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शनिवार, 2 जनवरी 2021

1 जनवरी से साल के अलावा और क्या क्या बदल रहा जानिये पूरी जानकारी


1 जनवरी से साल के अलावा और क्या क्या बदल रहा जानिये पूरी जानकारी
 1 जनवरी 2021 से साल बदलने के साथ ही कुछ नियमों में भी बदलाव होगा जो साल के पहले महीने से ही देश भर में लागू भी हो जाएंगे. बैंक और बीमा के अलावा कई बड़े क्षेत्रों में बदलाव होने जा रहा है जिसका सीधा असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा. आइए जानते हैं साल के पहले दिन से कौन से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं.

1 जनवरी से नए साल की शुरूआत होगी और इसी के साथ साल 2021 में कई बड़े बदलाव भी हो रहे हैं. नये साल में होने जा रहे ये बदलाव आम इंसान की जिंदगी और जेब पर काफी असर डालेंगे. बता दें कि साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी से बैंकिंग से लेकर बीमा से जुड़े कई नियम बदल रहे हैं.

इसके अलावा भी कई और क्षेत्रों में बदलाव हो रहे हैं. चलिए जानते हैं नए साल में क्या 10 बड़े बदलाव होने जा रहे हैं जो साल के पहले महीने से ही लागू हो जाएंगे.

*1- ' सरल जीवन बीमा ' स्कीम होगी लॉन्च*

1 जनवरी से बीमा नियामक इरडा ने भी सभी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को एक स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए निर्देश जारी किए हैं. यह पॉलिसी 'सरल जीवन बीमा' के नाम से है. गौरतलब है कि स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का मैक्सिम सम अस्योर्ड 25 लाख रुपये का होगा. इस स्कीम से कस्टमर्स को कंपनियों की ओर से पहले से दी गई जानकारियो के आधार पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी. सरल जीवन बीमा 18 से 65 वर्ष की आयु के लोग खरीद सकते हैं.

*2-कारें-टूव्हीलर होंगे महंगे*

1 जनवरी 2021 से कारें खरीदना भी महंगा हो जाएगा. दरअसल ऑटोमोबाइल कंपनिया नए साल में अपने कई मॉडल के दाम 5 फीसदी तक बढ़ाने जा रही हैं. जिसके बाद कारें महंगी हो जाएंगी. जो कंपनिया अपने कारों के दाम बढ़ा रही हैं नमें मारुति सुजुकी इंडिया, निसान, रेनॉ इंडिया, होंडा कार्स, महिंद्रा एंड महिंद्री, इसूजू. ऑडी इंडिया, फॉक्सवैगन कार कंपनिया, फोर्ड इंडिया, और बीएमडब्लयू इंडिया शामिल हैं. वहीं टूव्हीलर कंपनी हीरो मोटोकॉर्प भी बाइक-स्कूटर की कीमतें 1 जनवरी से बढ़ा रही हैं.

*3-गैस सिलेंडर की कीमत भी बदलेंगी*

हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतें सरकारी तेल कंपनियों तय करती हैं. इस दौरान कीमत में इजाफा भी किया जा सकता है और कीमतों में राहत भी दी जा सकती है. ऐसे में 1 जनवरी को सिलेंडर की कीमतों में बदलाव तय है.

*4-चेक से भुगतान करने के नियम में होगा बदलाव*

1 जनवरी 2021 से चेक के जरिए भुगतान करने के नियमों में भी बदलाव हो जाएगा. नए नियम लागू होने के बाद 50 हजार से ज्यादा भुगतान वाले चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू होगा. इसके अंतर्गत 50 हजार से ज्यादा के चेक के लिए जरूरी जानकारी की पुष्टि दोबारा की जाएगी. ये नए नियम चेक पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने और बैंक धोखाधड़ी रोकने के लिए बनाए गए हैं.

*5-कॉन्टैक्टलेस कार्ड के जरिए भुगतान की सीमा में बदलाव*

केंद्रीय बैंक 1 जनवरी से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मकसद से कॉन्टैक्टलेस कार्ड के जरिए भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 हजार रुपए करने जा रहा है. बता दें कि वर्तमान में कॉन्टैक्टलेस कार्ड से भुगतान करने की सीमा 2 हजार रुपये ही है.

*6-साल भर में भरे जाएंगे सिर्फ 4 GS TR-3B रिटर्न फॉर्म*

कारोबारियों को 1 जनवरी से साल भर में सिर्फ 4 GSTR-3B रिटर्न फॉर्म भरने पड़ेंगे. वर्तमान में कारोबारी ऐसे 12 फॉर्म भरते हैं. सरकार ने जीएसटीरिटर्न फाइलिंग प्रोसेस को ज्यादा आसान बनाने के लिए ही क्वारटर्ली फाइलिंग ऑफ रिटर्न विद मंथली पेमेंट योजना लागू की है. इस योजना का लाभ कुल 5 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर तक वाले कारोबारी उठा सकते हैं.

*7-लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए जीरो लगाना होगा*

1 जनवरी 2021 से पूरे देश में लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करने के लिए नंबर डायल करने से पहले जीरो लगना होगा. ऐसा होने से टेलीकॉम कंपनियों को ज्यादा नंबर बनाने में मदद मिलेगी.

*8-म्यूचुअल फंड निवेश के नियमों में होगा बदलाव*

1 जनवरी 2021 से म्यूचुअल फंड निवेश के नियम भी बदल रहे हैं. निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. नए नियम लागू होने के बाद फंड्स का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में इंवेस्ट करना अनिवार्य होगा. जो कि अभी न्यूनतम 65 फीसदी है.

*9- यूपीआई पेमेंट सर्विस में बदलाव*

1 जनवरी से अमेजन-पे, गूगल-पे और फोन-पे से भुगतान करने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. एनपीसीआई ने 1 जनवरी से थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स की ओर से चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंस सर्विस पर एक्सट्रा शुल्क लगान का फैसला किया है. जिसके बाद एनपीसीआई ने नये साल पर थर्ड पार्टी ऐप के ऊपर 30% का कैप लगा दिया है.. पेटीएम इस दायरे में नहीं है.

*10-चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य*

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. यह पुराने वाहनों जिनकी बिक्री 1 दिसंबर 2017 से पहले हुई है उन पर एम और एन कैटेगिरी के मोटर वाहनो पर भी लागू होगा. वाहन पर फास्टैग लगाने का फायदा यह होगा कि बिना इंतजार किए टोल आसानी से क्रॉस किया जा सकेगा. नए नियम लागू हो जाने के बाद फास्टैग अकाउंट में कम से कम 150 रुपए की राशि रखनी ही होगी.

गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

करें शुरू कुल्हड़ चाय का कारोबार बढ़ाये आमदनी और देवे औरो को भी रोजगार


करें शूरुआत अपने रोजगार की करें शुरू कुल्हड़ चाय का कारोबार बढ़ाये आमदनी और देवे औरो को भी रोजगार_* 

आपको बता दें भारत में एक बड़ी आबादी चाय (Kulhad making business) की शौकीन है. रेलवे स्टेशनों, बस डिपो और हवाईअड्डों पर कुल्हड़ की चाय की लगातार मांग रहती है. ऐसे में आप कुल्हड़ बनाने और बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते है. आइए आपको बताते हैं कि आप ये बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं-

सरकार भी दे रही बढ़ावा
आपको बता दें सरकार इस समय कुल्हड़ की मांग बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है.

कुछ समय पहले सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कुल्हड़ को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक और कागज के कप में चाय देने पर रोक लगाने की मांग की है.

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने कुल्हड़ बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कुम्हार सशक्तीकरण योजना को लागू किया है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर के कुम्हारों को बिजली से चलने वाली चाक देती है तो वो इससे कुल्हड़ समेत मिट्टी के बर्तन बना सकें. बाद में सरकार कुम्हारों से इन कुल्हड़ को अच्छी कीमत पर खरीद लेती है.

5 हजार लगाकर शुरू कर सकते हैं ये बिजनेस
मौजूदा दौर को देखते हुए यह बिजनेस बेहद कम कीमत में शुरू किया जा सकता है. इसके लिए आपको थोड़ी सी जगह के साथ-साथ 5,000 रुपये की जरूरत होगी. खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने जानकारी दी है कि इस साल सरकार ने 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक वितरित किया है.

कितने रुपए में बेच सकते हैं कुल्हड़?
चाय का कुल्हड़ बेहद किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिहाज से भी सुरक्षित होता है. मौजूदा दर की बात करें तो चाय के कुल्हड़ का भाव करीब 50 रुपये सैकड़ा है. इसी प्रकार लस्सी के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा, दूध के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा और प्याली 100 रुपये सैकड़ा चल रही है. मांग बढ़ने पर इससे अच्छे रेट की भी संभावना है.

होगी अच्छी बचत
आज के समय में शहरों में कुल्हड़ वाली चाय की कीमत 15 से 20 रुपये तक भी होती है. अगर बिजनेस को सही तरीके से चलाया जाए और कुल्हड़ बेचने पर ध्यान दिया जाए तो 1 दिन में 1,000 रुपये के करीब बचत की जा सकती है.

आयकर रिटर्न भरना क्यो आवश्यक है? क्या है इसके फायदे? कब तब कर सकते है रिटर्न फ़ाइल?


📌 *_आयकर रिटर्न भरना क्यो आवश्यक है?  क्या है इसके फायदे?  कब तब कर सकते है रिटर्न फ़ाइल?_*

 आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख एक बार फिर बढ़ गई है. सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी, 2021 तक कर दिया है. वहीं कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है. पहले 31 दिसंबर आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि थी. यहां यह सवाल आपके जेहन में आ सकता है कि आईटीआर फाइल करना किसके लिए जरूरी है.

ITR किसे फाइल करना होता है? इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 139(1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी कुल कमाई वित्तीय वर्ष (Financial Year) में टैक्स के दायरे में आती है (जो कि वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए 2.5 लाख रु. से अधिक है) उसे ITR फाइल करना होता है।

सबसे पहले तो यह समझ लें कि आयकर रिटर्न भरना और इनकम टैक्स जमा करना दो अलग-अलग चीजें हैं. इनकम टैक्स रिटर्न भरने का मतलब सरकार को अपनी आमदनी-निवेश और खर्च की जानकारी देना है.

आईटीआर भरने के बाद अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आपको टैक्स चुकाना पड़ता है.

*आईटीआर भरने के कई फायदे*

01. नुकसान (कैपिटल लॉस) की भरपाई
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और उसमें कमजोरी की वजह से आपकी पूंजी घट जाती है तो इसे कैपिटल लॉस कहते हैं. समय पर आईटीआर भरने का फायदा यह है कि आप भविष्य में होने वाले इस तरह के लाभ से नुकसान को समायोजित (एडजस्ट) कर सकते हैं.

02. कारोबार के लिए लाभदायक
अपना कारोबार शुरू करने में आईटीआर बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पड़ेगा. किसी सरकारी विभाग में ठेका हासिल करने के लिए पिछले पांच साल का इनकम टैक्स रिटर्न देना पड़ता है.

03. बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड लेना सुविधाजनक
अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आईटीआर आपकी आमदनी साबित करने का सबसे पुख्ता सबूत है. होम या कार लोन के लिए बैंक ग्राहक से 2-3 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं. अगर आपके पास आईटीआर की कॉपी है तो आपको लोन मिलना बहुत आसान हो जाता है.

अगर आप अपनी जरूरत के लिए क्रेडिट कार्ड बनाना चाहते हैं तो भी आईटीआर मददगार साबित हो सकता है. क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक ग्राहक के इनकम टैक्स रिटर्न से ही उनके कर्ज लेने-चुकाने की क्षमता का आंकलन करते हैं.

04. बड़े लेन-देन में जरूरी
अगर आप अधिक पैसे का कोई लेन-देन करते हैं तो आईटीआर आपके लिए मददगार साबित होता है. समय पर आईटीआर फाइल करते रहने की वजह से प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने, बैंक में बड़ी रकम जमा करने, म्यूचुअल फंड में बड़े निवेश के बाद आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आने का खतरा नहीं होता.
नियमित रूप से आयकर रिटर्न भरने वाले लोग इस तरह की परेशानी से दूर रहते हैं.

05.TDS क्लेम के लिए आवश्यक
अगर आपकी कमाई पर किसी ने टैक्स काटा (स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस) है तो उसे वापस लेने के लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है.
अगर आप फ्रीलांसिंग या घर से बैठकर कोई काम करते हैं और आपकी आमदनी करयोग्य नहीं है, फिर भी आपको पेमेंट करने वाला टीडीएस काट सकता है. अगर आपके साथ भी ऐसी ही स्थिति है तो आयकर रिटर्न भर कर आप टीडीएस रिफंड ले सकते हैं.

06. ज्यादा बीमा कवर मिलेगा
अगर आप एक करोड़ रुपये का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे आईटीआर मांग सकती हैं. वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए आईटीआर पर ही भरोसा करती हैं.

07. वीजा पाने में सुविधा
अगर आप कारोबार या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है. बहुत से विदेशी दूतावास वीजा आवेदन में पिछले 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं. अगर आपके पास आईटीआर है तो आपको अन्य व्यक्ति की तुलना में वीजा पाने में आसानी होती है.

08. पैनल्टी से मुक्ति
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अगर देरी हो जाती है तो आपको 10,000 रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. सही समय पर आईटीआर फाइल कर पैनल्टी से बचा जा सकता है, अगर आप सही समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपके पास इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आने का खतरा भी नहीं होता.

09. पते का सबूत
इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी आपके निवास का पक्का प्रमाण है. आप इसका उपयोग सभी सरकारी काम में कर सकते हैं. अगर आप आधार या पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो आप आईटीआर को पते के सबूत के तौर पर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

10. ब्याज से मिल सकती है राहत
अगर आपको इनकम टैक्स चुकाना है और समय पर आईटीआर फाइल नहीं कर पाते तो आपको देर से रिटर्न फाइल करने पर आयकर के साथ ब्याज चुकाना पड़ सकता है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 234A के तहत आप पर जुर्माना भी लग सकता है. समय पर इनकम टैक्स रिटर्न भर देने से आप जुर्माने या ब्याज से बच सकते हैं. भरना होता जुर्माना सबसे पहली बात आपको आईटीआर न भरने के लिए या फिर देरी से भरने के लिए निर्धारित जुर्माना नहीं भरना पड़ता. ...

रविवार, 27 दिसंबर 2020

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा

👌👌👌👌👌👌
*खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा*
*ये जानना बहुत जरुरी है ...*

हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमने सब्जी खाई, हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|

ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है । ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है |

अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|

आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|

अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|

ये तभी होगा जब खाना पचेगा|

यह सब हमें चाहिए|

ये तो हुई खाना पचने की बात

अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..? खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )

|कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता| खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |

मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|

और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए| क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है

* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
(मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )

* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*

अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

बात ऐसी है !

जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

*तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !*
*पानी ना पीये खाना खाने के बाद।*
*इसका जरूर पालन करे !*

शनिवार, 19 दिसंबर 2020

प्रणाम परिणाम बदल देता है

प्रणाम परिणाम बदल देता है

 प्राचीन काल में मृकण्ड नाम के एक विख्यात मुनि थे। उनका एक पुत्र था।ऋषि दंपत्ति द्वारा श्रेष्ठ संस्कार मिलने से वह बालक 5 वर्ष की अल्पवय में गुणवान हो गया
 एक दिन किसी सिद्ध ज्ञानी ने उस बालक की ओर देखा और बहुत देर तक ठहर कर उसके जीवन के विषय में विचार किया। बालक के पिता ने पूछा कि मेरे पुत्र की कितनी आयु है...? इस पर सिद्ध बोले कि इसके जीवन में अब केवल 6 माह और शेष रह गए हैं। 
उस बालक की आयु केवल 5 वर्ष 6 माह की थी।
 उस सिद्ध ज्ञानी की बात सुनकर बालक के पिता ने बालक का उपनयन संस्कार कर दिया और उससे कहा बेटा तुम जिस किसी मुनि को देखो उन्हें प्रणाम करो।
 सप्तऋषियों ने उस बालक को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया । इतना करने के बाद जब उन्होंने उसकी आयु पर विचार किया तब 5 ही दिन की आयु शेष जानकर उन्हें बड़ा दु:ख हुआ। वे उस बालक को लेकर ब्रह्मा जी के पास गए,  बालक ने ब्रह्मा जी के चरणों में प्रणाम किया। ब्रह्मा जी ने भी उसे चिरायु होने का आशीर्वाद दिया।
 पितामह का वचन सुनकर ऋषियों को बड़ी प्रसन्नता हुई ,तत्पश्चात ब्रह्मा जी ने उनसे पूछा "आप लोग किस काम से यहां आए हैं तथा यह बालक कौन है.....?" ऋषियों ने कहा यह बालक मृकण्ड का पुत्र है, इसकी आयु क्षीण हो चुकी है। इसका सब को प्रणाम करने का स्वभाव हो गया है।  एक दिन हम लोग उधर से जा रहे थे, इस बालक ने सब को प्रणाम किया। उस समय हम लोगों के मुख से चिरायु होने का आशीर्वाद निकल गया। आप भी इसे चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे चुके हैं। अतः इस बालक को बचाइए।
ब्रह्माजी बोले यह बालक मार्कंडेय, आयु में मेरे समान होगा। यह कल्प की आदि और अंत में भी श्रेष्ठ मुनियों से घिरा हुआ सदा जीवित रहेगा।
 इस प्रकार सप्त ऋषियों ने ब्रह्मा से वरदान दिलवाकर  उस बालक को पुन: पृथ्वी पर भेज दिया
 कहा भी गया है - 
 *अभिवादनशीलस्य,  नित्यं वृध्दोपसेविनः ।*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशोबलम् ।।*

अर्थात् जो प्रतिदिन वरिष्ठ लोगों का अभिवादन तथा उनकी सेवा करता है, निश्चित ही उसकी आयु, विद्या, यश तथा शक्ति में वृद्धि होती है।

शनिवार, 12 दिसंबर 2020

घर में रहता है क्लेश तो करें यह काम ।। Pt. Pradeep Mishra Ji ।। Aastha C...

अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है


अशोक सुंदरी (संस्कृत: अशोकसुन्दरी, Aśokasundarī) यह एक हिन्दू देवकन्या हैं, जिनका वर्णन भगवान शिव और पार्वती की बेटी के रूप में किया गया है। वह आम तौर पर मुख्य शास्त्रों में शिव के पुत्री के रूप में वर्णित नहीं हैं, उनकी कथा पद्मपुराण में अंकित है। माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने हेतु कल्पवृक्ष नामक पेड़ के द्वारा ही अशोक सुंदरी की रचना हुई थी। अ+शोक अर्थात् सुख, माता पार्वती को सुखी करने हेतु ही उनका निर्माण हुआ था और वह अत्यंत सुंदर थीं इसी कारण इन्हें सुंदरी कहा गया।

अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है जो नहुष नामक राजा के चरित्र वर्णन की इकाई है। एक बार माता पार्वती द्वारा विश्व में सबसे सुंदर उद्यान लाने के आग्रह से भगवान शिव पार्वती को नंदनवन ले गये, वहाँ माता को कल्पवृक्ष से लगाव हो गया और उन्होने उस वृक्ष को ले लिया। कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है, पार्वती नें अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर माँगा कि उन्हे एक कन्या प्राप्त हो, तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। माता पार्वती नें उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जितने शक्तिशाली यूवक से होगा। एक बार अशोक सुंदरी अपने दासियों के संग नंदनवन में विचरण कर रहीं थीं तभी वहाँ हुंड नामक राक्षस का प्रवेश हुआ जो अशोक सुंदरी के सुंदरता से मोहित हो गया तथा विवाह का प्रस्ताव किया, तब उस कन्या ने भविष्य में उसके पूर्वनियत विवाह के संदर्भ में बताया। राक्षस नें कहा कि वह नहूष को मार डालेगा तब अशोक सुंदरी ने राक्षस को श्राप दिया कि उसकी मृत्यु नहूष के हाथों होगी। उस राक्षस नें नहुष का अपहरण कर लिया जिससे नहूष को हुंड की एक दासी ने बचाया। महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहूष बड़ा हुआ तथा आगे जाकर उसने हुंड का वध किया।

बाद में नहूष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ तथा वह ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की माता बनीं। इंद्र के अभाव में नहूष को ही आस्थायी रूप से इंद्र बनाया गया, उसके घमंड के कारण उसे श्राप मिला तथा इसीसे उसका पतन हुआ। बादमें इंद्र नें अपनी गद्दी पुन: ग्रहण की।



जिसके #विवाह नहीं हो रहे हो, #चर्मरोग हो गया हो, उधार #पैसा कोई नहीं दे ...



 

अशोक सुंदरी (संस्कृत: अशोकसुन्दरी, Aśokasundarī) यह एक हिन्दू देवकन्या हैं, जिनका वर्णन भगवान शिव और पार्वती की बेटी के रूप में किया गया है। वह आम तौर पर मुख्य शास्त्रों में शिव के पुत्री के रूप में वर्णित नहीं हैं, उनकी कथा पद्मपुराण में अंकित है। माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने हेतु कल्पवृक्ष नामक पेड़ के द्वारा ही अशोक सुंदरी की रचना हुई थी। अ+शोक अर्थात् सुख, माता पार्वती को सुखी करने हेतु ही उनका निर्माण हुआ था और वह अत्यंत सुंदर थीं इसी कारण इन्हें सुंदरी कहा गया।


अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है जो नहुष नामक राजा के चरित्र वर्णन की इकाई है। एक बार माता पार्वती द्वारा विश्व में सबसे सुंदर उद्यान लाने के आग्रह से भगवान शिव पार्वती को नंदनवन ले गये, वहाँ माता को कल्पवृक्ष से लगाव हो गया और उन्होने उस वृक्ष को ले लिया। कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है, पार्वती नें अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर माँगा कि उन्हे एक कन्या प्राप्त हो, तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। माता पार्वती नें उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जितने शक्तिशाली यूवक से होगा। एक बार अशोक सुंदरी अपने दासियों के संग नंदनवन में विचरण कर रहीं थीं तभी वहाँ हुंड नामक राक्षस का प्रवेश हुआ जो अशोक सुंदरी के सुंदरता से मोहित हो गया तथा विवाह का प्रस्ताव किया, तब उस कन्या ने भविष्य में उसके पूर्वनियत विवाह के संदर्भ में बताया। राक्षस नें कहा कि वह नहूष को मार डालेगा तब अशोक सुंदरी ने राक्षस को श्राप दिया कि उसकी मृत्यु नहूष के हाथों होगी। उस राक्षस नें नहुष का अपहरण कर लिया जिससे नहूष को हुंड की एक दासी ने बचाया। महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहूष बड़ा हुआ तथा आगे जाकर उसने हुंड का वध किया।

बाद में नहूष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ तथा वह ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की माता बनीं। इंद्र के अभाव में नहूष को ही आस्थायी रूप से इंद्र बनाया गया, उसके घमंड के कारण उसे श्राप मिला तथा इसीसे उसका पतन हुआ। बादमें इंद्र नें अपनी गद्दी पुन: ग्रहण की।

#कही आप भी तो यह गलती नहीं कर रहे हैं चप्पल घर के अंदर तो नहीं ले जा रहे...

#किसी को बुखार हो गया, कोई पैसा लौटा नहीं रहा हो, पथरी कि बिमारी से परेश...

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