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शनिवार, 25 जुलाई 2020

रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते हैं, ओर क्या है उनका महत्व

*रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते हैं, ओर क्या है उनका महत्व,,,,,,*

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है। जानिए, कैसे इंसानी जीवन में नकारात्मकता को कम करने में मदद करता है रुद्राक्ष:।

1 मुखी रुद्राक्ष,,,पौराणिक मान्यताओके अनुसार, एकमुखी रुद्राक्ष साक्षात शिवस्वरुप माना जाता है. ईसके निरंतर सानिध्यसे एव्ं ध्यानधारणासे , धारणकर्ता – वैश्विकज्ञान , उच्चतम चेतनावस्था पाते हुए त्रिकालदर्शी हो जाता है, और स्वर्गीय (ईश्वरीय) परम चेतना में विलीन हो जाता है।

यह मणि ईश्वरीय ज्ञान और आध्यात्मिक दृष्टि जागृत करने, आज्ञा चक्र पर प्रभावी सिद्ध होता है. भगवान शिव और की कृपा और पवित्र कर्मोके फलस्वरुप कुछ गिनेचुने भाग्यशाली व्यक्तियोको ही यह दुर्लभ मनी धारण करने का अवसर मिलता है। इसे धारण करने से व्यक्ति निश्चित रूप से मोक्ष मार्ग पे जाता है।

धारणकर्ता मन की इच्छाएं पूर्ण करने की, सारे विश्व पर शासन करने की, उसे अपने मुट्ठी में रखने की क्षमता प्राप्त करता है।धारण कर्ता हर एक परिस्थितीमे सुयोग्य निर्णय लेनेकी क्षमता प्राप्त करता है। वह भगवान शंकर की कृपा से सब सुख प्राप्त करता है। यह अभय लक्ष्मी दिलाता है। इसके धारण करने पर सूर्य जनित दोषों का निवारण होता है।

नेत्र संबंधी रोग, सिर दर्द, हृदय का दौरा, पेट तथा हड्डी संबंधित रोगों के निवारण हेतु इसको धारण करना चाहिए। यह यश और शक्ति प्रदान करता है। इसे धारण करने से आध्यात्मिक उन्नति, एकाग्रता, सांसारिक, शारीरिक, मानसिक तथा दैविक कष्टों से छुटकारा, मनोबल में वृद्धि होती है। कर्क, सिंह और मेष राशि वाले इसे माला रूप में धारण अवश्य करें।

एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र: ऊँ एं हे औं ऐं ऊँ। इस मंत्र का जाप 108 बार (एक माला) करना चाहिए तथा इसको सोमवार के दिन धारण करें।

2 मुखी रुद्राक्ष,,,,,दो मुखी रुद्राक्ष शिव का अर्धनारीश्वर स्वरुप है. इससे भगवान अर्द्धनारीश्वर प्रसन्न होते हैं। उसकी ऊर्जा से सांसारिक बाधाएं तथा दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है दूर होती हैं। इसे स्त्रियांे के लिए उपयोगी माना गया है।

संतान जन्म, गर्भ रक्षा तथा मिर्गी रोग के लिए उपयोगी माना गया है। ईससे पति-पत्नि, पिता-पुत्र, मित्र एव्ं व्यावसायिक संबंधोमे सौहार्द आता है. एकता बनाए रखनेवाला यह मणी आत्मिक शांती और पुर्णता प्रदान करता है. चंद्रमा की प्रतिकुलता से उत्पन्न दोषो का निवारण यह करता है।

हृदय, फेफड़ों, मस्तिष्क, गुर्दों तथा नेत्र रोगों में इसे धारण करने पर लाभ पहुंचता है। यह ध्यान लगाने में सहायक है। इसे धारण करने से सौहार्द्र लक्ष्मी का वास रहता है। धनु व कन्या राशि वाले तथा कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न वालों के लिए इसे धारण करना लाभप्रद होता है। दो मुखी रुद्राक्ष धारण का मंत्र: ऊँ ह्रीं क्षौं श्रीं ऊँ।

3 मुखी रुद्राक्ष,,,,यह अग्नीदेवता का प्रतिनिधीत्व करता है. सुर्य की प्रतिकुलता से उत्पन्न सभी दोषोका निवारण ३ मुखी रुद्राक्ष करता है. ३ मुखी रुद्राक्ष धारण करनेसे मनुष्य जन्मजन्मांतर के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष पाता है. ईससे पेट और यक्रूत की बिमारिया दुर होती है. तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि का रूप कहा गया है। मंगल इसका अधिपति ग्रह है। 

मंगल ग्रह निवारण हेतु इसे धारण किया जाता है यह मूंगे से भी अधिक प्रभावशाली है। मंगल को लाल रक्त कण, गुर्दा, ग्रीवा, जननेन्द्रियों का कारक ग्रह माना गया है। अतः तीन मुखी रुद्राक्ष को ब्लडप्रेशर, चेचक, बवासीर, रक्ताल्पता, हैजा, मासिक धर्म संबंधित रोगों के निवारण हेतु धारण करना चाहिए। उन व्यक्तियों के द्वारा इसे पहनना श्रेष्ठ है जो हीन भावना से ग्रस्त हो ,मन में किसी बात का डर हो ,आत्मग्लानि हो ,आत्म विश्वास का अभाव हो , मानसिक तनाव अथवा मानसिक रोग हो .इसके धारण करने से श्री, तेज एवं आत्मबल मिलता है। 

यह सेहत व उच्च शिक्षा के लिए शुभ फल देने वाला है। इसे धारण करने से दरिद्रता दूर होती है तथा पढ़ाई व व्यापार संबंधित प्रतिस्पर्धा में सफलता मिलती है। अग्नि स्वरूप होने के कारण इसे धारण करने से अग्नि देव प्रसन्न होते हैं, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है तथा शरीर स्वस्थ रहता है। मेष, सिंह, धनु राशि वाले तथा मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन लग्न के जातकों को इसे अवश्य धारण करना चाहिए।

इसे धारण करने से सर्वपाप नाश होते हैं। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ऊँ रं हैं ह्रीं औं। इस मंत्र को प्रतिदिन 108 बार यथावत पढ़ें।

4 मुखी रुद्राक्ष,,,,,4 मुखी रुद्राक्ष के अधिपती ब्रह्मा है. ईसे ब्रह्म स्वरूप माना जाता है। ईससे स्मरणशक्ती, मौखिकशक्ती, व्यवहार चातुर्य, वाक्चातुर्य तथा बुध्दीमत्ता का विकास होता है।

बुध ग्रह की प्रतिकुलतासे उत्पन्न सभी दोषो का निवारण यह करता है. इसमें पन्ना रत्न के समान गुण हैं चार मुखी रुद्राक्ष व्यापारियों वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ता बुद्धिजीवी कलाकार लेखक विद्यार्थी व् शिक्षक के लिए पहनना अत्यंत लाभकारी होता है इसके विलक्षण परिणाम मिलते है मानसिक रोग, पक्षाघात, पीत ज्वर, दमा तथा नासिका संबंधित रोगों के निदान हेतु इसे धारण करना चाहिए। 

चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से वाणी में मधुरता, आरोग्य तथा तेजस्विता की प्राप्ति होती है। सेहत, ज्ञान, बुद्धि तथा खुशियों की प्राप्ति में सहायक है। इसे चारों वेदों का रूप माना गया है तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चतुर्वर्ग फल देने वाला है। इसे धारण करने से सांसारिक दुःखों, शारीरिक, मानसिक, दैविक कष्टों तथा ग्रहों के कारण उत्पन्न बाधाओं से छुटकारा मिलता है। 

वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुंभ लग्न के जातकों को इसे धारण करना चाहिए। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ऊँ बां क्रां तां हां ईं। सोमवार को यह मंत्र 108 बार जपकर धारण करें।

5 मुखी रुद्राक्ष,,,,पाँच मुखी रुद्रकालाग्नी का प्रतिनिधीत्व करता है. इस रुद्राक्ष को रुद्र का स्वरूप कहा गया है। ईससे मन:शांती प्राप्त होती है. गुरु ग्रह की प्रतिकुलतासे उत्पन्न सभी दोषो का निवारण यह करता है. इसमें पुखराज के समान गुण होते हैं। 5 मुखी रुद्राक्ष भी व्यापारियों वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ता बुद्धिजीवी कलाकार लेखक विद्यार्थी व् शिक्षक के लिए पहनना अत्यंत लाभकारी होता है इसके विलक्षण परिणाम मिलते है।

इसे धारण करने से निर्धनता, दाम्पत्य सुख में कमी, जांघ व कान के रोग, मधुमेह जैसे रोगों का निवारण होता है। पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने वालों को सुख, शांति व प्रसिद्धि प्राप्त होते हैं। यह हृदय रोगियों के लिए उत्तम है।

इससे आत्मिक विश्वास, मनोबल तथा ईश्वर के प्रति आसक्ति बढ़ती है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन वाले जातक इसे धारण कर सकते हैं। पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ऊँ ह्रां क्रां वां हां। सोमवार की सुबह मंत्र एक माला जप कर, इसे काले धागे में विधि पूर्वक धारण करना चाहिए।

6 मुखी रुद्राक्ष,,,छः मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का स्वरूप है। ईसपर मंगल ग्रह का अधिपत्य है. ईसे धारण करनेपर साफसुथरी प्रतिमा, मजबूत निंव (Strong Base), के साथ जीवन मे स्थिरता प्राप्त होती है. ऐशो आराम तथा वाहनसुख की लालसा पुरी होती है. शुक्र ग्रह की प्रतिकूलता होने पर इसे अवश्य धारण करना चाहिए। 

नेत्र रोग, गुप्तेन्द्रियों, पुरुषार्थ, काम-वासना संबंधित व्याधियों में यह अनुकूल फल प्रदान करता है। इसके गुणों की तुलना हीरे से होती है। यह दाईं भुजा में धारण किया जाता है। इसे प्राण प्रतिष्ठित कर धारण करना चाहिए तथा धारण के समय ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। इसे हर राशि के बच्चे, वृद्ध, स्त्री, पुरुष कोई भी धारण कर सकते हैं।

गले में इसकी माला पहनना अति उत्तम है। कार्तिकेय तथा गणेश का स्वरूप होने के कारण इसे धारण करने से ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने वाले पर माँ पार्वती की कृपा होती है। आरोग्यता तथा दीर्घायु प्राप्ति के लिए वृष व तुला राशि तथा मिथुन, कन्या, मकर व कुंभ लग्न वाले जातक इसे धारण कर लाभ उठा सकते हैं।

छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ ह्रीं क्लीं सौं ऐं’। इसे धारण करने के पश्चात् प्रतिदिन ‘ऊँ ह्रीं हु्रं नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।

7 मुखी रुद्राक्ष,,,सातमुखी रुद्राक्ष ऐश्वर्य की देवता महालक्ष्मी का प्रतिनिधीत्व करता है. ईसे धारण करने से संपन्नता, ऐश्वर्य तथा उन्नती के नये नये अवसर प्राप्त होते है. आर्थिक विपत्तीयोसे ग्रस्त लोग ईसे धारण करे।

व्यवसाय मे घाटा टालने या कम करने मे यह मददगार होता है. अगर सफलता देरी से मिलनेकी शिकायत है तो 7 मुखी रुद्राक्ष जरुर धारण करे., ईससे नाम, प्रतिष्ठा तथा सम्रूध्दि मे उत्तरोत्तर बढौत्तरी होती है. इस रुद्राक्ष के देवता सात माताएं व हनुमानजी हैं। 

यह शनि ग्रह द्वारा संचालित है। इसे धारण करने पर शनि जैसे ग्रह की प्रतिकूलता दूर होती है तथा नपुंसकता, वायु, स्नायु दुर्बलता, विकलांगता, हड्डी व मांस पेशियों का दर्द, पक्षाघात, सामाजिक चिंता, क्षय व मिर्गी आदि रोगों में यह लाभकारी है। इसे धारण करने से कालसर्प योग की शांति में सहायता मिलती है।

यह नीलम से अधिक लाभकारी है तथा किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं देता है। इसे गले व दाईं भुजा में धारण करना चाहिए। इसे धारण करने वाले की दरिद्रता दूर होती है तथा यह आंतरिक ज्ञान व सम्मान में वृद्धि करता है।

इसे धारण करने वाला उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर चलता है तथा कीर्तिवान होता है। मकर व कुंभ राशि वाले, इसे धारण कर लाभ ले सकते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ ह्रं क्रीं ह्रीं सौं’। इसे सोमवार के काले धागे में धारण करें।

8 मुखी रुद्राक्ष,,,आठमुखी रुद्राक्ष के स्वामी संकटमोचन श्री गणेशजी है तथा केतु ग्रह ईसका अधिपती है. यह मार्ग के सारे अवरोध दुर करता है और सभी कार्योमे यश देता है. विरोधीयोके मन तथा हेतू मे बदलाव लाकर शत्रुओको भी धारणकर्ता के हित मे सोचने के लिये बाध्य करता है।

अर्थात इसे धारण करने से द्वेष शत्रुता, और विरोध रखने वालो का मन बदल जाता है और सर्व्रत्र मित्रता बढ़ती है आठ मुखी रुद्राक्ष में कार्तिकेय, गणेश और गंगा का अधिवास माना जाता है। राहु ग्रह की प्रतिकूलता होने पर इसे धारण करना चाहिए। 

मोतियाविंद, फेफड़े के रोग, पैरों में कष्ट, चर्म रोग आदि रोगों तथा राहु की पीड़ा से यह छुटकारा दिलाने में सहायक है। इसकी तुलना गोमेद से की जाती है। आठ मुखी रुद्राक्ष अष्ट भुजा देवी का स्वरूप है। यह हर प्रकार के विघ्नों को दूर करता है। इसे धारण करने वाले को अरिष्ट से मुक्ति मिलती है। इसे सिद्ध कर धारण करने से पितृदोष दूर होता है।

मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह अनुकूल है। मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, कुंभ व मीन लग्न वाले इससे जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ ह्रां ग्रीं लं आं श्रीं’। सोमवार के दिन इसे काले धागे में धारण करें।

9 मुखी रुद्राक्ष,,,,,नौमुखी रुद्राक्ष की स्वामी नवदुर्गा है तथा राहु ईसका प्रतिनिधीत्व करता है. यह धारणकर्ता को अपार उर्जा, शक्ती तथा चैतन्य देता है. राहु की प्रतिकुलतासे उत्पन्न होनेवाले सभी दोषोका निवारण यह रुद्राक्ष करता है. नौ मुखी रुद्राक्ष को नव-दुर्गा स्वरूप माना गया है। 

केतु ग्रह की प्रतिकूलता होने पर भी इसे धारण करना चाहिए। ज्वर, नेत्र, उदर, फोड़े, फुंसी आदि रोगों में इसे धारण करने से अनुकूल लाभ मिलता है। इसे धारण करने स केतु जनित दोष कम होते हैं। यह लहसुनिया से अधिक प्रभावकारी है। ऐश्वर्य, धन-धान्य, खुशहाली को प्रदान करता है। धर्म-कर्म, अध्यात्म में रुचि बढ़ाता है।

मकर एवं कुंभ राशि वालों को इसे धारण करना चाहिए। नौमुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ ह्रीं बं यं रं लं’। सोमवार को इसका पूजन कर काले धागे में धारण करना चाहिए।

10 मुखी रुद्राक्ष,,,दशमुखी रुद्राक्ष के अधिपती भगवान महाविष्णु तथा यम देव है. यह रुद्राक्ष एक कवच का कार्य करता है जिसे धारण करनेपर नकारात्मक उर्जा से आसिम सुरक्षा प्राप्त होती है. ईससे न्यायालयीन मुकदमे, भूमी से जुडे व्यवहार (Real Estate) मे यश प्राप्त होता है तथा कर्ज से मुक्ती मिलती है।

10 मुखी रुद्राक्ष सारे नवग्रहो की प्रतिकुलतासे उत्पन्न दोषोका निवारण करता है. दस मुखी रुद्राक्ष में भगवान विष्णु तथा दसमहाविद्या का निवास माना गया है। इसे धारण करने पर प्रत्येक ग्रह की प्रतिकूलता दूर होती है। यह एक शक्तिशाली रुद्राक्ष है तथा इसमें नवरत्न मुद्रिका के समान गुण पाये जाते हैं। 

सर्वग्रह इसके प्रभाव से शांत रहते हैं। यह सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सक्षम है। जादू-टोने के प्रभाव से यह बचाव करता है। ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से पूर्व इसे प्राण-प्रतिष्ठित अवश्य कर लेना चाहिए। मानसिक शांति, भाग्योदय तथा स्वास्थ्य का यह अनमोल खजाना है। मकर तथा कुंभ राशि वाले जातकों को इसे प्राण-प्रतिषिठत कर धारण करना चाहिए। 

दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं ऊँ’। काले धागे में सोमवार के दिन धारण करें।

11 मुखी रुद्राक्ष,,,,,ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के अधिपती 11 रुद्र है. ईसका प्रभाव सारे ईंद्रिय, सशक्त भाषा, निर्भय जीवनपर होता है. ईससे सारे ग्रहोकी प्रतिकुलतासे उत्पन्न दोषो का निवारण होता है।

यह धारक को सही निर्णय लेने में मदद करता है ,यह बल व् बुद्धि प्रदान करता है , तथा शरीर को बलिष्ठ व् निरोगी बनाता है , विदेश में बसने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए इसे पहनने से लाभ मिलता है . ग्यारह मुखी रुद्राक्ष भगवान इंद्र का प्रतीक है। यह ग्यारह रुद्रों का प्रतीक है। 

इसे शिखा में बांधकर धारण करने से हजार अश्वमेध यज्ञ तथा ग्रहण में दान करने के बराबर फल प्राप्त होता है। इस रुद्राक्ष के धारणकर्ता को अकालमृत्यु का भय नहीं रहता. इसे धारण करने से समस्त सुखों में वृद्धि होती है। यह विजय दिलाने वाला तथा आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने वाला है। 

दीर्घायु व वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्रदान करता है। विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों तथा विकारों में यह लाभकारी है तथा जिस स्त्री को संतान प्राप्ति नहीं होती है इसे विश्वास पूर्वक धारण करने से बंध्या स्त्री को भी सकती है संतान प्राप्त हो। इसे धारण करने से बल व तेज में वृद्धि होती है। मकर व कुंभ राशि के व्यक्ति इसे धारण कर जीवन-पर्यंत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ रूं मूं औं’। विधि विधान से पूजन अर्चना कर काले धागे में सोमवार के दिन इसे धारण करना चाहिए।

12 मुखी रुद्राक्ष,,,बारह मुखी रुद्राक्ष के अधिपती सुर्यदेव है. धारण कर्ता को शासन करने की क्षमता, अलौकीक बुध्दीमत्ता की चमक, तेज और शक्ती जैसे सुर्यदेव के गुण प्राप्त होते है. आत्मिक उर्जा मे बढौतरी होती है. इसे धारण करने से व्यक्ति में नेतृत्व क्षमता में वृद्धि और शासक का पद प्राप्त करता है।

बारहमुखी रुद्राक्ष प्रत्येक कार्य क्षेत्र से संलग्न व्यक्ति ,राजनीतिज्ञ, मंत्री ,उद्योग प्रमुख , व्यापारियों एवं यश प्रसिद्धि चाहने वालों को अवस्य धारण करना चाहिए ताकि उनमे ओजस्विता एवं कार्यक्षमता सतत बनी रहे . सरकारी अफसर व कर्मचारीयोके लिये 12 मुखी रुद्राक्ष विशेष लाभदायी सिध्द होता है।

ईससे प्रमोशन, मनचाही जगहपर पोस्टींग, पद, प्रतिष्ठा, Progress व अन्य लाभ प्राप्त होते है. UPSC व अन्य Competitive Exams कि तैय्यारी कर रहे Candidates के लिये भी यह रुद्राक्ष शुभफलदायी होता है। व्यक्तित्व निखारते हुए उँचे दर्जेका आत्मविश्वास एवं Commanding Power प्रदान करनेका कार्य भी यह रुद्राक्ष करता है।

बारह मुखी रुद्राक्ष को विष्णु स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने से सर्वपाप नाश होते हैं। इसे धारण करने से दोनों लोकों का सुख प्राप्त होता है तथा व्यक्ति भाग्यवान होता है। यह नेत्र ज्योति में वृद्धि करता है। यह बुद्धि तथा स्वास्थ्य प्रदान करता है। यह समृद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान दिलाता है। दरिद्रता का नाश होता है। मनोबल बढ़ता है । 

सांसारिक बाधाएं दूर होती हैं तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है तथा असीम तेज एवं बल की प्राप्ति होती है। बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ ह्रीं क्षौंत्र घुणंः श्रीं’। मंत्रोच्चारण के साथ प्रातः काले धागे में सोमवार को पूजन अर्चन कर इसे धारण करें।

13 मुखी रुद्राक्ष,,,13 मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ईन्द्रदेव (देवो के राजा) तथा अधिपती कामदेव होते है. धारणकर्ताकी सारी सांसारीक मनोकामनाए पुरी होती है।

कामदेव की क्रुपा से वशीकरण, आकर्षण ऐश्वर्य एवं प्रभावित करने की क्षमता , शक्ती तथा करिशमाई व्यक्तित्व प्राप्त होता है. अनेक सिध्दीयोको जाग्रुत करते हुए कुंडलिनी जाग्रुती मे सहाय्यकारी होता है. हमेशा Center of Attraction रहने हेतू यह रुद्राक्ष फिल्म अभिनेता एवं कलाजगत , राजनेता व कारोबारीयो तथा व्यापर से जुड़े लोगो के लिए अति श्रेष्ठा है।

ईससे धारणकर्ता के प्रती आकर्षण तथा जनाधार दिन ब दिन बढते जाता है. यह रुद्राक्ष साक्षात् इंद्र का स्वरूप है। यह समस्त कामनाओं एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। निः संतान को संतान तथा सभी कार्यों में सफलता मिलती है अतुल संपत्ति की प्राप्ति होती है तथा भाग्योदय होता है। यह समस्त शक्ति तथा ऋद्धि-सिद्धि का दाता है। 

यह कार्य सिद्धि प्रदायक तथा मंगलदायी है। सिंह राशि वालों के लिए यह उत्तम है। तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ इं यां आप औं‘ं प्रातः काल स्नान कर आसन पर भगवान के समक्ष बैठकर विधि-विधान से पूजन कर काले धागे में सोमवार को इसे धारण करना चाहिए। ‘ऊँ ह्रीं नमः’। मंत्र का भी उच्चारण किया जा सकता है।

14 मुखी रुद्राक्ष,,,,,चौदह मुखी रुद्राक्ष अनमोल ईश्वरीय रत्न है. ईसे साक्षात ‘देवमणी’ कहा जाता है. ईसके अधिपती स्वय्ं भगवान शिव और महाबली हनुमान है. धारणकर्ता को दुर्घटना, यातना व चिंतासे मुक्ती दिलाते हुए सफलता की ओर ले जाता है. इसे धारण करने से छठी इन्द्रिय जागृत हो जाती है एवं भविस्य में होने वाली घटनाओ का पहले ही ज्ञान होने लगता है और किसी भी विषय पर लिया गया निर्णय अंततः सफल ही होता है।

यह अपने प्रभाव से धारक को समस्त संकट , हानि , दुर्घटना ,रोग और चिंता से मुक्त करके ऐश्वर्य, धन-धान्य- , सुख शांति , समृद्धि प्रदान करता है . सांसारिक बाधाएं दूर होती हैं समस्त कामनाओं एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। सभी कार्यों में सफलता मिलती है अतुल संपत्ति की प्राप्ति होती है तथा भाग्योदय होता है।

14 मुखी रुद्राक्ष के अधिपती ग्रह शनि और मंगल है. अर्थात यह रुद्राक्ष शनी तथा मंगल दोनो ग्रहोकी बाधा से उत्पन्न दोषो का निवारण करता है.जिन्हे साढेसाती, 4 था या 8 वा शनि चल रहा है, एेसे तमाम लोगोको ईसे पहेननेसे बडी राहत मिलती है. यह भगवान शंकर का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। यह हनुमान जी का स्वरूप है। 

धारण करने वाले को परमपद प्राप्त होता है। इसे धारण करने से शनि व मंगल दोष की शांति होती है। दैविक औषधि के रूप में यह शक्ति बनकर शरीर को स्वस्थ रखता है। चैदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र: ‘ऊँ औं हस्फ्रे खत्फैं हस्त्रौं हसत्फ्रैं’। सोमवार के दिन स्नानादि कर पूजन-अर्चन कर काले धागे में इसे धारण करें।

15 मुखी रुद्राक्ष,,,,यह रुद्राक्ष भगवान पशुपतीनाथ का स्वरुप है. यह रुद्राक्ष व्यानपार में वृद्धि के लिए होता है। पंद्रह मुखी रुद्राक्ष से ऊर्जा प्राप्त‍ होती है जिससे व्यरक्तिन अपने कार्य में सफल हो पाता है। 

इस रुद्राक्ष को पहनने से बुद्धि तेज होती है। रुद्राक्ष पर भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है इसलिए पंद्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपके व्या्पार पर भगवान शिव की कृपा प्राप्ता होती है। 15 मुखी रूद्राक्ष भगवान पशुपतिनाथ का प्रतीक तथा राहु द्वारा शासित है अर्थात् इस रुद्राक्ष को पहनने से आपको राहु की कृपा भी प्राप्तख होती है। यह रुद्राक्ष आपका उचित मार्गदर्शन करता है। 15 मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से आपको कभी भी धन का अभाव नहीं होता। 

15 मुखी रुद्राक्ष त्व चा रोग दूर करने में भी प्रभावकारी होता है। इससे पौरुष शक्ति भी बढ़ती है। ह्रिदयरोग, मधुमेह, अस्थमा जैसे रोगे से राहत दिलाता है.

16 मुखी रुद्राक्ष,,,यह भगवान शिव का महाम्रुत्युंजय रुप है. ईसे विजय रुद्राक्ष भी कहा जाता है. शत्रु को परास्त करते हुए दिग्विजयी होने मे का शुभाषिश यह प्रदान करता है.ईसे धारण करना प्रतिदिन 1,25,000 बार महाम्रुत्युंजय मंत्र का जाप करने बराबर है।

17 मुखी रुद्राक्ष,,,,सत्तरह मुखी रूद्राक्ष को सीता जी एवं राम जी का प्रतीक माना गया है. यह रुद्राक्ष राजयोग का सुख प्रदान करता है सुख एवं समृद्धि दायक होता है।

यह रुद्राक्ष राम सीता जी के संयुक्त बलों का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक दुर्लभ रूद्राक्ष है,. इस रूद्राक्ष के पहनने से सफलता, स्मृति ज्ञान, कुंडलिनी जागरण और तथा धन धान्य की वृद्धि होती है. 17 मुखी रुद्राक्ष भौतिक संपत्ति प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है ईसके अधिपती विश्व के निर्माता विश्वकर्मा है।

धारणकर्ता को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त होते है. यह रूद्राक्ष सभी पापों का शमन करता है. अपने पेशे मे व भाग्य मे लगातार बढौतरी चाहनेवाले व्यवसायी, प्रबंधक, सरकारी अधिकारी तथा राजकीय नेताओ के लिए 17 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभदायी होता है।

कात्यायनी तंत्र के अनुसार धारणकर्ता पर लगातार सफलता, अचानक संपत्ती तथा सांसारिक सुखो की वर्षा होती है. और अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. स्मृति हानि, शाररिक ऊर्जा की कमी से पीड़ित लोगों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत उपयोगी है. इसके साथ ही जो महिलाएं इस रूद्राक्ष को धारण करती हैं उन्हें अच्छा वैवाहिक जीवन, बच्चे और दांपत्य सुख प्राप्त होता है, हिंदू वैदिक ग्रंथों के अनुसार, 17 मुखी रूद्राक्ष सभी कमियों को दूर करने सहायक है।

18 मुखी रुद्राक्ष,,,,यह भूमीदेवी (माँ पृथ्वी )का स्वरुप है. यह धारणकर्ता के लिए व्यवसाय, भूमी व्यवहार तथा आपार वैभव के रास्ते खोलने वाला एक शक्तिशाली रुद्राक्ष है. अठारह मुखी रुद्राक्ष भूमि संबंधित कार्यों से जुडे़ लोगों के लिए उत्तम माना गया है प्रॉपर्टी कारोबार मे अल्प समय मे सफलता एव् विपुलता पाने हेतु ईसे धारण किया जाता है.लैण्ड डेवलपर्स, रियल एस्टेट ब्रोकर्स, कंन्सट्रक्शन व्यवसाई आदि कारोबारियों के लिए अत्यंत लाभदायक।

इस प्रकार, यह लौह अयस्क, जवाहरात, बिल्डरों, आर्किटेक्ट, संपत्ति डीलरों, ठेकेदारों, आर्किटेक्ट, किसानों, आदि के लिए उपयुक्त है.18 मुखी रूद्राक्ष को पहनने से सभी प्रकार के सम्मान, सफलता और प्रसिद्धि मिलेगी . निर्भय बनेंगे, दुर्घटनाओं और ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचाव होगा. यह मधुमेह और लकवा जैसे रोगो मे आराम दिलाता है।

19 मुखी रुद्राक्ष,,,यह भगवान नारायण का स्वरुप है. यह मणी शरिर के सारे चक्र खोल देता है जिससे व्याधियोसे मुक्ती मिलती है. यह नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा के सारे अवरोध दुर करता है।

20 मुखी रुद्राक्ष,,,,यह रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरुप है. ईसमे नवग्रह, आठ दिकपाल तथा त्रिदेव की शक्तियॉ है जिससे व्यक्ती ईच्छाधारी बन जाता है.

21 मुखी रुद्राक्ष,,,,यह दुर्लभ रुद्राक्ष कुबेर का स्वरुप है. धारण करने वाला अपार जमिन- जायदाद, सुख और भौतिक ईच्छाए पुर्ण होने का वरदान पाता है.

गौरीशंकर रुद्राक्ष,,,2 मणी प्राक्रुतीक रुप से एकसाथ होने से शिव-पार्वती के एकरुप का प्रतिनिधीत्व करते है. ईसे धारण करने या घरमे रखने से परिवार के सारे सदस्योमे एकता तथा समाज के सभी वर्गो के साथ भाईचारा बना रहता है. जिनके विवाह में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो, उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।

गणेश रुद्राक्ष,,,इस रुद्राक्ष को भगवान गणेश जी का स्वरुप माना जाता है. इसे धारण करने से ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है. यह रुद्राक्ष विद्या प्रदान करने में लाभकारी है विद्यार्थियों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत लाभदायक है।

गौरीपाठ रुद्राक्ष,,,यह रुद्राक्ष त्रिदेवों का स्वरूप है. इस रुद्राक्ष द्वारा ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा प्राप्त होती है।

गर्भ गौरी रूद्राक्ष,,,यह रुद्राक्ष उन महिलाओं के लिए बहुत ही लाभदायक है जो संतान की कामना रखती हैं या जिन्हें किसी कारण वश, संतान उत्पत्ति में विलंब का सामना करना पड़ रहा हो. इसके साथ ही साथ यह रुद्राक्ष गृभ की सुरक्षा करता है तथा जिन्हें गर्भ न ठहरता हो या गर्भपात हो जाता हो उनके लिए यह रुद्राक्ष अमूल्य निधि बनता है।

रविवार, 19 जुलाई 2020

पानी को जो भी छुता है वो पत्थर बन जाता है

क्या आपने ऐसी झील के बारे में सुना है जिसके पानी को जो भी छुता है वो पत्थर बन जाता है? आज हम आपको एक ऐसी ही झील के बारे में बता रहे है यह है यह है उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक।
फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट जब उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक की तटरेखा पर पहुंचे तो वहां के दृश्य ने उन्हें चौंका दिया। झील के किनारे जगह-जगह पशु-पक्षियों के स्टैच्यू नजर आए। वे स्टैच्यू असली मृत पक्षियों के थे। दरअसल झील के पानी में जाने वाले जानवर और पशु-पक्षी कुछ ही देर में कैल्सिफाइड होकर पत्थर बन जाते हैं।
Brandt अपनी नई फोटो बुक ‘Across the Ravaged Land’ में लिखते है की “कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है की ये कैसे मरे पर लगता है की लेक की अत्यधिक रिफ्लेक्टिव नेचर ने उन्हें दिग्भ्रमित किया फलस्वरूप वे सब पानी में गिर गए। ” वो आगे लिखते है की ” पानी में नमक और सोडा की मात्रा बहुत ही जयादा है, इतनी जयादा की इसने मेरी कोडक फिल्म बॉक्स की स्याही को कुछ ही सेकंड में जमा दिया। पानी में सोडा और नमक की ज्यादा मात्रा इन पक्षियों के मृत शरीर को सुरक्षित रखती है।”
इन पक्षियों के फोटो का संकलन ब्रांड्ट ने अपनी नई किताब ‘Across the Ravaged Land’ में किया है। यह किताब उस फोटोग्राफी डाक्यूमेंट का तीसरा वॉल्यूम है, जिसे निक ने पूर्वी अफ्रीका में जानवरों के गायब होने पर लिखा है।
पानी में अल्कलाइन का स्तर पीएच9 से पीएच 10.5 है, यानी अमोनिया जितना अल्कलाइन। लेक का तापमान भी 60 डिग्री तक पहुंच जाता है। पानी में वह तत्व भी पाया गया जो ज्वालामुखी की राख में होता है। इस तत्व का प्रयोग मिस्रवासी ममियों को सुरक्षित करने के लिए रखते थे।
वो अपनी किताब में आगे लिखते है ” सारे प्राणी calcification के कारण चट्टान की तरह मजबूत हो चुके थे इसलिए बेहतर फोटो लेने के लिए हम उनमे किसी भी तरह का बदलाव नहीं कर सकते थे इसलिए फोटो लेने के लिए हमने उन्हें वैसी ही अवस्था में पेड़ो और चट्टानों पर रख दिया।”

बुधवार, 15 जुलाई 2020

कार के नंबर प्लेट से इसके मालिक का नाम पता चल सकता है


इसके लिए दो एप्लीकेशन और एक लिंक आपके साथ साझा करता हूँ |
1. पहला एंड्राइड एप्प जिसका नाम है -RTO Vehicle Information [1] इसे आप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं |
जब आप इसे खोलेंगे तब आप के पास यह विकल्प आयेगा |
इसमें आप किसी भी वाहन की जानकारी ले सकते हैं सिर्फ नंबर प्लेट की संख्या डाल कर |
इसके अलावा आप इस एप्प में अपने लाइसेंस की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं |
एक बात ध्यान दें - यह एक आधिकारिक आरटीओ ऐप नहीं है।
2. आधिकारिक आरटीओ ऐप के लिए आप mParivahan[2] डाउनलोड करें |
इसमें भी आप केवल नंबर प्लेट की संख्या डाल कर सभी जानकारी पा सकते हैं |
इस ऐप के मुख्य लाभ हैं -
  • केवल पंजीकरण संख्या दर्ज करके किसी भी दुर्घटनाग्रस्त, लम्बे समय से पार्क किये या चोरी हुए वाहन का विवरण प्राप्त कर सकते हैं ।
  • अपने वाहन पंजीकरण का विवरण सत्यापित कर सकते हैं ।
  • यदि आप सेकेंड हैंड कार खरीदना चाहते हैं तो उम्र और पंजीकरण विवरण सत्यापित कर सकते हैं।
  • समय रहते दुर्घटना की जानकारी दे कर एम्बुलेंस को बुला सकते हैं |
3. इसके अलावा आप सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आशा है ये जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी | धन्यवाद |
फुटनोट
[2] mParivahan - Apps on Google Play

इलेक्ट्रॉनिक Mobile, Laptop, Computers बेचते समय DATA को Permanentely Delete कैसे करे?

इलेक्ट्रॉनिक Mobile, Laptop, Computers बेचते समय DATA को Permanentely Delete कैसे करे?

अक्सर लोगों को ये भरम होता है कि सिंपल File Delete या फिर Permanent Delete जो कि SHIFT +Delete के संयोजन से किया जाता हैं इससे File Permanent Delete हो जाती हैं जबकि ऐसा नहीं हैं वो फाइल लम्बे समय तक ऐसे एरिया में Preserve यानि save सुरक्षित हो जाती हैं जिसे कुछ सॉफ्टवेयर जिन्हे Data Recovery software कहा जाता हैं उनसे वापस पायी  जा सकती हैं। फिर भी आजकल कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर हैं जिनकी सहायता से कुछ हद्द तक आपके Data को हमेशा के लिए Delete किया जा सकता हैं। पहले हम इस बात को समझेंगे कि फाइल Delete होने के बाद वो कहाँ जाती हैं।
वैसे यूजर को इस बात से अवगत होना जरुरी हैं कि जो सवेंदनशील Data वो डिलीट कर रहे हैं वो चंद सॉफ्टवेयर के द्वारा वापस पाया जा सकता हैं और और ये बहुत बड़ा खतरा है आपकी प्राइवेसी के लिए। ऐसे कई केस हुए हैं जब कोई अपने कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल में Data डिलीट करके उसको बेच देता है और कई लोग Data रिकवरी से उनका डाटा रिकवर कर लेते हैं हो सकता हो उसमे यूजर की निजी तस्वीरें या वीडियो हो ऐसे में वो Data लीक होने की संभावना हो जाती हैं और फिर शुरू हो जाती हैं ब्लैकमेलिंग। ऐसे में आपको हमेशा सतर्कर्ता से Data को डिलीट करके ही किसी को ऐसी चीज़ें बेचनी चाहिए।
Data डिलीट होने के बाद जाता कहा हैं ?
Data डिलीट होने के बाद रीसायकल बिन में जाता हैं और फिर वहाँ से भी अगर आप डिलीट करेंगे तो भी वो Data आपके सिस्टम पर ही रहता हैं। डिलीट हुआ Data टुकड़ो में सिस्टम के ही फ़ोल्डर्स में सेव हो जाता हैं और समय दर समय डिलीट हुए Data से बदलता रहता हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम डिलीट किये हुए Data को फाइल एलोकेशन टेबल की मदद से विभिन डायरेक्टरी में सेव कर देता है।
अब बात करेंगे की Data को परमानेंटली delete कैसे करे?
देखिये डिलीट हुए Data को परमानेंट डिलीट करने का एक ही तरीका हैं और वो हैं उसको Rewrite करके ही करा जा सकता हैं इसके लिए एक अच्छा सा टूल हैं वो मैं आपको बताने जा रहा हु।
इस सॉफ्टवेयर का नाम हैं इरेज़र जो कि Data को Multipal time write करता हैं और Data रिकवर होने की सम्भावना को शून्य कर देता हैं। ध्यान रहे इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने पर आप Data को किसी भी हाल में रिकवर नहीं कर पाएंगे इसलिए सोच समझ कर ही डाटा को इरेस करे। ये Data को परमानेंटली डिलीट करने में थोड़ा समय लेता हैं। टूल फ्री हैं और आप चाहे तो इसका यूज करके देख सकते हैं।
डिलीट किया हुआ Data कैसे वापस पाए ?
ये तरीका तब काम आता हैं जब आप इरेज़र जैसे सॉफ्टवेयर यूज़ नहीं किया हो मतलब डिलीट किया हुआ Data इरेज़र सॉफ्टवेयर से नहीं किया गया हो। वैसे तो बाज़ार में बहुत सारे सॉफ्टवेयर हैं पर मैं यहाँ आपको सबसे बेस्ट बताने वाला हूँ जिसका रिकवरी रेश्यो 95%हैं
इमेज सोर्स :- lsoft technologies
इस सॉफ्टवेयर को यूज करना थोड़ा जेब ढीली कर सकता हैं फिर भी आप चाहे तो ट्रायल ले कर इससे इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें अपना पार्टीशन या डिस्क सेलेक्ट करके आप को सिर्फ लास्ट चांस का ऑप्शन दबाना हैं और अपनी फाइल का प्रकार सेलेक्ट करना हैं कि वो फाइल मूवी की थी या फिर फोटो या कुछ और। और फिर ये सॉफ्टवेयर फाइल रिकवरी करना शरू कर देता हैं।
इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचते समय कुछ सावधानियाँँ
  1. अपने सामान को बेचने से पूर्व उसके डाटा को अच्छे से कहींं और सेव कर लेंं और फिर उसे परमानेंटली delete कर देंं। अगर आप मोबाइल में हैं तो आप रिकवरी मोड में जा कर क्लीन Data और cache ऑप्शन से दो या तीन बार करके Data को परमानेंटली रिमूव कर सकते हैं (ध्यान रहे पुलिस और फॉरेंसिक लैब एक्सपर्ट इस Data को वापस पाने में कामयाब हो सकते हैं क्योकि उनके पास बेहतर टूल और टेक्निशन्स होते हैं। अगर कोई पुलिस केस हैं तो ये तरीका काम नहीं करता हैं। )
  2. अगर आपका निजी Data सवेंदनशील हैं तो आप डबल श्योर हो सकते हैं रिकवरी करके देखिये सॉफ्टवेयर से कि वो Data वापस आता है या नहीं।
  3. वेबकेम और मोबाइल कमरे को निजी कार्य करते समय विपरीत डायरेक्शन में रखना चाहिए या फिर वेबकेम के कैमरे को ब्लैक टेप लगा देनी चाहिए।
  4. अपने Data को हमेशा बैकअप ले कर रखेंं। आप बैकअप पेन ड्राइव या फिर पोर्टेबल हार्ड ड्राइव में भी रख सकते हैं।
  5. ध्यान रहे आपका Data ऑनलाइन जा सकता हैं और अमूमन काफी केसेस में ये भी देखने को मिला हैं जिनका निजी Data ऑनलाइन डाला गया उनको ज़िंदगी भर इस बात का पता ही नहीं चला। ऐसे में सतर्कता ही बचाव हैं।
  6. आजकल कपल्स का नया फैशन चला हैं खुद की न्यूड फोटो और वीडियो को मोबाइल और कंप्यूटर लैपटॉप में रखने का ऐसे में वो खतरा खुद ही मोल लेते हैं। सिर्फ डिलीट भर से वो Data कभी डिलीट नहीं होता और किसी और के हाथ में जाने पर रिकवरी से वो Data वापस आ सकता हैं। ऐसे में खुद की और दूसरे की ज़िंदगी का भी ख्याल करे।

आधार कार्ड से कितनी सिम एक्टिव हैं पता लगाया जा सकता है


इसके लिए आपको आधार की वेबसाइट uidai पर जाना पड़ेगा
यहां आप माय आधार पर क्लिक करेंगे >
इसमें आपको आधार सर्विस में आपके आधार कार्ड संबंधित सारी जानकारिया उपलब्ध है।
यहां नीचे आपको मिलेगी आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री इसमें आपको आपने आधार कार्ड से ऑथेंटिकेशन के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
धन्यवाद
सभी चित्र गूगल इमेज से साभार
चित्रों का अधिकार मालिक के पास सुरक्षित है

मोबाइल टाइप सी केबल क्या हैं? माइक्रो यूएसबी केबल की जगह टाइप सी केबल क्यों?

समय बदलता है तो समस्याएं भी बदलती हैं, और समस्याएं बदलती हैं तो उनके solution भी बदलते हैं. एक समय ऐसा था कि हर मोबाइल कंपनी के अलग अलग चार्जर होते थे, जैसे नीचे चित्र मे देख सकते हैं..
उस समय डाटा ट्रांसफर के बजाय सिर्फ चार्जिंग को मुख्य अहमियत दी जाती थी, लेकिन जैसे जैसे समय बदला तो आवश्यकताएं भी बदली, nokia का बारीक़ पिन बेहद फेमस था परन्तु केवल चार्ज के लिए बाद मे माइक्रो usb ने सारी अन्य पिनो को चलन से बाहर कर दिया, कारण, फ़ास्ट चार्जिंग और तेज़ डाटा ट्रांसपोर्ट दोनों एक साथ मिलने लगे. आज भी बाजार मे माइक्रो usb पिन का उतना ही बोलबाला है.
आज जब हम 4g या 5g कि बात करते हैं तो हमें बहुत तेज़ डाटा ट्रांसफर करने वाली डिवाइस और वैसी ही एक्सेसरीज कि जरूरत पड़ेगी, तो सामने आया type C केबल, इसके कोई अलग फायदे नहीं हैं, बस ये समझ लीजिये कि माइक्रो usb 40 प्रतिशत एफिसिएंट हैं तो type C 80 प्रतिशत तक उससे आगे हैं.
पहले आप अलग अलग प्रकार के type के कनेक्टर के बारे me जान लीजिये.
चित्र मे आप type A, B, mini, micro आदि प्रकार के पिन और पोर्ट देख सकते हैं इनको अलग अलग कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता हैं. जैसे type A और B मे एक्सेसरीज के हिसाब से हम usb 1.0 या 2.0 कह सकते हैं, ये काफ़ी कम डाटा ट्रांसफर के लिए प्रयोग कि जाती थी, विशेषतया पुराने कंप्यूटरों और गेमिंग कंसोल मे.
बाद मे इन्ही type A तथा B का उन्नत संस्करण को हम usb 3.1 कहते हैं जिनमे अधिक मात्रा मे डाटा ट्रांसफर हो जाता था, आज भी कई उपकरणों मे ये पोर्ट कॉमन हैं, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं जैसे जैसे डिवाइसेस का आकर छोटा हो रहा हैं और दक्षताये बढ़ती जा रही हैं तो कुछ ही समय बाद सभी जगह type c कनेक्टर्स देखे जा सकेंगे. माना जाता हैं कि type c कनेक्शन, HDMI से भी अधिक सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली हैं, सबसे अच्छी खूबियों मे से एक ये हैं कि आप आंखे बंद करके भी इसे कनेक्ट कर सकते हो क्युकी इसमें उल्टा या सुल्टा लगने जैसी कोई समस्या नहीं हैं अँधेरे मे भी आप इसे किसी भी तरफ से अपनी डिवाइस मे लगा सकते हैं, साथ ही 4g या 5g जैसे नेटवर्क के लिएये सबसे बेहतर विकल्प हैं. ये 10 GBPS तक का डाटा और 110 वाट तक कि बिजली बेहद जल्दी आपके उपकरण मे पहुंचा सकता हैं. आजकल सभी फ़ास्ट चार्जर के सही यही केबल मिलता हैं.
इस बात से भी आप वाकिफ होने चाहिए कि बहुत कम समय बाद ये type c भी चलन से बाहर हो जायेंगे और भविष्य मे उस समय कि जरूरत के हिसाब से कोई नयी तकनीक सामने आएगी, जो 100 GBPS से अधिक डाटा ट्रांसफर करने के लिए बनी होंगी, क्यूंकि समय बदलता हैं तो आवश्यकताएं भी बदलती हैं.
धन्यवाद.

हमारा Email Id किन apps एवं websites में signup है


हमारा Email Id किन apps एवं websites में signup है

ये जानने के लिए
सबसे पहले अपने फोन की Settings में जाकर Google के option को तलाशें
अब Account Services पर Click करें
अब Connected apps पर क्लिक करें
अब आप देख सकते कि आपका Gmail Account किन Websites एवं Apps से Signup हैं
अब आप जिस बेवसाइट या ऐप से अपना अकाउंट डिस्कनेक्ट करना चाहते हैं उस पर क्लिक करें
एवं Disconnect करें
धन्यवाद

Google Play Service क्या है?

आपने अपने Android डिवाइस पर Google Play Services को देखा होगा। यह ऐप एंड्रॉइड किटकैट के दिनों से हमारे एंड्रॉइड डिवाइसों पर बैठा है। लेकिन यह ऐप ड्रॉअर में दिखाई नहीं देता है।
गूगल प्ले सर्विस इतने सारे परमिशन (बॉडी सेंसर, कैमरा, कैलेंडर,कांटेक्ट, लोकेशन, माइक्रोफोन, फोन, मैसेज, फ़ाइल) क्यों लेता है?
आपने सोचा होगा, "Google Play services का उपयोग क्या है" या "अगर मैं Google Play services को अनइंस्टॉल करता हूं तो क्या होगा?" यह एप्लिकेशन हमारे एंड्रॉइड डिवाइसों पर एक महान उद्देश्य पूरा करता है और कई अन्य ऐप्स को ठीक से काम कराने के लिए एक महत्वपूर्ण ऐप है।
सर्विस और एपीआई:
Google मैप्स एपीआई: यह एपीआई अन्य एप्लिकेशन को ऐप को छोड़े बिना Google मैप्स तक पहुंचने की अनुमति देता है। यदि आपने कैब बुक करने या किसी बुक होटल में नेविगेट करने के लिए ऐप का उपयोग किया है, तो आपने इस सेवा का उपयोग जरूर किया होगा।
लोकेशन एपीआई: लोकेशन एपीआई का उपयोग स्वचालित क्रियाओं को करने के लिए किया जा सकता है जब उपयोगकर्ता किसी विशिष्ट भौगोलिक सीमा में प्रवेश करता है या छोड़ता है।फ़्यूज्ड लोकेशन प्रोवाइडर का मतलब लोकेशन सेवाओं का उपयोग करते समय बैटरी का उपयोग कम करना है।
Google ड्राइव API: यदि आपके पास अपने डिवाइस पर Google ड्राइव इंस्टाल्ड है, तो अन्य एप्लिकेशन से फ़ाइलों को साझा करना और संग्रहीत करना इस एपीआई के साथ आसान हो जाता है।
Google Play Game Services: इन सेवाओं का उपयोग लीडरबोर्ड और उपलब्धियों के माध्यम से मल्टीप्लेयर गेमिंग सत्रों में एक अधिक प्रतिस्पर्धी और इमर्सिव अनुभव बनाने के लिए किया जाता है।इसके अलावा, सेव्ड गेम्स एपीआई यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने गेम डेटा को सिंक और सेव करके गेम में अपनी प्रगति को न खोएं।
Google+ प्लेटफ़ॉर्म: आपके पास ऐसे ऐप्स आए होंगे जो आपको "साइन-इन Google+ के साथ" लॉगिन विकल्प प्रदान करते हैं। यह सेवा आपको कई ऐप पर एक से अधिक खातों तक पहुंचने के लिए एकल उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड का उपयोग करने की अनुमति देती है।
Google कास्ट एंड्रॉइड एपीआई: यह एंड्रॉइड एप्लिकेशन को Google कास्ट के माध्यम से अन्य उपकरणों पर सामग्री को स्क्रीन पर डालने की अनुमति देता है।
Google मोबाइल विज्ञापन: Google मोबाइल विज्ञापनों का उपयोग अनुप्रयोगों में विज्ञापनों को एकीकृत करने और स्थान या ब्राउज़िंग इतिहास के आधार पर बुद्धिमान विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।इस प्रकार हजारों ऐप डेवलपर अपने ऐप का मुद्रीकरण करते हैं।
कुछ अन्य ऐसी सेवाएं जो उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाती हैं:
गूगल वाॅलेट
गूगल प्ले प्रोटेक्ट
Google फ़िट API
Google खाता प्रमाणीकरण विधियाँ
#Google Play Services को इतनी अनुमतियों की आवश्यकता क्यों है?
यदि आप Google Play Services के लिए ऐप अनुमतियां देखते हैं, तो आप देखेंगे कि यह बॉडी सेंसर, कैलेंडर, कैमरा, कॉन्टैक्ट्स, माइक्रोफोन, फोन, एसएमएस और स्टोरेज को एक्सेस करने के लिए बहुत सारी परमिशन मांगता है।
इसे कई अनुमतियों की आवश्यकता है क्योंकि Play Services एक हब के रूप में कार्य करती है जहाँ अन्य ऐप्स Google द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा सेवाओं पर निर्भर हैं।
Google Play Services में कई आंतरिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सिस्टम-स्तरीय पहुँच है और अन्य ऐप्स से संवेदनशील जानकारी को छुपाता है। साथ ही, लगभग सभी Google ऐप Google Play Services का उपयोग करते हैं।
क्या Google Play Services आवश्यक है?
कई ऐप Google Play सेवाओं पर निर्भर करते हुए अतिरिक्त सुविधाओं के लिए Google API का उपयोग करते हैं। चूंकि Play Store के अधिकांश ऐप इन सेवाओं पर निर्भर करते हैं, Google Play Services को अक्षम या अनइंस्टॉल करने से उन ऐप्स के क्रैश होने का कारण हो सकता है। इसके अलावा, Google Apps काम नहीं करेगा।
Google Play Services को अनइंस्टॉल कैसे करें?
अब, आप शायद इसे अपने फोन से हटाने के बारे में सोच रहे हैं।फिर मैं आपको बता दूं कि Google ने ऐप की महत्वपूर्ण प्रकृति को देखते हुए आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करने दिया है।
हालाँकि, यदि आप चाहें, तो आप Google Play Services को डिसेबल कर सकते हैं, जैसे आप अन्य ऐप्स को डिसेबल करते हैं।यदि आप अपने फोन से एप को हटाना चाहते हैं तो आप एंड्रॉइड रूटिंग का रास्ता अपना सकते हैं। या आप इसके बजाय Google-मुक्त डिवाइस पर स्विच कर सकते हैं।
क्या Google Play Services से डेटा साफ़ करना सुरक्षित है?
हालाँकि आप Google Play Services से डेटा और कैचे साफ़ कर सकते हैं, हम इसकी अनुशंसा नहीं करते हैं क्योंकि वे डेटा ऐप्स के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, यह डेटा क्लीयर होने के बाद अपने आप जेनरेट हो जाएगा।
हालांकि, ऐसे उदाहरण हैं जब आपको ऐसा करना पड़ सकता है। एक आम समस्या यह है जब उपयोगकर्ताओं को आवर्ती संदेश का सामना करना पड़ता है "Google Play Services has stopped working." अपने डिवाइस को फिर से शुरू करना या Google Play Services से डेटा और कैचे साफ़ करना इस समस्या को हल कर सकता है।
मैं Google Play services का डेटा कैसे साफ़ करूँ?
Google Play services से डेटा और कैचे को हटाने के लिए आप इन सरल चरणों का पालन कर सकते हैं:
•सेटिंग्स> ऐप्स> Google Play services पर जाएं।
•स्टोरेज पर टैप करें
•Manage space पर टैप करें
• Clear all data पर टैप करें
  • पाॅप-अप में OK पर क्लिक करें
क्या मुझे Google Play services की आवश्यकता है?
हाँ। क्योंकि यह ऐप या एपीआई, जो भी आप इसे कहते हैं, आपके एंड्रॉइड डिवाइस के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है। हालाँकि इसमें उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस नहीं है, हमने देखा है कि Google Play Services आपके समग्र Android अनुभव को बढ़ाएगा।
इसके अलावा, यह ऑफ़लाइन खोजों को गति देने में सहायता करता है और अन्य ऐप्स के लिए मानचित्र और स्थान एक्सेस प्रदान करता है।इसके अलावा, यह आपके खाते के साथ एक अलग डिवाइस पर खेलने पर भी आपको अपनी प्रगति और उपलब्धियों को बनाए रखने की अनुमति देकर गेमिंग अनुभवों में सुधार करता है।

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