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गुरुवार, 15 जुलाई 2021

जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के नए सत्र के अध्यक्ष पद का चयन


जय महेश , 
दिनांक 11 जुलाई 2021 रविवार को पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन के अंतर्गत आने वाले जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के इस सत्र के अध्यक्ष पद का चयन सर्व सहमती से हुआ । काफ़ी समय से लगभग निष्क्रिय रहे इस जिला संगठन  के अध्यक्ष पद का चयन काफ़ी समय की कड़ी मेहनत के बाद हो सका जिसमें प्रदेश के संगठन मंत्री एवं जलोर सिरोही जिला संगठन के प्रभारी श्री वरुण जी बंग का विशेष सहयोग रहा । सुबह 11  बजे से शुरू हुई इस बैठक में युवाओं का उत्साह देखने को बनता था । चुनावी उत्साह के बीच काफ़ी नाम आए परंतु शाम 6 बजे समाज हित को ध्यान मे रखते हुए सभी ने  सुरेश जी राठी पुत्र शीशपाल दास जी के नाम पर सहमती जताई । बैठक में जालोर सिरोही माहेश्वरी जिलासभा के अध्यक्ष श्रीमान महानंद जी सारडा , मंत्री रमेश जी , पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन से महेश नवमी महोत्सव समन्वयक एवं चुनाव समिति सहयोगी जितु जी गाँधी , प्रदेश संगठन मंत्री एव चुनाव पर्यवेक्षक वरुण जी बंग , चुनाव अधिकारी एवं महासभा कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र जी माहेश्वरी , प्रदेश उपाध्यक्ष हितेश जी राठी , निवर्तमान जिला अध्यक्ष मनोज जी माहेश्वरी के साथ साथ हर तहसील से काफ़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति थी ।
दिनेश राठी 
प्रदेश अध्यक्ष 
पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन

बुधवार, 14 जुलाई 2021

क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

जागो भारत जागो

भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसकी संस्कृति संपूर्ण विज्ञान पर आज भी खरी उतरती है लेकिन यहां के लोग इतने भोले हैं जिन्हें आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। इसी का जीता जागता एक उदाहरण है साईं भक्ति। अंग्रेजी काल में महारानी लक्ष्मी बाई को, झांसी की जो रानी थी उनको मरवाने में साईं के पिताजी की पूरी भूमिका बताई जाती है वह पहले तो लुटेरे थे, पकडे जाने पर अंग्रेजी जासूस बन गये। ठीक उसी तरीके से साईं भी  अपने पिताजी को इस क्षेत्र की जानकारी देते थे और उनके द्वारा अफगान लुटेरे यहां से लूटपाट करके ले जाते थे।  फिर भी साईं को भगवान बना दिया गया। एक षड्यंत्र के अंतर्गत वामपंथी मीडिया बहुत ही शरारती तरीके से इस देश को तोड़ने के इस देश की संस्कृति के नुकसान पहुंचाने के सारे उपाय खोजता है। उसी का परिणाम है आइए जानते हैं साईं के बारे में। अंग्रेजी काल का महा अपराधी भगवान कैसे बन गया ?

आज तक मैंने कभी किसी ग्रन्थ में सांई का प्रमाण नही देखा।
इसलिए सभी सांंई भक्तों से कुुछ प्रश्न ?

साई भक्तों से प्रश्न ?

1.क्या साई ने भगवान श्री राम की तरह राक्षसों का नाश किया ?

2. क्या साई ने श्री कृष्ण की तरह  संसार को गीता का ज्ञान दिया ?

3. क्या साई ने शिव की तरह विषपान कर विश्व की रक्षा की ?

4. क्या साई ने किसी ग्रन्थ या महाकाव्य की रचना की ?

5. क्या साई ने श्रवण कुमार जैसे अपने माता पिता की सेवा की ?

6. क्या साई चैतन्य महाप्रभु जैसा हिन्दुओ के भगवान के भक्त था ?

7. क्या साई ने गुरु गोविंद सिंह जी की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

8. क्या साई ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

9. क्या साई ने महाराणा प्रताप जैसे मुस्लिम आक्रांताओ से लोहा लेकर मातृभूमि की रक्षा की?

10. क्या साई ने  भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव ,
राजगुरु आदि अन्य क्रांतिकारियों की तरह आजादी की लड़ाई मे अपना योगदान दिया ?

11. गायत्री मंत्र भी साईं के नाम पर और राम के नाम के आगे भी साई लगाते हैं जब तुम्हारे साई अकेले कल्याण करने में समर्थ हैं तो उसे "भगवान राम " की जरूरत क्यों है ?


12. वेद मंत्रों में साई को स्थापित किए जाने के लिए क्यों हेर-फेर किया जा रहा है ?

13. साई के नाम पर हिन्दू धर्म को भ्रमित और विकृत क्यों किया जा रहा है ?
14. एक जिहादी साई को शिव जी और भगवान विष्णु की तरह हिन्दू देवताओं के रूप में चित्रित किया जाना क्या हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है ?

15. इससे हम करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, उस पर साई भक्त क्या कहना चाहेंगे ?
16. क्या साई भगवान राम से भी बड़ा हो गया है ?
17. उन्हें ब्रह्मांड नायक क्यों बनाया जा रहा है...क्या उन्होंने ब्रह्मांड की रचना की है ?

18. क्या वह राजाधिराज था ?
19. वह परब्रह्म था ?
20. वह सच्चिदानंद था.???
21. क्या आप ऐसा लिख सकते हो कि 'साई अल्लाह' थे, अगर नहीं,तो फिर उन्हें 'परब्रह्म' लिखने का अधिकार किसने दिया ?


22. मंदिरों में साई की मूर्ति क्यों लगाई जा रही है ?

23. हिन्दू धर्म के देवी - देवताओं की मूर्तियां छोटी होती जा रही हैं… और साई की मूर्ति बड़ी ?


24. हिन्दू मंदिरों में जान-बूझकर जो साई बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही है क्या वह उचित है ?

25. साई का चित्र पहले शिव जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता था ,

आजकल प्रभु राम और हनुमान जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता है, क्या यह षड्यंत्र या मनमानी हरकत नहीं है ?

26. साई के नाम पर मनमाने मंदिर, आरती,चालीसा और
तमाम तरह के कर्म कांड निर्मित किए गए हैं, क्या यह उचित है?

27. क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

28. पहले साई को दत्तात्रेय का अवतार बताया गया, फिर विरोध होने पर कबीर नामदेव, पांडुरंग, अक्कलकोट का महाराज ?





29. अंत में शिव जी का अवतार इसलिए घोषित किया गया, क्योंकि शिवजी को भी चित्रों में चिलम पीते हुए दर्शाया गया है ?
30. उसके बाद आजकल तो साई सभी देवी-देवताओं के अवतार होने लगे क्यों ?
31. अब उन्हें रामावतार बताया जा रहा है क्यों ?
32. क्या " सबका मालिक एक " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
33. क्या " श्रद्धा और सबुरी " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
34. क्या चाँद साई के नाम के आगे ॐ लगाना उचित है?
35. क्या वो संसार का स्वामी है ?
36. उसे मोहम्मद का अवतार क्यों नही बताया जाता!
जबकि उसे हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है ?
37. उसे अल्लाह का अवतार क्यों नही बतायाजाता ?
38. चाँद साई को जीजस का अवतार क्यों नही बताया जाता ?
क्या इसका कोई ठोस जवाब है कि....उन्हें भगवान बनाने के लिए हिन्दुओं के अवतारों का ही सहारा क्यों लिया जा रहा है ...?
साई हर रोज नमाज पढ़ता था मगर सनातनी ग्रंथ कभी पढने नही दिया।
साई मांस युक्त प्रसाद बांटता था।

साईं कुश्ती में पहलवान से हार गया था। साई के समय मे अकाल पड़े छ लाख लोग मरे | साई नही बचा पाया।

साई के समय भारतीय आजादी की लड़ाई लड रहे थे साई ने क्या किया जबकि भगवान ने जब भी अवतार लिया … तो बुराई को पूरी तरह समाप्त किया। *आप जैसे साई भक्तों को*... अगर इन सवालों के जबाब नहीं मिले तो... वे खुद ही सोच लें कि... वह किस लायक है?

क्या साईं बाबा चांद मिया थे? |
chand miya urf sai baba




धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो !! 🚩जय जय श्री राम🚩

नाभी खिसकना


*नाभी खिसकना*



नाभी खिसकना Nabhi sarakna या धरण जाना Dharan आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचार पद्धति का एक हिस्सा है।नाभि टलने या हटने से शरीर में कई प्रकार की समस्या पैदा हो सकती है जो कोई दवा लेने से ठीक नहीं होती।

नाभि को मानव शरीर का केंद्र माना जाता है। नाभि स्थान से शरीर की बहत्तर हजार नाड़ियों जुड़ी होती है। अपने स्थान से सरक जाने से पैदा हुई समस्या नाभि को पुनः अपने स्थान पर लाने पर ही ठीक होती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति इसे माने या ना माने लेकिन आज भी इस पद्धति से हजारों लोग ठीक होकर लाभ प्राप्त कर रहे है।

*नाभि खिसकने के कारण* पेट दर्द , कब्ज , दस्त , अपच आदि होने लगते है। यदि नाभि का उपचार ना किया जाये तो शरीर में कई प्रकार की अन्य परेशानियाँ पैदा हो सकती है।

जैसे दाँत , बाल , आँखें प्रभावित हो सकते है , मानसिक समस्या पैदा हो सकती है। डिप्रेशन हो सकता है। अतः नाभि का  पुनः अपने स्थान पर आना आवश्यक होता है।

*नाभि खिसकना और कारण* 

यदि पेट की मांसपेशियां कमजोर होती है तो नाभि खिसकने की समस्या ज्यादा होती है । दैनिक जीवन के कार्य करते समय शरीर का संतुलन  सही नहीं रह पाने के कारण नाभि खिसक सकती है। इसके अलावा शरीर की मांस पेशियों पर एक तरफ अधिक भार पड़ने से भी धरण चली जाती है , गोला सरक जाता है । पेट पर बाहरी या अंदरूनी दबाव नाभि टलने का कारण हो सकता है। सामान्य कारण इस प्रकार है :-

—  असावधानी से दाएं या बाएं झुकना।

—  संतुलित हुए बिना अचानक एक हाथ से वजन उठाना।

—  चलते हुए अचानक ऊंची नीची जगह पर पैर पड़ना।

—  खेलते समय गलत तरीके से उछलना।

—  तेजी से सीढ़ी चढ़ना या उतरना।

—  ऊंचाई से छलांग लगाना।

—  पेट में अधिक गैस बनना।

—  पेट में किसी प्रकार की चोट लगना।

—  स्कूटर या मोटर साइकिल चलाते समय झटका लगना।

—  गर्भावस्था में पेट पर आतंरिक दबाव ।

—  तनाव।

—  बचपन से किसी कारण से नाभि खिसकी हुई हो।

*नाभि खिसकने की जाँच* 

नाभि टलने या खिसकने का पता लगाने के बहुत आसान तरीके होते है। इनको जानकर आप भी नाभि खिसकने या धरण जाने का पता कर सकते है। थोड़े से अनुभव के बाद तुरंत पता  चल जाता है। अधिकतर पुरुष की नाभि बायीं तरफ तथा स्त्रियों की नाभि दायीं तरफ खिसकती है।

नाभी के खिसकने का पता करने की विधि इस प्रकार है :-
( 1 )

सीधे खड़े हो जाएँ। दोनों पैर पास में सीधे रखें। अपने दोनों हाथ सीधे करें। हथेलियां खुली रखकर इस तरह समानांतर रखें की दोनों छोटी अंगुलीयां  (Little Finger ) पास में रहें। हथेली की रेखा मिलाते हुए छोटी अंगुली  (Little Finger ) की लंबाई चेक करें। यदि छोटी अंगुलियां की लंबाई में फर्क नजर आता है यानि कनिष्ठा अंगुलियां छोटी बड़ी नजर आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 2 )

पुरुष की नाभि चेक करने के लिए एक धागे से उसकी नाभि और एक छाती के केन्द्रक के बीच की दूरी नापें। अब नाभि से दूसरी छाती के केन्द्रक की दूरी नापें। यदि नाप अलग अलग आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 3 )

सुबह खाली पेट चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ। हाथ और पैर सीधे रखें। हथेलियाँ जमीन की तरफ रखें। अब अंगूठे से नाभि पर हल्का दबाव डालकर स्पंदन चेक करें। यदि स्पंदन नाभि पर महसूस होता है तो नाभि सही है। यदि स्पंदन नाभि के स्थान पर ना होकर नाभि से  ऊपर , नीचे , दाएं या बाएं महसूस होता है तो नाभि अपने स्थान से खिसकी हुई है।

*जिस प्रकार कलाई पर अंगूठे के नीचे नाड़ी देखने पर स्पंदन महसूस होता है। इसी प्रकार का स्पंदन नाभि पर महसूस होता है।* 

( 4 )

सीधे पीठ के बल लेट जाएँ। दोनों पैर पास में लाएं यदि पैर के अंगूठे ऊपर नीचे दिखाई दें तो नाभि अपने स्थान से हटी हुई है।

*नाभि खिसकने से नुकसान* 

*नीचे* यदि नाभि नीचे की ओर खिसक गई है तो दस्त , अतिसार , पेचिश आदि की समस्या हो जाती है।

*ऊपर* : नाभि के ऊपर की तरफ खिसकने पर कब्ज रहने लगती है। गैस अधिक बनती है। इसके कारण लंबी अवधि में फेफड़ों की समस्या , अस्थमा , डायबिटीज आदि बीमारियां हो सकती है।

*बायें* : बाईं और खिसकने पर सर्दी , जुकाम , खाँसी , कफ आदि की समस्या बार बार हो सकती है।

*दायें*: दायीं तरफ खिसकने पर लीवर पर असर पड़ सकता है। एसिडिटी हो सकती है , अपच या अफारा हो सकते है।

*गहरी* : यदि नाभि अधिक गहराई में यानी नीचे महसूस हो तो व्यक्ति कितना भी खाये शरीर कृशकाय ही बना रहता है।

*नाभि को ठीक करने के उपाय*

नाभि खिसके या गोला सरके हुए अधिक समय नहीं हुआ हो तो नीचे दिए गए तरीके अपनाने से जल्द वापस अपनी जगह आ जाती है। यदि समय अधिक हो गया हो तो थोड़ा अधिक प्रयास करना पड़ता है। खुद से लाभ ना हो तो किसी अनुभवी से नाभि सही करवानी चाहिए।

कुछ लोग खुद का पेट तेल लगा कर मसल कर नाभि सही करने का प्रयास करते है ,जो उचित तरीका नहीं है। पेट को मसलना नहीं चाहिए।

*यहाँ जो नाभि ठीक करने के तरीके दिए गए है उनमे से अपनी शारीरिक अवस्था के अनुसार नाभि को वापस अपनी जगह ला सकते है।* 

(1 )

जिस हाथ की छोटी अंगुली की लंबाई कम हो उस हाथ सीधा करें। हथेली ऊपर की तरफ हो।  अब इस हाथ को दुसरे हाथ से कोहनी के जोड़ के पास से पकड़ें। अब पहले वाले हाथ की मुट्ठी कस कर बंद करें। इस मुट्ठी से झटके से अपने इसी तरफ वाले कंधे पर मारने की कोशिश करें। कोहनी थोड़ी ऊंची रखें।  ऐसा दस बार करें।

अब अंगुलियों की लंबाई फिर से चेक करें। लंबाई का फर्क मिट गया होगा। यानि नाभि अपने स्थान पर आ गई है। यही ऐसा नहीं हुआ तो एक बार फिर से यही क्रिया दोहराएं।

( 2 )

सुबह खाली पेट सीधे पीठ के बल चटाई या योगा मेट पर लेट जाएँ। दोनों पैर पास में हो और सीधे हो। हाथ सीधे हो और कलाई जमीन की तरफ हो। अब धीरे धीरे दोनों पैर एक साथ ऊपर उठायें। इन्हें लगभग 45 ° तक ऊँचे करें। फिर धीरे धीरे नीचे ले आएं। इस तरह तीन बार करें। नाभि सही स्थान पर आ जाएगी। यह उत्तानपादासन कहलाता है।

( 3 )

सुबह खाली पेट योगा मेट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। अब एक पैर को मोड़ें और दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें। दूसरा पैर सीधा ही रखें। जिस प्रकार शिशु अपने पैर को पकड़ कर पैर का अंगूठा मुँह में डाल लेते है उसी प्रकार आप पैर को पकड़ें।

अब पैर के अंगूठे को धीरे धीरे अपनी नाक की तरफ बढ़ाते हुए नाक से अड़ाने की कोशिश करें। सर को थोड़ा ऊपर उठा लें। अब धीरे धीरे पैर सीधा कर लें। यह एक योगासन है जिसे पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कहते है


इसी प्रकार दुसरे पैर से यही क्रिया करें। इस प्रकार दोनों पैरों से तीन तीन बार करें। फिर एक बार दोनों पैर एक साथ मोड़ कर यह क्रिया करें। नाभि अपनी सही जगह आ जाएगी।

यदि आपकी मांस पेशियाँ कमजोर है तो बार बार नाभि खिसक सकती है , गोला खिसक सकता है । अतः थोड़ा व्यायाम आदि करके उन्हें मजबूत करें। दोनों पैर के अंगूठे में मोटा काला धागा बांध कर रखने से नाभि बार बार नहीं खिसकती है।

*मालिश करवाना*
नाभि खिसकने पर घर के बुजुर्गों द्वारा इसको ठीक करने के लिए मालिश का सुझाव सबसे पहले दिया जाता है। कुछ लोगों को नाभि पर मालिश करके इसको सही जगह पर लाने का तरीका मालूम होता है। नाभि खिसकने पर मसाज या मालिश करने से यह समस्या ठीक हो जाती है, परंतु यह मसाज किसी विशेषज्ञ द्वारा ही करवानी चाहिए, नहीं तो आपको अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मसाज के दौरान पैरों पर भी मालिश की जाती है, जिससे पैरों के एक्युप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। इसमें मालिश करने वाला व्यक्ति अपने हाथों की छोटी अंगूली और अंगूठों के अलावा अन्य तीन अंगूलियों से मसाज करता है। *इस उपाय में पूरी तरह से प्रशिक्षित व्यक्ति से ही मसाज करवानी चाहिए, यदि नाभि गलत जगह पर पहुंच जाए तो इससे सांस भी रूक सकती है।* 

 *सौंफ*
10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं। 2-3 दिन इसका सेवन करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*सरसों का तेल*
3-4 दिन तर लगातार सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूदें नाभि में डालें। इससे नाभि धीरे-धीरे अपनी जगहें पर आनी शुरू हो जाएगी।

*आंवला*
सूखें आंवले को पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर नाभि के चारों तरफ बांधकर रोगी को 2 घंटा जमीन पर लेटा दें। दिन में 2 बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*आसन*
नाभि को उसकी जगहें पर लाने के लिए आप पेट के आसन भी कर सकते है। इससे धरण जल्दी ठीक हो जाती है।

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आपकी खूबसूरती ओर स्वस्थ का रखते है ख्याल 
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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

जगन्नाथपुरी धाम में आज भी ठाकुर जी को सर्वप्रथम मारवाड़ की करमा बाई का भोग लगता है


सुदूर उड़ीसा के जगन्नाथपुरी धाम में आज भी ठाकुर जी को सर्वप्रथम मारवाड़ की करमा बाई का भोग लगता है :- 

मारवाड़ प्रांत का एक जिला है नागौर। नागौर जिले में एक छोटा सा शहर है ..... मकराणा 

यूएन ने मकराणा के मार्बल को विश्व की ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया हुआ है .... ये क्वालिटी है यहां के मार्बल की ....

लेकिन क्या मकराणा की पहचान सिर्फ वहां का मार्बल है ?? ....

जी नहीं ....

मारवाड़ का एक सुप्रसिद्ध भजन है ....

थाळी भरकर ल्याई रै खीचड़ो ऊपर घी री बाटकी ....
जिमों म्हारा श्याम धणी जिमावै करमा बेटी जाट की ....
माता-पिता म्हारा तीर्थ गया नै जाणै कद बै आवैला ....
जिमों म्हारा श्याम धणी थानै जिमावै करमा बेटी जाट की ....

मकराणा तहसील में एक गांव है कालवा .... कालूराम जी डूडी (जाट) के नाम पे इस गांव का नामकरण हुआ है कालवा ....

कालवा में एक जीवणराम जी डूडी (जाट) हुए थे भगवान कृष्ण के भक्त .... जीवणराम जी की काफी मन्नतों के बाद भगवान के आशीर्वाद से उनकी पत्नी रत्नी देवी की कोख से वर्ष 1615 AD में एक पुत्री का जन्म हुआ नाम रखा .... करमा ....

करमा का लालन-पालन बाल्यकाल से ही धार्मिक परिवेश में हुआ .... माता पिता दोनों भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे घर में ठाकुर जी की मूर्ति थी जिसमें रोज़ भोग लगता भजन-कीर्तन होता था....

करमा जब 13 वर्ष की हुई तब उसके माता-पिता कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए समीप ही पुष्कर जी गए .... करमा को साथ इसलिए नहीं ले गए कि घर की देखभाल, गाय भैंस को दुहना निरना कौन करेगा .... रोज़ प्रातः ठाकुर जी के भोग लगाने की ज़िम्मेदारी भी करमा को दी गयी ....

अगले दिन प्रातः नन्हीं करमा बाईसा ने ठाकुर जी को भोग लगाने हेतु खीचड़ा बनाया (बाजरे से बना मारवाड़ का एक शानदार व्यंजन) .... और उसमें खूब सारा गुड़ व घी डाल के ठाकुर जी के आगे भोग हेतु रखा ....

करमा;- ल्यो ठाकुर जी आप भोग लगाओ तब तक म्हें घर रो काम करूँ ....

करमा घर का काम करने लगी व बीच बीच में आ के चेक करने लगी कि ठाकुर जी ने भोग लगाया या नहीं .... लेकिन खीचड़ा जस का तस पड़ा रहा दोपहर हो गयी ....

करमा को लगा खीचड़े में कोई कमी रह गयी होगी वो बार बार खीचड़े में घी व गुड़ डालने लगी ....

दोपहर को करमा बाईसा ने व्याकुलता से कहा ठाकुर जी भोग लगा ल्यो नहीं तो म्हे भी आज भूखी रहूं लां ....

शाम हो गयी ठाकुर जी ने भोग नहीं लगाया इधर नन्हीं करमा भूख से व्याकुल होने लगी और बार बार ठाकुर जी की मनुहार करने लगी भोग लगाने को ....

नन्हीं करमा की अरदास सुन के ठाकुर जी की मूर्ति से साक्षात भगवान श्री-कृष्ण प्रकट हुए और बोले .... करमा तूँ म्हारे परदो तो करयो ही नहीं म्हें भोग क्यां लगातो ?? ....

करमा;- ओह्ह इत्ती सी बात तो थे (आप) मन्ने तड़के ही बोल देता भगवान ....

करमा अपनी लुंकड़ी (ओढ़नी) की ओट (परदा) करती है और हाथ से पंखा झिलाती है .... करमा की लुंकड़ी की ओट में ठाकुर जी खीचड़ा खा के अंतर्ध्यान हो जाते हैं ....

करमा का ये नित्यक्रम बन गया ....

रोज़ सुबह करमा खीचड़ा बना के ठाकुर जी को बुलाती .... ठाकुर जी प्रकट होते व करमा की ओढ़नी की ओट में बैठ के खीचड़ा जीम के अंतर्ध्यान हो जाते ....

माता-पिता जब पुष्कर जी से तीर्थ कर के वापस आते हैं तो देखते हैं गुड़ का भरा मटका खाली होने के कगार पे है .... पूछताछ में करमा कहती है .... म्हें नहीं खायो गुड़ ओ गुड़ तो म्हारा ठाकुर जी खायो ....

माता-पिता सोचते हैं करमा ही ने गुड़ खाया है अब झूठ बोल रही है ....

अगले दिन सुबह करमा फिर खीचड़ा बना के ठाकुर जी का आह्वान करती है तो ठाकुर जी प्रकट हो के खीचड़े का भोग लगाते हैं ....

माता-पिता यह दृश्य देखते ही आवाक रह जाते हैं ....

देखते ही देखते करमा की ख्याति सम्पूर्ण मारवाड़ व राजस्थान में फैल गयी ....

जगन्नाथपुरी के पुजारियों को जब मालूम चला कि मारवाड़ के नागौर में मकराणा के कालवा गांव में रोज़ ठाकुर जी पधार के करमा के हाथ से खीचड़ा जीमते हैं तो वो करमा को पूरी बुला लेते हैं ....

करमा अब जगन्नाथपुरी में खीचड़ा बना के ठाकुर जी के भोग लगाने लगी .... ठाकुर जी पधारते व करमा की लुंकड़ी की ओट में खीचड़ा जीम के अंतर्ध्यान हो जाते ....

बाद करमा बाईसा का जगन्नाथपुरी में ही देहावसान हो गया ....

(1) जगन्नाथपुरी में ठाकुर जी को नित्य 6 भोग लगते हैं .... इसमें ठाकुर जी को तड़के प्रथम भोग करमा रसोई में बना खीचड़ा आज भी रोज़ लगता है ....

(2) जगन्नाथपुरी में ठाकुर जी के मंदिर में कुल 7 मूर्तियां लगी है .... 5 मूर्तियां ठाकुर जी के परिवार की है .... 1 मूर्ति सुदर्शन चक्र की है .... 1 मूर्ति करमा बाईसा की है ....

(3) जगन्नाथपुरी रथयात्रा में रथ में ठाकुर जी की मूर्ति के समीप करमा बाईसा की मूर्ति विद्यमान रहती है .... बिना करमा बाईसा की मूर्ति रथ में रखे रथ अपनी जगह से हिलता नहीं है! 

साभार 🙏

आज का पंचांग 13 जुलाई 2021

.                 *।। ॐ ।।* 
      🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
 📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5123
विक्रम संवत्.......................2078
शक संवत्..........................1943
रवि...............................उत्तरायण
मास................................आषाढ़
पक्ष...................................शुक्ल
तिथी............................ ...तृतीया
प्रातः 08.23 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
सूर्योदय...........प्रातः 05.50.10 पर
सूर्यास्त...........संध्या 07.15.22 पर
सूर्य राशि...........................मिथुन
चन्द्र राशि.............................सिंह
गुरु राशि.............................कुम्भ
नक्षत्र...................................मघा
रात्रि 03.35 पर्यंत पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग..................................सिद्धि
दोप 02.39 पर्यंत पश्चात व्यतिपात
करण.................................गरज
प्रातः 08.23 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु..................................ग्रीष्म
दिन................................मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
13 जुलाई सन 2021 ईस्वी ।

⚜️  *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.05 से 12.58 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोप 03.51 से 05.31 तक । 

☸ शुभ अंक.....................4
🔯 शुभ रंग...................सफ़ेद

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मिथुन*
03:35:47 05:50:25
*कर्क*
05:50:25 08:11:28
*सिंह*
08:11:28 10:29:08
*कन्या*
10:29:08 12:45:48
*तुला*
12:45:48 15:05:40
*वृश्चिक*
15:05:40 17:24:37
*धनु*
17:24:37 19:28:58
*मकर*
19:28:58 21:11:34
*कुम्भ*
21:11:34 22:39:16
*मीन*
22:39:16 24:04:27
*मेष*
24:04:27 25:39:56
*वृषभ*
25:39:56 27:35:47  

🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.12 से 10.51 तक चंचल
प्रात: 10.51 से 12.31 तक लाभ
दोप. 12.31 से 02.11 तक अमृत
दोप. 03.50 से 05.30 तक शुभ
रात्रि 08.30 से 09.51 तक लाभ । 

📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ सागरोत्तारकाय नम: ।।

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
गुरोर्यत्र परीवादो निंदा वापिप्रवर्तते ।
कर्णौ तत्र विधातव्यो गन्तव्यं वा ततोऽन्यतः ॥
अर्थात :-
जहाँ गुरु की निंदा होती है वहाँ उसका विरोध करना चाहिए । यदि यह शक्य न हो तो कान बंद करके बैठना चाहिए; और (यदि) वह भी शक्य न हो तो वहाँ से उठकर दूसरे स्थान पर चले जाना चाहिए ।

🍃 *आरोग्यं :*-
*घुटनो का दर्द दूर करने के लिए उपचार-*

*2. मेथी के बीज -*
मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है, जो घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाने और सूजन के इलाज में मदद करता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी का बीज लीजिए तथा इसे पूरी रात तक भिगो दीजिए। सुबह इसे छानने के बाद पानी को पी लीजिए।
इसके अलावा आप भिगोए हुए मेथी के बीज को ब्लेंड कर लीजिए तथा पेस्ट बनाने के बाद इसे अपने घुटने पर लगाइए। आप इसे रोजाना कर सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🌞 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें। 

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है। 

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। 

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। 

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। 

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। 

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। 

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी। 

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। 

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
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🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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