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रविवार, 6 जून 2021

प्राकृतिक कपूर और कृत्रिम कपूर - Cinnamomum camphora

 कपूर हमारे घर और मंदिर में भगवान् की आरती में प्रयोग होता है.
इसके अतिरिक्त कपूर (Camphor) आयुर्वेदिक दवाओ, तेलों, सुगंध, कीड़े-मकोडो को दूर रखने में भी प्रयोग किया जाता है. 



कपूर (संस्कृत : कर्पूर) उड़नशील वानस्पतिक द्रव्य है। यह श्वेत रंग का मोम जैसा पदार्थ है। इसमे एक तीखी गंध होती है। कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं।Formula = C10H16O

कपूर उत्तम वातहर, दीपक और पूतिहर होता है। त्वचा और फुफ्फुस के द्वारा उत्सर्जित होने के कारण यह स्वेदजनक और कफघ्न होता है। न्यूनाधिक मात्रा में इसकी क्रिया भिन्न-भिन्न होती है। साधारण औषधीय मात्रा में इससे प्रारंभ में सर्वाधिक उत्तेजन, विशेषत: हृदय, श्वसन तथा मस्तिष्क, में होता है। पीछे उसके अवसादन, वेदनास्थापन और संकोच-विकास-प्रतिबंधक गुण देखने में आते हैं। अधिक मात्रा में यह दाहजनक और मादक विष हो जाता है।

  प्राकृतिक और कृत्रिम कपूर में क्या अंतर है?
  

कपूर दो प्रकार के होते है. एक प्राकृतिक जो कि कपूर के पेड़ से मिलता है और दूसरा कृत्रिम केमिकल कपूर जो सामान्यतः बाज़ार में मिलता है. कपूर के वृक्ष का वानस्पतिक नाम Cinnamomum camphora (सिनामोमम कैम्फोरा) है.कपूर का पेड़ मुख्यतः चीन में पाया जाता था जहाँ से यह ताइवान, जापान, कोरिया, वियतनाम और दुनिया के बाकी देशों में पहुंचा. इस वृक्ष पर चमकदार, चिकने पत्ते पाए जाते हैं जिनको मसलने पर कपूर की खुशबु आती है.वसंत मौसम में इस वृक्ष पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे फूल गुच्छों में लगते है. भारत में कपूर देहरादून, मैसूर, सहारनपुर, नीलगिरी में पैदा होता है. भारत में कपूर केवल पत्तियों के आसवन से ही प्राप्त किया जाता है.प्राकृतिक कपूर देसी कपूर, भीमसेनी कपूर, जापानी कपूर के नाम से जाना जाता है. देसी कपूर पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है.दक्षिण भारत के कुछ भोज्य पदार्थों में कपूर का उपयोग किया जाता है.

कपूर तीन विभिन्न वर्गों की वनस्पति से प्राप्त होता है। इसीलिए यह तीन प्रकार का होता है :

(1) चीनी अथवा जापानी कपूर,

(2) भीमसेनी अथवा बरास कपूर,

(3) हिंदुस्तानी अथवा पत्रीकपूर।

उपर्युक्त तीनों प्रकार के कपूर के अतिरिक्त आजकल संश्लिष्ट (synthesized) कपूर भी तैयार किया जाता है।

जापानी कपूर

यह एक वृक्ष से प्राप्त किया जाता है जिससे सिनामोमस कैफ़ोरा (Cinnamomum camphora) कहते हैं। यह लॉरेसी (Lauraceae) कुल का सदस्य है। यह वृक्ष चीन, जापान तथा फ़ारमोसा में पाया जाता है, परंतु कपूर के उत्पादन के लिए अथवा बागों की शोभा के लिए अन्य देशों में भी उगाया जाता है। भारत में यह देहरादून, सहारनपुर, नीलगिरि तथा मैसूर आदि में पैदा किया जाता है। भारतीय कर्पूर वृक्ष छोटे, उनकी पत्तियाँ ढाई से 4 इंच लंबी, आधार से कुछ ऊपर तीन मुख्य शिराओं से युक्त, आधारपृष्ठ पर किंचित्‌ श्वेताभ, लंबाग्र और मसलने पर कर्पूरतुल्य गंधवाली होती हैं। पुष्प श्वेताभ, सौरभयुक्त और सशाख मंजरियों में निकलते हैं।

जापानी कपूर- जापान आदि में लगभग 50 वर्ष पुराने वृक्षों के काष्ठ आसवन (distillation) से कपूर प्राप्त किया जाता है। किंतु भारत में यह पत्तियों से ही प्राप्त किया जाता है। कपूर के पौधों से बार-बार पत्तियाँ तोड़ी जाती हैं, इसलिए वे झाड़ियों के रूप में ही बने रहते हैं। इस जाति के कई भेद ऐसे भी हैं जो साधारण दृष्टि से देखने पर सर्वथा समान लगते हैं, परंतु इनमें कपूर से भिन्न केवल यूकालिप्टस आदि गंधवाले तेल होते हैं, जिनका आभास मसली हुई पत्तियों की गंध से मिल जाता है। कपूरयुक्त भेदों के सर्वांग में तेलयुक्त केशिकाएँ होती हैं जिनमें पीले रंग का तेल उत्पन्न होता है। इससे धीरे-धीरे पूथक्‌ होकर कपूर जमा होता है।

भीमसेनी कपूर

जिस पौधे से यह प्राप्त होता है उसे ड्रायोबैलानॉप्स ऐरोमैटिका (Dryobalanops aromatica) कहते हैं। यह डिप्टरोकार्पेसिई (Deipterocarpaceae) कुल का सदस्य है जो सुमात्रा तथा बोर्निओ आदि में स्वत: उत्पन्न होता है। इस वृक्ष के काष्ठ में जहाँ पाले होते हैं अथवा चीरे पड़े रहते हैं वहीं कपूर पाया जाता है। यह श्वेत एवं अर्धपारदर्शक टुकड़ों में विद्यमान रहता है और खुरचकर काष्ठ से निकाला जाता है। इसलिए इसे अपक्व और जापानी कपूर को पक्व कर्पूर कहा गया हे। यह अनेक बातों में जापानी कपूर से सादृश्य रखता है और उसी के समान चिकित्सा तथा गंधी व्यवसाय में इसका उपयोग होता है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है। आयुर्वेदीय चिकित्सा में यह अधिक गुणवान भी माना गया है। आजकल भीमसेनी कपूर के नाम पर बाजार में प्राय: कृत्रिम कपूर ही मिलता है, अत: जापानी कपूर का उपयोग ही श्रेयस्कर है।

पत्री कपूर

भारत में कंपोज़िटी (Compositae) कुल की कुकरौंधा प्रजातियों (Blumea species) से प्राप्त किया जाता है, जो पर्णप्रधान शाक जाति की वनस्पतियाँ होती हैं। 

आजकल बाजार मे जो कपूर उपलब्ध है, भले वह टिकिया वाला हो या डल्ले वाला उसमे करीब 99% कपूर पैट्रोलियम से संस्लेषण द्वारा प्राप्त कपूर, अर्थात नकली कपूर ही होता है।

देशी कपूर, जिसे भीमसेनी कपूर भी कहते हैं, अब बडी कठिनाई से मिलता है।

वह एक पेड से निकाला जाता है, व बहुत महंगा होता है।

जिस पेड से यह प्राप्त होता है उसे ड्रायोबैलानॉप्स ऐरोमैटिका (Dryobalanops aromatica) कहते हैं। यह डिप्टरोकार्पेसिई (Deipterocarpaceae) कुल का सदस्य है जो सुमात्रा तथा बोर्नियो आदि में स्वत: उत्पन्न होता है। इस वृक्ष के काष्ठ में जहाँ पाले होते हैं अथवा चीरे पड़े रहते हैं वहीं कपूर पाया जाता है। यह श्वेत एवं अर्धपारदर्शक टुकड़ों में विद्यमान रहता है और खुरचकर काष्ठ से निकाला जाता है।

वातावरण में से नकारात्मकता को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है और पूरा वातावरण पवित्र और सुगन्धित हो जाता है।
 

इसके कई चिकित्सीय लाभ भी हैं, इसी कारण आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका इस्तेमाल होता है.

  कपूर के फायदे:  

   आयुर्वेद के अनुसार कपूर कफ-दोष नाशक और कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करने मददगार होती है.– आयुर्वेद के अनुसार बालों के लिए कपूर डला तेल अच्छा माना गया है. देसी कपूर नारियल तेल में डालकर लगाने से बाल मजबूत, घने होते हैं.  

कपूर को सूंघने से हमारे मस्तिष्क में लेकवस नामक रसायन अधिक सक्रिय हो जाता है जिसका खास उपयोग निर्णय क्षमता के लिए होता है।

कपूर को सूंघने से हमारे नाक के अंदर अगर सूंघने की क्षमता कम हो गयी हो तो वो बढ़ जाती है।

घर में कपूर जलाने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। 

पेटदर्द या गैस व जलन होने पर कपूर, अजवायन व पुदीने को शर्बत में मिलाकर पीने से आराम मिलता है.

नाभि में कपूर लगाने से शरीर का रक्तसंचार सही रूप से कार्य करने लग जाता है और पेट सम्बंधित बहुत सारी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है लेकिन ये आप वैद्यकीय सलाहनुसार करें तो उचित रहेगा।

दांत में हुए गड्ढे यानी कैविटी में कपूर रखने से दांत का दर्द कम हो जाता है.

दिल की कमज़ोरी की वजह से घबराहट होने पर थोड़ा-सा कपूर खाएं, इससे नाड़ी की गति बढ़ जाती है और घबराहट मिट जाती है.

हैजा होने पर कपूर का अर्क लेने से लाभ होता है.

बिच्छू काटने पर कपूर को सिरके में पीसकर दंश पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है.

बाल टूट व गिर रहे हों या फिर बालों में रूसी हो, तो नारियल के तेल में कपूर का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है.

नकसीर फूटने या नाक से ख़ून निकलने पर गुलाबजल में कपूर पीसकर नाक में टपकाने से नाक से ख़ून गिरना बंद हो जाता है.

10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम स़फेद कत्था, 5 ग्राम मटिया सिंदूर- तीनों को एक साथ मिलाकर 100 ग्राम घी के साथ कांसे की थाली में हाथ की हथेली से ख़ूब मलकर ठंडे पानी से धोकर रख लें. इसे घाव, गर्मी के छाले, खुजली और सड़े हुए घाव पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है.

काली खांसी होने पर कपूर की धूनी सूंघने से लाभ होता है. पुरानी खांसी में कपूर व मुलहठी को मुंह में रखकर चूसने से राहत मिलती है.

हमारी eye brow मतलब भौहें उनके ऊपर सेक देने से धीरे धीरे चश्मे के नम्बर कम होने लगते हैं।

कपूर का उपयोग जलाने से ज्यादा उसे Evaporate  करने में करें। अधिक मात्रा में कपूर जलाने से आंखों में जलन होकर आंखों को नुकसान भी हो सकता है।

कपूर के साथ अजवाइन मिला के रुमाल में गर्म करके गले को सेका जाए और सुंगध ली जाए तो गले की बीमारियों में आराम मिलता है और बन्द गला खुल जाता है। 

नाक बंद होने की स्थिति में कपूर की पोटली सूंघने से नाक खुल जाएगी.

खुजली होने पर कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर शरीर पर मलने से खुजली तुरंत मिट जाती है.

कपूर जलाने से मक्खियां-मच्छर भाग जाते हैं. कपड़ों में रखने से कपड़ों में से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं और कपड़ों में से अच्छी सुगंध आती है।


घर में कपूर के नियमित प्रयोग से मच्छर, कोकरोज ,चूहे और छिपकली भी भाग जाते हैं।

ज्यादा तंबाकू खाने या ग़लती से तंबाकूवाला पान खा लेने पर चक्कर आता है, ऐसी स्थिति में जी मिचलाता हो, तो कपूर की एक छोटी डली खाने से तुरंत आराम मिलता है.

गद्दों व तकियों में कपूर रख देने से खटमल भाग जाते हैं.

चेचक व खसरे के दाने सूख जाने पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से ठंडक मिलती है और खुजलाहट भी दूर होती है.

1-1 टीस्पून कपूर और हींग पीसकर गोली बनाकर दमे (अस्थमा) के मरीज़ को दौरे के समय 2-2 घंटे पर देने से दमा का दौरा रुक जाता है.े से लाभ होता है.

कपूर और अफीम को राई के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है.

न्यूमोनिया हो जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर मरीज़ की छाती पर मलने से शीघ्र आराम मिलता है.

तनाव, सिरदर्द, डिप्रेशन आदि में सिर पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है, क्योंकि कपूर की ख़ुशबू मस्तिष्क की नसों को आराम पहुंचाती है.

तिल के तेल में कपूर डालकर हल्का सा गर्म करके जहां भी संधि वा (joint pain) हो वहाँ हल्के हाथ से मालिश करने से उस दर्द में तुतंत आराम मिलता है वह खाने की परहेजी के साथ यह दर्द खत्म भी हो जाता है।

खोरा(Dandruff) की समस्या जिनको हो वो नींबू रस व तिल/ नारियल के तेल में कपूर डालकर बालों की जड़ों में मालिश करें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

कपूर को सरसों(राई) के तेल में डालकर पैर के तलवों को मालिश करने से थकान दूर होती है
चेहरे की डेड स्किन को दूर करने के लिए थोड़े-से दूध में कपूर पाउडर मिलाकर रूई से चेहरे पर लगाएं. थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें.

बवासीर की समस्या में केले में चने बराबर प्राकृतिक कपूर रखकर खाने से लाभ होता है.

पैर की फटी एड़ियों की समस्या होने पर गरम पानी में कपूर मिलाकर उसमें कुछ देर पैर डुबोकर रखें.

घाव-चोट लगने, खरोंच होने या फिर जलने पर कपूर लगाने से जलन की तकलीफ़ कम होती है. साथ ही पानी में कपूर घोलकर घाव पर लगाने से जलन कम होती है और ठंडक भी मिलती है.


– चने के बराबर कपूर  केला के बीच में रखकर खाने से बवासीर रोग में लाभ होता है.

– कपूर तेल में मिलाकर सीने पर मालिश करने बंद नाक और कफ और जकड़न से रहत दिलाता है.– कपूर मिला तेल आर्थराइटिस और मांसपेशियों के दर्द में मालिश करने से राहत देता है.

– कपूर मुख की दुर्गन्ध दूर करने, दांत-दर्द में, पेट के कृमि का नाश करने में लाभदायक है.

देसी कपूर वृक्ष के पत्ती, छाल और लकड़ी से आसवन विधि द्वारा सफ़ेद रंग के क्रिस्टल के रूप में प्राप्त किया जाता है.कृत्रिम कपूर तारपीन के तेल को बहुत सी केमिकल प्रक्रियाएं करने के बाद प्राप्त होता है. इसका रासायनिक फार्मूला C10H16O है .

नकली कपूर पानी में अघुलनशील और अल्कोहल में घुलनशील होता है.केमिकल कपूर बहुत से कारखानों में प्रयोग किया जाता है. यह पालीविनायल क्लोराइड, सेलूलोस नाइट्रेट, पेंट, धुवां-रहित बारूद और कुछ खास प्रकार के प्लास्टिक, कफ-सीरप आदि के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है.

कपूर को गर्म पानी में डालकर बफारा लेने से सर्दी,जुकाम में बहुत आराम मिलता है और शुरुआती लक्षण हो तो ठीक भी हो जाता है।

बच्चों के सिर,नाक,छाती पर कपूर लगा सकते हैं लेकिन सावधानीपूर्वक। बच्चे की आयु का विशेष ध्यान रखते हुए मात्रा कम अधिक करें। 

कपूर के नुकसान

 छोटे बच्चों को कपूर से दूर रखें, ये उनके लिए जानलेवा हो सकता है. कपूर के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा की समस्याएँ जैसे Eczema (एक्जिमा), रैशेज, होंठों का सूखापन हो सकता है. इसके अतिरिक्त नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र, किडनी, सांस लेने सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं.

– गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी कपूर के इस्तेमाल से दूर ही रहना चाहिए. कपूर का अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है अतः इसका प्रयोग किसी अनुभवी डॉक्टर, आयुर्वेदाचार्य के निर्देश में ही करें.


Jai shree krishna

Thanks & Regards,
कैलाश चन्द्र लढा(भीलवाड़ा)

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शनिवार, 5 जून 2021

चालीस साल से कोलेस्ट्रोल के नाम पर दुनिया को धोखा दिया जा रहा था

चालीस साल से कोलेस्ट्रोल के नाम पर दुनिया को धोखा दिया जा रहा था। अमेरिकी डाक्टरों, वैज्ञानिकों और ड्रग कंपनियों के गठजोड़ ने 1970 से अब तक कोलेस्ट्रोल कम करने की दवाएं बेच-बेच कर 1.5 खरब डालर डकार लिए।
 
बेहिचक इसे कोलेस्ट्रोल महाघोटाला कहा जाए तो कोई हर्ज नहीं। पेथलेबों में इसकी जांच का धंधा भी खूब चमका। डाक्टरों और ड्रगिस्ट की भी चांदी हुई। पता नहीं अनेक लोगों ने कोलेस्ट्रोल फोबिया के कारण ही दम तोड़ दिया होगा। कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव से ना मालूम कितने लोगों के शरीर में नई-नई विकृतियों ने जन्म लिया होगा। 

बहरहाल अब अमेरिकी चिकित्सा विभाग ने पलटी मार ली है। कोलेस्ट्रोल के कारण जिन खाद्य वस्तुओं को निषेध सूची में डाला गया था, उन्हें हटा लिया है। अब कहा जा रहा है कि कोलेस्ट्रोल सिर्फ कोलेस्ट्रोल है और यह अच्छा या बुरा नहीं होता। यह मानव शरीर के लिए आवश्यक है। नर्व सेल की कार्यप्रणाली और स्टेराइड हार्मोन के निर्माण जैसी गतिविधियों में इसकी जरूरत होती है। हम जो भोजन लेते हैं उससे मात्र 15-20 फीसद कोलेस्ट्रोल की आपूर्ति होती है। जबकि हमें प्रतिदिन 950 मिलीग्राम की जरूरत होती है। शेष कोलेस्ट्रोल हमारे लिवर को बनाना पड़ता है। अगर हम कोलेस्ट्रोल वाला खाना नहीं खाएंगे, तो जाहिर है लिवर को ज्यादा मशक्कत करना पड़ेगी। जिनके शरीर में कोलेस्ट्रोल ज्यादा होता है, तो यह समझिए कि उनका लिवर ठीक ठाक काम कर रहा है। कोलेस्ट्रोल के नाम पर डाक्टर लोगों को नट्स, घी, मक्खन,आदि न खाने या कम खाने की सलाह देते रहे। असली घी को दुश्मन और घानी के तेलों को महादुश्मन बता कर रिफाइंड तेलों का कारोबार चमकाते रहे। अब तो रिफाइंड तेलों की पोल भी खुल चुकी है।

जबकि ये सब हमारे लिए आवश्यक हैं। यह थ्योरी भी दम तोड़ चूकी है कि कोलेस्ट्रोल धमनियों में जम जाता है, जिसके कारण ब्लाकेज होते हैं और दिल का दौरा पड़ता है। असल में ब्लाकेज का कारण केल्सीफिकेशन है। यही केल्सीफिकेशन गुर्दों और गाल ब्लडर में पथरी का कारण भी बनता है। अमेरिकी हार्ट स्पेशलिस्ट डा. स्टीवन निसेन के अनुसार चार दशकों से हम गलत मार्ग पर चल रहे थे। डा. चेरिस मास्टरजान के अनुसार अगर हम कोलेस्ट्रोल वाला आहार नहीं लेते तो शरीर को इसका निर्माण करना पड़ता है। 

एलोपैथी में थ्योरियां बार-बार बदलती हैं। जबकि हमारा आयुर्वेद हजारों साल से वात, पित्त और कफ के संतुलन को निरोगी काया का परिचायक मानता आ रहा है। इनका शरीर में असंतुलन ही रोगों को जन्म देता है। आयुर्वैद सिर्फ चिकित्सा प्रणाली नहीं सम्पूर्ण जीवनशैली सिखाता है। आज अधिकांश बीमारियों का कारण है गलत जीवन शैली और फास्टफुड जैसा आहार। अगर जीवनशैली में सुधार कर लिया जाए, प्रकृति से नजदीकियां कायम रखी जाएं और योग प्राणायाम का सहारा लिया जाए तो निरोगी जीवन की संभावना बढ़ जाएंगीं ....

गुरुवार, 3 जून 2021

महिलाओं व बेटियों के लिए कुछ ख़ास टिप :

महिलाओं व बेटियों के लिए कुछ ख़ास टिप :
 
* चांदी के गिलास में जल पिया करे , अगर चांदी का गिलास न ले पाए तो स्टील के गिलास में एक चांदी का सिक्का दाल कर जल पिए ।
* अपने वस्त्र या चप्पलें यदा कदा दान में दे दिया करे , शनि द्वारा हो रहे शारीरिक या मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा ।
* रुद्राक्ष धारण करे , जल्दी से तनाव आपकी नहीं घेर पायेगा , ध्यान रखें , रुद्राक्ष असली हो तभी फायदा पहुचाता है ।
* जिन महिलाओं का वात और काफ कुपित है , ऐसी महिलाओं को अगर उनके पिता , भाई , पति या कोई भी पुरुष भावनातमक सहारा दे दें , तो उनको बहुत फायदा पहुचता है ।
* जिस घर की बेटियाँ अपने हाथों से गुग्गल प्रजव्लित करती है उस घर में दुःख कभी नहीं आ पाता ।
* जिस घर की बेटियाँ दिन के थोड़े समय के लिए मौन धारण करती है , और उस समय में परमेश्वर से जुड़ने की कोशिश करती है , सकारात्मक चिंतन करती है , उस घर में वैभव हमेशा बसा रहता है , यह चमत्कारिक उपाय है ह\जो बेटियाँ अपने माता पिता अपने घर के लिए , उनको सुख देने के लिए कर सकती है ।
* घर में बेटियाँ चांदी का छोटा सा ही सही , कलश स्थापित करे अपने हाथों से , उसमें सदैव शद भरकर रखें , और यह कलश पूजास्थल में रखें , अद्भुत फल देने वाला उपाय है यह ।
* अगर किसी बेटी के पिता शारीरिक अथवा मानसिक परेशानी से झूझ रहे हैं तो बेटी अपने पिता की पैत्रिक निवास , गाव , क़स्बा या शहर में कही पर भी प्याऊ लगवा दे ।
* घर में सीलन रोकने का प्रयास करें ।
* जिन घरों की महिलाओं का शनि और राहु कमजोर या खराब होता है , उनके घर में काम करने वाले सेवक उनको हमेशा परेशान करते हैं , इससे बचने के लिए सीसा ( lead) शनिवार को किसी नाली या गंदे बहते हुए जल में बहा दिया करे ।
* अगर घर में ज्यादा झगड़े हो तो घर में कलश के ऊपर नारियल रखें , और उस नारियल पर थोडा थोडा पानी डालते रहा करिए , जभी भी नारियल खराब हो जाया करे , उसे बदल दिया करे , इससे घर में झगड़े कम होंगे और आपसी सामंजस्य बढेगा ।

बुधवार, 2 जून 2021

ऐसे खलनायकों से दूर रहें जो गलत षडयंत्रों और बीमारियों से व्यापार करते हैं। इतने संयोग एक साथ कैसे संभव हैं?* _एक बार सोचें_

*इतने संयोग एक साथ कैसे संभव हैं?*

 _एक बार सोचें_
  1. वुहान, चीन में जैविक प्रयोगशाला का स्वामित्व अमेरिकी कंपनी "जीएसके (ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन)" के पास है।

  2. (संयोग से) जीएसके ... फाइजर के पास फाइजर है।

   3. (संयोग से) फाइजर उसी वायरस के लिए एक वैक्सीन विकसित कर रहा है जो वोहान लैब में लीक हुआ था।

  4. (संयोग से) डॉ.  फॉसी ने यह शोध किया।

   5. डॉ. फॉसी (संयोग से) संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार हैं जो टीकों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं।

  6. (संयोग से) जीएसके को कंपनी "ब्लैक रॉक फाइनेंस" द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

   7. (संयोग से) ब्लैक रॉक फाइनेंस ... 'ओपन फाउंडेशन' (सोरोस फाउंडेशन) नामक एक कंपनी चलाता है।

 (संयोग से) हमारे मनमोहन सिंह की बेटी सोरोस फाउंडेशन में काम करती है।

 (संयोग से) पंजाब के किसान आंदोलन के खिलाफ टूलकिट जारी करने के पीछे शोरोस गैरी का हाथ निकला।

   8. GSK ...... (संयोग से) कोई भी फ्रांसीसी कंपनी जो "AXA" को सेवाएं प्रदान करती है।

   9. सोरोस फाउंडेशन की जर्मन मूल कंपनी .... "विंटरथुर।"

   10. जिन (*संयोग से*) ने वुहान में एक प्रयोगशाला बनाई।

   11. और इसे जर्मन कंपनी "एलायंस" ने खरीदा था।

   12. इसमें कला शेयरधारक का सबसे बड़ा हिस्सा है, वह (संयोग से) 'ब्लैक रॉक' का शेयरधारक है।

  13. 'ब्लैक रॉक' केंद्रीय बैंकों को नियंत्रित करता है और वैश्विक निवेश पूंजी का एक तिहाई प्रबंधन करता है।

   14. (संयोग से) ब्लैकरॉक बिल गेट्स के स्वामित्व वाले माइक्रोसॉफ्ट का एक प्रमुख शेयरधारक है।

   15. और (संयोग से) माइक्रोसॉफ्ट .... फाइजर का शेयरधारक है।

  16. (संयोग से) यह WHO का पहला प्रायोजक है।

   17. (संयोग से), वुहान में 'वुहान वायरस' दुनिया भर में फैल गया है।

 विश्व स्तरीय वैक्सीन व्यवसाय शुरू हो गया है!  'फाइजर कंपनी' वैक्सीन प्रतिस्पर्धियों की क्षमता का आकलन करने में विफल रही और सट्टा बनी रही।  😴
 ️ वैक्सीन माफिया को बाजार से बहुत उम्मीदें हैं और डॉलर बनाने के सपने हैं, क्योंकि भारत और दक्षिण एशिया अपने उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण सबसे अधिक वायरस-प्रवण क्षेत्र हैं।  अकेले भारत को 7 लाख करोड़ रुपये कमाने का अनुमान है।

 ️लेकिन!  (संयोग से) सपने में भी 'कोवैक्सिन वैक्सीन' और 'कोविशील्ड वैक्सीन' की उत्पत्ति अप्रत्याशित रूप से भारत से हुई थी।  आसानी से पूरे भारत और दुनिया भर में प्रवेश किया।

 ️फाइजर कंपनी .... और इसके पीछे ऊपर बताए गए सभी निवेशकों के सपने चकनाचूर हो गए।😢

 ుడు Covaxine और Kovisheeld के उपयोग और प्रदर्शन के बारे में झूठा प्रचार फैलने लगा।  पार्टियों, जातियों और धर्मों ने भी उस नेतृत्व के खिलाफ अभियान चलाना शुरू कर दिया जिसने विनिर्माण को प्रोत्साहित किया।  (क्या यह संयोग है कि इसमें भारतीय नेता, पत्रिकाएँ और बुद्धिजीवी शामिल हैं?) अंधे लोग जो अपने प्रचार में विश्वास करते हैं, वे टीका लगवाने से हिचकते हैं।  उनके पासे विदेशी हैं।  इस बीच शुरू हो गया कोविड सेकेंड वेव ड्रामा!

  18.कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीकों को उचित सावधानियों के बीच ले जाया जा सकता है और सीधे जनता पर इस्तेमाल किया जा सकता है।  लेकिन, इसके विपरीत, 'फाइजर वैक्सीन' को बहुत कम तापमान पर रखा जाना चाहिए। चलने और भंडारण में उचित देखभाल की जानी चाहिए।  (फाइजर की सहायक कंपनी आवश्यक व्यवस्था करेगी।)

  19. परिवहन की विशेष व्यवस्था के लिए फाइजर की सहायक कंपनी जिम्मेदार है।

   20. फाइजर अपनी वैक्सीन अमेरिका में 1,100 रुपये और यूरोप में 1,800 रुपये में बेचती है।

  - भारत के लिए इसकी कीमत 2,700 रुपये है।  (अनुमानित 7 ट्रिलियन बाजार प्रति 130 करोड़ आबादी के साथ, प्रति व्यक्ति दो खुराक के साथ)।

 प्रयोग के दौरान जब मनुष्यों को फाइजर का टीका लगाया गया तो सात लोगों में रक्त के थक्के पाए गए।  इसलिए भारत ने उस वैक्सीन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

  साथ ही, यदि कोई भारतीय नागरिक वैक्सीन कंपनी द्वारा लगाए गए नियमों के कारण उपयोग में किसी भी प्रतिक्रिया से ग्रस्त है, तो वह फाइजर पर मुकदमा नहीं कर सकता है।  (भारत सरकार ने शर्तों का पालन करने से इनकार कर दिया। इसलिए, भारत में फाइजर वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई थी)।

  22. राहुल गांधी (संयोग से) ने ट्वीट किया कि फाइजर की पहचान की जानी चाहिए।

  23. यदि भारत में फाइजर वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिलती है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका (संयोग से) भारत में निर्मित होने वाले टीके के लिए आवश्यक कच्चे माल को बंद कर देगा।

  उन्हें (बिडेन) लगा कि भारत की नाक दिन में फूंकी जा सकती है, लेकिन इसके विपरीत अमेरिका के गोची को हटाना पड़ा, फिर बाइडेन का इलाज भारत में बनी वैक्सीन से करना पड़ा।

   24. थर्ड वेव में, छोटे बच्चों को संक्रमित करने का अभियान शुरू हुआ, (संयोग से) और .... एक हफ्ते के भीतर फाइजर ने घोषणा की कि उनके पास छोटे बच्चों के लिए टीका तैयार है!

  और छोटे बच्चों पर उस टीके के इस्तेमाल पर सारे क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गए...क्या यह एक हफ्ते में हो गया?

  इन कंपनियों की है साजिश......,

  १) एक अज्ञानी वायरस बनाना,

  2) लोगों के बीच फैल रहा है,

 3) उनसे WHO की तरह बात करना,

 4) बाजार टीकाकरण,

 ५) बहुत सारा पैसा कमाना और,

 ६) एकल लोगों पर शासन करें, भूमि की आबादी कम करें।
   25. जो बाइडेन उस दिन मास्क पहन कर बाहर आए और मास्क को उतार दिया, सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करते हुए कि जिन लोगों को दोनों का टीका लगाया गया था, उन्हें मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं थी (संयोग से)।
   यह मार्केटिंग का एक रूप है।  इसका मकसद दुनिया को यह बताना है कि फाइजर का टीका प्रभावी है।

   "मनमोहन देसाई की फिल्म में भी इतने सारे ट्विस्ट (संयोग) नहीं हैं।

  डॉ. फॉसी (राष्ट्रपति के अमेरिकी सलाहकार) + बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन + फाइजर + जॉर्ज सोरोस + राग और सोगा की साजिश के सिद्धांत अभी प्रकाश में आ रहे हैं।

   इसका एकमात्र समाधान!  ऐसे खलनायकों से दूर रहें जो गलत षडयंत्रों और बीमारियों से व्यापार करते हैं।

   क्रूर राजनेताओं के नेताओं को शक्ति नहीं देना जो ऐसे संगठनों की रीढ़ हैं और उनके उत्पादों का उपयोग नहीं करते हैं।

  परंपरागत रूप से हमारे पारंपरिक ज्ञान को वापस लाएं और हमारी, हमारे समाज, हमारे देश की रक्षा करें।

  पोस्ट मुझे नहीं पता कि इस पोस्ट का लेखक कौन है, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि इसमें तथ्य (संयोग से) आपको भेजे गए थे।
  💐💐💐💐💐
🌹🌹🇮🇳🙏 जरूर एक बार  पढ़ कर सोचना।

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाएं

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाएं
_विभिन्न लोगों के अपने अपने अनुभव_
1. एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिर दर्द नहीं, दांतों का नुकसान नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें कलकत्ता में एक बूढ़े व्यक्ति ने, जो कि रेलवे लाइन पर पत्थर बिछाने का काम करता था, सलाह दी कि सोते समय अपने पैरों के तलवों पर तेल लगाये। यह मेरे उपचार और फिटनेस का एकमात्र स्रोत है।
2.  एक छात्रा ने कहा कि मेरी मां ने उसी तरह तेल लगाने पर जोर दिया। एक बच्चे के रूप में, उसकी दृष्टि कमजोर हो गई थी। जब उसने इस प्रक्रिया को जारी रखा, तो आंखों की रोशनी धीरे-धीरे पूरी तरह से स्वस्थ हो गई।
3.  एक व्यापारी अवकाश के लिए चित्राल गया था। वहाँ एक होटल में सो नही पा रहा था तो बाहर घूमने लगा। बाहर बैठे पुराने चौकीदार ने पूछा कि, "क्या बात है?"  उसने कहा नींद नहीं आ रही है!  वह मुस्कुराया और कहा, "क्या आपके पास कोई तेल है?" उसने कहा, नहीं, वह गया और तेल लाया और कहा, "कि कुछ मिनट के लिए अपने पैरों के तलवों की मालिश करें।" उसने वैसा ही किया फिर वह खर्राटे लेना शुरू कर दिया।
4.  मैंने रात में सोने से पहले अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश की कोशिश की। इससे मुझे बेहतर नींद आती है और थकान दूर होती है।
5. मुझे पेट की समस्या थी। अपने तलवों पर तेल से मालिश करने के बाद, 2 दिनों में मेरे पेट की समस्या ठीक हो गई।
6. वास्तव में!  इस प्रक्रिया का एक जादुई प्रभाव है। रात को पैरों के तलवों की तेल से मालिश ने मुझे बहुत सुकून की नींद दी।
7. मैं इस ट्रिक को पिछले 15 सालों से कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत ही चैन की नींद आती है। मैं अपने छोटे बच्चों के पैरों के तलवों की भी तेल से मालिश करता हूं, जिससे वे बहुत खुश और स्वस्थ रहते हैं।
 8. मेरे पैरों में दर्द हुआ करता था। मैंने रात को अपने पैरों के तलवों को 2 मिनट तक रोजाना जैतून के तेल से मालिश करना शुरू किया। इस प्रक्रिया से मेरे पैरों में दर्द से राहत मिली।
9.  मेरे पैरों में हमेशा सूजन रहती थी और जब मैं चलता था, मैं थक जाता था। अपने पैरों के तलवों पर तेल मालिश की इस प्रक्रिया को शुरू किया। सिर्फ 2 दिनों में, मेरे पैरों की सूजन गायब हो गई।
10.  रात में, बिस्तर पर जाने से पहले, मैंने अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश का एक टिप देखा और उसे करना शुरू कर दिया। इससे मुझे बहुत ही चैन की नींद मिली।
11. बड़ी अदभुत बात है।  यह टिप आरामदायक नींद के लिए नींद की गोलियों से बेहतर है। मैं अब हर रात अपने पैरों के तलवों की तेल से मालिश करके सोता हूं।
12.  मुझे थायरॉइड की बीमारी थी। मेरे पैर में हर समय दर्द हो रहा था। पिछले साल किसी ने मुझे रात में पैरों के तलवों पर तेल की मालिश का यह सुझाव दिया था। मैं इसे स्थायी रूप से कर रहा हूं। अब मैं आम तौर पर शांत हूं।
13.  मेरे पैर सुन्न हो रहे थे। मैं रात को बिस्तर पर जाने से पहले चार दिनों तक अपने पैरों के तलवों की तेल से मालिश कर रहा हूं। अब एक बड़ा अंतर है।
14. बारह या तेरह साल पहले मुझे बवासीर हुआ था। मेरा दोस्त मुझे एक ऋषि के पास ले गया जो 90 साल ke the।  उन्होंने हाथ की हथेलियों पर, उँगलियों के बीच, नाखूनों के बीच और नाखूनों पर तेल रगड़ने का सुझाव दिया और कहा: नाभि में चार-पाँच बूँद तेल डालें और सो जाएँ। मैं हकीम साहब की सलाह मानने लगा।  मुझे बहुत राहत मिली। इस टिप ने मेरी कब्ज की समस्या को भी हल कर दिया। मेरे शरीर की थकान भी दूर हो जाती है और मुझे चैन की नींद आती है। खर्राटों को रोकता है।
15.  पैरों के तलवों पर तेल की मालिश एक आजमाई हुई और परखी हुई टिप है।
 16.  तेल (सरसो/जैतून) से मेरे पैरों के तलवों की मालिश करने से मुझे चैन की नींद मिली।
17. मेरे पैरों और घुटनों में दर्द था।  जब से मैंने अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश की टिप पढ़ी है, अब मैं इसे रोजाना करता हूं, इससे मुझे चैन की नींद आती है।
18. जब से मैंने रात को बिस्तर पर जाने से पहले अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश के इस नुस्खे का उपयोग करना शुरू किया है, तब से मुझे कमर दर्द ठीक हो गया है। मेरी पीठ का दर्द कम हो गया है और भगवान का शुक्र है कि मुझे बहुत अच्छी नींद आई है।
*रहस्य इस प्रकार है:*🔥
 रहस्य बहुत ही सरल , बहुत छोटा , हर जगह और हर किसी के लिए बहुत आसान है।

*किसी भी तेल , सरसों या जैतून , आदि को पैरों के तलवों और पूरे पैर पर लगायें , विशेषकर तलवों पर तीन मिनट के लिए  बायें पैर और दाहिने पैर के तलवे पर तीन मिनट लगाने चाहिए* 

रात को सोते समय पैरों के तलवों की मालिश सरसों या जैतून के तेल से करना कभी न भूलें, और बच्चों की मालिश भी इसी तरह करें। इसे अपने जीवन के बाकी हिस्सों के लिए एक दिनचर्या बना लें। फिर प्रकृति की पूर्णता को देखें। आप अपने पूरे जीवन में कंघी करते हैं।  क्यों न पैरों के तलवों पर तेल लगाया जाए।

 *प्राचीन चीनी चिकित्सा के अनुसार , पैरों के नीचे लगभग 100 एक्यूप्रेशर बिंदु हैं।  उन्हें दबाने और मालिश करने से मानव अंगों को भी ठीक किया जाता है। उसे फुट रिफ्लेक्सोलॉजी कहा जाता है। दुनिया भर में पैरों की मालिश चिकित्सा का उपयोग किया जाता है।*

*कृपया इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें ।*
      
 *🙏🌹जय श्री कृष्ण, राधे राधे 🌹🙏*

माइग्रेन (आधे सिर का दर्द) MIGRAINE/HEMICRANIA

माइग्रेन (आधे सिर का दर्द) MIGRAINE/HEMICRANIA
इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर में बहुत तेज दर्द होता है तथा यह दर्द सिर के एक भाग में होता है। इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है।

माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का लक्षण:-

इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर के आधे भाग में तेज दर्द होता है तथा सिर में दर्द होने के साथ-साथ रोगी को उल्टी होने की इच्छा भी होती है। इसके अलावा रोगी को चिड़चडाहट तथा दृष्टिदोष भी उत्पन्न होने लगता है। इस रोग का प्रभाव अधिकतर निश्चित समय पर होता है।

माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का कारण-

1. माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग रोगी व्यक्ति को दूसरे रोगों के फलस्वरूप हो जाता है जैसे- नजला, जुकाम, शरीर के अन्य अंग रोग ग्रस्त होना, पुरानी कब्ज आदि।

2. स्त्रियों को यदि मासिकधर्म में कोई गड़बड़ी हो जाती है तो इसके कारण स्त्रियों को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।


3. आंखों में दृष्टिदोष तथा अन्य रोग होने के कारण भी माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।

4. यकृत (जिगर) में किसी प्रकार की खराबी तथा शरीर में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण व्यक्ति को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।


5. असंतुलित भोजन का अधिक उपयोग करने के कारण रोगी को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो सकता है।

6. अधिक श्रम-विश्राम करने, शारीरिक तथा मानसिक तनाव अधिक हो जाने के कारण भी यह रोग व्यक्तियों को हो सकता है।


7. औषधियों का अधिक उपयोग करने के कारण भी माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।


माइग्रेन रोग से पीड़ित व्यक्ति का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-


1. इस रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को रसाहार (चुकन्दर, ककड़ी, पत्तागोभी, गाजर का रस तथा नारियल पानी) आदि का सेवन भोजन में करना चाहिए और इसके साथ-साथ उपवास रखना चाहिए।

माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) से पीड़ित रोगी को अधिक मात्रा में फल, सलाद तथा अंकुरित भोजन करना चाहिए और इसके बाद सामान्य भोजन का सेवन करना चाहिए।


3. रोगी व्यक्ति को अपने भोजन में मेथी, बथुआ, अंजीर, आंवला, नींबू, अनार, अमरूद, सेब, संतरा तथा धनिया अधिक लेना चाहिए। माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) से पीड़ित रोगी को भोजन संबन्धित गलत आदतों जैसे- रात के समय में देर से भोजन करना तथा समय पर भोजन न करना आदि को छोड़ देना चाहिए।

4. रोगी व्यक्ति को मसालेदार भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए तथा इसके अलावा बासी, डिब्बाबंद तथा मिठाइयों आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए।


5. माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग में रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ सुबह के समय में चाटना चाहिए तथा इसके अलावा दूब का रस भी सुबह के समय में चाट सकते हैं। जिसके फलस्वरूप माइग्रेन रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

6. माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) का इलाज करने के लिए पीपल के कोमल पत्तों का रस रोगी व्यक्ति को सुबह तथा शाम सेवन करने के लिए देने के फलस्वरूप माइग्रेन रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।


7. माइग्रेन रोग का इलाज करने के लिए रोगी व्यक्ति के माथे पर पत्ता गोभी का पत्ता प्रतिदिन बांधना चाहिए, जिसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।


8. प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा नाक से भाप देकर रोगी व्यक्ति के माइग्रेन रोग को ठीक किया जा सकता है। नाक से भाप लेने के लिए सबसे पहल एक छोटे से बर्तन में गर्म पानी लेना चाहिए। इसके बाद रोगी को उस बर्तन पर झुककर नाक से भाप लेना चाहिए। इस क्रिया को कुछ दिनों तक करने के फलस्वरूप माइग्रेन रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।


9. माइग्रेन रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकर के स्नान भी हैं जिन्हे प्रतिदिन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है। ये स्नान इस प्रकार हैं-रीढ़स्नान, कुंजल, मेहनस्नान तथा गर्मपाद स्नान।


10. माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग का इलाज करने के लिए प्रतिदिन ध्यान, शवासन, योगनिद्रा, प्राणायाम या फिर योगासन क्रिया करनी चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

मंगलवार, 1 जून 2021

अनलॉक में क्या खुला रहेगा क्या होगा बंद

राजस्थान में 46 दिन बाद 2 जून से अनलॉक की शुरुआत होगी। सरकार ने इसके लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। ये गाइडलाइन बुधवार से लागू होगी। इसके तहत सप्ताह में 4 दिन यानी मंगलवार से शुक्रवार तक सशर्त बाजार खोलने और आवाजाही करने की अनुमति दी है। हालांकि, ये नई गाइडलाइन बुधवार से लागू होती तो इस हफ्ते सिर्फ तीन दिन ही छूट मिलेगी। सरकार ने यह फैसला लगाकर कम हो रही संक्रमितों की संख्या के चलते लिया है। राज्य में 2 जून से क्या खुलेगा? और क्या बंद रहेगा? यहां पढ़िए…
मंगलवार से शुक्रवार तक सशर्त छूट

बाजार: मंगलवार से शुक्रवार यानी सप्ताह में 4 दिन सुबह 6 से 11 बजे तक खुलेंगे

मंगलवार से शुक्रवार सुबह 5 बजे से दिन में 12 बजे जिले के अंदर आवाजाही कर सकेंगे।

दूसरे जिले में आवाजाही: 8 जून से सप्ताह में 4 दिन अन्य जिले में आने-जाने की अनुमति होगी।

खाना-पीना: रेस्टोरेंट्स, बेकरी व मिठाई की दुकानों के लिए सुबह 6 से 11 बजे तक टेक-अवे सुविधा

सप्ताह में 7 दिन खुलने वाली दुकानें

मेडिकल और ऑप्टिकल्स स्टोर पूरे सप्ताह खुल सकेंगे।

दूध डेयरी रोज सुबह 6 से 11 व शाम 5 से 7 बजे तक खोली जा सकेंगी।

मंडी फल सब्जी फूल माला की दुकानें रोज सुबह 6 से 11 बजे तक।

स्ट्रीट वेंडर, थड़ी-ठेलों पर सभी तरह के सामान सुबह 6 से 11 खुलेंगे।

सरकारी राशन की दुकानें भी अपनी पहले की तरह टाइम से खुलेंगी।

रेस्टोरेंट्स, मिठाई की दुकानों से रात 10 बजे तक होम डिलीवरी कर सकेंगे।

यहां पूरी तरह पाबंदियां जारी रहेंगी

30 जून तक शादी समारोह पर पाबंदी जारी रहेगी।

स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और सभी तरह के शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

मॉल्स और शॉपिंग कॉम्पलेक्स फिलहाल बंद रहेंगे।

सार्वजनिक समारोह, हाट बाजार, मेले, धार्मिक स्थल और कार्यक्रम।

सिनेमा हॉल, ऑडिटोरियम, स्विमिंग पूल्स, जिम, पिकनिक स्पॉट, पार्क और खेल मैदान।

एक्टिव केस 10 हजार होने तक वीकेंड कर्फ्यू जारी रहेगा
प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 10 हजार आने तक शुक्रवार दोपहर 12 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक वीकेंड कर्फ्यू रहेगा। इसके अलावा बाकी दिनों में दोपहर 12 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से कम या आईसीयू-वेंटीलेटर बेड वाले मरीज 60 फीसदी से कम हों, ऐसे जिलों में ही बाजार खुल सकेंगे।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट 10 जून के बाद शुरू होगा
2 जून से 25 फीसदी कर्मचारियों के साथ सभी सरकारी ऑफिस सुबह 9 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक खुलेंगे। इसके बाद 7 जून से सभी सरकारी ऑफिस 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलेंगे। 10 जून के बाद सभी रोडवेज और निजी बसों को चलाया जाएगा, इसके लिए अलग से आदेश जारी होंगे। बाकी सेवाओं पर पहले वाले प्रावधान लागू होंगे। किराना, फल सब्जी की दुकानें, दूध और डेयरी का समय पहले वाला ही रहेगा।

राज्य सरकार ने अधिकतर जिलों में कोविड संक्रमण के प्रसार में कमी तथा पॉजिटिविटी दर में गिरावट के दृष्टिगत व्यावसायिक एवं अन्य गतिविधियों में राहत देने के लिए 2 जून से आगामी आदेषों तक त्रि-स्तरीय जन अनुषासन मॉडिफइड लॉकडाउन लागू किए जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देष के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में सोमवार को नए दिषा-निर्देष जारी कर दिए हैं।

लॉकडाउन के दिषा-निर्देषों में विभिन्न गतिविधियों के लिए छूट उन्हीं स्थानों पर दी जा सकेगी, जहां पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिषत से कम होगी अथवा ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटीलेटर बेड का उपयोग 60 प्रतिषत से कम होगा। नई गाइडलाइन में पॉजिटिव केस के अनुरूप ग्राम पंचायत एवं जिले को तीन श्रेणियों ग्रीन, येलो और रेड में बांटा गया है। जिन ग्राम पंचायतों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं होगा, वह ग्रीन श्रेणी में होगी तथा 5 और इससे कम एक्टिव केस होने पर येलो तथा 5 से अधिक एक्टिव केस होने पर रेड श्रेणी में रखा जाएगा। इसी प्रकार एक लाख जनसंख्या पर एक भी एक्टिव केस नहीं होने वाले जिले को ग्रीन तथा एक लाख जनसंख्या पर 100 एक्टिव केस तक येलो तथा 100 से अधिक एक्टिव केस होने पर रेड श्रेणी में रखा जाएगा।

मॉडिफाई संक्रमण की दर कम हुई है, लेकिन अभी संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन में सभी प्रदेषवासियों से कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिष्चित करने की अपेक्षा की गई है। जन सामान्य की सुविधा एवं आवष्यक सेवाओं और वस्तुओं की उपलब्धता सुनिष्चित करने की दृष्टि से विभिन्न गतिविधियों में सीमित छूट दी गई है। जैसे-जैसे एक्टिव केसेज की संख्या में कमी आएगी, छूट का दायरा और बढ़ेगा।

त्रि-स्तरीय जन अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन के तहत प्रमुख दिशा-निर्देश:-
ऽ राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 10 हजार आने तक प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 12 बजे से मंगलवार प्रात: 5 बजे तक जन अनुशासन वीकेंड कफ्र्यू रहेगा। इन दिनों के अतिरिक्त सप्ताह के अन्य दिनों में प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से अगले दिन प्रात: 5 बजे तक जन अनुशासन कफ्र्यू रहेगा।

लॉकडाउन के दौरान (अनुमत श्रेणी के अलावा) किसी भी स्थान पर 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लागू रहेगा।
प्रतिबंधित गतिविधियां
ऽ प्रदेषवासियों से यह अपेक्षा है कि वे शादी-समारोह 30 जून, 2021 तक स्थगित रखें।
ऽ विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार के समारोह, डीजे, बारात एवं निकासी तथा प्रीतिभोज आदि की अनुमति 30 जून तक नहीं होगी।
ऽ विवाह घर पर ही अथवा कोर्ट मैरिज के रूप में करने की अनुमति होगी, जिसमें केवल 11 व्यक्ति ही अनुमत होंगे। जिसकी सूचना वेब पोर्टल Covidinfo.rajasthan.gov.in पर या हैल्पलाइन नम्बर 181 पर देनी होगी।
ऽ विवाह में बैण्ड-बाजे, हलवाई, टेन्ट या इस प्रकार के अन्य किसी भी व्यक्ति के सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी।
ऽ शादी के लिए टेन्ट हाउस एवं हलवाई से संबंधित किसी भी प्रकार के सामान की होम डिलीवरी भी नहीं की जा सकेगी।
ऽ मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल एवं होटल परिसर शादी-समारोह के लिए बंद रहेंगे।

किसी भी प्रकार के सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद सम्बन्धी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह/जुलूस/त्योहारों/मेलों/ हाट बाजार की अनुमति नहीं होगी।
ऽ धार्मिक स्थलों पर प्रबंधन द्वारा नियमित पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना आदि जारी रहेगी, परन्तु श्रद्धालुओं/दर्शनार्थियों के लिए पूरे राज्य में सभी प्रकार के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। ऑनलाइन दर्षनों की व्यवस्था जारी रहेगी। पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना आदि घर पर रहकर ही की जा सकेगी।
ऽ सिनेमा हॉल्स/थियेटर/मल्टीप्लेक्स/ऑडिटोरियम/स्विमिंग पूल्स/जिम, मनोरंजन पार्क/पिकनिक स्पॉट/समस्त प्रकार के खेल मैदान एवं सार्वजनिक उद्यान एवं समान स्थान बंद रहेंगे।
ऽ पूर्णत: वातानुकूलित शॉपिंग कॉम्पलेक्स/मॉल को फिलहाल खोलने की अनुमति नहीं होगी।
ऽ समस्त शैक्षणिक/कोचिंग संस्थाएं, लाईब्रेरीज आदि बंद रहेंगे।
ऽ सार्वजनिक परिवहन के समस्त साधन जैसे निजी एवं सरकारी बस फिलहाल बंद रहेंगे और इनके 10 जून से संचालन हेतु पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे। बारात के आवागमन के लिए बस, ऑटो, टेम्पो, टैऊक्टर, जीप इत्यादि की अनुमति नहीं होगी।

अनुमत गतिविधियां:-
ऽ प्रदेष के समस्त सरकारी कार्यालय 25 प्रतिषत कार्मिकों की उपस्थिति के साथ प्रात: 9:30 बजे से सायं 4 बजे तक अनुमत होंगे, 7 जून, 2021 से सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ अनुमत होंगे।
ऽ प्रदेष के समस्त निजी कार्यालय कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए 25 प्रतिषत कार्मिकों की उपस्थिति के साथ दोपहर 2 बजे तक खोले जा सकेंगे एवं समस्त निजी कार्यालयों द्वारा अपने कार्मिकों के पास e-intimation के माध्यम से Self-Generate किए जा सकते हैं, ताकि कार्मिकों को कार्यालय आवागमन में सुविधा हो।
ऽ सभी निजी चिकित्सालय, लैब एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल एवं अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ अनुमत होंगी।

पशु चिकित्सालय एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक जैसे पशु चिकित्सक, स्टाफ, पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं एवं बीपी लैब में वैक्सीन का उत्पादन एवं मत्स्य विभाग से संबंधित गतिविधियां जैसे एक्वाकल्चर से सम्बन्धित कार्मिक इत्यादि उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ अनुमत होंगे।
ऽ प्रदेष में जिले के अंदर अपने निजी वाहनों से आवागमन मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही अनुमत होगा एवं 8 जून के पश्चात् मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक समस्त राज्य में आवागमन अनुमत होगा।
ऽ रेल्वे, मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट से आने/जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा टिकट दिखाने पर आवागमन की अनुमति होगी।
ऽ किसी भी व्यक्ति के द्वारा घर से रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट से घर, मेडिकल इमरजेन्सी एवं अनुमत श्रेणियों के आवागमन हेतु उपयोग में ली जाने वाली टैक्सी, कैब, ऑटो, ई-रिक्शा सेवा अनुमत होगी।
ऽ कोविड मरीज के परिजन या अटेण्डेंट हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा जारी पास से आवागमन कर सकेंगे। यह पास मरीज से सम्बन्धित आवश्यक सेवाओं जैसे खाना, दवाइयां इत्यादि लाने हेतु उपयोग में लिये जा रहे वाहन के लिए अनुमत होगा।

अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर माल परिवहन करने वाले भार वाहनों के आवागमन, माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति अनुमत होंगे। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर संचालित ढाबे एवं वाहन रिपेयर की दुकानें अनुमत होंगी।
ऽ गर्भवती महिलाओं और रोगियों को चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं के परामर्श हेतु आवागमन की अनुमति होगी।
ऽ टीकाकरण हेतु स्वयं के पंचायत समिति/नगर इकाई परिक्षेत्र में स्थित टीकाकरण स्थल पर जाने की अनुमति होगी, किन्तु साथ में रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज एवं अपना पहचान-पत्र रखना अनिवार्य होगा।
ऽ निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र दिखाने पर परीक्षा केन्द्र पर आवागमन की अनुमति होगी।
ऽ अन्त्येष्टि/अन्तिम संस्कार सम्बन्धी कार्यक्रम: अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने, सामाजिक दूरी एवं थर्मल स्क्रीनिंग, हैंडवॉश और सेनेटाईजर के प्रावधानों के साथ। अनुमत व्यक्तियों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी।

मेडिकल व नर्सिंग महाविद्यालयों में अध्ययन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जारी रहेगा।
ऽ अध्ययन एवं अध्यापन कार्य ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग माध्यम से जारी रहेंगे एवं इन्हें प्रोत्साहित किया जायेगा।
ऽ समाचार पत्र वितरण हेतु सुबह 4 बजे से 11 बजे तक छूट होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रिन्ट मीडिया के कार्मिकों को परिचय पत्र के साथ आने-जाने की अनुमति होगी।
ऽ दूरसंचार, इंटरनेट सेवाएं, डाक सेवाएं, कुरियर सुविधा, प्रसारण एवं केबल सेवाएं, आईटी एवं आईटी संबंधित सेवाऐं अनुमत होंगी।
ऽ मेन्टीनेन्स सर्विस देने वाले यथा इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर, मोटर मैकेनिक, आई.टी. सर्विस प्रोवाइडर आदि के आवागमन पर रोक नहीं होगी।
ऽ ई-मित्र/आधार केन्द्र सेवाएं दोपहर 4:00 बजे तक अनुमत होगी।
ऽ एटीएम सेवाएं 24 घण्टे अनुमत होंगी एवं बैंकिंग, बीमा, माइक्रो फाइनेन्स इंस्टीट्यूशन (MFI)/NBFC की सेवाएं आमजन के लिए दोपहर 2:00 बजे तक अनुमत होंगी। जहां तक संभव हो, उक्त संस्थाओं द्वारा भी कम-से-कम कार्मिकों को कार्यस्थल पर अनुमत किया जाये एवं ई-बैंकिंग कार्यप्रणाली को प्रोत्साहित किया जाए।
ऽ सेबी/स्टॉक एक्सचेंज से सम्बन्धित व्यक्ति पहचान-पत्र के साथ अनुमति होंगे।

सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए ई-कॉमर्स के माध्यम से सभी प्रकार की वस्तुओं की होम डिलीवरी अनुमत होगी।
ऽ इंदिरा रसोई में भोजन बनाने एवं उसके वितरण का कार्य रात्रि 9 बजे तक कोविड गाइडलाइन के अनुसार अनुमत होगा।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते कोविड संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं में काम करने वाले श्रमिकों के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड उपयुक्त व्यवहार एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किये जायेंगे।

ऽ कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं अनुमत होंगी।
ऽ निजी सुरक्षा सेवाओं की भी अनुमति होगी।

सार्वजनिक परिवहन/माल ढुलाई वाहन/अत्यावश्यक सेवाओं में लगे वाहनों एवं सरकारी वाहनों के लिए पेट्रोल/डीजल पम्प, सीएनजी, पेट्रोलियम एवं गैस से संबंधित खुदरा (रिटेल)/थोक (होलसेल) आउटलेट पूर्व की भांति खोलने की अनुमति होगी। निजी वाहनों में पेट्रोल/डीजल प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक भरवाया जा सकेगा।
ऽ एलपीजी वितरण सेवाएं ग्राहकों के लिए प्रात: 6 बजे से सायं 5 बजे तक अनुमत होंगी।
ऽ समस्त उद्योग एवं निर्माण से सम्बन्धित इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी, ताकि श्रमिक वर्ग का पलायन रोका जा सके। उद्योग एवं निर्माण ईकाइयों द्वारा श्रमिकों के आवागमन हेतु स्पेशल बस का संचालन अनुमत होगा।
ऽ पूर्व की भांति प्रत्येक उद्योग/निर्माण इकाई द्वारा अपने सम्बन्धित कार्मिक/श्रमिक के आवागमन हेतु ऑनलाइन वेब पोर्टल https://covidinfo.rajasthan.gov.in –> e-Intimation by Industries के माध्यम से self generate कर आईडी/One Hour Transit Pass (मूल/हार्ड कॉपी) उद्योग/निर्माण इकाई द्वारा अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर मय सील सभी कार्मिकों/श्रमिकों को उपलब्ध कराना होगा।

कृषि आदान एवं कृषि उपकरणों की दुकानें एवं इनके परिसर, पशु चारा, सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ, किराना एवं आटा चक्की से संबंधित होलसेल एवं रिटेल की दुकानें मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगी।
ऽ साथ ही अन्य दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगे।
ऽ प्रोसेस्ड फूड, मिठाई, बेकरी आदि दुकानें और रेस्टोरेंट्स मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगी। इनमें बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान केवल टेक-अवे की सुविधा होगी। इन प्रतिष्ठानों से होम डिलिवरी की सुविधा रात्रि 10 बजे तक अनुमत होगी।
ऽ राशन की दुकानें बिना किसी अवकाष के खुली रहेंगी।
ऽ ठेले, साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा एवं मोबाइल वैन के माध्यम से फल-सब्जी का विक्रय प्रतिदिन प्रात: 6 बजे से शाम 5 बजे तक अनुमत होगा।
ऽ स्ट्रीट वेण्डर, थड़ी, रेहड़ी एवं ठेलों पर अन्य वस्तुओं का विक्रय कार्य प्रतिदिन प्रात: 6 से प्रात: 11 बजे तक अनुमत रहेगा।
ऽ मण्डियां, फल-सब्जी एवं फूल मालाओं की दुकानें प्रतिदिन प्रात: 6 से प्रात: 11 बजे तक खोली जा सकेंगी।

डेयरी एवं दूध की दुकानें प्रतिदिन सुबह 6 से 11 बजे तथा शाम 5 बजे से 7 बजे तक अनुमत होंगी।
ऽ फार्मास्यूटिकल्स, ऑप्टिकल्स, दवाएं एवं चिकित्सकीय उपकरणों से सम्बन्धित दुकानों को खोलने की अनुमति होगी। दवाइयों की भी होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण रखा जा सके।

ऽ रबी की फसलों की मंडियों में आवक तथा समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ अनुमत होगी। किसानों के मंडी पहुंचने एवं वापस आने के अलावा मंडी परिसर के बाहर आवागमन प्रतिबंधित होगा। किसानों को मंडी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय ब्रिकी की रसीदें या बिल का सत्यापन करवाना होगा।

ऽ बाजारों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोले जाने के लिए समस्त जिला कलक्टर अपने-अपने जिलों में व्यापारिक संगठनों एवं स्थानीय लोगों को सम्मिलित करते हुए जन अनुशासन कमेटी में विचार-विमर्श कर वैकल्पिक ;।सजमतदंजमद्ध व्यवस्था/ डी-कन्जक्षन प्लान तैयार करेंगे।

ऐसे बाजार, जहां केवल बड़े-बड़े कॉम्पलेक्स हैं, लेकिन वातानुकूलित नहीं हैं, उनमें स्थित दुकानें अथवा व्यवसायिक प्रतिष्ठान, भवन की मंजिलों के अनुसार खुलेंगे। जैसे मंगलवार एवं गुरूवार को बेसमेंट एवं प्रथम फ्लोर की दुकानें तथा बुधवार एवं शुक्रवार को ग्राउण्ड फ्लोर एवं द्वितीय फ्लोर पर स्थित दुकानें, एक छोड़कर एक खोली जा सकेंगी।
बाजारों एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश:-शहरी क्षेत्र:-
ऽ पूरे शहर को थाना क्षेत्रों में विभाजित किया जाकर वर्तमान में यदि संयुक्त प्रवर्तन दल गठित हैं, तो उन दलों में संबंधित क्षेत्राधिकार वाले वाणिज्य कर विभाग, पुलिस एवं नगर निकाय के अधिकारियों को सम्मिलित किया जाए। यदि वर्तमान में किसी क्षेत्र में संयुक्त प्रवर्तन दल गठित नहीं हो, तो गठित किया जाए।

ऽ संयुक्त प्रवर्तन दल बाजारों की स्थिति के अनुसार जन अनुशासन कमेटी में व्यापार संघों के साथ विचार-विमर्श कर बाजारों को खोलने के बाद प्रतिदिन भीड़-भाड़ पर निगरानी रखेंगे। कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए जन अनुशासन कमेटी उत्तरदायी होगी। यदि व्यापक स्तर पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया तो, उक्त बाजार सात दिवस के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्र:-
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ऐसे तहसील/उपखण्ड मुख्यालय/पंचायत समिति मुख्यालय जहां आबादी अधिक है एवं दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान ज्यादा हैं, उन्हें खोले जाने की स्थिति में अधिक भीड़ का आना संभावित है। उक्त क्षेत्रों में बाजार एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने के लिए शहरी क्षेत्रों के अनुरूप ही व्यवस्था लागू होगी।

ऽ ऐसे गांव, जहां पर आबादी काफी है एवं दुकानों की संख्या भी पर्याप्त है, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कोर ग्रुप स्थानीय व्यापार संघ प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए जन अनुशासन कमेटी में बाजारों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकॉल के साथ बाजारों को खोलना सुनिष्चित करेंगे। यदि किसी दुकानदार द्वारा उक्त प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बाजारों को खोलने के लिए सुरक्षा मानक:-
ऽ बाजारों में जन-अनुशासन कायम रखने की जिम्मेदारी संबंधित जन अनुशासन कमेटी व्यापार मण्डल एवं दुकानदार की स्वयं की होगी। दुकानदार, दुकान के बाहर/अंदर गोले बनाकर ग्राहकों के बीच पर्याप्त दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग की पालना) बनाये रखने की व्यवस्था करेंगे।
ऽ दुकानदार एवं दुकान के काम करने वाले सभी कार्मिक कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना, सेनेटाईजेशन, परस्पर ग्राहकों से दूरी बनाये रखना इत्यादि की पालना करेंगे। जहां तक संभव हो, जन अनुशासन का पालन करते हुए लोग अपने नजदीकी दुकान से ही सामान खरीदें।

जन अनुशासन कमेटी व्यापार मण्डल, जिला प्रशासन/ग्राम स्तरीय कोर कमेटी/JETs Volunteers का एक (वॉट्सअप) ग्रुप बनाया जायेगा, जो बाजारों/दुकानों को खोलने के क्रमवार तरीके एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार के उल्लंघन की सूचना जिला प्रशासन एवं व्यापार मण्डल को देगा।

भीड़ भाड़ वाले बाजारों में अभय कमाण्ड सेंटर के माध्यम से भी निगरानी की जाएगी, ताकि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो।

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