यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

नया फीचर व्हॉट्स ॲप पर disappearing messages


व्हॉट्स ॲप पर *disappearing messages*  फीचर चालू हुआ है, इससे group के messages 7 दिन में अपने आप डिलीट होता है.       इस नवीनतम फिचर से हमलोग जो *रोज  पुराने message डिलीट करने में समय बेकार करते है वह बचेगा*..

यह नया फीचर केवल ग्रुप एडमिन ही ऑन कर सकता है।.

       इसके लिए adminको ग्रुप के नाम पर क्लिक कर disappearing messages on करना होगा । इतना करने से कोई भी msg, group 7 दिन बाद अपने आप डिलीट हो जाएगा. व आपना फोन hang नहीं होगा...
       यदि किसी मेसेज पर star कर देंगे, तो डिलीट नहीं होगा.

अ‍ॅडमिन महोदय से विनती निवेदन है कि *disappearing messages* नवीन फीचर अपने group में on करें🙏

www.sanwariyaa.blogspot.com

मास्क, कफ़न से छोटा होता है....*पहन लीजिए

बात छोटी सी है पर है विचारणीय 

मास्क, कफ़न से छोटा होता है....

*पहन लीजिए*
😷😷

सोमवार, 23 नवंबर 2020

सोशल_मीडीया में दिन-रात मैसेज करने वालों को #FREE नहीं समझें

हिन्दू समाज को जगाने के लिए 
#सोशल_मीडीया में दिन-रात मैसेज करने वालों को #FREE नहीं समझें
✍🙏🏻🙏🏻

उनके दिल में हिन्दू समाज की वर्तमान स्थिती की पीडा है, क्योंकि इस देश को तोडने वाली शक्तियां दिन रात काम पर लगी हुई हैं और अधिकाँश हिन्दू बेखबर सो रहा है ....

ऐसे में मेरे जैसे देशभक्त समाज को जगाने का काम करते हैं उनका भी #परिवार है,#बच्चे है , #घर है, #दुकान है, #नौकरी है, लेकिन वह #समय देते हैं..
 
जिससे अधिक से अधिक हिन्दू अपने #धर्म, #गौमाता #संस्कृती, #राष्ट्र के लिए जागरूक रहे..वरना यह करने से उसे क्या मिलता है, वह भी आने वाले खतरे आपको आगाह करने के बजाय अपनी सुरक्षा करके आराम से सोता... परन्तु वह सो नहीं सकता क्योंकि उसे #प्रेम है अपने #राष्ट्र से, अपने #धर्म से अपनी #संस्कृति से

हिन्दू संस्कार, हिन्दू संस्कृती को जन जन तक पहुंचाने मे सहयोग करे...
धर्म के लिए जिए समाज के लिए जिए..
यह धडकने यह श्वास हो मातृभूमि के लिए..
।।#जय #हिंदुराष्ट्र।।
🚩जय माँ भारती 🚩

वेबसीरीज के दृश्यों में हिन्दू धार्मिक स्थलों का मज़ाक उड़ाया गया है।

#7311
क्या मंदिर परिसर में एक हिन्दू लड़की से प्रेमालाप करने से ही हो सकता है सूटेबल ब्वॉय?

ऐसी वेब सीरिज़ का बहिष्कार होना चाहिए। क्या ऐसे अश्लील दृश्य हिन्दू के अलावा किसी अन्य धार्मिक स्थल पर फ़िल्माए जा सकते हैं? 
==============
समाज में सदभावना बनी रहे यह जरूरी है। लेकिन ऐसी सदभावना सभी वर्गों में दिखनी चाहिए। आधुनिकता  और प्रगतिशील विचारों की आड़ में यदि सिर्फ एक समुदाय को ही निशाना बनाया जाएगा तो इससे सदभावना नहीं बनेगी। टीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर अ सूटेबल ब्वॉय वेब सीरिज़ जारी हो रही है। यह वेब सीरिज़ हिन्दू समुदाय को चिढ़ाने वाली है। वेबसीरीज के दृश्यों में हिन्दू धार्मिक स्थलों का मज़ाक उड़ाया गया है। सीरिज़ के एक दृश्य में एक मुस्लिम लड़के को हिन्दू लड़की के साथ प्रेमालाप दिखाया गया है। यह प्रेमालाप मंदिर परिसर में राम धुन की आवाज़ के बीच फिल्माया गया है। सवाल उठता है कि एक मंदिर परिसर में हिन्दू लड़की के साथ प्रेमालाप करने से ही कोई सूटेबल ब्वॉय बन जाएगा? सवाल यह भी है क्या ऐसे अश्लील दृश्य किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थल पर फ़िल्माए जा सकते हैं? चूंकि यह सीरिज़ हिन्दू समुदाय की भावना को आहत करने वाली है, इसलिए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने जांच के निर्देश दिए हैं। असल में लम्बे अर्से से भारत की सनातन संस्कृति पर ऐसे सांस्कृतिक हमले होते रहे हैं। विकृत मानसिकता के लोग ऐसी फिल्मे और सीरिज़ बनाते रहे हैं। जबकि इतिहास गवाह है कि सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों ने लम्बे समय तक अत्याचार सहे हैं। भारत में मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाएँ इसकी गवाह है। सब जानते हैं कि किन आक्रमणकारियों ने हमारी मंदिर तोड़े हैं। लेकिन अब फिल्मों और वेबसीरीज में उदार चेहरा प्रस्तुत किया जा रहा है। क्या हिन्दू लड़की से प्रेमालाप करने से ही कोई सूटेबल ब्वॉय हो जाएगा। अब समय आ गया है जब जैसी सीरीजों का बहिष्कार होना चाहिए। ऐसा सिर्फ फिल्मों और सीरिज़ में ही हो सकता है। हकीक़त में क्या हो रहा है, सब जानते है। प्रेम जाल में फंसाने के बाद कितनी दुर्गति की जाती है यह आज पूरा देश देख रहा है। इसलिए तो धर्म छिपाकर विवाह करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग हो रही है। एक तरफ सख्त कानून की मांग हो रही है तो दूसरी तरफ सूटेबल ब्वॉय जैसी सीरिज़ जारी हो रही है। इससे भारत पर सांस्कृतिक हमले का अंदाजा लगाया जा सकता है। अफ़सोसनाक बात तो यह है कि हिन्दू समुदाय के कुछ लोग ही ऐसी सीरिज़ बनाने वालों के पक्ष में आकर खड़े हो जाते हैं। जहां तक सांप्रदायिक सदभावना का सवाल है तो हिन्दू समुदाय कभी भी पीछे नहीं रहा है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह है। दरगाह में आज भी बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग जियारत करने आते हैं। सूफी परंपरा के अनुरूप ही सिर पर मखमली और फूलों की चादर रखकर जियारत की रस्म अदा की जाती है। यानि हिन्दू समुदाय के लोग दूसरे धर्म का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन जब सूटेबल ब्वॉय जैसी सीरिज़ सामने आती हैं तो भावनाएं आहत होती हैं। ऐसा नहीं की दूसरे समुदाय में सदभावना की कमी है। दोनों समुदाय के अधिकांश लोग सदभावना दिखाते हैं। कई स्थानों पर तो पारिवारिक संबंध भी देखने को मिलते हैं। लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो बेवजह माहौल बिगाड़ते हैं। ऐसी तत्वों पर ही अब अंकुश लगाने की जरूरत है। 


रविवार, 22 नवंबर 2020

गोपाष्टमी (गोमाता का महत्त्व )

🐄🐄 #गोपाष्टमी (गोमाता का महत्त्व )"🐄🐄
       
   गोपाष्टमी, ब्रज में भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण जी का अतिप्रिय नाम 'गोविन्द' पड़ा। कार्तिक शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। इसी समय से अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है।
          हिन्दू संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं। माँ का दर्जा दिया जाता हैं क्योंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिति में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं।
          गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौशाला में गो-संवर्धन हेतु गौ पूजन का आयोजन किया जाता है। गौमाता पूजन कार्यक्रम में सभी लोग परिवार सहित उपस्थित होकर पूजा अर्चना करते हैं। गोपाष्टमी की पूजा विधि पूर्वक विद्वान पंडितो द्वारा संपन्न की जाती है। बाद में सभी प्रसाद वितरण किया जाता है। सभी लोग गौ माता का पूजन कर उसके वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व को समझ गौ-रक्षा व गौ-संवर्धन का संकल्प करते हैं।

          शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व पर गायों की विशेष पूजा करने का विधान निर्मित किया गया है। इसलिए कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को प्रात:काल गौओं को स्नान कराकर, उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात यदि संभव हो तो गायों के साथ कुछ दूर तक चलना चाहिए कहते हैं ऐसा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। गायों को भोजन कराना चाहिए तथा उनकी चरण को मस्तक पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है।
          एक पौराणिक कथा अनुसार बालक कृष्ण ने माँ यशोदा से गायों की सेवा करनी की इच्छा व्यक्त की कृष्ण कहते हैं कि माँ मुझे गाय चराने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनके कहने पर शांडिल्य ऋषि द्वारा अच्छा समय देखकर उन्हें भी गाय चराने ले जाने दिया जो समय निकाला गया, वह गोपाष्टमी का शुभ दिन था। बालक कृष्ण ने गायों की पूजा करते हैं, प्रदक्षिणा करते हुए साष्टांग प्रणाम करते हैं।
         इस दिन गाय की पूजा की जाती हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करके गाय के चरण-स्पर्श किये जाते हैं। सुबह  गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार किया जाता है। उसका श्रृंगार किया जाता हैं, पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं, अन्य आभूषण पहनायें जाते हैं। गो-माता की परिक्रमा भी की जाती हैं। सुबह गायों की परिक्रमा कर उन्हें चराने बाहर ले जाते हैं। गौ माता के अंगो में मेहँदी, रोली, हल्दी आदि के थापे लगाये जाते हैं। गायों को सजाया जाता है, प्रातःकाल ही धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड, जलेबी, वस्त्र और जल से गौ-माता की पूजा की जाती है, और आरती उतारी जाती है। पूजन के बाद गौ ग्रास निकाला जाता है, गौ-माता की परिक्रमा की जाती है, परिक्रमा के बाद गौओं के साथ कुछ दूर तक चला जाता है। कहते हैं ऎसा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। इस दिन ग्वालों को भी दान दिया जाता है। कई लोग इन्हें नये कपड़े दे कर तिलक लगाते हैं। शाम को जब गाय घर लौटती है, तब फिर उनकी पूजा की जाती है, उन्हें अच्छा भोजन दिया जाता है।

¸.•*""*•.¸ 
Զเधे Զเधे ...💕

                               विशेष

1. इस दिन गाय को हरा चारा खिलाएँ।
2. जिनके घरों में गाय नहीं है वे लोग गौशाला जाकर गाय की पूजा करें।
3. गंगा जल, फूल चढाये, दिया जलाकर गुड़ खिलाये।
4. गाय को तिलक लगायें, भजन करें, गोपाल (कृष्ण) की पूजा भी करें, सामान्यतः लोग अपनी सामर्थ्यानुसार गौशाला में खाना और अन्य समान का दान भी करते हैं।
www.sanwariyaa.blogspot.com

function disabled

Old Post from Sanwariya