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शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

2014 के बाद देश पूरी तरह बर्बाद हो गया है

बात वर्ष 2014 से पहले की है।

  एक दिन मामूली बुखार महसूस हुआ। उस समय  आम आदमी के स्वास्थ्य की देखभाल *राज्य सरकार* नहीं, सीधे *केंद्र सरकार* करती थी और गली गली में केंद्र सरकार के अस्पताल थे।

 मैंने सरकारी अस्पताल फोन कर दिया और तुरंत सरकारी अस्पताल की गाड़ी मुझे लेने आ गई। जब मैं अस्पताल पहुंचा तो बाहर डॉक्टरों की टीम मेरा इंतजार कर रही थी। 
   यह टीम मुझे एक कमरे में ले गई जो फाइव स्टार होटल जैसा था। डॉक्टरों की राय यह थी कि मुझे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है फिर भी चूंकि ऑक्सीजन का बाहुल्य था, इसलिए उन्होंने ऑक्सीजन चढ़ा दी। 

   खाने के लिए उन्होंने मुझे एक मैन्यू कार्ड दिया, जिसमें शाही पनीर से लेकर हैदराबादी कबाब भी शामिल था। हालांकि मैं मेडिक्लेम होने के कारण मेदांता जैसे प्राइवेट अस्पताल में जा सकता था लेकिन सरकारी अस्पताल की शानदार व्यवस्थाओं के मद्देनजर मैंने यहां रुकना उचित समझा वैसे भी मुझे इस सरकारी अस्पताल की हैदराबादी बिरयानी बहुत पसंद थी। 

एक दिन बाद ही मेरा बुखार उतर गया लेकिन डॉक्टरों और नर्सों की मनुहार के चलते मैं 15 -20 दिन अस्पताल में रहा। जिस दिन मुझे डिस्चार्ज किया गया, उस दिन सभी डॉक्टरों और नर्सों की आंखों में आंसू थे।

सन 2014 में नरेंद्र मोदी के कार्य ग्रहण के बाद से हमारे सरकारी अस्पतालों का हाल यह है कि अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है और खाना इतना खराब है कि किसी की बीवी ऐसा बनाएं तो तलाक हो जाए।

और तो और केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह जी के समय गली-गली में खोले अस्पताल भी बंद कर दिए।
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वर्ष 2014 से पहले एक बार मुझे वैक्सीन लगवाने सरकारी अस्पताल में जाना पड़ा। जाते ही डॉक्टरों ने प्यार भरा उलाहना दिया कि आप क्यों आए हो..? हम 'मनमोहन सिंह टीकाकरण योजना' के अंतर्गत आपका फोन पाते ही खुद आपके घर आकर टीका लगा देते! साथ ही आपको 1500 ₹ की नगद प्रोत्साहन राशि भी वहीं पहुंचा देते!
 
2014 के बाद से रवीश कुमार की रिपोर्टिंग देख देख कर मेरा मन इतना आशंकित हो गया कि मैं केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीजीआई अस्पताल में टीकाकरण करवाने के लिए जाने में झिझक रहा था। जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचा। वहां सारा काम यूँ तो व्यवस्थित था और वैक्सीन सुचारू रूप से लग गया लेकिन टीका लगने के बाद मुझे अपेक्षा थी कि 2014 से पहले की तरह मुझे अस्पताल की ओर से दूध-जलेबी या पावभाजी या जूस ऑफर की जाएगी लेकिन उन्होंने आधा घंटे रोकने और सब कुछ सामान्य पाने के बाद मुझे चलता कर दिया।

 मुझे यह सब निराशाजनक लगा क्योंकि 2014 से पहले तो सरकारी अस्पताल में 'मनमोहन सिंह टीकाकरण योजना' के अंतर्गत वैक्सीन के बाद शानदार भोजन मिलता था तथा भोजन के साथ-साथ चाट पकौड़ी और दूध जलेबी के स्टॉल भी होते थे। मनपसंद भोजन करते-करते अस्पताल के अधीक्षक महोदय 1500 ₹ की प्रोत्साहन राशि का चेक लेकर आ जाते थे ।
अब नरेंद्र मोदी जी के टाइम में सब कुछ सूखा सूखा ही है।
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2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी ने सिर्फ 15-20 नए एम्स अस्पताल बनाए हैं जबकि उनका दायित्व था कि पहले की सरकारों की तरह हर गली और हर मोहल्ले में शानदार अस्पताल खोलते।
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 मोदी सरकार के आने से पहले मुकेश अंबानी ढाबा चलाते थे और अडानी सड़क पर पंक्चर बनाया करते थे लेकिन मोदी जी ने अपने इन दोनों लंगोटिया मित्रों को खरबपति बना दिया। यदि मोदी जी सत्ता में नहीं आते तो यह दोनों आज मनरेगा के अंतर्गत  120 रुपए रोज में मजदूरी कर रहे होते ।
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आजकल नरेंद्र मोदी जी अपना सारा ध्यान पश्चिमी बंगाल पर दे रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस राज्य की जनता अपने अराजक राज्य की सत्ता भाजपा को सौंप कर इन्हें दंडित करेगी । इस राज्य में सरकार चलाना किसी दंड भोगने जैसा ही होगा।
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 2014 के बाद देश पूरी तरह बर्बाद हो गया है और यह अब रहने लायक नहीं है सुना है, अब हमारी जीडीपी बांग्लादेश से भी कम है। मैं सभी मोदी विरोधी भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि वह बांग्लादेश में स्थाई रूप से बसने के लिए माइग्रेशन आवेदन कर दें या बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों की तरह वे भी बांग्लादेश में अवैध रूप से जाकर बस जाएं ताकि भारत सरकार की न सही अपने परिवार की जी डी पी तो बढ़ जाये। लेकिन हां, जनसंख्या का बोझ कम होने से भारत की भी जीडीपी बढ़ेगी ही।

मुझे तो बस बार-बार मनमोहन सिंह जी के समय के वे स्वर्णिम दिन याद आते हैं, जब हिंदुस्तान सोने की चिड़िया था। सरकारी अस्पताल, मेदांता से अच्छे थे। मेरे शहर का सरकारी स्कूल मोइनिया इस्लामिया  दून स्कूल से बेहतर था । रेलवे के शटल शताब्दी से बेहतर सुविधाएं देते थे। लोग अजमेर से केकड़ी और अजमेर से भिनाय भी हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर से नाम मात्र के किराए में अप-डाउन किया करते थे। चारों ओर दूध-दही की नदियां बहती थी। हर आदमी के पास वाइट कॉलर जॉब, कार और बंगला था। हमारे विधायक, सांसद और अफसर-जज आम आदमी की तरह रहते थे। सब रजिस्ट्रार और परिवहन कार्यालय में घूसखोरी के बजाय वहां के कर्मचारी चाय-पानी भी अपने पैसों से करवाते थे। यहां तक कि अजमेर के रेवेन्यू बोर्ड में भी सारे फैसले निष्पक्ष होते थे ।
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अब मैं इंतजार कर रहा हूं कि अगली बार राहुल भैया, मनमोहन सिंह, प्रियंका दीदी, तेजस्वी यादव, वाड्रा जी या ममता दीदी में से कोई प्रधानमंत्री बने और अच्छे दिन फिर से लौटें।
तथास्तु।
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😊😊😊😊😊😊😊

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

वैक्सीनेशन: कोविड-19 वैक्सीन की पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में जानें

🎯 *वैक्सीनेशन: कोविड-19 वैक्सीन की पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में जानें,


*1.* टीकाकरण 1 मई से शुरू होगा।

*2.* पंजीकरण *28 अप्रैल 4 बजे* से शुरू होगा।

*3.* टीकाकरण का पंजीकरण 18 - 45 आयु वर्ग के लिए मान्य हो सकता है।

*4.* पंजीकरण केवल cowin.gov.in वेबसाइट

 


https://selfregistration.cowin.gov.in/
या aarogya setu app के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है।


*5.* पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान किसी को भी टैब या वेबसाइट में सामान्य टैब को पूरा करने की आवश्यकता होती है, तब सिस्टम आपको अपने आधार कार्ड या किसी भी फोटो आईडी कार्ड को अपलोड करने के लिए कहेगा जो अनिवार्य है।

*6.* पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान प्रणाली निकटतम टीकाकरण केंद्र की मांग करेगी और प्रत्येक को अपनी पसंद का चयन करना होगा।

*7.* पंजीकरण पूरा होने के बाद आपको पंजीकरण संख्या और टीकाकरण केंद्र नाम के साथ तारीख और समय का संदेश प्राप्त होगा।

निवेदक

कैलाश चंद्र लढा
police public press
Jodhpur
www.sanwariyaa.blogspot.com
www.sanwariya.org

पता नहीं क्यों आप सब आने वाले ख़तरे को नहीं देख पा रहे हैं

*पता नहीं क्यों आप सब आने वाले ख़तरे को नहीं देख पा रहे हैं !!* 
पता नहीं क्यों आपको वर्तमान में ही जीने की आदत पड़ी हुई है !! 
*आज जितने लोग Hospital Hospital चिल्ला रहे हैं और सरकार से अनंत Hospital खोलने की demand कर रहे हैं , वह सब अपने लिए ही बहुत बड़ा गड्ढा खोद रहे हैं ।* 
बच्चे हैं यह । वर्तमान में जीने वाले । *यह वही लोग हैं जो वर्तमान में pizza burger दारू, 4 बज गए लेकिन पार्टी अभी बाकी है  और अन्य junk food  खाकर 2 मिनट के जीभ के स्वाद के लिए अपने भविष्य के आधा जीवन Hospitals और doctors के पैरों में नाक रगड़ कर बर्बाद करते हैं और फिर System को दोष देते हैं ।* 
ये भविष्य नहीं देख पाते । 
*आपको क्या लगता है कि जितना आप सरकार से Hospital बढाने की माँग कर रहे हैं , वह आप बुद्धिमत्ता वाला काम कर रहे हैं ???* 
अरे ! अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं आप ! आपको स्वयं नहीं पता कि आप क्या कर रहे हैं । आप भावनाओं में बह रहे हैं ।
Hospitals जब खुलेंगे तो क्या लग रहा है आपको कि ये अपने maintenance या रख रखाव का खर्चा कहाँ से निकालेंगे ???? 
एक साधारण से Hospital के maintenance का खर्चा करोड़ रुपये आता है । 
चलो अभी तो कोरोना है , और जब सब कुछ शांत हो जाएगा तब ?? 
तब ये Oxygen plant क्या करेंगे ?
जितनी दवाईयों की company खुली हैं , वह क्या करेंगी ? 
जितने भी Medical Bed , Medical Equipments बनाने वाली कंपनियाँ क्या करेंगी ?? 
जितने भी Hospitals हैं , वह क्या करेंगे ?? 
क्या अपना कारोबार समेट लेंगे ??? 
नहीं ! बिल्कुल नहीं !! 
उनको customer चाहिए और वह customer आप ही होंगे । 
चाहे उसके लिए उनको कुछ भी करना पड़े । 
चाहे मीडिया का सहारा लेना पड़े , चाहे राजनेताओं का , चाहे सरकारी तंत्र का , उन्हें आपको अपना customer बना कर ही रखना है । 
*जैसे पहले से कर रहे हैं वह !  कोल्ड drinks , Packed juices , और तरह तरह के ऊल जुलूल चीजों को लेकर जिस तरह इन्होंने आपके दिमाग को भरा है ताकि आप बीमार होकर इनके पास आये और customer बने रहें।* 
*ये एक Cycle है । प्रत्येक इंडस्ट्री एक दूसरे से एक chain से जुड़ी है ।* 
*आज सभी जानते हैं , सरकार भी जानती है कि ciggarette , तम्बाकू , दारू cancer और तमाम तरह के शारीरिक और मानसिक रोग करता है लेकिन किसी सरकार की हिम्मत नहीं कि इन industries को बंद कर दे।*
*बल्कि इस तरह आपके brain को condition किया जाता है कि रजनीगंधा , पान पराग , दारू पीना , cigarette पीना एक शान की तरह दिखाया और परोसा जाता है।*  
आप क्या सोचते हैं कि जब हर Hospital 50 लाख का Oxygen Plant सरकार के कहने पर Set Up करेगा , वह  कोरोना शांत हो जाने पर आपको ऐसे छोड़ देगा ??? 
नहीं अब देखिएगा , आगे आने वाले ज्यादा नहीं 10 वर्षों में श्वांस के मरीज कैसे बढ़ेंगे । 
*अभी तो hospital जाकर सबको किसी भी दिक्कत में Glucose चढ़ा दिया जाता है न , अब देखिएगा , हर एक patient को अब Oxygen वाले बेड पर लाकर oxygen लगाया जाएगा ।* 
आपके दिमाग को ऐसे डराया जाएगा कि आप मना नहीं कर पाएंगे । 
पूरी Lobby काम करेगी और सभी doctors , लेख , media reports , medical journals ऐसे विडंबना बनायेंगे कि आपको लगने लगेगा कि Oxygen चढ़वाना आवश्यक है । 
आप क्या सोच रहे हैं कि 500 bed आपने आज जबरदस्ती कहकर सरकार से और private hospitals से बढ़वा दिया तो क्या अब ये आपको छोड़ेंगे ??? 
नहीं , ये आपको ही हर बार इस पर लेटाएँगे । ये क्यों अपना बेड खाली रखें ? क्या free में आता है Hospital का bed ? 
क्या बिना खर्चे और रख रखाव के होगा ये bed ?? 
A big No 
जिन जिन ने demand की थी न , वही इनके customer होंगे।  
जैसे आज diabetes को लेकर है।  
सन 1999 में WHO ने DIABETES reading की criteria मात्र 1 पॉइंट से बढ़ा दिया । 
क्या आपको पता है मात्र एक पॉइंट बढ़ने से कितने करोड़ की जनसंख्या इसके अंदर आ गयी ?? 
कितना फायदा हुआ असंख्य pharma companies को ?? Medical device companies को ?? 
ऐसे ही Blood Pressure को लेकर !! 
लेकिन आप कहाँ समझेंगे ??? *आपको तो दवाईयों का ग़ुलाम बना दिया गया है।  आपको pizza , burger , cold drinks , Refined Oil और packed edibles खाने से फुर्सत कहाँ !!* 
*आपके भोजन श्रृंखला तक को दूषित कर दिया गया , विषाक्त कर दिया गया ताकि medical industries , pharma industries और इनसे सम्बंधित उद्योग चलते रहे ।* 
*इन्होंने आपको urea, chemical fertilizers दिया आपके भूमि को , फसल को विषाक्त करने के लिए , जल , वायु , भूमि सब विषाक्त कर दिया ताकि आप दवाई के गुलाम बने रहें ।*
*और तो और आपको Hybrid सब्जियाँ , फल और अनाज तक पकड़ा दिए कि ये हमारे customer बने रहें ।* 
और आप बच्चों की तरह उछलते रहे कि और कुकुरमुत्ते की तरह Hospitals खोले जायें । 
मतलब स्वतंत्र नागरिक जैसे मूर्ख बनकर यह मांग करता है कि और जेल बनाये जायें , ठीक उसी तरह आप लोग कर रहे हैं । 
एक मूर्ख को पढ़ रहा था कि इस बार मैं ऐसी सरकार चुनूँगा जो मन्दिर इत्यादि पर न लड़कर Hospital बनवाये । 
हाय रे दुर्भाग्य इस भारत का !! 
मतलब ये चाह रहा है कि हम सदा सदा बीमारियों में ही अपना जीवन व्यतीत करें।  
*अगर आप Hospital की जगह यह कहते कि मैं ऐसी सरकार चुनूँगा जो Hospitals को बढ़ावा न देकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर , भोजन शैली के प्रति जागरूक कर , रोगों से दूर रखकर Hospitals का ख़ात्मा करे , तो बात कुछ और होती ।* 
*लेकिन तुम बीमार लोगों को Hospital ही चाहिए क्योंकि तुम लोगों ने यह अपने भाग्य में लिख लिया है कि हम सदा सदा बीमार रहेंगे और दवाईयों के गुलाम रहेंगे ।* 
*मेरा यह लेख कहीं save करके रख लेना । यह मेरा लेख तब याद आएगा जब इन्हीं 5 से 10 वर्षों में घर घर प्रत्येक व्यक्ति बीमार होकर hospitals का गुलाम बनेगा।*  
*ज्यादा नहीं आपको यह 3 से 10 वर्षों के अंदर दिखाई पड़ने लगेगा जब घर घर Ventillator और Oxygen Mask लगेगा जैसे आज प्रत्येज मरीज को Doctor Glucose की बोतल लटका देते हैं।* 
आज हो सकता है यह बात न समझ आये , लेकिन एक दिन अवश्य आएगा , जब आएगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी । 
*मेरी बात मानिये !! Hospitals की demand करने की बजाय आप हम अपने स्वास्थ्य को क्यों न सुधारें ?* 
*Hospital जाने की नौबत ही क्यों आये ??* 
*क्यों न हम सरकार से यह मांग करें कि प्राकृतिक चिकित्सालय या भोजन नियम संयम इत्यादि को लेकर को संस्थान खोला जाय और जन जन को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाय ????* 
क्यों हम जड़ को नहीं पकड़ रहें हैं ??? 
क्यों हम आग में घी डालने का काम कर रहे हैं ?? क्यों हम आग को घी डालकर बुझाना चाह रहे हैं ??? 
क्यों क्यों क्यों ????? 
अगले लेख में स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ बातों को रखूँगा । 
कई लोगों के सिर के ऊपर से बात गुजर रही होगी , जिन लोगों के सिर के ऊपर से बात गुजर रही हो , वह समझ जाएं  कि बस बस वही है Customer Hospital के ICU का ।

घर बैठे कमाए धन, सदुपयोग करे छत का हम ,बेरोजगारी होगी दूर स्वास्थ्य भी रहेगा उत्तम

📌 *_घर बैठे कमाए धन, सदुपयोग करे छत का हम ,बेरोजगारी होगी दूर स्वास्थ्य भी रहेगा उत्तम_*

कोरोना संकट में एक बार फिर रोजगार पर खतरा मंडराने लगा है. कई लोगों की तो जॉब भी जा चुकी है. ऐसे में अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, लेकिन पर्याप्त जमीन नही है और न ही दुकान लेने के लिए ज्यादा पैसे, तो टेंशन न लें. आप घर की खाली पड़ी छत को अपनी कमाई का जरिया बना सकते हैं. इसमें कम लागत के आप उद्यम शुरू कर सकते हैं और तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. तो क्या हैं ये बिजनेस आईडियाज (Business Ideas) आइए जानते हैं.

*छत पर होर्डिंग्स लगाकर कमाएं मुनाफा*

अगर आप बिना निवेश किए अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप अपनी छत पर होर्डिंग्स लगवा सकते हैं.

इसके लिए आप घर की छत को किराये पर दे सकते हैं. अगर आपका घर मेन रोड पर है तो बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने ब्रांड के प्रचार के लिए विज्ञापन के लिए छत का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके बदले कंपनी आपको अच्छा किराया देगी. होर्डिंग्स जितने बड़े होंगे कीमत उतनी ही अच्छी मिलेंगी. ये बिजनेस करने के लिए विज्ञापन एजेंसियों से आप संपर्क कर सकते हैं.

*मोबाइल टावर से कमाई होगी दोगुनी*

अगर आपकी घर की छत खाली है तो आप इसे मोबाइल कंपनियों को किराए पर दे सकते हैं. कंपनियां यहां मोबाइल टावर लगाकर आपको हर महीने बढ़िया किराया देंगी. चूंकि मोबाइल कंपनियों ने कॉल ड्रॉप की बढ़ती समस्या को खत्म करने के लिए जगह-जगह टावर लगाने का निर्णय लिया है, इससे आपकी कमाई की संभावना बढ़ गई है. हालांकि इसके लिए आपको न केवल पड़ोस के लोगों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा, बल्कि आपको स्थानीय नगर निगम से भी अनुमति लेनी होगी.

*टेरेस फा​र्मिंग भी बेहतर विकल्प*

भारत में टेरेस खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इसके लिए बिल्डिंग की छत पर ग्रीनहाउस बनाना होगा. जहां पॉलीबैग में सब्जी के थैले लगाए जा सकते हैं और ड्रिप सिस्टम के जरिए लगातार सिंचाई की जा सकती है. तापमान और नमी को नियंत्रित करने के लिए, उपकरण स्थापित करना होगा. पॉलीबैग में कीचड़ और कोकोपिट भरना पड़ता है. इसके लिए जैविक खाद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरीके से आप आर्गेनिक सब्जियां उगा सकते हैं. इनकी मार्केट में काफी मांग है.

*सोलर पैनल से बेचे बिजली*

सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण इन दिनों काफी चलन में है. सरकार भी सोलर पैनल को लगाए जाने को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में आप अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगवाकर इससे बिजली का बिल बचा सकते हैं. आप चाहे तो अतिरिक्त बिजली को बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने क्षेत्र में DISCOM से संपर्क करना होगा. वो आपके घर पर एक मीटर लगाएगा, जिससे यह पता चलेगा कि आपने DISCOM को कितनी बिजली बेची है.

रविवार, 25 अप्रैल 2021

गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी

*धोवन पानी पीने का वैज्ञानिक तथ्य और आज की आवश्यकता*


वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा *21%* है, लेकिन यह मात्रा भारत के किसी गाँव में *18 या 19%* से ज्यादा नही है और शहरों में तो *11 या 12°/*. तक ही है।
भारतीय गाय के ताज़ा गोबर में *प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा 23%* है। जब इस गोबर को सुखा कर कण्डा बनाया जाता है तो इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 27% हो जाती है।* जब इस कण्डे को जलाकर कोयला बनाते हैं तो इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 30% हो जाती है।* इसी कोयले को फिर से जलाकर भस्म बना देने पर *प्राणवायु 46.6% हो जाती है*। जब भस्म को दोबारा जलाकर विशुद्ध भस्म बनाते हैं तो *इसमें 60% तक प्राणवायु आ जाता है।* जब कि मॉडर्न विज्ञान कहता है कि किसी भी वस्तु को प्रोसेस करने से उसमें हानि होती है।
*10 लीटर जल में अगर 25 ग्राम भस्म मिला दे तो जल शुद्ध होने के साथ उसमें सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।*

*🏘️अपने घरमें गोबर कंडेका धुंआ कीजिये और राख को पीनेके पानीमें*

*अग्निहोत्र भस्म*
  अग्निहोत्र गौ भस्म_को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ-भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है।*
*साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे।*
*जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है।*

*आपको एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम  यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है , उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है।* 
*इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व।*
*यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है।*
#तत्व_रूप / #ELEMENT_FORM
१. ऑक्सीजन  O = 46.6 %
२. सिलिकॉन  SI  = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 %
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
५.  पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al  = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 %
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
*आक्साइड_रूप* :-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड -
              SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड
            CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड
       MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड
        AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड
        P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड
       K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड
       SO3 = 2.79%
८. क्लोरीन  CL=2.43 %
९.  आयरन ऑक्साइड
      Fe2O3=2.09%
१०. सोडियम ऑक्साइड
       Na2O = 1.35 %
११.  टाइटेनियम ऑक्साइड
        TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड
      MnO = 0.17 %
१३.  बेरियम ऑक्साइड
        BaO = 0.07 %
१४.  जिंक ऑक्साइड 
       ZnO = 0.03%
१५.  स्ट्रोंटियम ऑक्साइड
        SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड
      PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड
      V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड
       CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड
         ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१.  रुबिडियम ऑक्साइड
      Rb2O = 32 PPM

*शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबर की भस्म  बहुत उपयोगी ।
www.sanwariyaa.blogspot.com

Call for Pure Organic and Ayurvedic Products
in in all over India

Kailash Chandra Ladha 9352174466
Hemant Bajpai  9414129498

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#Sanwariya 
#chemicalfree 
#organicfood 
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#chemicalfreeskincare 
#chemicalfreeliving 
#chemicalfreeproducts 
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बुधवार, 21 अप्रैल 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

1) कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आई है।
2) कोरोना योद्धाओ की सराहना।
3) जिन्होंने अपनो को खोया है उनके प्रति संवेदना। 
4) कठिन से कठिन समय में भी धैर्य नही खोना चाहिए।
5) सही फैसला सही समय पर लेना जरूरी।
6) ऑक्सिजन की माँग बहुत ज्यादा। कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सिजन मिले।
7) जो कदम उठाए है उनसे हालात सुधरेंगे।
8) दवाई कंपनियों से हर तरह की मदद ली जा रही।
9) दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन हमारे पास।
10) हमारे पास मजबूत फार्मा सेक्टर।
11) अभी तक कुल 12 करोड़ वैक्सीन लगा चुके।
12) 1 मई से 18 साल से ऊपर वाले वैक्सीन लगवा सकेंगे।
13) सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन पहले की तरह मुफ्त रहेगी। गरीबो - बुजुर्गों के लिए टीकाकरण जारी रहेगी।
14) श्रमिको को भी तेजी से वैक्सीन मिलेगी।
15) राज्य सरकारों से आग्रह - श्रमिको का भरोसा जगाये रखे।
16) आजीविका को नुकसान ना हो ऐसी हमारी कोशिश।
17) सभी के सेवाभाव को नमन।
18) जरूरतमंद की मदद करे।
19) देश में जागरूकता के लिए बच्चो की अहम भूमिका।
20) युवाओ की भागीदारी से लोकडाउन की संभावना कम।
21) हमे देश को लोक डाउन से बचाना है।
22) राज्य लोक डाउन का विकल्प अंतिम में रखे।
23) रमजान हमे धैर्य - अनुशासन की सीख देता है।
24) कोविड अनुशासन का पूरा पालन करे।

लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है: PM

*हमारे वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके बहुत कम समय में देशवासियों के लिए vaccines विकसित की हैं।*

आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत में है।

भारत की कोल्ड चेन व्यवस्था के अनुकूल वैक्सीन हमारे पास है: PM

दुनिया में सबसे तेजी से भारत में पहले 10 करोड़, फिर 11 करोड़ और अब 12 करोड़ वैक्सीन के doses दिए गए हैं: PM

यह एक team effort है जिसके कारण हमारा भारत, दो made in India vaccines के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर पाया।

टीकाकरण के पहले चरण से ही गति के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक, जरूरतमंद लोगों तक वैक्सीन पहुंचे: PM

कल ही वैक्सीनेशन को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया है।

एक मई के बाद से, 18 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेट किया जा सकेगा।

अब भारत में जो वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा: PM

हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों।

वैक्सीनेशन को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए Open करने से शहरों में जो हमारी वर्कफोर्स है, उसे तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी: PM

मेरा राज्य प्रशासन से आग्रह है कि वो श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें, उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं, वहीं रहें।

राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वो जिस शहर में हैं वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा: PM

मेरा युवा साथियों से अनुरोध है की वो अपनी सोसायटी में, मौहल्ले में, अपार्टमेंट्स में छोटी छोटी कमेटियाँ बनाकर COVID अनुशासन का पालन करवाने में मदद करे।

हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न कंटेनमेंट ज़ोन बनाने की ज़रुरत पड़ेगी, न कर्फ़्यू लगाने की, न लॉकडाउन लगाने की: PM

अपने बाल मित्रों से एक बात विशेष तौर पर कहना चाहता हूं।

मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग, घर से बाहर न निकलें।
आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है: PM

आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है।

मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें।

लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है।

और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है: PM

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना में नामांकन अवश्य करावे

*आवश्यक सूचना* 😷
आदरणीय बंधुओ,

जैसा कि न्यूज चैनल व पेपर विज्ञापन के माध्यम से आपको ज्ञात होगा कि राजस्थान सरकार द्वारा अभूतपूर्व स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की गई है। 
निश्चित तौर पर हम सभी को इसमें सहयोग कर इसका फायदा सभी को समय पर मिल सके ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि कोई जरूरतमंद इससे वंचित ना रह जाए, ओर स्वास्थ्य बीमा हर परिवार की आवश्यकता होती है।

कृपया इस हेतु *जन आधार कार्ड* की आवश्यकता है। इसके लिए सर्वप्रथम किसी के जन आधार नहीं है तो वो बनवा ले, बाद में *चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना में नामांकन अवश्य करावे।*

*जन आधार हेतु आवश्यक दस्तावेज*
परिवार के सभी सदस्यों के
आधार कार्ड
पेन कार्ड
वोटर कार्ड
फोटो
बैंक पासबुक
आय प्रमाणपत्र या ITR
व सभी के फोटो
जमीन की नकल अगर हो तो

इन सभी से आप अपना जन आधार कार्ड बना सकते है।
इसके बाद कियोस्क या स्वयं ऑनलाइन बीमा कर सकते है।

*इस बीमा के फ़ायदे -*
1. कुल 5 लाख का मेडिक्लेम
2. 50 हजार साधारण बीमारी
3. 4.50 लाख गंभीर बीमारियों में
4. प्रतिवर्ष नवीनीकरण
5. जन आधार में नामांकित पूरे परिवार का बीमा
6. राजकीय व निजी अस्पताल मान्य।
7. NFSA के सदस्यों का निशुल्क
8. सीमांत कृषक का निशुल्क
9. संविदा कर्मी का निशुल्क
10. अन्य सभी के लिए मात्र 850.00 रू बीमा रकम में।

*1 मई से सभी अस्पताल में लागू*

*अधिक जानकारी हेतु अपने नजदीकी डिजिटल मित्र बंधु से जानकारी प्राप्त करें -*

दो गज दूरी मास्क 😷 है जरूरी

*सभी काम ऑनलाइन घर बैठे होगा।*

*आरकेआरसी में*
श्री मनीष चेचानी
9461224797

*भोपाल गंज में*
श्री निकेश तोतला
6377351707

मनीष सोमानी
9785091444

*माणिक्य नगर में*
सत्य नारायण राठी

विकास सोमानी
8963084602

*शास्त्री नगर में*
विनोद तोषनीवाल
7597550268

*नागोरी गार्डन*
शिल्पा ओ के समदानी
9214886430

*चंद्रशेखर में*
श्री मुकेश कोठारी
7014351826

*आजादनगर में*
राम नारायण भंसाली
9983322149

*बापूनगर में*
जगदीश लढा
विनय कंप्यूटर्स
9887347407

नारायण बाबा आज 94 साल के हो गए हैं लेकिन गुरु सेवा में आज भी लगे हैं

😘👏🚩श्री #संत #दर्शन #लाभ👏👏😘
करीब 95 साल पहले की बात है । राजस्थान के अलवर इलाके में एक गडरिया भेड़ चराते हुए जंगल में चला गया । अचानक किसी ने उसे कहा कि यहाँ बकरियां चराना मना है ।बातों बातों में पता चला कि वो इलाके का तहसीलदार था । दोनों में बात होने लगी । पता चला कि बहुत कोशिश के बाद भी तहसीदार को बच्चे नहीं होते । गड़रिये ने उनसे कहा कि आप दौसा के बालाजी हनुमानजी के मंदिर जाकर बेटा मांग लो, मिल जायेगा ।
न जाने क्यों तहसीलदार ने उस गड़रिए की बात मान ली ।उन्होंने हनुमान जी से कहा कि अगर मेरा बेटा हो जायेगा तो मैं उसे यहीं इसी मंदिर में सेवा के लिए छोड़ जाऊंगा । इस बात का ज़िक्र उन्होंने अपनी पत्नी से भी नहीं किया । मन्नत मांगने के एक साल के अंदर उन्हें बेटा नसीब हो गया  लेकिन बाप का प्यार अब आड़े आ गया । उन्होंने हनुमानजी से कहा कि मैं अपना वचन पूरा नहीं कर सकता।आपका ये ऋण मुझ पर रहेगा ।
वो बेटा बड़ा होने लगा । शिक्षा की उम्र तक आया तो पिताजी ने उसे हरिद्वार के एक बड़े विद्वान प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी के यहाँ पढ़ने भेज दिया । लड़के में अद्धभुत क्षमता थी उसे रामायण कंठस्थ थी । बिना पढ़े वो रामायण का पाठ करने लगा। उसकी ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी और वो साधु सन्यासियों और बड़े बड़े उद्योगपतियों के घर रामायण पाठ करने लगा । जवान होने पर उसकी शादी भी हो गयी । एक दिन देश के बड़े उद्योगपति जुगल किशोर बिरला ने अखबार में विज्ञापन दिया कि दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर यानी बिरला मंदिर में हनुमान जी को रामायण पढ़कर सुनानी है । उसके लिए उस व्यक्ति का टेस्ट खुद बिरला जी लेंगे । तय तारीख पर नारायण स्वामी अपनी पत्नी के साथ बिरला निवास पहुंच गए ! बहुत से और लोग भी बिरला जी को रामायण पढ़कर सुना रहे थे । जब नारायण बाबा का नंबर आया तो उन्होंने बिना रामायण हाथ में लिए पाठ शुरू दिया । बिरला जी के अनुग्रह पर नारायण ने हारमोनियम पर गाकर भी रामायण सुना दी ।
बिरला जी भाव विभोर हो गए । नौकरी पक्की हो गयी । सस्ते ज़माने में 350 रुपए की पगार, रहने के लिए बिरला मंदिर में एक कमरा और इस्तेमाल के लिए एक कार भी नारायण बाबा को दे दी गयी । जीवन बेहद सुकून और आराम का हो गया । रूपया पैसा, शौहरत और देश के सबसे बड़े उद्योगपति से नज़दीकियां ।
बिरला जी के एक गुरु थे नीम करोली बाबा । बेहद चमत्कारी संत थे वो । जैसे ही वो वृन्दावन से दिल्ली आये तो बिरला जी ने उन्हें प्रसन्न करने के लिए नारायण बाबा का एक रामायण पाठ रख दिया ।बिरला जी ने नीम करोली बाबा से कहा कि एक लड़का है जो रामायण गाकर सुनाता है । नीम करोली बाबा ने कहा कि मुझे भी उस लड़के से मिलना है ! जैसे ही नारायण बाबा कमरे में गये तो नीम करोली बाबा ने कहा कि तेरे बाप ने हनुमान जी से धोखा किया है । नारायण  बाबा अपने पिता की खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे  लेकिन तय हुआ कि अगर नीम करोली बाबा की बात सच्ची है तो वो उन्हें गुरु रूप में स्वीकार कर लेंगे । तभी के तभी नारायण बाबा अलवर रवाना हो गए और अपने पिता से कहा कि एक संत आपको हनुमान जी का ऋणी बता रहा है और आपको धोखेबाज भी । नारायण बाबा के पिता ने कहा की वो संत हनुमान जी ही हो सकते हैं क्योंकि ये बात सिर्फ उन्हें ही पता है ।पिता की बात सुनकर नारायण बाबा वापस चले आये और नीम करोली बाबा को अपना गुरु स्वीकार कर लिया ।
नीम करोली बाबा ने आदेश दिया कि नारायण तेरा जनम हनुमान जी की सेवा के लिए हुआ है इसीलिए छोड़ लाला की नौकरी । गुरु आदेश मिलते ही नारायण बाबा ने  नौकरी छोड़ दी और दिल्ली के मेहरौली इलाके में एक जंगल में एक गुप्त मंदिर में आश्रय लिया । बिरला मंदिर से निकल कर सांप, भूतों और एक अनजाने जंगल में हनुमान जी की सेवा शुरू कर दी । नीम करोली बाबा ने आदेश दिया कि किसी से एक रूपया भी नहीं लेना है और हर साल नवरात्रे में लोगों का भंडारा करना है ।
बड़ी अजीबोगरीब बात है कि एक पैसा भी किसी से नहीं लेना और हर साल हज़ारों लोगों को खाना भी खिलाना है लेकिन गुरु ने जो कह दिया वो पत्थर पर लकीर है । बिना सोच के उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया ! नीम करोली बाबा ने बिरला से कहकर नारायण बाबा की पत्नी को घर चलाने के पैसे हर महीने दिलवा दिए लेकिन नारायण बाबा को पैसे से दूर रखा । 1969 से आज तक इस मंदिर से हर साल दो बार नवरात्रे में हज़ारों लोग भंडारा खाकर जाते हैं । किसी को आज तक इस मंदिर में पैसे चढ़ाते नहीं देखा गया लेकिन हाँ प्रसाद पाते सबको देखा है ।
नारायण बाबा आज 94 साल के हो गए हैं लेकिन गुरु सेवा में आज भी लगे हैं और चाहते हैं कि कम ही लोग उनसे मिलने आये । दिल्ली में घटने वाली ये एक रहस्यमयी और चमत्कारी घटना है। 
🌹🌺जय श्री राम🌺🌹 
फोटो... पूजनीय #नारायण_बाबा अभी उम्र 96 वर्ष. श्री राधे राधे राधे श्याम सब को मिले वृंदावन धाम
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Immunity आप सोचिए संभव कैसे है?

Immunity* आप सोचिए संभव कैसे है? 

1. बड़े शहर में रहने वाले  2से 3दिन पुराना  ब्रेड पर 3से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

2. कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल्स नहीं है  अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 
3. पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में flat फ्लैट कहते हैं जिनमें ना ताज़ी हवा नसीब होती है ना धूप ,में बिना सूरज की रोशनी में और बिना ताजी हवा के  उसमें रहकर अगर आप सोचतें कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो मैं क्या कहूँ ।

4. 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमे तरह तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिला हुआ है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

5. ऐसी अनेक चीजे है जो आपके आस है उनको देखिए समझिए और अपने बच्चो को समझाए की चीज़/ बटर /पीजा/ पास्ता / बेकरी / मयोनेज/ पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे हुए इंग्रेडियंट जिनको बिना समझे आप खाकर खुद को शाकाहारी समझ  कर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

6. योग और प्राणायाम और बिना खुली हवा के दिनभर में एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े करोना का  झटका शायद ही झेल पाएं ।

7.ज्वार बाजरा रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेंहू के भरोसे आप अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

8. नन्हे नन्हे बच्चों और दादी और नानी के नुस्खे छोड़ कर आप डब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते है की ये स्ट्रॉन्ग बन रहा है और स्ट्रॉन्ग  immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

9.नहाने से लेकर संवारने तक खुद को भी और बच्चो को भी आप कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो ओर सोचते हो की पोने तीन करोड़ रोम छिद्रों का कोई महत्व नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 

11. ताजा फल और उनका रस भारतीय भोजन और तुलसी जी कड़ी पत्ता ताजा नींबू और तरह तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और भोजन खाकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है? 


निवेदन है की  सनातन भारत की और लौटें । जो पेड़ अपनी जड़ से कट जातें है वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते ।
 


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