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बुधवार, 15 अप्रैल 2020

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)।

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है। 
           आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक। 
            स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं। 
          सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है।
सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं। 
          सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
            सहजन के फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है। इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। 
          सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उल्टी-दस्त भी रोकता है। ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है|
इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम मिलता है। 
            सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है, इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं। 
          सहजन के बीज से पानी को काफी हद तक शुद्ध करके पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को चूर्ण के रूप में पीसकर पानी में मिलाया जाता है। पानी में घुल कर यह एक प्रभावी नेचुरल क्लोरीफिकेशन एजेंट बन जाता है। यह न सिर्फ पानी को बैक्टीरिया रहित बनाता है, बल्कि यह पानी की सांद्रता को भी बढ़ाता है।
            कैंसर तथा शरीर के किसी हिस्से में बनी गांठ, फोड़ा आदि में सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। यह काढ़ा साइटिका (पैरों में दर्द), जोड़ों में दर्द, लकवा, दमा, सूजन, पथरी आदि में भी लाभकारी है |
            सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द तथा दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है। आज भी ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि सहजन के प्रयोग से वायरस से होने वाले रोग, जैसे चेचक आदि के होने का खतरा टल जाता है। 
           सहजन में अधिक मात्रा में ओलिक एसिड होता है, जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। यह शरीर के कई रोगों से लड़ता है। यदि सर्दी की वजह से नाक-कान बंद हो चुके हैं तो, सहजन को पानी में उबालकर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होती है। सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है, इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है, गर्भवती महिला को इसकी पत्तियों का रस देने से डिलीवरी में आसानी होती है।
           सहजन के फली की हरी सब्जी को खाने से बुढ़ापा दूर रहता है इससे आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है। सहजन को सूप के रूप में भी पी सकते हैं,  इससे शरीर का खून साफ होता है। 
            सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी के अलावा यह बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवणों से भरपूर होता है, यह मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। 
            कैसे बनाएं सहजन का सूप? 
सहजन की फली को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं। दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख देते हैं, जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन की फली के टुकड़े डाल देते हैं, इसमें सहजन की पत्तियां भी मिलाई जा सकती हैं, जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकालकर ऊपरी हिस्सा अलग कर लेते हैं, इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीना चाहिए। 
           १. सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है। 
           २. सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है। 
          ३. सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है, इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं। 
          ४. अस्थमा की शिकायत होने पर भी सहजन का सूप पीना फायदेमंद होता है. सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है। 
          ५. सहजन का सूप खून की सफाई करने में भी मददगार है, खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है। 
          ६. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भी सहजन के सेवन की सलाह दी जाती है।

उधार का अमीर

" उधार  का अमीर "  100 नम्बर की एक गाड़ी मेन रोड पर एक दो मंजिले मकान के बाहर आकर रुकी।
कांस्टेबल हरीश को फ़ोन पर यही पता लिखाया गया था।पर यहां तो सभी मकान थे। यहां पर खाना किसने मंगवाया होगा?
यही सोचते हुए हरीश ने उसी नम्बर पर कॉल बैक की।
"अभी दस मिनट पहले इस नम्बर से भोजन के लिए फोन किया गया था।आप जतिन जी बोल रहे हैं क्या? हम मकान न0 112 के सामने खड़े हैं, कहाँ आना है।"
दूसरी तरफ से जबाब आया ,"आप वहीं रुकिए, मैं आ रहा हूं।"
एक मिनट बाद 112 न0 मकान का गेट खुला और करीब पैंसठ वर्षीय सज्जन बाहर आए।
उन्हें देखते ही हरीश गुस्से में बोले,"आप को शर्म नही आई, इस तरह से फोन करके खाना मंगवाते हुए,गरीबों के हक का जब *आप जैसे अमीर* खाएंगे तो गरीब तक खाना कैसे पहुंचेगा।"
मेरा यहां तक आना ही बर्बाद गया।"
साहब !  ये शर्म ही थी जो हमें यहां तक ले आयी।
सर्विस लगते ही शर्म के मारे लोन लेकर घर बनवा लिया।आधे से ज्यादा सेलरी क़िस्त में कटती रही और आधी बच्चों की परवरिश में जाती रही।
अब रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन नही थी तो मकान का एक हिस्सा किराये पर दे दिया।अब लाक डाउन के कारण किराया भी नही मिला।बेटे की सर्विस न लगने के कारण जो फंड मिला था उससे बेटे को व्यवसाय करवा दिया और वो जो भी कमाता गया व्यवसाय बड़ा करने के चक्कर में उसी में लगाता गया और कभी बचत करने के लिए उसने सोचा ही नही।  अब  20 दिन से वो भी ठप्प है।पहले साल भर का गेंहू -चावल भर लेते थे पर बहू को वो सब ओल्ड फैशन लगता था तो शर्म के मारे दोनो टँकी कबाड़ी को दे दीं।अब बाजार से दस किलो पैक्ड आटा और पांच किलो चावल ले आते हैं।राशन कार्ड बनवाया था तो बच्चे वहां से शर्म के मारे राशन उठाने नही जाते थे कि कौन लाइन लगाने जाय इसलिए वो भी निरस्त हो गया।जन धन अकाउंट हमने ही बहू का खोलवा दिया था ,पर उसमें एक भी बार न तो जमा हुआ न ही निकासी हुई और खाता बन्द हो गया।इसलिये सरकार से आये हुए पैसे भी नही निकाल सके।मकान होने के कारण शर्म के मारे किसी सामाजिक संस्था से भी मदद नही मांग सकते थे।कल से जब कोई रास्ता नहीं दिखा और सुबह जब पोते को भूख से रोते हुए देखा तो सारी शर्म एक किनारे रख कर 112 डायल कर दिया।इन दीवारों ने हमको अमीर तो बना दिया साहब ! पर अंदर से खोखला कर दिया।मजदूरी कर नहीं सकते थे और आमदनी इतनी कभी हुई नही की बैंक में इतना जोड़ लेते की कुछ दिन बैठकर जीवन व्यतीत कर लेते।आप ही बताओ ! मैं क्या करता।कहते हुए जतिन जी फफक पड़े।
हरीश को समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोले।वो चुपचाप गाड़ी तक गया और लंच पैकेट निकालने लगा। तभी उसे याद आया कि उसकी पत्नी ने कल राशन व घर का जो भी सामान मंगवाया था वो कल से घर न जा पाने के कारण  डिग्गी में ही पड़ा हुआ है।उसने डिग्गी खोली, सामान निकाला और लंच पैकेट के साथ साथ सारा सामान जतिन के गेट पर रखा और बिना कुछ बोले गाड़ी में आकर बैठ गया।गाड़ी फिर किसी ऐसे ही भाग्यहीन अमीर का घर ढूंढने जा रही थी। ये आज के मध्यम वर्ग की वास्तविक स्थिति है।

33 वर्षों बाद दूरदर्शन पर सुबह 9:00 बजे रामायण के प्रसारण के साथ ही सोशल मीडिया पर रामायण ट्रेंड करने लगी जबकि कोरोनावायरस सोशल मीडिया में पिछड़ गया|

दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय टीवी धारावाहिक रामानंद सागर कृत रामायण के बारे में सोशल मीडिया व अन्य स्रोतों से मुझे जो पता चला है उनमें से कुछ महत्वपूर्ण रोचक बातें आपके साथ साझा कर रहा हूं।

1- रामानंद सागर कृत रामायण” को “MYTHOLOGICAL SERIAL”के रुप में जून 2003 को लिमका बुक रिकार्ड में नाम दर्ज कर लिया गया था ।

2-रामायण में जब जूनियर कलाकारों की जरूरत पड़ती थी तो ढोल नगाड़े बजाकर गांव गांव जाकर कलाकार भर्ती किए जाते थे

3- पाँच महाद्वीपों में दिखाई जाने वाली रामायण को विश्व भर में 65 करोड़ से ज्यादा दर्शकों ने देखा था।

4-हर हफ्ते रामायण की ताजा कैसेट्स दूरदर्शन ऑफिस पर भेजे जाते थे कहीं बाहर तो यह कैसेट प्रसारण से आधे घंटे पहले ही दफ्तर पहुंचते थे।

5-जब रामायण में रावण की मृत्यु होती है तो रावण का पात्र अरविंद त्रिवेदी के गांव में शोक मनाया जाता है।

6- रामायण” भारत का पहला एकमात्र ऐसा धारावाहिक था । जो 45 मिनट Broadcast  होता था । बाकी अन्य सिरियल 30 मिनट ही प्ले होते थे वो भी विज्ञापन के साथ ।
7-  भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त “रामायण” का पहला ऐपीसोड भारतीय सरकारी चैनल “दुरदर्शन” पर 24 जनवरी 1987 को प्रसारित किया गया था ।

8-सुचना प्रसारण विभाग के सर्वे मे पाया गया कि रामायण धारावाहिक जब शुरू होता था । तो भारत के 99% टी.वी. पर प्रसारित होता था ।
9-  “रामायण” भारत का एकलोता टी.वी. धारावाहिक था । जिस दौरान पब्लिक ट्रान्सपोर्ट जाम हो जाता था ।

10-भारत के कुछ हिस्सों में “रामायण” ऐपीसोड आने के समय से पहले लोग अपने जुते-चप्पल उतार देते थे । वे उन्हे भगवान का पुरा दर्जा देते थे ।

11-  एक भारतीय ने रामानंद सागर जी को पांच हजार का चैक और एक पत्र भेजा था । उस पत्र में लिखा था कि मै अपनी बेटी को दहेज में रामायण की टेप देना चाहता हु ।
12- रामायण को स्पोन्सर्स करने के लिये सभी भारतीय प्रोड्यूर्सस ने साफ मना कर दिया था । फिर रामानंद सागर ने खुद स्पोन्सर्स किया । औऱ जबर्दस्त हिट हुआ ।

13-  रामायण के सभी ऐपीसोड “उमरगाव” स्टूडियो में शुट हुये थे । जो मुम्बई से लगभग 15 मिल कि दुरी पर था । जो स्पेशल रामायण के लिये ही किराये पर लिया गया था ।

14-  रामानंद सागर जी ने टीम के 150 सभी कार्यकर्ताओं के लिये रामायण की शुटिग के दौरान शाकाहारी भोजन बनवाया था ।

15-  भारत के कुछ हिस्सो के मन्दिरो में रामायण के मुख्य कलाकार अरुण गोविल (राम) व दिपिका चिखालिया (सीता) के फोटो लगे है ।
16-  रामानंद सागर जी कि रामायण करने के बाद अरुण गोविल (राम) ने नशीले पदार्थो शराब, बीडी-सिगरेट, पान-मसाला का सेवन त्याग दिया था ।
17- अरुण गोविल (राम) को स्वर्गीय “राजीव गांधी” ने इलाहाबाद से कॉग्रैस पार्टी से चुनाव लडने के लिये कहा था । लेकिन गोविल (राम) ने ये कहकर मना कर दिया था कि ‘ये मेरी राम भगवान की इमेज को खराब कर देगा ।
18-  अरुण गोविल(राम) व दिपिका चिखालिया(सीता) को जब किसी प्रोग्राम के लिये शिरकरत करने के लिये बुलाया जाता था तो लोग उनके पैर छूकर आर्शिवाद लेते थे ।
19-  वर्तमान में दिपिका चिखालिया (सीता) अपने पति हेमन्त टोपीवाला कि कॉस्मेटिक कम्पनी में मार्केटिंग हेड के रुप में काम करती है । दीपिका चिखलिया जल्द ही सरोजनी नायडू की बायोपिक में नजर आ सकती है यह स्वयं उन्होंने ही बताया
20- अरुण गोविल (राम) और सुनील लहरी (लछ्मण) मिलकर मुम्बई मे राम-लछ्मण प्रोडक्शन हाउस के नाम से अपनी प्रोडक्शन कम्पनी चला रहे है।

21-संगीत की दुनिया की सरताज रविंद्र जैन जी को रामायण ने कर दिया था अमर घर घर में घुसने लगी थी उनकी आवाज

22- 78 एपिसोड पूरे होने के बाद दर्शकों ने लव कुश की मांग की इस पर रामानंद सागर ने पहले ही कह दिया था कि वह काल्पनिक होगा। और इस सीरियल पर वाद विवाद होने के कारण रामानंद सागर पर 10 साल का कोर्ट केस भी चला

23-आज भी 33 वर्षों बाद दूरदर्शन पर सुबह 9:00 बजे रामायण के प्रसारण के साथ ही सोशल मीडिया पर रामायण ट्रेंड करने लगी जबकि कोरोनावायरस सोशल मीडिया में पिछड़ गया|

        🙏🙏 *जय श्री राम* 🙏🙏

जानिए आरोग्य सेतु एप्प क्या हैं...इसे install करना क्यों आवश्यक हैं

जानिए आरोग्य सेतु एप्प क्या हैं इसे install करना क्यों आवश्यक हैं...

आपमें से बहुतों ने इनस्टॉल किया पर आपको लगा कि बकवास हैं...
इसे आपने uninstall भी कर दिया होगा मैंने भी दो तीन बार install किया.. फिर हटा दिया पर मोदी जी ने फिर से बोला तो सोचना पड़ा | ये जरूर कोई बहुत बड़ी चीज हैं आप भी फिर से आरोग्य सेतु एप को install कीजिए  मोदी जी ने चार बार आपसे निवेदन किया है...

1. आरोग्य सेतु क्या है?
आरोग्य सेतु भारत सरकार द्वारा विकसित की गई डिजिटल सेवा, मुख्य रूप से मोबाइल एप्लीकेशन है और जिसका उद्देश्य COVID-19 संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं को भारत के लोगों से जोड़ना है. इसे लोगों को COVID-19 के संभावित जोखिम और स्वस्थ रहने के लिए अपनाई जाने वाली अच्छी आदतों के साथ-साथ उन्हें COVID-19 महामारी के बारे में प्रासंगिक और उचित मेडिकल परामर्श देकर भारत सरकार के कदमों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है.

2. मुझे आरोग्य सेतु का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए?
भारत में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए आरोग्य सेतु सभी भारतीयों को एकजुट करने का एक प्रयास है. आरोग्य सेतु अपनी सामान्य गतिविधियों के दौरान आपके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का विवरण रिकॉर्ड करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का इस्तेमाल करता है, ताकि बाद में कभी उनमें से कोई व्यक्ति COVID-19 पॉजिटिव पाया जाता है, तो आपको सूचित किया जा सके और आपके लिए प्रोऐक्टिव मेडिकल सहायता की व्यवस्था की जा सके. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए, यह ज़रूरी है कि ऐसे लोगों को मेडिकल सहायता और सलाह दी जाए, जो संभवतः जोखिम में हैं, खासतौर पर एसिम्प्‍टोमैटिक लोग को यानी कि वे लोग जो संक्रमण के संपर्क में आए हैं, लेकिन अभी तक उनमें लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के ज़रिए आरोग्य सेतु संभावित जोखिम के संक्रमण की जल्दी पहचान और रोकथाम को संभव बनाता है,और इस तरह से यह आपकी, आपके परिवार और आपके समुदाय की ढाल के रूप में काम करता है. इसके अलावा, जब आप आरोग्य सेतु ऐप पर अपने लक्षण और आपकी लोकेशन की जानकारी के साथ सेल्फ असेसमेंट टेस्ट करते हैं, तो भारत सरकार को ऐसे हॉटस्पॉट को पहचानने में मदद मिलती है, जहां बीमारी अपने शुरुआती दौर में फैल रही होगी और उसके ज़्यादा फैलाव को रोका जा सकता हो

3. मैं आरोग्य सेतु का इस्तेमाल कैसे शुरू करूं?
अपने स्मार्टफोन पर आरोग्य सेतु इस्तेमाल करने के लिए, आपको प्लेस्टोर (एंड्रॉयड डिवाइस के लिए) या ऐप स्टोर (iOS डिवाइस के लिए) से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा. इसके अलावा आप इस लिंक से भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं: https://web.swaraksha.gov.in/in/ जियो फोन (KaiOS) में डाउनलोड करने के लिए इस ऐप का वर्ज़न जल्द ही उपलब्ध होगा. ऐप इंस्टॉल करने के बाद, यह खुद को रजिस्टर करने के लिए ऑनबो​र्डिंग की प्रक्रिया के बारे में गाइड करेगा. यूज़र से ब्लूटूथ चालू करने और अपनी लोकेशन शेयरिंग को “हमेशा” पर रखने का अनुरोध किया जाता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आरोग्य सेतु आपकी और आपके समुदाय के हित के लिए काम कर सके. स्क्रीन के अनुसार डेमो के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं.

4. आरोग्य सेतु के प्रमुख फीचर क्या हैं?
आरोग्य सेतु के प्रमुख फीचर हैं:
- ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके ऑटोमैटिक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
- ICMR दिशानिर्देशों पर आधारित सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट
- COVID-19 संबंधी अपडेट, सलाह और सर्वश्रेष्ठ आदतें
- ई-पास का इंटीग्रेशन
- टेलीमेडिसिन और वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा (जल्द उपलब्ध होगी)

5. आरोग्य सेतु पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कैसे काम करता है?
आपके फोन पर आरोग्य सेतु ऐप उन डिवाइस का पता लगाता है, जिन पर आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल है, जो आपके फोन की ब्लूटूथ सीमा मे आते हैं. जब ऐसा होता है, दोनों फोन इस संपर्क, जिसमें समय, दूरी, लोकेशन और अवधि शामिल है, का डिजिटल हस्ताक्षर सुरक्षित रूप से एक्सचेंज करते हैं. दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में, अगर आप पिछले 14 दिनों में जिन लोगों के संपर्क में आए हैं और उनमें से कोई व्यक्ति COVID-19 पॉजिटिव ​होता है, तो ऐप आपके संपर्क की अवधि और निकटता के आधार पर आपका जोखिम कैलकुलेट करता है और उपयुक्त सुझाव देता है, जो आपकी होम स्क्रीन पर दिखाई देते हैं. आवश्यतानुसार उपयुक्त मेडिकल सहायता देने के लिए, भारत सरकार आपके संक्रमण के अपडेटेड जोखिम का विश्लेषण करती है.

6. आरोग्य सेतु ऐप पर सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट कैसे काम करता है?
ICMR दिशानिर्देंशों पर आधारित सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट, आपके द्वारा रिपोर्ट किए गए लक्षणों और हाल ही की यात्रा, आयु व लिंग जैसी अन्य संबंधित जानकारी के आधार पर COVID-19 संक्रमण की संभावना का मूल्यांकन करता है. मूल्यांकन ऐप पर किया जाता है और परिणाम हरा, पीला या नारंगी रंग के रूप में तुरंत आपको बता दिए जाते हैं, जो संक्रमण की बढ़ती हुई संभावनाओं को दर्शाते हैं. आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, अगर आपके संक्रमित होने की संभावना होती है, तो ऐप आपके सेल्फ-असेसमेंट के परिणाम अपलोड और शेयर करने के लिए आपकी सहमति मांगता है, ताकि भारत सरकार उचित मेडिकल और प्रशासनिक उपाय कर सके.

7. आरोग्य सेतु मेरे संक्रमण का जोखिम कैसे कैलकुलेट करता है?
हर बार जब भी आप आरोग्य सेतु यूज़र के संपर्क में आते हैं, तो आपका ऐप इस संपर्क, जिसमें समय, दूरी, लोकेशन और अवधि शामिल है, का डिजिटल हस्ताक्षर रिकॉर्ड करता है. आप जिन लोगों के संपर्क में आए हैं, अगर बाद में कभी भी उनमें से कोई भी व्यक्ति COVID-19 पॉजिटिव होता है, तो आरोग्य सेतु ऐप उस व्यक्ति के साथ आपके संपर्क की अवधि और निकटता के आधार पर COVID-19 के संक्रमण का जोखिम कैलकुलेट करता है और नोटिफिकेशन के ज़रिए और होम स्क्रीम पर अपडेट करके, आवश्यकतानुसार, संक्रमण का जोखिम आपको बताता है. आगामी कॉन्टैक्ट के आधार पर यह संभावना और सटीक होती जाती है. आवश्यतानुसार उपयुक्त मेडिकल सहायता देने के लिए, भारत सरकार आपके संक्रमण के अपडेटेड जोखिम का विश्लेषण करती है.

8. आरोग्य सेतु ऐप पर होम स्क्रीन के अलग-अलग रंग क्या दर्शाते हैं?
संक्रमण के बढ़ते जोखिम को दर्शाने के लिए होम स्क्रीन को चार कैटेगरी में बांटा गया है: हरा, पीला, नारंगी और लाल.
- हरा: आपकी स्क्रीन पर हरा रंग बताता है कि संक्रमण का आपका जोखिम कम है: आप ऐसे किसी भी व्यक्ति से नहीं मिल हैं जो COVID-19 पॉजिटिव है या सेल्फ-असेसमेंट के दौरान आप में COVID-19 से संबंधित कोई लक्षण और स्थिति नहीं दिखाई दी है या दोनों.
- पीला: आपकी स्क्रीन पर पीला रंग संक्रमण के मध्यम जोखिम को दर्शाता है:
  • आप ऐसे किसी भी व्यक्ति से नहीं मिले हैं, जो COVID-19 पॉजिटिव है या
  • हो सकता है कि आप ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो COVID-19 पॉजिटिव है, लेकिन आपका संवाद सीमित था और सामाजिक दूरी थी या
  • सेल्फ-असेसमेंट के दौरान, आप में COVID-19 से संबंधित एक स्थिति दिखाई दी है.
-नारंगी: आपकी स्क्रीन पर नारंगी रंग संक्रमण के उच्च जोखिम को दर्शाता है:
  • आप हाल ही में ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो COVID-19 पॉजिटिव है या
  • सेल्फ-असेसमेंट के दौरान, आप में COVID-19 से संबंधित लक्षण और/या ​ स्थिति दिखाई दी है.
-लाल: आपकी स्क्रीन पर लाल रंग बताता है कि आप COVID-19 पॉजिटिव हैं. होम स्क्रीन पर ऊपर वर्णित चारों कैटेगरी के लिए जानकारी और सलाह इकट्ठी की गई है.

9. कोई व्यक्ति COVID-19 पॉजिटिव है, यह आरोग्य सेतु को कैसे पता चलता है?
आरोग्य सेतु अभी यूज़र को खुद को COVID-19 पॉजिटिव चिह्नित करने की अनुमति नहीं देता है. जब कोई व्यक्ति COVID-19 पॉजिटिव पाया जाता है, तो टेस्टिंग लैब यह जानकारी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) - COVID-19 टेस्टिंग के लिए नोडल सरकारी एजेंसी के साथ साझा करती है. ICMR सुरक्षित एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (API) के ज़रिए आरोग्य सेतु सर्वर पर COVID-19 पॉजिटिव लोगों की सूची साझा करती है. अगर COVID-19 पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति ने आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल किया हुआ है, तो सर्वर फिर ऐप का स्टेटस अपडेट करता है और उस व्यक्ति की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करता है.

10. अगर मेरा पड़ोसी COVID-19 पॉजिटिव होता है, तो मेरा ऐप उसके ऐप से ब्लूटूथ से कनेक्ट है, इस बात का मतलब यह है कि मुझे भी COVID-19 पॉजिटिव चिह्नित किया गया है, भले ही मैं घर के अंदर ही रहा/रही हूं और कभी भी फिजिकली उसके संपर्क में नहीं आया/आई हूं?
जो व्यक्ति बाद में COVID-19 पॉजिटिव होता है, उससे आपके संपर्क के आधार पर, आरोग्य सेतु, संक्रमण के संभावित जोखिम को कैलकुलेट करता है. आरोग्य सेतु केवल तभी किसी व्यक्ति को COVID-19 पॉजिटिव चिह्नित करता है, जब यह जानकारी ICMR से प्राप्त हुई हो. अगर आपका ऐप ब्लूटूथ के ज़रिए आपके पड़ोसी से कनेक्ट है, और आपका पड़ोसी COVID-19 पॉजिटिव है, तो आरोग्य सेतु इस ब्लूटूथ संपर्क का विश्लेषण करेगा. आपके पड़ोसी का पॉजिटिव पाया जाना आपको जोखिम में डाल सकता है, अगर आप अपने पड़ोसी के सीधे संपर्क में आए हैं यानी पर्याप्त समय के लिए सामाजिक दूरी (आमतौर पर 6 फीट या उससे कम) न रखी गई हो. अगर आप दोनों फिजिकल रूप से संपर्क में नहीं आए हैं और घर के अंदर ही रहे हैं, तो ऐसी संभावना कम है कि आपके संक्रमण का जोखिम उच्च होगा. अभी फिर आपको उच्च जोखिम के रूप में चिह्नित किया जाता है, तो स्वास्थ्य प्राधिकरण आपकी ​स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और कोई भी कार्रवाई बताने से पहले इस बात को ध्यान में रखेंगे कि आप घर के अंदर ही रहे हैं और अपने पड़ोसी के फिजिकल रूप से संपर्क में नहीं आए हैं. किसी भी सवाल या स्पष्टीकरण के लिए आप अपने ऐप की होम स्क्रीन पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं.

11. आरोग्य सेतु होम स्क्रीन पर अलग-अलग आंकड़े क्या दर्शाते हैं?
आरोग्य सेतु होम स्क्रीन पर आपकी लोकेशन के चार आंकड़ें दिखाती है (ध्यान दें: यह आपके फोन की लाइव लोकेशन है):
  • आपकी लोकेशन के 1 किमी के अंदर सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट करने वाले यूज़र की संख्या
  • आपकी लोकेशन के 1 किमी के अंदर, COVID-19 यूज़र की संख्या जिनमें तीन में से एक या उससे अधिक लक्षण दिखे हैं
  • आपकी लोकेशन के 1 किमी के अंदर COVID-19 पॉजिटिव होने वाले यूज़र की संख्या
  • आपकी लोकेशन के 1 किमी के अंदर COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले यूज़र की संख्या

12. आरोग्य सेतु किन देशों में उपलब्ध है?
आरोग्य सेतु भारत में और सिर्फ भारत में उपयोग करने के लिए ही उपलब्ध है.

13. क्या आरोग्य सेतु कई भाषाओं में उपलब्ध है?
अभी आरोग्य सेतु बारह भाषाओं में उपलब्ध है: अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगु, ओडिया, मराठी, बांग्ला, कन्नड़, तमिल और मलयालम और असमिया. जल्द ही यह ऐप भारत की सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध होगी.

 15. मैं आरोग्य सेतु संबंधी अपना फीडबैक और सुझाव कैसे शेयर करूं?
आप प्ले स्टोर/ऐप स्टोर पर अपना कमेंट कर सकते हैं. आप हमें support.aarogyasetu@gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. आरोग्य सेतु की टीम आपके सभी सवालों को जल्द से जल्द रिव्यू करने और जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.

गोपनीयता

1. आरोग्य सेतु यूज़र से कौन-कौन सी व्यक्तिगत जानकारी कलेक्ट करता है?
ऐप के लिए रजिस्टर करने के लिए, आपको अपना मोबाइल नंबर देना होता है. इसके साथ, आपसे आपका नाम, लिंग, आयु, व्यवसाय पिछले 30 दिनों में भ्रमण किए देश और ज़रुरत पड़ने पर स्वैच्छिक सेवा करने की रुचि पूछी जाती है. यह जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर एन्क्रिप्ट करके स्टोर की जाती है. जब आप वैकल्पिक सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट लेते हैं, ऐप आपके जवाब और आपकी लोकेशन कलेक्ट कर लेती है. यह जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर एन्क्रिप्ट और स्टोर की जाती है.

जब आपका स्मार्टफोन, जिस पर ऐप ऐक्टिव है, मोबाइल, ब्लूटूथ और GPS सर्विस के साथ चालू होता है, किसी भी दूसरे मोबाइल या हाथ मे पकडे़ जा सकने डिवाइस के संपर्क में आता है, तब ऐप उन डिवाइस से गुप्त रूप से दूसरे यूज़र की डिवाइस ID और संपर्क का विवरण (समय, अवधि, दूरी और लोकेशन) कलेक्ट कर लेती है. यह जानकारी एन्क्रिप्ट और आपके डिवाइस पर स्टोर कर ली जाती है.

2. आरोग्य सेतु आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कैसे गुप्त रखता है?
जब आप रजिस्ट्रेशन के समय अपना मोबाइल नंबर प्रदान करते हैं, आरोग्य सेतु सर्वर आपको एक गुप्त, रैंडम यूनिक डिवाइस आइडेंटिफिकेशन नंबर (DiD) देता है और उसे आपके मोबाइल नंबर से जोड़ देता है. यह मोबाइल नंबर और DiD की जोड़ी सुरक्षित तरीके से एक बेहद एन्क्रिप्टेड सर्वर मे स्टोर की जाती है. अन्य व्यक्तिगत जानकारी जो आप रजिस्ट्रेशन के समय प्रदान करते हैं को भी आपके डिवाइस के DiD से जोड़ दिया जाता है, और सुरक्षित तरीके से एन्क्रिप्ट करके सर्वर पर स्टोर कर दिया जाता है.

- आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल करने वाले दो डिवाइस के बीच, और डिवाइस व आरोग्य सेतु सर्वर के भविष्य के सभी संवाद DiD का इस्तेमाल करके किए जाते हैं. भविष्य के संवाद या ट्रांजै़क्शन के लिए किसी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल नहीं होता है.
- रजिस्ट्रेशन के समय प्रदान की गई व्यक्तिगत जानकारी को DiD के साथ पेअर किया/जोड़ा जाता है और आपके डिवाइस को दिया जाता है और सुरक्षित तरीके से एन्क्रिप्ट करके सर्वर पर स्टोर किया जाता है.
- ब्लूटूथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए दो डिवाइस के बीच जानकारी का आदान-प्रदान सिर्फ DiD का इस्तेमाल करके किया जाता है और एन्क्रिप्ट करके डिवाइस पर स्टोर किया जाता है.
- सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट के नतीजे और लोकेशन को आपके डिवाइस को दिए गए DiD के साथ पेअर किया/जोड़ा जाता है, और इसे सुरक्षित तरीके से एन्क्रिप्ट करके सर्वर पर स्टोर किया जाता है.
- आरोग्य सेतु से होने वाला सभी संवाद, नोटिफिकेशन और संक्रमण से खतरे का अपडेट सिर्फ DiD का इस्तेमाल करके किया जाता है.

आपके DiD की आपकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ रि-आइडेंटिफिकेशन तभी की जाती है जब आपका COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है या आपको संक्रमण का बहुत ज़्यादा खतरा होता है, जिससे आप तक ज़रुरी मेडिकल सहायता पहुंचाई जा सके.

3. आरोग्य सेतु के गोपनीयता के क्या फीचर हैं?
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग संभावित रूप से गोपनीयता का हनन करने वाली टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन है अगर सही कदम न उठाए जाएं. “अपने डिज़ाइन में गोपनीयता को प्राथमिकता देना” आरोग्य सेतु का ध्येय व मुख्य सिद्धांत रहा है. यह जानते हुए कि यह तकनीक COVID-19 महामारी को फैलने से रोकने में सहायक हो सकती है, इसका इस्तेमाल मौजूदा हालत में सही है. इसके बावजूद, ऐसी तकनीक से उत्पन्न होने वाले गोपनीयता संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, आरोग्य सेतु के गोपनीयता फीचर को बेहतर करने का हर प्रयास किया गया है.

आरोग्य सेतु यूज़र की गोपनीयता की चार तरीकों से सुरक्षा करती है:
 a.  रजिस्ट्रेशन के समय प्रदान की गई निजी जानकारी को तुरंत गुप्त कर दिया जाता है और आगे सभी ट्रांजै़क्शन आरोग्य सेतु सर्वर द्वारा आपको दिए गए डिवाइस आइडेंटिफिकेशन नंबर (DiD) के ज़रिए होता है.
 b. डिफ़ॉल्ट रूप से, सभी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लोकेशन जानकारी जिसे कलेक्ट करके आपके मोबाइल डिवाइस पर स्टोर किया जाता है. यह जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर सिर्फ तभी अपलोड की जाती है जब आप COVID-19 पॉजिटिव पाए गए हों.
 c. मोबाइल डिवाइस पर स्टोर की गई सभी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लोकेशन जानकारी, जो आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड नहीं होती है, वह 30 दिन पूरे होने के बाद आपके फोन से हमेशा के लिए डिलीट कर दी जाती है. आपकी सभी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लोकेशन जानकारी, जिसे आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड किया जा सकता है, अगर आपका COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है, तो अपलोड करने की तिथि के 45 दिन में हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाता है. अगर आप संक्रमित हैं, तो आपसे जुड़ी सभी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लोकेशन जानकारी आपके COVID-19 से मुक्त होने की घोषणा के बाद 60 दिन में डिलीट कर दी जाती है.
 d. इसके बाद, गोपनीयता नीति साफ तौर पर उन उद्देश्यों की सीमा निर्धारित करती है जिसके लिए इस डेटा का इस्तेमाल हो सकता है, जो है COVID-19 के खिलाफ जंग में भारत सरकार की मदद करना और गहन जानकारी जनरेट करना और कुछ नहीं.

यह फीचर गुप्त रखने, डेटा न्यूनीकरण, उद्देश्य व सीमा का उपयोग और डेटा धारण के सिद्धांतों को मानक गोपनीयता सिद्धांतों के अनुसार लागू करते हैं और आरोग्य सेतु यूज़र की निजी गोपनीयता पर एक उचित बंधन लगाते हैं.

4. आरोग्य सेतु आपकी जानकारी कैसे सुरक्षित रखता है?
आपके मोबाइल डिवाइस पर स्टोर की गई सभी जानकारी एडवांस्ड एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (AES) से सुरक्षित है. डिवाइस पर स्टोर किया गया सभी डेटा ऑपरेटिंग सिस्टम: एंड्राइड के लिए कीस्टोर और iOS के लिए कीचेन, के की चेन का इस्तेमाल करके AES एन्क्रिप्टेड है.

डिवाइस से सर्वर पर और वापस डिवाइस पर सारा डेटा ट्रांसमिशन गुप्त, RSA सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से ट्रांसमिट होता है. ऐप से हर एक अनुरोध को प्रमाणित किया जाता है.

बैक-एंड डेटा स्टोरेज को AWS टूल और सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल तरीके के इस्तेमाल से एन्क्रिप्ट किया जाता है. आरोग्य सेतु टीम ने प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थानों, टेक ऑडिट फर्म और विभिन्न एथिकल हैकर ग्रुप के साथ सिस्टम के सुरक्षा खतरों की पूरी तरह से टेस्टिंग की है. नियमित रूप से प्रैक्टिस के लिए, हर नई रिलीज़ से पहले टीम सुरक्षा ऑडिट करती है.

5. अगर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए GPS जानकारी की ज़रूरत नहीं होती (सिंगापुर ट्रेसटुगेदर ऐप GPS जानकारी नहीं कलेक्ट करती) आरोग्य सेतु GPS जानकारी क्यों कलेक्ट करता है?
ट्रेसटुगेदर और उसके जैसे अन्य ऐप के विपरी आरोग्य सेतु एक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप से कहीं ज़्यादा है. भारत जैसे जनसंख्या घनत्व वाले देश में, भारत सरकार मानती है कि यह ज़रूरी है कि न सिर्फ उन यूज़र की पहचान की जाए जो एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं, बल्कि उन रास्तों की भी पहचान की जाए जहां से संक्रमित व्यक्ति गुज़रे हैं, ताकि इस बीमारी से संक्रमण के खतरे वाले इलाकों को सेनिटाइज़ किया जा सके और उन इलाकों में उन लोगों की पहचान की जा सके जिन पर संक्रमण का खतरा है, भले ही वे लोग आरोग्य सेतु ऐप में कॉन्टैक्ट के रूप में न पहचाने गए हों.

इसके अलावा, जब आप आरोग्य सेतु ऐप पर अपने लक्षण और आपकी लोकेशन की जानकारी के साथ सेल्फ असेसमेंट टेस्ट करते हैं, तो भारत सरकार को ऐसे हॉटस्पॉट को पहचानने में मदद मिलती है, जहां बीमारी अपने शुरुआती दौर में फैल रही होगी और उसके ज़्यादा फैलाव को रोका जा सकता हो.

इसी कारण से आरोग्य सेतु ऐप GPS जानकारी कलेक्ट करता है.

6. यह जानकारी मेरे फोन पर कितने समय तक स्टोर रहती है?
सभी यूनीक कॉन्टैक्ट की संपर्क और लोकेशन की जानकारी आपके मोबाइल फोन पर स्टोर होती है और अगर यह कलेक्ट होने के 30 दिन के अंदर क्लाउड पर अपलोड नहीं होती है, तो हमेशा के लिए डिलीट हो जाती है.

7. अगर मेरे फोन पर स्टोर की गई संपर्क और लोकेशन की जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड की जाती है, तो वह सर्वर पर कितने समय तक स्टोर रहती है?
अगर आपकी संपर्क और लोकेशन की जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड की गई है और उसके अपलोड होने की तिथि से 45 दिन के अंदर अगर आप COVID-19 पॉजिटिव नहीं पाए गए हैं, तो डेटा को आरोग्य सेतु सर्वर से हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाता है.

अगर आपकी संपर्क और लोकेशन की जानकारी आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड की गई है और आप COVID-19 पॉजिटिव पाए गए हैं, तब आपके COVID-19 से ठीक हो जाने के बाद 60 दिन में डेटा को आरोग्य सेतु सर्वर से हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाता है.

8. अगर मेरा COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो क्या आरोग्य सेतु मेरी यह जानकारी ऐप के अन्य यूज़र को देता है?
आरोग्य सेतु कभी भी आपकी निजी पहचान या मेडिकल स्थिति की जानकारी ऐप के अन्य यूज़र के साथ या सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करेगा. उपयुक्त मेडिकल और प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार उन व्यक्तियों से संपर्क कर सकती है, जिनके संपर्क में आप आए हों, लेकिन उन्हें आपकी स्थिति के बारे में नहीं बताया जाएगा. आपकी जानकारी हमारे साथ सुरक्षित है.

समस्या निवारण

1. ऐप इंस्टॉल करते समय, मुझे मैसेज मिला कि मेरी डिवाइस रूटेड है और मैं आगे नहीं बढ़ सकता/सकती. अब मैं क्या करूं?
आरोग्य सेतु रूटेड/ज़बरदस्ती खोले गए फोन पर इंस्टॉल नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे सुरक्षा का खतरा होता है और ऐप की सुरक्षा व गोपनीयता फीचर पर असर पड़ सकता है. अगर आपकी डिवाइस रूटेड नहीं है, और तब भी आपको यह मैसेज मिल रहा है, तो कृपया ऐप को डिलीट करें, फोन रीस्टार्ट करें और फिर प्ले स्टोर/ऐप स्टोर से ऐप का लेटेस्ट वर्ज़न डाउनलोड करें और दोबारा इंस्टॉल करें. अगर तब भी समस्या बनी रहती है, तो कृपया हमें अपने मोबाइल के मॉडल और इस पर चल रहे ऑपरेटिंग सिस्टम के वर्ज़न के साथ support.aarogyasetu@gov.in पर ईमेल भेजें.

2. ऐप स्टोर/प्ले स्टोर से आरोग्य सेतु डाउनलोड करने पर, मुझे मैसेज मिलता है: “यह ऐप आपके देश में उपलब्ध नहीं है”. मैं अभी भारत में हूं. मैं इसका समाधान कैसे करूं?
आरोग्य सेतु सिर्फ भारत में इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध है. अगर भारत में होते हुए भी ऐप डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं तो कृपया अपनी देश की सेटिंग चेक करें और बदलें.

iOS डिवाइस के लिए, देश की सेटिंग को बदलने के लिए सेटिंग 🡪 आई-ट्यून्स और ऐप स्टोर 🡪 नीले रंग में दिख रही एप्पल ID पर क्लिक करें 🡪 अपनी एप्पल ID देखें 🡪 देश और स्थान 🡪 देश या स्थान बदलें पर जाएं.

एंड्रॉयड डिवाइस के लिए, Google प्ले स्टोर खोलें, मेन्यू 🡪 अकाउंट 🡪 देश और प्रोफाइल पर टैप करें.

तकनीकी

1. मुझ से ब्लूटूथ को हमेशा चालू रखने के लिए क्यों कहा जाता है?
उन डिवाइस से, जिन पर ऐप इंस्टॉल है, आपके संपर्क के मामलों को पहचानने के लिए आरोग्य सेतु ब्लूटूथ तकनीक पर निर्भर करता है. वर्तमान समय में, ब्लूटूथ अन्य डिवाइस के साथ आपकी निकटता का सबसे सटीक माप प्रदान करता है. अगर आप इसे चालू रखते हैं, तो यह आपके संपर्क में आने वाले सभी डिवाइस की जानकारी कलेक्ट कर लेगा.

2. मेरा ब्लूटूथ हमेशा चालू रहेगा, तो क्या इससे मोबाइल फोन की बैटरी खत्म नहीं हो जाएगी?
आरोग्य सेतु ऐप ब्लूटूथ लो एनर्जी का इस्तेमाल करता है, जिसमें न के बराबर बैटरी लगती खर्च होती है. इसके अलावा, हम डिवाइस की क्षमता सुधारने के लि​ए निरंतर काम कर रहे हैं और आगामी अपडेट में इन फीचर को लागू करेंगे.

3. मुझ से लोकेशन शेयरिंग को “हमेशा ऑन” पर सेट करने के लिए क्यों कहा जाता है? क्या मेरी लोकेशन को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है?
इन कारणों से आपको अपनी लोकेशन शेयरिंग को “हमेशा ऑन” पर सेट करना होगा:


 a. उस लोकेशन को पिनपॉइंट करने के लिए, जहां हो सकता है कि आप COVID-19 पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं;
 b. किन-किन महामारी के हॉटस्पॉट विकसित हो रहे हैं, इस जानकारी के आधार पर भारत की अलग-अलग निर्दिष्ट लोकेशन पर भारत सरकार द्वारा उचित और ज़रूरी मेडिकल और प्रशासनिक सहायता पहुंचाने के लिए.

सभी लोकेशन संबंधी जानकारी, चाहे वह आपकी डिवाइस में स्टोर की गई हो या फिर आरोग्य सेतु सर्वर पर अपलोड की गई है, आपकी डिवाइस ID से जुड़ी होती है और आपकी निजी जानकारी नहीं है.

4. आरोग्य सेतु कौन-सा ऑपरेटिंग सिस्टम सपोर्ट करता है?
आरोग्य सेतु iOS और एंड्रॉयड यूज़र दोनों के लिए उपलब्ध है. फिलहाल, आरोग्य सेतु एंड्रॉयड 5.0 और उससे बाद के, और iOS 10.3 और उससे बाद के वर्ज़न को सपोर्ट करता है. KaiOS के लिए इस ऐप का वर्ज़न जल्द ही उपलब्ध होगा.

5. आरोग्य सेतु स्टेटिक हार्ड कोडेड API का इस्तेमाल करता है, तो क्या इसमें बड़े पैमाने पर OTP जनरेशन का दुरुपयोग करना आम बात नहीं होगी?
हालांकि, आरोग्य सेतु स्टेटिक हार्ड कोडेड API की इस्तेमाल करता है, इसमें बड़े पैमाने पर OTP जनरेट करने का दुरुपयोग करना संभव नहीं होगा क्योंकि यह सर्विस हर 3 मिनट में जोड़े जा रहे 3 मैसेज के प्रोग्रेसिव बैक ऑफ के साथ डिज़ाइन की गई है. इसके साथ ही, IP आधारित किसी भी हमले से बचाव के लिए वेब एप्लीकेशन फायरवॉल (WAF) के नियम भी लागू किए गए हैं.

6. मॉडिफाइड कोड का इस्तेमाल करके नज़दीकी डिवाइस और बैक-एंड डेटाबेस में जंक मैसेज दोबारा इकट्ठा होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
आरोग्य सेतु ऐसे डिजाइन किया गया है कि इसका बैक-एंड डेटाबेस और डैशबोर्ड ऐसे मैसेज को रिजेक्ट कर देगा, जिससे अगर जंक मैसेज डिवाइस में आ भी जाएं, तो डैशबोर्ड पर सिर्फ सही डेटा ही दिखाई दे. अगर कभी भी बिना किसी सुरक्षा खतरे वाला कोई खराब मैसेज बैक-एंड में आता है, तो यह सिर्फ उस यूज़र का डेटा करप्ट करेगा और उनकी मदद प्राप्त की क्षमता प्रभावित करेगा. बाकी सब और उनका डेटा सुरक्षित रहता है.

7. डिवाइस ID एक ही होती है और कभी नहीं बदलती है, तो क्या इससे सुरक्षा का खतरा पैदा नहीं होगा?
वर्तमान में, COVID-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या को देखते हुए भारत सरकार समझती है कि स्टेटिक डिवाइस ID अभी चिंता का विषय नहीं है. इसके बावजूद भी, यह समझा जा रहा है कि स्टेटिक डिवाइस ID का होना, बड़े पैमाने पर, चिंता का विषय होगा. भारत सरकार इसके समाधान के लिए काम कर रही है और रनटाइम में सीमित लाइफटाइम जनरेट करते हुए यूज़र के लिए डायनामिक डिवाइस ID मैकेनिज्म लाने की तैयारी कर रही है.

अब जानिए...

यह एप्प आपसे कुछ पूछता है जैसे कि क्या आपको खांसी हैं...
बुखार हैं...
सांस लेने में परेशानी हैं...

निश्चित है आप लिखेंगे...
नहीं हैं...

उसके बाद आप ग्रीन जोन में दिखते होंगे...
आपको लगता होगा...
इस एप्प में कुछ हैं ही नहीं...
पूरा बकवास हैं...

यह एप्प ब्लू टूथ और लोकेशन को ऑन रखने को कहता हैं...
आप always on रखिये...

जब भी आप किसी भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाते हैं...
यह एप्प ब्लू टूथ से आस पास के मोबाइल से संदेश लेता देता रहता हैं...

जब आप किसी के पास खड़े हैं तो आप भी ग्रीन जोन के हैं...
पास खड़ा व्यक्ति भी ग्रीन जोन वाला नार्मल व्यक्ति ही हैं...
पर अगर वह व्यक्ति आज से 10 दिनों बाद किसी कारण से कोरोना पॉजिटिव हो जाएगा...
तो यह एप्प आपको तुरंत alert कर देगा...
और आपका ग्रीन कलर बदल कर ऑरेंज या पीला हो जाएगा।

यह कहेगा...
आप दूध लेने आज से 10 दिन पहले डेयरी पर गए थे...
वह व्यक्ति जो नीले शर्ट वाला था...
वह अब कोरोना पॉजिटिव हैं...
यानी 10 दिन पहले उसे छिपा हुआ संक्रमण था जो अब साफ-साफ दिखने लगा हैं...

अब आप तुरंत अपनी जांच कराइए...
साथ ही यह एप्प उन सभी व्यक्तियों को सूचना दे देगा...
आप सभी लोग उस आदमी के चलते danger zone में आ गए हैं...
तुरंत जांच कराइये।

सबकी लोकेशन ऑन रहने से उन सभी की मूवमेंट भी पता चलेगी...
और कोरोना से लड़ना आसान होगा...

आप इस पोस्ट को व्हाट्सएप्प पर भेजिए...
लोगों को समझाइए...
जिस दिन करोड़ों लोग इसे install कर लेंगे...
यह आपके किसी भी ऑरेंज जोन के व्यक्ति के पास जाते ही रिंग करने लगेगा...
यह आपको हॉट स्पॉट की सूचना अलार्म से दे देगा...
ताकि आप रास्ता बदल लें...

मित्रों..
मोदी जी ने 4 बार निवेदन किया तो यह बेकार का एप्प नहीं हो सकता...
इसे तुरंत install कीजिए.

I recommend Aarogya Setu app to fight against COVID19. Please download and share it using this link Android : 
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iOS : 
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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

33 वर्षों बाद दूरदर्शन पर सुबह 9:00 बजे रामायण के प्रसारण के साथ ही सोशल मीडिया पर रामायण ट्रेंड करने लगी जबकि कोरोनावायरस सोशल मीडिया में पिछड़ गया|

दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय टीवी धारावाहिक रामानंद सागर कृत रामायण के बारे में सोशल मीडिया व अन्य स्रोतों से मुझे जो पता चला है उनमें से कुछ महत्वपूर्ण रोचक बातें आपके साथ साझा कर रहा हूं।

1- रामानंद सागर कृत रामायण” को “MYTHOLOGICAL SERIAL”के रुप में जून 2003 को लिमका बुक रिकार्ड में नाम दर्ज कर लिया गया था ।

2-रामायण में जब जूनियर कलाकारों की जरूरत पड़ती थी तो ढोल नगाड़े बजाकर गांव गांव जाकर कलाकार भर्ती किए जाते थे

3- पाँच महाद्वीपों में दिखाई जाने वाली रामायण को विश्व भर में 65 करोड़ से ज्यादा दर्शकों ने देखा था।

4-हर हफ्ते रामायण की ताजा कैसेट्स दूरदर्शन ऑफिस पर भेजे जाते थे कहीं बाहर तो यह कैसेट प्रसारण से आधे घंटे पहले ही दफ्तर पहुंचते थे।

5-जब रामायण में रावण की मृत्यु होती है तो रावण का पात्र अरविंद त्रिवेदी के गांव में शोक मनाया जाता है।

6- रामायण” भारत का पहला एकमात्र ऐसा धारावाहिक था । जो 45 मिनट Broadcast  होता था । बाकी अन्य सिरियल 30 मिनट ही प्ले होते थे वो भी विज्ञापन के साथ ।
7-  भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त “रामायण” का पहला ऐपीसोड भारतीय सरकारी चैनल “दुरदर्शन” पर 24 जनवरी 1987 को प्रसारित किया गया था ।

8-सुचना प्रसारण विभाग के सर्वे मे पाया गया कि रामायण धारावाहिक जब शुरू होता था । तो भारत के 99% टी.वी. पर प्रसारित होता था ।
9-  “रामायण” भारत का एकलोता टी.वी. धारावाहिक था । जिस दौरान पब्लिक ट्रान्सपोर्ट जाम हो जाता था ।

10-भारत के कुछ हिस्सों में “रामायण” ऐपीसोड आने के समय से पहले लोग अपने जुते-चप्पल उतार देते थे । वे उन्हे भगवान का पुरा दर्जा देते थे ।

11-  एक भारतीय ने रामानंद सागर जी को पांच हजार का चैक और एक पत्र भेजा था । उस पत्र में लिखा था कि मै अपनी बेटी को दहेज में रामायण की टेप देना चाहता हु ।
12- रामायण को स्पोन्सर्स करने के लिये सभी भारतीय प्रोड्यूर्सस ने साफ मना कर दिया था । फिर रामानंद सागर ने खुद स्पोन्सर्स किया । औऱ जबर्दस्त हिट हुआ ।

13-  रामायण के सभी ऐपीसोड “उमरगाव” स्टूडियो में शुट हुये थे । जो मुम्बई से लगभग 15 मिल कि दुरी पर था । जो स्पेशल रामायण के लिये ही किराये पर लिया गया था ।

14-  रामानंद सागर जी ने टीम के 150 सभी कार्यकर्ताओं के लिये रामायण की शुटिग के दौरान शाकाहारी भोजन बनवाया था ।

15-  भारत के कुछ हिस्सो के मन्दिरो में रामायण के मुख्य कलाकार अरुण गोविल (राम) व दिपिका चिखालिया (सीता) के फोटो लगे है ।
16-  रामानंद सागर जी कि रामायण करने के बाद अरुण गोविल (राम) ने नशीले पदार्थो शराब, बीडी-सिगरेट, पान-मसाला का सेवन त्याग दिया था ।
17- अरुण गोविल (राम) को स्वर्गीय “राजीव गांधी” ने इलाहाबाद से कॉग्रैस पार्टी से चुनाव लडने के लिये कहा था । लेकिन गोविल (राम) ने ये कहकर मना कर दिया था कि ‘ये मेरी राम भगवान की इमेज को खराब कर देगा ।
18-  अरुण गोविल(राम) व दिपिका चिखालिया(सीता) को जब किसी प्रोग्राम के लिये शिरकरत करने के लिये बुलाया जाता था तो लोग उनके पैर छूकर आर्शिवाद लेते थे ।
19-  वर्तमान में दिपिका चिखालिया (सीता) अपने पति हेमन्त टोपीवाला कि कॉस्मेटिक कम्पनी में मार्केटिंग हेड के रुप में काम करती है । दीपिका चिखलिया जल्द ही सरोजनी नायडू की बायोपिक में नजर आ सकती है यह स्वयं उन्होंने ही बताया
20- अरुण गोविल (राम) और सुनील लहरी (लछ्मण) मिलकर मुम्बई मे राम-लछ्मण प्रोडक्शन हाउस के नाम से अपनी प्रोडक्शन कम्पनी चला रहे है।

21-संगीत की दुनिया की सरताज रविंद्र जैन जी को रामायण ने कर दिया था अमर घर घर में घुसने लगी थी उनकी आवाज

22- 78 एपिसोड पूरे होने के बाद दर्शकों ने लव कुश की मांग की इस पर रामानंद सागर ने पहले ही कह दिया था कि वह काल्पनिक होगा। और इस सीरियल पर वाद विवाद होने के कारण रामानंद सागर पर 10 साल का कोर्ट केस भी चला

23-आज भी 33 वर्षों बाद दूरदर्शन पर सुबह 9:00 बजे रामायण के प्रसारण के साथ ही सोशल मीडिया पर रामायण ट्रेंड करने लगी जबकि कोरोनावायरस सोशल मीडिया में पिछड़ गया|

        🙏🙏 *जय श्री राम* 🙏🙏

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