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रविवार, 20 जून 2021

प्याज शरीर के लिए अमृत भी है तो विष भी

🌈 *_प्याज शरीर के लिए अमृत भी है तो विष भी, जानिए प्याज की स्वाभाविक विशेषताएं

प्याज धरती का एक कंद है जो अपनी तामसी गुणों के कारण एक विशेष गंध फैलाता है। प्याज लू, तापाघात सहित अनेकों बीमारियों की रामबाण औषधि भी है । पर प्याज के सेवन के पूर्व जान ले की आप द्वारा सेवन किया जा रहा प्याज वाकई आपके शरीर में लाभ पहुंचा रहा है या हानि।

*ताज़ा कटा प्याज ही खाए*
प्याज हमेशा तुरंत काट कर खाएं.
मानो या ना मानो यह पूर्णतया सत्य है.देर से कटी प्याज का कभी उपयोग ना करें. कटी रखी प्याज दस मिनिट में अपने आस पास के सारे कीटाणु अवशोसित कर लेती है.

यह वेज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है.

जब भी किसी मौसमी बीमारी का प्रकोप फैले घर में सुबह शाम हर कमरें में प्याज काट कर रख दें बाद में उसे फैंक दें सुरक्षित बने रहेंगें.

*प्याज के संबध में महत्वपूर्ण जानकारी.*

सन 1919 में फ्लू से चार करोड़ लोग मारे जा चुके थे, तब एक डॉक्टर कई किसानों से उनके घर इस प्रत्याशा में मिला कि वो कैसे इन किसानों को इस महामारी से लड़ने में सहायता कर सकता है. बहुत सारे किसान इस फ्लू से ग्रसित थे और उनमें से बहुत से मारे जा चुके थे.

डॉक्टर जब इनमें से एक किसान के संपर्क में आया तो उसे ये जान कर बहुत आश्चर्य हुआ, कि सारे गाँव के फ्लू से ग्रसित होने के बावजूद ये किसान परिवार बिलकुल स्वस्थ्य था.तब डॉक्टर को ये जानने की इच्छा जागी कि ऐसा इस किसान के परिवार ने सारे गाँव से हटकर क्या किया कि वो *इस भंयकर महामारी में भी स्वस्थ्य थे.* तब किसान की पत्नी ने उन्हें बताया कि उसने अपने मकान के दोनों कमरों में एक प्लेट में  छिली हुई प्याज रख दी थी तब डॉक्टर ने प्लेट में रखी इन प्याज को माइक्रोस्कोप से देखा तो उसे इस प्याज में उस घातक फ्लू के बैक्टेरिया मिले जो संभवतया इन प्याज द्वारा अवशोषित कर लिए गए थे और शायद यही कारण था कि इतनी बड़ी महामारी में ये परिवार बिलकुल स्वस्थ्य था, क्योंकि *फ्लू के वायरस इन प्याज द्वारा सोख लिए गए थे.*

जब मैंने अपने एक मित्र जो अमेरिका में रहते थे और मुझे हमेशा स्वास्थ्य संबधी मुद्दों पर  बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी भेजते रहते हैं, तब उन्होंने प्याज के संबध में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी/ अनुभव मुझे भेजा.उनकी इस बेहद रोचक कहानी के लिए धन्यवाद.

*जब मैं न्यूमोनिया से ग्रसित था और कहने की आवश्यकता नहीं थी कि मैं बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा था तब मैंने एक लेख पढ़ा था जिसमें ये बताया गया था कि प्याज को बीच से काटकर रात में न्यूमोनिया से ग्रस्त मरीज़ के कमरे में एक जार में रख दिया गया था और सुबह यह देख कर बेहद आश्चर्य हुआ कि प्याज सुबह कीटाणुओं की वज़ह से  बिलकुल काली हो गई थी*

*तब मैंने भी अपने कमरे में वैसे ही किया और देखा अगले दिन प्याज बिलकुल काली होकर खराब हो चुकी थी और मैं काफी स्वस्थ्य महसूस कर रहा था.*

कई बार हम पेट की बीमारी से दो चार होते है तब हम इस बात से अनजान रहते है कि इस बीमारी के लिए किसे दोषी ठहराया जाए. तब नि :संदेह प्याज को इस बीमारी के लिए दोषी ठहराया जा सकता है.

*प्याज बैक्टेरिया को अवशोषित कर लेती है यही कारण है कि अपने इस गुण के कारण प्याज हमें ठण्ड और फ्लू से बचाती है.*

*अत: वे प्याज बिलकुल नहीं खाना चाहिए जो बहुत देर पहले काटी गई हो और प्लेट में रखी गई हों. ये जान लें कि ... काट कर रखी गई प्याज बहुत विषाक्त होती हैं.*

जब कभी भी फ़ूड पॉइसनिंग के केस अस्पताल में आते हैं तो सबसे पहले इस बात की जानकारी ली जाती कि मरीज़ ने अंतिम बार प्याज कब खाई थी. और वे प्याज कहाँ से आई थीं ।(खासकर सलाद में )

*प्याज बैक्टेरिया के लिए चुंबक की तरह काम करती हैं खासकर कच्ची प्याज*

*आप कभी भी थोड़ी सी भी कटी हुई प्याज को देर तक रखने की गलती न करे ये बेहद खतरनाक हैं. यहाँ तक कि किसी बंद थैली में इसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी सुरक्षित नहीं है.*

प्याज ज़रा सी काट देने पर ये बैक्टेरिया से ग्रसित हो सकती है और आपके लिए खतरनाक हो सकती है. यदि आप कटी हुई प्याज को सब्ज़ी बनाने के लिए उपयोग कर रहें हो, तब तो ये ठीक है, लेकिन यदि आप कटी हुई प्याज अपनी ब्रेड पर रख कर खा रहें है तो ये बेहद खतरनाक है. ऐसी स्थिति में आप मुसीबत को न्योता दे रहें हैं. याद रखे कटी हुई प्याज और कटे हुए आलू की नमी बैक्टेरिया को तेज़ी से पनपने में बेहद सहायक होता है.

कुत्तों को कभी भी प्याज नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि प्याज को उनका पेट का मेटाबोलिज़ कभी भी नहीं पचाता.

*कृपया ध्यान रखे कि ...*
प्याज को काट कर अगले दिन सब्ज़ी बनाने के लिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत खतरनाक है यहाँ तक कि कटी हुई प्याज एक रात में बहुत विषाक्त हो जाती है क्योंकि ये टॉक्सिक बैक्टेरिया बनाती है जो पेट खराब करने के लिए पर्याप्त रहता है.

अजीनोमोटो : स्वाद बरगलाए बीमारियों को लाए जानिए इस खतरनाक केमिकल की हकीकत

अजीनोमोटो : स्वाद बरगलाए बीमारियों को लाए जानिए इस खतरनाक केमिकल की हकीकत

आज के युग में घर के बाहर खाना खाना कभी मजबूरी तो कभी आदत बन चुकी है। 

पर क्या पता है होटल के खाने का स्वाद इतना बढ़िया क्यों होता है? क्यों हमारा मन बाहर दावत उड़ाने को ललचाता है? क्यों पार्टियों में किए भोजन का आनंद कुछ ज्यादा ही आता है?

इन सबका कारण है *अजीनोमोटो* भोजन का जादूगर

*अजीनोमोटो* 
"दिमाग़ को पागल करने का मसाला"

*शादी-ब्याह* *दावतों* में भूल कर भी हलवाई को ना देवें !

*अजीनोमोटो का परिचय*

आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में, एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में 
*मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है,  का प्रयोग बहुत बढ़ गया है, बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है? 

*अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !

*ऐसा क्यू होता है*

इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं। 

यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। 

जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* नीबू, आम का अचार एवं खाना भी अच्छा महसूस होता है। 

*अजीनोमोटो के दुष्परिणाम*

चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से 
1-एलर्जी, 
2-पेट में अफारा, 
3-सिरदर्द, 
4-सीने में जलन, 
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन, 
6-माइग्रेन आदि हो सकते है। 

*अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘ *चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।

*जब ये खतरनाक है तो प्रतिबंध क्यों नहीं*

अमेरिका सहित बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है।

*फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है? 
 न मंगाये
*स्वस्थ भारत सबल भारत अभियान* की पाठकों से जोरदार अपील है कि दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा, 
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें। 
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए ! 
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें। 
*अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*
को देंगे  ????

नमक के बारे में रोचक तथ्य

नमक शारीरिक विकास के लिए जरूरी पर क्या नमक से जुड़े ये सत्य भी जानते है आप

"नमक के बारे में रोचक तथ्य"

किसी ने क्या खूब लिखा है “नमक की तरह हो गई है जिंदगी लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते है”. शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जिसने नमक का स्वादानुसार इस्तेमाल ना किया हो. हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा है नमक. आज हम आपको नमक के बारे में बेहद रोचक तथ्य बताने जा रहे है…

1. भारत नमक पैदा करने के मामले में विश्व में नंबर 3 पर है. भारत 70% नमक समुंद्र के पानी से बनाता है. 28% भूमिगत पानी से और 2% नमक झीलों के जल और नमक की चट्टानों से बनता है.

2. भारत में हर साल 24 मिलियन टन नमक का उत्पादन होता है और भारत को हर साल 18 मिलियन टन नमक की आवश्यकता होती है. 2020 तक भारत का लक्ष्य है 40 मिलियन टन नमक का उत्पादन करना.

3. भारत में जितने नमक का उत्पादन होता है उसका 35% ही खाने के लिए प्रयोग होता है.

4. भारत में सेंधा नमक का एकमात्र स्त्रोत हिमाचल प्रदेश में स्थित मंडी है.

5. भारत की आजादी से पहले नमक की इतनी कमी थी कि इसे दूसरे देशो से आयात करना पड़ता था. लेकिन आज भारत लगभग 20 देशों में 5 मिलियन नमक निर्यात करता है.

6. यदि सोडियम के कणों को क्लोरिन गैस के साथ मिला दिया जाए तो नमक बन जाएगा.
 
7. मनुष्य के शरीर की हर कोशिका में नमक होता है एक इंसान में लगभग 250 gm नमक होता है.

8. यदि उचित मात्रा में नमक खाया जाए तो यह हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है.

9. वैज्ञानिको के अनुसार नमक कभी खत्म नही हो सकता. क्योंकि समुंद्र कभी खत्म नही होंगे.

10. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण अंतरिक्ष यात्री भोजन पर नमक या मिर्च नहीं छिड़क सकते.

11. यदि भारत के समुंद्री तटों पर बेमौसम बारिश ज्यादा हो जाए तो नमक के उत्पादन में भारी कमी आ जाएगी.

12. अमेरिका में सिर्फ 6% नमक खाने के लिए प्रयोग होता है और 17% सड़को पर जमीं बर्फ को पिघलाने के लिए.

13. एक आदमी को एक दिन में सिर्फ 2-3 ग्राम नमक खाना चाहिए. लेकिन बढ़ते चाइनीज फूड के कारण भारतीय बच्चे कुछ ज्यादा ही नमक खाने लगे है.

14. ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.

15. दुनिया में सबसे पहले काला नमक भारत में बनाया गया था. अगर नमक के पानी में हरड के बीज घोल दिए जाए तो काला नमक बन जाता है.

16. ज्यादा नमक खाने से इंसान की मौत भी हो सकती है. दावा किया गया है कि अगर 100 kg वजन वाला इंसाम 100 gm नमक खा ले तो उसकी मौत हो सकती है.

17. पुराने समय में रोमन साम्राज्य में सिपाहियों को पैसे की जगह नमक दिया जाता था और जापान के सिनेमाघरों में भी फिल्म दिखाने से पहले नमक छिड़का जाता था.

18. पार्टी में या खाना खाने से पहले हम सलाद काटकर रख देते हैं, लेकिन खाना खाते वक्त सलाद फ्रेश नहीं लगता। इसके लिए आप सलाद परोसने से पहले नमक डाल दें। इससे सलाद फ्रेश भी रहेगा और टेस्ट भी बढ़ जाएगा.

19. दही में नमक डालकर खाने से दही गुणकारी नहीं रह जाता।

20.मनुष्य की जिव्हा के अगले हिस्से के दोनों तरफ नमकीन स्वाद कलिकाए होती है उन्ही के द्वारा नमक के स्वाद का प्ता चलता है।

21. दांत दर्द में नमक दांत पर नमक लगाने से दर्द दूर हो जाता है

22. शरीर की थकावट दूर करने या पैरो की मांसपेशियों में खिचाव या दर्द में गरम पानी में नमक डालकर सेक करने या पानी में पैर रखने से समस्या दूर हो जाती है।

23. नमक के गरारे करने पर गले की खराश,दर्द, टाउंसिल में राहत मिलती है।

24. नमक का कुल्ला करने पर मुंह के लगभग 75% कीटाणु मर जाते है।

25. नमक से फर्श साफ करने से कीड़े मकोड़े नहीं आते

26. बर्फ को पिघलने से बचाने के लिए नमक का प्रयोग किया जाता है।

27. कपड़ो पर पसीने के दाग रह जाते हैं, तो एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक डालकर पसीने के दाग पर लगाकर ब्रश या हाथ से रगड़ें. दाग अपने आप खत्म हो जाएंगे.

28. नए रंगीन कपड़ों को यदि पहली बार गरम पानी में नमक डालकर धोया जाए तो उनका रंग पक्का हो जाता है।

29. भारत इन देशों को नमक निर्यात करता है: जापान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, मलेशिया, संयुक्‍त अरब अमीरात, वियतनाम और कतर आदि.

30. और अंत में  ' सरदार मैंने आपका नमक खाया है ' नमक हरामी, नमक हलाल, जले पे नमक छिड़कना, नमक पर पहरा शक्कर सुनी, नमक सत्याग्रह ये शब्द भी जानिए।

जल चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक भाग

☘️ *_गर्म पानी बदल देगा आपकी जिंदगानी, मिलेगा स्वास्थ लाभ अपनाए इसे आज ही आप_*

*जल चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक भाग*

*लगातार 7 दिनों तक गर्म पानी पीने से होतें हैं ये 9 चमत्कारी फायदे, अगर जान लोगे तो हमेशा पियोगे.!*

पानी को अमृत कहा गया है वास्तव में पानी का कोई भी विकल्प भी नहीं है इस धरती पर और हमारे शरीर में 70% पानी है। पानी शरीर के लिए अति अनिवार्य है। पानी हमारे शरीर को बहुत सी खतरनाक बीमारियों से बचाता है। पानी हमारी त्वचा को मुलायम और चमकदार बनता है।
अगर हमें यह मालूम हो कि हमें किस समय कितना पानी पीना है, कैसे पानी पीना है तो हममे से किसी को भी सामान्य परिस्तिथि में डाक्टर के पास जाना ही ना पड़े।

यदि आप लगातार 7 दिन तक सुबह खाली पेट, खाना खाने के बाद गर्म पानी पीते है तो आपको इसके फायदे महसूस होने लगेंगे जिसके कारण आप इसको हमेशा पियेंगे।

*गर्म पानी क्यो पीना चाहिए*
मेडिकल साइंस के अनुसार नित्य सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से कब्ज और गैस जैसी पेट की तमाम समस्याएँ दूर रहती हैं।
लेकिन गर्म पानी पीना अति उत्तम है। गर्म पानी का सेवन करने से शरीर के तमाम विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।
रोजाना प्रात: एवं दिन में दो तीन बार गर्म पानी पिने से शरीर बिलकुल स्वस्थ रहता है, त्वचा चमकने लगती है।

युवावस्था में चेहरे पर मुंहासे, पिंपल्स, एक्ने, छोटे-छोटे दाने फुन्सियां निकलना एक आम बात है। अधिकतर कील मुंहासे तैलीय त्वचा पर निकलते हैं अत: चेहरे पर क्रीम तेल कोई चिकनाई युक्त पदार्थ न लगाऐं, ये हार्मोन की गड़बड़ी, त्वचा की सफाई न करने, पेट की खराबी से भी होते हैं।

कील मुंहासे ऐसी ही समस्या है जिसको लेकर लड़किया काफी परेशान रहती हैं क्योंकि यह समस्या आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। हालाकि अधिक उम्र में भी इस तरह की समस्या परेशान कर सकती हैं। दरअसल, मुंहासे त्वचा में जलन और पिंपल्स होने की स्थिति को कहते हैं। इन्हें हाथ से फो़ड़ने से चहरे पर निशान पड़ जाते हैं। मुंहासे खाने पीने की गलत आदत से भी होते हैं। कारण जब पेट अपना काम सही रूप से नहीं करता जिसकी वजह से जो भी टॉक्सिक बाहर आ जाना चाहियें वो नहीं आ पाता तथा रक्त में जहरीले पदार्थ फैल जाते हैं और वह इस रूप में बाहर निकलते हैं।

पिम्पल से बचने के लिए ऐसे भोजन जिनमें स्टार्च, प्रोटीन, वसा अधिक हो उनका सेवन करें।
मांस, सफेद चीनी, कड़क चाय, अचार, कॉफी, रिफाइंड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, मैदे से बनी चीजों से बचना चाहिए।
आप गर्म पानी पीने से त्वचा को कील मुंहासों और दाग-धब्बों से कैसे दूर रख सकते है।

*आइये जानते है गर्म पानी पीने के फायदों के बारे में...*

(1). पानी को उबालते हुए जब उसका चौथाई हिस्सा जल जाये अर्थात तीन हिस्सा पानी ही बचे तो ऐसा पानी पीना श्रेष्ठ है। ऐसा गर्म पानी का सेवन हमारे शरीर के वात, कफ और पित्त तीनो ही दोषों को समाप्त करता है।

(2). नित्य सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद गर्म पानी पीने से पेट की सभी समस्यायें खत्म होती है और गैस जैसी समस्याएं निकट भी नहीं आती हैं।

(3). गर्म पानी त्वचा के लिए रामबाण है। अगर आपको त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ रहती है, त्वचा में कील मुहांसे भी निकलते है तो नित्य सुबह शाम एक गिलास गर्म पानी चाय की तरह चुस्कियां लेते हुए पीना शुरू कर दें। इससे आपकी त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाएगी, कील मुहांसे नहीं होंगे, त्वचा चमकने लगेगी।

(4). नित्य गर्म पानी का सेवन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

(5). अगर कोई व्यक्ति पथरी की समस्या से परेशान हैं तो वह सुबह शाम दोनों समय भोजन करने के पश्चात एक गिलास गर्म पानी का सेवन अवश्य ही करें।

(6). गर्म पानी वजन घटाने में भी बहुत मददगार होता है, रोज़ सुबह खाली पेट गर्म पानी में 1/2 नींबू व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर स्लिम होता है।

(7). नित्य एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस, काली मिर्च व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है भूख भी खुलकर लगती है।

(8). बुखार में गर्म पानी पीना अधिक लाभदायक होता है।

(9). जुकाम में गर्म पानी पीने से बहुत आराम मिलता है, इससे कफ और सर्दी शीघ्र दूर होते हैं।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन

साइबर क्राइम और डिजिटली धोखाघड़ी से ऐसे बचे आप और शिकार हुए तो यू करे शिकायत


डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म का संचालन किया है. इस नंबर पर पीड़ित इंटरनेट बैंकिंग समेत ऑनलाइन फाइनेंस से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

हेल्पलाइन को 01 अप्रैल, 2021 को सॉफ्ट लॉन्च किया गया था. हेल्पलाइन नंबर 155260 और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा चालू किया गया है. वर्तमान में इसका उपयोग सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) द्वारा 155260 के साथ किया जा रहा है, जो देश की 35 प्रतिशत से अधिक आबादी को कवर करता है.

अपने सॉफ्ट लॉन्च के बाद से दो महीने के कम समय में ही इस हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज किए गए शिकायतों के आधार पर 1.85 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है. वहीं दिल्ली और राजस्थान में जांच के दौरान कई खाते सीज किए गएं और 58 लाख रुपये और 53 लाख रुपये रिकवर किए गए.

ऐसे काम करता है सिस्टम

हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते ही इसकी जानकारी संबंधित वित्तीय संस्थानों तक पहुंचा दी जाती हैं. यह फ्रॉड ट्रांजेक्शन टिकट जिस वित्तीय संस्थान से पैसा कटा (डेबिट हुआ) है और जिन वित्तीय संस्थान में गया (क्रेडिट हुआ) है. दोनों के डैशबोर्ड पर नजर आएगा. जिस बैंक/वॉलेट में टिकट दिया गया होता है. उसे फ्रॉड ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए जांच करनी होती है. इसके बाद ट्रांजेक्शन को टेम्पोरेरी ब्लॉक कर दिया जाता है.

साथ ही पीड़ित को एक एसएमएस भी भेजा जाता है, जिसमें कंप्लेन संख्या का उपयोग करके 24 घंटे के भीतर धोखाधड़ी का पूरा विवरण राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) पर जमा करने का निर्देश दिया जाता है.


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