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बुधवार, 9 सितंबर 2020

करें खेती मोती क़ी बने आत्म निर्भर कमाएंगे आप लाखो हो के निडर सरकार दे रही सहायता और पर्ल फाउंडेशन दे रहा प्रशिक्षण

करें खेती मोती क़ी बने आत्म निर्भर कमाएंगे आप लाखो हो के निडर सरकार दे रही सहायता और पर्ल फाउंडेशन दे रहा प्रशिक्षण

 कोरोना काल में सब कुछ छोड़ कर घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मोती की खेती एक सुनहरे अवसर के रूप में सामने आई है. जिला के दलसिंहसराय वार्ड संख्या दो निवासी राजकुमार शर्मा ने 2017 में जब अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ मोती की खेती शुरू की थी तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे. लेकिन कुछ नया करने की सोच लेकर उसने भुवनेश्वर और जयपुर में इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया. आज वो एक बड़े से पानी के टैंक में सीप डालकर मोती की खेती करते हैं. साथ ही इसका प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.

बाहरी बाजारों में होती है बिक्री

*कोरोना काल में अब वह प्रवासियों को प्रशिक्षित करना शुरू करेंगे*

मिली जानकारी अनुसार 12 प्रवासियों ने प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है ताकि वह अपने गांव में ही रहकर स्वरोजगार कर सकें. बता दें कि मोतियों की बिक्री स्थानीय बाजार सहित बाहर के बाजार में भी होती है.

*कई लोगों ने कराया है रेजिस्ट्रेशन*

इस संबंध में राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने अपने दोस्त प्रणव कुमार के साथ मिलकर बुलाकीपुर गांव में पर्ल फाउंडेशन नामक से प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है, जहां जिला के साथ-साथ मुजफ्फरपुर, बेगुसराय, पटना सहित दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों ने मोती की खेती के प्रशिक्षण को लेकर रजिस्ट्रेशन कराया है.

*स्वरोजगार उपलब्ध कराने को हैं तत्तपर*

कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से लौटे लोगों को प्रशिक्षण देकर घर पर ही लाखों रुपये की आमदनी कराने को लेकर पर्ल फाउंडेशन के संस्थापक बताते हैं कि कोरोना ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल कर रख दी है. सबसे से ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को हुई है. ऐसे में प्रवासियों को मोती की खेती का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार उपलब्ध कराने को लेकर हम तप्तर हैं. लॉकडाउन के दौरान मिली कृषि में छूट को लेकर लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं कई प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन भी कराया है.

*कम लागत में है ज्यादा मुनाफा*

राजकुमार बताते है कि एक मोती के उत्पादन से लेकर बाजार तक पहुंचने में करीब 40 रुपए का खर्च आता है. वही मोती स्थानीय बाजार में 300 से लेकर 400 रुपए तक में बेची जाती है. मोती की खेती में करीब 12 से 18 माह का समय लगता है. उन्होंने बताया कि मोती के तीन किस्मों की खेती वह करते हैं, इसमें केवीटी, गोनट और मेंटलटीसू मोती की खेती शामिल है.

उन्होंने बताया कि एक सीप लगभग 10 से 15 रुपए की आती है. बाजार में 1 से 20 मिमी सीप के मोती का दाम करीब 300 से लेकर 400 रुपये होता है. आजकल डिजायनर मोतियों को खासा पसन्द किया जा रहा है. जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. सीप से मोती निकाल लेने के बाद सीप को भी बाजार में बेंचा जा सकता है. सीप से कई सजावटी सामान तैयार किये जाते है. जैसे कि सिलिंग झूमर, आर्कषक झालर, गुलदस्ते आदि.

*जानें मोती की खेती का तरीका*

राजकुमार और प्रणव बताते हैं कि मोती की खेती के लिए तैयार इन्फ्रास्ट्रक्चर सीमेंटेड पानी टैंक सहित लगभग 40 हजार रुपए तक का खर्च आता है. मोती की खेती के लिए सीप जिसे ओयस्टर भी कहा जाता है, उसमें न्यूक्लियस डाला जाता है. इस सीप को जाल के बैग पर लगाते हैं और डंडे के सहारे खड़ा कर देते हैं. इसके बाद इसे पानी के टैंक या तालाब में 3-4 फुट गहरे पानी में लगभग 12 से 18 महीने तक छोड़ा जाता है, जिसके बाद डिजाइनर मोती के साथ गोल मोती बनकर तैयार हो जाती है.

https://youtu.be/AWCz4xqL5bU

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अगर आपकी गैस सबसिडी बैंक में नही आ रही है तो जांचे अपनी जानकारी व स्थिति और ऐसे करें आवेदन

अगर आपकी गैस सबसिडी बैंक में नही आ रही है तो जांचे अपनी जानकारी व स्थिति और ऐसे करें आवेदन

 अगर आप अपने गैस सब्सिडी की स्थिति जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं । जिसके ऊपर हम चर्चा करेंगे ।

■ पहले आपको यह देखना होगा कि आप जिस भी गैस सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं वह किस कंपनी की है सामान्य तौर पर भारत में तीन कंपनियों के ही घरेलू गैस सिलेंडर प्रयोग किए जाते हैं जो हैं
1. Bharat Gas
2. HP Gas
3. Indane Gas

◆ सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर ले कि आप भारत गैस Bharat Gas के एक ग्राहक हैं ।

सब्सिडी की जानकारी हेतु सबसे पहले आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जानी होगी ।

◆ Bharat Gas Official Website / भारत गैस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें ♂

◆ वेबसाइट पर जाने के बाद आपको my.lpg वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ♂

◆ इसके बाद आपको Check PAHAL Status वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।

◆ अब यहां पर आपको अपना आधार कार्ड संख्या और 17 अंकों की एलपीजी आईडी(lpg id) के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करनी होगी ।

◆ यहां पर एक और विकल्प मौजूद होता है अगर आपके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में आप अपने राज्य,जिला, डिस्ट्रीब्यूटर और ग्राहक संख्या दर्ज कर भी इसकी जानकारी देख सकते हैं ।

◆ जैसे ही आप प्रोसीड के बटन पर क्लिक करते हैं आपके सामने आपके गैस सब्सिडी (lpg gas subsidy ) की स्थिति आ जाती है ।

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अगर लोन न मिले तो यहां करें शिकायत

अगर आपका बेंक आवेदन कर पात्रता हासिल करने के बावजूद नही दे रहा लोन तो यहा करें शिकायत

मुद्रा लोन के लिए आप अपना आवेदन अपना लोन प्रपोजल के साथ मुद्र लोन की वेबसाइट पर जरूरी फॉर्म भर सकते हैं।

 आवेदन के लिए https://www.mudra.org.in/ पर क्लिक करें। इसमें जाकर निर्धारित लोन जरूरत के लिए अप्लाई करें।

*अगर लोन न मिले तो यहां करें शिकायत*

टोल फ्री नंबर

नेशनल : 1800 180 1111 और 1800 11 0001
उत्तर प्रदेश: 18001027788
उत्तराखंड: 18001804167
बिहार: 18003456195
छत्तीसगढ़: 18002334358
हरियाणा: 18001802222
हिमाचल प्रदेश:18001802222
झारखंड: 1800 3456 576
राजस्थान: 18001806546
मध्य प्रदेश: 18002334035
महाराष्ट्र:18001022636

*विभिन्न बैंको के अनुसार बैंक अधिकारी नाम संपर्क नंबर व ई-मेल*

1 Allahabad Bank Sudhanshu Gaur GM 033-22622883,
Ho.Sme@allahabadbank.in

2 Andhra Bank M Sreenivasa Rao GM 040-23252352
sme@andhrabank.co.in

3 Bank of Baroda Purnima Rao GM 022-66985857
GM.SME.BCC@bankofbaroda.com

4 Bank of India Shri Mina Ketan Das GM 022-66684839
Mina.Das@bankofindia.co.in

5 Bank of Maharashtra Mr. Vasant Mhaske GM 02025614206, 020-25614264
Dgmpri@mahabank.co.in

6 Canara Bank Sri. D.Madhavaraj GM 080-22248409
madhavarajd@canarabank.com

7 Central Bank of India Shri.S.S.Rao GM 022-61648740
dgmmsme@centralbank.co.in

8 Corporation Bank G M Bellad GM 0824-2861412, 2861821
hosme@corpbank.co.in

9 Indian Bank Mr. Veeraraghavan B DGM 044-28134542
veeraraghavan.b@indianbank.co.in

10 Indian Overseas Bank Anilkumar loothra 044-28889250
anilkumarloothra@iobnet.co.in

11 Punjab & Sind Bank Sh. H.M. SINGH GM 011-25812931
HO.PS@PSB.CO.IN

12 Punjab National Bank Ms. Neerja Kumar GM 011-23312625
neerja_kumar@pnb.co.in

13 State Bank of India S Kalyanram GM 022-22740510
gm.micofinance@sbi.co.in

14 Syndicate Bank Prasanna Kumar S J GM 080-22204564
corbd@syndicatebank.co.in

15 UCO Bank M K SURANA GM 033-44558027
msme.calcutta@ucobank.co.in

16 Union Bank of India P NARSIMHA RAO GM 022-22892201
pnarasimharao@unionbankofindia.com

17 United Bank of India Naresh Kumar Kapoor GM 033-22480499
gmact@unitedbank.co.in

15 UCO Bank M K SURANA GM 033-44558027
msme.calcutta@ucobank.co.in

16 Union Bank of India P NARSIMHA RAO GM 022-22892201
pnarasimharao@unionbankofindia.com

17 United Bank of India Naresh Kumar Kapoor GM 033-22480499
gmact@unitedbank.co.in

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:भू नमनासन : रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती का आसन

योग अपनावे सुंदर जीवन पावे :भू नमनासन : रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती का आसन जानिये इस योग के और फायदे और कायदे

 
जैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट है भूनमनासन दो शब्दों से मिलकर बना है भू और नमन जिसमे भू अर्थात भूमि और नमन यानी प्रणाम करना। यह आसन बैठकर किये जाने वाले आसनो में से एक होता है। भू नमन आसन को अंग्रेजी में Greeting The Earth Pose, Spinal Twist Prostration Pose कहा जाता है। 

भू नमन आसन के अभ्यास से कंधों और गर्दन के लचीलेपन में सुधार आता है। साथ ही छाती की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। ये रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखने में भी मदद करता है।

भू नमन आसन शरीर में विभिन्न ग्रंथियों के कामकाज को मुख्य रूप से थायरॉयड ग्लैंड के लिए प्रोत्साहित करता है। तीसरे नेत्र चक्र या अजना चक्र को खोलने के लिए यह आसान अच्छा माना जाता है। सायटिका से राहत दिलाने के लिए भी यह आसन लाभकारी होता है ।

*भू नमन आसन के लाभ*
  
भू नमन आसन, रीढ़ की हड्डी के कमर वाले भाग में लचीलापन और मज़बूती लाता है।

इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरों की मांसपेशियों को मज़बूती है।

भू नमन आसन के नियमित रूप से अभ्यास करने पर पाचन क्रिया में सुधार आता है।

विभिन्न आंतरिक अंगों के कार्यों में सुधार करने के लिए भू नमन आसन बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।

यह आसन पेट की मांसपेशियों को टोन करके पेट की अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है।

*भू नमन आसन करने की विधि*

सबसे पहले आप एक शांत समतल और साफ जगह पर आसन बिछाकर उस पर अपने पैरो को सामने की तरफ फैला कर बैठ जाए।

ध्यान रखे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।

अब हांथो को जांघों पर रखे।

साँस लेते हुए बाजुओं को सीधा करके आगे कंधे की ऊंचाई तक उठाये।

इसके बाद साँस को छोड़ते हुए पीठ को सीधा रखें और धड़ को थोड़ा सा पीछे की ओर झुकायें साथ ही बायीं ओर मोडें।

अब अपने हांथो की शरीर के पीछे फर्श पर रख दे।

इसके बाद अपनी बाजुओं को झुका ले और सिर को भी फर्श की तरफ ले जाए।

आपकी पैर और शरीर एक सीध में आ जाते हैं।

ध्यान रखे की दाया नितम्ब फर्श के पास होना चाहिए।

अब साँस लेते हुए बाजुओं को सीधा लाये और फिर से सामने की तरफ आ जायें।

इसके बाद साँस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाये।

इसके बाद यह पूरी प्रक्रिया दूसरी ओर से भी करे।

*भू नमन आसन में सावधानियां*

तीव्र ज्वर व हड्डी रोगी को इस आसन को करने से बचना चाहिए 

यदि किसी व्यक्ति की स्लिप्ड डिस्क खिसक गयी हो तो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म के समय यह आसन नहीं करना चाहिए।

जिन लोगो को पेट में अल्सर हो उसे भी इस आसन से दूर रहना चाहिए।

यदि किसी को माइग्रेन, रक्त चाप और हरनिया की समस्या है तो उसे भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

जुकाम में यह काढ़ा उपयोगी है और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता हेतु

जुकाम में यह काढ़ा उपयोगी है और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता हेतु

संक्रमण के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना के सबसे आम लक्षणों में से एक सर्दी और गले में खराश है। इसके अलावा, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में वायरस के संकुचन का खतरा अधिक होता है। ऐसी स्थिति में, आपको अपने आहार में केवल स्वस्थ भोजन और फलों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, आयुर्वेद में, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सर्दी से राहत पाने के कई तरीके हैं। तुलसी और शहद से बने काढ़े प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। इस काढ़े को बनाने का तरीका बताएं-

  बनाने की सामग्री:

 8 से 10 तुलसी के पत्ते

 - 2 चम्मच शहद

 - 3 से 4 लौंग

 - 1 चम्मच हल्दी पाउडर

 - 1 टुकड़ा दालचीनी

 तैयारी: सबसे पहले एक पैन में पानी लें और उसमें तुलसी के पत्ते, लौंग, हल्दी पाउडर और दालचीनी डालें। अब इस पानी को कम से कम 15-20 मिनट तक उबालें। इस पानी को उबालने के बाद छान लें और जब यह थोड़ा ठंडा हो जाए तो इसे पी लें। आपको स्वाद के लिए इस जलसेक में शहद जोड़ना होगा। इसके अलावा आप इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

 इस काढ़े को कब लें: यदि आप जल्द से जल्द परिणाम चाहते हैं, तो इस काढ़े को रोजाना सुबह खाली पेट लें। इसके अलावा आप इसे रात के खाने के बाद और रात के खाने के बाद भी पी सकते हैं। काढ़े का उपयोग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और पाचन को भी बढ़ाता है।

 अन्य इम्यूनोसप्रेसिव उपाय:

 - ताज़े पुदीने या अजवाइन को दिन में एक या दो बार स्टीम करें।

 - खाना पकाने में, रोजाना हल्दी, जीरा, सीताफल और लहसुन जैसे मसालों का उपयोग करें।

 - दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। कोई भी दिन में एक या दो बार ऐसा दूध पी सकता है।

 - आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है और आश्चर्यजनक रूप से विटामिन सी प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

 - अपना रक्तचाप सामान्य रखें।

 प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, अदरक को सब्जी, चाय, काढ़े के रूप में खाया जा सकता है। अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है और पुराने दर्द के साथ काम करता है।
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