्राणदाता
जब रावण के पुत्र इंद्रजीत ने शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे। उसी बूटी के प्रभाव से लक्ष्मण को होश आया था।इस लिए हनुमानजी को लक्ष्मणप्राणदाता भी कहा जाता है ।

3- #दशग्रीवदर्पहा
दशग्रीव यानी रावण और दर्पहा यानी धमंड तोड़ने वाला । हनुमानजी ने लंका जाकर सीता माता का पता लगाया, रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध किया साथ ही लंका में आग भी लगा दी ।इस प्रकार हनुमानजी ने कई बार रावण का धमंड तोड़ा था । इसलिए इनका एक नाम ये भी प्रसिद्ध है ।

4- #रामेष्ट
हनुमान भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं । धर्म ग्रंथों में अनेक स्थानों पर वर्णन मिलता है कि श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है । भगवान श्रीराम को प्रिय होने के कारण ही इनका एक नाम रामेष्ट भी है ।

5- #फाल्गुनसुख
महाभारत के अनुसार, पांडु पुत्र अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है । युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे । इस प्रकार उन्होंने अर्जुन की सहायता की । सहायता करने के कारण ही उन्हें अर्जुन का मित्र कहा गया है । फाल्गुन सुख का अर्थ है अर्जुन का मित्र ।

6- #पिंगाक्ष
पिंगाक्ष का अर्थ है भूरी आंखों वाला ।अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी का वर्णन किया गया है । उसमें हनुमानजी को भूरी आंखों वाला बताया है । इसलिए इनका एक नाम पिंगाक्ष भी है ।

7- #अमितविक्रम
विक्रम का अर्थ है पराक्रमी और अमित का अर्थ है बहुत अधिक । हनुमानजी ने अपने पराक्रम के बल पर ऐसे बहुत से कार्य किए, जिन्हें करना देवताओं के लिए भी कठिन था । इसलिए इन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता हैं ।

8- उदधिक्रमण
उदधिक्रमण का अर्थ है समुद्र का अतिक्रमण करने वाले यानी लांधने वाला । सीता माता की खोज करते समय हनुमानजी ने समुद्र को लांधा था। इसलिए इनका एक नाम ये भी है ।

9- #अंजनीसूनु
माता अंजनी के पुत्र होने के कारण ही हनुमानजी का एक नाम अंजनीसूनु भी प्रसिद्ध है ।

10- #वायुपुत्र
हनुमानजी का एक नाम वायुपुत्र भी है । पवनदेव के पुत्र होने के कारण ही इन्हें वायुपुत्र भी कहा जाता है ।

11- #महाबली
हनुमानजी के बल की कोई सीमा नहीं हैं । इसलिए इनका एक नाम महाबली भी है ।

12- #सीताशोकविनाशन
माता सीता के शोक का निवारण करने के कारण हनुमानजी का ये नाम पड़ा ।

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

फोड़ा घणा घाले


 *'फोड़ा घणा घाले'*

थोथी हथाई,
पाप री कमाई,
उळझोड़ो सूत,
माथे चढ़ायोड़ो पूत.... *फोड़ा घणा घाले।*

झूठी शान,
अधुरो ज्ञान,
घर मे कांश,
मिरच्यां री धांस.... *फोड़ा घणा घाले।*

बिगड़ोडो ऊंट,
भीज्योड़ो ठूंठ,
हिडकियो कुत्तो,
पग मे काठो जुत्तो.... *फोड़ा घणा घाले।*

दारू री लत,
टपकती छत,
उँधाले री रात,
बिना रुत री बरसात.... *फोड़ा घणा घाले।*

कुलखणी लुगाई,
रुळपट जँवाई,
चरित्र माथे दाग,
चिणपणियो सुहाग.... *फोड़ा घणा घाले।*

चेहरे पर दाद,
जीभ रो स्वाद,
दम री बीमारी,
दो नावाँ री सवारी.... *फोड़ा घणा घाले।*

अणजाण्यो संबन्ध,
मुँह री दुर्गन्ध,
पुराणों जुकाम,
पैसा वाळा ने 'नाम'.... *फोड़ा घणा घाले।*

घटिया पाड़ोस,
बात बात में जोश,
कु ठोड़ दुखणियो,
जबान सुं फुरणियो.... *फोड़ा घणा घाले।*

ओछी सोच,
पग री मोच,
कोढ़ मे खाज,
मूरखां रो राज.... *फोड़ा घणा घाले।*

कम पूंजी रो व्यापार,
घणी देयोड़ी उधार,
बिना विचार्यो काम .... *फोड़ा घणा घाले !*

*फोड़ा उ पार पावन वास्त खान-पान और संगत सात्विक राखणी पड़ ह*

*सही नही (खानपान और संगत ) राख्या हु टाबर पप्पू जियांका हु जाएं*

*कांग्रस न दियोडो वोट भी घणो फोड़ा का साथ टाबरां को भविष्य ख़राब  करहै*

*ओ बेमौसम पानी जो आवे है कीचड़ कर लो औरउ कमल ही कमल खिलासी*

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बुधवार, 17 अप्रैल 2019

रोगानुसार गाय के घी के उपयोग

*रोगानुसार गाय के घी के उपयोग* :
१. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है ।
२. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है
३. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है ।
४. 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है ।
५. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।
६. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
७. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है
८. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है ।
९. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है ।
१०. हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है ।
११. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी ।
१२. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है ।
१३. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है ।
१४. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है ।
१५. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें ।
१६. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा ।
१७. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है ।
१८. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है ।
१९. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है ।
२०. गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें । प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है ।
२१. फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है ।
२२. गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायता मिलती है ।
२३. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम गाय का घी पिलायें, उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें, जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष भी कम हो जायेगा ।
२४. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है ।
२५. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, इससे सिरदर्द दर्द ठीक हो जायेगा ।
२६. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है । वजन भी नही बढ़ता, बल्कि यह वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है तथा मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है ।
२७. एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है ।
२८. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें । इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं । यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है ।
२९. गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए । यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है ।
३०. अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को सन्तुलित करता है ।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदेश को पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति इसे १० लोगों/ग्रुप तक भेज दे तो वह कम से कम एक व्यक्ति का जीवन रोगमुक्त कर सकता
जय गऊ माता
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मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

IAS के एग्जाम में अचानक मुसलमानों की बाढ़ क्यो आ गयी है.... कड़वा सच

यह बहुत खतरनाक संकेत है भविष्य के लिए।
इसे अपने सभी ग्रुप्स और मित्रो को भेजिए।
*सावधान भारत सरकार, सावधान हिंदू*

IAS के एग्जाम में अचानक मुसलमानों की बाढ़ क्यो आ गयी है.... कड़वा सच

पिछले 4-5 सालों से कश्मीरी मुस्लिम युवक UPSC में बहुत सेलेक्ट हो रहें , इसका कारण जानना चाहा , कश्मीरी ही नहीं बल्कि पूरे भारत से मुस्लिम युवक भी बड़ी मात्रा में upsc की बाजी मार रहें पहले इनका चयन % कम था ।
आप इसमें एक पैटर्न देखेंगे बस मेरी बात सावधानी से समझने की कोशिश करियेगा
जो मुस्लिम उर्दू साहित्य mains में रखेगा जाहिर है हिन्दू उर्दू नही पढ़ते उन्हें जाँचने वाला भी मुस्लिम ही होगा और वो चाहेगा उसकी कौम का बन्दा अधिकारी बने ताकि बाद में प्रेशर ग्रुप बना सकें पूरी सरकार पे ,ये उर्दू सेIAS,ओर UPSC जैसी परीक्षाओं में मुस्लिम और कश्मीरी युवकों को देश के उच्च पदों पर बिठाने की साज़िश है जिस से जब भी हिन्दू मुस्लिम गृह युद्ध हो ये कट्टर मुल्ले अपनी कोम का साथ दे और ओवेसी जैसे लोग इन को आसानी से अपने कब्जे में कर सके

अभी आप देखेंगे तो mains में आप उर्दू ही रख सकते हैं ऐसा तमाम वेबसाइट्स आपको दिखायेंगी लेकिन एक न्यूज़ चैनल पर मैंने कुछ दिन पहले जब रिजल्ट आया था तो उसमे किसी कश्मीरी के बारे में बता रहा था
उसने विषय बताया था , *urdu & islamic studies* से इन्होंने *upsc* दिया है , क्या ऐसा कुछ UPSC में शामिल हुआ है ?
खोजने का प्रयास कीजियेगा इसमें कितनी सत्यता है ।
किसी को पता हो तो कमेन्ट सेक्शन में बताइयेगा जरूर
अगर इस्लामिक स्टडी शामिल हुआ है तो मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूँ , लेकिन यह जानकारी केवल उस न्यूज चैनल पर एक झलकी पर आधारित है , इसकी सत्यता मैं बिलकुल नही जानता ।
अब एक बात और गौर करने वाली है ,
1.अल अमीन एजुकेशनल सोसाइटी , बैंगलोर
2. जामिया सल्फ़िया , वाराणसी
3. अल बरकत इंस्टिट्यूट , अलीगढ
4. Aliah यूनिवर्सिटी , कोलकाता
5. अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
6. अल फलाह यूनिवर्सिटी , फरीदाबाद
7. अंजुमान हमी ए मुसलमीन , भटकल
8. अंजुमन ए इस्लाम , मुंबई
9. अंसार अरेबिक कालेज , मल्लपुरम
10. अल जामिया अल इस्लामिया , मल्लपुरम
11. वीमेन इस्लामिया कालेज , मल्लपुरम
12. चौधरी नियाज मुहम्मद कालेज , बैसूली बदायूँ
13. दारुल हुदा इस्लामिक यूनिवर्सिटी
14. हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली
15. जमाल मोहम्मद कालेज trichy
16. इब्न सीना अकैडमी
17. जामिया अर्फ़िया , कौशाम्बी
18. जामिया मिलिया इस्लामिया
19. जामिया नूरिया अरबिया
20. मदरसा अल बकीयत अल सहलात , वेल्लूर
आदि आदि इत्यादि ये सारे मुस्लिम स्पेशल इंस्टिट्यूट हैं , यहाँ हिन्दू मिलेंगे नही , मिलेंगे भी तो नाम मात्र के वो भी कुछ जगह जो केंद्रीय बड़ी यूनिवर्सिटी हैं जैसे अलीगढ या ओस्मानिया हैदराबाद , बाकी हजारों इंस्टिट्यूट जहाँ हिन्दू झाँकने भी नहीं जाता
अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी/कालेज के अंतर्गत चल रहे , सरकार से पैसा पाते हैं और पढ़ाते हैं इस्लामिक स्टडीज ।

एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी इस देश में है जहाँ हिंदुत्व या वैदिक कल्चर की पढ़ाई होती हो ?
जहाँ वेद पढ़ाये जाते हों ?
पर इस्लामिक स्टडी की हजारों हैं ।

एक भी सिक्ख को अब एसपीजी में नौकरी नही मिलती प्राइम मिनिस्टर की सुरक्षा के लिए जब से इंदिरा गाँधी की मौत हुई है , पंजाब में जब स्वर्ण मंदिर में सेना घुसी थी पंजाब रेजिमेंट के कई सैनिकों और अधिकारियों ने विद्रोह कर दिया था सेना में अंत में नियम बदला आज महार रेजिमेंट में भी ब्राह्मण अधिकारी/ सैनिक भेज दिया जाता है , सिक्खों को बाँट दिया गया , आज हर रेजिमेंट में ये आपको मिलेंगे।

ये इस्लामिक स्टडी से , इन्हें आईएएस बनाना मतलब असंतोष और प्रेशर ग्रुप का निर्माण करना , किसी भी कठोर नीति को कश्मीर के विरुद्ध ये बनने नही देंगे ।।
39 करोड़ की आबादी माइनॉरिटी नही होती है , इनसे सारे अल्पसंख्यक अधिकार लिए जाने चाहिए । ये भारत का मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है । इंडोनेशिया के बाद विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में है ????

ताज्जुब यह है कि फिर भी अल्पसंख्यक है ??????
सबसे पहले इनके मदरसे गिनने चहिए , इन इस्लामिक संस्थाओं में क्या चल रहा , क्या पढ़ाया जा रहा सबकी जाँच हो , इन्हें कोई वित्तिय सहायता नही देनी चाहिए , । यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है , यही secularism है ।
इनमे गणित , विज्ञान, कंप्यूटर के शिक्षक भर्ती किये जाने चाहिए !!

*सरकार को चाहिए कि UPSC, IAS, IPS जैसी उच्च पद की परीक्षाओं को केवल हिंदी जो कि राष्ट्रभाषा है और english जो कि प्रचलित भाषा और कार्य भी ज्यादातर इसमे ही होता है इसलिए इन्ही 2 भाषाओ में परीक्षा करवाये न कि रीजनल भाषा मे जिस से भविष्य के भारत को देश भक्त पदाधिकारी मिले न कि देशद्रोही ओर सरकार को झुकाने वाले आखिर इतने उचे पद पर जाने वाले अधिकारियों को कम से कम हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान तो होना ही चाहिए क्यों कि भविष्य में उर्दू में किसी भी आफ़िस में काम नही होगा फिर उर्दू की जरूरत क्या है ये अधिकारी किसी मदरसे में तो पढ़ाने नही जाएंगे मोदी जी कृपया सोचिये ओर समय रहते उर्दू को UPSC exam से बाहर कीजिये*।
मैं यह मैसेज सब को भेज रहा हूँ कृपया इस विषय को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लिया जाय ।

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