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गुरुवार, 5 अगस्त 2021

एक थीं श्रीमती नीरा आर्य - एक बेसहारा, लावारिस और अनजान के रूप में हुई एक मृत्यु का दर्दनाक सच ..!!!

एक ऐसी घटना, जिसे सुनकर महात्मा और  लेहरु के बारे में फिर से सोचने के लिए आप विवश‌ हो जाएंगे,, क्योंकि सुभाष चंद्र बोस अंग्रेजों की आंखों में गड़ते थे और उनके गायब होने से यही दोनों खूब फले फूले  ..!!

एक बेसहारा, लावारिस और अनजान के रूप में हुई एक मृत्यु का दर्दनाक सच ..!!!
         एक थीं श्रीमती नीरा आर्य ( ०५-०३-१९०२ / २६-०७-१९९८ ) - नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रक्षा के लिए इस बहादुर महिला का  "स्तन" तक काट दिया गया ! (मैं स्पष्ट लिखने के लिए सभी से क्षमा चाहूँगा) नीरा आर्य ने श्रीकांत जोइरोंजोन दास से शादी की, जो ब्रिटिश पुलिस में एक सीआईडी ​​इंस्पेक्टर थे। 

     जब कि नीरा आर्य एक सच्ची राष्ट्रवादी थीं, उनके पति एक सच्चे ब्रिटिश नौकर थे। देशभक्त होने के नाते नीरा सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना की झांसी रेजिमेंट में शामिल हुईं। 

   नीरा आर्य के पति इंस्पेक्टर श्रीकांत जोइरोंजोन दास सुभाष चंद्र बोस की जासूसी कर रहे थे और जोइरोंजोन दास ने एक बार सुभाष चंद बॉस पर गोलियां चला दीं लेकिन सौभाग्य से सुभाष चंद जी बाल-बाल बच गए। सुभाष चंद बोस को बचाने के लिए नीरा आर्य ने अपने पति की चाकू मार कर हत्या कर दी थी।

           हालाँकि, I.N.A के आत्म समर्पण के बाद । लाल किले में एक मुकदमा (नवंबर-1945 और मई-1946) तक चला। नीरा आर्य को छोड़कर सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया । वहीं उसे सेलूर जेल, अंडमान ले जाया गया जहाँ उसे हर दिन प्रताड़ित किया जाता था। 
    
   एक लोहार लोहे की जंजीरें और बेड़ियाँ हटाने आया। उसने जान बूझकर बेड़ियाँ हटाने के बहाने उनकी त्वचा का थोड़ा सा हिस्सा भी काट दिया और उनके पैरों को हथौड़े से 2-3 बार जानबूझ कर मारा। 

       नीरा आर्य ने असहनीय दर्द को सहा। जेलर, जो इस पर पीड़ा का आनंद ले  रहा था, जेलर ने नीरा को रिहा करने की पेशकश  इस शर्त के साथ की कि अगर वह सुभाष चंद बोस के ठिकाने का खुलासा करती है। 

      नीरा आर्य ने जवाब दिया कि बोस की मृत्यु एक विमान दुर्घटना में हुई थी और पूरी दुनिया इसके बारे में जानती है। 

       जेलर ने विश्वास करने से इनकार कर दिया और जवाब दिया, तुम झूठ बोल रही हो, सुभाष चंद बोस अभी भी जीवित हैं। तब नीरा आर्य ने कहा "हाँ, वो ज़िंदा हैं, वो मेरे दिल में रहते हैं !

       जेलर ने गुस्से में आकर कहा, "फिर हम सुभाष चंद बोस को तुम्हारे दिल से निकाल देंगे" जेलर ने उनको गलत तरीके से छुआ और कपड़ों को फाड़ दिया। 

      कपड़े अलग किए और लोहार को उनकी छाती काटने का आदेश दिया। लोहार ने तुरंत ब्रेस्ट रिपर लिया और उसके दाहिने शरीर को कुचलने लगा। बर्बरता यहीं नहीं रुकी, जेलर ने उनकी गर्दन पकड़ ली और कहा कि मैं आपके दोनों 'हिस्सों" को उनके स्थान से अलग कर दूँगा। 
      उन्होंने आगे बर्बर मुस्कान के साथ कहा गनीमत है "ये ब्रेस्ट रिपर गर्म नहीं हुआ है वरना आपके ब्रेस्ट पहले ही कट चुके होते"।

      नीरा आर्य ने अपने जीवन के अंतिम दिन फूल बेचने में बिताए और वह फलकनुमा, भाग्य नगरम में एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थीं। 

    'स्वतंत्र कही जाने वाली' सरकार (?)  ने उनकी झोपड़ी को सरकारी जमीन पर बनाने का आरोप लगाते हुए गिरा दिया। 

     नीरा आर्य की मृत्यु २६-०७- १९९८ को एक बेसहारा, लावारिस, अनजानी के रूप में हुई, जिसके लिए पूरी पृथ्वी पर कोई रोने वाला तक नहीं था। 
     मुझे यकीन है , 

हमारे अधिकांश लोग इस सब से अनजान हैं .. और हमारा राष्ट्र गांधी और लेहरू की महान महिमा गा रहा है। 
    आइए उनकी चार दिन पहले गुज़री पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करें।

कुछ बूंद आँसू से ....!!!

🇮🇳🇮🇳🇮🇳️ वंदॆमातरम् 🇮🇳🇮🇳🇮🇳️ 
🚩🚩भारत माता की जय 🚩🚩

🚩 देश, समाज, हर भारतवासी को इनकी सच्चाई से अवगत कराए 🚩

                  🇮🇳 जय हिन्द  🇮🇳

पहले ट्रेनों के नाम होते थे ..निजामुद्दीन एक्सप्रेस..हजरतगंज..अब होते हैं रामायण..वंदेभारत.महाकाल एक्सप्रेस

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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पहले ट्रेनों के नाम होते थे ..निजामुद्दीन एक्सप्रेस..गरीब नवाज.हजरतगंज..अब होते हैं ...रामायण....वंदेभारत...महाकाल एक्सप्रेस 
फर्क साफ है समझने वालो🤔 के लिए

 कल काशी से...एक ट्रेन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री जी ने किया जिसका नाम 🙏 महाकाल🚩 एक्सप्रेस रखा गया इस ट्रेन में भगवान शिव के लिए कोच ..b4 में 64 नंबर की बर्थ आरक्षित...सीट पर शिव मंदिर बनाया गया
तीनों ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस..

ये तीन धार्मिक स्थानों को जोड़ेगी- वाराणसी में काशी विश्वनाथ..उज्जैन में महाकालेश्वर और इंदौर के पास ओंकारेश्वर 

अभी मोदी को समझना सब कि बस की बात नहींं
👺👺😎😎😡😡


🚨🚨🚩
*देशहित में जारी*
   *बीबीसी के विख्यात पत्रकार मार्क टुली नें ब्यान दिया है, कि "मोदी इस देश के उस बडे बरगद को उखाड़ कर गिरा रहे हैं, जिसमें वर्षों से विषैले कीड़े लगे हुए हैं ! इसके लिए उन्हे लगातार महासंघर्ष करना होगा !"*
   *मोदी नें देश में छुपे सारे जहरीले नागों के बिल में एक साथ हाथ डाल दिया है, इसलिये ये नाग फुफकार रहे हैं, कांग्रेस, वामपंथ, जेहादी, नक्सली, मिशनरी सहित हर तरह के नागों को कांग्रेस नें अपनें पास छुपाए रखा था, भारत भूमि को बर्बाद करने के लिए, वो तो अच्छा हुआ कि मोदी सत्ता में आ गये और इन जहरीले नागों से देश को परिचित और सतर्क कर इन्हें बेनकाब कर दिया, वरना ये जहरीले नाग आनें वाले समय में इस भारत भूमि और हिन्दूओं को निगल जाते और हमारी आनें वाली पीढ़ियों के पास सिवाय रोने, बिलखने के इलावा कुछ नही बचता।*
   *मोदी को बहुत संघर्ष करना होगा और मोदी संघर्ष कर भी लेगा, परन्तु इस देश वासियों को खासकर हिन्दुओं को मोदी के साथ डट कर खड़ा रहना होगा*,
   *क्योंकि मोदी नें ये जंग अपनें लिये नहीं, बल्कि यह  हमारे देशवासी बच्चों, आनें वाली पीढियों और भारत के उज्जवल भविष्य के लिए जंग छेड़ी हुई है।*
    कृपया जनहित में यह आगे भेज कर देशवासी को भी जगानें का काम करें !!


🇮🇳🇮🇳

आपकी रसोई में सौ मर्जो की दवा छिपी है :पुदीना

आपकी रसोई में सौ मर्जो की दवा छिपी है :पुदीना

पुदीना की मूल उत्त्पत्ति का स्थान भूमध्यसागरीयप्रदेश है, परंतु आजकल संसार के अधिकतर देशों में पुदीना का उत्पादन हो रहा है। पुदीना की एक प्रकार की पहाड़ी की किस्म भी होती है

*परिचय :*
पुदीना की मूल उत्त्पत्ति का स्थान भूमध्यसागरीयप्रदेश है, परंतु आजकल संसार के अधिकतर देशों में पुदीना का उत्पादन हो रहा है। पुदीना की एक प्रकार की पहाड़ी की किस्म भी होती है। भारत के लगभग सभी प्रदेशों में पुदीना उगाया जाता है। पुदीना में अधिक तेज खुशबू होती है। 

पुदीना की चटनी अच्छी बनती है। पुदीना का उपयोग कढ़ी में और काढ़ा बनाने में किया जाता है। दाल-साग आदि में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यदि हरा व ताजा पुदीना उपलब्ध न हो तो उसके पत्तों को सुखाकर उपयोग में लाया जा सकता है। पुदीना में से रस निकाला जाता है। 

पुदीना की जड़ को जमीन में बोकर पुदीना की उत्त्पति की जाती है। पुदीना किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। घरों के बाहर लॉन में, बड़े गमलों में पुदीना को उगा सकते हैं। पुदीना ( pudina )के पत्तों से भीनी-भीनी सुगंध आती है।
रंग : पुदीना का रंग हरा होता है।

स्वाद : इसका स्वाद तीखा और तेज बदबू वाला होता है।
स्वरूप : पुदीना एक प्रकार की घास है, जिसके पत्ते गोल छोटे और खुशबूदार होते हैं, यह जमीन के ऊपर फैलता है।
स्वभाव : पुदीना खाने में गर्म और खुश्क होता है।

मात्रा : 6 ग्राम पुदीना का सेवन कर सकते हैं। पुदीना के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर तेल में 1 से 3 बूंद तक ले सकते हैं।

*पुदीना के औषधीय गुण:*

पुदीना भारी, मधुर, रुचिकारी, मलमूत्ररोधक, कफ, खांसी, नशा को दूर करने वाला तथा भूख को बढ़ाने वाला है। यह हैजा, संग्रहणी (अधिक दस्त का आना), अतिसार (दस्त), कृमि (कीड़े) तथा पुराने बुखार को दूर करने वाला होता है। यह मन को प्रसन्न करता है, हृदय और गुर्दे के दोषों को दूर करता है, हिचकियों को रोकता है, बादी को समाप्त करता है, पेशाब और पसीना लाता है, बच्चा होने में सहायता करता है, इसके सूंघने से बेहोशी दूर हो जाती है। 

पुदीना अजीर्ण (अपच), मुंह की बदबू, गैस की तकलीफ, हिचकी, बुखार, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, जुकाम, खांसी आदि रोगों में लाभदायक होता है। पुदीना का प्रयोग अर्क (रस) सूप, पेय के रूप में किया जाता है। यह चेहरे के सौंदर्य को बढ़ाने वाला, त्वचा की गर्मी दूर करने वाला, रोगों के कीटाणुओं को नष्ट करने वाला और दिल को ठंडक पहुंचाने वाला है। यह जहरीले कीड़ों के काटने पर और प्रसूति ज्वर में भी लाभकारी होता है।

*पुदीना के लाभ / रोगों का इलाज*

1. मुंह की दुर्गंध: पुदीना ( pudina )की पत्तियों को थोड़े-थोड़े समय के बाद चबाते रहने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है। पुदीना की 15-20 हरी पत्तियों को 1 गिलास पानी में अच्छी तरह उबालकर उस पानी से गरारे करने से भी मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
2. जहरीले कीड़ों के काटने पर: पुदीना के पत्तों को पीसकर किसी जहरीले कीड़े के द्वारा काटे हुए अंग (भाग) पर लगाएं और पत्तों का रस 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से आराम मिलता है।
3. चेहरे की सौंदर्यता: पुदीना की पत्तियों को पीसकर गाढ़े लेप को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से मल लें। सुबह चेहरा गर्म पानी से धो लें। इस लेप को रोजाना लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झांइयां और फुंसियां दूर हो जाती हैं और चेहरे पर निखार आ जाता है।
4. गैस:
★ 4 चम्मच पुदीना के रस में 1 नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से गैस के रोग में आराम आता है।
★ सुबह 1 गिलास पानी में 25 मिलीलीटर पुदीना का रस और 30 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस समाप्त हो जाती है।
★ 60 ग्राम पुदीना , 10 ग्राम अदरक और 8 ग्राम अजवायन को 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें। उबाल आने पर इसमें आधा कप दूध और स्वाद के अनुसार गुड़ मिलाकर पीएं। चौथाई कप पुदीना का रस आघा कप पानी में आधा नींबू निचोड़कर 7 बार उलट-उलट कर पीने से भी गैस से होने वाला पेट का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।
★ पुदीना की ताजी पत्ती, छुहारा, कालीमिर्च, सेंधानमक, हींग, कालीद्राक्ष (मुनक्का) और जीरा इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़कर खाने से भोजन के प्रति रुचि उत्पन्न होती है, स्वाद आता है, गैस दूर होकर भोजन पचाने की क्रिया तेज होती है और मुंह का फीकापन दूर होता है।
★ 20 मिलीलीटर पुदीना का रस, 10 ग्राम शहद और 5 मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर खाने से पेट के वायु विकार (गैस) समाप्त हो जाते हैं।
★ पुदीने की पत्तियों का 2 चम्मच रस, आधा नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।
5. आंतों के कीड़े: पुदीना का रस रोगी को पिलाने से आंतों के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
6. बिच्छू के काटने पर: बिच्छू के काटने पर पुदीना का लेप करने और पानी में पीसकर रोगी को पिलाने से लाभ होता है।
7. पेट में दर्द व अरुचि (भूख का लगना): 3 ग्राम पुदीना के रस में हींग, जीरा, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर गर्म करके पीने से पेट के दर्द और अरुचि (भोजन की इच्छा न होना) रोग ठीक हो जाते हैं।
8. त्वचा के रोग: खाज-खुजली आदि त्वचा के रोगों में हल्दी और पुदीना का रस बराबर की मात्रा में मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
9. सर्दी और खांसी: पुदीना की पत्तियों और कालीमिर्च को मिलाकर गर्म-गर्म चाय रोगी को पिलाने से सर्दी-खांसी, जुकाम, दमा और बुखार में आराम मिलता है।
10. पेट में कीड़े (कृमि): आधा कप पुदीना का रस दिन में 2 बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक पिलाते रहने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
11. बदहजमी (भोजन का न पचना), भूख की कमी: 4-6 मुनक्का के साथ 8-10 पुदीना की पत्तियां सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से आराम मिलेगा।
12. खांसी: चौथाई कप पुदीना का रस इतने ही पानी में मिलाकर रोजाना 3 बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ-दमा व मंदाग्नि में लाभ होता है।
13. त्वचा की गर्मी: हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगाने से त्वचा की गर्मी दूर हो जाती है।
14. जुकाम:
★ पुदीना , कालीमिर्च के पांच दाने और नमक इच्छानुसार डालकर चाय की भांति उबालकर रोजाना तीन बार पीने से जुकाम, खांसी और मामूली ज्वर में लाभ मिलता है।
★ पुदीना के रस की बूंदों को नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में लाभ होता है।
★ पुदीना की चाय बनाकर उसके अंदर थोड़ा-सा नमक डालकर पीने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।
★ पुदीना के रस की 1-2 बूंदे नाक में डालने से पीनस (जुकाम) रोग नष्ट हो जाता है।
15. रक्त (खून) का जमना: चोट लग जाने से रक्त जमा हो जाने (गुठली-सी बन जाने पर) पुदीना( pudina ) का अर्क (रस) पीने से गुठली पिघल जाती है।
16. पित्ती: पुदीना 10 या 20 ग्राम को 200 मिलीलीटर पानी में उबालकर छानकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
17. बिच्छू के डंक: पुदीना का रस पीने से या उसके पत्ते खाने से बिच्छू के डंक मारने से होने वाला कष्ट दूर होता है।
18. सिर का दर्द:
★ सिर पर हरे पुदीना का रस निकालकर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
★ पुदीना की पत्तियों को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
19. बच्चों के रोग: कान में दर्द हो तो पुदीना का रस डालें या हरी मकोय का रस कान में डालना चाहिए।
20. हैजा:
★ पुदीना का रस पीने से हैजा, खांसी, वमन (उल्टी) और अतिसार (दस्त) के रोग में लाभ होता है। इससे पेट में से गैस और कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
★ हैजा होने पर पुदीना , प्याज और नींबू का रस मिलाकर रोगी को देने से लाभ मिलता है।
★ किसी व्यक्ति को हैजा होने पर उस व्यक्ति को प्याज का रस पिलाने से हैजे के रोग में आराम आता है।
★ 30 पुदीने की पत्तियां, 4 कालीमिर्च, काला-नमक 2 चुटकी, 2 भुनी हुई इलायची, 1 चोई इमली पकी। इन सब चीजों में पानी डालकर चटनी बना लें। इस चटनी को बार बार रोगी को चाटने के लिए दें।
★ पुदीना की 30 पत्तियां, कालीमिर्च के दाने 3 नग, कालानमक 1 ग्राम, भुनी हुई 2 छोटी इलायची, कच्ची अथवा पकी इमली 1 ग्राम इन सबको पानी के साथ पीसकर चटनी-सी बना लें। यह चटनी हैजे के रोगी को चटाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त तथा प्यास आदि विकार दूर हो जाते हैं।
★ 10-10 मिलीलीटर पुदीना , प्याज और नींबू का रस मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से हैजे के रोग में बहुत लाभ होता है। इससे वमन (उल्टी) भी जल्दी बंद हो जाती है।
21. वायु के रोग: पुदीना , तुलसी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा पीने से वायु रोग (वात रोग) दूर होता है और भूख भी बहुत लगती है।
22. आंतों के रोग: पुदीना का ताजा रस शहद के साथ सेवन करने से आंतों की खराबी और पेट के रोग मिटते हैं। आंतों की बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए पुदीना के ताजे रस का सेवन करना बहुत ही लाभकारी है।
23. शीत बुखार में: पुदीना और अदरक का रस या काढ़ा पीने से शीतज्वर मिट जाता है। इससे पसीना निकल आता है और हर प्रकार का ज्वर मिट जाता हैं। गैस और जुकाम के रोग में भी यह काढ़ा बहुत लाभ पहुंचाता है।
24. टायफाइड : पुदीना , राम तुलसी (छोटे और हरे पत्तों वाली तुलसी) और श्याम तुलसी (काले पत्तों वाली तुलसी) का रस निकालकर उसमें थोड़ा-सा शक्कर (चीनी) मिलाकर सेवन करने से टायफाइड (मोतीझारा) के रोग में लाभ होता है।
25. न्युमोनिया (ठंड लगकर बुखार आना) : पुदीना का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर हर 1 घंटे के बाद देने से न्युमोनिया (त्रिदोषज्वर-वात, पित्त और कफ) से होने वाले अनेक विकारों (बीमारियों) की रोकथाम करता है और बुखार को समाप्त करता है।
26. चेहरे की झांइयां: पुदीना के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झांइयां समाप्त हो जाती हैं और चेहरे की चमक बढ जाती है।
27. पेट के रोग:
★ पुदीना का रस कृमि (कीड़े) और वायु विकारों (रोगों) को नष्ट करने वाला होता है। पुदीना के 5 मिलीलीटर रस में नींबू का 5 मिलीलीटर रस और 7-8 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से उदर (पेट) के रोग दूर हो जाते हैं।
★ 2 चम्मच पुदीने का रस, 1 चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच शहद को मिलाकर सेवन करने से पेट के रोग दूर होते हैं।
★ 100 मिलीलीटर पुदीना का रस गर्म करके, 9 ग्राम शहद और लगभग 6 ग्राम नमक को मिलाकर पीने से उल्टी होकर पेट की बीमारी ठीक हो जाती है।
28. दाद:
★ शरीर के किसी भाग में दाद होने पर उस भाग पर पुदीना के रस को 1 दिन में 2-3 बार दाद पर लगाने से लाभ मिलता है।
★ पुदीना का रस दाद पर बार-बार लगाते रहने से दाद ठीक हो जाता है।
29. बुखार:
★ पुदीना और तुलसी का काढ़ा बनाकर रोजाना पीने से आने वाला बुखार रुक जाता है।
★ पुदीना और अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें, फिर इसे छानकर दिन में 2 बार पीने से बुखार ठीक हो जाता है। प्रतिश्याय (जुकाम) में भी इससे बहुत लाभ होता है।
★ पुदीना के पत्तों और मिश्री को मिलाकर शर्बत बनाकर बार-बार पीने से कफ के साथ-साथ बुखार में आराम मिलता है।
30. अरुचि (भोजन की इच्छा न करना): हरा धनिया, पुदीना , कालीमिर्च, अंगूर या अनार की चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से अरुचि (भूख का न लगना) समाप्त होती है और पाचन क्रिया तेज होने से भूख भी अधिक लगती है।
31. शरीर में गर्मी: पुदीना की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर शरीर पर लेप करने से शरीर की गर्मी दूर होती है।
32. त्वचा का तैलीयपन: चेहरे की त्वचा अधिक तैलीय होने पर रोजाना पुदीना का रस रूई के साथ चेहरे पर लगाने से त्वचा का तैलीयपन कम होता है और चेहरे का सौंदर्य भी बढ़ता है।
33. शारीरिक कमजोरी: पुदीने में विटामिन-ई पाया जाता है, जो शरीर की शिथिलता (कमजोरी) और वृद्धावस्था (बुढ़ापे) को आने से रोकता है। इसके सेवन करने से नसे भी मजबूत होती हैं।
34. पेट के कीड़े: पुदीना को नियमित रूप से खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
35. सर्दी-जुकाम: पुदीने के रस की 1 बूंद दिन में 3-4 बार नाक में डालने से सर्दी और जुकाम में लाभ मिलता है।
36. मुंह की सफाई के लिए: पुदीना चबाकर खाने से दांतों के बीच छिपे भोजन के कण दूर होते हैं और मुंह की सफाई भी हो जाती है।
37. आंखों के रोगों में: पुदीना में विटामिन-ए मिलता है, जो आंखों के रोगों में लाभदायक होता है।
38. दांतों का दर्द:
★ सूखे पुदीने को पीसकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
★ पुदीना पाचक (हाजमेदार) होता है व पेट का दर्द, वायुविकार, अपच (भोजन) आदि को ठीक कर दांतों का दर्द ठीक करता है।
39. दमा या श्वास:
★ दमा, खांसी, मंदाग्नि और जुकाम होने पर चौथाई कप पुदीना का रस इतना ही पानी मिलाकर प्रतिदिन पीते रहने से लाभ मिलता है।
★ चौथाई कप पुदीना का रस इतने ही पानी में मिलाकर प्रतिदिन 3 बार पीने से लाभ मिलता है। खांसी और दमा इत्यादि विकारों पर पुदीना अपने `कफनिस्सारक` गुणों के कारण काफी असरकारक सिद्ध होता है। पुदीने का रस इन सभी रोगों में बहुत ही लाभकारी होता है।
40. अफारा (गैस का बनना):
★ पुदीना के 5 मिलीलीटर रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सेवन कराने से आध्यमान (अफारा) ठीक हो जाता है।
★ पुदीना का रस 50 मिलीलीटर, मिश्री 5 ग्राम और 2 ग्राम यवक्षार मिलाकर खाने से आध्यमान (अफारा, गैस) दूर हो जाता है।
★ पुदीना के पत्तों का शर्बत बनाकर पीने से अफारा में लाभ होता है।
41. खट्टी डकारे आना: पुदीना और इमली को पीसकर उसमें सेंधानमक या शहद मिलाकर खाने से खट्टी डकारे और उल्टी आना शांत हो जाती है।
42. वमन (उल्टी):
★ 4 पुदीना के पत्ते और 2 आम के पत्तों को लेकर 1 कप पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। जब उबलता हुआ पानी आधा बाकी रह जाए तो उस पानी में मिश्री डालकर काढ़े की तरह पीने से उल्टी ठीक हो जाती है।
★ 6 मिलीलीटर पुदीना का रस और लगभग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक मिलाकर पीस लें इसे ताजे पानी में मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
★ अगर पेट के खराब होने की वजह से छाती भारी-भारी लग रही हो और बेचैनी के कारण उल्टी हो रही हो तो 1 चम्मच पुदीने के रस को पानी के साथ पिलाने से लाभ होता है।
★ 2-2 ग्राम पुदीना , छोटी पीपल और छोटी इलायची को एक साथ मिलाकर खाने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
★ 10 बूंद पुदीने के रस को पानी में मिलाकर उसमें शक्कर डालकर पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
★ पुदीना के पत्तों का शर्बत दिन में कई बार पीने से उल्टी और जी मिचलाना (उबकाई) आदि रोग दूर होते हैं।
★ पुदीना का रस और नींबू के रस को बराबर मात्रा में दिन में 1 चम्मच की मात्रा में 3-4 बार रोगी को पिलाने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
★ पुदीना को नींबू के साथ देने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
★ आधा कप पुदीना का रस 2-2 घण्टे के अंतराल में पिलाते रहने से लाभ उल्टी, दस्त और हैजा में मिलता है।
43. गर्भनिरोध (गर्भ का न ठहराना): पुदीना को सुखाकर बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसे स्त्री को संभोग (सहवास) करने से पहले लगभग 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ पिलाने से स्त्री का गर्भ नहीं ठहरता हैं। ध्यान रहे कि जब गर्भाधान अपेक्षित हो तो इस चूर्ण का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
44. मुंह के छाले: हरा पुदीना , सूखा धनिया और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर चबायें और लार को नीचे टपकायें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
45. दस्त: पुदीने को पीसकर प्राप्त रस को 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 1 कप पानी में डालकर पीयें।
46. हिचकी:
★ पुदीना के पत्तों को चूसने और पत्तों को नारियल (खोपरे) के साथ चबाकर खाने से हिचकी दूर होती है।
★ पुदीना के पत्ते या नींबू को चूसने या पुदीना के पत्तों को शक्कर (चीनी) में मिलाकर चबाने से हिचकी का आना बंद हो जाता है।
★ पुदीना के सूखे और हरे पत्ते को शक्कर के साथ चबाने से हिचकी नहीं आती है।
★ 2 मिलीलीटर हरे पुदीने के रस में 2 ग्राम चीनी मिलाकर चबाने से हिचकी मिट जाती है।
★ पुदीने के पत्ते को मिश्री के साथ खाने से हिचकी मिट जाती है।
★ पुदीना के रस को हिचकी में पीने से लाभ होता है।
★ हिचकी बंद न हो तो पुदीने के पत्ते या नींबू चूसें। पुदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर हर दो घंटे में चबाने से हिचकी में फायदा होता है।
★ 1-1 गोली पुदीना खाना-खाने के बाद सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
★ 1 चम्मच पुदीने का रस, 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शक्कर आदि तीनों को एक साथ मिलाकर पीने से हिचकी नहीं आती है।
47. मुंह की बदबू: पुदीना को पानी से पीसकर घोल बनाकर दिन में 3 से 4 बार कुल्ला करने से मुंह से दुर्गंध व अन्य रोग भी ठीक होते हैं।
48. गर्भवती स्त्री का जी मिचलाना: पुदीना का रस लगभग 30 मिलीलीटर प्रत्येक 6 घंटे पर गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से जी का मिचलाना बंद हो जाता है।
49. कान के कीड़े: कान के अंदर अगर बहुत ही बारीक कीड़ा चला जाये तो कान में पुदीने का रस डालने से कान का कीड़ा समाप्त हो जाता है।
50. मासिक-धर्म की अनियमितता: पुदीने की चटनी कुछ दिनों तक लगातार खाने से मासिक-धर्म नियमित हो जाता है।
51. चोट से खून जमने पर:
★ पुदीना का रस पिलाने से जमा हुआ खून टूटकर बिखर जाता है।
★ सूखा पुदीना पीसकर फंकी लेने से खून का जमाव बिखर जाता है।
52. नष्टार्तव (बंद माहवारी): पुदीना के पत्तों का अधिक मात्रा में बार-बार सेवन करने से माहवारी शुरू हो जाती है। इसे चाहे जिस रूप में सेवन किया जाए या इसके पत्तों को पीस-घोलकर या मिश्री मिलाकर शर्बत के रूप में सेवन करना चाहिए।
53. घाव: पुदीने के पत्तों को पीसकर पोटली बनाकर जख्म पर बांधने से घाव के कीड़े मर जाते हैं।
54. अग्निमांद्यता (अपच): 20 हरे पुदीना की पत्तियां, 5 ग्राम जीरा और थोड़ी-सी हींग, कालीमिर्च के 10 दाने, चुटकीभर नमक को मिलाकर चटनी बनाकर 1 गिलास पानी में उबालें जब पानी आधा गिलास शेष रह जाए, तो छानकर पीने से लाभ होता है।
55. अम्लपित्त: 1 कप पानी में पुदीने की चटनी बनाकर, थोड़ी-सी चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त के कारण पेट में होने वाली जलन को शांत होती है।
56. कफ: कफ (बलगम) होने पर चौथाई कप पुदीना का रस इतने ही गर्म पानी में मिलाकर रोज 3 बार पीने से कफ में लाभ होता है।
57. प्रसव (प्रजनन का दर्द) वेदना: जंगली पुदीना और हंसराज दोनों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सेवन करने से प्रजनन में दर्द नहीं होता है।
58. यकृत का बढ़ना: पुदीने के रस में नींबू का रस मिलाकर, पानी में डालकर पिलाने से यकृत वृद्धि मिट जाती है।
59. पित्त ज्वर: घबराहट व बैचेनी में पुदीना का रस लाभदायक होता है।
60. लू का लगना:
★ लगभग 20 पुदीना की पत्तियां, लगभग 3 ग्राम सफेद जीरा और 2 लौंग मिलाकर इन सबको पीसकर जल में घोलकर, छानकर रोगी को पिलाने से लू से होने वाली बेचैनी खत्म हो जाती है।
★ लगभग 150 मिलीलीटर पुदीना के रस को इतने ही ग्राम पानी के साथ पीने से लू से होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।
★ सूखा पुदीना , खस तथा बड़ी इलायची लगभग 50-50 ग्राम की बराबर मात्रा में लेकर कूट लें और इसका चूर्ण बना लें, फिर इसे एक लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को ठंडा करके लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से लू ठीक हो जाती है।
61. शीतपित्त:
★ पुदीना 7 ग्राम और 20 ग्राम गुड़ को 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर पीने से बार-बार पित्ती निकलना ठीक हो जाती है।
★ पुदीना को पानी के साथ काढ़ा बनाकर थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर खाने से पित्त में बहुत ही लाभ होता है।
★ 2 चम्मच पुदीना के पत्तों का सूखा चूर्ण और 1 चम्मच मिश्री या चीनी मिलाकर सेवन करने से पेट के दर्द में आराम होता है।
★ सूखा पुदीना और चीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच की फंकी लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
★ 5-5 मिलीलीटर पुदीना का रस, अदरक का रस और 1 ग्राम सेंधानमक को मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द दूर हो जाता है।
★ 5 मिलीलीटर पुदीना का रस और 5 मिलीलीटर अदरक के रस को मिलाकर, उसमें थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर सेवन करने से उदर शूल (पेट में दर्द) समाप्त हो जाता है।
★ पुदीना के 7 पत्ते और छोटी इलायची का 1 दाना पानी के पत्ते में लगाकर खाने से पेट में होने वाले दर्द में लाभ करता है।
★ पुदीना के पत्तों का शर्बत पीने से पेट का दर्द समाप्त हो जाता है।
★ 4 ग्राम पुदीने में आधा-आधा चम्मच सौंफ और अजवायन, थोड़ा-सा कालानमक और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग हींग को मिलाकर बारीक मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें, इस बने चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट में होने वाले दर्द में लाभ होता है।
★ 3 ग्राम पुदीना , जीरा, हींग, कालीमिर्च और नमक आदि को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
★ पुदीना , सौंफ, सोंठ और गुलकंद को अच्छी तरह पीसकर पानी में उबालकर दिन में 3 बार रोजाना खुराक के रूप में पीने से पेट के दर्द और कब्ज की शिकायत दूर होती है।
★ 2 चम्मच सूखे पुदीने को काले नमक के साथ सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
★ सूखा पुदीना और चीनी को बराबर मात्रा में पीसकर रख लें, फिर 2 चम्मच को फंकी के रूप में गर्म पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
63. मुर्च्छा (बेहोशी):
★ बेहोश व्यक्ति को पुदीना की खुशबू सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
★ पुदीना के पत्तों को मसलकर सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
64. मूत्ररोग: 2 चम्मच पुदीने की चटनी शक्कर में मिलाकर भोजन के साथ खाने से लाभ होता है।
65. गठिया (घुटनों के दर्द): गठिया के रोगी को पुदीना का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है और गठिया रोग में आराम मिलता है।
66. त्वचा के रोग: हरे पुदीना को पीसकर कम से कम 20 मिनट तक चेहरे पर लगाने से चेहरे की गर्मी समाप्त हो जाती है।
67. निम्नरक्तचाप (लो ब्लडप्रेशर): 50 ग्राम पुदीना को पीसकर उसमें स्वाद के अनुसार सेंधानमक, हरा धनिया और कालीमिर्च को डालकर चटनी के रूप में सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
68. पीलिया:
★ पुदीना के अधिक सेवन से पीलिया में लाभ होता है।
★ पुदीना की चटनी ( pudina chutney )नित्य रोटी के साथ खाने से पीलिया में लाभ होता है।
★ पुदीना के रस को शहद के साथ पन्द्रह दिनों तक सेवन करने से पीलिया में लाभ होगा।
69. चेहरे के दाग-धब्बे: शराब के अंदर पुदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग, धब्बे, झांई सब मिट जाते हैं और चेहरा चमक उठता है।
70. गले के रोग: 5-5 ग्राम पुदीना , लोहबान और अजवायन का रस, 5 ग्राम कपूर और 5 ग्राम हींग को 25 ग्राम शहद में मिलाकर एक साफ शीशी में भरकर रख लें, फिर पान के पत्ते में चूना-कत्था लगाकर शीशी में से 4 बूंदे इस पत्ते में डालकर खाने से गले का दर्द दूर होता है।

*पुदीना के नुकसान  :*

पुदीना धातु के लिए हानिकारक होता है। पित्तकारक प्रकृति होने के कारण पित्त प्रवृति के लोगों को पुदीना का सेवन कम मात्रा में कभी-कभी ही करना चाहिए।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

गोबर को बनाये आमदनी का जरिया, मिलेगा रोजगार, आत्मिक सुख और धन का दरिया

गोबर को बनाये आमदनी का जरिया, मिलेगा रोजगार, आत्मिक सुख और धन का दरिया

गोबर से उपले (कंडे), बिजली और खाद्य बनने की जानकारी तो है लेकिन बहुत कम लोगों को इसके जरिए बड़ा बिजनेस (business) करने के बारे में पता होगा. फिर चाहें आप शहर में हो या फिर गांव में. बस आपके पास पर्याप्त गोबर एकत्रित करने का लिंक होना चाहिए और एक खुली जगह, जहां आप इनके प्रोडक्ट्स को धूप में सुखा सकें. साथ ही ऐसा मार्केट, जहां से सेल ऑर्डर मिल सके. यह बिजनेस (business) आपको ‌कम समय में मालामाल बना सकता है. हालांकि, पहला सवाल मन में आता है, कैसे? इसी सवाल पर हम आपको यहां दे रहे हैं पूरी जानकारी

*एक साथ या अलग अलग बिजनेस*
लकड़ी, धूप और अगरबत्ती.

यह तीनों बिजनेस (business) एकसाथ या अलग अलग कर सकते हैं. सभी के लिए कम इन्वेस्टमेंट और स्पेस चाहिए होता है. इनकी मशीनें ऑनलाइन भी मिलती हैं। लकड़ी बनाने की मशीन करीब 40 से 70 हजार और धूप-अगरबत्ती के लिए मशीन एक से दो लाख रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है. रॉ मैटेरियल के लिए आपको चारकोल या बुरादा चाहिए होता है जो आसानी से मिल भी जाता है. इस बिजनेस (business) से पर्यावरण भी बचेगा और अध्यात्म का मार्केट भी मिलेगा. हम दिल्ली को ही लें तो यहां मंदिर, पूजा-अर्चना के अलावा श्मशान घाट में भी गोबर से बनी लकड़ी की मांग है.

*अकेले लकड़ी से कमाएं 50 हजार*
शुरुआत में लकड़ी बनाने का यह बिजनेस आपको चार या पांच हजार रुपये ही कमाई देता है लेकिन छह महीने बाद यह कमाई 10 गुना तक बढ़ जाती है. सबसे अच्छी बात है कि इस बिजनेस (business) में आपके पास खुला मार्केट है और कंपटीशन भी न के बराबर है. यानी आप जितना चाहें उतना बिजनेस (business) बढ़ा सकते हैं और उतनी कमाई भी कर सकते हैं, इसलिए यह अनिलिमिटेड कमाई वाला बिजनेस है. अकेले लकड़ी का व्यापार एक लाख रुपये से कम में शुरू हो सकता है.

*ऐसे समझें मुनाफा*
अनुमान के मुताबिक 50 गाय-भैंस से 2.5 क्विटंल गोबर मिलता है जिनसे 500 से 600 किलो तक लकड़ी बन जाती है. पांच सेंकड में एक किलो और एक मिनट में तीन फुट लंबी लकड़ी तक बन जाती है. गोबर की लकड़ी 600 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर बिकती है. अलग-अलग मार्केट में यह कीमत भी अलग हो सकती है लेकिन गोबर से बनी लकड़ी की कीमत प्राकृतिक लकड़ियों की तुलना में काफी कम होती हैं. इसलिए भी यह अच्छा बिजनेस (business) हो सकता है क्योंकि यहां आपके पास बड़ी डिमांड को कवर अप करने का मौका मिलेगा. गोबर से बन‍ी लकड़ी की खासियत यह है क‍ि मजबूत होने के साथ इसमें कभी

*धूप-अगरबत्ती*
गोबर से धूप और अगरबत्ती भी बनाई जाती है. मार्केट में एक से दो लाख रुपये की कीमत में मशीनें उपलब्ध हैं. ये मशीनें आमतौर पर एक घंटे में 400 किलोग्राम तक प्रोडक्ट्स तैयार कर सकती हैं. ये मशीनें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं जिसके लिए बहुत अधिक मैनपॉवर की जरूरत नहीं होती है. साथ ही बिजली बचत के लिहाज से भी यह किफायती हैं.

मोबाइल से ठगी और गोपनीय जानकारी चुराने व निजी वीडियो फ़ोटो चैट के लीक होने से बचने के लिए करे ये उपाय:

मोबाइल से ठगी और गोपनीय जानकारी चुराने व निजी वीडियो फ़ोटो चैट के लीक होने से बचने के लिए करे ये उपाय:

चेतावनी जारी

सभी एप्पल आईफोन, एंड्रॉइड मोबाइल फोन विंडोज डिवाइस यूजर्स के लिए मोदी सरकार ने एक अलर्ट जारी किया है. नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In ने एप्पल के सॉफ्टवेयर ईकोसिस्टम, गूगल एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में कमियों को लेकर चेतावनी दी है. इन यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी कीमत पर इसे अवाइड न करें. दरअसल, इन कंपनियों के ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद कमियों या खामियों का लाभ उठाकर साइबर क्रिमिनल्स इन डिवाइसेस को हैक कर सकते हैं, इसलिए इससे बचने के लिए एप्पल, विंडोज एंड्रॉइड यूजर्स को अपने ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है.

*Android यूजर्स के लिए जानें क्या है सलाह?*

CERT-In के अनुसार, एंड्रॉइड डिवाइसेस के *सिग्नल एप्लिकेशन में एक कमी पाई गई है. इसके चलते कुछ तस्वीरें खुद-ब-खुद सेंड हो जाती है*. इस तरह से यूजर्स की प्राइवेसी भी लीक हो सकती है. इस लेकर एजेंसी ने सलाह दी है कि गूगल प्ले स्टोर से यूजर्स शीघ्र ही Signal ऐप का वर्जन 5.17.3 डाउनलोड कर लें।

*जानें Apple यूजर्स को क्या करना चाहिए?*

साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी ने iOS iPadOS में कमी पाई है, जिससे आपके डिवाइस को हैकर्स कंट्रोल कर सकते हैं. इस बग ने 11.5.1 से पहले के वर्जन पर चलने वाले Apple macOS Big Sur डिवाइसेस, iPhone 6s बाद के डिवाइस, 14.7.1 से पहले वर्जन पर चलने वाले Apple iOS iPadOS डिवाइसेस, iPad Pro (सभी मॉडल), iPad Air 2 बाद के डिवाइस, 5वीं उससे बाद की जेनरेशन के iPad, iPad mini 4 बाद के डिवाइस, iPod touch (7वीं जेनरेशन) को प्रभावित किया है. हाल ही में एप्पल ने इससे जुड़ा सिक्यॉरिटी अपडेट जारी किया है.

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