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रविवार, 1 अगस्त 2021

अग्निहोत्र विज्ञान पर जैविक जीवन शैली विज्ञान मिशन की अवधारणा


अग्निहोत्र विज्ञान पर जैविक जीवन शैली विज्ञान मिशन की अवधारणा

🌴⛳अग्निहोत्र ⛳🌴
****************
🙇सप्त ऊर्जा का प्रस्फुटन और पंचमहाभूतो का सृजन🙇

अग्निहोत्र हजारों वर्ष पुरानी हमारे ऋषि परम्परा द्वारा अविष्कृत एक पूर्ण वैज्ञानिक विधा है,मान्यता के अनुसार इस विज्ञान को भगवान महर्षि परसुराम ने खोजा है जो मध्यकाल के समय विलुप्त हो गया था जिसे सन्त स्वामी गजानन महाराज  की प्रेरणा से भोपाल के माधव स्वामी पोतदार जी ने महाशिवरात्रि के दिन 1967 ईस्वी को पुनः पुर्नजीवित किया है।

अग्निहोत्र के सशक्त प्रमाण हमारे वेदशास्त्रो,रामायण, महाभारत और श्रीमद्भागवत गीता में तो है,आधुनिक विज्ञान व इंटरनेट पर भी बहुत से वेबसाइस में भी उपलब्ध है,अब यह विश्व के हर देश में दिनोंदिन फैलती जा रही है।

अपना जैविक जीवन शैली विज्ञान की स्पष्ट मान्यता है कि
पदार्थ का सूक्ष्म स्वरूप रूप,रंग,गन्ध,स्वर और स्पर्श पंचमहाभूतो की सूक्ष्म ऊर्जा है।
ये ही पांचों सूक्ष्म ऊर्जा प्रकृति के हर कण(अणु-जीवाणु) का निर्माण करती है।

अग्निहोत्र के भस्म में प्रकृति को बनाने वाले सभी 108 अणु विधमान है,अपने जांच रिपोर्ट बहुत से अणु मिल चुके है और आज का विज्ञान जैसे जैसे विकसित होता जाएगा बाकी के अणु-परमाणु भी मिलते चले जायेंगे।

इसके भस्म से बहुत सी औषधी भी बना रहे है जिनके बनाने का  वर्णन "अग्निहोत्र : स्वास्थ्य क्रांति" पुस्तक में है।

मिशन की स्पष्ट मान्यता है कि अग्निहोत्र में अग्निहोत्र की आहुति डालते ही पात्र की अंदर के अलाव (धधकती आग) में परमाणु विखंडन की एक सूक्ष्म क्रिया होती है,परमाणुओं के टूटने से प्रकृति को बनाने वाली सात ऊर्जा क्रमशः शैलपुत्री, ब्रम्हचारिणी,चन्द्रघण्टा,कुष्मांडा,
स्कन्द माता,कात्यायनी, कालरात्रि  प्रकट होती है जो पंचमहाभूतो का  सृजन करती है और इन्ही पंचमहाभूतो के गुण क्रमशः रूप,रंग,गन्ध,स्वर,स्पर्श की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है। मन आनंद से भर जाता है,बुद्धि की कुशाग्रता बढ़ती है। नित्य अग्निहोत्र से क्रोध,लोभ,मोह,मद,अहंकार समाप्त होने लगती है,व्यशन छूटने लगते है।
 कई कई बार अग्निहोत्र से सात रंग निकलते देखा गया है, दिखने वाले सात रंग इस ब्रम्हांड में केवल सूर्य से निकलता है दुसरा केवल अग्निहोत्र से निकलता है।
आधुनिक रंग चिकित्सा विज्ञान भी मानता है कि मनुष्य सात रंगों से बना है,वनस्पति भी सात रंगों से बना है अर्थात अग्निहोत्र के इन सात रंगों को हमारे शरीर ने स्वीकार(एक्सेप्ट) कर लिया तो हम स्वस्थ हो जायेगे,शरीर मे जिस रंग की कमी होगी उसकी पूर्ति हो जाएगी। 

अग्निहोत्र मंत्रो में 7 स्वर है,अग्निहोत्र के पश्चात निकला हुआ गन्ध "सुगन्धिम पुष्टि वर्धनम" को स्थापित करता है।
अग्निहोत्र करने में मात्र एक रुपया खर्च होता है और मात्र 2-3 मिनट का समय लगता है । इसे कोई भी कर सकता है । 5 साल का बच्चा या महिला,पुरुष सब कर सकते है इसके लिए नहाना भी जरूरी नहीं है।

अग्निहोत्र के केवल 5 नियम है
👇
पहला : समय,दूसरा : देशी गाय के गोबर से बने साफ-सुथरे कंडे, तीसरा : देशी गाय का बिलोने वाला घी,चौथा : अक्षत चावल,पाँचवा : निश्चित आकार का पिरामिड पात्र

सूर्योदय(सरकेडियम रिदम)-सूर्यास्त(इंफ्रारेडियम रिदम) के समय पर ही अग्निहोत्र करना है क्योंकि इस समय सूर्य की 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से गति र्कर रही किरणे पृथ्वी से टकराती है तो पंचमहाभूतो में एक कम्पन  (सरकेडियम रिदम-इंफ्रारेडियम रिदम) होता है। इसी समय हमारे नाक की दोनो नथुनो से स्वांस की प्रक्रिया शुरू हो जाती है अन्यथा हम तो एक समय मे एक ही नाक से स्वांस लेते है,प्राचीन विज्ञान इसे सुषुम्ना नाड़ी का सक्रीय होना भी कहता है जो मानव के सातों चक्रों को सीधे सक्रिय करता है।

ऐसे करे अग्निहोत्र :-
       अग्निहोत्र करने के लिये कुछ चीजो की आवश्यकता होती है वो इस प्रकार है :--
1.निश्चित आकार व नाप का अग्निहोत्र पात्र ताम्बे या मिट्टी का
2.स्थानीय समयानुसार सूर्योदय और सूर्यास्त   की समयसारीणी 
3.गोवन्श  के गोबर के साफ से कंडे 
4. गो घृत 
5. कच्चा साबुत चावल 
6.सूर्योदय और सूर्यास्त के दो मंत्र 
7. माचिस
8. कुन्दुरुनु गोद / कर्पुर या गो घृत मे भिगी रुई की बत्ती
9.अग्निहोत्र स्टैंड और चमीटा
10.आग में हवा करने वाला पंखा। 

     उपरोक्त सामग्री एकत्र करके सर्वप्रथम अग्निहोत्र समय सारिनी देखकर या गूगल प्ले स्टोर से अग्निहोत्र मित्र (Agnihotra buddy) एप डाउनलोड करके अपने घर या खेत के अग्निहोत्र स्थान का लोकेशन निकाल लें।
 मान लिजिये आज शाम के अग्निहोत्र का समय  06:48 है तो इसके 15 मिनट पूर्व हाथ -पैर धोकर बैठ जावे।

सर्वप्रथम अग्निहोत्र पात्र के पेंदे मे गाय के गोबर के कंडे का एक चोकोर टुकडा  रखे। उसके उपर कर्पुर या कुन्दूरुनू गोद का टुकडा  या गाय के घी मे भिगी रुई की बत्ती रख उसे माचिस से 7-8 मिनट पूर्व जला देवे। इसके पूर्व  गो वंश के कंडे के पतले व लंबे टुकडे (आयताकार)तोड कर रखे।  चारो साईडो मे छोटे-छोटे टुकडे जमा देवे,फिर कन्डो को इस प्रकार जमावे की अग्नि को जलने के लिये हवा आने  की जग़ह बचे और मध्य मे आहुति डालने  के लिये स्थान रिक्त रखे और रिक्त रखे स्थान को  कंडे के छोटे से टुकडे से ढक देवे ताकि  सारे कंडे जल सके।अब दो चुटकी चावल बाये हाथ की हथेली पर लेकर उसमे दो बुंद गो घृत मिलाकर तैयार रखे। इन चावलो के दो बराबर भाग कर लेवे और अग्निहोत्र के समय की प्रतीक्षा करे। जैसे ही अग्निहोत्र का समय हो आपको दो मंत्र बोलकर आहुति अग्नि मे अर्पित करनी है।

मंत्र इस प्रकार है :-
*सूर्यास्त के मंत्र.*
===========
!! अग्नये स्वाहा,अग्नये इदं न मम !! 
 (स्वाहा पर पहली आहुति छोडे)
!! प्रजापतये स्वाहा lप्रजापतये इदं न मम !!
(स्वाहा पर दूसरी आहुति छोडे)
*सूर्योदय  के मंत्र*
===========
!! सुर्याय स्वाहा,सुर्याय इदं न मम !!
!! प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदं न मम !!
प्रातःकालीन अग्निहोत्र :अपनी आंखें घडी के कांटें पर रखें, जैसे ही सूर्योदय का समय होता है, पहला मंत्र बोलना प्रारंभ करें सूर्याय स्वाहा..स्वाहा कहने के साथ ही अक्षत का पहला भाग अग्नि को आहुति दें और "सूर्याय इदं न मम"का उच्चारण करते हुए मंत्र के प्रथम पंक्ति को पूर्ण करें। अक्षत को दाहिने हाथ का अंगूठा, मध्यमा तथा अनामिका से (हथेली ऊपर की दिशा में रखकर)अग्नि में आहुति दें तथा बांए हाथ को अपनी छाती के पास रखें। मंत्र की दूसरी पंक्ति का उच्चारण करते हुए अक्षत का दूसरा भाग "प्रजापतये स्वाहा" कहने के उपरांत अग्नि में दूसरी आहुति दें तथा मंत्र को "प्रजापतये इदं न मम" कहते हुए पूर्ण करें,जब तक हवन सामग्री पूर्णतः जल न जाए, बैठकर अग्नि पर ध्यान एकाग्र करें। प्रातःकाल का अग्निहोत्र यहीं समाप्त होता है।आहुति देने के बाद कमर सीधी रखे हुऐ अग्नि या धुऐ पर ध्यान केन्द्रित करे l जब तक आहुति जल रही है तब तक शांत चित्त बैठे रहे, अग्निहोत्र पात्र को शाम तक वहीं रहने दें।

  *अग्निहोत्र* छूट जाने या नागा होने से कोई नुकसान हर्जा नहीं होता है ।

अग्निहोत्र : कृषि क्रांति
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10 एकड़ क्रषि भूमि के लिए 1 जगह का अग्निहोत्र पर्याप्त माना गया है,अपने जैविक जीवन शैली विज्ञान मिशन ने कृषि भूमि की मिट्टी को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने के उपयोग को प्रमुखता से  अपनाया है।
आज की यूरिया,डीएपी जैसी रसायनिक खाद केमिकल के साथ साथ नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करती है,कच्चे सूखे गोबर का ढेर,मुर्गी की खाद,प्रेसमड ये सब परंपरागत स्रोत भी भयंकर नकारात्मक होते है और नकारात्मक जीवो का पारिस्थतिक तंत्र(इकोलॉजी) का निर्माण करते है,अर्थात मिट्टी में फंगस,वायरस,कीटो को बढ़ाते है।
इस इकोलॉजी की जड़ नकारात्मक ऊर्जा है जिसे एक ग्राम अग्निहोत्र भस्म प्रति लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करने से बदला जा सकता है।
स्प्रे करते ही ऊर्जा चक्र तो तुरन्त ही बदल जाता है और धीरे धीरे 1,2 वर्ष की अवधि में इकोलॉजी भी बदल जाती है।
यह भस्म मिट्टी में पड़े पूर्व के विषाक्त तत्वों को भी नष्ट करता है। जब भी पौधों की ऊर्जा कम दिखती हो इसी तरह से भस्म का पौधों पर भी स्प्रे करते रहे।
अधिक जानकारी के लिए जैविक जीवन शैली विज्ञान  मिशन की केंद्रीय टीम से या अपने राज्य  संयोजक से सम्पर्क कर प्राप्त करें।

मिताली बेलजी
8349324032
प्रधान सचिव,भोपाल

डॉ ऋषि सागर
8889973113
राष्ट्रीय संगठन सचिव
केंद्र-जबलपुर 

श्रीमति अंजलि काले
7776005097
राष्ट्रीय संगठन सह-सचिव
केंद्र - पुणे 
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।।नित्य सूर्योदय सूर्यास्त अग्निहोत्र करें व अपने परिवार को सुख,स्वास्थ्य,सन्मति दें।।
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 ।।नित्य रहना है निरोग तो नित्य करें रहे अग्निहोत्र ।।
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 ।।आपका अग्निहोत्र आचरण  पर्यावरण का संरक्षण  है।।
🙏

खुद को ढूँढे बाकी सब कुछ गूगल पर है


#सुखद_जीवन की #अनुभूति...
😊😊

अंबानी हर रोज की तरह सुबह अपने बंगले में gold coated मार्बल की डाइनिंग टेबल पर बैठे होते हैं। सामने चांदी की प्लेट व बाउल में, अनसाल्टेड स्प्राउटस्, बिना शक्कर की चाय पी रहे थे.

फिर कुछ देर बाद......... अनसाल्टेड ओकरा (भिंडी) की एक सब्जी और बिना घी तेल की दो रोटी और गर्म खनिज पानी था।

7,000 करोड़ रुपये का घर, दस नौकरों को नाश्ता मिल रहा था, पचासों एसी चल रहे थे, गारेगर हवा दे रहे थे।
इमारतों के नीचे से प्रदूषण का धुआं निकल रहा था।

ऐसे माहौल में नाश्ता कर रहे थे अंबानी...
😊😊😊

वहीं दूर #खलिहान में दूर कुएं की मेढ़ पर एक खेतिहर #मजदूर बैठा था। वो छोले की तरी वाली सब्जी के साथ रोटी, हल्दी-मसाले में पकी भिंडी व साथ में अचार भी खा रहा था। मीठे में गुड़ और पीने के लिए बर्तन में ठंडा पानी था।

सामने हरे भरे खेत, शुद्ध हवा में लहराती फसलें, ठंडी हवाएं, चिड़ियों की चहचहाहट।

तथा वह #आराम से खा कर रहा था।

#500 रुपए कमाने वाला एक #खेतिहर मजदूर वह खा रहा था जो 7 अरब रुपए का मालिक नही खा पा रहा था।

अब बताओ इन दोनों में क्या अंतर था? 🤔

अंबानी पचास साल के थे और मजदूर भी पचास साल के थे।

नाश्ते के बाद अंबानी मधुमेह और बीपी की गोली ले रहे थे और एक खेतिहर मजदूर चूने के साथ पान खा रहा था।

🌼 कोई हीन नहीं,कोई महान नहीं।

इसलिय #खुशी की तलाश मत करो
#सुख महसूस करो
🌼"अतुलनीय आनंद" उत्पादन पर जीएसटी *0%*

🌼#खुद को ढूँढे बाकी सब कुछ गूगल पर है !!

मानसरोवर स्कीम में निशुल्क आयुर्वेदिक शिविर संपन्न

हमारे संवाददाता के अनुसार आज
दिनांक 1 अगस्त 2021 रविवार को पाल बाईपास स्थित डीपीएस स्कूल के सामने स्थित मानसरोवर स्कीम कॉलोनी के शिव मंदिर प्रांगण में  सुबह 9:00 बजे निशुल्क आयुर्वेदिक जांच शिविर का शुभारंभ प्रथम पूज्य भगवान गणपति जी की गणेश वंदना द्वारा स्तुति कर किया गया 
जिसमे कॉलोनी के निवासियों के अलावा जोधपुर के अन्य क्षेत्रों से भी बहुत से रोगियों ने अत्याधुनिक मशीन द्वारा अपनी रोग जांच करवाई
शिविर में पाली जिले से आए हुए प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉ. एस एस शर्मा जी ने रोगियों को निशुल्क परामर्श दिया 
शिविर में आइएमसी के सभी सदस्यों ने अपना अपना अमूल्य समय और सहयोग प्रदान किया 
शिविर के मुख्य संयोजक श्री अभिषेक शर्मा ने शिविर के बारे जानकारी देते हुए बताया कि यह निशुल्क आयुर्वेदिक शिविर आईएमसी द्वारा बालाजी आयुर्वेदिक सेंटर के तत्वावधान में आइएमसी के पूर्व में चलाए जा रहे एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम जिसमे कोरोना महामारी से प्रभावित आम जनता को बीमारी एवं बेरोजगारी जैसी मुख्य समस्या के निदान हेतु चलाए जा रहे  कार्य की कड़ी है जो आगे भी जारी रहेगा 
कार्यक्रम के दौरान  जोधपुर के विशाल जी संखवाया , ओम प्रकाश लखारा, राजा लखारा, जेपी  खींची, बालाजी आयुर्वैदिक सेंटर के श्री अभिषेक शर्मा, बंदना शर्मा , सोमाराम , कनिष्क शर्मा, राहुल शर्मा, सुमन शर्मा,  ममता शर्मा, दीप्ति जोशी, कचरे से सोना बनाओ अभियान के संस्थापक केवल कोठारी, सांवरिया के कैलाशचंद्र लढा, पुलिस पब्लिक प्रेस के हेमंत वाजपेई, वास्तुविद एवं योगाचार्य शिवलाल मालवीय आदि द्वारा मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी रखा गया 

शाम 6 बजे तक संपन्न हुए शिविर में कई रोगियों ने निशुल्क शिविर का लाभ लिया 
कॉलोनी वासियों एवं आइएमसी टीम के सभी कार्यकर्ताओं के सफल प्रयास से आज का यह आयुर्वेदिक शिविर सफल रहा..

इसके साथ साथ विभिन्न समुदाय और संस्थाओं ने अपना सहयोग दिया जिसमें सर्वप्रथम मानसरोवर सेवा मंडली संस्था, सांवरिया संस्था, सौमित्रे सुंदरकांड मंडली, द्वारा सहयोग प्राप्त हुआ... अंत में अभिषेक शर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं एवं डॉक्टर साहब का आभार व्यक्त किया और भविष्य जोधपुर के कई क्षेत्र में इस तरह के आयुर्वेदिक शिविर लगवाने का भरोसा दिलाया 

गुरुवार, 29 जुलाई 2021

विष्णु के दस अवतार - मानव के विकास का विज्ञान


*💐💐दशावतार और विज्ञान💐💐* 




       एक माँ अपने पूजा-पाठ से फुर्सत पाकर अपने विदेश में रहने वाले बेटे से विडियो चैट करते वक्त पूछ बैठीं..

*"बेटा! कुछ पूजा-पाठ भी करते हो या नहीं?"*

बेटा बोला-

"माँ, मैं एक जीव वैज्ञानिक हूँ । मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूँ। विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन.. क्या आपने उसके बारे में सुना भी है?"

उसकी माँ मुस्कुरा कर बोली-
"मैं डार्विन के बारे में जानती हूँ बेटा.. उसने जो भी खोज की, वह वास्तव में सनातन-धर्म के लिए बहुत पुरानी खबर है।"
“हो सकता है माँ!” बेटे ने भी व्यंग्यपूर्वक कहा।
“यदि तुम कुछ होशियार हो, तो इसे सुनो..” उसकी माँ ने प्रतिकार किया। “क्या तुमने दशावतार के बारे में सुना है? विष्णु के दस अवतार?”
बेटे ने सहमति में कहा-
"हाँ! पर दशावतार का मेरी रिसर्च से क्या लेना-देना?"
माँ फिर बोली-
"लेना-देना है.. मैं तुम्हें बताती हूँ कि तुम और मि. डार्विन क्या नहीं जानते हैं?"
.
“पहला अवतार था 'मत्स्य', यानि मछली। ऐसा इसलिए कि जीवन पानी में आरम्भ हुआ। यह बात सही है या नहीं?”
बेटा अब ध्यानपूर्वक सुनने लगा..
“उसके बाद आया दूसरा अवतार 'कूर्म', अर्थात् कछुआ। क्योंकि जीवन पानी से जमीन की ओर चला गया.. 'उभयचर (Amphibian)', तो कछुए ने समुद्र से जमीन की ओर के विकास को दर्शाया।”
“तीसरा था 'वराह' अवतार, यानी सूअर। जिसका मतलब वे जंगली जानवर, जिनमें अधिक बुद्धि नहीं होती है। तुम उन्हें डायनासोर कहते हो।”
बेटे ने आंखें फैलाते हुए सहमति जताई..

“चौथा अवतार था 'नृसिंह', आधा मानव, आधा पशु। जिसने दर्शाया जंगली जानवरों से बुद्धिमान जीवों का विकास।”
“पांचवें 'वामन' हुए, बौना जो वास्तव में लंबा बढ़ सकता था। क्या तुम जानते हो ऐसा क्यों है? क्योंकि मनुष्य दो प्रकार के होते थे- होमो इरेक्टस(नरवानर) और होमो सेपिअंस (मानव), और होमो सेपिअंस ने विकास की लड़ाई जीत ली।”
बेटा दशावतार की प्रासंगिकता सुन के स्तब्ध रह गया..

माँ ने बोलना जारी रखा-
“छठा अवतार था 'परशुराम', जिनके पास शस्त्र (कुल्हाड़ी) की ताकत थी। वे दर्शाते हैं उस मानव को, जो गुफा और वन में रहा.. गुस्सैल और असामाजिक।”
“सातवां अवतार थे 'मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम', सोच युक्त प्रथम सामाजिक व्यक्ति। जिन्होंने समाज के नियम बनाए और समस्त रिश्तों का आधार।”
“आठवां अवतार थे 'भगवान श्री कृष्ण', राजनेता, राजनीतिज्ञ, प्रेमी। जिन्होंने समाज के नियमों का आनन्द लेते हुए यह सिखाया कि सामाजिक ढांचे में रहकर कैसे फला-फूला जा सकता है।”
बेटा सुनता रहा, चकित और विस्मित..

माँ ने ज्ञान की गंगा प्रवाहित रखी -
“नवां अवतार थे 'महात्मा बुद्ध', वे व्यक्ति जिन्होंने नृसिंह से उठे मानव के सही स्वभाव को खोजा। उन्होंने मानव द्वारा ज्ञान की अंतिम खोज की पहचान की।”
“..और अंत में दसवां अवतार 'कल्कि' आएगा। वह मानव जिस पर तुम काम कर रहे हो.. वह मानव, जो आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठतम होगा।”
बेटा अपनी माँ को अवाक् होकर देखता रह गया..

अंत में वह बोल पड़ा-
“यह अद्भुत है माँ.. हिंदू दर्शन वास्तव में अर्थपूर्ण है!”

मित्रों..
वेद, पुराण, ग्रंथ, उपनिषद इत्यादि सब अर्थपूर्ण हैं। सिर्फ आपका देखने का दृष्टिकोण सही होना चाहिए, और उनका सही अर्थ बताने के लिए एक योग्य मार्गदर्शक जो कथाओं के मूल को आपके अन्तःस्थल में स्थापित कर सके..
*सदैव प्रसन्न रहिये।*

मंगलवार, 27 जुलाई 2021

बरसात के मौसम में जोधपुर में कहीं बिजली के तार आदि खुले पडे हो, कहीं करंट आ रहा हो तो जोधपुर के समस्त बिजलीघर के फोन नं. नीचे दिये गये हैं...

*सूचना*
बरसात के मौसम में यदि जोधपुर में आपके आस पास कहीं बिजली के तार आदि खुले पडे हो, कहीं करंट आ रहा हो तो तुरंत आपके एरिया से सम्बधित बिजलीघर में इसकी सुचना देवें... जोधपुर के समस्त बिजलीघर के फोन नं. नीचे दिये गये हैं...

BJS 0291-2530325
Banar Road 0291-2511060
Barkattulla Khan Stadium Masuriya 0291-2651258
Basni 1st Phase 0291-2721173
Basni 2nd Phase 0291-2742235
Bhadwasiya Frout Mandi 0291-2574857
Chopasani Housing Board 0291-2757818
Circuit House 0291-2517881
Collectorate-AEM 0291-2556237
Eiectric (Head Office) 0291-2651200,0291-2651201
Emergency0291-1912,0291-2516960
Engineering College 9214020010
Fort (Sub-Station) 0291-2651231
Ghantaghar Dhan Mandi 0291-2556230
Industrial Area (New Power House) 0291-2651375
Jalori Gate 0291-2651354
Jhalamand 09413359246
Kamla Nehru Nagar 0291-2757817
Kuchehri (Court) HTM IIIrd 0291-2556233
Kudi Bhagtasni 9214020089
Lal Sagar 0291-2574854
MGH 0291-2651309
Medical College 0291-2651230
Milk Man Colony 9214020110
Nagori Gate 0291-2556232
New Power House0291-2651375
Old Power House Sojati Gate 0291-2517882
Pal Village 0291-2766358,0291-2742258
Pratap Nagar 0291-2651222
Riico Mandore 0291-2009344,0291-2517893
Riktiya Bheru Ji 0291-2671144
Sardarpura 0291-2651284
Shastri  Nagar 0291-2651230
Soorsagar 0291-2757819
Umaid Hospital 0291-2651396

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