यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 15 मई 2021

हैल्थ कार्ड बनवाए, भारत में कहीं भी इलाज करवाईए Make your health card & free from Hospital bills payment

 For chat on  Whatsapp -  https://wa.me/message/MGAXBXAZ7MHOG1



1.क्या आपके पास भी है आकस्मिक Hospital खर्चो से बचने के लिए पर्याप्त हेल्थ कवर?

2.क्या आपकी हेल्थ पॉलिसी भी करती है कवर (ABCD) यानि अस्थमा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खर्चा?

3.क्या आपकी हेल्थ पालिसी भी देती है वर्ल्डवाइड मेडिकल असिस्टेंस?

4.क्या आपकी पालिसी भी देती है हेल्थ कवर एक्सास्ट होने पर 100% कवर रीलोड का बेनिफिट?

5.क्या आपकी पॉलिसी में है नो क्लेम बोनस का एक छोटे से क्लेम से 0 ना हो जाने वाला फीचर?

6.सबसे महत्वपूर्ण सवाल,  क्या आपकी पॉलिसी देती है आपको स्वयं को फिट रखने पर अगले साल के प्रीमियम में 30% तक का डिस्काउंट?

अगर इन सभी सवालों का जवाब है "नहीं" तो जानिए कैसे आप ये सब बेनिफिट ले सकते हैं l••

एक फैमिली में पांच मेम्बर है
पति राजेंद्र (व्यापारी)
पत्नी रागिनी (हाउसवाइफ)
पिता राजेश (रिटायर्ड)
बड़ा बेटा ( राहुल)
छोटा बेटा ( राज)
अब आपको पता होगा यह पूरा परिवार राजेंद्र जी पे डिपेंड हैं।।।
राजेंद्र जी इस परिवार के पिल्ल्लर है।।
अगर राजेंद्र जी बीमार हो जाते है तो क्या क्या दिक्कत आ सकती है ।।।🏨🏥
सोचिए जरा उनकी सेविंग जाएगी और पिता जी में अचानक से जिम्मेदारी आएगी ।।।💸
पत्नी जी को  जादा जिम्मेदारी आ  जाएगी।।
हॉस्पिटल के बिल्स दवाइयों का पैसा बहुत सारे टेस्टों का पैसा एडवांस जमा करवाना होगा।।।
आपको रिस्तेदारो की मदद लेनी होगी।।।
ऐसे में आप परिवार को बहुत दिक्कत में कर रहे है ।।।
इसलिए जागरूक बनिए बिना कोई लापरवाही किए बिना ।।हैल्थ कार्ड बनवाइए।।इलाज मुफ्त करवाइए।।।

इसलिए घर के परिवार के मुखिया को कुछ होता है तो हम है उनके हैल्थ कार्ड के द्वारा सारा इलाज का खर्च का भुगतान हम कंपनी द्वारा किया जाएगा।।।
इसलिए आज ही अपना हैल्थ कार्ड बनवाए ।।।
जिससे आप भारत में कहीं भी इलाज करवाईए।।
हैल्थ कार्ड बनवाने के बाद आपके परिवार में हॉस्पिटल में लेके कभी कोई शिकायत नहीं रहेगी।।।

Kailash Chandra Ladha
9352174466

ADITYA BIRLA HEALTH INSURANCE CARD

TATA AIG HEALTH INSURANCE CARD

Day Care Treatment :

Day Care Treatment होता वो treatment जो एक दिन मैं हो जाते है जैसे Eye treatment ,Nose ,Ear treatment। तो इस पालिसी मैं कुल 586 listed procedures cover है। आप इन treatments को अपने SI use कर सकते है।

Health Check-up Program :

Health Check-up की बात करे तो साल मैं एक बार आपको Health Check-up free मैं मिलेगा।

Organ Donor Expenses :

अगर आपको कभी organ donor की जरूरत पड़ती है तो इसका भी खर्चा इस पालिसी मैं कवर होता है।

Domestic & International Emergency Assistance Services भी इस पालिसी मैं available है including Air Ambulance।✈✈✈🏨🏥

HealthReturns™:

इस पालिसी मैं आपको फिट रहो और पायो 30 % discount अगले साल की Policy मैं वाला ऑप्शन दिया जा रहा है।
आपको एक app आपके फ़ोन मैं install करना है नाम है Activ health app जो आपको playstore मैं मिल जाएगी और हर महीने 13 Active days complete करने है यानि 10000 steps हर दिन या 30 minutes Gym main या 300 Calories burned करनी है और आपको अगले साल 30 % discount।

In-patient Hospitalization :

इसका मतलब होता है की आपको अपना कवर तभी मिलता है जब आप 24 घंटो के लिए hospitalized होते है किसी भी treatment के लिए।

महामारी के लिए कवर -

हम जानते हैं की लोग कोरोना वायरस के वजह से डरे हुए हैं इसलिए हम उसको भी कवर करते हैं |

Domiciliary Hospitalization :

यानि home care कई बार ऐसा होता है आपको घर से इलाज करवाना पड़ता है और उस मैं डॉक्टर घर पर ही visit करता है



Call for Health Insurance/ Mediclaim Policy,
Term Insurance,
Children Future Policy,
Pension Plan,
Tax saving plan,
Mutual funds 





Jai shree krishna

Thanks,

Regards,

कैलाश चन्द्र लढा(Jodhpur)

www.sanwariya.org

sanwariyaa.blogspot.com

https://www.facebook.com/mastermindkailash

बुधवार, 12 मई 2021

डर के माहौल व oxygen बिजनेस ने लोगों को इतना मानसिक कमजोर कर दिया है कि oxygen का लेवल 93 से नीचे आते ही सब सिलेंडर तलाशने लग जाते हैं।

गांवों में बहुत सारे हुक्के , बीडी पीने वाले बुड्ढे मिल जायेंगे, जिनको सांस की दिक्कत होती है,

उनका oxygen लेवल दिन में कई बार 93 से बहुत नीचे भी जाता है, लेकिन फिर भी वे उसको आराम से बर्दाश्त कर जाते हैं।

क्यों? क्योंकि उन्हें उस समय 
Oximeter लगाकर oxygen लेवल नाप कर डराने वाला कोई नहीं होता है। उनके हिसाब से थोडी देर पंखे के सामने उलटा-सीधा होकर लेटना-बैठना ही इसका इलाज है। 
उनको नहीं पता कि oxygen cylinder क्या होता है। उनको बस यह पता है कि थोडी देर शरीर दुखेगा और उसके बाद अपने आप एडजस्ट कर लेगा। उनको पता है कि इसका इलाज उनके अंदर ही है।

जबकि वर्तमान डर के माहौल व oxygen बिजनेस ने लोगों को इतना मानसिक कमजोर कर दिया है कि oxygen का लेवल 93 से नीचे आते ही सब सिलेंडर तलाशने लग जाते हैं।

हमारा शरीर सांस लेते समय जो हवा अंदर लेता है, उसमें oxygen का प्रतिशत लगभग 21 होता है। अब उसके स्थान पर अचानक से 60% , 90% ,100% concentrated Oxygen दोगे तो क्या शरीर मजबूत हो जायेगा ?

हमारा शरीर जिस माहौल के लिए सालों से तैयार है, के स्थान‌ पर अचानक से ऐसे कृत्रिम माहौल में शरीर को घुसेड़ देंगे तो फिर शरीर भी बदलने लगेगा। फेंफड़ों में , व शरीर के अन्य हिस्सों में भी परिवर्तन होने लगेगा।

हमारे शरीर में जादुई गुण होते हैं, कि वह हर माहौल के हिसाब से बदलने की प्राकृतिक ताकत रखता है। जब उस प्राकृतिक गुण को मशीनों से रिप्लेस करने की कोशिश करेंगे तो फिर नुकसान तो होंगे ही ।

डर का माहौल ऐसा बनाया हुआ है, कि लोग अपनी कारों में सिलेंडर लगवा कर लेटे हुए हैं, ओक्सीजन लेवल कितना क्या रखना है, कैसे मोनिटर करना है, कुछ अता-पता नहीं।

Industrial Oxygen बनाते- बनाते  medical oxygen बनाने लग गये ... प्रोडक्शन को कोन रेगुलेट कर रहा है,अंदर क्या किस अनुपात में भर रखा है, पता नहीं।

डरे हुए लोग अपने परिवारजनों को ना खो देने के डर से जिधर-जहां ,जो मिल रहा हैं, आंख मूंद के ले रहे हैं। 

लोग अनजाने में, मरने‌ के डर से, मरने के लिए ही अपनी सालों ‌की कमाई को रातों रात लूटा रहे हैं।

वर्तमान समय में फ्लू के थोडे से लक्षण दिखने पर ही अंट-शंट दवाइयां, सिलेंडर के चक्कर में पडे बिना‌, अपने आप पर भरोसा रखिये। हाई विटामिन सी डाईट पर शिफ्ट हो जाइये। डर फैलाने वालों से दूर रहिए। बुखार हो तो दवाईयों से कम करने की कोशिश मत किजिए। बुखार खराब चीज़ नहीं है, वह शरीर के ठीक होने से पहले के युद्ध का परिणाम है।

बहुत ज्यादा ही टेम्परेचर होने पर गीली पट्टी वगैरह से टैम्प्रेचर कम कर लीजिए। सांस की दिक्कत होने पर prone ventilation या देशी तरीकों से शरीर को मजबूत कीजिए, ना कि सिलेंडरों पर शरीर को निर्भर बनाइये।

डरना-घबराना नहीं है, खुद पर भरोसा रखिये अपने साथी को मानसिक रूप से तगडा रहने में मदद कीजिए।

अपने साथी या परिवारजन को सिलेंडर लगवा कर बैंगन की तरह पडे रहने के लिए मत छोड़ दीजिए ।

बातें किजिए, हंसी-मजाक, ठहाके लगाने में मदद किजिए। मानसिक अकेलेपन की गिरफ्त में मत जाने दिजिए। डर मत फैलाइए। खुद मत डरिये। कम लोगो के सम्पर्क में आइए। हो सके उतना भय के माहौल से दूर रहिए। भय का कोई इलाज नही है सिवाय मौत के।
www.sanwariyaa.blogspot.com

मंगलवार, 11 मई 2021

तीनों ही वैक्सीन (कोविशील्ड,कोवाक्सिन और स्पुतनिक) जो भी वैक्सीन मिल जाये, तुरन्त लगवाएं

*वैक्सीन* 

®️ *कोविशील्ड (Covishield)*

कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है और इसके उत्पादन के लिए भारत में इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है।ये एक तरह का सौदा है जिसमें प्रति वैक्सीन की *आधी कीमत ऑक्सफ़ोर्ड* के पास जाती है। कोविशील्ड दुनिया की सबसे लोकप्रिय वैक्सीन में से है क्योंकि कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।कोविशील्ड म्यूटेंट स्ट्रेन्स (अर्थात रूप बदले हुए वायरस) के खिलाफ सबसे असरदार और प्रभावी है। कोवीशील्ड एक वायरल वेक्टर टाइप की वैक्सीन है।

®️कोविशील्ड को *सिंगल वायरस के जरिए* बनाया गया है जो कि चिम्पैंजी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस (चिंपैंजी के मल में पाया जाने वाला वायरस) ChAD0x1 से बनी है।
ये वही वायरस है जो चिंपैंजी में होने वाले *जुकाम का कारण* बनता है लेकिन इस वायरस की जेनेटिक सरंचना COVID के वायरस से मिलती है इसलिए एडेनो-वायरस का उपयोग कर के शरीर मे एंटीबॉडी बनाने को वैक्सीन इम्युनिटी सिस्टम को प्रेरित करती है। कोवीशील्ड को भी WHO ने मंजूरी दी है।  इसकी प्रभाविकता या *इफेक्टिवनेस रेट 70 फीसदी* है। यह वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचाती है और संक्रमित व्यक्ति जल्दी ठीक होता है।ये व्यक्ति को वेन्टिलर पर जाने से भी बचाती है। इसका रख-रखाव रखना बेहद आसान है क्योंकि यह लगभग 2° से 8°C पर कहीं भी ले जाई जा सकती है इसलिए इसकी उपयोग में लाने के बाद बची हुई वैक्सीन की वायल को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है।


®️ *कोवैक्सिन (Covaxin)*

कोवैक्सिन को ICMR और भारत बायोटेक ने मिलकर तैयार किया है। इसे वैक्सीन बनाने के सबसे पुराने अर्थात पारंपरिक  *इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म*  पर बनाया गया है। इनएक्टिवेटेड का मतलब है कि इसमें डेड वायरस को शरीर में डाला जाता है, जिससे एंटीबॉडी पैदा होती है और फिर यही एंटीबॉडी वायरस को मारती है। यह वैक्सीन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है क्योंकि वैक्सीन बनाना बेहद फाइन बैलेंस का काम होता है ताकि वायरस शरीर मे एक्टिवेट न हो सके। ये इनक्टिवेटेड वायरस शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को असली वायरस को पहचानने के लिए तैयार करता है और संक्रमण होने पर उससे लड़ता है और उसे खत्म करने की कोशिश करता है।
इस वैक्सीन से कोरोना वायरस को खतरा है, इंसानों को नहीं।

®️कोवैक्सीन की *प्रभाविकता 78 फीसदी* है। एक शोध में ये भी बताया गया है कि यह वैक्सीन घातक संक्रमण और मृत्यु दर के जोखिम को 100 फीसदी तक कम कर सकती है। हाल ही में हुए शोध में यह दावा किया गया है कि कोवैक्सिन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर है।

®️Note- इन सभी वैक्सीन में सिर्फ covaxin अकेली वैक्सीन है जिसे वैक्सीन बनाने के सबसे पुराने तरीके से बनाया गया है इसमें कोरोना वायरस के ही *(इनक्टिवेटेड वायरस अर्थात मृत-स्वरूप* को उपयोग में लाया है और यही एक बड़ा कारण है जोकि covaxin को कोरोना के 671 वैरिएंट (हाल ही में हुए शोध अनुसार) के खिलाफ प्रभावी बनाता है मतलब ये कि चाहे कोरोना वायरस कितना भी म्यूटेशन कर ले (अर्थात रूप बदल लें) covaxin उन सभी पर प्रभावी रहेगी।

®️अब आते हैं सबसे अंत में-

®️ *स्पुतनिक- V (Sputnik V)*

इसे मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है,जिसे भारत में डॉ० रेड्डी लैब द्वारा बनाया जाएगा। इसे भी 2-8°C पर स्टोर किया जा सकता है।स्पुतनिक V भी एक *वायरल वेक्टर वैक्सीन* है, लेकिन इसमें और बाकी वैक्सीन में एक बड़ा फर्क यही है कि बाकी वैक्सीन को एक वायरस से बनाया गया है, जबकि इसमें दो वायरस हैं और इसके दोनों डोज अलग-अलग होते हैं। स्पुतनिक V को भारत ही नहीं बल्कि हर जगह अब तक की सबसे प्रभावी वैक्सीन माना गया है। इस पैमाने पर भारत की सबसे इफेक्टिव वैक्सीन है। स्पुतनिक V *91.6 % प्रभावी* है। ऐसे में इसे सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीन कहा जा सकता है। यह सर्दी, जुकाम और अन्य श्वसन रोग पैदा करने वाले एडेनोवायरस-26 (Ad26) और एडेनोवायरस-5 ( Ad5) अर्थात 2 अलग अलग प्रकार के वायरस पर आधारित है। यह कोरोना वायरस में पाए जाने वाले कांटेदार प्रोटीन  (Spike प्रोटीन- यही वो प्रोटीन है जो शरीर की कोशिकाओं अर्थात सेल्स में एंट्री लेने में मदद करता है) की नकल करती है, जो शरीर पर सबसे पहले हमला करता है। वैक्सीन शरीर में पहुंचते ही इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। और शरीर में एंटीबॉडी पैदा हो जाती है। यही एंटीबॉडी शरीर को कोरोना वायरस से बचाती हैं।

®️अब बात करते हैं स्पुतनिक की ही *सिंगल डोज वाली वैक्सीन अर्थात sputnik Light की,*

®️चूंकि स्पुतनिक वैक्सीन की दोनों डोज में दो अलग अलग वायरस उपयोग होते है तो स्पुतनिक लाइट वैक्सीन असल में स्पुतनिक-V वैक्सीन का पहला डोज ही है। ध्यान रहे कि स्पुतनिक-V में दो अलग-अलग वैक्सीन तीन हफ्ते के अंतराल के बाद दिए जाते हैं। अब इसे बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि स्पुतनिक-V का पहला डोज भी कोरोना संक्रमण से बचाने में कारगर है और इसे ही स्पुतनिक-लाइट के रूप में लांच किया गया है।जिसका इफेक्टिवनेस 79.4% है जोकि अन्य वैक्सीन के दो डोज से भी अधिक है यदि इसकी मंजूरी भारत में मिलती है तो एक डोज में ही अधिक टीकाकरण किया जा सकेगा।जिससे टीकाकरण में तेजी भी लाई जा सकेगी।

®️ इन तीनों के अलावा 2 वैक्सीन और भी हैं विश्व में जिनको आपातकालीन मंजूरी दी गयी है लेकिन फिलहाल भारत मे मान्य नहीं है जोकि मोडर्ना और फाइजर की हैं,

®️मोडर्ना को जहाँ *-20° पर* स्टोर करना होता है वहीं दूसरी ओर फाइजर की वैक्सीन को *-70°C से -75°C* पर सुरक्षित रखना पड़ता है यही कारण है भारत इन वैक्सीन को मंजूरी देने में कदम पीछे खींच रहा है क्योंकि भारत मे ऐसे तंत्र को विकसित करना मुश्किल है जिसमें इस तापमान को मेंटेन रखा जाए।इससे भी अलग एक बात ये है कि इस वैक्सीन को बनाने में परम्परागत तकनीक से अलग तकनीक उपयोग में लाई गई है।

®️परंपरागत वैक्सीन के जरिए हमारे शरीर के रक्तप्रवाह में जीवित या मृत वायरस डाला जाता है। साथ ही इसमें कई पदार्थ होते हैं, जो प्रतिरोधी प्रक्रिया के उत्पादन के लिए जरूरी होते हैं। लेकिन कोविड-19 की नई वैक्सीन में मैसेंजर आरएनए (MRNA) का इस्तेमाल किया गया है, जो एक प्रकार का न्यूक्लिक अम्ल है।

®️यह मैसेंजर आरएनए एक आनुवंशिक तंत्र (genetic mechanism) का संकेत देता है, जिससे कोविड एंटीबॉडी उत्पन्न होती है, जो वायरस के निशानों को नष्ट कर देती है। यानी इस प्रक्रिया में वायरस को शरीर में सीधे इंजेक्ट नहीं किया जाता है।

®️Special Note- तुलनात्मक अध्ययन सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं क्योंकि अभी तक *भारत में स्वीकृत तीनों ही वैक्सीन (कोविशील्ड,कोवाक्सिन और स्पुतनिक) कोविड को गम्भीर होने और वेंटिलेटर पर जाने से बचाती हैं* और जो भी वैक्सीन मिल जाये, *तुरन्त लगवाएं* क्योंकि ये तीनों की वैक्सीन रोग के गम्भीर होने के खतरे को टाल देती है और आपकी रक्षा करती हैं।

धन्यवाद

बुधवार, 5 मई 2021

cowin.gov.in पर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

**वैक्सीनेशन: कोविड-19 वैक्सीन की पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में जानें,


👉cowin.gov.in. पर क्लिक करें!
👉इसमें आपका मोबाइल नंबर मांगा जाएगा वहां पर अपना मोबाइल नंबर डालें जो मोबाइल आपके पास हो!
👉 इसी मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा!
👉 ओटी पी को डालकर वेरीफाई करें..!
👉 अब वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन पेज खुलेगा!
👉 अब इसमें आईडी प्रूफ डाले जिसमें आधार कार्ड ,वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, इत्यादि में से कोई भी एक चुने!
👉 इसमें आईडी नंबर डालें और आपकी डिटेल नाम उम्र आदी आएंगे!
👉 आपको कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है इसके बारे में पूछा जाएगा इसी नहीं पर क्लिक करें..!
👉 वैक्सीनेशन सेंटर चुने!
👉 रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें!
👉रजिस्ट्रेशन कन्फर्मेशन का एक मैसेज आएगा जिसमें वैक्सीनेशन की दिनांक और वैक्सीनेशन केंद्र दिया होगा!
👉अब मैसेज में आये दिनांक को आप एक  केंद्र पर जाएं और उक्त मैसेज को दिखाकर आपका वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा!
👉 टीकाकरण करवाने के लिए भूखे पेट नहीं जाएं कुछ खाकर के जाएं!
👉 क्या वैक्सीनेशन करवाने के बाद हम कोरोना पॉजिटिव नहीं होंगे!
👉जी नहीं वैक्सीनेशन करवाने के बाद भी आप कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं लेकिन वैक्सीनेशन के बाद कोरोनावायरस आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा आपको गंभीर नुकसान नहीं होंगे..!!

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
                  *---------------
www.sanwariyaa.blogapot.com

शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

ऐसे जैविक अस्त्र भविष्य में भी देखने को मिलेंगे। इसके लिए सभी देशों को तैयारियां कर लेनी चाहिए।

विगत कुछ दिनों में कोरोना की कृपा से विश्वपरिद्रृश्य में अपने सामाजिक परिवेश के अन्वेषण का समय मिला। 
विन्दूवार प्रस्तुत है;

👉चीनी कम्युनिस्ट पंथ (वामपंथ) बेहद निर्दयी और निर्मम रहा है। क्योंकि यह लोग अपनी सफलता के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते है। चाहे इसके कुछ भी करना पड़े। तभी तो माओ ने अपनी सत्ता और ताकत के लिए चीन में 1966 से 1976 तक कल्चर रेवोल्यूशन चलाया था। जिसमें लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ। माओ ने अपने सामने खड़े होने वाले हर शख्स को हटवा दिया। सड़कें लाल रंग से नहा गई थी। चीन ने ऐसे कत्लेआम कदम तब उठाए है जब उनका शासक संकट से घिरा हो। ताकत कम होने का ख़तरा बना हो।

👉पिछले कुछ सालों से चीन अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में उलझा हुआ था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने  चीन की उलझनें काफ़ी बढा दी थी। इधर, हांगकांग में बड़ा आजादी आंदोलन शेप ले रहा था। जिसे अंतराष्ट्रीय पटल पर खूब कवरेज दी जा रही थी। 

चीन को समझ नहीं आ रहा था। कि आख़िर ऐसा क्या किया जाए। जिससे हांगकांग वाला मुद्दा दब जाए और सभी देशों का ध्यान डाइवर्ट हो जाए। हालांकि हांगकांग का आंदोलन 2013-14 से अस्तित्व में आया था। लेकिन इसका पीक टाइम 2019 सितम्बर-अक्टूबर रहा। दुनिया के देशों की नजर हांगकांग पर थी। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में हांगकांग सुर्ख़ियों का केंद्र बन चुका था।

👉यूके भी हांगकांग को पुनः अपना उपनिवेशक बनाने को उतारू नजर आ रहा था। कि चीन के वुहान शहर ने तेजी से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान और रुख बदला। उनके दिमाग में हांगकांग को निकालकर 'कोविड-19' वायरस को डाल दिया। धीरे-धीरे इस वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। ऐसा कोई देश नहीं बचा, जहाँ चीनी वायरस ने दस्तक न दी हो। इसके खौफनाक कहर से दुनिया के सबसे सम्पन्न और सामर्थ्यवान देशों के हेल्थ सिस्टम धराशाई हो चले। इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष बेबस नजर आए। 

चारों तरह सिर्फ़ और सिर्फ़ कोविड-19 ही रहा और अभी बदस्तूर जारी है। चीन ने दुनिया भर में अपना प्रभुत्व कायम रखने के लिए पूरी दुनिया में मौतों का सिलसिला शुरू कर दिया। क्योंकि चीनी शासक अपनी कामयाबी और मकसद के लिए लाशें बिछाने में कोई परहेज नहीं करते है। इन लोगों ने इसकी शुरुआत अपने देश से की। आज पूरी दुनिया इनकी सनक का शिकार है। 

👉कोविड-19 के तहत चीन ने दुनिया में जैविक वॉर छेड़ दी है। ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने पहला जैविक अस्त्र चलाया है। इससे पहले 2002-2004 में सार्स आउटब्रेक सामने आया था। हालांकि इसका दायरा ईस्ट एशिया रहा। कुछ केसेज अन्य देशों में भी देखने को मिले। सार्स ने कुल 30 टेरेट्रीज में दस्तक दी थी। चीन ने सार्स को शुंड फोर्शन शहर ग्वांगडोंग से लॉन्च आई मीन लीक किया था। इस वायरस की चपेट में आठ हजार से ज्यादा केसेज  आए। जबकि आठ सौ से ज्यादा मौतें हुई थी।

👉कोविड-19 से चीन ने हांगकांग और अमेरिका से ट्रेड वॉर को काबू कर लिया है। डोनाल्ड ट्रम्प को सत्ता से बेदखल कर करवा दिया। 
👉👉भारत में कोविड-19 की दूसरी वेब, जो इन दिनों जबर कहर बरपा रही है। इसके पीछे चीनी साजिश है। चीन ऐसे ही गुरिल्ला द्वंद्व से अपने दुश्मनों पर काबू पाता आया है। 

कुछ रोज़ पहले एक रिपोर्ट पढ़ी थी। जिसे नामी पत्रकार और लेखक ने अपनी किताब में साझा किया था। कि चीनी नागरिक अपने देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए दूसरे देशों की जासूसी करते है। वहाँ से खुफिया जानकारियां इक्कठा करते है। यह जासूस टूरिस्ट बनकर देशों के भ्रमण पर निकलते है और अपना हित साधते है। चीन ने अमेरिका के डिफेंस वेपन्स की चोरी करके, अपने वेपन्स डिजाइन किए है। इन डिजाइन्स को चुराने में चीनी नागरिकों ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।

जब भारत ने फ्रांस के साथ राफेल डील फाइनल की थी। उसके बाद देश में राफेल को लेकर खूब बवाल हुआ था। इसका कारण था। कि चीन को चिंता सता रही थी कि आखिर भारत ने राफेल का कौनसा मॉडल खरीदा है। चीन को यह जानकारी हर हाल में चाहिए थी। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली और भारत में बैठे उसके सारे जासूस धराशाई हो गए। 

👉कोविड-19 ने दुनियाभर में इतनी तबाही मचाई है मौत का तांडव किया है। लेकिन कोई भी देश चीन से कुछ कहने की हालत में नहीं है। सिर्फ़ डोनाल्ड ट्रंप ने ही सार्वजनिक मंच से कोविड-19 को चीनी वायरस कहने की हिम्मत दिखाई थी। और इस महामारी के लिए सीधा चीन को ज़िम्मेदार ठहराया था।

ट्रम्प के अलावे किसी और ने एक शब्द चीन से न कहा। बल्कि डब्ल्यू एच ओ भी चीन का भागीदार बना रहा। वुहान में जांच करने की हिम्मत न जुटा पाया है।
::: अमेरिका से सीख लेने की आवश्यकता है राष्ट्रवादी खेमे को  .... 
डोनाल्ड ट्रम्प का नाम अमेरिका के सर्वकालिक उत्तम में से एक और ऐतिहासिक राष्ट्रपति का हो सकता था  ... अमेरिका - उत्तर कोरिया - दक्षिण कोरिया सन्धि करने की बात चीत  ...  इजराइल - अरब अमीरात - बहरीन सम्बन्ध जिसमें जल्द ही सऊदी तक सम्मिलित होने के कगार पर था ... कंपनीयाँ जो अमरीका से माइग्रेट होकर कभी कनाडा - मैक्सिको - चीन आदि चली गयी थीं उनमे से तीन हज़ार के ऊपर ट्रम्प के कार्यकाल में वापस अमेरिका आ गयी थी  .... Trump ने किसी भी देश पर कभी हमला नहीं किया उल्टा इराक - अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुलाने पर काम किया .... 
लेकिन गलती ट्रम्प से हुई कि अपने बोल के कारण इतने काम के बाद भी वो Politically correct नहीं रहे  ... अपने हाव भाव, बोल बचन और communist मीडिया से सीधे भिड़ जाने की शैली ने उनको Politically Incorrect बनाकर ऐसे प्रस्तुत कर दिया जैसे वो नल्ले नकारा हों  ... अमेरीका में ट्रम्प विरोधी से बात कीजिए - उनमे से अधिकतर वो सिर्फ ट्रम्प के बोल बचन के कारण विरोधी दिखेगा, जब उनको ऊपर वाले बात बताइये तो वो मानेगा लेकिन फिर वही बोल बचन  ...  पोलिटिकल करेक्ट होने के कारण बराक हुसैन ओबामा लीबिया को मटियामेट करने और दुनिया भर में २८००० से ऊपर बम मारने के बाद भी नोबेल शांति पुरस्कार ले जाते हैं और आज तक प्रत्येक वर्ग के दुलारे हैं, उनका इस हर काम में हमराही Biden चुनाव जीत जाता है  .... जबकि इतने काम के बाद भी Political Incorrect बोल बचन के कारण ट्रम्प हार जाते हैं  .... 
अतः अपने बोल बचन से Political correct रहना आवश्यक है - न सिर्फ नेता को बल्कि समर्थक को भी ... This is the value of being politically correct.    
 . 
भारत में मोदी विरोधी कम्युनिस्ट मीडिया को देखिये कि उन्होंने कितने जतन न किये मोदी को परास्त करने के .... मोदी जी ने कभी भी politically Incorrect prove होने का साजो सामान कम्युनिस्ट गैंग के हाथ न लगने दिया .... वैसे तो comparision बेकार है लेकिन भारत में महाराष्ट्र के ऊधो का  हरकत देखिए, आज अर्नब गोस्वामी में लोग राष्ट्रीय नायक देखने लगे हैं  ...  जबकि कभी मीडिया में कम्युनिस्टों के आँख के तारे रहे अजित अंजुम, अभिसार, पुण्यप्रसून अपने एक एजेण्डा से सटे हुए इतने repetitive हो गए कि नौकरी गयी और frustrate होकर Youtuber बन गए लेकिन मोदी जी ने एक शब्द न खर्च किये इन पर जबकि इन लोगों ने कितनी अति न पार कर दी, बाकी राजदीप, बर्खा, रवीश जैसी अन्य अपने विश्वसनीयता के zero बिन्दु पर खड़े हैं ... ये अंतर है political correct और incorrect रहने का  ... 
एक कड़ी बात कहना चाहूंगा - अगर आप यह सोच कर सोश्यल मीडिया पर लगे रहते हैं, कि इधर विपक्ष के किसी गिरोह ने आप पर पलटवार किया और उधर पीएम मोदी दक्षिण भारतीय फिल्मों के हीरो की तरह लूंगी बांधे अपना सारा काम काज छोड़ कर आपको छुड़ाने पुलिस थाने में पहुंच जायेंगे, थानेदार को अइयो रास्कला ... कहते हुए, तो भगवान के लिए अपने काम धंधे में ही समय दीजिये. राष्ट्र का कार्य आपके और मेरे बिना भी कमोवेश चलता रहा था, चलता रहेगा भी.
It is important to be politically correct  .....  इस बात को ट्रम्प नहीं जानते थे लेकिन मोदी जी को इस पर कोई संदेह नहीं .... एक अर्नब के जेल जाने से कभी भी भाजपा को वोट न देने का कसम, मोदी को नपुन्सक, लाशों की राजनीती करने वाला, अर्नब की लाश सूट करती है आदि और न जाने क्या क्या बोलने वाले लोग एक  politically incorrect कदम होने पर ego के चरम पर ले जाकर अपने ही पैर पे कुल्हाड़ी मार लेंगे ये पता है मोदी को  .... अभी भी राष्ट्रवादी खेमा इतना mature नहीं हुआ - ये बात मोदी को बहुत अच्छे से पता है  और उससे अधिक विरोधी और लेफ्ट लिबरल तथा कम्युनिस्ट गैंग को भी पता है ...

👉ऐसे जैविक अस्त्र भविष्य में भी देखने को मिलेंगे। इसके लिए सभी देशों को तैयारियां कर लेनी चाहिए।

👉शी जिन पेंग ने शायद सितंबर-अक्टूबर में कहा था,"ये तो सिर्फ शुरूआत है, कोरोना की दूसरी लहर प्रलयंकारी होगी।" 
वो किसे धमकी दे रहा था?

क्या यह मात्र एक संयोग है कि अमेरिका और भारत ही कोविड से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं जबकि भारत तो प्रथम स्ट्रेन से कुछ आर्थिक हानि उठाकर उबर ही चुका था।

जबकि अभी भी चीनी स्वयं मौज कर रहे हैं। 

वैसे वायरस या अन्य में प्राकृतिक म्यूटेशन इतनी शीघ्रता से भी नहीं ही होता है जितना यह नया स्ट्रेन प्रदर्शित कर रहा है।

तो क्या यह भारत के विरुद्ध एक अघोषित जैविक आक्रमण नहीं है?
👆👆

इस महामारी काल में, देश के दुश्मन जो बाहर हैं ओर जो अंदर बैठे हैं, वह हर तरिका अपना रहे हैं हमें कमजोर ओर लाचार बनाने के लिए. कथित तौर पर आज वामपंथी माओवादी नक्सलियों ने झारखंड में हावड़ा से मुंबई जाने वाले "ऑक्सीजन एक्सप्रेस" के रेलवे ट्रैक के हिस्से को विस्फोट से उड़ा दिया है, ताकि ऑक्सीजन की संकट देश में बना रहे, लोग मरते रहें ओर इससे केन्द्र सरकार बदनाम हो सके. चीन के गुलामों, तुम ओर तुम्हारे मालिक जितने भी प्रयास कर लो, भारत की बिकास की पटरी को तुम रोक नहीं सकते...

👉वैक्सीन के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश उसी दिन हो गया था जब भारतीय वैक्सीन पर राहुल गांधी और शशि थरूर ने संदेह किया था, अखिलेश यादव ने इसे BJP वैक्सीन डिक्लेअर कर दिया था, केरल के मुख्यमंत्री ने वैक्सीन के खेप को लेने से भी मना कर दिया था !! यहां तक की छत्तीसगढ़ ने अपने राज्य में कोवैक्सन की एंट्री पर ही बैन लगा दिया था !! - नतीजा - लाशों की ढेर लगी है ।इन सभी ने मिलकर लोगों को टीका लगवाने के लिए हतोत्साहित किया !! ओर आज 90% जो लोग मरे हैं, वह सब बिना टीका वाले थे. इन सबका एक ही मकसद था !! मोदी को कैसे बदनाम किया जाए...

हमारे वैज्ञानिको ने एक बार फिर से प्रमाण कर दिया है कि, क्यूं विश्वभर में उनकी डंका बजती रहती है !? I'm sorry to say :- जो लोग COVAXIN को भाजपा की वैक्सीन करार देकर हमारे वैज्ञानिको की मोराल डाउन करके इस पर अपनी घटिया राजनीति करते थे !! अब अमेरिकी वैज्ञानिको ने उनके मुंह पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया है. अब अमेरिका ने Covaxin को Satisfied certificate दिया है. परिक्षण के दौरान Covaxin  COVID-19 के 617 वेरिएंट को बेअसर करते हुए पाया गया है. लेकिन जरा कल्पना कीजिए कि भारत के सारे विपक्ष और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ओर अखिलेश यादव जैसे राजनेता लोगों को टीका लगाने से मना कर रहे थे !! इस बात पर हमें अपने राजनीतिक वर्ग को जवाबदेह रखना चाहिए और उन तथाकथित लुटियंस पत्रकारों और वामपंथी नक्सली टिप्पणीकारों की जांच करनी चाहिए जिन्होंने कोवाक्सिन को नीचा दिखाने के लिए भरपूर कोशिश की थी...
✍🏻 निष्कर्ष;
काश हर राष्ट्रवादी उपरोक्त बातें समझ पाता और सामाजिक चेतना जगती।🙏
अफशोष है कि अभी भी हम राजनीतिज्ञों, चाईनीज दलालों ए्वं चंगेजों द्वारा ४०वें दशक में उलझाकर रखें गए हैं। ताकि हमारे आंखों पर से वर्णवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं ऊंच-नीच का चश्मा(राजनीतिज्ञों द्वारा लादा हुआ) न उतरे।
जिस दिन भारतीय जन-मानस इस यथार्थ को आत्मसात कर लेगी, भारत में सामाजिक क्रान्ति एवं द्रुत विकास को कोई रोक नहीं सकेगा। 
👉 सामाजिक क्रान्ति का दायित्व राजा का नहीं, वल्कि जनसमुदाय का है। जन-मानस विह्वल है धनात्मक परिवर्तन के लिए। 
👉 अभी सही वक्त है मित्रों जागो और नौजवानों को जगाओ ताकि चाइना के इस छद्मयुद्ध के विरुद्ध सामाजिक चेतना जगे एवं राष्टृवाद की क्रांति हो।
🙏🙏🙏🙏🙏
✍🏻

function disabled

Old Post from Sanwariya