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रविवार, 15 अगस्त 2021

क्यों किया जाता है अंतिम संस्कार?


ऊँ नमः शिवाय
क्यों किया जाता है अंतिम संस्कार?????

आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता चल जाता है । ऐसे में वो स्वयं भी हथियार डाल देता है अन्यथा उसने आत्मा को शरीर में बनाये रखने का भरसक प्रयत्न किया होता है और इस चक्कर में कष्ट को झेला होता है।

अब उसके सामने उसके सारे जीवन की यात्रा चल-चित्र की तरह चल रही होती है । उधर आत्मा शरीर से निकलने की तैयारी कर रही होती है इसलिये शरीर के पाँच प्राण एक 'धनंजय प्राण' को छोड़कर शरीर से बाहर निकलना आरम्भ कर देते हैं । 
ये प्राण, आत्मा से पहले बाहर निकलकर आत्मा के लिये सूक्ष्म-शरीर का निर्माण करते हैं । जोकि शरीर छोड़ने के बाद आत्मा का वाहन होता है। धनंजय प्राण पर सवार होकर आत्मा शरीर से निकलकर इसी सूक्ष्म-शरीर में प्रवेश कर जाती है। 

बहरहाल अभी आत्मा शरीर में ही होती है और दूसरे प्राण धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकल रहे होते है कि व्यक्ति को पता चल जाता है । उसे बे-चैनी होने लगती है, घबराहट होने लगती है। सारा शरीर फटने लगता है, खून की गति धीमी होने लगती है। सांस उखड़ने लगती है । बाहर के द्वार बंद होने लगते हैं।

 अर्थात अब चेतना लुप्त होने लगती है और मूर्च्छा आने लगती है । चैतन्य ही आत्मा के होने का संकेत है और जब आत्मा ही शरीर छोड़ने को तैयार है - तो चेतना को तो जाना ही है और वो मूर्छित होंने लगता है । बुद्धी समाप्त हो जाती है और किसी अन्जाने लोक में प्रवेश की अनुभूति होने लगती है - ये चौथा आयाम होता है।

फिर मूर्च्छा आ जाती है और आत्मा एक झटके से किसी भी खुली हुई इंद्री से बाहर निकल जाती है । इसी समय चेहरा विकृत हो जाता है । यही आत्मा के शरीर छोड़ देने का मुख्य चिन्ह होता है । शरीर छोड़ने से पहले - केवल कुछ पलों के लिये आत्मा अपनी शक्ति से शरीर को शत-प्रतिशत सजीव करती है - ताकि उसके निकलने का मार्ग अवरुद्ध ना रहे - और फिर उसी समय आत्मा निकल जाती है और शरीर खाली मकान की तरह निर्जीव रह जाता है । 

इससे पहले घर के आसपास कुत्ते-बिल्ली के रोने की आवाजें आती हैं । इन पशुओं की आँखे अत्याधिक चमकीली होती है । जिससे ये रात के अँधेरे में तो क्या सूक्ष्म-शरीर धारी आत्माओं को भी देख लेते हैं । जब किसी व्यक्ति की आत्मा शरीर छोड़ने को तैयार होती है तो उसके अपने सगे-संबंधी जो मृतात्माओं के तौर पर होते है । उसे लेने आते है और व्यक्ति उन्हें यमदूत समझता है और कुत्ते-बिल्ली उन्हें साधारण जीवित मनुष्य ही समझते है और अन्जान होने की वजह से उन्हें देखकर रोते है और कभी-कभी भौंकते भी हैं ।

शरीर के पाँच प्रकार के प्राण बाहर निकलकर उसी तरह सूक्ष्म-शरीर का निर्माण करते हैं । जैसे गर्भ में स्थूल-शरीर का निर्माण क्रम से होता है । 
सूक्ष्म-शरीर का निर्माण होते ही आत्मा अपने मूल वाहक धनंजय प्राण के द्वारा बड़े वेग से निकलकर सूक्ष्म-शरीर में प्रवेश कर जाती है । आत्मा शरीर के जिस अंग से निकलती है उसे खोलती, तोड़ती हुई निकलती है । जो लोग भयंकर पापी होते है उनकी आत्मा मूत्र याँ मल-मार्ग से निकलती है । जो पापी भी है और पुण्यात्मा भी है उनकी आत्मा मुख से निकलती है । जो पापी कम और पुण्यात्मा अधिक है उनकी आत्मा नेत्रों से निकलती है और जो पूर्ण धर्मनिष्ठ हैं, पुण्यात्मा और योगी पुरुष है उनकी आत्मा ब्रह्मरंध्र से निकलती है।

अब शरीर से बाहर सूक्ष्म-शरीर का निर्माण हुआ रहता है । लेकिन ये सभी का नहीं हुआ रहता । जो लोग अपने जीवन में ही मोहमाया से मुक्त हो चुके योगी पुरुष है । उन्ही के लिये तुरंत सूक्ष्म-शरीर का निर्माण हो पाता है । अन्यथा जो लोग मोहमाया से ग्रस्त है परंतु बुद्धिमान है ज्ञान-विज्ञान से अथवा पांडित्य से युक्त है । ऐसे लोगों के लिये दस दिनों में सूक्ष्म शरीर का निर्माण हो पाता है ।

हिंदु धर्म-शास्त्र में - दस गात्र का श्राद्ध और अंतिम दिन मृतक का श्राद्ध करने का विधान इसीलिये है कि - दस दिनों में शरीर के दस अंगों का निर्माण इस विधान से पूर्ण हो जाये और आत्मा को सूक्ष्म-शरीर मिल जाये । ऐसे में, जब तक दस गात्र का श्राद्ध पूर्ण नहीं होता और सूक्ष्म-शरीर तैयार नहीं हो जाता आत्मा, प्रेत-शरीर में निवास करती है । अगर किसी कारण वश ऐसा नहीं हो पाता है तो आत्मा प्रेत-योनि में भटकती रहती है । 

एक और बात, आत्मा के शरीर छोड़ते समय व्यक्ति को पानी की बहुत प्यास लगती है । शरीर से प्राण निकलते समय कण्ठ सूखने लगता है । ह्रदय सूखता जाता है और इससे नाभि जलने लगती है। लेकिन कण्ठ अवरूद्ध होने से पानी पिया नहीं जाता और ऐसी ही स्तिथि में आत्मा शरीर छोड़ देती है । प्यास अधूरी रह जाती है । इसलिये अंतिम समय में मुख में 'गंगा-जल' डालने का विधान है । 

इसके बाद आत्मा का अगला पड़ाव होता है शमशान का 'पीपल' । यहाँ आत्मा के लिये 'यमघंट' बंधा होता है । जिसमे पानी होता है । यहाँ प्यासी आत्मा यमघंट से पानी पीती है जो उसके लिये अमृत तुल्य होता है । इस पानी से आत्मा तृप्ति का अनुभव करती है । 

ये सब हिन्दू धर्म शास्त्रों में विधान है । कि - मृतक के लिये ये सब करना होता है ताकि उसकी आत्मा को शान्ति मिले । अगर किसी कारण वश मृतक का दस गात्र का श्राद्ध ना हो सके और उसके लिये पीपल पर यमघंट भी ना बाँधा जा सके तो उसकी आत्मा प्रेत-योनि में चली जायेगी और फिर कब वहां से उसकी मुक्ति होगी । कहना कठिन होगा l

*हां,  कुछ उपाय अवश्य है पहला ये कि किसी के देहावसान होने के समय से लेकर तेरह दिन तक  निरन्तर भगवान के नामों का उच्च स्वर में जप अथवा कीर्तन किया जाय और जो संस्कार बताए गए हैं उनका पालन करने से मृतक भूत प्रेत की योनि, नरक आदि में जाने से बच जाएगा , लेकिन ये करेगा कोन ?*

*ये संस्कारित परिजन, सन्तान, नातेदार ही कर सकते हैं l अन्यथा आजकल अनेक लोग केवल औपचारिकता निभाकर केवल दिखावा ही अधिक करते हैं l

*दूसरा उपाय कि मरने वाला व्यक्ति स्वयं भजनानंदी हो, भगवान का भक्त हो और अंतिम समय तक यथासंभव हरी स्मरण में रत रहा हो ।

*तीसरा भगवान के धामों में देह त्यागी हो, अथवा दाह संस्कार काशी, वृंदावन या चारों धामों में से किसी में किया हो l*

*स्वयं विचार करना चाहिए कि हम दूसरों के भरोसे रहें या अपना हित स्वयं साधें l*

 जीवन बहुत अनमोल है, इसको व्यर्थ मत गवाओ। एक एक पल को सार्थक करो हरिनाम का नित्य आश्रय लो । मन के दायरे से बाहर निकल कर सचेत होकर जीवन को जिओ, ना कि मन के अधीन होकर। ये मानुष जन्म बार बार नहीं मिलता। 

जीवन का एक एक पल जो जीवन का गुजर रहा है ,वह फिर वापिस नही मिलेगा। इसमें जितना अधिक हो भगवान का स्मरण जप करते रहें,   हर पल जो भी कर्म करो बहुत सोच कर करो। क्यूंकि कर्म परछाईं की तरह मनुष्य के साथ रहते है। इसलिए सदा शुभ कर्मों की शीतल छाया में रहो। वैसे भी कर्मों की धवनि शब्दों की धवनि से अधिक ऊँची होती है,अतः सदा कर्म सोच विचार कर करो।

 जिस प्रकार धनुष में से तीर के चल जाने के बाद वापिस नहीं आता,इसीप्रकार जो कर्म आपसे हो गया वो उस पल का कर्म वापिस नही होता चाहे अच्छा हो या बुरा।इसलिए इससे पहले कि आत्मा इस शरीर को छोड़ जाये, शरीर मेँ रहते हुए आत्मा को यानि स्वयं को जान लो और जितना अधिक हो सके मन से, वचन से, कर्म से भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण का ध्यान, चिंतन, जप कीर्तन करते रहो, निरन्तर स्मरण से हम यम फास से तो बचेंगे ही बचेंगे साथ ही हमें भगवत धाम भी प्राप्त हो सकेगा जोकि जीवन का वास्तविक लक्ष्य है!🔥

14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

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*🤷🏻‍♂️मैं अक्सर हिंदुओं से कहता हूं इस व्यक्ति की नियत पर कभी संदेह मत करो! ऐसा नेतृत्व सदियों में एक ही बार मिलता है! वर्तमान में मोदी जी से बड़ा राष्ट्रवादी और हिंदूवादी मैं किसी को नहीं मानता!*😎 
*🤨लेकिन कट्टर हिंनू इन्हे मौ-लाना कहते है! इसीलिए मैं कट्टरों को चूटिया कहता हूं!*😉

*✊आज मैने अखंड भारत संकल्प दिवस करके एक पोस्ट पढ़ी, उसे शेयर भी किया! मेरे मन में बहुत दिनों से एक खयाल था की 15 अगस्त को हम आजादी का जश्न मनाते है जबकि 14 अगस्त को हमने अपनी मातृ भूमि की दो भुजाएं खो दी थी, नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों हिंदू भाई बहनों को जान गंवानी पड़ी थी! इस दिन की याद में एक स्मृति दिवस तो होना ही चाहिए!*👍 

*✊और देखिए आज मोदी जी ने एक बार फिर, पता नहीं कैसे मेरे हृदय की बात जान ली और 14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस" #PartitionHorrorsRemembranceDay के तौर पर मनाने का निर्णय किया है! 🇮🇳🥺*

*मोदीजी एक ही दिल है.... ❤️*
*#TrustNaMo #ModiMatters #OnlyNaMoCan*
*🔜इंस्ट्राग्राम पर पोस्ट पढ़िए ❤️लाइक 🗣️कमेंट्स 🤳शेयर और 🆔 फॉलो करना न भूले*🙏
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सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से

*सौ करोड़, सौ करोड़, सौ करोड़ ...*
*सौ करोड़ की पीपणी बजाना बंद कर दो ...*
*ये सौ करोड़ का भ्रम निकाल दो अपने मस्तिष्क से ...*
*हम सौ करोड़ हैं ... करते करते तुम्हारे पैरो के नीचे से जमीन गायब हो रही है*

*सोचो ....*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या अयोध्या में हिंदुओं के हत्यारों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या रामसेतु को काल्पनिक बताने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवा आतंकी कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या कश्मीर में हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या सरेआम गाय कटवाने वालों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या दशहरा, दीपावली, होली पर ज्ञान बाँटने वालों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या 'मन्दिर में जाने वाले लड़की छेड़ते हैं, ऐसा कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवान श्रीराम जी का प्रूफ मांगने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या ''इस देश के संसाधनों पे पहला हक़ मुसलमानों का है !' कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो,क्या बुरहान, याकूब, ओसामा को शहीद कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या देश के दो टुकड़े (भारत-पाकिस्तान) करने वाले को सत्ता देते ??*
 
*सेक्यूलर, निलचट्टे, कायर, लालची... इन सबको घटाकर देखो - अल्पसंख्यक हो चुके हो, अल्पसंख्यक*
*सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से ..*
*जो भी तीस - चालिस करोड़ शुद्ध हिन्दू बचे हैं, वो आगे कैसे बचे रहेंगे ये सोचो 
🚩🚩 विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल 🚩🚩
🚩🚩 जय हिंदूत्व जय श्री राम 🚩🚩

शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

नेटवर्क मार्केटिंग के 15 फायदे - Network Marketing Benefits in Hindi

नेटवर्क मार्केटिंग के 15 फायदे -
Network Marketing Benefits in Hindi

आजकल लोग नेटवर्क मार्केटिंग के पीछे क्यों पड़े हुए हैं? आखिर इसमें ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से लोग इस व्यवसाय की तरफ आकर्षित हो रहे हैं? आखिर नेटवर्क मार्केटिंग के क्या फायदे हैं?

अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल आ रहे हैं तो आपको यह पोस्ट पूरा पढना चाहिए।

नेटवर्क मार्केटिंग एक गजब का व्यवसाय है और यदि इसे ठीक तरीके से किया जाए तो यह आपकी जिंदगी बदल सकता है, आप इससे अपने सारे सपने पूरे कर सकते हैं, अपनी सारी तकलीफों को दूर कर सकते हैं। नेटवर्क मार्केटिंग (MLM) केवल पैसे कमाने का बिज़नेस नही है, यह हमें एक खुशहाल जिंदगी जीने का तरीका सिखाता है। 

नेटवर्क मार्केटिंग की मदद से धन-दौलत, ऐश्वर्य, मान-सम्मान सब कुछ पाया जा सकता है। अब सवाल आता है की इस बिज़नेस में ऐसा क्या है जो यह अन्य व्यवसाय से अलग है? 

आज हम नेटवर्क मार्केटिंग के फायदे बताने वाले हैं जिससे आपको यह पता चल जायेगा की यह बिज़नेस कैसे हमारी जिंदगी बदल सकता है।

नेटवर्क मार्केटिंग के फायदे - Network Marketing Benefits in Hindi

1. अतिरिक्त आमदनी कमाने का मौका (Extra Income Opportunity)
यदि आप नौकरी करते हैं, या आपका व्यवसाय है और आप उसे छोड़ना नहीं चाहते लेकिन कोई side income का source ढूंढ रहे हैं तो नेटवर्क मार्केटिंग एक बेहतरीन तरीका है, इससे  आप अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।

2. स्वयं का व्यवसाय: 
नेटवर्क मार्केटिंग करने वाला व्यक्ति एक स्वतंत्र बिज़नेस मैन होता है उसका कोई बॉस नही होता, आप यहाँ अपने समय और सामर्थ्य के अनुसार करते हैं और यह आपका स्वयं का व्यवसाय होता है।

3. कम लागत वाला बिज़नेस: 
नेटवर्क मार्केटिंग शुरू करने के लिए कितने पैसे चाहिए होते हैं? सबसे पहली बात यहाँ joining की कोई फीस नही होती, फ्री जोइनिंग होती है। बस आपको अपनी जरुरत के अनुसार कुछ प्रोडक्ट्स लेने होते हैं और यही इस business का investment है। 

4. बिना रिस्क का व्यवसाय: 
जैसा की हमने ऊपर आपको बताया की आपको यहाँ सिर्फ प्रोडक्ट खरीदने होते हैं आपको किसी प्रकार का investment नही करना पड़ता, कंपनी को पैसे नही देने पड़ते तो ऐसे में इस व्यवसाय में रिस्क कुछ भी नही है।

5. इस बिज़नेस के लिए ऑफिस खोलने या स्टाफ रखने की जरुरत नही: 
आप कोई भी बिज़नेस शुरू करें तो उसके लिए ऑफिस, दूकान और स्टाफ की जरुरत पड़ती है और अधिकांश पैसे इन्हीं पर खर्च हो जाते हैं लेकिन इस बिज़नस में आपको इनकी जरुरत ही नही है।  


6. सामान स्टोर करने की जरुरत नही: 
जैसा की आपको पता है यह प्रोडक्ट का बिज़नस है, यहाँ प्रोडक्ट की खरीदी-बिक्री होती है लेकिन यह सामान बेचने वाला व्यवसाय नही है इसलिए आपको सामान स्टोर करने की जरुरत ही नही है। हाँ यदि आप चाहें तो स्टोर ओपन कर सकते हैं।

7. ऑफिस जाने से पायें छुटकारा: 
यहाँ नौकरी नही है जहाँ 9-5 आपको ऑफिस में बैठना पड़े या किसी को हिसाब देना पड़े आपको ऑफिस जाने से आजादी मिल जाती है।

8. पैसिव इनकम (Passive Income):  
यह बहुत ही बड़ा कारण है जिसकी वजह से लोग नेटवर्क मार्केटिंग करते हैं। पैसिव इनकम का मतलब है, आपके पास ऐसा कोई सिस्टम हो जहाँ से लगातार पैसे आते रहें, आप काम करें या न करें, आप रहें या न रहें आपकी इनकम नही रूकती। हाँ लेकिन आपको इस सिस्टम को बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।

9. समय की आजादी किसे नही चाहिए?: 
नौकरी करने वाले या किसी अन्य व्यवसाय में दिनभर काम करने वालों की यही शिकायत होती है की उनके पास खुद के लिए, अपने परिवार के लिए समय नही है। लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग का फायदा यह भी है आपके पास भरपूर समय होता है और आप अपने समय के अनुसार काम करते हैं। 

10. आर्थिक स्वतंत्रता (Financial Freedom): 
यदि आपको किसी चीज को खरीदने के लिए कई बार सोचना पड़ता है तो आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र नही हैं। network marketing आपके लिए financial freedom को पाने में आपकी मदद कर सकता है। यहाँ से आप सही तरह से काम करके इतना पैसा कमा सकते हैं जितना नौकरी से नही कमा सकते। 

11. नाम कमाने का मौका: 
जो व्यक्ति सफल होता है उसको मान सम्मान की कोई कमी नही होती। लेकिन यहाँ अगर आप सफल हो गये तो आपकी पूरी टीम आपका सम्मान करती है, कंपनी आपको सम्मानित करती है और समाज में भी आपको इज्जत मिलती है।

12. लोगों की मदद करना: 
इस बिज़नेस की सबसे कमाल की बात यह है की आप नेटवर्क मार्केटिंग के फायदे स्वयम तो लेते ही हैं इसके साथ आप दूसरों की भी मदद करते हैं, और उन्हें भी सफल बनाते हैं।

13. अपनी तरह महत्वकांक्षी और उत्साही लोगों से मिलना: 
इस व्यवसाय के लोग सबसे ज्यादा motivated होते हैं, जूनून और उत्साह से भरे होते हैं। और ऐसे लोगों के बीच अगर आप रहते हैं तो आप भी जिंदगी में आगे बढ़ते रहेंगे।

14. देश-विदेश घूमने का मौका पायें:  
लभग हर नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में साल में एक बार या उससे भी अधिक बार अपने associates को देश-विदेश घूमने का मौका देते हैं। आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

15. इन्टरनेट का सही उपयोग करना:  
यह इन्टरनेट का युग है लेकिन इसका   फायदा तभी है जब आप इसका सही उपयोग करें। आप सोशल मीडिया का उपयोग कर नये लोगों से दोस्ती कर सकते हैं और   उन्हें   अपने बिज़नस के बारे में बताकर अपने साथ शामिल कर सकते हैं।

हमें उम्मीद है आपको नेटवर्क मार्केटिंग के फायदे के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। आप इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं और उन्हें भी इसके बारे में बता सकते हैं

 

आईएमसी एलो नोनी जूस के 20 फायदे

आईएमसी एलो नोनी जूस के 20 फायदे - IMC Aloe Noni Juice Benefits in Hindi

नोनी एक प्रकार का फल है जो दिखने में हरे रंग का होता है और इसका कार आलू के समान होता है। आयुर्वेद में इसे आच के नाम से भी जाना जाता है। नोनी का पौधा ज्यादातर समुद्री इलाके में पाया जाता है। नोनी के फल में 160 से भी अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं।


नोनी का फल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और इसके अलावा यह कई सारी बीमारियों के लिए बहुत ही कारगर दवा है।


IMC नोनी जूस के फायदे  - IMC Aloe Noni Juice Benefits in Hindi

  1. यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है और रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है।
  2. साँस की की बिमारी से पीड़ित व्यक्ति को हर रोज सुबह-शाम इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
  3. नोनी जूस एक प्रकार से इन्सुलिन की तरह भी काम करता है जिससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
  4. नोनी जूस याददाश्त को बढाने में सहायक है।
  5. जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और जकड़न को कम करता है।
  6. सर दर्द, तनाव, माइग्रेन को कम करता है और शरीर को तरोताजा रखता है।
  7. इसके सेवन से ट्यूमर बढ़ना रुक जाता है और कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है।
  8. यह मधुमेह, अस्थमा, गठिया जैसी बीमारियों में बेहद कारगर है।
  9. नोनी बालों की समस्याएं जैसे: बालों का रुखापन, गंजापन आदि को ठीक करता है और बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।
  10. यह शरीर की कोशिकाओं के अंदर जाकर उसे रिपेयर करता है।
  11. नोनी जूस प्राकृतिक रूप से शरीर के detoxification में मदद करता है।
  12. शरीर के दर्द में नोनी बहुत ही बढ़िया काम करता है यह अन्य दर्द निवारक दवाओं की तुलना में बेहद सुरक्षित है यह सिर्फ उन्ही तत्वों को खत्म करता है जिससे दर्द होता है और इससे कोई साइड इफ़ेक्ट होते।
  13. त्वचा सम्बंधित रोग जैसे: दाद-खाज, खुजली, एक्जीमा, चेचक आदि में भी फायदेमंद है।
  14. खांसी-जुकाम की समस्या में लाभकारी है।
  15. नोनी जूस शराब के प्रभाव को कम करता है।
  16. नोनी जूस नर्वस सिस्टम को सुधारता है और मासपेशियों को आराम देता है।
  17. स्त्रियों की बांझपन की समस्या को भी ठीक करने में सहायक है।
  18. स्त्री-पुरुष के यौन सम्बन्धित समस्याओं में बेहद लाभकारी है।
  19. शीघ्रपतन और नपुंसकता को दूर करता है।
  20. एड्स के रोगियों के लिए भी यह एक प्रभावशाली दवा है।
  21. नोनी के अंदर घुलनशील फाइबर होते हैं जो की आँतों के दबाव को कम करता है और आंतों की सुरक्षा करता है।
  22. IMC नोनी जूस को बच्चा-बूढा, जवान किसी भी उम्र का व्यक्ति ले सकता है यह एक हेल्थ ड्रिंक की तरह है।
  23. आईएमसी नोनी जूस को स्वस्थ हो या बीमार कोई भी व्यक्ति ले सकता है।

नोनी जूस की विशेषताएं


नोनी का उपयोग हजारों वर्षों से विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने में किया जा रहा है यह बेहद प्रभावशाली औषधि है जो की हमारे शरीर की लगभग हर बिमारी को ठीक करने में सक्षम है।

नोनी में एंटीवायरस, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, anti-inflammatory और एंटी रिंकल के गुण पाए जाते हैं।

इसमें विटामिन C, E, B1, B2, B3, B5, B6, B12 आदि पाए जाते हैं। 

नोनी फल में कई प्रकार के मिनरल्स जैसे: आयरन, कैल्शियम, पोटाशियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस की मात्रा पायी जाती है।

आईएमसी एलो नोनी जूस में क्या-क्या मिलाया गया है?

वैसे तो नोनी जूस अपने आप में बेहद प्रभावशाली और स्वास्थ्यवर्धक है लेकिन इसकी गुणवक्ता को और बढाने के लिए IMC ने कुछ और भी सामग्री डाली हैं जैसे:
  • नोनी सत्
  • एलोवेरा सत्
  • आंवला सत्
  • त्रिकुट सत्
  • ब्राम्ही सत् 
  • अश्वगंधा सत्
  • अंगूर सत्
  • विधारीकंद सत्
  • आर.ओ.वाटर

IMC Aloe Noni Juice Price 

आप IMC की नोनी जूस किसी भी IMC store से खरीद सकते हैं यदि आपके पास Associate या customer ID है तो आप इसे discount price पर खरीद सकते हैं इसके अलावा आप अपनी ID से ऑनलाइन प्रोडक्ट आर्डर भी कर सकते हैं।

इसकी कीमत कुछ इसप्रकार है:

IMC Noni Juice (500 ml) -  MRP : 650/-


हमें उम्मीद है आपको आईएमसी की एलो नोनी जूस के बारे में जानकारी मिल गयी होगी।


नोट: किसी भी बिमारी में इस औषधि का उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सकीय सलाह जरूर ले लेवें।

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IMC भारत में एक बहुत ज़ोरों से विस्तृत होती एक कंपनी है जो अपने प्रोडक्ट्स को प्रतिस्पर्धा में उतारने के साथ-साथ अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए हर प्रोडक्ट के साथ एक बेहतरीन Business oppurtinity मुहैया करवाई है जिससे हज़ारों ग्राहकों को बेहतरीन क्वालिटी के सामान के साथ उन्हें एक अवसर भी मिला है |

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