यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 25 मई 2019

समाज में होते जबरदस्त बदलाव कि बानगी देखिए.... जिसको लेकर मुस्लिम समाज भी अचंभित और सदमे में है.

समाज में होते जबरदस्त बदलाव कि बानगी  देखिए.... जिसको लेकर मुस्लिम समाज भी अचंभित और सदमे में है......

1- भारत मे जितनी भी दरगाहें है वहां का 80%  खर्चा हिन्दुओं से चलता हैfacebook और WhatsApp की वजह से हिंदुओं मे  एकता औऱ जागरुकता आने लगी है  ?
जिसकी वजह से अजमेर दरगाह पर जाने वाले हिंदुओं की संख्या 30% तक कम हो गया है। इस बात  को लेकर वहां के खादिम लोग बहुत परेशान हैं........*सोर्सेज टॉप फाइव इंडिया लीडिंग ट्रेवल एजेंसीज* ।।

2. अब हिंदू भाई बहन लोग इतने जागरुक हो गए हैं कि कोई भी सामान सिर्फ हिंदू भाई की ही दुकान से खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह एहसास हो गया है कि उनके द्वारा शांति दूतों के दुकान से की गई खरीदारी  कहीं ना कहीं उनके अपनों के पलायन का कारण बनेगी। इस बात को लेकर सभी बड़े मस्जिदों में मंथन का दौर चल रहा है।

3. अभी तक किसी भी उपद्रव होने पर शांत रहने वाले हिंदू भाई पलट कर मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं , इसको लेकर भी शांति दूतों की फटी पड़ी है।।

4. सभी इलाकों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार ईद पर जबरदस्त तरीके से मुसलमानों के घरों का सेवइयों का बाँयकाट किया गया है । मस्जिदों में नमाज के बाद ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं से दोस्ती करने को औऱ उनको अपने में घर बुलाकर खाना खिलाने का जोर दिया जा रहा है।।

5. मुस्लिम एक्टर्स और देश विरोधी बयान देने वाली हीरोइनों कि फिल्मों  के इनकम में भी जबरदस्त डाउन फाल आया है,

6. यह पॉइंट तो जबर्दस्त है और बिलकुल शत प्रतिशत सही है कि2014 तक मुस्लिम बनने की होड़  2019 तक हिन्दू बनने की होड़ में तब्दील हो गई
पांच सालों में कितना बदल गया मेरा भारत
मोदी है तो यह मुमकिन हुआ है कि कोई भी सेकुलर नेता जालीदार टोपी नही पहिना पूरे चुनाव में
सोशल मीडिया से जबरदस्त फायदा  हुआ है ।हिन्दू समाज को
मोबाइल नहीं यह महासमर का यंत्र सुत्र है
यह सब तेजी से फेलाना चाहिए कि
आप सबके मिलकर काम करने का नतीजा है कि पूरे चुनाव में हर पार्टी के नेता सिर्फ मंदिर की चौखट पर माथा रगड़ा है , दिग्विजय सिंह जैसा मादरजात धर्म विरोधी नेता भी हिन्दू धर्म के विरुद्ध हिम्मत नहीं जुटा पाया, इसी तरह आप की एकता बनीं रही तो बो दिन दूर नहीं रहेगा जब हर राजनैतिक पार्टी आप से पूंछ कर टिकट तय करेंगी।

ये सही लिखा किसी ने .....

जिस नरेंद्र मोदी ने
कांग्रेस-सीपीआई एक कर दी।
यूपी मे बसपा-सपाई एक कर दी।
पाकिस्तान की तबियत से धुलाई एक कर दी।
भिन्न-भिन्न टैक्स की भराई GST एक कर दी।
मुस्लिम और ईसाई की दुहाई एक कर दी।
अब्दुल की चार थी, लुगाई एक कर दी।

उस मोदी जी को Divider in Chief कह रहे हो ??
यह बदलाव अच्छा है , बदलते भारत की बदलती तस्वीर

काँग्रेस होती तो यह सब होने नहीं देती सामाजिक सद्भावना रूपी जहर के नाम पर

रामजी करें कि बस एक बात और हो जाये। आत्मरक्षा के लिए भी सब जल्दी से जल्दी आत्मनिर्भर हो जाएं।

हिन्दुओं एकता और बढ़ाओ, सन्डे वाले दिन एक निश्चित समय पर मन्दिर जाना शुरू कीजिये, रेजिडेंट्स वैलफेयर सोसायटी इसमें अहम रोल निभा सकती हैं।

आज से ही शुरू कीजिये.... Because tomorrow never comes...

सहमत हैं तो शेयर कीजिये

क्या आप शाकाहारी हैं ? तो ये सच आपको चौंका सकता है

क्या आप शाकाहारी हैं ? तो ये सच आपको चौंका सकता है...??

😣भारत में कुल 3600 बड़े कत्लखाने हैं जिनके पास पशुओं को काटने का लाईसेंस है ! जो सरकार ने दे रखा है !!

😢 इसके इलावा 35000 से अधिक छोटे मोटे कत्लखाने हैं जो गैर कानूनी ढंग से चल रहे हैं ! कोई कुछ पूछने वाला नहीं है जहाँ हर साल 4 करोड़ पशुओं का कत्ल किया जाता है !

👺जिसमें गाय ,भैंस , सूअर, बकरा ,बकरी , ऊंट,आदि शामिल हैं ! मुर्गीयाँ  कितनी काटी जाती है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है !

😡 भारत के 20% लोग मांसाहारी है जो रोज मांस खाते हैं और सब तरह का मांस खाते है |

😖 मांस के इलावा दूसरी जो चीज कतल से प्राप्त की जाती है वो है तेल ! उसे Tellow कहते हैं

😞 जैसे गाय के मांस से जो तेल निकलता है उसे Beef Tellow और सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे Pork Tellow कहते है |

😱 इस तेल का सबसे ज़्यादा उपयोग चेहरे में लगाने वाली क्रीम बनाने में होता है जैसे Fair & Lovely , Ponds , Emami इत्यादि |

💧ये तेल क्रीम बनाने वाली कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है और जैसा कि आप जानते हैं मद्रास High Court में श्री राजीव दीक्षित ने विदेशी कंपनी Fair and Lovely के खिलाफ Case जीता था

😁जिसमे कंपनी ने खुद माना था कि हम इस Fair and Lovely में सूअर की चर्बी का तेल मिलाते हैं !

😐 तो कत्लखानों मे मांस और तेल के बाद जानवरों का खून निकाला जाता है ! कसाई गाय और दूसरे पशुओं को पहले उल्टा रस्सी से टांग देते हैं....

😗 फिर तेज धार वाले चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया जाता है और एक दम खून बहने लगता है नीचे उन्होंने एक ड्रम रखा होता है जिसमें खून इकठा किया जाता है

👿 तो खून का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है अँग्रेजी दवा (एलोपैथिक) बनाने में । पशुओं के शरीर से निकला हुआ खून से एक दवा बनाई जाती है उसका नाम है Dexorange !

😷 यह बहुत ही Popular दवा है और डाक्टर इसको खून की कमी के लिए महिलाओं को लिखते हैं खासकर जब वो गर्भावस्था मे होती है

😭 क्यूंकि तब महिलाओं में खून की कमी आ जाती है और डाक्टर उनको जानवरों के खून से बनी दवा लिखते हैं क्यूंकि उनको दवा कंपनियों से बहुत भारी कमीशन मिलता है !

😝 इसके इलावा इस रक्त का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर Lipstick बनाने में होता है ! इसके बाद रक्त एक और प्रयोग चाय बनाने में बहुत सी कंपनिया करती है !

❓अब चाय तो पोधे से प्राप्त होती है ! और चाय के पोधे का Size उतना ही होता है जितना गेहूँ  के पोधे का होता है !

❓उसमें पत्तियाँ होती हैं और पत्तियों के नीचे का जो टूट कर गिरता है जिसे डंठल कहते हैं आखिरी हिस्सा ! लेकिन ये चाय नहीं है !

👉 तो फिर क्या करते हैं, इसको चाय जैसा बनाया जाता है ! अगर उस निचले हिस्से को सुखा कर पानी में डालें तो चाय जैसा रंग नहीं आता !

❓तो ये विदेशी कंपनियाँ Brookbond, Lipton,आदि क्या करती हैं जानवरों के खून को इसमें मिलकर सूखा कर डिब्बे मे बंद कर बेचती हैं !

👉 तकनीकी भाषा में इसे Tea Dust कहते हैं ! तो इसके इलवा कुछ कंपनियाँ  Nail Polish बनाने ने प्रयोग करती हैं !!

🐚 मांस, तेल ,खून के बाद कत्लखानों मे पशुओं की हड्डियाँ  निकलती हैं । इसका प्रयोग Tooth Paste बनाने वाली कंपनियाँ करती हैं

😳 Colgate, Close Up, Pepsodent, Cibaca, आदि आदि ! Shaving Cream बनाने वाली काफी कंपनियाँ  भी इसका प्रयोग करती हैं !

😭 और आजकल इन हड्डियों का प्रयोग जो होने लगा है टैल्कम Powder बनाने में !  क्यूंकि ये थोड़ा सस्ता पड़ता है,

🍁वैसे टैल्कम Powder पत्थर से बनता है ! और 60 से 70 रुपए किलो मिलता है और पशुओं की हड्डियों का Powder 25 से 30 रुपए किलो मिल जाता है !!

😞 इसके बाद गाय ऊपर की जो चमड़ी है उसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है Cricket  Ball बनाने में ! आज कल सफ़ेद रंग की आती है !

👉 जो गाय की चमड़ी से बनाई जाती है ! गाय के बछड़े की चमड़ी का प्रयोग ज्यादा होता है Ball बनाने में ! पर Foot Ball बड़ी होती है इसमें ज्यादा प्रयोग होता है गाय के चमड़े का !!

👞आजकल और एक उद्योग में इस चमड़े का बहुत उपयोग हो रहा है ! जूते चप्पल बनाने में ! अगर जूता चप्पल बहुत ही Soft है तो वो 100 % गाय के बछड़े के चमड़े का बना है !

👉 और अगर Hard है तो ऊंट और घोड़े के चमड़े का ! इसके इलावा चमड़े का उपयोग पर्स ,बैल्ट व सजावट के सामान में किया जाता है !!
इसके अलावा...

1⃣ गाय के शरीर के अंदर के कुछ भाग है ! उनका भी बहुत प्रयोग होता है ! जैसे गाय में बडी़ आंत , इसको पीस कर Gelatin बनाई जाती है !

👉जिसका बहुत ज्यादा उपयोग आइसक्रीम, चाकलेट, Maggi , Pizza , Burger , Hotdog , Chawmin के Base Material बनाने में होता है |

👉और एक Jelly आती Red Orange Color की उसमें Gelatin का बहुत प्रयोग होता है ! Chewgum तो Gelatin के बिना बन ही नहीं सकती !!

😁आजकल जिलेटिन का उपयोग साबूदाना में होने लगा है | जो हम उपवास में खाते हैं
अत: जो अपने आप को  शाकाहारी कहते हैं और कहीं न कहीं इस मांस का प्रयोग कर रहे हैं और अपना धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं !

🐚🐚🐚🐚

🙏 अब आपको क्या करना है यह आप स्वयं तय करें.....

Govt. school V/s PRIVATE SCHOOL

Govt. school V/0 PRIVATE SCHOOL

सरकारी विद्यालयों की तुलना में निजी विद्यालयों की बहुत तारीफ सुनी है निजी विद्यालयों के अध्यापक बहुत योग्य होते हैं ऐसा लोगो का मानना है। पर बहुत सारे प्रश्न ऐसे हैं जिनका उत्तर आप स्वयं नही दे पाएंगे

1) निजी विद्यालय में कमजोर छात्रों का प्रवेश नही लेते है अगर अध्यापक योग्य है तो ऐसे छात्रों को योग्य क्यों नहींबना देते?🤷🏼‍♀

2 )निजी विद्यालयों का होम वर्क अभिभावक या होम ट्यूटर को क्यों कराना होता है अगर विद्यालय के अध्यापक योग्य है तो बच्चे को अपना होमवर्क कर लेना चाहिये।🤷🏼‍♂

3) कक्षा 9 या 10 के बाद निजी विद्यालय के छात्र प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग क्यों करते हैं क्या 10 साल में कई लाख फीस चुकाने के बाद योग्य अध्यापक उसको प्रतियोगी परीक्षा लायक नही बना सके।👍🏼

4 )क्या कारण है कि बच्चों के asignment और प्रोजेक्ट ,बच्चों के माता पिता की मदद और गूगल की मदद से ही पूरे हो पाते हैं जबकि प्रोजेक्ट में मार्गदर्शक के रूप में योग्य अध्यापक का नाम अंकित होता है।जबकि सरकारी स्कूल के बच्चे खुद से प्रोजेक्ट पूरा कर के लाते है वहाँ पे शिक्षक इनका सहपाठी होता है।🤝🏼

5 )हकीकत यह है कि समृद्ध व्यक्ति अपने छात्रों को विद्यालय से अधिक घर पर पढ़ाता है और अच्छे रिजल्ट का श्रेय विद्यालय लेते है।✋🏽

इसी कारण से ये विद्यालय गरीबों के कमजोर बच्चों को अपने यहां नही रखते है क्योंकि उनकी ट्यूशन प्रोजेक्ट और होमवर्क उनके माता पिता नही करा पाएंगे और बच्चे फेल हो जायेगे इससे स्कूल की रेपुटेशन खराब होगी। 🤪😝😜

अगर निजी स्कुल वास्तव में योग्य है तो उस छात्र को पढ़ाये जिसके पास कॉपी खरीदने को पैसे नही है जिसको वर्ष में 2 महीने अपने पिता के साथ मजदूरी करना जरूरी है अन्यथा भूख प्राण ले सकती है और अगर निजी स्कुल उसको पढ़ाकर बिना कोचिंग डॉक्टर या इंजीनियर बना देंगे तो हम मान लेंगे कि निजी  विद्यालय ही सबसे योग्य है

अतः आप सरकारी अध्यापक हैं तो गर्व करें और यदि नहीं है तो सरकारी अध्यापक का उचित सम्मान करें‌ |

निजी school से मोह हटाओ और अपने लाडलो को गुणवत्ता युक्त education दिलाओ

सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है आप अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें
www.sanwariya.org

https://sanwariyaa.blogspot.com

थाइराइड का अचूक उपचार

थाइराइड का अचूक उपचार🌻

आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है।
मोटापा इसी के कारण बढ़ जाता है।
लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता।
इसलिए दवा के साथ कुछ नियम जान लें 10 दिन में थाइराइड से आराम मिल जायेगा।

✍1: घर से रिफाइंड तेल बिलकुल हटा दीजिये, न सोयाबीन न सूरजमुखी, भोजन के लिए सरसों का तेल, तिल का तेल या देशी घी का प्रयोग करें।

✍2: आयोडीन नमक के नाम से बिकने वाला ज़हर बंद करके सेंधा नमक का प्रयोग करें, समुद्री नमक BP, थाइराइड, त्वचा रोग और हार्ट के रोगों को जन्म देता है।

✍3: दाल बनाते समय सीधे कुकर में दाल डाल कर सीटी न लगाएं, पहले उसे खुला रखें, जब एक उबाल आ जाये तब दाल से फेना जैसा निकलेगा, उसे किसी चमचे से निकाल कर फेंक दें, फिर सीटी लगा कर दाल पकाएं।

इन तीन उपायों को अगर अपना लिया तो पहले तो किसी को थाइराइड होगा नही और अगर पहले से है तो दवा खा कर 10 दिन में ठीक हो जायेगा।

यह प्रचण्ड चमत्कार कैसे हो गया...?


खंडित छत्र,
भग्न रथ,
अपने ही रक्त-स्वेद में सने धरती पर लोटते हुए महारथी,
श्लथ-क्लांत कराहते हुए असंख्य पदातिक,
दुम दबा कर भागती शत्रु सेना,
लहराती विजय पताकाएँ,
दमादम गूंजते हुए नगाड़े,
बजती हुई विजय दुंदुभी,
पाञ्चजन्य का गौरव-घोष...
यह बहुत आश्वस्ति देने वाला परिदृश्य है
यह प्रचण्ड चमत्कार कैसे हो गया...?
ढेर सारे विशेषज्ञ,विद्वान इस परम गौरवशाली विजय का विश्लेषण करेंगे तरह तरह से इसे विकास की जीत बताएँगे अतः इस प्रचण्ड विजय का सत्य बताना,समाज तक पहुंचना आवश्यक है आख़िर yadavo ne  बसपा को क्यों ठुकरा दिया...?

यादवों ने चारा खाने में जेल की सज़ा भुगतते बवासीर-पीड़ित लालू के राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी को क्यों दुत्कार दिया...?
बौद्ध,जैन,सनातनी,सिक्ख,आर्यसमाजी यानी धर्म के हाथ की सदैव से खुलीं पाँचों उँगलियाँ सिमट कर मुक्का कैसे बन गयीं...?
बाल्मीक,क्षत्रिय,जाटव,ब्राह्मण,जाट,यादव, वैश्य,कुर्मी,कहार...हर वर्ग ने कांग्रेस,TMC, वामपंथ आदि को धार मार कर क्यों बहा दिया...?
अपने बूते भाजपा ३०० कैसे हो गयी...?
प्रसून का मुरझाना,सागरिका का कीचड़ ठहरना,राजदीप का जुगनू भर भी न बचना, बरखा का रेगिस्तान बनना,प्रणय का स्थायी वियोगी होना,रवीश का कालिख निकलना यानी स्वयं को मुख्य धारा के तीसमार ख़ाँ मानने वालों को राष्ट्र ने मुँह दिखाने के लायक़ भी क्यों नहीं छोड़ा...?
बँगाल में अपने नाम से बिलकुल उलट क्रूर ममता और उनके साथियों की भरपूर गुंडागर्दी के बाद भी कमल कैसे खिल उठा, क्या वहाँ विकास मुद्दा था...?
भोपाल से दिग्विजय सिंह की साढ़े तीन लाख से अधिक की पराजय कैसे हो गयी...?
कल तक आत्मा तक को तोड़ देने वाली मार से आहत,बिलख-बिलख कर रोने वाली शस्त्रहीन पदातिक ने महारथी का कवच फाड़ कर उसकी राजनैतिक मृत्यु कैसे निश्चित कर दी...?
साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार में नथुराम गोडसे को देशभक्त कहा तुरंत प्रेस टूट पड़ा भाजपा तक दबाव में आ गयी मगर यह अप्रतिम विजय बता रही है कि भोपाल के समाज के मन में क्या था आख़िर प्रत्येक वर्ग,प्रत्येक समाज का व्यक्ति झुलसाने वाली गर्मी में वोट डालने क्यों निकल पड़ा...?
इसका वास्तविक कारण केवल और केवल राष्ट्र के मूल स्वरुप की चिंता है नरेंद्र दामोदर दास मोदी नाम के तेजस्वी व्यक्ति का नेतृत्व राष्ट्र-रक्षा करेगा,का अखण्ड विश्वास है चुनाव से कुछ पूर्व बालाकोट में सैन्य आक्रमण के प्रमाण माँगने वालों को यह समझ ही नहीं आया कि राष्ट्र के लिये मुद्दा यह नहीं है कि बालाकोट में सेना का पराक्रम कितना कारगर है बल्कि मुद्दा है कि सेना शत्रु के पीछे उसके घर में घुस गयी राष्ट्र तक जो संदेश पहुँचा वह था कि मोदी मर्द है और भारत वीरपूजा करने वालों का राष्ट्र है...!
एक समय था कि देश के भाजपा छोड़ कर अन्य राजनैतिक दलों में इफ़्तार पार्टी देने की होड़ लगी रहती थी तलुआ-चाट प्रधानमंत्री ने बयान दिया था राष्ट्र के संस्थानों पर पहला हक़ मुसलमानों का है हम सो सीटें मुसलमान को दे रहे हैं,हम डेढ़ सौ सीटें अल्पसंख्यकों को दे रहे हैं जैसी बातें सामान्य थीं आपको ध्यान होगा कि कुछ वर्ष पूर्व इन कमीनों ने मुस्लिम वोट एकत्र करने के लिए केरल में गौ हत्या की थी क्या इस चुनाव में किसी को ऐसी बेहूदगी का ध्यान है किसी दल के नेता ने चुनाव में जालीदार हैलमेट पहना...?
कोई नेता दोनों हाथ उठाये दुआ की नौटंकी करता दिखाई पड़ा...?
कोई राजनेता किसी इमाम,देवबंदी आलिम, क़ब्र के रखवाले के पास जाता दिखाई दिया...?
बल्कि पारसी दादा,ईसाई माँ,अज्ञात मज़हब को मानने वाले पिता के बेटे को हम सब ने विभिन्न मंदिरों की ड्योढ़ी पर माथा घिसते देखा यह बदलाव स्वयं तो आ नहीं सकता तो यह हुआ कैसे...?
मित्रो...!
इस चमत्कार का श्रेय राष्ट्र के बदले नैरेटिव को है १९४७ से ही भारत की मुख्य धारा का नैरेटिव गाँधी,नेहरू के दबाव में धर्मविरोधी बल्कि धर्मद्रोही था अकेला,खिन्न,क्लाँत हिंदू अंदर ही अंदर असहाय अनुभव करता था मगर उसके पास अपनी पीड़ा को मुखर करने का कोई माध्यम नहीं था समाचारपत्र उनके इशारों पर चलते थे रेडियो,टी.वी. उनकी ढपली बजाते थे राष्ट्र अपने कष्ट कहे तो कैसे कहे...?
अचानक सोशल मीडिया का प्रादुर्भाव हुआ और पीड़ा को वाणी मिल गयी समाचारपत्र, रेडियो,टी.वी.के समानांतर लाखों छोटे-छोटे केंद्र खड़े हो गए ऐसे केंद्र जिन्हें विज्ञापन न मिलने की चिंता नहीं थी ऐसे रेडियों-टीवी जिन्हें मालिक द्वारा नौकरी से निकले जाने का डर नहीं था इस के कारण वैचारिक क्रांति लहलहा उठी...!
इसी वैचरिक क्रांति के परिणाम से उपजे प्रखर,तेजस्वी,मुखर समाज को २०१४ में विकल्प दिखाई पड़ा और वो ख़ासी तादाद में इकट्ठा हो गया २०१४ से १९ तक के पांच वर्षों में इसने भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस, सपा,बसपा,TMC आदि की परफॉर्मेंस देखी परिणाम यह हुआ कि वो भाजपा पर मुग्ध हो गया उसी मुग्धता का परिणाम खंडित छत्र, भग्न रथ,अपने ही रक्त-स्वेद में सने धरती पर लोटते हुए महारथी,श्लथ-क्लांत कराहते हुए असंख्य पदातिक, दुम दबा कर भागती शत्रु सेना, लहराती विजय पताकाएँ, दमादम गूंजते हुए नगाड़े, बजती हुई विजय दुंदुभी, पाञ्चजन्य का गौरव-घोष है...!!!

function disabled

Old Post from Sanwariya