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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया #corona


अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा  रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। 
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सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। 
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जिंदा रहे तो हथाई भी होगी जोधपुर शहर की आदत है हथाई करने की। वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। 
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क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो 
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे। 
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
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क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है। 
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे  पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। 
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 जोधपुर राजस्थान का एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक।
#corona
www.sanwariya.org 
www.sanwariyaa.blogspot.com

कोरोना महामारी अथवा साज़िश (विस्तृत रिपोर्ट) सारा खेल समझे

कोरोना महामारी अथवा साज़िश (विस्तृत रिपोर्ट) सारा खेल समझे
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आज संसार भयभीत है कि कोरोना से उसका बचाव कैसे हो, पर क्या आप वास्तव में भयभीत हैं? अथवा आपको भयभीत होने पर मज़बूर किया जा रहा है भविष्य के व्यवसाय को सुरक्षित करने हेतु, आइये कुछ चरणों में इसे जानने का प्रयत्न करते हैं|

क्या है कोरोना:- कोरोना जैसे लगभग ३२०००० वायरस/बैक्टीरिया संसार में हम सबके आस पास रहते हैं और जब कभी भी हमें कोई फ्लू होता है तो वो इनकी ही वजह से होता है, साधारणतः फ्लू उचित भोजन लेने से तीन दिन में स्वतः ही समाप्त हो जाता है| कोरोना भी इसी प्रकार का एक फ्लू है जो किसी भी उत्तम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले को कुछ हानि नहीं पहुंचा सकता| २-४ दिन पूर्व ही "New England Journal of Medicine" ने एक पेपर पब्लिश करके बताया है कि कोरोना से मृत्यु का खतरा मात्र ०.१% है अर्थात १००० लोगों को यदि कोरोना हो तो मात्र एक कि मृत्यु होगी अतः ये साधारण सर्दी-जुकाम-बुख़ार की भांति ही है|

यदि यह साधारण फ्लू ही है तो इतना हल्ला क्यूँ:- दरअसल जिसे आप महामारी समझ रहे हैं वास्तव में वो एक व्यवसायिक संधि है जो अमेरिका और चीन के बीच में हुई है, संधि का आधार है कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने हेतु जो भी उपकरण अथवा दवाइयां अभी अथवा भविष्य में बिकेंगी उनका लाभ चीन और अमेरिका में आपस में बांटा जायेगा और इन सबका निर्माण वो ही पेटेंट कानून के आधार पर कर पाएंगे| अभी आपको ये गप्प लगेगी पर इसकी असलियत जानने हेतु मैं आपको कुछ पीछे ले जाना चाहता हूँ, १९८४ में इसी प्रकार से अमेरिका ने अफवाह फैलाई एचआईवी वायरस की और लोगों को इतना डरा दिया कि यदि किसी पीड़ित का हाथ छू गया, रुमाल छू गया तब भी यह फ़ैल जाएगा| चारों ओर बस एचआईवी का ही भय था और इसी बीच उस समय इन लोगों ने जांच हेतु उपकरण और बचाव हेतु खूब वस्तुएं बेंची, उपरांत इसका टीका बना दिया जो कि अब हर बच्चे को पैदा होने के कुछ समय में ही लगा दिया जाता है, डॉक्टर भी प्रायः किसी भी रोग में इसकी जांच करवाते रहते हैं पर इसके पीछे की सच्चाई ये है कि १९८४ से आजतक एक भी कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसमें एचआईवी का वायरस पाया गया हो अथवा किसी की मृत्य एचआईवी से हुई हो, यदि ऐसा कोई शोधपत्र आपके पास हो तो अवश्य हमें उपलब्ध करावें, लोग एड्स से मरे हैं पर इसको एड्स से मत जोड़िए क्यूंकि एड्स एक शारीरिक रोग है और एचआईवी एक वायरस दोनों का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है| स्मृति में रहे कि एचआईवी के लिए अमेरिका और फ़्रांस ने आपस में संधि की थी| इस प्रकार की ही कहानी टीबी की है| ऐसी और भी बीमारियां हैं पर इन दोनों का ही लगभग हर देश प्रतिवर्ष हज़ारों करोड़ का बजट बनाता है और पैसा अमेरिका के पास जाता है क्यूंकि दवाइयों व उपकरण बनाने के पेटेंट उनके पास हैं, यह उनकी सदैव के लिए बनी एक स्थाई आय है| इसी प्रकार का एक बजट कुछ दिनों में कोरोना का बनेगा और उनके अभी हो रहे कुछ आर्थिक नुकसान से लाखों गुना बढ़के उन्हें प्रतिवर्ष मिलने वाले हैं| यह हानि नहीं उनका इन्वेस्टमेंट है लाइफटाइम फिक्स रिटर्न के लिए|

फिर लोग मर कैसे रहे:- आपके मन में प्रश्न होगा कि लोग तो मर रहे हैं, पर कैसे पता चला है कि मरने वाला कोरोना से मरा है| इसकी जांच हेतु बस एक ही परिक्षण होता है जिसे पीसीआर टेस्ट कहते हैं पर संभवतः आपको नहीं पता कि ये जांच प्रामाणिक नहीं है, यह जांच यदि किन्हीं भी १०० स्वस्थ लोगों पर भी की जाएगी तब भी ये उनमें से एक को कोरोना का पॉज़िटिव केस बताएगी क्यूंकि इसके बारे में कहा जाता है कि "PCR test can detect Corona with 99% specificity" और स्वयं इसके निर्माता श्री कैरी मलिस ने कहा था कि "" The PCR test is for genetic sequencing of the virus and not a test for the virus itself". इसके साथ ही यदि आप तमाम देशों में होने वाले परीक्षण और पॉजिटव मिले मामलों का औसत निकालेंगे तो आपको ज्ञात हो जाएगा कि यह किट कैसे कार्य करती है अतः जो लोग मर रहे हैं वो या तो बहुत कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते मर रहे हैं अथवा वो जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर रोग है और वो वृद्ध हैं अथवा उन्हें ज़बरदस्ती कोरोना से मरा बताया जा रहा है| प्रतिवर्ष पूरे विश्व में लगभग १ करोड़ ७० लाख लोग वायरस व बैक्टीरियल इन्फेक्शन से मरते हैं पर उनमें से अधिकांश का बाज़ार बन चुका है अतः उन पर कोई चर्चा नहीं है| उदाहरण हेतु टीबी, टीबी से पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग १५ लाख लोग मरते हैं और इनमें से ५ लाख तो मात्र भारत में ही मरते हैं पर इसके बचाव हेतु आपको कुछ नहीं बताया जाता क्यूंकि इसके हज़ारों करोड़ का बाज़ार बना हुआ है पर कोरोना टीबी की तुलना में बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है पर इसका इतना भयभीत कर देने वाला प्रचार बस इसलिए ही हो रहा है क्यूंकि आप डरेंगे नहीं तो इनकी उपकरण और दवाइयां कौन खरीदेगा? प्रतिवर्ष ऐसे ही बाज़ार खड़े किये जाते हैं कभी स्वाइन फ्लू, कभी बर्ड फ्लू, कभी डेंगू, कभी चिकेनगुनिया, कभी इबोला और कभी कोरोना के नाम पे और इन सबकी दवाएं व उपकरण बनाने के पेटेंट लगभग सदैव अमेरिका के पास ही रहते हैं| क्या आपको लगता है कि ये पहले वाले वायरस - बैक्टीरिया सब कोरोना के भय से कहीं दुबक के बैठ गए हैं नहीं ये भी उतने ही मौजूद हैं बल्कि कोरोना से बहुत अधिक हैं पर उनको इसलिए नहीं दिखाया जा रहा क्यूंकि उनका बाज़ार स्थापित हो चुका है, सरकारें उसका बजट बनाती हैं और सब मिल बांटके खाते हैं| संभवतः अब आपको कुछ खेल समझ आया हो|

फिर क्या करें:- कुछ भी न करिए, सबसे पहले तो भयभीत होना बंद करिये| अपना भोजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता उचित रखिए कभी भी जीवन में ऐसा कोई रोग आपको नहीं लगेगा|

सैनिटाइज़र का उपयोग करें अथवा नहीं:- सेनेटाइजर का उपयोग आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को और दुर्बल कर देगा और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना हर सामान बेचने में बहुत चतुर तो हैं ही साथ में वो एड सेल भी बखूबी करते हैं। देखिए, हमारे हाथों में सदैव विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं जिन्हें विज्ञान की भाषा में फ्रेंडली अर्थात शरीर हेतु मित्र बैक्टीरिया बोला जाता है जो कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाये रखने में सहायतार्थ होते हैं, जब आप सेनेटाइजर का उपयोग करते हैं तो दूषित बैक्टीरिया तो आपके पास पहले ही नहीं होता है पर उसके चक्कर में आपके ये मित्र बैक्टीरिया पूर्ण रूप से समाप्त हो जाते हैं और जिसके कारण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ा आघात लगता है व आप शीघ्र ही बीमार पड़ने लगते हैं और इस प्रकार पहले कंपिनयां आपको सेनेटाइजर बेचती हैं और फिर बाद में वही कंपनियां दवा। दूसरी बात बैक्टीरिया मारने हेतु जो रसायन आपने अपने हाथों में डाला और पश्चात उन्हीं हाथों से कुछ खाया तो निसंदेह वो विष्कारी रसायन आपके शरीर में भी जाएगा जो कि घातक है, क्या आप डिटोल अपने हाथों में चुपड़ के मुंह से चाट सकते हैं??

मास्क पहनें अथवा नहीं:- प्रथम बात तो ये कि यह वायरस वायु में घूमने वाला वायरस नहीं है अतः इसका मास्क से कोई लेना देना नहीं है यह शारीरिक स्पर्श से ही फैलता है दूसरी बात कि यह अथवा कोई भी वायरस इतने सूक्ष्म होते हैं कि वो शरीर के किसी भी छिद्र से भीतर जा सकते हैं यहां तक कि रोमछिद्रों से भी, तो ऐसे में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही आपको बचाएगी कोई सेनेटाइजर अथवा मास्क नहीं, उसको मज़बूत रखिए और आनंद में रहिए|

डिसइंफेक्टेंट डालें अथवा नहीं:- यह एक मूर्खतापूर्ण कृत्य है, ऐसे विषैले पदार्थ डालने से लोगों के ऊपर और भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, आज से लगभग ३० - ४० वर्ष पूर्व टीबी व अन्य संक्रमित रोगों से बचने हेतु प्रतिदिन सरकारों की ओर से डीडीटी का छिड़काव किया जाता था पर अब ३० वर्ष बाद शोध में ये निकल के सामने आया कि उस डीडीटी के छिड़काव के कारण ही पोलियो नामक खतरनाक बीमारी का जन्म हुआ था अतः इन सबसे दूर रहें तो ही उत्तम है|

विशेष नोट - उपरोक्त में से अधिकांश जानकारियां देश विदेश के जाने माने चिकित्सक व जनमानस की भलाई हेतु "एचआईवी सदी का सबसे बड़ा धोखा" व "हार्ट माफिया" जैसी पुस्तकें लिख चुके श्री विश्वरूप रॉय चौधरी जी के वक्तव्यों से ली गयी हैं|


कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला, वजन के मुताबिक पिएं मौसमी जूस और नारियल पानी, सिर्फ 3 दिन में होगा असर -बिस्वरूप रॉय चौधरी

    संक्रमण के लक्षण दिखने पर फॉलो करें 3 दिन का डाइट प्लान,
     ताजा जूस बिना छाने पिएं,डाइट में शामिल करें टमाटर और खीरा

कोरोनावायरस से सिर्फ चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सोमवार तक 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वायरस से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण दिखने पर बचाव के तौर पर डॉक्टरी सलाह लें और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं। मेडिकल न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, संतरा-मौसमी और नारियल पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 दिन में संक्रमण और वायरस को खत्म किया जा सकता है। ध्यान रखें जूस को छानना नहीं है वरना इसमें मौजूद फायबर कम हो जाएंगे। और न ही पैकेज्ड जूस का इस्तेमाल करें। मशहूर न्यूट्रशनिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने भास्कर के साथ शेयर किया 3 दिन का डाइट प्लान जो संक्रमण के असर को कम करेगा।

लक्षण दिखने ही फॉलो करें 3 दिन का प्लान

पहला दिन : सिर्फ जूस और नारियल पानी पीएं

संक्रमण के लक्षण महसूस होने के पहले ही दिन डाइट में संतरा-मौसमी का जूस और नारियल पानी लें। दिनभर में कुल कितने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है, यह अपने वजन के मुताबिक तय करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 10 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 10 से भाग देने पर संख्या 8 आएगी। अब दिनभर में आठ गिलास जूस और 8 गिलास नारियल पानी पीना है।

दूसरा दिन : टमाटर-खीरा शामिल करें

दूसरे दिन डाइट में थोड़ा बदलाव करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 20 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 20 से भाग देने पर संख्या 4 आएगी। अब दिनभर में 4 गिलास जूस और 4 गिलास नारियल पानी पीना है। इसके अलावा अपने वजन को 5 से गुणा करें जितनी संख्या आए उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाना है।

तीसरा दिन : हल्का खाने से शुरुआत करें

दिनभर की डाइट को तीन हिस्सों में बांटें।

ब्रेकफास्ट में केवल जूस और नारियल पानी ही लें। मात्रा कितनी लेनी है, इसके लिए जितना आपका वजन है उसे 30 से भाग दें। जितनी संख्या आए उसे दोगुना करें, इतने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है।

लंच : अपने वजन को 5 से गुणा करें, जितनी मात्रा आती है उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाएं।

डिनर : रात के खाने में घर का पका कम मसाला और कम तेल वाला हल्का भोजन करें।


कैसे काम करता है ये प्लान

डॉ. बिस्वरूप चौधरी के मुताबिक, नारियल पानी और विटामिन-सी से युक्त जूस शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। बुखार के बाद शरीर का बढ़ा हुआ तापमान सामान्य करता है। संक्रमण के असर को घटाता है।

क्यों आसानी से फैलता है संक्रमण

दुनिया में 3 लाख 20 हजार ऐसे वायरस हैं जो हमेशा से इंसानों को संक्रमित करते आए हैं, इनसे से 209 को पहचानकर नाम दिया गया है। कोरोनोवायरस उनसे से भी एक है। वायरस कोई भी हो ये तभी आसानी से संक्रमित करते हैं जब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे लड़ने के लिए सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी बढ़ाएं क्योंकि बचाव ही बेहतर इलाज है।


https://youtu.be/sk7F2YgiYRs

आशा है कि हमारे ये लेख आपको इन वैश्विक प्रोपगंडा से बचा पाएगा और आप एक भयभीत नहीं बल्कि मज़बूत इंसान बन पाएंगे| जय हिन्द|

गुरुवार, 19 मार्च 2020

कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया #corona

अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा  रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। 
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सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। 
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जिंदा रहे तो हथाई भी होगी जोधपुर शहर की आदत है हथाई करने की। वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। 
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क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो 
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे। 
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
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क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है। 
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे  पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। 
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 जोधपुर राजस्थान का एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक।
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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है

बाजार में सैन‍िटाइजर की कीमतें आसमान छू रही है तो आप हाथों की सफाई के लिए घर पर भी हैंड सैन‍िटाइजर बना सकते है। आइए जानते हैं तो कैसे बनाएं होममेड सैन‍िटाइजर। वो भी सिर्फ 3 चीजों की मदद से। ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल है और सुरक्षित है। आइए जानते हैं कैसे बनाएं। 
बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल सेंटर फॉर ड‍िजीज कंट्रोल और प्रिवेशन नें कोरोना वायरस ने बचने के ल‍िए अल्‍कोहल युक्‍त हैंड सेन‍िटाइजर का यूज करने के ल‍िए कहा है। वो भी ऐसा सैन‍िटाइजर जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्‍कोहल होना जरुरी है। बाजार के सैन‍िटाइजर में अल्‍कोहल होता है। लेक‍िन जरुरी नहीं है क‍ि ये आपको सूट करें। इसल‍िए यहां नेचुरल सैन‍िटाइजर बनाने की विधि सीखें। 
 
डब्‍लूएचओ ने जारी की एडवाइजरी ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र 
 
 घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है 
और इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ़ 3 सामानों की ज़रूरत पड़ेगी। सामग्री: 
1. वोडका (सबसे सस्ती वाली भी चलेगी) 
2. एलोवेरा जेल 
3. एसेंशियल ऑयल 
इसके साथ ही प्लास्टिक या कांच की नई और साफ़ बोतल की भी ज़रुरत पड़ेगी। तरीका- तरीका- सबसे पहले प्लास्टिक/कांच की बोतल में 2/3 तक वोडका भरें। वोडका में 35 से 40 परसेंट एल्कोहल होता है। एल्कोहल का इस्तेमाल मेडिकल औज़ारों तक को साफ़ करने के लिए किया जाता है। अब इसमें कुछ बूंद एसेंशियल ऑयल की डालें। मार्केट में तरह-तरह के एसेंशियल ऑयल जैसे पेपरमिंट, टी-ट्री, लेमन और लैवेंडर आदि। आप अपनी पसंद की खुशबू के हिसाब से ये एसेंशियल ऑयल चुन सकते हैं। अब आखिर में इसमें डालें एलोवेरा जेल। आपको अपना सैनिटाइज़र कितना गाढ़ा रखना है, उस हिसाब से आप इसमें एलोवेरा जेल मिला सकते हैं। एलोवेरा जेल डालने का मकसद ये है कि बार-बार इस्तेमाल से एल्कोहल आपके हाथों को बहुत ड्राय कर देता है। ऐसे में एलोवेरा जेल आपके हाथों को सॉफ़्ट रखने में मदद करता है। इन तीनों को मिलाकर आप एक बोतल में बंद कर दें।

ऐसे करें इस्‍तेमाल
अगर आप सही तरीके से हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं, तो ये आपको तमाम बीमारियों और त्वचा रोगों से बचाता है। जब भी आप घर से बाहर हों, तो कुछ भी खाने या मुंह को छूने से पहले अपने हथेली के बीच के हिस्से में इस होममेड नैचुरल सैनिटाइजर को 2 बार स्प्रे करें। अब अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें, ताकि हथेली के बैक्टीरिया साफ हो जाएं। इसके बाद हथेली के पिछले हिस्सों को रगड़ें, ताकि पूरा हाथ साफ हो जाए। जरूरत हो तो आप 1-2 स्प्रे और कर सकते हैं। घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे बाजार में मिलने वाले हैंड सैनिटाइजर में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। कई वैज्ञानिक रिसर्च करके इस बारे में बता चुके हैं कि केमिकलयुक्त सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ता है। घर पर बना ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए सिर्फ प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है।

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने की सामग्री-
  • एलो वेरा जेल
  • टी ट्री ऑइल- 3 बूंद
  • लेवेंडर ऑइल - 4 बूंद
  • स्‍क्‍वीज बॉटल
बनाने का तरीका-
  1. सबसे पहले एक स्‍क्‍वीज बॉटल में एलो वेरा जेल डालें। बॉटल को पूरा ऊपर तक न भरें।
  2. अगर एलो वेरा जेल बेहद गाढा है तो फिर आप उसमें रोज वॉटर मिला सकती हैं।
  3. उसके बाद इसमें 5 बूंद टी ट्री ऑइल की मिलाएं। (यह बैक्‍टीरिया और वायरस का खात्‍मा करने के लिये बेस्‍ट है)
  4. अब इसमें 6-7 बूंद लेवेंडर ऑइल मिक्‍स करें।
  5. बॉटल को बंद करें और अच्‍छी तरह से शेक कर लें, जिससे सारी चीजें मिक्‍स हो जाएं।

उपयोग करने के फायदे-
ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बिना हल्‍कोहल और कैमिकल के तैयार किया जा सकता है। जिसमें टी ट्री ऑइल की प्रॉपर्टीज हाथों के जर्म्‍स का खात्‍मा करेगी। यही नहीं इसे लगाने से हाथ भी बिल्‍कुल ड्राई नहीं होंगे।

लीजिये आपका होममेड हैंड सैनिटाइजर बन कर तैयार है। आप इसे आराम से अपनी पॉकेट में या पर्स में कैरी कर सकती हैं। यह हाथों पर बेहद सॉफ्ट है और खुशबूदार है।

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