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गुरुवार, 15 जुलाई 2021

कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, कुछ जेल में हैं, कुछ जमानत पर


(जैसे ही आया भेज दिया)
  🕉
 *मेरे प्यारे भारतीयों को नमस्कार!  🙏*

    *मैं भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हूं!*

   *आपको अधोहस्ताक्षरी को यह जिम्मेदारी दिए हुए ७ साल हो गए हैं !  मैं इस अवसर पर आप सभी से कुछ बातें साझा करना चाहूंगा!  जब मैंने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली, तो सिंहासन कांटेदार था!*

   *पिछली सरकार के 10 साल के कुशासन, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से बिखर गए सारे सरकारी संस्थान सामने थे!  भारी विदेशी कर्ज बना रहा, और भारतीय कंपनियां घाटे में चल रही थीं!*

    *ईरान का कर्ज ₹48,000 करोड़ था;*

    *संयुक्त अरब अमीरात का ऋण खाता ₹40,000 करोड़;*

    *भारतीय ईंधन कंपनियों को ₹1,33,000 करोड़ का घाटा हुआ;*

    *इंडियन एयरलाइंस का घाटा ₹58,000 करोड़ था;*

    *भारतीय रेल को ₹22,000 करोड़ का घाटा हुआ;*

    *बीएसएनएल का घाटा ₹1,500 करोड़ था;*

   *सैनिकों के पास बुनियादी हथियार नहीं थे, उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं थे!  अत्याधुनिक लड़ाकू विमान नहीं थे!  अगर युद्ध होता तो सेना ४ दिन भी नहीं टिक पाती।*

   *तभी मैंने कड़े फैसले लेने का निश्चय किया!*

   *उस समय मेरी मुख्य जिम्मेदारी सभी प्रणालियों को ठीक से स्थापित करना था!*

   *सौभाग्य से, भारतीयों के लिए, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में कमी आई है!  लेकिन आपको सभी घटी हुई कीमतों से कोई फायदा नहीं हुआ है!  आपको लग रहा होगा कि सरकार ने गलत किया है!*

   *तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो, लेकिन ईंधन की कीमत के लिए तुम मुझसे थोड़े नाराज़ हो!  मुझे पता है, लेकिन मैं आपकी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि मैं अपनी आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी सोच कर काम कर रहा हूँ!*

   *पिछली सरकार की मूर्खता हमारे लिए अभिशाप थी!*

   *उन्होंने उधार लिया और कच्चा तेल खरीदा!  हालांकि, उन्होंने नागरिकों की आक्रामकता से बचने के लिए कीमत नहीं बढ़ाई!*

   *तब उन्होंने ₹2,50,000 करोड़ का विदेशी कर्ज लिया था!  इसके लिए हमें हर साल ₹25,000 करोड़ ब्याज के रूप में चुकाने पड़ते थे!*

   *हमारे देश को भारी मात्रा में ऋण दिया गया था!  और हमसे कहा गया कि हम अपना कर्ज चुका दें, ताकि भारत को बिना किसी रुकावट के ईंधन मिल सके!*

   *ईंधन पर कर लगाने का क्या कारण है?  हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हमने ₹2,50,000 करोड़ का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया है!*

   *रेलवे कर रहा था नुकसान!  पिछली सरकारों द्वारा शुरू किए गए सभी प्रोजेक्ट हमने पूरे कर लिए हैं, जो सुचारू रूप से चल रहे हैं!  हमने रेलवे लाइनों के सभी विद्युतीकरण को पहले की तुलना में तेज गति से पूरा किया!*

   *साथ ही साथ ..*

   *18,500 गांवों का विद्युतीकरण भी किया गया!*

   *गरीबों को 5 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं!*
  *सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनीं!*

   *युवाओं को ₹1,50,000 करोड़ का ऋण दिया गया!*

   *"आयुष्मान भारत" नाम से 50 करोड़ नागरिकों के लिए ₹1,50,000 करोड़ की चिकित्सा बीमा योजना शुरू!*

   *हमारे सैनिकों को सभी नवीनतम और अद्यतन संस्करण हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट, राफेल लड़ाकू विमान, और कई अन्य प्रकार के घातक हथियार और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं!*

   *इन सब कामों के लिए पैसा कहाँ से आया?  वह पैसा आपके द्वारा दिया गया है!  जब आप सभी पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं, तो आप देश को वह पैसा देते हैं!*

   *अगर हम पेट्रोल और डीजल पर से टैक्स हटा दें, तो क्या हमारा कर्ज चुकाना संभव था?  हम कर्ज चुका सकते हैं, साथ ही कई नई परियोजनाएं भी ला सकते हैं, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से हमें हर चीज पर कर बढ़ाने की जरूरत है!  130 करोड़ नागरिकों की जिम्मेदारी अकेले वाहन मालिकों की नहीं हो सकती!*

   *एक आखिरी बात.. अपने परिवार के मुखिया के रूप में, जब आपके परिवार पर भारी कर्ज का बोझ है तो आप क्या करते हैं?*

    *क्या आप लापरवाही से खर्च करते हैं?*

    *या आप कर्ज चुकाते हैं?*

   *अगर कर्ज और ब्याज लापरवाही से नहीं चुकाया तो परिवार का भविष्य क्या होगा?*

   *विरोधियों के गलत खेल में न पड़ें...*

   *आप इस देश के देशभक्त नागरिक होने के नाते देश के विकास में भागीदार बनें।*

   *यह विरोध हमेशा चुनावी रहा है, कुछ राजनेता झूठे प्रचार से नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं!*

   *मेरी आप सभी से विनती है, कृपया इस सच्चाई को आप सभी भारतीयों के साथ साझा करें!*

    *तो आप का,*
    *नरेंद्र मोदी 🙏*

  *वन्दे मातरम!*
  *भारत माता की जय!*
  *जय हिन्द!*
  🙏

  *लुटियंस बंगलों से 1,500 लोगों को बाहर निकालने के साथ, यह आसानी से समझा सकता है कि यह हमेशा "मोदी बनाम सभी" क्यों होता है?*

  https://www.opindia.com/2018/02/with-1500-squatters-kicked-out-from-lutyens-bungalows-it-might-explain-why-its-always-modi-vs-all/

  *सफाई वास्तव में लुटियंस दिल्ली में हुई है, जब से भाजपा सत्ता में आई है, 7 साल पहले!*

  *पहले साल में ही, 460 से अधिक अवैध निवासियों को उनके आरामदेह लुटियंस बंगलों से पैकिंग के लिए भेजा गया था!*

  *उनमें से कई पीढ़ियों से वहाँ रह रहे थे, और इसे अपनी निजी संपत्ति मानने लगे थे।  कुछ ने अपनी जागीर रखने की अपील के साथ न्यायालयों का दरवाजा खटखटाया।  लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ!  अदालतों ने भी इनकार कर दिया!*

  *पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह एक बंगले पर एक तरह से कब्जा ही कर बैठे थे।  उसे बंद कर दिया गया था, और उसका सामान लॉन में फेंक दिया गया था!*

  *अभिनेता नंदिता दास के पिता चित्रकार जतिन दास लुटियंस में एक और बंगले का आनंद ले रहे थे।  बेदखल होना पड़ा!*

  *"द प्रिंट", एक कांग्रेस आईटी सेल प्रकाशन, ने पूछा कि नेहरू और गांधी के विपरीत, नरेंद्र मोदी के पास बुद्धिजीवियों की एक सेना क्यों नहीं है?*

  *"बुद्धिजीवी" शब्द मानो एक मजाक है!  ये लोग अधिकांशतः समाज के निम्नतम नैतिक मैल हैं, जो उपहार के लिए नकद या वस्तु के रूप में कुछ भी बेचने को तैयार हैं!*

  *2016 के अंत तक बेदखली की संख्या बढ़कर 1,500 हो गई थी!*

  *मीडिया में लुटियंस दिल्ली में इस सफाई अभियान का दस्तावेजीकरण करने वाले कुछ ही लेख हैं!*

  *कांग्रेस के तोहफे से प्यार करने वाले ढेर सारे फ्री लोडिंग पत्रकारों को भी बाहर कर दिया गया!*

  *एक अनाम कांग्रेस सांसद के "द टेलीग्राफ" में एक उद्धरण का यह पूर्ण रत्न है:*

  *"नियमों को इतनी सख्ती से लागू न करने की कांग्रेस की लंबी परंपरा रही है!"*

  *अद्भुत सुझाव:*

  *लगता है कि लुटियंस दिल्ली उन लोगों का किराया-मुक्त जिला था, जो किराए से मुक्त महलनुमा बंगलों के बदले राजनीतिक दल का समर्थन कर रहे थे!*

  *कांग्रेस राज में कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले सब कुछ मैनेज हो जाता था - मामला कौन से जज की बेंच के पास जाएगा और जज क्या फैसला देगा!*

  *कांग्रेस के 70 साल की सफलता का यही सबसे बड़ा रहस्य है कि इसने सारे मीडिया और न्यायपालिका को संभाला है और देश पर राज किया है!*

  *क्या आपने कभी राहुल गांधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा और अन्य विपक्षी नेताओं को एक दूसरे को चोर कहते सुना है?*

   *नहीं न !!!*

  *जिनमें से कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, कुछ जेल में हैं, कुछ जमानत पर हैं और कुछ अदालतों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, लेकिन वे एक दूसरे को चोर क़तई नहीं कहते!*

  *लेकिन मोदी; जिस पर कोई सरकारी आरोप नहीं, कोई एफआईआर नहीं, कोई मुकदमा नहीं चल रहा, किसी कोर्ट ने जांच का आदेश भी नहीं दिया, ये सब नेता उसे चोर कह रहे हैं!*

  *देश के तत्कालीन शीर्षस्थ नेताओं का, न ईमानदार चरित्र, न देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव!  ऐसे देशद्रोहियों पर धिक्कार है!*

  *बस... जरा सा फॉरवर्ड करो... करो!  इसमें केवल 2-3 सेकंड का समय लगेगा...*

   *भारत माता की जय!🇮🇳🇮🇳 VANDE MATRAM*
  🙏🙏🙏🙏🙏

जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के नए सत्र के अध्यक्ष पद का चयन


जय महेश , 
दिनांक 11 जुलाई 2021 रविवार को पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन के अंतर्गत आने वाले जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के इस सत्र के अध्यक्ष पद का चयन सर्व सहमती से हुआ । काफ़ी समय से लगभग निष्क्रिय रहे इस जिला संगठन  के अध्यक्ष पद का चयन काफ़ी समय की कड़ी मेहनत के बाद हो सका जिसमें प्रदेश के संगठन मंत्री एवं जलोर सिरोही जिला संगठन के प्रभारी श्री वरुण जी बंग का विशेष सहयोग रहा । सुबह 11  बजे से शुरू हुई इस बैठक में युवाओं का उत्साह देखने को बनता था । चुनावी उत्साह के बीच काफ़ी नाम आए परंतु शाम 6 बजे समाज हित को ध्यान मे रखते हुए सभी ने  सुरेश जी राठी पुत्र शीशपाल दास जी के नाम पर सहमती जताई । बैठक में जालोर सिरोही माहेश्वरी जिलासभा के अध्यक्ष श्रीमान महानंद जी सारडा , मंत्री रमेश जी , पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन से महेश नवमी महोत्सव समन्वयक एवं चुनाव समिति सहयोगी जितु जी गाँधी , प्रदेश संगठन मंत्री एव चुनाव पर्यवेक्षक वरुण जी बंग , चुनाव अधिकारी एवं महासभा कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र जी माहेश्वरी , प्रदेश उपाध्यक्ष हितेश जी राठी , निवर्तमान जिला अध्यक्ष मनोज जी माहेश्वरी के साथ साथ हर तहसील से काफ़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति थी ।
दिनेश राठी 
प्रदेश अध्यक्ष 
पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन

बुधवार, 14 जुलाई 2021

क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

जागो भारत जागो

भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसकी संस्कृति संपूर्ण विज्ञान पर आज भी खरी उतरती है लेकिन यहां के लोग इतने भोले हैं जिन्हें आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। इसी का जीता जागता एक उदाहरण है साईं भक्ति। अंग्रेजी काल में महारानी लक्ष्मी बाई को, झांसी की जो रानी थी उनको मरवाने में साईं के पिताजी की पूरी भूमिका बताई जाती है वह पहले तो लुटेरे थे, पकडे जाने पर अंग्रेजी जासूस बन गये। ठीक उसी तरीके से साईं भी  अपने पिताजी को इस क्षेत्र की जानकारी देते थे और उनके द्वारा अफगान लुटेरे यहां से लूटपाट करके ले जाते थे।  फिर भी साईं को भगवान बना दिया गया। एक षड्यंत्र के अंतर्गत वामपंथी मीडिया बहुत ही शरारती तरीके से इस देश को तोड़ने के इस देश की संस्कृति के नुकसान पहुंचाने के सारे उपाय खोजता है। उसी का परिणाम है आइए जानते हैं साईं के बारे में। अंग्रेजी काल का महा अपराधी भगवान कैसे बन गया ?

आज तक मैंने कभी किसी ग्रन्थ में सांई का प्रमाण नही देखा।
इसलिए सभी सांंई भक्तों से कुुछ प्रश्न ?

साई भक्तों से प्रश्न ?

1.क्या साई ने भगवान श्री राम की तरह राक्षसों का नाश किया ?

2. क्या साई ने श्री कृष्ण की तरह  संसार को गीता का ज्ञान दिया ?

3. क्या साई ने शिव की तरह विषपान कर विश्व की रक्षा की ?

4. क्या साई ने किसी ग्रन्थ या महाकाव्य की रचना की ?

5. क्या साई ने श्रवण कुमार जैसे अपने माता पिता की सेवा की ?

6. क्या साई चैतन्य महाप्रभु जैसा हिन्दुओ के भगवान के भक्त था ?

7. क्या साई ने गुरु गोविंद सिंह जी की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

8. क्या साई ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

9. क्या साई ने महाराणा प्रताप जैसे मुस्लिम आक्रांताओ से लोहा लेकर मातृभूमि की रक्षा की?

10. क्या साई ने  भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव ,
राजगुरु आदि अन्य क्रांतिकारियों की तरह आजादी की लड़ाई मे अपना योगदान दिया ?

11. गायत्री मंत्र भी साईं के नाम पर और राम के नाम के आगे भी साई लगाते हैं जब तुम्हारे साई अकेले कल्याण करने में समर्थ हैं तो उसे "भगवान राम " की जरूरत क्यों है ?


12. वेद मंत्रों में साई को स्थापित किए जाने के लिए क्यों हेर-फेर किया जा रहा है ?

13. साई के नाम पर हिन्दू धर्म को भ्रमित और विकृत क्यों किया जा रहा है ?
14. एक जिहादी साई को शिव जी और भगवान विष्णु की तरह हिन्दू देवताओं के रूप में चित्रित किया जाना क्या हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है ?

15. इससे हम करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, उस पर साई भक्त क्या कहना चाहेंगे ?
16. क्या साई भगवान राम से भी बड़ा हो गया है ?
17. उन्हें ब्रह्मांड नायक क्यों बनाया जा रहा है...क्या उन्होंने ब्रह्मांड की रचना की है ?

18. क्या वह राजाधिराज था ?
19. वह परब्रह्म था ?
20. वह सच्चिदानंद था.???
21. क्या आप ऐसा लिख सकते हो कि 'साई अल्लाह' थे, अगर नहीं,तो फिर उन्हें 'परब्रह्म' लिखने का अधिकार किसने दिया ?


22. मंदिरों में साई की मूर्ति क्यों लगाई जा रही है ?

23. हिन्दू धर्म के देवी - देवताओं की मूर्तियां छोटी होती जा रही हैं… और साई की मूर्ति बड़ी ?


24. हिन्दू मंदिरों में जान-बूझकर जो साई बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही है क्या वह उचित है ?

25. साई का चित्र पहले शिव जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता था ,

आजकल प्रभु राम और हनुमान जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता है, क्या यह षड्यंत्र या मनमानी हरकत नहीं है ?

26. साई के नाम पर मनमाने मंदिर, आरती,चालीसा और
तमाम तरह के कर्म कांड निर्मित किए गए हैं, क्या यह उचित है?

27. क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

28. पहले साई को दत्तात्रेय का अवतार बताया गया, फिर विरोध होने पर कबीर नामदेव, पांडुरंग, अक्कलकोट का महाराज ?





29. अंत में शिव जी का अवतार इसलिए घोषित किया गया, क्योंकि शिवजी को भी चित्रों में चिलम पीते हुए दर्शाया गया है ?
30. उसके बाद आजकल तो साई सभी देवी-देवताओं के अवतार होने लगे क्यों ?
31. अब उन्हें रामावतार बताया जा रहा है क्यों ?
32. क्या " सबका मालिक एक " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
33. क्या " श्रद्धा और सबुरी " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
34. क्या चाँद साई के नाम के आगे ॐ लगाना उचित है?
35. क्या वो संसार का स्वामी है ?
36. उसे मोहम्मद का अवतार क्यों नही बताया जाता!
जबकि उसे हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है ?
37. उसे अल्लाह का अवतार क्यों नही बतायाजाता ?
38. चाँद साई को जीजस का अवतार क्यों नही बताया जाता ?
क्या इसका कोई ठोस जवाब है कि....उन्हें भगवान बनाने के लिए हिन्दुओं के अवतारों का ही सहारा क्यों लिया जा रहा है ...?
साई हर रोज नमाज पढ़ता था मगर सनातनी ग्रंथ कभी पढने नही दिया।
साई मांस युक्त प्रसाद बांटता था।

साईं कुश्ती में पहलवान से हार गया था। साई के समय मे अकाल पड़े छ लाख लोग मरे | साई नही बचा पाया।

साई के समय भारतीय आजादी की लड़ाई लड रहे थे साई ने क्या किया जबकि भगवान ने जब भी अवतार लिया … तो बुराई को पूरी तरह समाप्त किया। *आप जैसे साई भक्तों को*... अगर इन सवालों के जबाब नहीं मिले तो... वे खुद ही सोच लें कि... वह किस लायक है?

क्या साईं बाबा चांद मिया थे? |
chand miya urf sai baba




धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो !! 🚩जय जय श्री राम🚩

नाभी खिसकना


*नाभी खिसकना*



नाभी खिसकना Nabhi sarakna या धरण जाना Dharan आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचार पद्धति का एक हिस्सा है।नाभि टलने या हटने से शरीर में कई प्रकार की समस्या पैदा हो सकती है जो कोई दवा लेने से ठीक नहीं होती।

नाभि को मानव शरीर का केंद्र माना जाता है। नाभि स्थान से शरीर की बहत्तर हजार नाड़ियों जुड़ी होती है। अपने स्थान से सरक जाने से पैदा हुई समस्या नाभि को पुनः अपने स्थान पर लाने पर ही ठीक होती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति इसे माने या ना माने लेकिन आज भी इस पद्धति से हजारों लोग ठीक होकर लाभ प्राप्त कर रहे है।

*नाभि खिसकने के कारण* पेट दर्द , कब्ज , दस्त , अपच आदि होने लगते है। यदि नाभि का उपचार ना किया जाये तो शरीर में कई प्रकार की अन्य परेशानियाँ पैदा हो सकती है।

जैसे दाँत , बाल , आँखें प्रभावित हो सकते है , मानसिक समस्या पैदा हो सकती है। डिप्रेशन हो सकता है। अतः नाभि का  पुनः अपने स्थान पर आना आवश्यक होता है।

*नाभि खिसकना और कारण* 

यदि पेट की मांसपेशियां कमजोर होती है तो नाभि खिसकने की समस्या ज्यादा होती है । दैनिक जीवन के कार्य करते समय शरीर का संतुलन  सही नहीं रह पाने के कारण नाभि खिसक सकती है। इसके अलावा शरीर की मांस पेशियों पर एक तरफ अधिक भार पड़ने से भी धरण चली जाती है , गोला सरक जाता है । पेट पर बाहरी या अंदरूनी दबाव नाभि टलने का कारण हो सकता है। सामान्य कारण इस प्रकार है :-

—  असावधानी से दाएं या बाएं झुकना।

—  संतुलित हुए बिना अचानक एक हाथ से वजन उठाना।

—  चलते हुए अचानक ऊंची नीची जगह पर पैर पड़ना।

—  खेलते समय गलत तरीके से उछलना।

—  तेजी से सीढ़ी चढ़ना या उतरना।

—  ऊंचाई से छलांग लगाना।

—  पेट में अधिक गैस बनना।

—  पेट में किसी प्रकार की चोट लगना।

—  स्कूटर या मोटर साइकिल चलाते समय झटका लगना।

—  गर्भावस्था में पेट पर आतंरिक दबाव ।

—  तनाव।

—  बचपन से किसी कारण से नाभि खिसकी हुई हो।

*नाभि खिसकने की जाँच* 

नाभि टलने या खिसकने का पता लगाने के बहुत आसान तरीके होते है। इनको जानकर आप भी नाभि खिसकने या धरण जाने का पता कर सकते है। थोड़े से अनुभव के बाद तुरंत पता  चल जाता है। अधिकतर पुरुष की नाभि बायीं तरफ तथा स्त्रियों की नाभि दायीं तरफ खिसकती है।

नाभी के खिसकने का पता करने की विधि इस प्रकार है :-
( 1 )

सीधे खड़े हो जाएँ। दोनों पैर पास में सीधे रखें। अपने दोनों हाथ सीधे करें। हथेलियां खुली रखकर इस तरह समानांतर रखें की दोनों छोटी अंगुलीयां  (Little Finger ) पास में रहें। हथेली की रेखा मिलाते हुए छोटी अंगुली  (Little Finger ) की लंबाई चेक करें। यदि छोटी अंगुलियां की लंबाई में फर्क नजर आता है यानि कनिष्ठा अंगुलियां छोटी बड़ी नजर आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 2 )

पुरुष की नाभि चेक करने के लिए एक धागे से उसकी नाभि और एक छाती के केन्द्रक के बीच की दूरी नापें। अब नाभि से दूसरी छाती के केन्द्रक की दूरी नापें। यदि नाप अलग अलग आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 3 )

सुबह खाली पेट चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ। हाथ और पैर सीधे रखें। हथेलियाँ जमीन की तरफ रखें। अब अंगूठे से नाभि पर हल्का दबाव डालकर स्पंदन चेक करें। यदि स्पंदन नाभि पर महसूस होता है तो नाभि सही है। यदि स्पंदन नाभि के स्थान पर ना होकर नाभि से  ऊपर , नीचे , दाएं या बाएं महसूस होता है तो नाभि अपने स्थान से खिसकी हुई है।

*जिस प्रकार कलाई पर अंगूठे के नीचे नाड़ी देखने पर स्पंदन महसूस होता है। इसी प्रकार का स्पंदन नाभि पर महसूस होता है।* 

( 4 )

सीधे पीठ के बल लेट जाएँ। दोनों पैर पास में लाएं यदि पैर के अंगूठे ऊपर नीचे दिखाई दें तो नाभि अपने स्थान से हटी हुई है।

*नाभि खिसकने से नुकसान* 

*नीचे* यदि नाभि नीचे की ओर खिसक गई है तो दस्त , अतिसार , पेचिश आदि की समस्या हो जाती है।

*ऊपर* : नाभि के ऊपर की तरफ खिसकने पर कब्ज रहने लगती है। गैस अधिक बनती है। इसके कारण लंबी अवधि में फेफड़ों की समस्या , अस्थमा , डायबिटीज आदि बीमारियां हो सकती है।

*बायें* : बाईं और खिसकने पर सर्दी , जुकाम , खाँसी , कफ आदि की समस्या बार बार हो सकती है।

*दायें*: दायीं तरफ खिसकने पर लीवर पर असर पड़ सकता है। एसिडिटी हो सकती है , अपच या अफारा हो सकते है।

*गहरी* : यदि नाभि अधिक गहराई में यानी नीचे महसूस हो तो व्यक्ति कितना भी खाये शरीर कृशकाय ही बना रहता है।

*नाभि को ठीक करने के उपाय*

नाभि खिसके या गोला सरके हुए अधिक समय नहीं हुआ हो तो नीचे दिए गए तरीके अपनाने से जल्द वापस अपनी जगह आ जाती है। यदि समय अधिक हो गया हो तो थोड़ा अधिक प्रयास करना पड़ता है। खुद से लाभ ना हो तो किसी अनुभवी से नाभि सही करवानी चाहिए।

कुछ लोग खुद का पेट तेल लगा कर मसल कर नाभि सही करने का प्रयास करते है ,जो उचित तरीका नहीं है। पेट को मसलना नहीं चाहिए।

*यहाँ जो नाभि ठीक करने के तरीके दिए गए है उनमे से अपनी शारीरिक अवस्था के अनुसार नाभि को वापस अपनी जगह ला सकते है।* 

(1 )

जिस हाथ की छोटी अंगुली की लंबाई कम हो उस हाथ सीधा करें। हथेली ऊपर की तरफ हो।  अब इस हाथ को दुसरे हाथ से कोहनी के जोड़ के पास से पकड़ें। अब पहले वाले हाथ की मुट्ठी कस कर बंद करें। इस मुट्ठी से झटके से अपने इसी तरफ वाले कंधे पर मारने की कोशिश करें। कोहनी थोड़ी ऊंची रखें।  ऐसा दस बार करें।

अब अंगुलियों की लंबाई फिर से चेक करें। लंबाई का फर्क मिट गया होगा। यानि नाभि अपने स्थान पर आ गई है। यही ऐसा नहीं हुआ तो एक बार फिर से यही क्रिया दोहराएं।

( 2 )

सुबह खाली पेट सीधे पीठ के बल चटाई या योगा मेट पर लेट जाएँ। दोनों पैर पास में हो और सीधे हो। हाथ सीधे हो और कलाई जमीन की तरफ हो। अब धीरे धीरे दोनों पैर एक साथ ऊपर उठायें। इन्हें लगभग 45 ° तक ऊँचे करें। फिर धीरे धीरे नीचे ले आएं। इस तरह तीन बार करें। नाभि सही स्थान पर आ जाएगी। यह उत्तानपादासन कहलाता है।

( 3 )

सुबह खाली पेट योगा मेट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। अब एक पैर को मोड़ें और दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें। दूसरा पैर सीधा ही रखें। जिस प्रकार शिशु अपने पैर को पकड़ कर पैर का अंगूठा मुँह में डाल लेते है उसी प्रकार आप पैर को पकड़ें।

अब पैर के अंगूठे को धीरे धीरे अपनी नाक की तरफ बढ़ाते हुए नाक से अड़ाने की कोशिश करें। सर को थोड़ा ऊपर उठा लें। अब धीरे धीरे पैर सीधा कर लें। यह एक योगासन है जिसे पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कहते है


इसी प्रकार दुसरे पैर से यही क्रिया करें। इस प्रकार दोनों पैरों से तीन तीन बार करें। फिर एक बार दोनों पैर एक साथ मोड़ कर यह क्रिया करें। नाभि अपनी सही जगह आ जाएगी।

यदि आपकी मांस पेशियाँ कमजोर है तो बार बार नाभि खिसक सकती है , गोला खिसक सकता है । अतः थोड़ा व्यायाम आदि करके उन्हें मजबूत करें। दोनों पैर के अंगूठे में मोटा काला धागा बांध कर रखने से नाभि बार बार नहीं खिसकती है।

*मालिश करवाना*
नाभि खिसकने पर घर के बुजुर्गों द्वारा इसको ठीक करने के लिए मालिश का सुझाव सबसे पहले दिया जाता है। कुछ लोगों को नाभि पर मालिश करके इसको सही जगह पर लाने का तरीका मालूम होता है। नाभि खिसकने पर मसाज या मालिश करने से यह समस्या ठीक हो जाती है, परंतु यह मसाज किसी विशेषज्ञ द्वारा ही करवानी चाहिए, नहीं तो आपको अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मसाज के दौरान पैरों पर भी मालिश की जाती है, जिससे पैरों के एक्युप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। इसमें मालिश करने वाला व्यक्ति अपने हाथों की छोटी अंगूली और अंगूठों के अलावा अन्य तीन अंगूलियों से मसाज करता है। *इस उपाय में पूरी तरह से प्रशिक्षित व्यक्ति से ही मसाज करवानी चाहिए, यदि नाभि गलत जगह पर पहुंच जाए तो इससे सांस भी रूक सकती है।* 

 *सौंफ*
10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं। 2-3 दिन इसका सेवन करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*सरसों का तेल*
3-4 दिन तर लगातार सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूदें नाभि में डालें। इससे नाभि धीरे-धीरे अपनी जगहें पर आनी शुरू हो जाएगी।

*आंवला*
सूखें आंवले को पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर नाभि के चारों तरफ बांधकर रोगी को 2 घंटा जमीन पर लेटा दें। दिन में 2 बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*आसन*
नाभि को उसकी जगहें पर लाने के लिए आप पेट के आसन भी कर सकते है। इससे धरण जल्दी ठीक हो जाती है।

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आपकी खूबसूरती ओर स्वस्थ का रखते है ख्याल 
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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

जगन्नाथपुरी धाम में आज भी ठाकुर जी को सर्वप्रथम मारवाड़ की करमा बाई का भोग लगता है


सुदूर उड़ीसा के जगन्नाथपुरी धाम में आज भी ठाकुर जी को सर्वप्रथम मारवाड़ की करमा बाई का भोग लगता है :- 

मारवाड़ प्रांत का एक जिला है नागौर। नागौर जिले में एक छोटा सा शहर है ..... मकराणा 

यूएन ने मकराणा के मार्बल को विश्व की ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया हुआ है .... ये क्वालिटी है यहां के मार्बल की ....

लेकिन क्या मकराणा की पहचान सिर्फ वहां का मार्बल है ?? ....

जी नहीं ....

मारवाड़ का एक सुप्रसिद्ध भजन है ....

थाळी भरकर ल्याई रै खीचड़ो ऊपर घी री बाटकी ....
जिमों म्हारा श्याम धणी जिमावै करमा बेटी जाट की ....
माता-पिता म्हारा तीर्थ गया नै जाणै कद बै आवैला ....
जिमों म्हारा श्याम धणी थानै जिमावै करमा बेटी जाट की ....

मकराणा तहसील में एक गांव है कालवा .... कालूराम जी डूडी (जाट) के नाम पे इस गांव का नामकरण हुआ है कालवा ....

कालवा में एक जीवणराम जी डूडी (जाट) हुए थे भगवान कृष्ण के भक्त .... जीवणराम जी की काफी मन्नतों के बाद भगवान के आशीर्वाद से उनकी पत्नी रत्नी देवी की कोख से वर्ष 1615 AD में एक पुत्री का जन्म हुआ नाम रखा .... करमा ....

करमा का लालन-पालन बाल्यकाल से ही धार्मिक परिवेश में हुआ .... माता पिता दोनों भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे घर में ठाकुर जी की मूर्ति थी जिसमें रोज़ भोग लगता भजन-कीर्तन होता था....

करमा जब 13 वर्ष की हुई तब उसके माता-पिता कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए समीप ही पुष्कर जी गए .... करमा को साथ इसलिए नहीं ले गए कि घर की देखभाल, गाय भैंस को दुहना निरना कौन करेगा .... रोज़ प्रातः ठाकुर जी के भोग लगाने की ज़िम्मेदारी भी करमा को दी गयी ....

अगले दिन प्रातः नन्हीं करमा बाईसा ने ठाकुर जी को भोग लगाने हेतु खीचड़ा बनाया (बाजरे से बना मारवाड़ का एक शानदार व्यंजन) .... और उसमें खूब सारा गुड़ व घी डाल के ठाकुर जी के आगे भोग हेतु रखा ....

करमा;- ल्यो ठाकुर जी आप भोग लगाओ तब तक म्हें घर रो काम करूँ ....

करमा घर का काम करने लगी व बीच बीच में आ के चेक करने लगी कि ठाकुर जी ने भोग लगाया या नहीं .... लेकिन खीचड़ा जस का तस पड़ा रहा दोपहर हो गयी ....

करमा को लगा खीचड़े में कोई कमी रह गयी होगी वो बार बार खीचड़े में घी व गुड़ डालने लगी ....

दोपहर को करमा बाईसा ने व्याकुलता से कहा ठाकुर जी भोग लगा ल्यो नहीं तो म्हे भी आज भूखी रहूं लां ....

शाम हो गयी ठाकुर जी ने भोग नहीं लगाया इधर नन्हीं करमा भूख से व्याकुल होने लगी और बार बार ठाकुर जी की मनुहार करने लगी भोग लगाने को ....

नन्हीं करमा की अरदास सुन के ठाकुर जी की मूर्ति से साक्षात भगवान श्री-कृष्ण प्रकट हुए और बोले .... करमा तूँ म्हारे परदो तो करयो ही नहीं म्हें भोग क्यां लगातो ?? ....

करमा;- ओह्ह इत्ती सी बात तो थे (आप) मन्ने तड़के ही बोल देता भगवान ....

करमा अपनी लुंकड़ी (ओढ़नी) की ओट (परदा) करती है और हाथ से पंखा झिलाती है .... करमा की लुंकड़ी की ओट में ठाकुर जी खीचड़ा खा के अंतर्ध्यान हो जाते हैं ....

करमा का ये नित्यक्रम बन गया ....

रोज़ सुबह करमा खीचड़ा बना के ठाकुर जी को बुलाती .... ठाकुर जी प्रकट होते व करमा की ओढ़नी की ओट में बैठ के खीचड़ा जीम के अंतर्ध्यान हो जाते ....

माता-पिता जब पुष्कर जी से तीर्थ कर के वापस आते हैं तो देखते हैं गुड़ का भरा मटका खाली होने के कगार पे है .... पूछताछ में करमा कहती है .... म्हें नहीं खायो गुड़ ओ गुड़ तो म्हारा ठाकुर जी खायो ....

माता-पिता सोचते हैं करमा ही ने गुड़ खाया है अब झूठ बोल रही है ....

अगले दिन सुबह करमा फिर खीचड़ा बना के ठाकुर जी का आह्वान करती है तो ठाकुर जी प्रकट हो के खीचड़े का भोग लगाते हैं ....

माता-पिता यह दृश्य देखते ही आवाक रह जाते हैं ....

देखते ही देखते करमा की ख्याति सम्पूर्ण मारवाड़ व राजस्थान में फैल गयी ....

जगन्नाथपुरी के पुजारियों को जब मालूम चला कि मारवाड़ के नागौर में मकराणा के कालवा गांव में रोज़ ठाकुर जी पधार के करमा के हाथ से खीचड़ा जीमते हैं तो वो करमा को पूरी बुला लेते हैं ....

करमा अब जगन्नाथपुरी में खीचड़ा बना के ठाकुर जी के भोग लगाने लगी .... ठाकुर जी पधारते व करमा की लुंकड़ी की ओट में खीचड़ा जीम के अंतर्ध्यान हो जाते ....

बाद करमा बाईसा का जगन्नाथपुरी में ही देहावसान हो गया ....

(1) जगन्नाथपुरी में ठाकुर जी को नित्य 6 भोग लगते हैं .... इसमें ठाकुर जी को तड़के प्रथम भोग करमा रसोई में बना खीचड़ा आज भी रोज़ लगता है ....

(2) जगन्नाथपुरी में ठाकुर जी के मंदिर में कुल 7 मूर्तियां लगी है .... 5 मूर्तियां ठाकुर जी के परिवार की है .... 1 मूर्ति सुदर्शन चक्र की है .... 1 मूर्ति करमा बाईसा की है ....

(3) जगन्नाथपुरी रथयात्रा में रथ में ठाकुर जी की मूर्ति के समीप करमा बाईसा की मूर्ति विद्यमान रहती है .... बिना करमा बाईसा की मूर्ति रथ में रखे रथ अपनी जगह से हिलता नहीं है! 

साभार 🙏

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