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रविवार, 11 जुलाई 2021

आपके खाते में किसी ने पैसे उड़ा लिया तो तुरंत इस नंबर पर करें फोन, मिनटों में होगी कार्रवाई।


आपके खाते में किसी ने पैसे उड़ा लिया तो तुरंत इस नंबर पर करें फोन, मिनटों में होगी कार्रवाई।

जैसे-जैसे ऑनलाइन का प्रचलन बढ़ रहा है, साइबर फ्रॉड की घटनाओं में भी तेजी देखी जा रही है. जालसाजी करने वाले लोगों ने अपना एक संगठित गिरोह बना लिया है. इस गिरोह का काम है बेगुनाह लोगों को झांसे में लेकर ठगना. इस ठगी में बैंक अकाउंट से पैसे उड़ाना सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. जुर्म की दुनिया में दिनोदिन बढ़ती इन घटनाओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है और एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. साइबर फ्रॉड के शिकार लोग इस नंबर पर तुरंत फोन करें तो फौरन कार्रवाई होती है.

बैंक या और भी किसी तरह का साइबर अपराध होता है, तो आप हेल्पलाइन नंबर 155260 पर फोन कर सकते हैं. फोन कर किसी भी घटना की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

अभी यह हेल्पलाइन नंबर पायलट प्रोजेक्ट में चल रहा है और सिर्फ 7 राज्यों में अमल में आया है. जिन राज्यों में अभी यह हेल्पलाइन नंबर चल रहा है, उनमें छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. सरकार इस हेल्पलाइन की सुविधा को जल्द ही पूरे देश में लागू करने वाली है.

कैसे काम करता है हेल्पलाइन नंबर

हेल्पलाइन नंबर शिकायत करने के बाद उसे रियल टाइम में पुलिस और जांच एजेंसियों से साझा किया जाएगा. ऑनलाइन नंबर इस बात की सुविधा देता है कि जो भी शिकायत हो, उस पर मिनटों में कार्रवाई शुरू हो जाए. इस घटना की जानकारी सभी एजेंसियों से साझा होती हैं ताकि घटना के तार को जोड़ने में दिक्कत न आए. फिलहाल इस हेल्पलाइन और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म में सभी प्रमुख सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक शामिल हैं. इन बैंकों के खाताधारक के साथ अगर कोई धोखाधड़ी या साइबर अपराध होता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू की जा सकेगी. गृह मंत्रालय के तहत हेल्पलाइन 155260 और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन (आई4सी) की ओर से शुरू किया गया है. इस प्लेटफॉर्म पर भारतीय रिजर्व बैंक, सभी बड़े बैंकों, पेमेंट बैंक, वॉलेट और ऑनलाइन कारोबारी शामिल हैं.

7 राज्यों में हुई शुरुआत

अभी देश के जिन 7 राज्यों में इसे शुरू किया गया है, उन राज्यों में देश की लगभग 35 फीसद आबादी बसती है. इस हिसाब से 35 फीसद लोगों के पास साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत और कार्रवाई के लिए एक उचित प्लेटफॉर्म दे दिया गया है. सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में इसे अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाएगा. साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं जिस हिसाब से तेजी से बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए काफी अरसे से ऐसे किसी ‘डेडिकेटेड प्लेटफॉर्म’ की मांग की जा रही थी. इस हेल्पलाइन नंबर के शुरू होते ही शिकायतों का अंबार लगना शुरू हो गया है. लोग अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं और उसी के मुताबिक कार्रवाई भी हो रही है.

ये सभी बैंक इससे जुड़े

शुरुआत के बाद दो महीने की छोटी अवधि में ही हेल्पलाइन 155260 से फर्जीवाड़े की 1.85 करोड़ रुपये की रकम जालसाजों के हाथों में जाने से रोकने में मदद मिली है. जो रकम गई है, उसकी वसूली का पूरा इंतजाम किया जा रहा है. ऐसे भी प्रबंध किए गए हैं कि रकम जालसाजों के हाथों में जाने से पहले ही रोक दी जाए.

हेल्पलाइन और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म से सभी बड़े सरकारी और निजी बैंक जुड़े हैं जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक आदि शामिल हैं. इसमें पेटीएम, फोनपे, मोबिक्विक, फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसे पेमेंट और वॉलेट प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं.

क्या वास्तव में अकबर उतना ही महान था जितना हमारे स्कूल की किताबों में लिखा गया है?




क्या वास्तव में अकबर उतना ही महान था जितना हमारे स्कूल की किताबों में लिखा गया है?


मीना बाजार एक घटना थी, जो विशेष रूप से कमांडरों की महिलाओं के लिए थी, और शहरों के लिए। आगरा किले के परिसर में मीना बाजार में नूरोज़ मेले का भी आयोजन किया गया था जहाँ अकबर और कुछ अन्य उल्लेखनीय पुरुषों को आमंत्रित किया गया था। नौरोज़ मेले में, मुगल पुरुषों की खुशी के लिए सुंदर लड़कियों को लेने की परंपरा थी।


एक बार अकबर ने एक महिला किरण देवी को इस आयोजन के दौरान पाया और उसकी सुंदरता की प्रशंसा की। यह जानने के बावजूद कि वह उनके सहयोगी शक्ति सिंह की बेटी थी, उन्होंने उसका पीछा किया।

अकबर ने किरण का पीछा किया और अकेले होने पर उसका रास्ता रोक दिया। अकबर ने उसके साथ एक रात बिताने की पेशकश की। किरण देवी ने खुद को पृथ्वीराज राठौर की पत्नी के रूप में पेश किया, जो अकबर के नौ रत्नों में से एक थी।

फिर भी अकबर अपनी वासना को नियंत्रित नहीं कर सका। वह किरण के करीब गया। अगले ही पल वह तुरंत अकबर की ओर उछली और खंजर उसके सीने से निकाल लिया। उसने अपने पैरों से अपनी छाती को दबाते हुए अकबर से कहा।


मैं मेवाड़ की राजकुमारी हूँ। मैं दुश्मन को मार दूंगी, या मर जाऊगी, लेकिन कभी समर्पण नहीं करुँगी। हम मेवाड़ी हैं जो जौहर की चिता में कूदते हैं, बजाय आत्मसमर्पण के अपमान में पड़ने के।

अकबर किरण से इसकी उम्मीद नहीं कर रहा था और उसने तुरंत क्षमा माँग ली। किरण देवी ने एक शर्त रखी कि नौरोज़ मेला फिर कभी आयोजित नहीं किया जाएगा। अकबर इस पर सहमत हो गया और इस तरह उसने उसे क्षमा कर दिया। अकबर मुंह पर चुप्पी और शर्म के साथ चला गया। एक व्यक्ति जो महिलाओं का सम्मान नहीं करता है वह कभी महान नहीं हो सकता है।

डिटोल के टीवी के एड्स में एक कीटाणु क्यों बच जाता है?

इसमें वक्त लगता है, जो कि i)जीवाणुओं के प्रकार, ii)जीवाणुओं की संख्या और iii)एंटीसेप्टिक आदि की सांद्रता ((concentration) पर निर्भर करता है और यह आधा मिनट से लेकर 3 घंटे तक हो सकता है। प्रियोन्स (Prions) और बैक्टीरियल स्पोर्स को मारना या निष्प्रभावी करना सबसे मुश्किल होता है।[1]

  1. सामान्य सतहों से जीवाणुओं को हटाने के लिए डिसइनफेक्टेंट का प्रयोग किया जाता है ।
  2. जीवित प्राणियों में इसी कार्य को करने हेतु ( जीवाणुओं को हटाने ) एंटीसेप्टिक का प्रयोग किया जाता है। एंटीसेप्टिक में डिसइनफेक्टेंट के गुण तो होते ही हैं लेकिन यह मानव त्वचा को हानि नहीं पहुंचाता है।[2] [3]

आम जीवन में देखें तो फिनोल , लिजोल आदि डिसइनफेक्टेंट हैं और डेटोल, सेवलोन और बीटा डीन आदि एंटीसेप्टिक हैं।

हालाँकि, सबसे पहला एंटीसेप्टिक फिनॉल (अन्य नाम कार्बोलिक एसिड) ही था जिसे इंग्लैंड के सर्जन जोसफ लिस्टर ने खोजा था और 1867 में लैंसेट मेडिकल जर्नल में छापा था। [4]

लिस्टर विश्व के पहले एंटीसेप्टिक फिनॉल(कार्बोलिक एसिड) का छिड़काव आपरेशन टेबल पर करते हुए। (चित्र स्रोत JSTOR लिंक नीचे )

अब यह भी आश्चर्यजनक है कि चिकित्सा जगत ने इस खोज को मानने से इंकार कर दिया और काफी प्रतिरोध हुआ।

यहाँ तक कि 1881 में अमेरिका के 20वे[5] राष्ट्रपति जेम्स हारफील्ड जब गोलियों से जख्मी हुए तो अमेरिका के डॉक्टरों ने बिना अपने हाथों पर एंटीसेप्टिक का प्रयोग किए और सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स को बिना स्टरलाइज किए ही जख्म को हैंडल किया और 11 सप्ताह बाद उनकी मृत्यु हो गई।

खैर, सवाल पर वापिस आते हुए - 1 जीवाणु/कीटाणु को जीवित ही छोड़ देना - डेटोल कंपनी के लिए कोर्ट में सहायक है क्योंकि वे कह सकते हैं कि शत प्रतिशत (100%) मारने का हमने तो कोई दावा ही नहीं किया था। वैसे हकीकत में 1 से ज्यादा बच जाते हैं। [6] [7]

अन्य स्रोत: Joseph Lister's Antiseptic Revolution | JSTOR Daily

© लेखक

फुटनोट

[2] Antiseptics and Disinfectants: Activity, Action, and Resistance[3] What Is Antiseptic: Antiseptic vs. Disinfectant, Uses, and Safety[4] Joseph Lister's Antiseptic Revolution | JSTOR Daily[5] The Assassination of President James A. Garfield[6] What 0.1% is left when you kill 99.9% of germs with soap?[7] What Does "Kills 99.9% of Germs" REALLY Mean?

आंतों को बिल्कुल साफ करने का तरीका


आंतों को बिल्कुल साफ करने का क्या तरीका है जिससे सारा कूड़ा, मिट्टी, गंदगी सब बाहर निकल‌ जाए?


1 एनिमा




एनिमा चिकित्सा की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत पीड़ित व्यक्ति के गुदा द्वार के माध्यम से निचली आंत में तरल पदार्थ को इंजेक्ट किया जाता है।

एनिमा क्रिया में, गुदा द्वार के माध्यम से आंतों में तरल पदार्थ डाल कर कब्ज का इलाज किया जाता हैं। यह तरल पदार्थ ठोस मल को नरम करता है, जबकि एनिमा नोजल गुदा द्वार को ढीला करती है। इस क्रिया के कारण आंत में हलचल होती है।

एनिमा का सबसे अधिक उपयोग कब्ज से छुटकारा पाने और चिकित्सा जाँच या प्रक्रिया से पहले आंत को साफ करने के लिए होता है।

आम तौर पर कब्ज से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए अंतिम उपाय के रूप में एनिमा की सिफारिश की जाती है। कब्ज वाले लोगों को एनिमा क्रिया से राहत प्रदान की जा सकती है।

2 पेठे का रस पीना

इसका जूस पीने से आंतों में जमी गंदगी को चुंबक की भांति खींच कर बाहर निकाल देता है


कुम्हडा़ (पेठा)
पेठा फल कद्दू वर्गीय प्रजाति का होता है, इसलिए इसे पेठा कद्दू भी कहते हैं. यह हल्के हरे रंग का होता है और लंबे व गोल आकार में पाया जाता है. इस फल के ऊपर हल्के सफेद रंग की पाउडर जैसी परत चढ़ी होती है.

यह कद्दू से थोड़ा छोटा सफेद रंग का फल होता है. इसके कच्चे फल से सब्जी और पके हुये फल से हलवा और पेठा मिठाई (मुरब्बा) बनाए जाते हैं. इसका लेटिन नाम बेनिनकासा हिष्पिड़ा है।

3 कपाल भारती


4 सुबह उठकर पानी पीना


धन्यवाद ।

डार्क वेब का एक्सेस

डार्क वेब का एक्सेस करने के लिए आपको किसी की अनुमति नहीं टेक्नोलॉजी चाहिए होती है। टेक्नोलॉजी जो आपको इंटरनेट की इस अँधेरी दुनिया में ले जाए और सुरक्षित भी रखे। सामान्य सर्च इंजन जैसे-कि गूगल; याहू; बिंग; डक डक गो इत्यादि और वेब ब्राउज़र यथा- क्रोम; एज; मोजिला इत्यादि डार्क वेब का एक्सेस नहीं दे सकते क्योंकि यहाँ उपस्थित वेबसाइट्स का डोमेन .com न होकर .onion होता है, जिन्हें एक्सेस करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं जिनमें से एक तो है टोर, द अनियन राऊटर 

डार्क वेब में स्वयं को सुरक्षित रखना अति आवश्यक है क्योंकि डार्क वेब वह जगह है जहाँ हर प्रकार के अवैध काम होते हैं, हो सकता है जब आप डार्क वेब की सैर पर हों तो वहां आप स्वयं को डिस्काउंट रेट पर बिकते हुए देखें। कहने का तात्पर्य है कि बुरे हैकर्स लोगों से उनका निजी डाटा चुराकर डार्क वेब पर बेचने के लिए डाल देते हैं और लोग इसे खरीदते भी हैं।

डार्क वेब पर जाना खतरे से खाली नहीं होता यहाँ हानिकारक सॉफ्टवेयर की भरमार होती है जो वेबपेजेस के पीछे छिपे होते हैं, गलती से आपने किसी ऐसे पेज पर क्लिक कर दिया तो वह मैलवेयर आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकता है।

यहाँ यदि आपने सावधानी नहीं रखी तो आपकी पहचान चोरी हो सकती है, इसीलिए यहाँ जाने के लिए छद्म नाम चाहिए होता है।

वैसे भी आम आदमी को डार्क वेब में जाने की क्या आवश्यकता! यह तो हैकर; लॉ इंफोर्स्मेंट एजेंसी; जासूस और अपराधियों इत्यादि के लिए है। सरफेस वेब में ही बहुत सारा कंटेंट भरा पड़ा है उसका आनंद लीजिए।

अपनी दुकानों पर सीसी कैमरा अवश्य लगाएं और धोखाधड़ी से बचें

 सभी दुकानदार भाइयों यह वीडियो देखो और अपनी दुकानों पर हो सके तो सीसी कैमरा अवश्य लगाएं और धोखाधड़ी से बचें लड़कियां और औरतें दुकानदार भाइयों पर हावी है धन्यवाद वीडियो जाए से ज्यादा शेयर करें



भारत की एक भेंट से पुरा जाॅर्जिया भावुक कैसे हो गया

 भारत की एक भेंट से पुरा

जाॅर्जिया भावुक कैसे हो गया ......




भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जाॅर्जिया के यात्रा पर हैं। पुराने समय से यह देश अपने भौगोलिक स्थिति के कारण इस्लाम और ईसाइयत के अखाड़े का ऐतिहासिक गवाह रहा है। जब जयशंकर रानी केतेवन के अवशेषों को जाॅर्जिया के विदेश मंत्री डेविड जलकलियानी को सौंप रहे थें तो स्थिति सामान्य ही थी लेकिन जैसे ही अवशेष को चर्च में ले जाया गया और ईसाई पादरियों ने उसका दर्शन करना शुरू किया और अवशेषों को थोङी दूर चूमना शुरू किया और उसके सामने टखनों पर झुकना शुरू किया तो पुरा माहौल भावुकता से भर गया। पुरे जाॅर्जिया में टीवी चैनल पर यह क्लिप वायरल हो गया और बहुत हद तक पुरा जाॅर्जिया भावुक सा हो गया। यह कहानी है 400 वर्ष पुराने इस्लामिक जघन्यता को पुनः नंगा करने की और उसपर विश्व के करोड़ों लोगों के प्रतिक्रिया की।

कौन थी शहीद रानी केतेवन?? हर हिंदू को क्यों उनकी कहानी जानना चाहिए??

शहीद केतेवन (1540 - 13 सितंबर, 1614) पूर्वी जॉर्जिया के एक राज्य काखेती की रानी थी। वह 1605 से 1614 तक अपने बेटे तीमुराज़ प्रथम की अल्पव्यस्क उम्र के दौरान काखेती की रीजेंट थी। काखेती पर ईरानियों यानी सफ़ावीद वंश का दबदबा था। सफ़ावीद (ईरान) के इस्लामिक सेनापतियों द्वारा रानी केतेवन को ईसाई धर्म को छोड़कर इस्लाम अपनाने से इनकार करने के कारण लंबे समय तक यातनाएँ दी गई, बाद में शिराज, ईरान में लाकर उनकी जघन्य तरीके से तङपा तङपाकर हत्या कर दी गई। जॉर्जियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च द्वारा केतेवन को अपने धर्म के प्रति निष्ठा के कारण संत के रूप में स्वीकार किया गया है।

कहते हैं समय सच्चाई की परत खोल देती है।

2008 में यह पता चला कि पुर्तगाल के लिस्बन के ग्राका कॉन्वेंट में फारस में शहीद हुए रानी केतवन की शहादत का हुबहू चित्रण करने वाला एक पुराना चित्र कई सदियों से कांवेंट का धुल फांक रहा था। यह चित्रकारी पुर्तगाली ऑगस्टिनियन मिशनरियों द्वारा उनकी शहादत के दृश्यों पर आधारित था, जिन्होंने उनकी मृत्यु को करीब से देखा था। पैनोरमिक टाइलवर्क यानी यह मनोरम दृश्य वाला चित्रकारी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था और खबर लगते ही जॉर्जिया ने इसके मरम्मत के लिए हज़ारों यूरो की पेशकश की। 2017 में, केतेवन की शहादत के पुर्तगाली चित्रण की एक हुबहू नकल का जॉर्जिया में अनावरण किया गया और शैतो मुखरानी(जगह) में प्रदर्शित किया गया। अक्टूबर 2017 में, जॉर्जिया के राष्ट्रपति जियोर्गी मार्गवेलशविली ने पुर्तगाल की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान ग्राका कॉन्वेंट में रानी केतेवन के भित्ति चित्र का दौरा किया, यह जाॅर्जिया द्वारा पहली बार अपनी विरासत को पाने की चाह की शुरूआत भर दी। यह कार्य  जारी रहा और पुर्तगाली कॉन्वेंट और जॉर्जिया के संस्कृति मंत्रालय की सांस्कृतिक विरासत संरक्षण की राष्ट्रीय एजेंसी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। अब जाॅर्जिया की भूख रानी केतेवन की विरासत को लेकर बढ़ती जा रही थी। वहाँ के चर्चों ने लगातार सरकार पर इस विषय को लेकर दबाव सा बनाए रखा।

गोवा का पुर्तगालीयों से रिश्ता!

गोवा को पुर्तगालीयों ने 1510 में ही जीत लिया था। यह भारत में सिकंदर लोदी का समय था।

भारत से क्या है रानी केतेवन का रिश्ता??

जॉर्जियाई लोगों के लिए रानी केतेवन के महत्व ने पिछले दशकों के दौरान विशेष रूप से गोवा में एक अवशेष खोजकर्ताओं की टोली ने कार्य करना शुरू किया दरअसल पुर्तगाल से एक काफी पुराना दस्तावेज मिला था जिसमें ईरान से रानी केतेवन के शरीर के कुछ अवशेषों को लाकर भारत के गोवा में पत्थर के कलश में डालकर रखने का उल्लेख था।

 1989 के बाद से, जॉर्जिया से आने वाले विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के साथ मिलकर गोवा के ओल्ड गोवा में ऑर लेडी ऑफ ग्रेस के ऑगस्टिनियन कॉन्वेंट के खंडहरों के भीतर केतेवन की कब्र का पता लगाने की काफी कोशिश की। ये प्रयास विफल रहा क्योंकि टीमें पुर्तगाली दस्तावेजों की सही व्याख्या करने में असमर्थ ही रही और लोकेशन मिलने के बावजूद सही जगह की खोज नहीं हो पाई, लेकिन इतना पक्का था की केतेवन के दफन शारीरिक अवशेषों का सुराग तो मिल ही चुका था। उस ऐतिहासिक स्रोतों में बताया गया था कि केतेवन की हथेली और बांह की हड्डी के टुकड़े ऑगस्टिनियन कॉन्वेंट के चैप्टर चैपल के भीतर एक आकर्षक खिड़की के नीचे एक पत्थर के कलश के अंदर रखे गए थें। समय बीतता गया और खोज जारी रहा।

अंततः मई 2004 में पुर्तगाली दस्तावेज में वर्णित चैपल और खिड़की भारत के विदेशी नागरिक और वास्तुकार सिद्ध लोसा मेंदीरत्ता और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, गोवा-सर्कल के प्रमुख पुरात्तवविद् निज़ामुद्दीन ताहेर के संयुक्त प्रयास से खोज लिया गया। हालांकि दस्तावेज में बताया गया पत्थर का कलश गायब था, लेकिन पुर्तगाली स्रोतों में उल्लिखित खिड़की के पास का उल्लेखित पत्थर और हड्डी के कई टुकड़े थोङी खुदाई करने पर वहीं पाए गएं लेकिन अभी एक और शोध बाकि था, वह यह की हड्डी के डीएनए जाँच से ही यह स्पष्ट होगा की यह हड्डी कौन से मानव की प्रजाति की है और क्या यह स्त्री की हड्डी है या पुरूष की••

फिर से विज्ञान का सहारा लिया गया।

सीएसआईआर(CSIR) - सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी(CCMB) हैदराबाद, भारत के डॉ. नीरज राय, मानवेंद्र सिंह और डॉ. ज्ञानेश्वर चौबे ने माइटोकॉन्ड्रियल के अनुक्रमण और जीनोटाइपिंग द्वारा सेंट ऑगस्टाइन कॉन्वेंट से खोदे गए इस मानव अस्थि अवशेषों पर प्राचीन डीएनए विश्लेषण किया। अवशेषों की जांच में एक असामान्य एमटीडीएनए हापलोग्रुप यू1बी का पता चला, जो भारत में अनुपस्थित है यानी भारत मे हापलोग्रुप यू1बी के लोग नहीं रहते।

शोध के दौरान यह स्पष्ट हो गया की यह हापलोग्रुप जॉर्जिया और आसपास के क्षेत्रों में मौजूद है। चूंकि आनुवंशिक विश्लेषण पुरातात्विक और साहित्यिक साक्ष्य की पुष्टि करता है, इसलिए संभावना थी कि खुदाई की गई हड्डी जॉर्जिया की रानी केतेवन की है।

एक अड़चन और यह थी जिस पत्थर के कलश का उल्लेख किया गया था उसमें दो यूरोपीय मिशनरियों, तपस्वी जेरोनिमो दा क्रूज़ और तपस्वी गुइलहर्मे डी सैंटो एगोस्टिन्हो के भी कुछ अवशेष थें और वो भी यूरोप से ही थें लेकिन पुरूष थें।

इसलिए, निर्णायक परिणाम प्राप्त करने के लिए परीक्षण किए गए टुकड़ों के लिंग और प्रकार की हड्डी का निर्धारण करना महत्वपूर्ण हो गया। "अतिरिक्त परीक्षणों ने पुष्टि की कि U1b की मिली हुई हड्डी एक महिला की ही है, अंततः 2013 में यह साबित हो गया कि 2005 में दो टुकड़ों में मिली हड्डी जॉर्जियाई रानी केतेवन की ही है"

2017 में भारत और जॉर्जिया के बीच राजनयिक संबंधों का जश्न मनाते हुए, अवशेषों को छह महीने की अवधि के लिए जॉर्जिया भेजा दिया गया था लेकिन संधि के अनुसार पुनः भारत वापस ले आ गया था, शायद यह धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों घटनाओं का सबसे बेहतरीन मिलन कहा जा सकता है।

औपचारिक रूप से भारत-जॉर्जियाई राजनयिक संबंध के पच्चीस वर्ष पुरा होने के अवसर पर 10 जुलाई 2021 को भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की पहली यात्रा के दौरान जॉर्जियाई विदेश मंत्री के माध्यम से पूरे सांस्कृतिक और पारंपरिक समारोह के दौरान जॉर्जिया के लोगों को भारत के द्वारा रानी केतेवन की अवशेष सौंप दी गई।

कहते हैं कहानियाँ दफन नहीं होती, हमारे आस-पास ही जिंदा रहती है। बस सीखने की जरूरत है जाॅर्जिया के लोगों से और हमलोंगो को अपने अंदर थोङा सा झांकने की भी जरूरत है।

हमारा कोहिनूर ब्रिटेन में है, हजारों मूर्तियां ब्रिटेन और अन्य देशों में है और हमारे हजारों विरासत की पहचान को हमने अपने देश में ही कभी खोजने की कोशिश नहीं की। जेम्स प्रिंसेप न होता तो शायद हम महान सम्राट अशोक से भी अनभिज्ञ ही रहते। हमारे मंदिरों को ढ़ाहकर बने ज्ञान व्यापी मस्जिद (बनारस) और अटाला मस्जिद (जौनपुर) जैसे ढ़ाचों की हजारों दिवारें तो हर दिन सिसकती होगी अपने मुक्ति के लिए।

सभ्यता के इस संघर्ष में हम आखिर कहाँ खङे हैं यह सोचना होगा!! शायद दूर-दूर तक नहीं फिर भी राम मंदिर का संघर्ष कुछ तो साहस दे ही जाती

हिन्दुओं की आस्था के लिये सरकार द्वारा किये गये/किये जा रहे काम


*जरा गौर से पढ़ लीजिये,  क्रॉस-चेक भी कर लिजिये, फिर भी कुछ कमी रह गई हो या छूट गया हो तो भाई कृपया पूरा कर दीजियेगा*
🙏

*"हिन्दुओं की आस्था के लिये सरकार द्वारा किये गये/किये जा रहे काम  जिसकी जानकारी हर हिन्दू के पास होनी चाहिये - 


📌 जो कभी असंभव लगता था,वहाँ श्रीराम मंदिर" बन रहा है
📌 "काशी विश्वनाथ कॉरिडोर" बन रहा है
📌 "विंध्याचल कॉरिडोर" बन रहा है
📌 "चार धाम को रेल रोड हवाई कनेक्टिविटी" से जोड़ रहे हो
📌 "धारा 370 और 35ए" हटा रहे हो
📌 "CAA" ला रहे हो
📌 4 वर्षों से यूपी में "रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों/महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा" करवा रहे हो
📌 "श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा" करवा रहे हो
📌 यूपी में "रंगोत्सव, दीपोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव" धूमधाम से मना रहे हो
📌 अयोध्या में लाखों "दीप जलवाकर" विश्व रिकॉर्ड बनवा रहे हो
📌 "दिव्य कुंभ भव्य कुंभ" का सफल आयोजन करवा रहे हो
📌 "अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, चित्रकूट, विंध्याचल" का विकास और सौंदर्यीकरण करवा रहे हो
📌 "रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट" बनवा रहे हो
📌 "कैलाश मानसरोवर भवन" बनवा रहे हो
📌 "लव जिहाद के खिलाफ" कानून बना रहे हो
📌 "जबरन धर्मांतरण के खिलाफ" कानून बना रहे हो
📌 "दंगे के खिलाफ वसूली" का सख्त कानून बना रहे हो
📌 सदियों से बंद "अक्षय वट, सरस्वती कूप" को श्रद्धालुओं के लिए खुलवा रहे हो
📌 "अकबर किले में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित" करवा रहे हो
📌 "रामेश्वरम को रामसेतु से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज" बनवा रहे हो
📌 "रामायण एक्सप्रेस" चलवा रहे हो
📌 अयोध्या में "रामायण म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 अयोध्या में "251 मीटर ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा" बनवा रहे हो
📌 "अयोध्या से जनकपुरी (नेपाल) तक बस सेवा" शुरू करवा रहे हो
📌 मथुरा में "कृष्ण लीला म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 "विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भागवत गीता का अनावरण" कर रहे हो
📌 "बहरीन में 200 साल पुराने कृष्ण मंदिर का पुनरुद्धार" करवा रहे हो
📌 "84 कोस परिक्रमा मार्ग 4 लेन" का बनवा रहे हो
📌 "केदारनाथ धाम का पुनरोद्धार"
📌 "कैलाश मानसरोवर तक रोड" बनवा रहे हो
📌 "कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए 1 लाख की सब्सिडी" दे रहे हो
📌 काशी में "काशी विश्वनाथ वर्चुअल म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 "माता वैष्णो देवी को रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी" से जोड़ रहे हो
📌 "भैरो बाबा तक रोप-वे सेवा" शुरू करवा रहे हो
📌 "वाराणसी से कटरा तक वन्दे भारत ट्रेन" चलवा रहे हो
📌 "नमामि गंगे के तहत गंगा सफाई अभियान" चलवा रहे हो
📌 "जेलों में जन्माष्टमी का आयोजन" करवा रहे हो
📌 "अयोध्या में रामलीला का मंचन" करवा रहे हो
📌 "नवरात्रि में कन्या भोज का आयोजन" करवा रहे हो
📌 "फैजाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम "अयोध्या जी" कर रहे हो
📌 "इलाहाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज" कर रहे हो
📌 "भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विभिन्न प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार" करवा रहे हो
📌 "आबू धाबी में पहले भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण" करवा रहे हो
📌 "गौवंश के संरक्षण" के लिये योजनाएं चला रहे हो
📌 "विभिन्न वैश्विक मंचो से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा" दे रहे हो 
📌 "संस्कृत यूनिवर्सिटी की स्थापना" करवा रहे हो
📌 "योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्व में स्थापित" कर रहे हो
📌 "राष्ट्रीय गोकुल मिशन" शुरू कर रहे हो
📌 "राष्ट्रीय कामधेनु आयोग" का गठन कर रहे हो
📌 "कुंभ यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल" करवा रहे हो
📌 "विश्व के नेताओ को गीता, रामायण भेंट" कर रहे हो
📌 "बेसहारा गोवंशों के लिए कार्पस फंड की व्यवस्था" कर रहे हो 
📌 यूपी में "प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी छात्र छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग" सुविधा उपलब्ध करवा रहे हो
📌 "4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 59,000 करोड़ रुपए से अधिक की पोस्ट मैक्ट्रिक छात्रवृत्ति योजना" शुरू कर रहे हो

*"सबका विश्वास जीतने कि कोशिश कर  रहे हो"
पर कुछ कृतघ्न  हिन्दू हमेशा सवाल पूछते रहते हैं- 
मोदी -  योगी सरकार ने पिछले 7 वर्षों में क्या कुछ किया है।

           _*???*_

हिन्दुओं को बरगलानें वाले  पत्रकार,  बिके हुये बुद्धिजीवी और धर्म के ठेकेदार यह सब देख सुनकर परेशान हो गये हैं, लिख रहे हैं मोदी सरकार ने 7 सालों हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया है।

*आप इस सन्देश को देशभर में फैलाईये और हिंदुत्व के सच्चे सारथी बनिये।*

*🔱 हर हर महादेव 🔱*

आप सब इस सन्देश को अपने सभी मित्रों ,परिवार वालों या जो कोई भी हमारी विचारधारा से जुड़ना चाहता है उसके पास पहुंचाने का कष्ट करें।

_*💯% हिन्दूओं का 💯% असमंजस और शंका दूर करें।*_

_*(ये तो आगाज है भाईयो , आगे साथ देंगे तभी अंजाम तक पहूंच पायेंगे - धेर्य रखें और विश्वास करें।)*_
और चीजों को जानने समझने की कोशिश भी करें। 

🕉️🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
     🔱 हर हर महादेव 🔱
          🌹धन्यवाद 🌹

शनिवार, 10 जुलाई 2021

New Guidelines- अब रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 11:00 बजे से लागू होगा


New Guidelines
- अब रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 11:00 बजे से लागू होगा
- प्रस्ताव रात 10:00 बजे तक खुल सकेंगे
- विवाह स्थल पर बैंड बाजा की अनुमति होगी
- कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी अभी भी बंद रहेगी
- नई गाइडलाइन कल से ही लागू हो रही है यानी वीकेंड कर्फ्यू खत्म।


माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से 27-28-32 उम्र की कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं


*समाज की आज की परिस्थिति को उजागर करता एक लेख* 
 
 *माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से  27-28-32 उम्र  की  कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं* 

 *अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती है।* 
 
*हमारा समाज आज बच्चों के विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस मे रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं।*
        
*समाज में आज 27-28-32 उम्र तक की बहुत सी कुँवारी लडकियाँ घर बैठी है क्योंकि इनके सपने हैसियत से भी बहुत ज्यादा है इस प्रकार के कई उदाहरण है।*
*ऐसे लोगो के कारण समाज की  छवि बहुत खराब हो रही है।*
*सबसे बडा मानव सुख,*
*सुखी वैवाहिक जीवन होता है।*
*पैसा भी आवश्यक है।*
 *लेकिन कुछ हद तक।*
*पैसे की वजह से अच्छे रिश्ते ठुकराना गलत है।* *पहली प्राथमिकता सुखी संसार व अच्छा घर-परिवार होना चाहिये।*
*ज्यादा धन के चक्कर मे अच्छे रिश्तों को नजर-अंदाज करना गलत है।* *"संपति खरीदी जा सकती है लेकिन गुण नही।"*
*मेरा मानना है कि घर-  परिवार और लडका अच्छा देखें लेकिन ज्यादा के चक्कर मे अच्छे रिश्ते हाथ से नही जाने दें।*
*सुखी वैवाहिक जीवन जियें।*
*30 की उम्र के बाद विवाह नही होता समझौता होता है और मेडिकल स्थिति से भी देखा जाए  तो उसमें बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती है।*
*"आज उससे भी बुरी स्थिति कुंडली मिलान के कारण हो गई हैं।"*
*आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है लेकिन घर और लड़का अच्छा नहीं और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं वहां कुण्डली नहीं मिलती और हम सब कुछ अच्छा होने के कारण भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैं,*
*आप सोच के देखें जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36 /36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन मे तकलीफें हो रही है।*
*क्योंकि हमने लडके के गुण नही देखे।*
*"कुंडली मिलान के गुण देखे।"*
*"पंडितों ने पढे लिखे आधुनिक समाज को एक सदी और पीछे धकेल दिया कुंडली मिलान, कुण्डली मिलान इस चक्कर में अच्छे रिश्ते नही हो पा रहे हैं।*
*और ये कुन्डली का बिज़नेस आज करोड़ों रुपए का हो गया है,*
*सुबह टेलीविजन चालू करते ही पण्डित जी आपका भविष्य बताने लग जाते है और उनको खुद के भविष्य का पता नहीं होता कि उनकी बेटा या बेटी की आगे स्थिति क्या होंगी।"*
*आजकल समाज में लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के में) चौबीस टंच का सोना खरीदने जाते है,*
*देखते-देखते चार पांच साल व्यतीत हो जातें है,*
*उच्च "शिक्षा" या "जॉब" के नाम पर भी समय व्यतीत कर देते हैं।*
*लड़के देखने का अंदाज भी समय व्यतीत का अनोखा उदाहरण हो गया है?*
*खुद का मकान है कि नही?*
*अगर है तो फर्नीचर कैसा है?*
*घर में कमरे कितने हैं?*
*गाडी है की नही?*
*है तो कौनसी है?*
*रहन-सहन, खान-पान कैसा है?*
*कितने भाई-बहन हैं?*
*बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं?*
*बहन कितनी हैं,*
*उनकी शादी हुई है कि नहीं?*
*माँ-बाप का स्वभाव कैसा है?*
*घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्यालात के हैं कि नही?*
*बच्चे का कद क्या है?*
*रंग-रूप कैसा है?*
*शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है?*
*लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं?*
*उसके कितने दोस्त हैं?*
*सब बातों पर पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है।*
*हालात को क्या कहे माँ -बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर।*
*फिर चार-पाँच साल कि यह दौड़-धूप बच्चों की जवानी को बर्बाद करने के लिए काफी है।*
*इस वजह से अच्छे रिस्ते हाथ से निकल जाते हैं।*
*और माँ-बाप अपने ही बच्चों के सपनों को चूर चूर-चूर कर देते हैं।*
*"एक समय था जब खानदान देख कर रिश्ते होते थे।"*
*वो लम्बे भी निभते थे।* *समधी-समधन में मान मनुहार थी।*
*सुख-दु:ख में साथ था।*
*रिश्ते-नाते कि अहमियत का अहसास था।*
*चाहे धन-माया कम थी मगर खुशियाँ घर-आँगन में झलकती थी।*
*कभी कोई ऊँची-नीची बात हो जाती थी तो आपस में बड़े-बुजुर्ग संभाल लेते थे।*
*तलाक शब्द रिश्तों में था ही नही,*
*दाम्पत्य जीवन खट्टे-मीठे अनुभव में बीत जाया करता था।*
*दोनों एक-दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनते थे।*
*और पोते-पोतियों में संस्कारो के बीज भरते थे।*
*अब कहां हैं वो संस्कार?* 
*आँख की शर्म तो इतिहास हो गई।*
 *नौबत आ जाती है रिश्तों में समझौता करने की।*
*लड़का-लड़की अपने समाज के नही होंगे तो भी चलेगा,*
*ऐसी बातें भी सामने आ रही है।*
*आज समाज की लडकियाँ और लड़के खुले आम दूसरी जाति की तरफ जा रहे है और दोष दे रहे हैं कि समाज में अच्छे लड़के या लड़कियाँ मेरे लायक नही हैं।*
*कारण लडकियाँ आधुनिकता की पराकाष्ठा पार कर गई है।*
*"जब ये लड़के-लड़कियाँ मन से मैरिज करते है तब ये कुंडली मिलान का क्या होता हैं तब तो कुंडली की कोई बात नहीं होती‌"*
*यही माँ बाप सब कुछ मान लेते हैं।*
*तब कोई कुण्डली, स्टेटस, पैसा, इनकम बीच में कुछ भी नही आता।*
*अगर अभी भी माँ-बाप नही जागेंगे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो जाएगी।*
*समाज के लोगो को समझना होगा लड़कियों की शादी 22-23-24 में हो जाये और लड़का 25-26 का हो।*
*"सब में सब गुण नही मिलते।"*
*पीतल घर में मत लाओ।*
*घर, गाड़ी, बंगला से पहले व्यवहार तोलो।*
*माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में बह रहे है ।*
*पैसे की भागम-भाग में मिलों पीछे छूट गए हैं, रिश्ते-नातेदार।*
*टूट रहे हैं घर परिवार।* *सूख रहा है प्रेम और प्यार।*
*परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा तमाशा किया है कि आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी "संस्कार"।*
*"समाज को अब जागना जरूरी है"*
*"अन्यथा रिश्ते ढूढते रह जाएंगे।"*
                     *धन्यवाद*
                          🙏🙏

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