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शनिवार, 12 दिसंबर 2020

कैप्चा इंसान और रोबोट में कैसे फर्क करता है?

कैप्चा कोड इंसान और रोबोट में कैसे फर्क करता है?

आइये आपको आसान शब्दों में बताता हूँ

कई बार आपने इंटरनेट साइटों पर ऐसे कैप्चा कोड देखे होंगे :-

ये आमतौर पर गूगल द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं. इसमें आपको तस्वीरें चुन कर आगे बढ़ना होता है

  • गूगल एक प्रणाली के तहत आपके माउस की मूवमेंट, यानि आप माउस को कैसे चलाते हैं, इस डाटा का नमूना अपने पास सुरक्षित रखता है
  • एक आम इंसान इन तस्वीरों को सेलेक्ट करने के लिए अपनी उँगलियों से माउस को अलग-अलग दिशाओं में घुमाता है. इसका मतलब, माउस एक सीधे लाइन में नहीं चलता.
  • एक रोबोट या कृत्रिम मशीन अगर इन तस्वीरों को सेलेक्ट करने कि कोशिश करता है तो वह एक ही लाइन में माउस को मूव करता है. या यूं कहिये, वह माउस को एक बार में अलग-अलग दिशाओं में नहीं घुमा पाता, जैसा कि इंसान करते हैं.
  • इसमें मुख्य फर्क इस बात से आता कि इंसान की अंगुलियाँ होती हैं पर रोबोट या कृत्रिम बुद्धिमता की नहीं.
  • इस आधार पर गूगल यह पता करता है कि उपयोगकर्ता मनुष्य है या रोबोट.

कई लोगों को कैप्चा से फोटो चुनना व्यर्थ और उबाऊ काम लगता है.

यकीन मानिए, यह हाल-फिलहाल में हैकिंग से बचने का सबसे आसान और उपयोगी तरीका है जिससे हमारा और इंटरनेट साइटों का काफी समय बचता है.

पढ़ने के लिए धन्यवाद

स्रोत : कैप्चा की कार्य-प्रणाली

लैपटॉप के प्रयोग में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिये?

लैपटॉप अब हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है | चूँकि आजकल सारे कार्य इसी के माध्यम से होते हैं इसलिए हमें यह जानना बहुत ही ज़रूरी है कि हम इसकी देखभाल किस तरह करें जिससे लैपटॉप लम्बे समय तक हमारा साथ दे सके |

अगर अपनी बात करूँ तो अब तक मैं चार लैपटॉप का उपयोग कर चुका हूँ जिसमे सोनी, एसर , डैल से लेकर अब HP शामिल हैं | मैं इसका उपयोग मुख्यतः फोटो एडिटिंग , विडियो एडिटिंग , गेम्स और ऑफिस के कामों के लिए करता हूँ |

मुख्य विषय पर जाने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि आप लैपटॉप का उपयोग किस लिए कर रहे हैं क्योंकि यह भी लैपटॉप के जीवन पर बहुत प्रभाव डालता है | हम एक एक कर के उन विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे जो लैपटॉप का जीवन बढाने में सहायक हो सकते हैं |

१. हार्ड डिस्क की देखभाल करें

मेरे इन 15 सालों का लैपटॉप अनुभव यह कहता है कि हार्ड डिस्क ख़राब होने (corrupt / bad sectors) के कारण बहुत सारे लैपटॉप लम्बे समय तक साथ नहीं दे पाते | ये तो तयं बात है कि किसी भी हार्ड डिस्क का जीवन निर्धारित रहता है |

यदि हम हार्ड डिस्क कंपनियों जैसे Seggate , WD, Toshiba इत्यादि की बात करें तो पाएंगे कि उनका औसत जीवन लगभग 4–6 वर्ष होता है क्योंकि उनके सेक्टर पर read/write की सीमा नियत रहती है |

एक बहुत बड़ी बैकअप कंपनी ‘बैक ब्लेज़ ‘ ने अपने रिसर्च (25,000 हार्ड डिस्क पर ) में यह खुलासा किया है कि चार सालों के बाद तकरीबन 80 % हार्ड डिस्क ही जीवित रहते हैं |

इसका क्या मतलब हुआ कि मेरी हार्ड डिस्क चार सालों में ही ख़राब हो जाएगी ? हो भी सकता है और नहीं भी और यह सब निर्भर करता है हमारे रख रखाव पर |

  • लैपटॉप /कंप्यूटर को कभी भी सीधे बंद न करें उन्हें सही से शट डाउन करें |
  • एंटीवायरस का प्रयोग करें जिससे bad sectors न आयें |
  • हार्ड डिस्क का पार्टीशन करें | नए कंप्यूटर बस एक ही हार्ड ड्राइव पार्टीशन - C: -के साथ आते है इसलिए ज़रुरत के हिसाब से २ या ३ पार्टीशन करें | वैसे तो हम लोग विंडोज से भी पार्टीशन कर सकते है पर कुछ फ्री सॉफ्टवेर भी हैं जिनका प्रयोग मैं करता हूँ | Active Partition Manager
और EaseUS Partition Master Freeअपने बूट पार्टीशन मतलब - C: - को ज़रुरत से अधिक न भरें | बूट होने के लिए तकरीबन 25 प्रतिशत से अधिक जगह रखें | अपने रीसायकल बिन को समय समय पर खाली करते रहें | टेम्पररी फाइल को डिलीट करने के लिए एक बेहतरीन सॉफ्टवेर है जिसका मैं करीब बीस सालों से उपयोग कर रहा हूँ - CleanUp!
  • विंडोज में दिए गए CHKDSK टूल का प्रयोग करें और error को दूर रखें | अपनी हार्ड डिस्क के पार्टीशन पर राईट क्लिक करें और - Properties > Tools > Error check पर जाएँ | इसे महीने में दो बार प्रयोग करें |
  • CHKDSK से उन्नत एक टूल है जिसका नाम है SMART - मतलब - Self-Monitoring, Analysis and Reporting Technology | आज कल की SSD-हार्ड डिस्क (Solid State Drive) इस फीचर से लैस रहती है जो साधारण हार्ड डिस्क से भिन्न रहती है | इस तकनीक के भीतर कई टूल रहते हैं जो समय समय पर अपने आप हार्ड डिस्क को चेक कर के उनकी रिपोर्ट देते रहते हैं | ख़राब होने के तयं समय से पहले ही यह सूचना दे देता है कि हार्ड डिस्क बदलने का समय आ गया है | यदि आप के पास SSD है तब यहाँ से SMART एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं |
  1. Seagate
Western DigitalHitachiFujitsu
  • यदि आप के पास SSD नहीं है और आप एक विस्तृत टूल का उपयोग करना चाह रहे है तब ‘CrystalDiskInfo
    • ’ का प्रयोग करें | यह मेरे लैपटॉप का एक स्क्रीनशॉट है -

    २. बैटरी पर ध्यान दें

    यह भी लैपटॉप का एक बहुत ही आवश्यक भाग है जिसपर ध्यान देना ज़रूरी है | हार्ड डिस्क की तरह ही सभी बैटरियों का charge cycle निर्धारित रहता है (500–600 बार )| charge cycle मतलब एक बार पूरा चार्ज से लेकर पूरा डिस्चार्ज होना | इसे जान कर हम अपनी बैटरी की दशा बता सकते हैं |

    अपने विंडोज के सर्च बार पर जा कर ‘CMD’ टाइप करें और कमांड प्रांप्ट खोलें | फिर वहां टाइप करें - powercfg /batteryreport

    नीचे मेरे लैपटॉप का स्क्रीनशॉट देखें

    इसके बाद पूरी बैटरी रिपोर्ट - C:\Users\USERNAME\battery report.html पर सेव हो जाएगी जिसे आप देख सकते हैं जिसमे बैटरी के बारे में कई जानकारियाँ रहेंगी जैसे - कितने बार चार्ज और डिस्चार्ज हुई, बैटरी की डिजाईन कैपेसिटी इत्यादि

    मेरे लैपटॉप का स्क्रीनशॉट देखें -

    • अब इसका क्या मतलब हुआ ? इसका मतलब हुआ कि charge cycle बचाइए और बैटरी बचाइए | मतलब ज़रुरत पड़ने पर ही चार्ज करें | इसे पूरे समय चार्जिंग पर लगाने से बचें | न तो इसे फुल चार्ज करें न ही पूरा ख़तम करें | अधिक चलने के लिए करीब 80 % तक चार्ज करें और 35 % तक जाने दें फिर दोबारा चार्ज करें | मेरे सोनी लैपटॉप की बैटरी ज़रुरत से अधिक चार्ज के कारण ही दो साल में ख़त्म हो गयी थी | फिर इन तरीकों के उपयोग से मेरे 5 साल पुराने डैल लैपटॉप की बैटरी अभी भी करीब 45 मिनट से 1 घंटे का बैकअप दे जाती है |
    • बैटरी को बहुत गर्म होने से बचाएं और लैपटॉप को अपेक्षाकृत ठन्डे स्थान पर रखें |
    • समय समय पर बैटरी की दशा चेक करते रहें | मैं इसके लिए BATExpert
    • का भी उपयोग करता हूँ |

    ३. बढ़िया इलेक्ट्रिक कनेक्शन का प्रयोग करें |

    इसका मतलब आप बढ़िया गुणवत्ता वाला surge protector और extension cable का प्रयोग करें जिससे किसी भी प्रकार की शार्ट सर्किट की समस्या न आये |

    ४. एक बढ़िया पॉवर सेवर प्लान बनायें |

    लैपटॉप को लम्बे समय तक चलाने के लिए अपने पॉवर सेटिंग को बदलें | कण्ट्रोल पैनल में जा कर power option को खोलें और recommended सेटिंग पर रखें | इसको आप अपनी ज़रुरत के हिसाब से बदल भी सकते हैं |

    ५. विंडोज और सॉफ्टवेर को हमेशा अपडेट रखें |

    • आप विंडोज को हमेशा ऑटो अपडेट में रखें जिससे समय समय पर यह अपडेट हो सके | इसके अलावा सारे सॉफ्टवेर और ड्राईवर को भी अपडेट रखें | वैसे तो ड्राईवर को अपडेट रखने के लिए कई सारे पेड सॉफ्टवेर हैं जैसे driver booster , driver easy इत्यादि पर मैं मुख्यतः एक फ्री टूल का उपयोग करता हूँ जिसका नाम है - Free Driver Scout
    कोई ज़रूरी नहीं है कि आप एक पेड एंटीवायरस का उपयोग करें | साधारण उपयोग के लिए AVG
  • का फ्री वर्शन ही काफी है | ध्यान रहें दो या दो से अधिक एंटीवायरस इनस्टॉल न करें जिससे सॉफ्टवेर conflict बढ़ता है और फिर समस्या आ सकती है |
  • हम लोग अक्सर ही सभी सॉफ्टवेर के cracks और patches खोजते रहते हैं जिसे हम पूरा सॉफ्टवेर मुफ्त में प्रयोग कर सकें | इसे बंद करें क्योकि इसमें वायरस की समस्या आती है और सॉफ्टवेर का सपोर्ट भी नहीं मिलता है |
  • अपने ब्राउज़र में हमेशा adblock एक्सटेंशन का प्रयोग करें जिससे फालतू के विज्ञापन न दिखाई दें. | इससे spyware की समस्या भी हल हो जाएगी | एक एंटी स्पयवार टूल जैसे malwarebytes
    • भी इनस्टॉल कर सकते हैं |

    ६. लैपटॉप का दैनिक मेंटेनेंस करते रहें |

    इसके लिए या तो आप कोई सॉफ्टवेर जैसे Iolo System Mechanic या AVG TuneUp का प्रयोग कर सकते हैं जो एक पेड टूल है | मैं AVG TuneUp का प्रयोग करता हूँ |

    यदि आप कोई पेड टूल नहीं प्रयोग करना चाहते हैं तब आप ये सब कार्य खुद ही कर सकते हैं -

    • अनावश्यक स्टार्टअप प्रोग्राम को चालू होने से रोकें | अपने टास्कबार पर राईट क्लिक कर के टास्क मेनेजर खोलें और start up तब में जाएँ | जो अनावश्यक हो उसे डिसएबल कर दें | इससे आपका कंप्यूटर जल्दी बूट होगा और उसका जीवन भी बढेगा |
    • अनचाही सर्विस चालू होने से रोकें | इसके लिए विंडोज सर्च बार पर जा कर ‘MSCONFIG’ टाइप करे और फिर सर्विसेज पर जाये | अनचाही सर्विस यहाँ से बंद कर सकते हैं | नीचे स्क्रीनशॉट देखें
    • विंडोज का "Disk Cleanup" और "Defragment" टूल का महीने में दो बार प्रयोग करें |

    ७ . आम रख- रखाव

    • धूल और गन्दगी से बचाएं
    • स्क्रीन गार्ड और कीबोर्ड गार्ड का प्रयोग करें |
    • कोई भी पेय पदार्थ नज़दीक न ले जाएँ |
    • बाहर ले जाने के लिए लैपटॉप बैग का प्रयोग करें |
    • अपने लैपटॉप को किसी बड़े इलेक्ट्रॉनिक वस्तु के पास न रखें |
    • स्क्रीन को कभी भी किसी क्लीनर से साफ न करें | इसके लिए केवल साफ और सूखे सूती कपड़े का ही प्रयोग करें |
    • हवा के सही बहाव के लिए लैपटॉप कूलर पैड का प्रयोग करें |

    मेरे हिसाब से इन सब तरीकों का प्रयोग कर के आप निश्चित ही अपने लैपटॉप/कंप्यूटर का जीवन बढ़ा सकते हैं |

    इसके अलावा कोई और युक्ति जो छूट गयी हो तो आप कमेंट कर के बताएं

    स्मार्टफोन का पैटर्न लॉक भूल गया हूँ इसे कैसे तोड़ा जा सकता है ?

    मैं अपने स्मार्टफोन का पैटर्न लॉक भूल गया हूँ इसे कैसे तोड़ा जा सकता है ?


    मोबाइल के लॉक को ब्रेक करने के दो या तीन तरीके हैं, परंतु उन सब तरीकों में एक सबसे बेस्ट तरीका आज मैं आपको बताने जा रहा हूं।


    आपको बता दें कि फोन का लॉक ब्रेक करने के लिए तीन तरीके होते हैं -
    हार्ड रीसेट. {Hard reset (Factory reset)} :- इसमें आपको अपने फोन को स्विच ऑफ करने के बाद अपने फोन की पॉवर बटन और वॉल्यूम बटन को कुछ समय के लिए एक साथ दबाया जाता है। उसके बाद वॉल्यूम बटन के माध्यम से ऑप्शन कलेक्शन करके फैक्ट्री रिसेट किया जाता है। इस विधि द्वारा फैक्ट्री रिसेट करने पर आपके फोन में एफआरपी लॉक लग जाता है, जिसे बाईपास करने की आवश्यकता पड़ती है। उसके बाद आप अपने फोन की सेटिंग में जाकर के डेवलपर ऑप्शन को एनेबल करके उसमें ओ ई एम अनलॉक को इनेबल करना पड़ता है उसके बाद अपने फोन को रिबूट करने के बाद आपका लॉक हट जाता है।
    ओटीजी थ्रू (OTG through) :- यह तरीका बिल्कुल फैक्ट्री रिसेट की तरह है इसमें आपको फोन को हार्ड रिसेट करने के बाद ओटीजी लगाने के बाद आपको एक नोटिफिकेशन शो करता है जिसके माध्यम से आप सेटिंग में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और डेवलपर ऑप्शन को इनेबल करके उसमें ओ ई एम अनलॉक को इनेबल कर देते हैं और रिबूट करने के बाद आपका फोन लॉक ब्रेक हो जाता है।

    गूगल अकाउंट (Google account) :- इसमें गूगल अकाउंट से किसी भी स्मार्टफोन का लॉक को आसानी के ब्रेक किया जा सकता है।इसमें आपको अन्य प्रक्रियाओं से ज्यादा समय नहीं लगता है। इसमें आप जिस मोबाइल फोन में लॉक लगा कर भूल गए हैं, पर उसका पासवर्ड पता है, तो ऐसे में अगर आपको उस फोन की ईमेल आईडी और पासवर्ड याद है तब आप अपने फोन के लॉक को आसानी से हटा सकते हैं ।

    इसके लिए आपको नीचे दिए हुए स्टेप्स को फॉलो करना है :-
    सबसे पहले आप उस फोन(लॉक डिवाइस) के ईमेल आईडी दूसरे फोन में FIND MY DEVICE ऐप्स में ओपन करें।
    उसके बाद उसमें आपको उस फोन की ईमेल आईडी और पासवर्ड को इंटर करना है।
    फोन की ईमेल आईडी और पासवर्ड उस ऐप्स में इंटर करने के बाद आपको setup secure & Erase एक ऑप्शन दिखता है वहां पर आपको क्लिक कर देना है।👇

    setup secure & Erase बटन पर क्लिक करने के बाद आपका फोन ऑटोमेटेकली रिबूट होने लगता है और थोड़ी देर के पश्चात आपका फोन स्वत: ही ओपन हो जाता है तथा उसमें आपको स्क्रीन लॉक लगा हुआ नहीं दिखता है।

    आशा है, यह तरीका आपके काम आ जाए… !

    !! धन्यवाद !!

    व्हाट्सएप ट्रिक -पूरे चैट को मीडिया के साथ किसी दूसरे को पीडीएफ के रूप में भेजना है तो

     हर मोबाइल फोन में वह कौन सी सेटिंग है, जिन्हें बहुत कम लोग ही जानते हैं?

    आज मैं आपको व्हाट्सएप की एक ट्रिक बताने वाला हूं।

    मैं ये नहीं कहूंगा कि यह ट्रीक सिर्फ मुझे पता है।

    इस व्हाट्सएप ट्रिक में मैं आपको बताऊंगा कि आप जैसे कि किसी से चैटिंग करते हैं उसमें और आपको पूरे चैट को मीडिया के साथ किसी दूसरे को पीडीएफ के रूप में भेजना है तो आप उसे कैसे भेजेंगे तो आगे आप हमारे साथ बने रहिए।

    इसके लिए आपको पहले व्हाट्सएप में जाना पड़ेगा और जिसके भी चैट और मीडिया को पीडीएफ के रूप में भेजना है? उसके चैटिंग वाले जगह पर जाइए।

    उसके बाद आपको ऊपर दाहिने ओर तीन बिंदु दिखाई देंगे उस तीन बिंदु पर दबाइए।

    उसके बाद आपको कुछ लिस्ट दिखाई देगा उस लिस्ट में से उसके बाद आपको कुछ लिस्ट दिखाई देगा उस लिस्ट में से आपको मोर ऑप्शन को चुनना है।

    मोर ऑप्शन को चुनने के बाद फिर से एक लिस्ट दिखाई देगी जिसमें से आपको एक्सपोर्ट करके लिखा हुआ होगा उसे चुनना है।

    एक्सपोर्ट ऑप्शन को चुनने के बाद आपको कुछ एक्सपोर्ट ऑप्शन को चुनने के बाद आपको कुछ इस तरह की स्क्रीन दिखाई देगी जिसमें बहुत सारे आइकन दिखाई देंगे उसमें से आप किसी भी आइकन को चुन सकते हैं मैं इसमें व्हाट्सएप को चुनता हूं ,तो आपको इसमें से व्हाट्सएप को चुनना है।

    व्हाट्सएप को चुनने के बाद आपका व्हाट्सएप ओपन हो जाएगा फिर उसमें व्हाट्सएप को चुनने के बाद आपका व्हाट्सएप ओपन हो जाएगा फिर उसमें से आपको जिसको भी इस एक्सपोर्ट हुए पीडीएफ को भेजना है उसे सेंड कर सकते हैं।


    स्मार्टफोन को सीसीटीवी कैमरा कैसे बनाएँ?

    स्मार्टफोन को सीसीटीवी कैमरा कैसे बनाएँ?

    जब स्मार्टफोन कि बात आती है तब सबकुछ संभव है। स्मार्टफोन को cctv कैमरा बनाने के लिए आप ipwebcam का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप कोई स्पाई ऐप्स कि मदद से भी अपने समेटफोन as a CCTV कैमरा कि तरह प्रयोग में ला सकते हैं।

    चलिए मैं बताता हूं कि आप कैसे अपने फोन को CCTV कैमरा कि तरह प्रयोग कर सकते है?

    जैसा कि मैंने बताया कि आप ipwebcam के जरिए उस फोन को कैमरे का प्रयोग निगरानी के तौर पर कर सकते हैं।

    चलिए जानते है कैसे अपने फोन को CCTV कैमरा कि तरह प्रयोग करे?

    • इसके लिए आपको ipwebcam को प्ले स्टोर से डाउनलोड करने की आवश्यकता है।
    • उसके बाद अपने फोन और लैपटॉप same wi-fi नेटवर्क से कनेक्ट करने जरूरत है।
    • आपके फोन जितने भी कैमरे कि ऐप्स डाउनलोड है उन सबको बंद यानी Force Stop कर देना है।
    • IP Webcam ऐप लॉन्च करें और नीचे तक स्क्रॉल करें और स्टार्ट सर्वर पर टैप करें।
    • ऐप अब आपके फोन के कैमरे को लगाएगा और एक यूआरएल प्रदर्शित करेगा। हमारा URL http://171.32.15.110:8080 था।
    • अपने कंप्यूटर पर किसी भी ब्राउज़र में इस URL को दर्ज करें और Enter दबाएं।
    • उसके नीचे, आपको ऑडियो रेंडर दिखाई देगा। HTML wav चुनें।

    अब आप अपने ब्राउज़र में एक लाइव वीडियो फ़ीड देखेंगे। आप इस फोटो को ब्राउजर के जरिए रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, बस वीडियो के नीचे लाल रिकॉर्ड बटन दबाएं। यह MP4 के रूप में फोटो को देखते है। यदि आप ब्राउज़र में HTML wav ऑडियो सक्षम करते हैं तो यह एक हल्का अंतराल होगा। आप फ्लैश विकल्प का चयन कर सकते हैं (सभी कंप्यूटरों पर काम नहीं करता है) या वीएलसी मीडिया प्लेयर में एक ही URL खोलें।

    !! धन्यवाद !!

    पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य - 10 हजार रुपए जुर्माना

    नहीं किया PAN- Aadhar लिंक तो लग सकता है 10 हजार रुपए जुर्माना, यह है आखरी डेट

    जैसा की सभी जानते हैं आधार कार्ड (Aadhar Card) एक बेहद जरूरी सरकारी डाक्यूमेंट है. वहीं पैन कार्ड की भी काफी महत्ता है. बता दें कि सरकार के निर्देश के अनुसार पैन कार्ड को आधार से लिंक (Pan-Aadhaar link) करना अनिवार्य कर दिया है. मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब 31 मार्च 2021 तक इस काम को करने के लिए समय दिया गया है. अगर लिंकिंग का काम 31 मार्च 2021 तक पूरा नहीं होता तो इनकम टैक्स एक्ट के तहत गंभीर नतीजे के तहत आप पर 10000 रुपए का जुर्माना भी लग सकता है.

    टैक्स विभाग के मुताबिक अगर 31 मार्च 2021 के बाद कोई निष्क्रिय या कैंसिल्ड PAN का इस्तेमाल करता पाया जाता है तो उस पर इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 272B के तहत 10000 रुपए का जुर्माना लग सकता है

    एक नोटिफिकेशन में टैक्स विभाग ने कहा था कि 31 मार्च तक टैक्सपेयर्स अगर पैन और आधार कार्ड को लिंक नहीं करवाते तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा.

    लिंक नहीं होने पर पैन कार्ड होगा इनवैलिड
    पैन आधार (Pan Aadhaar link) को आपस में लिंक करना अनिवार्य है. ऐसा नहीं होने पर पैन कार्ड को इनवैलिड कर दिया जाएगा. पैन कार्ड रद्द होने पर कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. मतलब पैन होते हुए भी आप वे काम नहीं कर पाएंगे, जहां पैन की जरूरत होती है. सीबीडीटी ने कहा है कि जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उनके लिए पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया था.

    इस तरह करें पैन को आधार से लिंक
    सबसे पहले इनकम टैक्स की ऑफिशल साइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home पर जाएं. वहां से Link Aadhaar पर क्लिक करें.
     फिर Click here पर क्लिक करें. नीचे दिए बॉक्स में पैन, आधार नंबर, अपना नाम और दिया हुआ कैप्चा टाइप करें.
    सभी वॉक्स को भरने के बाद Link Aadhar पर क्लिक कर दें.
     ध्यान देने वाली बात यह है कि नाम या नंबर में किसी भी तरह की गड़बड़ी न करें.

    इसके अलावा पैन सेंटर जाकर भी आधार को पैन कार्ड से लिंक करवाया जा सकता है. इसके लिए 25 रुपये से 110 रुपये तक और पैन कार्ड व आधार कार्ड की फोटोकॉपी देनी होती है.

    किसान आंदोलन का पूरा सच -क्यों हो रहा है विरोध

    किसान आंदोलन का पूरा सच

     क्यों हो रहा है विरोध,  आखिर क्या है समस्या,

    आखिर प्रदर्शन कर रहे किसानों की असली मांगें क्या हैं और उनके प्रदर्शन की सच्चाई क्या है और क्या ये वाकई में एक बड़ी समस्या है. 2020 का किसान प्रदर्शन एक मौजूदा विरोध प्रदर्शन है जो कि इस साल संसद में पारित हुए तीन कृषि बिल के विरोध में शुरू हुआ. ये प्रदर्शन 9 अगस्त 2020 से जारी है. अब ये बिल कानून बन चुके हैं और किसानों ने इनके विरोध में दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें बंद की हुई हैं.

    ये हैं वो तीन कानून

    -कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) एक्ट 2020
    -मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध एक्ट 2020
    -आवश्यक वस्तु संशोधन एक्ट

    प्रदर्शनकारियों ने कई दिनों से सड़कें ब्लॉक की हुई हैं और वो राष्ट्रीय राजधानी के आस-पास कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

    आखिर समस्या क्या है?

    सबसे पहले, ये बिल संसद में पारित हो चुके हैं और अब ये कानून बन गए हैं. इसके अलावा, प्रदर्शनकारी अब कई दिनों से लाखों यात्रियों और मेहनती नागरिकों को इन रास्तों से गुजरने से रोक रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने टोल और अन्य क्षेत्रों को भी बंद करने की चेतावनी दी है, जिसके चलते हजारों यात्रियों और कड़ी मेहनत करने वाले नागरिकों के आवागमन पर भी असर पड़ेगा.

    प्रदर्शन की सच्चाई क्या है?

    प्रदर्शनकारी ये मांग कर रहे हैं कि सरकार संसद का एक विशेष सत्र बुलाए और इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे. हालांकि जब तक ये कानून किसानों के लिए हानिकारक न हो, तब तक ये थोड़ा कठिन होगा. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि APMC को खत्म कर दिया जाएगा और इसके नतीजतन MSP भी खत्म हो जाएगी, लेकिन ये कानून मौजूदा APMC और MSP के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. क्योंकि ये कानून राज्यों की शक्तियों का अधिग्रहण नहीं करते हैं, इसलिए ये स्ट्रक्चर भी अपनी जगह पर बने रहेंगे.

    अब अंतर सिर्फ इतना है कि अगर किसान भ्रष्ट AMPC के भ्रष्ट बिचौलियों को फसल बेचने के लिए मजबूर है, तो अब वो APMC के बाहर जाकर भी अपनी उपज बेचने का विकल्प चुन सकता है. इसी के साथ प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि किसानों को कॉर्पोरेट्स द्वारा परेशान किया जाएगा. किसानों और कॉरपोरेट्स के बीच समझौते के लिए एक और शब्द है- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और एक तथ्य यह भी है कि कई राज्यों में दशकों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग चल रही है. भारत के कई हिस्सों में कॉफी, चाय, गन्ने और कपास के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग काफी समय से हो रही है. पश्चिम बंगाल और पंजाब में पेप्सिको और हरियाणा में SAB मिलर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने वाले कॉन्ट्रेक्टर्स के बड़े उदाहरण हैं. एक बात जो प्रदर्शनकारियों की असलियत को स्पष्ट करती है, वह यह है कि वे अनुचित मांगें कर रहे हैं.

    क्या हैं किसानों की अनुचित मांगें

    प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि कृषि उपयोग के लिए डीजल की कीमतों में 50 फीसदी तक की कटौती की जाए और पराली जलाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने को हटाए. मालूम हो कि पराली जलाना, हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक है. जो मामले किसानों से संबंधित नहीं हैं, उनसे संबंधित भी कई मांगें किसानों ने रखी हैं. उनमें से एक मांग ये भी है कि कथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कवियों, बुद्धिजीवियों और लेखकों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं और उन्हें रिहा किया जाए.

    हालंकि इन लोगों की जो लिस्ट है उसमें शामिल लोग मानवाधिकार कार्यकर्ता, कवि, बुद्धिजीवि और लेखकों की श्रेणी से दूर-दूर तक संबंधित नहीं हैं. उदाहरण के लिए लिस्ट में उमर खालिद का भी नाम है, जिस पर दिल्ली हिंसा के दौरान दिल्ली के नागरिकों के खिलाफ नागरिकों को उकसाने का आरोप है. अन्य 20 लोगों को भी दिल्ली दंगों और भीमा कोरेगांव हिंसा में उनकी भूमिकाओं के लिए UAPA एक्ट के तहत जेल में डाला गया है.

    इन प्रदर्शनों में खालिस्तान समर्थक झंडे दिखना और अर्बन नक्सल की रिहाई की मांग किया जाना भी परेशान करने वाली बात है. खालिस्तान आंदोलन एक सिख अलगाववादी आंदोलन है जो सिखों के लिए एक अलग देश की मांग कर रहा है. भारत में पूरी तरह से संप्रभु राज्य स्थापित करने के इरादे से चरमपंथियों द्वारा इस आंदोलन का समर्थन दिया जाता है.

    प्रदर्शनकारियों की मांगों का एक हिस्सा अर्बन नक्सल की रिहाई की मांग कर रहा है. आपकी राय इन 20 व्यक्तियों के बारे में कुछ भी हो सकती है, लेकिन उनकी रिहाई का भारतीय किसान या उनके कल्याण से क्या संबंध हो सकता है? अब पॉइंट पर वापस आते हैं

    किसी मामले पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना सही है, लेकिन अब ये प्रदर्शन भारतीय किसानों के भले के लिए नहीं बचा है. अब इसने एक अतिवादी और सांप्रदायिक रुख ले लिया है जो अब कई दिनों से लाखों लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. यात्रियों को हर रोज भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है और मेहनती नागरिक इन प्रदर्शनों का असली खामियाजा भुगत रहे हैं. मालूम हो कि ये कोरोना महामारी के दौरान हो रहा है. हम यह भी नहीं जानते हैं कि विरोध के कारण एम्बुलेंस को भी देरी हो रही है या नहीं.

    आखिर प्रदर्शन का असली कारण क्या है?

    क्या कृषि सुधारों के विरोध में भारतीय नागरिकों के कल्याण और सशक्तीकरण के बारे में विरोध के आधार पर मेहनती नागरिकों के लिए इस तरह की असुविधा उचित है? एक तरफ प्रदर्शनकारी प्रदर्शनों और बंद को जारी रखे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ किसानों को इन कानूनों से फायदा भी होने लगा है. उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में चार जिलों की किसान उत्पादक कंपनियों ने APMC के बाहर व्यापार से लगभग 10 करोड़ रुपये कमाए हैं. यह बिल पास होने के लगभग तीन महीने बाद की बात है.

    किसानों के विरोध प्रदर्शन को मीडिया में काफी बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन ये विरोध किसी एक मुद्दे को लेकर नहीं है. दिल्ली के दंगों और भीमा कोरेगांव के दौरान जिन लोगों पर हिंसा का आरोप लगाया गया है, उन्हें मुक्त कराने की कोशिश की जा रही है – ये दोनों ही घटनाएं आतंकवाद हैं… यहीं से साबित होता है कि यह प्रदर्शन भारतीय किसानों के लिए नहीं है. ये विरोध भारत के हित में नहीं है और न ही ये हमें किसी भी तरह से प्रगति करने में मदद करता है.

    सोर्स TV9 भारतवर्ष


    शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

    वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले, पत्तलों और उनसे होने वाले लाभ


    *'संकल्प छोटा, परिणाम बड़ा'* 

    *संकल्प लें सहभोज मे पत्तलों का प्रयोग कर माँ प्रकृति का सम्मान करेंगे*...।

    आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि हमारे देश में 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले, पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय में पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है, पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते हैं।
    आम तौर पर केले की पत्तियो में खाना परोसा जाता है...प्राचीन ग्रंथों में केले की पत्तियों पर परोसे गये भोजन को, स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है.. आजकल महंगे होटलों और रिसोर्ट मे भी केले की पत्तियों का यह प्रयोग होने लगा है..।

    1. पलाश के पत्तल में भोजन करने से जो पुण्य व आरोग्य मिलता है वह स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने से भी नहीं  मिलता है...।
    2. केले के पत्तल में भोजन करने से, चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है..।
    3. रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये, पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है.... पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी, इसका उपयोग होता है....। आम तौर पर लाल फूलों वाले पलाश को हम जानते हैं, पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है.... इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासीर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है...।

    4. जोडों के दर्द के लिये, करंज की पत्तियों से तैयार पत्तल उपयोगी माना जाता है.... पुरानी पत्तियों को नयी पत्तियों की तुलना मे अधिक उपयोगी माना जाता है...।
    5. लकवा (पैरालिसिस) होने पर, अमलतास की पत्तियों से तैयार पत्तलों को उपयोगी माना जाता है..।

    इसके अन्य लाभ~
    1. सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, इसको हम सीधा मिटटी में दबा सकते है।
    2. न पानी नष्ट होगा।
    3. न केमिकल (रासायनिक पदार्थ ) उपयोग करने पड़ेंगे। और न ही  शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी।
    4. अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे कि अधिक ऑक्सीजन भी मिलेगी।
    5. प्रदूषण भी घटेगा।
    6. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर, खाद का निर्माण किया जा सकता है एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
    7. पत्तल बनाए वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा।
    8. सबसे मुख्य लाभ, हम नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा
    सकते हैं।
     *चलें प्रकृति के साथ, करें संस्कृति का सम्मान।* 🌹🙏
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    11 दिसम्बर 2020 को एकादशी है वह त्रिस्पर्शा एकादशी है

    *ऊँ जय गोमाता!🕉 जय गोपाल!!*
    🕉 बन्धुबर जय सियाराम
    11 दिसम्बर 2020  को एकादशी है वह त्रिस्पर्शा एकादशी है मतलब उस दिन एकादशी द्वादशी और त्रयोदशी एक ही दिन हैं अर्थात सबसे बड़ी एकादशी मानी गई है इसका उपवास करने से एक हजार एकादशी उपवास करने का पुण्य फल प्राप्त होता है। मनुष्य 40 वर्ष तक एकादशी का उपवास करते हैं तब उनकी एक हजार एकादशी होती है मतलब कि 40 वर्ष का पुण्य एक ही दिन में प्राप्त होता है तो इसका सभी सनातनी पूर्ण लाभ लें ऐसी सबसे विनम्र प्रार्थना है। जय श्रीसीताराम जी 🙏नमो राघवाय 🙏कल्यानमस्तु ✋

    सोमवार, 7 दिसंबर 2020

    किसान आंदोलन: राष्ट्र विरोधी शक्तियों का अंतिम प्रहार



    किसान आंदोलन: राष्ट्र विरोधी शक्तियों का अंतिम प्रहार
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    लगता था कि सितंबर 2020 के बाद भारत को सीमाओं पर और आंतरिक रूप से झझकोरा जाएगा। भारत में लगने वाली यह आंतरिक दवानल, चीन के लिए उस अनुकूल स्थिति का निर्माण करेगी, जिसमे भारत की सीमाओं पर आक्रमण करने का चीन का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुझे भारत चीन की सीमाओं की भौगोलिक परिस्थिति व वहां पर शीतकाल की बर्फीली दुर्गमता देखते हुए, दिसम्बर 2020 से पहले या फिर फरवरी 2021 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण किये जाने की आशंका थी। 

    लगता है कि अब जब नवम्बर 2020 बीत चुका है और दिसम्बर 2020 के आते आते  दिल्ली में पंजाब का किसान, किसान बिल 2020 के विरोध में आंदोलन प्रारम्भ कर चुका है, तब भारत के जलने की घड़ी भी पास आती जा रही है। 

    जिस प्रकार नवम्बर 2019 में दिल्ली में सीएए के विरोध में शाहीनबाग़ में धरना दिया गया था और फिर वहां से शेष भारत मे सीएए के विरोध की आड़ में मोदी सरकार व राष्ट्र विरोधी उग्रता फैलाई गई थी, ठीक उसी की पुनरावृत्ति, और बड़े स्तर पर होता देख रहा हूँ। 

    जिस प्रकार वामपंथियों और लिबर्ल्स के नेतृत्व में शुरू हुआ सीएए विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कट्टर इस्लामिक शक्तियों के हाथ मे चला गया था, ठीक उसी प्रकार कांग्रेसियों और आपियों द्वारा शुरू किया गया यह किसान आंदोलन भी शीघ्र ही प्रत्यक्ष रूप से खालिस्तानियों और कट्टर इस्लामिको के हाथ चला जायेगा। 

    सीएए विरोधी आंदोलन में तो इस्लामिक कट्टरपंथियों ने बुर्के से बाहर आने में समय लगाया था लेकिन इस किसान बिल 2020 विरोधी आंदोलन ने शुरू में ही अपनी खालिस्तानी पगड़ी दिखा दी है। 

    इस बार यह लोग अपने इस इस्लामिक और खालिस्तानी गठजोड़ को किसी आवरण में छिपा भी नही पाए है। पंजाब से आये पगड़ीधारी सिख किसानों के लिए मस्जिदों में चल रहे लंगर, इनकी भूमिका निभाते हुए लोगो के हाथ मे जम्मू कश्मीर से धारा 370 फिर से लागू किये जाने की मांग करते हुए प्लेकार्ड, ओठों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का गुणगान और इंद्रा गांधी की तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को गोली मार देने की उद्घोषणा, इन राष्ट्र विरोधी खालिस्तानियों और कट्टर इस्लामियों के इस भरत मिलाप को प्रत्यक्षता प्रदान कर रही है। इनको कांग्रेस के साथ भारत के विपक्ष का पूरा समर्थन प्राप्त है। 

    यह आने वाले समय मेंं और उग्र होता जाएगा और दिल्ली की सीमाओं से बाहर निकल यह सब तरफ फैलेगा। हो सकता है इस किसान बिल विरोधी आंदोलन में अन्य विरोधी अपनी-अपनी मांगों को लेकर जुड़ कर, जनता को एक सामूहिकता का बोध कराए लेकिन इसकी केंद्रीय शक्ति कट्टर इस्लामिक शक्तियों के ही हाथ मे होगी। 

    यह किसान आंदोलन, सोनिया कांग्रेस का, भारत को छिन्न-भिन्न करने का अंतिम अवसर भी है। सोनिया गांधी के साथ-साथ सभी विपक्षियों को इस बात का भान है कि चीन और पाकिस्तान से लगी भारत की सीमाएं उद्दवेलित है और मोदी सरकार, चीनी कारोना महामारी से लड़खड़ाई भारत की अर्थव्यवस्था को पुनर्स्थापित करने और आर्थिक मंदी से पीड़ित भारत की जनता को संभालने में लगी, इस बाह्य व आंतरिक चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में उनका आंकलन यही है कि यह काल नरेंद्र मोदी जी के विपरीत है और उनको, जनता की भावनाओं को भड़का, अराजकता फैला कर, सफलतापूर्वक अस्थिर किया जा सकता है। 

    आंकलन है कि यह आंदोलन और उससे जनित अराजकता तब तक नही धमेगी, जबतक भारत पर चीन, अपनी खोई सैन्य प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने के लिए, आक्रमण नही करता है। जिसकी संभावना फरवरी 2021 से पहले नही है। 

    यहां यह बहुत संभव है कि चीन की शह पर, पाकिस्तान, जिसकी आर्थिक व राजनैतिक स्थिति दिन-प्रति-दिन बिगड़ती जा रही है और वहां पर विपक्षी दलों व जनता में पाकिस्तानी सेना की राजनैतिक भूमिका को लेकर आक्रोश सार्वजनिक आने लगे है, वह, अपनी असफलताओं पर आवरण डालने के लिए, कश्मीर का बहाना बना कर, भारत को दोनों सीमाओं पर उलझाने के लिए आक्रमण कर सकता है। 

    इस पर कोई संदेह नही है कि भारत के साथ-साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी अपने राजनैतिक जीवन के सबसे संकटकालीन काल मे प्रवेश कर चुके है। 

    इसपर भी कोई संदेह नही है कि मोदी जी, तमाम कष्टों और विभीषका के उपरांत भी, भारत को इस महासंकट से सुरक्षित निकाल लेंगे। शायद प्रारब्ध ने, नरेंद्र मोदी जी की यही भूमिका चुनी है। 

    काल ने भारत और उसके सनातन को सुरक्षित बनाये रखने के लिए ही वैराग्य की उत्कंठा लिए साधुमार्ग पर चल रहे वैरागी को, लौटा कर, राजनीति के पथ का पथिक बनाया है। 

    कल वाराणसी में देवदीपावली के अवसर पर, गंगा तट पर शिव स्त्रोत सुनते व वाराणसी तट का विहंगम दृश्य देखते हुए, मोदी जी के स्वरूप और भाव भंगिमा ने यह अनुभूति प्रदान की है कि यह व्यक्ति, सांसारिक प्रांगण से स्वयं को विच्छिन्न करने की प्रक्रिया में प्रविष्ट कर चुका है।

    ऐसी मनोस्थिति में पहुंचा व्यक्ति, मनोभावनाओं के कुरुक्षेत्र को पार कर, संवेदनाओं के स्तर पर तटस्थ होता जाता है। जब ऐसा होता है तो ऐसे व्यक्ति की धर्म-अधर्म, सत्य-असत्य और पाप-पुण्य के बीच की स्पष्टता समग्र हो जाती है। ऐसा व्यक्ति, शेष विश्व की प्रतिक्रिया, आंकलन और विचारों के मोहजाल को काट निर्मोही हो जाता है।

    आगामी आने वाले 6/7 माह का काल, भारत के पथ पर कंटक बनी हर शक्तियों पर इस निर्मोही के प्रतिकार का काल है। यह काल कष्ट जरूर देगा लेकिन इसे हमें प्रसवपीड़ा के भांति स्वीकारना होगा। रामकृपा से 2021 का वर्ष जब अस्तांचल को जा रहा होगा, तब भारत अपने ब्रह्ममूर्त के अंधकार को छोड़, उदय हो रहा होगा। 
    #pushkerawasthi

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