यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 29 मई 2021

जब धीरूभाई ने गडकरी से कहा -मैं हार गया तुम जीत गए :



जब धीरूभाई ने गडकरी से कहा -मैं हार गया तुम जीत गए :- 


साल था 1995 । महाराष्ट्र की युति सरकार में युवा नितिन गडकरी को लोक निर्माण मंत्री बनाया गया । उनके कार्यकाल में देश का सबसे महत्वाकांक्षी मुम्बई पुणे एक्सप्रेस वे बनाने की कार्य योजना तैयार गई  । 

उस समय धीरुभाई अंबानी महाराष्ट्र के सबसे बड़े उद्योगपति थे । शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से उनकी नजदीकी सभी को पता थी ।  तो इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का टेंडर निकाला गया । धीरूभाई ने सबसे कम 3,600 करोड़ रुपये का टेंडर जमा किया । शिव सेना ने तय कर दिया था कि यह ठेका धीरूभाई को ही जायेगा

लेकिन नितिन गडकरी ने एक जबरदस्त पेंच फंसा दिया। उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में कह दिया कि सड़क 2,000 करोड़ रुपये से कम की लागत से पूरी होगी। लेकिन दिक्क्क्त यह थी सबसे कम निविदा 3,600 करोड़ रुपये की थी। कैबिनेट में सहयोगियों ने कहा कि जिसका सबसे कम टेंडर होगा उसे काम मिलना चाहिए लेकिन गडकरी ने उपमुख्यमंत्री मुंडे को कहा कि 2,000 करोड़ रुपये तक के काम के लिए 3600 करोड़ रुपये बहुत अधिक हैं। निविदा खारिज कर देना चाहिए ।

उस समय, धीरूभाई का मुम्बई में जबरदस्त दबदबा था।लेकिन गडकरी ने मुख्यमंत्री मनोहर जोशी और मुंडे को मना लिया कि वे सस्ती सड़कों का निर्माण करेंगे । उस समय सरकार के पास उतना पैसा नहीं था। तो जोशी ने पूछा कि पैसा कहां से आएगा। गडकरी ने कहा कि "मेरे ऊपर विश्वास करे ।  मैं करता हूँ बंदोबस्त ।" 

मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने गडकरी की बात को मानते हुए टेंडर कैंसिल कर दिया । ये अम्बानी परिवार के लिए बहुत बड़ा झटका था ।

धीरुभाई के बालासाहेब ठाकरे और प्रमोद महाजन के साथ बहुत अच्छे संबंध थे। धीरुभाई निविदा की अस्वीकृति से नाराज थे। उन्होंने नाराजगी भी जताई। प्रमोद महाजन ने नितिन गडकरी से कहा कि वे धीरूभाई से मिलें और समझें।

महाजन की बात गडकरी टाल नहीं सकते थे । नितिन गडकरी धीरूभाई से मिलने गए। अनिल, मुकेश और धीरूभाई  तीनों के साथ गडकरी ने भोजन किया। 

डिनर के बाद धीरूभाई ने नितिन से पूछा कि "सड़क कैसे बनानी है? यदि निविदा खारिज कर दी गयी है, तो अब यह कैसे होगा?" ऐसा कहकर धीरूभाई ने नितिन गडकरी को एक तरह से चुनौती दे दी। उन्होंने कहा "मैंने ऐसे कहने वाले बहुत लोगो को देखा है लेकिन कुछ नहीं होगा।"

नितिन गडकरी ने भी धीरूभाई की बात को दिल पे ले लिया और कहा कि "धीरूभाई, अगर मैं इस सड़क का निर्माण नहीं कर पाता हूं, तो मैं अपनी मूंछें कटा दूंगा । और अगर बना दिया तो आप क्या करोगे ? यह आप सोच लेना ।"

उनकी बैठक समाप्त हुई।और नितिन अम्बानी को चैलेंज देकर चले आये ।

अब सवाल यह था कि सड़क कैसे बनेगी और पैसा कहां से आएगा ? 

नितिन गडकरी ने अपने कौशल के बल पर उस समय राज्य में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की स्थापना की। पब्लिक और कंपनियों के माध्यम से पैसे जुटाए गए । । मनोहर जोशी और गोपीनाथ मुंडे की मदद से और मुंगिरवार इंजीनियर की देखरेख में काम शुरू हुआ। नितिन गडकरी ने 2,000 करोड़ रुपये से कम में काम करके दिखा दिया । सब लोग गडकरी की प्रतिभा के कायल हो गए 

धीरूभाई के पास भी बात पहुँची । वे हेलीकॉप्टर से सड़क देखने निकले । एक्सप्रेस वे देख वे आश्चर्य चकित हो गए । उन्होंने तुरंत नितिन गडकरी को मिलने के लिए बुलाया। वे मेकर्स चैंबर में फिर से मिले। जब वे मिले, तो धीरूभाई ने कहा, "नितिन, मैं हार गया, तुम जीत गए। आपने सड़क बनाकर दिखा दी ।"  

धीरूभाई ने नितिन गडकरी से कहा कि अगर देश में आप जैसे 4-5 लोग हैं, तो देश का भाग्य बदल जाएगा। सरकारी धन को बचाने के लिए धीरुभाई जैसे बड़े व्यक्ति के साथ पंगा लेने वाले नितिन गडकरी ने जिस चुनौती देकर अपना काम किया वह आज भी याद किया जाता है ।

आज ये सारी बातें इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आज जन्मदिवस है।

उनका जन्म 27 मई 1964 को हुआ था । 
उन्हें जन्मदिवस की हार्दिक बधाई। शुभकामनाएं

आयुर्वेद और होम्योपैथी को हर कदम पर अग्नि परीक्षा के लिए कहा जाता है। लेकिन एलोपैथी को सौ गलतियाँ माफ़

*आयुर्वेद और होम्योपैथी को हर कदम पर अग्नि परीक्षा के लिए कहा जाता है। लेकिन एलोपैथी को सौ गलतियाँ माफ़



ताज़ा वायरस के मामले में...

1 *पहले हाईड्रॉक्सिक्लोरोक्विन को अचूक माना...*
दुनिया में भगदड़ मची उसको लेने की। फिर उसका नाम हटा लिया, कहा कि वो प्रभावी नहीं। 

2  *सैनिटाइजर को हर वक़्त जेब में रखने की सलाह के बाद उसके ज़्यादा उपयोग के खतरे भी चुपके से बता दिए गए।*

3 *फिर बारी आई प्लाज़्माथैरेपी की। पूरा माहौल बनाया, रिसर्च रिपोर्ट्स आईं, लोग फिर उसमें जी जान से जुट गए। लेने, अरेंज और मैनेज करने और प्लाज़्मा डोनेट करने में भी।*

और फिर बहुत सफाई से हाथ झाड़ लिया, ये कहते हुए... कि भाई ये इफेक्टिव नहीं है।

4 *स्टेरॉयड थैरेपी तो क्या कमाल थी भाई साहब। कोई और विकल्प ही नहीं था। कई अवतार मार्केट में पैदा हुए। कालाबाज़ारी हो गई, बेचारी जनता ने भाग दौड़ करते हुए, मुंहमांगे पैसे दे कर किसी तरह उनका इंतज़ाम किया। अब कहा गया कि ब्लैक फंगस तो स्टेरॉयड के मनमाने प्रयोग का नतीजा है।*

5 *रेमडेसीवीर इंजेक्शन तो जीवनरक्षक अलंकार के साथ मार्केट में अवतरित हुआ। इसको ले कर जो मानसिक, शारीरिक और आर्थिक फ्रंट पर युद्ध लड़े जाते उनकी महिमा तो मीडिया में लगभग हर दिन गायी जाती। लेकिन अरबों-खरबों बेचने के बाद अब उसको भी अप्रभावी' कह कर चुपचाप साइड में बैठा दिया।*

*दूसरी तरफ मात्र 20 रुपये की होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एल्बम 30, 100 रुपये की Aspidosperma Q, या 500 रुपये के मासिक खर्च वाले कोरोनिल, 20 रुपए के काढ़े और 10 रुपए की अमृतधारा को हर दिन कठघरे में जा कर अपने सच्चे और काम की वस्तु होने का प्रमाण देना पड़ता है।*

*क्लीनिकल रिसर्च ही अगर आधार है तो फिर इतने यू टर्न क्यों ? टेस्ट अगर जनता पर ही करने हैं तो फिर हिमालयन जड़ी बूटी वाला खानदानी  दवाखाना क्या बुरा है !*

जनता का फॉर्मूला बहुत सीधा है: "महंगा है, अंग्रेज़ी नाम है... तो असर ज़रूर करेगा। और साइड इफ़ेक्ट ? वो तो हर चीज़ में होते हैं।" 

*आयुर्वेद और होम्योपैथी :- आपको अभी पीआर के फ्रंट पर बहुत सीखना है। अपना इको सिस्टम तैयार करो। नहीं तो, किसी दिन संजीवनी बूटी या कोई अन्य मदर टिंक्चर आया तो उसको भी लोग नकार देंगे। समझे ना...?*

चीनी वायरस की तीसरी लहर और Phizer नीत फार्मा लॉबी की शातिराना चालों को क्रमवार समझिए

चीनी वायरस की तीसरी लहर और Phizer नीत फार्मा लॉबी की शातिराना चालों को क्रमवार समझिए 


विचार कीजीए, कि अगर सभी भारतीयों के मेडिकल डाटा से यह स्थापित हो जाए कि डायबिटीज के मरीजों पर एक विशेष प्रकार का वायरस-स्ट्रेन खतरनाक साबित होगा, तो यकीन मानिए कि अगली लहर केवल एसे लोगों को टारगेट करेगी.. और इस प्रकार अलग-अलग समय पर अलग-अलग रूप में यह जैविक युद्ध जारी रहेगा।

आज जोर शोर से हल्ला मचाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी, तो क्या यह 'वायरस निर्माताओं' के हाथ में भारतीय बच्चों के डाटा आए बिना संभव है ? डाटा के लीक होकर निर्माताओं तक पहुंचने में WHO की भुमिका भी संदिग्द्ध है। 

क्या आपने पहले कभी सुना कि वायरस स्ट्रेन पहले बूढ़े-अधेड़ों को टारगेट करते है, फिर जवान-वयस्कों को और आगे जाकर बच्चों को टारगेट करेंगे ?

गौरव प्रधान के मार्च 2020 के ब्लॉग के अनुसार यह चीनी वायरस बहुत ही कस्टमाईज्ड तरीके से विभिन्न विकसित और विकासशील देशों के उपलब्ध मेडिकल डाटा के आधार पर
विकसित किया गया है, जिससे आज हम चीन द्वारा थोपे गए इस विषाणु युद्ध के बीच में आ गए है। और यह युद्ध है विश्व के फार्मा व अन्य व्यापारों पर अधिपत्य हासिल करने का।


आइये इस तीसरी लहर के हल्ले को परिस्थिति व सबूत के आधार पर क्रमवार समझने की कोशिश करते है डाटा साईंटिस्ट गौरव प्रधान की नजर से -

१. सबसे पहले गांधी परिवार और उनके टुलकिट गैंग के सदस्यों व मीडीया ने Pfizer वैक्सीन को भारत में मंजुरी दिलवाने हेतु अपनी सारी ताकत लगा दी जाती  है।

२. सोशल मीडीया व मीडीया में उनके द्वारा खबरें आती है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी।

३. दो हफ्तों में बाईडेन के अंतर्गत आने वाला CDC (Centre of Disease Control, USA) बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देता है लगभग 13-14 मई को।

४. जैसे ही मंजुरी मिलती है उसके अगले दिन Pfizer अपनी वैक्सीन‌ लांच कर देता है।

५. इस वैक्सीन के निर्माण से जुड़ा कोई भी डाटा पब्लिक के बीच साझा नहीं किया जाता। किसी को नहीं पता कि बच्चों के लिए यह वैक्सीन कब, कहाँ और क्यों तैयार की गई।

६. Pfizer अपनी वैक्सीन के लिए इजराईल और कईं युरोपीय देशों में अपराधिक मुकदमे झेल रही है।

७. आपने समाचारों में पढा होगा कि भारत सरकार ने कुछ समय पहले Pfizer को भारत में मंजुरी देने के लिए दो शर्तें रखी थी। पहली यह कि भारतीय कानुन के अनुसार चलना होगा और दुसरी स्थानीय ट्रायल के बाद मंजुरी मिलेगी। Pfizer इन दोनों शर्तों पर राजी नहीं हुई।

८. भारत की आबादी में चालीस करोड़ से‌ अधिक की आबादी 18 वर्ष से कम आयु की है। Pfizer की वैक्सीन की एक डोज की कीमत 3000 के करीब है। और एसे में इस एक लाख करोड़ रूपये से अधिक के इस व्यापार को मंज़ूरी दिलवाकर भारत का एक परिवार बड़ी दलाली खाना चाहता है।

९. अचानक ही 'मोदी जी, मेरे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी' - जैसे पोस्टर लहराने लगते है। जबकि भारत में बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन बनी नहीं है।


१०. भारत बायोटेक बच्चों के लिए वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मांगती है।

११. तो कोर्ट में किसी टुलकिटिए द्वारा भारत बायोटेक के इस ट्रायल पर रोक लगाने हेतु जनहित याचिका दायर कर दी जाती है।

१२. जैसे महाराष्ट्र से कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत हुई थी, उसी प्रकार की खबरें एक और कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान से आने लगती है कि इतने बच्चे संक्रमित हो रहे है।

१३. अगर आपने दिवंगत डा. क‌े के अग्रवाल के वीडियो देखे है तो उसमें उन्होने दो टुक कहा था कि बच्चों का इम्यून सिस्टम इस वायरस से स्वतः लड़ने में सक्षम है। वे अगर संक्रमित होंगे भी तो जल्द ही एंटी-बॉडी विकसित करके ठीक भी हो जाएंगे।

१४. उन्हीं डा. के के अग्रवाल का कोरोना से निधन हो जाता है।

१५. अमेरिकी Administration रिपोर्ट देता है कि उनके पास वैक्सीन बहुतायत में उपलब्ध है।

१६. दस जनपथ की शह पर स्थापित एक और दिल्ली सरकार का उपमुख्यमंत्री केन्द्र सरकार से Moderna और Pfizer से बात करने के लिए कहता है।

१७. Moderna और Pfizer राज्य सरकारों को डायरेक्ट वैक्सीन देने से मना कर देते है और कहते है कि वे भारत सरकार से ही डील करेंगे।

१८. अब सारी प्रक्रिया भारत सरकार को दोषारोपण करने तक की स्थिति में पहुंच‌ जाती है। और विभिन्न मीडीया कर्मियों एवं विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू हो जाती है कि Pfizer को बिना ट्रायल अनुमति मिल जाए। और कल को कुछ गड़बड़ हो (जो कि होगी ही) तो Pfizer किसी भी तरह से लीगली जिम्मेदार नहीं होगा, और‌ डील होने से परिवार विशेष की मोटी दलाली बनेगी।

१९. Pfizer लॉबी ने इस प्रकार राज्यों को मना करके बहुत ही शातिर तरीके से केन्द्र सरकार के ऊपर सभी प्रकार की जिम्मेदारी मढ दी है।

२०. और एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि Pfizer कंपनी का संबंध चीन के वुहान स्थित उस लैब से रहा है जहां कोरोना वायरस विकसित किया गया था।

२१. डा. के के अग्रवाल ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि बच्चों में संक्रमण से नुकसान होने का खतरा बिल्कुल ना के बराबर है, यानि कि  मामुली सा घरेलु आयुर्वेदिक उपचार बच्चों में संक्रमण से लड़ने वाली एंटी बॉडी को विकसित कर सकता है। और आयुर्वेदिक उपचार यानि फार्मा लॉबी के लाखों करोड़ के व्यापार पर पानी फिर जाना, एसे में बाबा रामदेव का विवाद भी पता नहीं कहाँ से आ खड़ा होता है।

२२. शाहिद जमील जो कि मोदी सरकार द्वारा हटाया गया (जिसके लिए टुलकिट गैंग ने बहुत रोना भी रोया )। उसने और उसके जैसे विश्व के 800 डाक्टरों ने भारत सरकार द्वारा एकत्रित भारतीयों के मेडिकल डाटा का एक्सेस पाने के लिए चिट्ठी लिखी, क्यों ?

सभी विकसित देश मेडिकल डाटा को सुरक्षित रखने में करोड़ों डॉलर खर्च करते है। और वे लोग हर समय एसे संवेदनशील डाटा का एक्सेस पाने की जुगत भिड़ा रहे है, क्यों ?

...क्योंकि जैविक युद्ध में मेडिकल डाटा सबसे ज्यादा जरूरी होता है जिससे विषाणु या अन्य जैविक हथियार को देश के अनुसार विकसित किया जा सके।

अब इस लेख के सारे पॉईंट को क्रमवार जोड़ने की कोशिश कीजिये, और देखिए किस प्रकार का अपराधिक षड़यंत्र चल रहा है जिसमें एक परिवार विशेष फार्मा लॉबी और विदेशीं सरकारों के साथ मिलकर खेल खेल रहा है।

तो यह कहानी है जिसे Gaurav Pradhan जी ने अंग्रेजी में लिखी और इसे हिंदी में रूपांतरित किया।
हम जैविक युद्ध के मझधार में है और हमें जीतना है।

जय हिन्द....
वंदेमातरम.....

शुक्रवार, 28 मई 2021

2022 के बाद देश विश्वगुरु बनने की और अग्रसर होगा। भविष्यवाणी भारतवर्ष की

भविष्यवाणी भारतवर्ष की..



एक प्रसिद्ध ज्योतिषचार्य ने भारत वर्ष ,मौजूद सरकार की , कोरोना बीमारी की और भारत के विश्वगुरु बनने तक की भविष्यवाणी की है,।अब देखना ये है ये कितनी सत्य साबित होती है? वैसे उनकी ज्यादातर भविष्यवाणी सच ही साबित हुई है।

*रूद्र आयेंगे*

 दो तीन दिनों से कई मित्रों और शुभचिंतकों ने मैसेज और फोन करके बंगाल के विषय में और मोदीजी के भविष्य के बारे में कुछ बताने को विनती की तो आज उस विषय पर गणना करके पोस्ट लिख रहा हूँ।

सबसे पहले तो आज जो लोग मोदीजी को गरिया रहे हैं वो ही लोग आने वाले समय में मोदीजी की प्रसंशा में कसीदे पढ़ते हुए नजर आयेंगे।

बंगाल में आने वाले समय में परिस्थितियां और विकराल होगी। वार का प्रतिवार भी जबरदस्त होगा।

बंगाल में ऐसी ऐसी घटनाएं घटित होगी जो भविष्य में कश्मीर को भी पीछे छोड़ देगी।

देश की सुरक्षा के मद्देनजर बंगाल का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की तर्ज पर होगा, जिसमें बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र दार्जिलिंग और उसके आसपास का एरिया जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है, उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया जायेगा।

30-मई 2021 को मोदीजी के जन्मांक में आज जो विपरीत परिस्थितियाँ बनी हुई है वो खत्म होगी।

जून में कोरोना महामारी को रोकने के लिए मोदी एक बहुत बड़ा फैसला ले सकते हैं, जिससे कोरोना को रोकने में कामयाबी मिलेगी।

आज भले ही आप लोगों को मेरी बात मजाक लगे लेकिन 2 जून के बाद आप देखोगे कि कोरोना की परिस्थितियों पर काबू पा लिया जायेगा।

आने वाले समय में बंगाल में कोरोना का कहर त्राहिमाम मचायेगा। राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जायेंगी, राज्य सरकार उसे रोकने में नाकाम होगी और बंगाल में भीषण जनहानि की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।

एक बार फिर कह रहा हूँ कि ममता सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगी।

कोरोना के मामलों में बंगाल देश में सबसे अधिक प्रभावित होगा और जनहानि का आंकड़ा भी बड़ा होगा।

केरल में भी कोरोना हाहाकार मचायेगा।

कोरोना के कारण ,मोदीजी कई बड़े बड़े फैसले टाल चुके हैं, सब पर फिर से कडे़ फैसले लिए जायेंगे।

जून माह के अंत तक आजतक जो किसान लोग मोदी का विरोध कर रहे हैं वो एक बार फिर मोदी की जयजयकार करेंगे।

जून से नवंबर 2021 तक का समय नवसृजन का समय होगा हमारे देश के लिए,
वो समय मोदीजी के जन्मांक में एक मध्यम समय होगा।

तब तक कोरोना पर, पूरे देश में काबू पा लिया गया होगा।

नवंबर-2021 के बाद मोदीजी के जन्मांक में मंगल की दशा स्टार्ट होगी जिसके बाद देश में नरेंद्र मोदी एक Unstoppable नेता बन जायेंगे।

जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता कानून और बहुत से देशहित के कानून लोकसभा व राज्यसभा से डंके की चोट पर पारित किए जाएंगे।
तब एक बार फिर मोदीजी का 2002 वाला रूप हम सबको दिखाई देगा।

मोदीजी का रौद्र रूप देखकर ,पुरी दुनिया स्तब्ध होगी।

मोदीजी के साथ साथ गृहमंत्री अमित शाह की कुंडली में भी अगस्त महीने से विपरीत दशाएँ खत्म होगी। उसके बाद मोदी शाह की जोड़ी कड़े से कड़े फैसले लेते जायेंगे।

आज मोदी के विरूध्द में, अफवाहों का दौर चल रहा है। लोग उन्हें गालियाँ दे रहे हैं, कोस रहे हैं, अपशब्दों से नवाज रहे हैं। वो सभी को दरकिनार करते हुए, एक बार फिर से मोदीजी देश के लोगों के दिल में राज करेंगे।

महाराष्ट्र और बंगाल के घटनाक्रम को देखने के बाद जो विपक्ष ये सोच रहा है कि मोदीजी को हराया जा सकता है, वो अपराजित नहीं रहे ,वो सब एक बार फिर मुँह की खायेंगे।

आज जो भी कांग्रेस या अन्य दलों की राज्य सरकारें मोदी के विरूध्द षड्यंत्र या उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं ,वो सभी एक बार फिर मोदीजी के कठोरतम निर्णयों के आगे नतमस्तक होंगे और ऐसी सरकारों के विरूध्द केंद्र सरकार कठोर कार्रवाई भी करेंगी ।जिसमें कुछ राज्यों में धारा 356 का इस्तेमाल भी किया जायेगा।

दुश्मन देशों के षड्यंत्रों को नाकाम किया जायेगा और जून जुलाई में कोरोना महामारी को फैलाने वाले षडयंत्रकारियों का पर्दाफाश भी होगा क्योंकि कोरोना एक बायोलॉजीक्ल युद्ध है कोई महामारी नहीं।

ये बायोलॉजीक्ल युद्ध तीसरे विश्वयुद्ध का पहला दौर है जो परंपरागत हथियारों के बदले विषाणुओं का फैलाव कर लड़ा जा रहा है, जिसमें विकसित व विकासशील देशों को टार्गेट किया गया है।

भले ही आज आपको तीसरे विश्वयुद्ध की बात पर यकीन ना हो लेकिन आने वाले भविष्य


में आप इसे सत्य होते हुए पाओगे।

मोदीजी इन सभी विषम परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर एक अपराजेय नेता के रूप में हम सब के सामने होंगे।

उनकी कुंडली में उनके जीवन का सबसे बुरा दौर 30 मई 2021 को समाप्त हो रहा है और फिर मंगल की महादशा में वो एक वैश्विक नेता के रूप में अपने आप को स्थापित कर लेंगे।

आने वाले समय में अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में सुरक्षा बलों को काफी सतर्कता बरतनी होगी।

देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के कारण बड़ा नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। 

आने वाले समय में एक पूर्वी राज्य के बड़े नेता के निधन के समाचार भी मिल सकते हैं।

आने वाले दो वर्षों में ,देश में बहुत बड़े परिवर्तन होंगे जिसे देखकर लोग कहेंगे कि, " ऐसा भी हो सकता है क्या?"
2022 के बाद देश विश्वगुरु बनने की और अग्रसर होगा।
दुनिया में मोदी का डंका बजेगा।

जय महाकाल।
  
 🚩🚩🇮🇳🚩🚩 🙏🙏

ठाकुर जी से जो भी संबंध जोड़ता है। ठाकुर जी उसे जरूर निभाते हैं

ठाकुर जी से जो भी संबंध जोड़ता है। ठाकुर जी उसे जरूर निभाते हैं जैसा की कथा में ठाकुर जी ने देवर का संबंध निभाया है


बांके बिहारी जी के चमत्कार(banke bihari temple miracles) की सच्ची घटना। एक लड़की थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी। भक्ति करती थी भक्ति करते-करते बड़ी हो गई भगवान की कृपा से उसका विवाह श्री धाम वृंदावन में किसी अच्छे घर में हो गया विवाह हो कर पहली बार वृंदावन(vrindavan) आयी  पर नई दुल्हन होने की वजह से वह कहीं जा न सकी और मायके चली गई और वह दिन भी आया जब उसका पति उसे लेने उसके मायके आया अपने पति के साथ फिर वृंदावन पहुंच गई।

पहुंचते-पहुंचते उसे शाम हो गई पति वृंदावन में यमुना किनारे रुक कर कहने लगा देखो शाम का समय है मैं यमुना जी में स्नान करके अभी आता हूं तुम इस पेड़ के नीचे बैठ जाओ और सामान की देखरेख करना मैं थोड़े ही समय में आ जाऊंगा। यहीं सामने ही हूं कुछ लगे तो मुझे आवाज दे देना इतना कहकर पति गया और वह लड़की बैठ गई।

अब एक हाथ लंबा घूंघट निकाल रखा है क्योंकि गांव है ससुराल है और वहीं बैठ कर मन ही मन विचार करने लगी कि देखो बांके बिहारी जी की कितनी कृपा है। उन्हें मैंने बचपन से भजा और उनकी कृपा से मेरा विवाह भी श्रीधाम  वृंदावन में हो गया। मैं इतने वर्षों से ठाकुर जी को मानती हूं परंतु अब तक उनसे कोई रिश्ता नहीं जोड़ा फिर सोचती है ठाकुर जी की उम्र क्या होगी ? लगभग 16 वर्ष के होंगे मेरे पति 20 वर्ष के हैं उनसे थोड़े से छोटे हैं इसलिए मेरे पति के छोटे भाई की तरह हो और मेरे देवर की तरह तो आज से ठाकुर जी मेरे देवर हो हुए। अब तो ठाकुर जी से नया संबंध जोड़कर प्रसन्न हुई और मन ही मन ठाकुर जी से कहने लगी देखो ठाकुर जी आज से मैं तुम्हारी भाभी और तुम मेरे देवर हो गए। अब वह समय कब आएगा जब तुम मुझे भाभी भाभी कह कर पुकारोगे।

इतना सोच रही थी तभी एक 10 से 15 वर्ष का बालक आया और उस लड़की से बोला भाभी-भाभी लड़की अचानक अपने भाव से बाहर आई और सोचने लगी कि वृंदावन में मैं तो नयी आयी हूं यह भाभी कह कर कौन बुला रहा है। नयी थी इसलिए घुंघट उठाकर नहीं देखा कि गांव के किसी बड़े बूढ़े ने देख लिया तो बड़ी बदनामी होगी।

अब  बालक बार-बार कहता पर वो उत्तर नहीं देती। बालक पास आया और बोला ” नेक अपना चेहरा तो दिखाये दे ” ये सुन कर वो और  कसकर घूंघट पकड़ कर बैठ गयी। फिर उस बालक ने जबरदस्ती घूंघट उठा कर देख लिया। थोड़ी देर में उसका पति आ गया उसने सारी बात अपने पति से कहीं पति ने कहा तुमने मुझे आवाज क्यों नहीं वो बोली वह तो इतने में भाग ही गया था बस मैंने उसका चेहरा देखा।

पति बोला चिंता मत कर वृंदावन बहुत बड़ा थोड़े ही है कभी किसी गली में लड़का मिल गया तो हड्डी पसली एक कर दूंगा। फिर  कभी ऐसा नहीं कर सकेगा तुम्हें कहीं दिखे तो मुझे जरूर बताना।  फिर कुछ दिन बाद उसकी सांस ने अपने बेटे से कहा बेटा देख तेरा विवाह हो गया है बहु मायके से भी आ गई है तुम दोनों बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए अभी तक नहीं गए हो। कल जाकर बहू को दर्शन करा कर ले आना।

अगले दिन दोनों पति पत्नी ठाकुर जी के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं मंदिर में बहुत भीड़ थी। लड़का कहने लगा तुम स्त्रियों के साथ आगे जाकर दर्शन करो मैं अभी आता हूं अब वह आगे गई पर घुंघट नहीं उठाती उसे डर लगता कोई बड़ा बूढ़ा देखेगा तो कहेगा नई बहू घूंघट के बिना घूम रही है

बहुत देर हो गई पीछे से पति ने आकर कहा:-” अरे बावली बिहारी जी सामने है घूंघट काहे ना खोलें घूंघट नहीं खोलेगी तो दर्शन कैसे करेगी” अब उसने अपना घूंघट उठाया और जो बांके बिहारी जी को देखा तो बांके बिहारी जी की जगह वही बालक मुस्कुराता हुआ दिखा तो एकदम से चिल्लाने लगी। जल्दी आओ जल्दी आओ पति पीछे से भागा भागा आया क्या हुआ? उस दिन जो मुझे भाभी-भाभी कह कर भागा था वह मिल गया कहां कहां है अभी उसे देखता हूं ठाकुर जी को इशारा करके बोली यह रहा आपके सामने ही तो है उसके पति ने जो देखा वह अवाक रह गया और वहीं मंदिर में अपनी पत्नी के चरणों गिर गया और बोला तुम धन्य हो वास्तव में तुम्हारे ह्रदय में सच्चा(true) ठाकुर जी के प्रति प्रेम है मैं इतने वर्षों से वृंदावन में हूं मुझे आज तक उनके दर्शन नहीं हुए और तेरा भाव इतना है कि बिहारी जी ने तुझे दर्शन दे दिया।
 boliye Banke Bihari Lal ki Jay Radhe Radhe likhiye Shahar Kahiye aapke sath bhi Banke Bihari Sada Sath Rahenge
Radha Radha 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

function disabled

Old Post from Sanwariya