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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने की सामग्री-
  • एलो वेरा जेल
  • टी ट्री ऑइल- 3 बूंद
  • लेवेंडर ऑइल - 4 बूंद
  • स्‍क्‍वीज बॉटल
बनाने का तरीका-
  1. सबसे पहले एक स्‍क्‍वीज बॉटल में एलो वेरा जेल डालें। बॉटल को पूरा ऊपर तक न भरें।
  2. अगर एलो वेरा जेल बेहद गाढा है तो फिर आप उसमें रोज वॉटर मिला सकती हैं।
  3. उसके बाद इसमें 5 बूंद टी ट्री ऑइल की मिलाएं। (यह बैक्‍टीरिया और वायरस का खात्‍मा करने के लिये बेस्‍ट है)
  4. अब इसमें 6-7 बूंद लेवेंडर ऑइल मिक्‍स करें।
  5. बॉटल को बंद करें और अच्‍छी तरह से शेक कर लें, जिससे सारी चीजें मिक्‍स हो जाएं।

उपयोग करने के फायदे-
ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बिना हल्‍कोहल और कैमिकल के तैयार किया जा सकता है। जिसमें टी ट्री ऑइल की प्रॉपर्टीज हाथों के जर्म्‍स का खात्‍मा करेगी। यही नहीं इसे लगाने से हाथ भी बिल्‍कुल ड्राई नहीं होंगे।

लीजिये आपका होममेड हैंड सैनिटाइजर बन कर तैयार है। आप इसे आराम से अपनी पॉकेट में या पर्स में कैरी कर सकती हैं। यह हाथों पर बेहद सॉफ्ट है और खुशबूदार है।

बचे हुए साबुनों से बनाएं ‘Hand Wash’

 बचे हुए साबुनों से बनाएं  ‘Hand Wash’

घर में बचे हुए साबुन के तुकड़ों को आप अगर फेक देती हैं तो अब से उन्हें बचा कर रखें क्योंकि आप उनसे घर पर ही एंटीसेप्टिक हैंड वॉश बना सकती हैं।  
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शरीर की साफ सफाई उतनी ही जरूरी है, जितना की स्वास्थ के लिए सेहतमंद भोजन होता है। खासतौर पर हाथों की सफाई और भी जरूरी हो जाती है क्योंकि यह शरीर को वह अंग है जिसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने से लेकर चेहरे को साफ करने तक के लिए आप हाथों का ही इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में अगर आपके हाथ साफ नहीं होंगे तो आपको किसी भी तरह का शारीरिक संक्रमण हो सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अच्छे एंटीसेप्टिक हैंड वॉश का इस्तेमाल करें। वैसे तो बाजार में आपको बहुत सारे हैंड वॉश मिल जाएंगे। ये हैंड वॉश अच्छे होने के साथ सुगंधित भी होते हैं। मगर, इनमें कैमिकल और कास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके हाथों की त्वचा को नुक्सान पहुंचा सकता है। आप चाहें तो घर पर ही बेहद आसानी से हैंड वॉश बना सकती हैं। घर पर ही साबुन बनाने के लिए आपको सबसे पहले कुछ चीजों को इकट्ठा करना होगा। यह चीजें आपको घर पर ही आसानी से मिल जाएंगी।
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सामग्री 
  • 6 से 7 साबुन के छोटे-छोटे बचे हुए तुकड़े
  • 5 बड़ा चम्मच डिटॉल या सैवलॉन 
  • 1 नींबू का रस 
  • 1 कप पानी
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विधि 
  • अगर आप पहले बार हैंड वॉश बना रही हैं तो आपको सबसे पहले साबुन के छोटे-छोटे टुकड़ों को इक्ट्ठा करना चाहिए। इसके बाद उन्हें कद्दूकस करना चाहिए आप चाहें तो उसे ग्राइंडर में महीन पीस सकती हैं। 
  • साबुन के पाउडर में पानी मिला कर उसे एक बार फिर से ग्राइंडर में पीस लें। ध्यान रखें। पानी की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि हैंड वॉश ज्यादा पतला या गाढ़ा न हो। 
  • इसके बाद इसमें डिटॉल और नीबूं का रस डाल कर इसमें अच्छे से मिलाएं और फिर इस मिश्रण को एक ऐसी बॉटल में भरें जिसे दबाने पर यह मिश्रण थोड़ी सी मात्रा में बाहर निकल सके।
  • अगर आप इसमें सुगंध चाहती हैं तो अपनी पसंद के किसी भी एरोमा ऑयल को भी इसमें मिक्स कर सकती हैं। 
  • अगर आपको लगता हैं कि आपका हैंड वॉश आपके हाथों को ज्यादा ड्राए न करें इसके लिए आपको या तो ग्लीसरीनयुक्त साबुन का पाउडर बनाना चाहिए या फिर हैंड वॉश में ही थोड़ी सी ग्लीसरीन मिला देनी चाहिए। 
  • इन सभी के साथ आपको सबसे आखिर में हैंड वॉश में सैनेटाइजर मिलाना चाहिए। 

हैंड सैनिटाइजर घर पर ही बनाया जा सकता है

घर पर ही बनाया जा सकता है खुशबूदार हैंड सैनिटाइजर

बाजार के महंगे सैनिटाइजर की जगह आप घर पर ही नैचुरल खुशबूदार सैनिटाइजर बना सकती है। यह हाथों के बैक्टीरिया को मारेगा और हथेलियों को मुलायम बनाएगा। 
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हाथ शरीर का वो अंग हैं जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। हाथों की मदद से ही हम खाना खा पाते हैं, लिख पाते हैं किसी वस्तु को पकड़ पाते हैं और किसी चीज स्पर्श कर पाते हैं। ऐसे में हाथ ही शरीर का वह अंग है जो सबसे ज्यादा गंदा होता है। गंदे हाथों से अगर आप कुछ खाती हैं या फिर अपनी ही त्वचा को स्पर्श करती हैं तो इससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। गंदे हाथों से खाना खाने से वह गंदगी पेट के अंदर जा कर बड़ी बीमारियों को न्योता तक दे देती है। ऐसे में हाथों बार-बार साफ करना बहुत जरूरी है। हाथों को एंटीसेप्टिक सोप से तो धोना ही चाहिए साथ ही जब आप हाथों कों पानी से वॉश न कर पाएं तो इस स्थिति में हैंड सैनिटाइजर का यूज करना चाहिए। हैंड सैनिटाइजर वैसे तो बेहद काम की चीज हैं मगर, इसका ज्यादा इस्तेमाल भी बीमारी की जड़ हो सकता है। खासतौर पर आपकी त्वचा के लिए यह खतरा पैदा कर सकता है। ऐसा तब होता है जब आप कैमिकल और एल्कॉहलयुक्त हैंड सैनिटाइजर का यूज करती हैं। मगर, यह पहचान पाना कि कौन सा सैनिटाइजर अच्छा है और कौन सा बुरा यह थोड़ा मुश्किल है इसलिए हम आपको बताएंगे कि आप घर पर ही कैसे नैचुरल सैनिटाइजर बना सकती हैं। यह बेहद आसान है और आपको बाजार के महंगे सैनिटाइजर सस्ता भी पड़ेगा। 

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माइल्ड हैंड सैनिटाइजर 

यह हर्बल हैंड सैनिटाइजर जेल आपकी स्किन के लिए सेफ है। खासतौर पर बच्चों की कोमल त्वचा के लिए यह सैनिटाइजर बहुत ही अच्छा है। इसे यूज करने से हाथों की त्वचा ड्राय नहीं होती बल्कि इससे त्वचा को नरिशमेंट मिलता है। आपको इसमें एलोवेरा मिलाना चाहिए। 

सामग्री 
  • 1/4 कप एलोवेरा जैल 
  • 20 ड्रॉप्स जर्म डिस्ट्रॉयर एसेंशियल ऑयल 
विधि 
इन दोनों ही इंग्रीडियंट्स को अच्छे से मिलाएं और एक रीयूजेबल सिलिकॉन ट्यूब में इसे स्टोर करके रखें। इसका इस्तेमाल तब करें जब आपको लगे कि आपके हाथ गंदे हैं। 

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स्ट्रॉन्ग हैंड सेनिटाइजर 

यह बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर की तरह ही होता है। इसे आप कमर्शियल वर्जन ही कह सकते हैं मगर, इसमें ट्रिक्लोसन तत्व नहीं मिला होता है। इसलिए यह आपके हाथो के लिए सेफ होता है। अगर आप बहुत ज्यादा डस्ट वाले एरिया में रहती हैं या फिर काम करती हैं तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। 
सामग्री 
  • 1 बड़ा चम्मच रबिंग एल्कॉहल 
  • 1/2 छोटा चम्मच वेजिटेबल ग्लीसरीन 
  • ¼ कप एलोवेरा जैल 
  • 10 ड्रॉप्स दालचीनी एसेंशियल ऑयल 
  • 10 ड्रॉप्स टी-ट्री एसेंशियल ऑयल 
  • डिसटिल वॉटर 
विधि 
इस सैनिटाइजर को बनाने के लिए सबसे पहले एलोवेरा जैल में ग्लीसरीन और एल्कॉहल मिलाएं। इसके बाद इसमें दालचीनी एसेंशियल ऑयल मिलाएं। टी ट्री ऑयल में वैसे तो अपनी खुशबू होती ही है लेकिन अगर आप इसे और खुशबूदार बनाना चाहते हैं तो इसमें  लेमनग्रास, ऑरेंज, लेवेंटर और पिपरमिंट में से किसी भी एक एसेंशियल ऑयल की बूंदें मिश्रण में डालें। इसके बाद आखिरी में डिसटिल वॉटर मिला कर इसे पंप वाली बॉटल में भरें।  जहां एक तरफ अल्कोहल और टी ट्री ऑयल के मिश्रण के कारण इस सेनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथ के सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। वहीं इसमें मिले एलोवेरा जैल से हथेलियां मुलायम हो जाती हैं।एक बार इसे घर पर बना लेने के बाद आप कभी भी बाज़ार से सैनेटाइजर नहीं खरीदेंगें।

बुधवार, 11 मार्च 2020

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Virus infection) से जूझते चीन (China) के लिए भारत से राहत भरी खबर है। बिहार के गया में आयोजित मगध होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन (Magadh Homeopathic Medical Association) के 17वें सेमिनार (Seminar) में जमशेदपुर के सीनियर होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर  व सिंहभूम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Jamshedpur Homeopathic Medical College) के प्राचार्य (Principal) डॉ. कुलवंत सिंह (Dr. Kulwant Singh) ने दी है। उन्‍होंने बताया कि वायरस से सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक अल्बम-30 (Arsenic Album 30) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा सुरक्षा के लिए इस्‍तेमाल के अलावा रोग होने पर भी इस्तेमाल की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को किया अधिसूचित
उन्होंने बताया कि हाल ही में आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों के साथ इसपर चर्चा की गई। उसके बाद आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को आयुष मंत्रालय ने अधिसूचित किया है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं कोरोना वायरस के लक्षण
डॉ. कुलवंत सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं। इसमें सर्दी-जुकाम, नाक बहना और तेज बुखार, उल्टी जैसी तकलीफें होती हैं। इसमें होम्योपैथ की आर्सेनिक अल्बम-30 दवा दी जा सकती है। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह बहुत पुरानी दवा है। करीब ढाई सौ वर्ष पहले इस दवा को ईजाद किया गया था।

डॉक्‍टर की सलाह पर ऐसे ली जा सकती दवा
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड ने माना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में होम्योपैथ की दवा 'आर्सेनिक एल्बम-30’ कारगर है। यह दवा डॉक्‍टर की सलाह पर तीन दिन तक खाली पेट ली जा सकती है। संक्रमण कायम रहने पर एक माह बाद दोबारा दवा ली जा सकती है। 
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इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा

इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा:-

साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले:-

(1) *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी,खाँसी,जुकाम, बदनदर्द,कमर-दर्द, पेट दर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए !

(2) *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो कर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

(3) *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रख कर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रख कर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

(4) *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है,गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

(5) *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

(6) *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

(7) *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

(8) *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

(9) *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

(10) *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।
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(11) *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

(12) *सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-*

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिल बट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

(13) *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

(14) *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

(15) *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

(16) *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

(17) *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिला कर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

(18) *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कम जोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त,ज्वर,उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

(19) *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दाल चीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

(20) *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम काली-मिर्च का चूर्ण मिला कर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिला कर खाएँ।

(21) *श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-*

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डाल कर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

(22) *अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-*

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिला कर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

(23) *कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-*

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

(24) *घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-*

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

(25) *पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-*

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

(26) *खुजली की घरेलू दवा:-*

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

(27) *मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-*

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

(28) *बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-*

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

(29) *चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-*

टेसू के फूल को सुखा कर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

(30) *माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-*

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

(31) *गले में खराश के लिये जीरा:-*

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

(32) *सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-*

एक ग्राम पिसी दाल चीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

(33) *टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-*

एक प्याला (200 मिली ली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

(34) *ल्यूकोरिया से मुक्ति:-*

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी,चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

(35) *मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-*

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिला कर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

(36) *मधुमेह के लिये काली चाय:-*

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

(37) *उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-*

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

(38) *माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-*

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

(39) *अपच के लिये चटनी:-*

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

(40) *मुहाँसों से मुक्ति:-*

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

(41) *जलन की चिकित्सा चावल से:-*

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

(42) *दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

(43) *विष से मुक्ति:-*

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

(44) *खाँसी में प्याज:-*

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

(45) *स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा:-*

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

(46) *पेट साफ रखे अमरूद:-*

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

(47) *पपीते के बीज के स्वास्थ्य हमारा:-*

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

(48) *मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-*

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

(49) *सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-*

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

(50) *भोजन से पहले अदरक:-*

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी
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