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मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

हर हिंदू अपने बच्चों मे यह आदत डाले...

हर हिंदू अपने बच्चों मे यह आदत डाले...
1: मंदिर घुमाने लेकर जाइये !
2: तिलक लगाने की आदत डालें !
3: देवी देवताओं की कहानियां सुनायें !
4: संकट आये तो नारायण नारायण बोलें !
5: गलती होने पर हे राम बोलने की आदत डालें !
6: गायत्री मंत्र, हनुमान चालीसा व महामृत्युन्जय मंत्र आदि याद करायें !
7: अकबर, हुमांयू, सिकन्दर के बदले शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे शूरवीरों की कहानियां सुनायें !
8: घर मे छोटे बच्चों से जय श्री कृष्णा, राधे राधे,
हरी बोल, जय माता दी,
राम राम कहिये, और उनसे भी जवाब मे राम राम बुलवाने की आदत डालिये !
9: बाहर जाते समय bye न कहे बच्चो से जय श्री कृष्णा कहे।
अपने धर्म का ज्ञान हमको ही देना है ! कोई और नहीं आयेगा यह सब सिखाने को     
 ( धर्मजागरण )
🚩जय श्री राम 🚩

ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें.

हिन्दी बोलने का प्रयास करें...

ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें...

      उर्दू                हिंदी
01 ईमानदार       - निष्ठावान
02 इंतजार         - प्रतीक्षा
03 इत्तेफाक       - संयोग
04 सिर्फ            - केवल, मात्र
05 शहीद           - बलिदान
06 यकीन          - विश्वास, भरोसा
07 इस्तकबाल    - स्वागत
08 इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग
09 किताब         - पुस्तक
10 मुल्क            - देश
11 कर्ज             - ऋण
12 तारीफ          - प्रशंसा
13 तारीख          - दिनांक, तिथि
14 इल्ज़ाम         - आरोप
15 गुनाह            - अपराध
16 शुक्रिया          - धन्यवाद, आभार
17 सलाम           - नमस्कार, प्रणाम
18 मशहूर           - प्रसिद्ध
19 अगर             - यदि
20 ऐतराज          - आपत्ति
21 सियासत        - राजनीति
22 इंतकाम          - प्रतिशोध
23 इज्जत           - मान, प्रतिष्ठा
24 इलाका           - क्षेत्र
25 एहसान          - आभार, उपकार
26 अहसानफरामोश - कृतघ्न
27 मसला            - समस्या
28 इश्तेहार          - विज्ञापन
29 इम्तेहान          - परीक्षा
30 कुबूल             - स्वीकार
31 मजबूर            - विवश
32 मंजूरी             - स्वीकृति
33 इंतकाल          - मृत्यु, निधन
34 बेइज्जती         - तिरस्कार
35 दस्तखत          - हस्ताक्षर
36 हैरानी              - आश्चर्य
37 कोशिश            - प्रयास, चेष्टा
38 किस्मत            - भाग्य
39 फैसला             - निर्णय
40 हक                 - अधिकार
41 मुमकिन           - संभव
42 फर्ज                - कर्तव्य
43 उम्र                  - आयु
44 साल                - वर्ष
45 शर्म                 - लज्जा
46 सवाल              - प्रश्न
47 जवाब              - उत्तर
48 जिम्मेदार          - उत्तरदायी
49 फतह               - विजय
50 धोखा               - छल
51 काबिल             - योग्य
52 करीब               - समीप, निकट
53 जिंदगी              - जीवन
54 हकीकत            - सत्य
55 झूठ                  - मिथ्या, असत्य
56 जल्दी                - शीघ्र
57 इनाम                - पुरस्कार
58 तोहफा              - उपहार
59 इलाज               - उपचार
60 हुक्म                 - आदेश
61 शक                  - संदेह
62 ख्वाब                - स्वप्न
63 तब्दील              - परिवर्तित
64 कसूर                 - दोष
65 बेकसूर              - निर्दोष
66 कामयाब            - सफल
67 गुलाम                - दास
68 जन्नत                -स्वर्ग
69 जहरनुम             -नर्क
70 खौफ                -डर
71 जश्न                  -उत्सव
72 मुबारक             -बधाई/शुभेच्छा
73 लिहाजा             -अर्थात
74 निकाह             -विवाह/शादी
75 आशिक            -प्रेमी
76 मासुका             -प्रेमिका
77 हकीम              -वैद्य
78 नवाब               -राजसाहब
79 रुह                  -आत्मा
80 खुदखुशी          -आत्महत्या
81 इजहार             -प्रस्ताव
82 बादशाह           -राजा/महाराजा
83 ख़्वाहिश          -महत्वाकांक्षा
84 जिस्म             -शरीर/अंग
85 हैवान             -दैत्य/असुर
86 रहम              -दया
87 बेरहम            -बेदर्द/दर्दनाक
88 खारिज           -रद्द
89 इस्तिफा          -त्यागपत्र
90 रोशनी            -प्रकाश
91मसिहा             -देवदुत
92 पाक              -पवित्र
93 कत्ल              -हत्या
94 कातिल           -हत्यारा

इनके अतिरिक्त हम प्रतिदिन अनगिनत उर्दू शब्द प्रयोग में लेते हैं !

भाषा बचाइये, संस्कृति बचाइये...

❛❛ RSS पर उंगली उठाने वालोें👇🏻 को इसे पढ़ाओ ! ❜❜

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स्थान - श्रीनगर ( कश्मीर ) !
समय - 1965 का युद्ध !

❛❛ शत्रु तेज गति से आगे बढ रहे थे ! कश्मीर को शीघ्र सैन्य मदद चाहिए थी ! ❜❜

❛❛ दिल्ली के सेना कार्यालय से श्रीनगर को संदेश प्राप्त हुआ कि किसी भी परिस्थिति में श्रीनगर के हवाई अड्डे पर शत्रु का कब्जा नहीं होना चाहिए ! शत्रु नगर को जीत ले, तो भी चलेगा, किन्तु हवाई अड्डा बचना चाहिए ! हम हवाई जहाज से सेना के दस्ते भेज रहे है ! हवाई अड्डे पर सर्वत्र हिम के ढेर लगे हैं ! हवाई जहाज उतारना अत्यंत कठिन है ! श्रीनगर सें यह प्रतिउत्तर आया ! ❜❜

❛❛ मजदूर लगाकर तुरन्त हटाइए ! चाहे कितनी भी मजदूरी देनी पड़े और इस काम के लिए कितने भी मजदूर लगाने पड़े, व्यवस्था कीजिए ! ❜❜
 
❛❛ मजदूर नही मिल रहे हैं ! ❜❜

❛❛ और ऐसे समय में सेना के प्रमुखों को संघ याद आया ! ❜❜

❛❛ रात्रि के ग्यारह बजे थे. एक सैन्य जीप संघ - कार्यालय के आगे आकर रुकी ! उसमें से एक अधिकारी उतरे ! ❜❜

❛❛ कार्यालय में प्रमुख स्वंय सेवकों की बैठक चल रही थी ! प्रेमनाथ डोगरा व अर्जुन जीं वही बैठे थें ! ❜❜

❛❛ सेनाधिकारी ने गंभीर स्थिति का संदेश दिया ! फिर उसने पूछा - आप हवाई अड्डे पर लगे हिम के ढेर हटानें का कार्य कर सकेंगे क्या ? ❜❜

❛❛ अर्जुन जी ने कहा - अवश्य ! कितने व्यक्ति सहायता के लिए चाहिए ! ❜❜

❛❛ कम से कम डेढ़ सौ, जिससे तीन - चार घंटों में सारी बरफ हट जायेगी ! ❜❜

❛❛ अर्जुन जी ने कहा - हम छः सौ स्वयं सेवक देते है ! ❜❜

❛❛ इतनी रात्रि में आप इतने ? सैन्य अधिकारी ने आश्चर्य से कहा ! ❜❜

❛❛ आप हमें ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कीजिए ! ४५ मिनट में हम तैयार है ! ❜❜

❛❛ संघ कि पद्धति का कमाल था कि तय समय पर सभी ६०० स्वयं सेवक कार्यालय पर एकत्र होकर साथ साथ चले गए ! ❜❜

❛❛ दिल्ली को संदेश भेजा गया - बरफ हटाने का काम प्रारंम्भ हो गया है ! हवाई जहाज कभी भी आने दें ! ❜❜

❛❛ इतनी जल्दी मजदूर मिल गये क्या ? ❜❜

❛❛ हाँ, पर वे मजदूर नही, सभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य हैं ! ❜❜

❛❛ रात्रि के डे़ढ बजे वे काम पर लग गए ! २७ अक्टूबर को प्रातः के समय प्रथम सिख रेजीमेन्ट के ३२९ सैनिक हवाई जहाज से श्रीनगर उतरे और उन्होने बड़े प्रेम से स्वंय सेवको को गले लगाया ! फिर क्या था एक के बाद एक ऐसे आठ हवाई जहाज उतरे ! ❜❜

❛❛ उन सभी में प्रयाप्त मात्रा में शस्त्रास्त्र थे ! सभी स्वंय सेवको ने वे सारे शस्त्रास्त्र भी उतार कर ठिकाने पर रख दिये ! ❜❜
  
❛❛ हवाई अड्डा शत्रु के कब्जे में जाने से बच गया ! जिसका सामरिक लाभ हमें प्राप्त हुआ ! ❜❜

❛❛ हवाई पट्टी चौड़ी करने का कार्य भी तुरन्त करना था, इसलिए विश्राम किये बिना ही स्वंय सेवक काम में जुट गये ! ❜❜

संदर्भ पुस्तक : न फूल चढे न दीप जले !

!! नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे !!

❛❛ आपको जानकारी अच्छी लगी हो और R S S  के बारे मे जान के गर्व महसूस हुआ हो तो इस संदेश को आगे भी भेजे ••• !!! ❜❜

घरेलू टोटके

🍚🍚 घरेलू टोटके 🍚🍚

1. दही को जल्दी और अच्छी जमाने के लिए रात को जमाते वक्त दूध में हरी मिर्च का डंठल तोड़ कर डाल दें ! दही जबरदस्त जमेगी.

2. अगर सब्जी में नमक ज्यादा हो गया हो तो आटे को गूंथ कर उसके छोटे-छोटे पेड़े (लोइयां) बना कर डाल दें, नमक कम हो जायेगा |

3. प्याज को काट कर बल्ब या ट्यूब लाईट के साथ बाँधने से मच्छर व छिपकिली और मोर का पंख घर में कहीं भी लगाने से केवल छिपकिली नहीं आती |

4. यदि फ्रिज में कोई भी खुशबू या बदबू आती है तो आधा कटा हुआ निम्बू रखने से ख़त्म हो जायेगी.|

5. चावल के उबलने के समय 2 बूँद निम्बू के रस की डाल दें | चावल खिल जायेंगे और चिपकेंगे नहीं |

6. चीनी के डब्बे में तीन या चार लौंग डालने से चींटी नहीं आती.

7. बरसातों के दिनों में अक्सर नमक सूखा नहीं रह पाता वह सिल (गीला गीला सा) जाता है | आप नमक की डिबिया में 4-5 चावल के  दाने डाल दें | बहुत कम उसमे सीलापन आता है तब.

8. मेथी की कड़वाहट हटाने के लिये थोड़ा सा नमक डाल कर उसे थोड़ी देर के लिये अलग रख दें.

9. आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा.

10.  जूते यदि पालिश से साफ नहीं हो रहे हों तो पेट्रोल लगा कर साफ कर लें। जूते चमक उठेंगे।

11. गंदे कपड़ों को उबले हुए आलू के पानी से साफ करें। कपड़े बिल्कुल साफ हो जायेंगे।

12.  फिल्टर काफी बनाने के बाद बचे हुए मिश्रण से बाथरूम का फर्श धोएं। फर्श चमक उठेगा।

13.  जल जाने पर जले हुए स्थान पर केला मसल कर लगा लें, फफोले नहीं बनेंगे।

14.  कपड़ों या बर्तनों से स्टिकर अथवा लेबल के निशान हटाने के लिये उसे सफेद स्पिरिट से साफ करें।

15.  जिस स्थान से चीटियां ज्यादा निकलती हों, वहां हल्दी तथा बोरिक पाउडर मिलाकर छिड़क दें। चीटियां नहीं आएंगी।

16.  मच्छर ज्यादा हो गए हों तो तवे या फ्राइंग पैन में थोड़ा सा काफी पाउडर डालकर भून दें और इसका धुआं कमरे में कर दें।

17.  सिल्की साड़ियों को डिटर्जेंटसे धोने के बजाय इन्हें धोने के लिये शैम्पू का प्रयोग करें।

18.  बालों में चमक लाने के लिये एक मग पानी में सिरका डाल कर बालों में रगड़ें और कुछ देर बाद धो लें। बालों में चमक आ जाएगी।

19.  कपड़े धोते समय पानी में थोड़ा सा नमक मिला दें। कपड़े आसानी से साफ हो जाएंगे और इनमें चमक भी आ जाएगी।

20.  शरीर में अगर कहीं चोट लग जाए या कट जाए और डाक्टर तक पहुँचने में देर लगे तो तुरंत खून निकलने वाली जगह पर चुटकी भर चाय पत्ती डालें | फिर उस स्थान पर रुई रखें और जोर से दबाए रखें | चाय पत्ती में टेनिन होने के कारण खून जमने लगता है |

भारत में लोग ठगे कैसे जाते हैं?

हाल ही में मुझे एक मजेदार मार्केटिंग ट्रिक पता लगी है, जिसे मैं आप सब के साथ साझा करना चाहूंगा। मैं शहद का नियमित उपभोक्ता हूं और डाबर शहद खरीदता हूं। यह कई तरह की पैकेजिंग में उपलब्ध है और अच्छा उत्पाद है।
खैर, पिछली बार जब मैं खरीदारी के लिए गया, तो मैंने इस उत्पाद का एक आकर्षक ऑफर देखा- '1 के साथ, 1 मुफ्त’।
मुझे 1 उत्पाद की कीमत पर 2 उत्पाद मिल रहे थे - MRP ₹ 280 में। इस तरह मैं असल में 280 रुपये की बचत कर रहा था। मैंने बिना ज्यादा सोचे, इसे खरीद लिया और मैं अपने घर वापस आकर बहुत खुश हुआ क्योंकि शहद एक महंगी चीज है और मैं इसका दैनिक आधार पर उपभोग करता हूं।
उस दिन बाद में, जब मैं खाली था तो मैंने सोचा कि क्यों न असली मुनाफे का हिसाब लगाया जाए। थोड़ी-सी गणित लगाने के बाद जो नतीजे निकलकर आए वो इस तरह हैं:
मैं आइटम 1 & 2 को नियमित रूप से खरीदता हूं, जबकि आइटम 3 ऑफर पर खरीदा था। तो चलिए पता लगाते हैं कि मुझे 1 रुपये में कितना शहद मिल रहा है (प्रत्येक आइटम के लिए)।
आइटम 1
शुद्ध मात्रा - 300 ग्राम
MRP - ₹ 110
डिस्काउंट के बाद मुझे यह ₹ 100 का मिला।
300/100 =3 (यानि ₹ 1 में 3.00 ग्राम शहद)
आइटम 2
शुद्ध मात्रा - 600 ग्राम
MRP - ₹ 199
डिस्काउंट के बाद मुझे यह ₹ 190 का मिला।
600/190 =3.15 (यानि ₹ 1 में 3.15 ग्राम शहद)
तो, सामान्य स्थिति में मुझे 1 रुपये में 3 ग्राम शहद मिल रहा है। इस लॉजिक के हिसाब से "1 के साथ 1 मुफ्त" पर ऑफर में मुझे 1 रुपये में लगभग दोगुना मिलना चाहिए। चलो इसका भी हिसाब लगाकर देख लेते हैं।
आइटम 3
शुद्ध मात्रा - 400 ग्राम 1 पैक में, तो 2 में 800 ग्राम
MRP - ₹ 280
डिस्काउंट के बाद मुझे यह ₹ 266 का मिला।
800/266 =3.007 (यानि ₹ 1 में 3.007 ग्राम शहद)
इस तरह, मुझे "1 के साथ एक मुफ्त" ऑफर के बावजूद उतनी ही मात्रा में शहद मिल रहा है। वास्तव में अगर मैं "1 के साथ एक मुफ्त" ऑफ़र के बिना आइटम-3 खरीदता हूं, तो इसमें मेरा घाटा है।

क्रोसब्रीड से उत्पन्न कुछ विचित्र और खूबसूरत जानवर



क्रोसब्रीड से उत्पन्न जानवर के नामकरण में आधा नाम नर से और आधा नाम मादा से लिया जाता है। इसके अलावा ऐसे जानवर अधिकतर बांझ उत्पन्न होते हैं। ऐसे ही कुछ विचित्र और खूबसूरत जानवरो में निम्नलिखित जानवर प्रमुख हैं।
नर शेर ( लायन)और मादा बाघ (टाइगर) के मिलन से उत्पन्न "लाईगर"।
नर बाघ (टाइगर) और मादा शेर(लायन) के मिलन से उत्पन्न "टाइगोन"।
जेब्रा और गधे(डंकी) के मिलन से "जोंकी"।
नर जगुआर और मादा शेर के मिलन से "जैगलायन"।
भेड़ और बकरी के मिलन से "जीप"।
पोलर बियर और ब्राउन बियर से "ग्रोलर बियर"।
काईयॉट(एक प्रकार का छोटा भेड़िया) और भेडिये (वॉल्फ) के मिलन से "काइवॉल्फ"।
ज़ेबरा और घोड़े की प्रजाति से "जेबरोइड"।
नर व्हेल व मादा डॉल्फिन से "वोल्फिन"।
भैंसे और गाय से "बीफेलो"।
घोडे व गधी से "खच्चर"।
ऊंट(केमल) और लामा से "कामा"।
नोट: ऐसे और भी काफी जानवर हैं।
मूल स्रोत:

कोरौना_वायरस के प्रोपेगैंडा से बचें क्योंकि ज्यादा खतरनाक #MediaFlu है।❗

कोरौना_वायरस के प्रोपेगैंडा से बचें क्योंकि ज्यादा खतरनाक #MediaFlu है।❗


हर साल मार्केट मे लोंच होता है नया वायरस आइए जानते है क्यो ?

आयुर्वेद के प्रखर वक्ता वैद्य नवनीत भारद्वाज जी द्वारा सच्चाइ को उजागर करने वाला लेख ।

#CoronaVirus #WuhanCoronaVirus

हर साल फार्मा कंपनियां ऐसे वायरस खुद बनाती है और लोगो को मरवाती है और फिर मीडिया में प्रोपेगैंडा फैलाती है जिसके लिये वैक्सीनेशन या दवाओं का बड़ा बाजार मंदी के दौर तक मे एकदम से खुल जाता है।  हजारो करोड़ो कमाने के लिये लगभग हर 2-5 वर्ष में एक नया वायरस बाजार में आता है।

विशेष - ध्यान रहे भारत मे भूगोल में अच्छे से अच्छा वायरस अपना दम तोड़ देता है लेकिन यदि आप तुलसी, गौमूत्र अर्क या  उत्तम ताजा गौमूत्र या हल्दी का सेवन करते रहेंगे तो  वायरस कुछ नही बिगाड़ सकता।

बंध करो अब SAAR ,Ebola ,SwineFlu ,BirdFlu ,ZikaVirus ,NipahVirus अब कोरोना  का रोना 

नोट- कोरोना वायरस से आयूर्वेद प्रेमियों को घबराने की जरूरत नहीं है. शुद्ध सात्विक आहार विहार का पालन करे. गिलोय और तुलसी का नियमित सेवन करें. यही दोनों औषध किसी भी तरह के respiratory infection से बचाने के लिए पर्याप्त है. याद रखे किसी भी वायरस को नष्ट नहीं किया जा सकता है. लेकिन स्वयं का प्रतिरोधक तंत्र इतना मजबूत कर सकते हैं कि यह वायरस हानि ना कर सके. इस काम के लिए गिलोय और तुलसी पर्याप्त हैं.
 गिलोय की 6 - 7 इंच लंबे तने को चबाते हुए रस निगल लें. तुलसी की पत्तियों को पीसकर शुद्ध शहद मिलाकर चाट लें. एक दो काली मिर्च मिला लें. इतने से ही इम्यून सिस्टम बे‍हतर होने लगेगा.
यदि किसी को गिलोय को चबाना चूसना तुलसी की पत्तियों को पीसना सिरदर्दी का काम लगता है तो बाजार से नामी गिरामी फार्मेसी की तुलसी घनवटी और गिलोय सत्व ले आये . दो गोली तुलसी घनवटी की चबाकर ऊपर से एक ग्राम गिलोय सत्व मिला हुआ शहद चाट लें. बस हो गया काम कोरोना ही नहीं किसी भी प्रकार के वायरस के प्रति अभेद्द्य सुरक्षा कवच इन दोनों के सेवन से मिल जाता है.

Note- इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि किसी  रोगी को इसका फायदा मिल सके

#वैदिक_भारत

पकौड़ा बेचने वाले व्यापारी खौलते तेल में हाथ डालकर पकौड़ा तलते हैं यह कोई ट्रिक है या कोई चमत्कार है?


लोग अपने दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने रहते हैं और आजकल बहुत से रेस्टोरेंट वालों ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए एक बेहद आश्चर्यजनक तरीका अपनाया है और वह गर्म तेल में यानी खौलते तेल में हाथ डालकर पकौड़ा तलना।
इसे देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ होती है। सोशल मीडिया पर मुफ्त में पब्लिसिटी मिलती है कई मेंस्ट्रीम मीडिया वाले भी इसे कवर करने पहुंचते हैं और देखते ही देखते पकौड़े वाले की बिक्री बहुत बढ़ जाती है।
पहले इलाहाबाद में किसी रेस्टोरेंट
वाले ने यह ट्रिक किया फिर दिल्ली में फिर नोएडा में फिर अहमदाबाद में फिर सूरत में फिर इंदौर में यानी कि अब बहुत से रेस्टोरेंट वाले अब इस ट्रिक को आजमा कर अपनी बिक्री बढ़ा रहे हैं।
लेकिन आप जानकर चौक जाएंगे यह ना कोई जादू है ना कोई चमत्कार है ना कोई दैवीय शक्ति है बल्कि यह एक विज्ञान है और आप भी खौलते तेल में हाथ डाल सकते हैं।
खौलते तेल में हाथ डालकर पकौड़ा निकालने के पीछे जो वैज्ञानिक कारण है उसे Leidenfrost effect कहते हैं इस इफ़ेक्ट का यह मतलब है कि खौलते तेल में हाथ डालकर कुछ भी बाहर निकाल सकता है उसके पहले उसे अपना हाथ ठंडे पानी में डालना होगा गर्म तेल हाथ पर पड़ते ही सबसे पहले वह पानी को गर्म कर कर भाप में बदल देता है और यह भाप गर्म तेल को हाथ की त्वचा के संपर्क में नहीं आने देता और यह असर कुछ ही समय के लिए रहता है इसीलिए हाथ कुछ सेकंड बाद बाहर निकाल लेना पड़ता है।
दरअसल सभी पकौड़े वाले पहले अपने हाथ को ठंडे पानी में डुबो देते हैं फिर वह खोलते तेल में हाथ डालते हैं

यदि कनखजूरा कान में घुस जाये और काट ले तो


गर्मियों के मौसम में कई सारे कीडे मकौड़े बाहर आ जाते है। जिनसे हमें कई तरह का खतरा बना रहता है। कई बार यह हमारे कान में घुस जाते है। जिससे बहुत पीड़ा होती है। हम घर पर भी इसे निकालने का प्रयास करते है। लेकिन यह संभव नहीं हो पाता है। और चिकित्सक तक ले जाने तक हमे कई सारी परेशानियों का समाना करना पड़ जाता है। इस दौरान इसके हमारे कान में काटने का भी डर होता है।
जिससे कान में कई तरह के इनफेक्शनंस भी हो सकते है।
कान मे घुसने वाले कीडों में चींटी, कसारी, व कनखजूरा अगर चींटी जैसा चीज कान में चली जाए तो सामान्य तौर पर पानी कान में डालने पर निकल जाती है। वहीं इससे ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है। लेकिन जब कन खजुरा कान मे चला जाए तो बहुत सारी परेशानियों का समाना करना पड़ता है। इसके डंक मारने पर बहुत तेज दर्द होता है।
वहीं इसके काटने पर हमारे शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा कम होनें लगती है। और हमारा शरीर मे थकावट महसूस होनें लगती है। इसके कान में चले जाने पर सेंधा को पानी में मिलाकर कान में डाले जिससे कनखजूरा या तो कान में ही मर जाएगा। या फिर पानी के साथ बाहर आ जाएगा
क्योंकि सेंधा नमक की वजह से यह ज्यादा दैर तक कान में नहीं रह सकता है। जब यह कान से निकल जाए तब भी चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि इसके डंक से कई परेशानिया हो सकती है।
कानखजूरा नमक यह जीव अक्सर गर्मियों के मौसम के अधिक देखने को मिलता है। वैसे तो गर्मियों के मौसम में कई प्रकार के अन्य खतरनाक जीव, जंतु, कीड़े-मकोड़े अपने अपने बिलो से बहार निकल आते है। पर उन सभी जीवो में कनखजूरा बहुत ही अधिक खतरनाक जीव होता है। इसलिए सोते हुए व्यक्ति को काटना जैसी घटना कई बार देखने को मिलती है। वैसे तो कनखजूरे का जहर और इसका काटना बहुत अधिक जानलेवा नहीं होता है। पर यदि एक बड़े अकार का गोजर किसी बच्चे या कमजोर हृदय वाले व्यक्ति को कटा ले। और उसका समय पर इलाज न हो तो उसे हृदय आघात भी हो सकता है। पर यह समस्या अतयंत दुर्लभ है क्योकि ऐसे मामले काम देखने को मिले है। सामन्यतः यह भी देखा गया है की कनखजूरा काटने के अलावा कई बार कान के अंदर भी घुस जाता है।
यदि कनखजूरा कान में घुस जाये और काट ले तो निम्न लक्षण महसूस हो सकते है –
  • कान लाल होना
  • कान में खुजली होना
  • कान में जलन
  • कान में दर्द होना
  • कान में घाव होना
  • कान का भारी होना आदि इसके लक्षण हैं।
  • सावधानियाँ व रोकथाम
यदि स्थिति बहुत अधिक गंभीर न हो तो कनखजूरे के द्वारा काटने पर उसका इलाज सामान्य तरीको से किया जा सकता है। पर अक्सर ऐसा माना जाता है की, इलाज से बेहतर सावधानी है। तो आइये जानते है की किन सावधानियों को बरतने से आप कनखजूरे के द्वारा काट खाने या कान में घुसने की समस्या से बच सकते है।
यह सभी सावधानी निम्नलिखित है –
  • गर्मी व बरसात के मौसम में खुले में जमीन पर न सोएँ
  • जूता पहनने से पहले उसे जांच ले व नंगे पैर न रहे
  • घर के अंदर पलंग पर ही सोएँ
  • सोते समय खुद को चादर से ढँक कर रखे
  • कान को किसी रुमाल या कपडे से बांध कर सोएँ
बच्चो को जमीन में पाए जाने वाले खुले बिलो से दूर रखें।।
कनखजूरा के काटने पर घरेलु उपाय
1. सेंधा नमक
सेंधा नमक बहुत ही कारगर तरीका है। अगर कनखजूरा किसी व्यक्ति के कान में घुस जाये तो सेंधा नमक को पानी में मिला कर कान में डालने से वह मर जाता है। और आसानी से कान से बहार निकल आता है।
2. चीनी (शक्कर)
यदि कनखजूरे आपके शरीर से चिपक जाये तो उस कनखजूरे के मुँह पर चीनी डालने से वह अपनी पकड़ ढीली कर देता है। और तुरंत आपके शरीर से अलग हो जाता है।
3. हल्दी व गाय का घी
जब किसी व्यक्ति को कनखजूरा काट ले। तो हल्दी में सेंधा नमक व गाय का घी मिला कर एक मिश्रण तैयार कर लें। और कनखजूरे द्वारा काटे गए स्थान पर यह मिश्रण लेप करने से कनखजूरे का विष ख़त्म हो जाता है व तुरंत रहत मिलती है।
4. ठंडा पानी या बर्फ
कनखजूरे के द्वारा काटे जाने पर, घाव वाले स्थान को तुरंत ठन्डे पानी से धोये व बर्फ से सिकाई करें। इस से उस स्थान की नसे सुन्न पढ़ जाएँगी व खून का बहना रुक जायेगा, और जहर आपके शरीर में नहीं फैलेगा।

शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

आजकाल मास्टरनियों के जो हाल है उण नै बयां करती मारवाड़ी र मांय लिखी ये दो चारेक लाइनाँ...

आजकाल मास्टरनियों के जो हाल है उण नै बयां करती मारवाड़ी र मांय लिखी ये दो चारेक लाइनाँ...


मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

भूल गई टाबरां टीकरां ने,
सारे टाइम मोबाइल चलावण लागी।
सुबह घरां टाइम हूं खाणों कदै बण कोनी,
पर स्कूल में टेम हूं खाणों खुवावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

घर हूं बाहर कदे निकली कोनी,
पर इब स्कूल में,
 स्कूटी पे एकली ही जावण लागी।
बांध के मुंह पर कपड़ों,
मुंह धूल सूं बचावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

कदे किं की भी हाजिरी  लगाई कोनी जीवन में,
आजकाल ऑनलाइन हाजिरी लगावण लागी।
कदे ही टेम पर तैयार कोनी होयी,
पर इब टेम हूं स्कूल में खड़ी तैयार पावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

घर की और टाबरां की कांस तो पहला सूं ही थी,
इब ऑनलाइन हाली कांस भी इनै खावण लागी।
बावली होगी स्कूल की भाग दौड़ में,
स्कूल और कागज कारवाही के नाम हूं ही घबरावण लागी।
मैडम जी जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

कदे सासू की सुनी कोनी,न आदमी की सुणी,
 पर इब रोज पीईईओ कन सूं डाँट खावण लागी।
अगले जन्म मोहे मास्टरनी ना बणा दीज्यो,
टाबरां न बस आ ही बात सिखावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी.....

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