यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

घट स्थापना मुहूर्त

घट स्थापना मुहूर्त
इस वर्ष नवरात्रि की में 6 श्रेष्ठ मुहूर्त आ रहे हैं जिसके साथ में सलवार से भी अमृत सिद्धि योग जैसे विशेष 6 योग मिले हैं
इस वर्ष विक्रम संवत 2076 अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रविवार हस्त नक्षत्र ब्रह्मा योग से नवरात्रि घट स्थापन आरंभ हो रहा है जिस वर्ष 9 दिन पुण  होते हैं उस वर्ष सम्मत अच्छा निकलता है सभी की मनोकामना पूर्ण होती है
घटस्थापना के मुहूर्त अपने-अपने परंपराओं के अनुसार घट स्थापना करनी चाहिए
घट स्थापना का प्रातकाल 6:54 से 12:21 तक घट स्थापना की से श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे उसके बाद दोपहर 1:50 से 2:19 तक श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा प्रदोष काल शाम को जिनको स्थापना करनी हो उनके लिए 6:17 से 10:54 तक श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा
इन समय आप अपने अपने हिसाब से अपने घर पर घटस्थापना करें अखंड दीपक जलाएं या अपनी परंपराओं के अनुसार 9 दिन तक माता जी की पूजन करें
जैसा कि आपको पता है कई व्यक्ति दीपदान के लिए आप को गुमराह करते हैं आप नवरात्रि में घी का दीपक जलाने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है तिल्ली का तेल सोयाबीन कपास मूंगफली के तेल से दीपक जलाने से शक्ति प्राप्त होती है
कई व्यक्ति हनुमान जी के यहां पीपल के यहां या किसी के द्वारा बताए जाने पर जैसे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं पहले सोच समझ कर के ही जलाएं क्योंकि सरसों के तेल के दीपक जलाने से दीपक जलाने वाले व्यक्ति के ही एक्सीडेंट घर की लक्ष्मी घर में कलेश पैदा होना क्या लक्ष्मी नष्ट होना इसलिए सरसों के तेल से कभी भी दीपक नहीं जला में अपने शत्रुओं को भी नहीं जलाने के लिए कहा जाए
नवरात्रि के अंदर आप दुर्गा सप्तशती के पाठ जैसे दुर्गा की 32 नामावली 108 नाम कुंजिका पाठ कवच अर्गला किलक देवी अथर्वशीर्ष के साथ नवाणन्यास सप्तशती न्यास एवं दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय का पाठ करें देवी रात्रि सुक्त देवी तंत्रोक्त सुक्त तीनों रहस्य के पाठ करना चाहिए
इसके अलावा कोई गायत्री के जप महामृत्युंजय अनुष्ठान  या श्री सूक्त के पाठ श्री सूक्त का पाठ उसी व्यक्ति को करना चाहिए जिस व्यक्ति के इमानदारी का पैसा आता हो हराम का पैसा नहीं आता हो जिस व्यक्ति के पास हराम का पैसा आता हो या रिश्वत जैसे पैसे आते हो या किसी को गुमराह करके पैसा निकलता हो तो श्री सूक्त के पाठ करने से उसकी सारी संपत्ति नष्ट हो सकती है सोच समझकर के श्री सूक्त का पाठ करें या फिर कनकधारा स्त्रोत का पाठ करते रहें जिन व्यक्तियों को रिश्वत के पैसे आते हो या किसी को गुमराह करके पैसा निकालता हो उसे कनकधारा स्त्रोत का पाठ ही करना चाहिए जैसे कि उसकी लक्ष्मी बढ़ती रहे नष्ट नहीं हो
इस वर्ष मंगलवार को विजयादशमी पर्व रहेगा जो श्रवण नक्षत्र युक्त रहेगा जिस वर्ष मंगलवार को श्रवण नक्षत्र युक्त विजयादशमी रहती है सभी लोग खुशहाल रहते हैं राजा की विजय होती है इस वर्ष मंगलवार को दशहरा रहने के कारण भारत देश की खेती देश विदेशों में बढ़ती रहेगी एवं विजयादशमी मंगलवारी होने के कारण सभी शत्रु प्राप्त होते रहेंगे
विजयादशमी के दिन शमी  की पूजन की जाती है या अपने घर पर शम्मी का वृक्ष लगाने से लक्ष्मी की प्राप्ति रहेगी एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती रहेगी।

ये लड़कियाँ बथुआ की तरह उगी थीं!

ये  लड़कियाँ बथुआ की तरह उगी थीं!
जैसे गेहूँ के साथ बथुआ 
बिन रोपे ही उग आता है!
ठीक इसीतरह  कुछ घरों में बेटियाँ
बेटों की चाह में अनचाहे ही आ जाती हैं!
पीर से जड़ी सुधियों की माला
पहन कर ये बिहसती रहीं!
खुद को खरपतवार मान , ये साध से गिनाती रही कि
भाई के जन्म पर क्या - क्या उछाह हुआ!
और गर्व से बताती कि कितने नाज नखरे से पला है
हम जलखुम्भीयों के बीच में ये स्वर्णकमल!
बिना किसी डाह के ये प्रसन्न रही
अपने परिजनों की इस दक्षता पर कि
कैसे एक ही कोख से ..एक ही रक्त-माँस से
और एक ही
चेहरे -मोहरे के बच्चों के पालन में
दिन रात का अंतर रखा गया!
समाज के शब्दकोश में दुःख के कुछ स्पस्ट पर्यायवाची थे!
जिनमें सिर्फ सटीक दुखों को रखा गया
इस दुःख को पितृसत्तात्मक वेत्ताओं ने ठोस नहीं माना!
बल्कि जिस बेटी के पीठ पर बेटा जन्मा
उस पीठ को घी से पोत दिया गया
इस तरह  उस बेटी  को भाग्यमानी कहकर मान दे दिया!
लल्ला को दुलारती दादी और माँ ने
लल्ला की कटोरी में बचा दूध बताशा इसे ही थमाती!
जैसे गेहूँ के साथ बथुआ भी अनायास सींच दिया जाता है !प्यास गेहूँ की ही देखी जाती है!
पर  अपने भाग्य पर इतराती
ये लड़कियाँ कभी देख ही नहीं पायीं कि
भूख हमेशा लल्ला की ही मिटायी गयी!
तुम बथुए की तरह उनके लल्ला के पास ही उगती रही
तो तुम्हें तुरंत कहाँ उखाड़ कर फेंका जाता !?
इसलिए दबी ही रहना ज्यादा छतनार होकर
बाढ़ न मार देना ! उनके दुलरुआ का!
जो ढेरों मनौतियों और देवी -देवता के अथक आशीष का फल है !

गुरुवार, 26 सितंबर 2019

रात को 2 इलायची खाकर पी लें 1 गिलास गर्म पानी, फिर देखें कमाल

रात को 2 इलायची खाकर पी लें 1 गिलास गर्म पानी, फिर देखें कमाल

RAJIV DIXIT JI

इलायची दिखने में जितनी छोटी होती है उससे कही गुना ज्यादा बड़ी वो अपने गुणों में होती है l इलायची न केवल खाने को स्वाद बनाने के काम आती बल्कि ये एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है l इलायची हर भारतीय के घर पर मिल जाती है l इलायची के स्वास्थ्य के लिए बहुत सारे फायदे होते हैं  छोटी इलायची को खुशबू व स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है  आज हम आपको छोटी इलायची खाकर गर्म पानी पीने का फायदा बता रहे हैं
अगर हम रात को सोने से पहले दो इलायची को गर्म पानी के साथ खाते हैं तो जानिए हमे क्या-क्या लाभ होते हैं और इसके इस्तेमाल के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए l सबसे पहले बात करते हैं छोटी इलायची के फायदों कीl
गुण (Property) – छोटी इलायची कफ, खांसी, श्वास, बवासीर और मूत्रकृच्छ नाशक है। यह मन को प्रसन्न करती है। घाव को शुद्ध करती है। हृदय और गले की मलीनता को दूर करती है। हृदय को बलवान बनाती है। मानसिक उन्माद, उल्टी और जीमिचलाना को दूर करती है। मुंह की दुर्गन्ध को दूर करके सुगन्धित करती है और पथरी को तोड़ती है। बड़ी इलायची के गुण भी छोटी इलायची के गुण के समान होते हैं। पीलिया, बदहजमी, मूत्रविकार, सीने में जलन, पेट दर्द, उबकाई, हिचकी, दमा, पथरी और जोड़ों के दर्द में इलायची का सेवन लाभकारी होता है।
अगर हम दो इलायची खाकर गर्म पानी पीते हैं तो हमें कब्ज़ नहीं रहती l ऐसा करने से हमारी पाचन शक्ति ठीक होती है और पाचन क्रिया ठीक होने के कारण पुरानी से पुरानी कब्ज़ की समस्या भी ठीक हो जाती है l अगर आप भी कब्ज़ से परेशान हैं तो रोज रात को दो इलायची गर्म पानी के साथ जरुर खाएं l
छोटी इलायची खाने से वीर्य गढ़ा होता है l रात को सोने से पहले दो इलायची गर्म पानी के साथ खाने से जिस व्यक्ति का वीर्य पतला होता है उसका वीर्य पुष्ट होकर गढ़ा हो जाता है और सभी तरह के वीर्य विकार नष्ट हो जाते हैं l किल मुहासोंको ठीक करने के लिए भी ये नुस्खा बहुत ही लाभदायक है l बालों के झड़ने की समस्या को भी कम करता है ये नुस्खा l जिन लोगों के बाल झाड़ते हैं वो लोग इस नुस्खे को अपना सकते हैं l
विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)
स्वप्नदोष: आंवले के रस में इलायची के दाने और ईसबगोल को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
आंखों में जलन होने अथवा धुंधला दिखने पर : इलायची के दाने और शक्कर बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसके 4 ग्राम चूर्ण में एरंड का चूर्ण डालकर सेवन करें। इससे मस्तिष्क और आंखों को ठण्डक मिलती है तथा आंखों की रोशनी तेज होती है।
रक्त-प्रदर, रक्त-मूल-व्याधि :
इलायची के दाने, केसर, जायफल, वंशलोचन, नागकेसर और शंखजीरे को बराबर मात्रा में लेकर उसका चूर्ण बना लें। इस 2 ग्राम चूर्ण में 2 ग्राम शहद, 6 ग्राम गाय का घी और तीन ग्राम चीनी मिलाकर सेवन करें। इसे रोजाना सुबह और शाम लगभग चौदह दिनों तक सेवन करना चाहिए। रात के समय इसे खाकर आधा किलो गाय के दूध में चीनी डालकर गर्म कर लें और पीकर सो जाएं। इससे रक्त-प्रदर, रक्त-मूल-व्याधि (खूनी बवासीर) और रक्तमेह में आराम होगा। ध्यान रहे कि तब तक गुड़, गिरी आदि गर्म चीजें न खाएं।
कफ: इलायची के दाने, सेंधानमक, घी और शहद को मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
वीर्यपुष्टि: इलायची के दाने, जावित्री, बादाम, गाय का मक्खन और मिश्री को मिलाकर रोजाना सुबह सेवन करने से वीर्य मजबूत होता है।
मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में कष्ट या जलन): इलायची के दानों का चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) में लाभ मिलता है।
उदावर्त (मलबंध) रोग पर: थोड़ी सी इलायची लेकर घी के दिये पर सेंकने के बाद उसको पीसकर बने चूर्ण में शहद को मिलाकर चाटने से उदावर्त रोग में लाभ मिलता है।
मुंह के रोग पर: इलायची के दानों के चूर्ण और सिंकी हुई फिटकरी के चूर्ण को मिलाकर मुंह में रखकर लार को गिरा देते हैं। इसके बाद साफ पानी से मुंह को धो लेते हैं। रोजाना दिन में 4-5 बार करने से मुंह के रोग में आराम मिलता है।
सभी प्रकार के दर्द: इलायची के दाने, हींग, इन्द्रजव और सेंधानमक का काढ़ा बना करके एरंड के तेल में मिलाकर देना चाहिए। इससे कमर, हृदय, पेट, नाभि, पीठ, कोख (बेली), मस्तक, कान और आंखों में उठता हुआ दर्द तुरन्त ही मिट जाता है |
सभी प्रकार के बुखार: इलायची के दाने, बेल और विषखपरा को दूध और पानी में मिलाकर तक तक उबालें जब तक कि केवल दूध शेष न रह जाए। ठण्डा होने पर इसे छानकर पीने से सभी प्रकार के बुखार दूर हो जाते हैं।
कफ-मूत्रकृच्छ: गाय का पेशाब, शहद या केले के पत्ते का रस, इन तीनों में से किसी भी एक चीज में इलायची का चूर्ण मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
उल्टी:
इलायची के छिलकों को जलाकर, उसकी राख को शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी में लाभ मिलता है।
चौथाई चम्मच इलायची के चूर्ण को अनार के शर्बत में मिलाकर पीने से उल्टी तुरन्त रुक जाती है।
4 चुटकी इलायची के चूर्ण को आधे कप अनार के रस में मिलाकर पीने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
हैजा:
5-10 बूंद इलायची का रस उल्टी, हैजा, अतिसार (दस्त) की दशा में लाभकारी है।
10 ग्राम इलायची को एक किलो पानी में डालकर पकायें, जब 250 मिलीलीटर पानी रह जाए तो उसे उतारकर ठण्डा कर लेते हैं। इस पानी को घूंट-2 करके थोड़ी-2 से देर में पीने से हैजे के दुष्प्रभाव, प्यास तथा मूत्रावरोध आदि रोग दूर हो जाते हैं।
जमालघोटा का विष: इलायची के दानों को दही में पीसकर देने से लाभ मिलता है।
पेट हो जाएगा अंदर
अगर आपका पेट निकला हुआ है और आप इसे अंदर करना चाहते हैं तो रात को 2 इलायची खाकर गर्म पानी पी लीजिए। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, बिटामिन B1, B6 और बिटामिन C बॉडी की अतिरिक्त चर्बी को पिघला देते हैं। और इसमें मौजूद फाइबर और कैल्शियम वजन को भी कंट्रोल करते हैं। इसलिए इलायची खाकर गर्म पानी पीना न भूलें।
बाल झड़ना हो जाते हैं बंद
रात को 2 इलायची खाकर पानी पीने से बालों की जड़ें मजबूत होती है। बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और ये काले भी बने रहते हैं। इससे बालों का डेंड्रफ भी दूर होता है।
स्पर्म काउंट बढ़ता है
अगर आपका स्पर्म काउंट कम है तो ये नुस्खा उसके लिए भी कारगार है। इलायची और ऊपर से गर्म पानी पीने से स्पर्म काउंट बढ़ जाता है।
ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है
अगर आप दो इलायची खाकर एक गिलास गर्म पानी पी लेते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के साथ ही आपका ब्लड भी प्यूरीफाई हो जाता है। जिससे आपकी स्किन भी अच्छी हो जाती है।
डाइजेशन हो जाएगा स्ट्रॉन्ग
अगर आप इलायची खाकर गर्म पानी पी लेते हैं तो आपका डाइजेशन सिस्टम स्ट्रॉन्ग हो जाता है। इससे आंतों और किडनी की सफाई होती है। इससे कब्ज की परेशानी भी दूर हो जाती है।

बुधवार, 25 सितंबर 2019

उड़ता तीर कैसे लिया

बरसो पहले जब में रामायण या महाभारत जैसे सिरियल्स देखता था तो उसमें युद्ध के दृश्य देखकर बड़ी हँसी आती थी। मैं देखता था की कैसे एक योद्धा धनुष पर बाण चढाकर आँख बंद कर दो चार मंत्र बुदबुदाता था और तीर छोड़ देता था। इससे कभी उस तीर के आगे बिजली लग जाती थी, तो कभी आग जल उठती थी। और दोनों पक्षों के तीर बराबर एक दुसरे से आकर टकराते थे। यहां तक तो मैं झेल लेता था, लेकिन वह जो कभी कभी छोड़ा गया एक तीर दस तीरों में बदल जाता था उसे मैं कभी पचा नहीं पाता था।
हमेशा लगा की यह क्या बकैती है?
लेकिन फिर वह दिन आया जब मोदी जी ने धनुष पर धारा 370 वाला तीर चढाया, मंत्र फुका, और तीर छोड़ दिया।
मैं क्या देखता हूँ? वह छोड़ा गया तीर अचानक से एक से बदलकर हजार तीरों में बँट गया।
एक तीर जाकर कांग्रेसीयों को लगा...
कुछ तीर पाकिस्तान गये, इमरान खान, बाजवा साहेब सबने उसे उचित स्थान दिया...
कुछ तीर NDTV की ओर गये...
कुछ JNU में...
एक तीर यूपी जा रहा था उसे बीच में केजरीवाल जी ने लपक लिया...
एक तीर ट्रंप जी को भी लगा... बिलकुल मध्य में.. ताकी मध्यस्तता वाला कीड़ा मर जाये...
कुछ तीर अपनों को भी लगे... जैसे मोदी को मौलाना बोलने वालों को... मोदी को भिकास भिकास करने वाला बोलने वालों को... रंगा बिल्ला कहने वालों को... मोदी कुछ नहीं कर सकता बोलने वालों को... नोटा नोटा करने वालों को...
कोई तीर कोलकाता गया... तो कोई कहीं ओर...
हर तीर खाने वाला सहलाते हुये पाया गया...
यह देख मुझे विश्वास हो गया कि रामायण, महाभारत में दिखाये जाने वाले युद्ध के दृश्य झुठे नहीं है। एक तीर से कई निशाने लगाये जा सकते हैं।
एक हल्का फुल्का तीर एक अल्प-समय के लिये नोटाधारी बने भक्त को ढूँढता हुआ दिल्ली जा रहा था... 

सोमवार, 23 सितंबर 2019

सड़क किनारे धंधा करने वाले इन छोटे- छोटे लोगों से मोलभाव न करें

:::::::::::::: अपील :::::::::::::
sanwariya.org
आप सभी से आग्रह करता हूँ कि दीपावली का समय है, सभी लोग खरीदारियों में जुटे हैं,
ऐसे समय सड़क किनारे धंधा करने वाले इन छोटे- छोटे लोगों से मोलभाव न करें…।
मिट्टी के दीपक, लक्ष्मी जी के पाने, खील- बताशे, झाड़ू, रंगोली (सफ़ेद या रंगीन), रंगीन पन्नियाँ इत्यादि बेचने वालों से क्या मोलभाव करना??
जब हम टाटा-बिरला-अंबानी-भारती के किसी भी उत्पाद में मोलभाव नहीं करते
(कर ही नहीं सकते), तो दीपावली के समय चार पैसे कमाने की उम्मीद में बैठे इन रेहड़ी- खोमचे-ठेले वालों से "कठोर मोलभाव" करना एक प्रकार का अन्याय ही है..उसे यह बेचकर कोई शापिंग माल नही बनाना है सिर्फ अपने परिवार के लिए कुछ पैसे इकट्ठे करने है ताकि वो लोग भी दीपावली मना सकें
सहमत है तो शेयर ज़रूर करें,... !!
www.sanwariya.org
https://sanwariyaa.blogspot.com

function disabled

Old Post from Sanwariya