जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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गुरुवार, 23 मई 2019
मंगलवार, 21 मई 2019
घर से कबाड़ और कचरे को हटाकर वास्तु देव की कृपा को बढ़ाएं
"घर से कबाड़ और कचरे को हटाकर वास्तु देव की कृपा को बढ़ाएं"
✅वास्तु शास्त्र के अनुसार कचरे कबाड़ रखने के लिए नेऋत्य कोण [दक्षिण -पश्चिम] को सबसे उपयुक्त माना गया है ।
✅सर्वप्रथम वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कचरे कबाड़ होना ही नही चाहिए ,
✅अगर है तो घर के सारे सदस्य छुट्टी के दिन बैठकर अलग अलग कर लें ।
✅कुछ सामान को जरूरतमंद को दे दें क्योंकि आप यह निश्चित मानिये ये आपके कुछ भी काम का नही है ,
✅ये जीवन भर कुछ भी काम नही आने वाला । कुछ सामान को कबाड़ी के पास बेच दें इससे आपको कुछ पैसे मिल जायेंगे
✅ देखिये आपने कबाड़ निकाला नही कि लक्ष्मी कि कृपा शुरू हो गयी ।
✅जरूरत मंद को आपने जैसे ही सामान दिया नही कि वो लोग आपको दुवा देना शुरू कर देंगे ---
✅यह भी समृद्धि कि शुरुवात है ---निर्मल बाबा के अनुसार आपकी कृपा वँही रुकी हुयी थी ----कबाड़ हटाते ही कृपा शुरू हो गई।
✅नेऋत्य कोण वैवाहिक जीवन का कोण है अगर पति-पत्नी के सम्बन्धों में कोई अवरोध या कडुवाहट है तो इस कोण में स्थित कबाड़ को तुरंत घर से बाहर का रास्ता दिखाएँ ।
✅इसी कोण से बच्चों का विवाह देखा जाता है अगर बच्चों के विवाह में कोई बाधा उत्पन्न हो रहा है तो इस कोण के कबाड़ हो तुरंत हटा दें ।
✅पति-पत्नी के बीच अगर तलाक के केस कोर्ट में चल रहे हैं और कोई भी एक पक्ष पुन: मिलने को इच्छुक है तो इस कोण में स्थित कचरे कबाड़ की तुरंत बिदाई की तैयारी करें ।
✅राजनीती के क्षेत्र में काम करने वालो के लिए ---इसी कोण से मतदाताओं के साथ सम्बन्ध देखा जाता है -----
✅राजनेता भूलकर भी इस कोण में कबाड़ न रखें ----राजनेताओं के लिए नेऋत्य कोण अत्यंत महत्व पूर्ण है क्योंकि इसी कोण से पार्टी आलाकमान से सम्बन्ध भी देखा जाता है ,
✅और बगैर आलाकमान से अच्छे सम्बन्ध बनाये आपको पार्टी की टिकिट ,मंत्री पद ,राज्यसभा ,राजभोग मिलने से रहा
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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019
हनुमान_जन्मोत्सव
#बजरंगबलि_हनुमान_का_जन्मदिन_हनुमान_जन्मोत्सव_के_रूप_में_मनाया_जाता_है।
जो इस बार 19 अप्रैल 2019 को दिन शुक्रवार को आ रहा है इस बार चैत्रपूर्णिमा 18 अप्रैल को शाम 6:42 से लग रही है जो 19 अप्रैल को 4:51 बजे तक रहेगी
शास्त्रानुसार, हनुमान जी को श्रीराम का परम भक्त माना जाता है और इसे जुड़ी कई कथाएं भी हैं।
वैसे बजरंगबली के भक्तों में हनुमान जन्मोत्सव पर बहुत ही अधिक उत्साह रहता है और इस दिन उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वे विशेषरूप से मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। किसी शांत एवं एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें। स्वयं लाल या पीली धोती पहनें। अपने सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें। चित्र के सामने तांबे की प्लेट में लाल रंग के फूल का आसन देकर श्रीहनुमान यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर सिंदूर से टीका करें और लाल फूल चढ़ाएं। मूर्ति तथा यंत्र पर सिंदूर लगाने के बाद धूप, दीप, चावल, फूल व प्रसाद आदि से पूजन करें।
सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जलाएं-
धर्म ग्रंथों में हनुमानजी के 12 नाम बताए गए हैं, जिनके द्वारा इस दिन उनकी स्तुति की जाती है।
हनुमानजी के इन 12 नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने से पहले पाठ करता है, उसके सभी भय दूर हो जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं।
वह अपने जीवन में अनेक उपलब्धियां प्राप्त करता है।
हनुमानजी की 12 नामों वाली स्तुति इस प्रकार है-
#स्तुति
हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:। स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
इन 12 नामो से होती है हनुमानजी की स्तुति, जानिए इनकी महिमा
1- #हनुमान
हनुमानजी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योकी एक बार क्रोधित होकर देवराज इंद्र ने इनके ऊपर अपने वज्र प्रहार किया था यह वज्र सीधे इनकी ठोड़ी (हनु) पर लगा। हनु पर वज्र का प्रहार होने के कारण ही इनका नाम हनुमान पड़ा ।
2- #लक्ष्मणप्राणदाता
जब रावण के पुत्र इंद्रजीत ने शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे। उसी बूटी के प्रभाव से लक्ष्मण को होश आया था।इस लिए हनुमानजी को लक्ष्मणप्राणदाता भी कहा जाता है ।
3- #दशग्रीवदर्पहा
दशग्रीव यानी रावण और दर्पहा यानी धमंड तोड़ने वाला । हनुमानजी ने लंका जाकर सीता माता का पता लगाया, रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध किया साथ ही लंका में आग भी लगा दी ।इस प्रकार हनुमानजी ने कई बार रावण का धमंड तोड़ा था । इसलिए इनका एक नाम ये भी प्रसिद्ध है ।
4- #रामेष्ट
हनुमान भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं । धर्म ग्रंथों में अनेक स्थानों पर वर्णन मिलता है कि श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है । भगवान श्रीराम को प्रिय होने के कारण ही इनका एक नाम रामेष्ट भी है ।
5- #फाल्गुनसुख
महाभारत के अनुसार, पांडु पुत्र अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है । युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे । इस प्रकार उन्होंने अर्जुन की सहायता की । सहायता करने के कारण ही उन्हें अर्जुन का मित्र कहा गया है । फाल्गुन सुख का अर्थ है अर्जुन का मित्र ।
6- #पिंगाक्ष
पिंगाक्ष का अर्थ है भूरी आंखों वाला ।अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी का वर्णन किया गया है । उसमें हनुमानजी को भूरी आंखों वाला बताया है । इसलिए इनका एक नाम पिंगाक्ष भी है ।
7- #अमितविक्रम
विक्रम का अर्थ है पराक्रमी और अमित का अर्थ है बहुत अधिक । हनुमानजी ने अपने पराक्रम के बल पर ऐसे बहुत से कार्य किए, जिन्हें करना देवताओं के लिए भी कठिन था । इसलिए इन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता हैं ।
8- उदधिक्रमण
उदधिक्रमण का अर्थ है समुद्र का अतिक्रमण करने वाले यानी लांधने वाला । सीता माता की खोज करते समय हनुमानजी ने समुद्र को लांधा था। इसलिए इनका एक नाम ये भी है ।
9- #अंजनीसूनु
माता अंजनी के पुत्र होने के कारण ही हनुमानजी का एक नाम अंजनीसूनु भी प्रसिद्ध है ।
10- #वायुपुत्र
हनुमानजी का एक नाम वायुपुत्र भी है । पवनदेव के पुत्र होने के कारण ही इन्हें वायुपुत्र भी कहा जाता है ।
11- #महाबली
हनुमानजी के बल की कोई सीमा नहीं हैं । इसलिए इनका एक नाम महाबली भी है ।
12- #सीताशोकविनाशन
माता सीता के शोक का निवारण करने के कारण हनुमानजी का ये नाम पड़ा ।
गुरुवार, 18 अप्रैल 2019
फोड़ा घणा घाले
*'फोड़ा घणा घाले'*
थोथी हथाई,
पाप री कमाई,
उळझोड़ो सूत,
माथे चढ़ायोड़ो पूत.... *फोड़ा घणा घाले।*
झूठी शान,
अधुरो ज्ञान,
घर मे कांश,
मिरच्यां री धांस.... *फोड़ा घणा घाले।*
बिगड़ोडो ऊंट,
भीज्योड़ो ठूंठ,
हिडकियो कुत्तो,
पग मे काठो जुत्तो.... *फोड़ा घणा घाले।*
दारू री लत,
टपकती छत,
उँधाले री रात,
बिना रुत री बरसात.... *फोड़ा घणा घाले।*
कुलखणी लुगाई,
रुळपट जँवाई,
चरित्र माथे दाग,
चिणपणियो सुहाग.... *फोड़ा घणा घाले।*
चेहरे पर दाद,
जीभ रो स्वाद,
दम री बीमारी,
दो नावाँ री सवारी.... *फोड़ा घणा घाले।*
अणजाण्यो संबन्ध,
मुँह री दुर्गन्ध,
पुराणों जुकाम,
पैसा वाळा ने 'नाम'.... *फोड़ा घणा घाले।*
घटिया पाड़ोस,
बात बात में जोश,
कु ठोड़ दुखणियो,
जबान सुं फुरणियो.... *फोड़ा घणा घाले।*
ओछी सोच,
पग री मोच,
कोढ़ मे खाज,
मूरखां रो राज.... *फोड़ा घणा घाले।*
कम पूंजी रो व्यापार,
घणी देयोड़ी उधार,
बिना विचार्यो काम .... *फोड़ा घणा घाले !*
*फोड़ा उ पार पावन वास्त खान-पान और संगत सात्विक राखणी पड़ ह*
*सही नही (खानपान और संगत ) राख्या हु टाबर पप्पू जियांका हु जाएं*
*कांग्रस न दियोडो वोट भी घणो फोड़ा का साथ टाबरां को भविष्य ख़राब करहै*
*ओ बेमौसम पानी जो आवे है कीचड़ कर लो औरउ कमल ही कमल खिलासी*
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बुधवार, 17 अप्रैल 2019
रोगानुसार गाय के घी के उपयोग
२. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है
३. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है ।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदेश को पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति इसे १० लोगों/ग्रुप तक भेज दे तो वह कम से कम एक व्यक्ति का जीवन रोगमुक्त कर सकता
जय गऊ माता
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