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सोमवार, 16 अगस्त 2021

एक्टिव हेल्थ प्लेटिनम में हैल्थ रिटर्न्स लेने के लिए


 हैल्थ रिटर्न्स लेने के लिए निम्न निर्देश का पालन करें।

1. नीचे दिए गए लिंक से Google Fit डाउनलोड करें और Next पर क्लिक करके और अपना - DOB, ऊँचाई, वजन और लिंग सबमिट करके प्रक्रिया को पूरा करें।

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.google.android.apps.fitness

2. फिर नीचे दिए गए लिंक से एक्टिव हेल्थ ऐप इंस्टॉल करें

और अपने मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करें और यूजरनेम और पासवर्ड बनाएं और फिर इसे गूगल फिट से कनेक्ट करें (स्वचालित रूप से पूछा गया) तब हैल्थ एसेसमेंट के लिए बुक करें स्वस्थ हृदय स्कोर का मूल्यांकन पाने के लिए और निम्न लिखे प्रीमियम का भाग कमाने के लिए -

एक्टिव हेल्थ प्लेटिनम में
- हरा - 100% (अधिकतम)
- पीला या - 40% (अधिकतम)
- लाल - 20% (अधिकतम)

और फिर प्रति मह 10000 कदम प्रति दिन मोबाइल साथ लेकर चलें
साल में 325 दिन for 100 % Health Returns
या 275 दिन या  for 50 % Health Returns
हर महीने मात्र 13 दिन for 30% health returns


और आपको Health Returnz आपके एक्टिव हैल्थ ऐप में आने लगेंगे हर महीने के अंत।

Download Active Health app


अपना हैल्थ कार्ड बनवाए, भारत में कहीं भी इलाज करवाईए

क्या है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूरत?

केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मेडिकल इमरजेंसी के मामले में 80 फीसदी केस पैसे की दिक्कत की वजह से बिगड़ जाते हैं. किसी दुर्घटना की स्थिति में न सिर्फ इलाज पर आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं, बल्कि आपकी कमाने की क्षमता भी घट जाती है. इस हिसाब से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति पर दोहरी मार पड़ती है.


एक फैमिली में पांच मेम्बर है
पति राजेंद्र (व्यापारी)
पत्नी रागिनी (हाउसवाइफ)
पिता राजेश (रिटायर्ड)
बड़ा बेटा ( राहुल)
छोटा बेटा ( राज)
अब आपको पता होगा यह पूरा परिवार राजेंद्र जी पे डिपेंड हैं।।।
राजेंद्र जी इस परिवार के पिल्ल्लर है।।
अगर राजेंद्र जी बीमार हो जाते है तो क्या क्या दिक्कत आ सकती है ।।।
सोचिए जरा उनकी सेविंग जाएगी और पिता जी में अचानक से जिम्मेदारी आएगी ।।।
पत्नी जी को जादा जिम्मेदारी आ जाएगी।।
हॉस्पिटल के बिल्स दवाइयों का पैसा बहुत सारे टेस्टों का पैसा एडवांस जमा करवाना होगा।।।
आपको रिस्तेदारो की मदद लेनी होगी।।।




ऐसे में आप परिवार को बहुत दिक्कत में कर रहे है ।।।
इसलिए जागरूक बनिए बिना कोई लापरवाही किए बिना ।।
हैल्थ कार्ड बनवाइए।।इलाज मुफ्त करवाइए।।।

इसलिए घर के परिवार के मुखिया को कुछ होता है तो हम है उनके हैल्थ कार्ड के द्वारा सारा इलाज का खर्च का भुगतान हम कंपनी द्वारा किया जाएगा।।।
इसलिए आज ही अपना हैल्थ कार्ड बनवाए ।।।
जिससे आप भारत में कहीं भी इलाज करवाईए।।

हैल्थ कार्ड बनवाने के बाद आपके परिवार में हॉस्पिटल में लेके कभी कोई शिकायत नहीं रहेगी।।।

मैं आपका हैल्थ कार्ड बनाने में मदद करूंगा जिससे आप इलाज करवाइए कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल में कैशलेस ( बिना पैसे दिए हुए)
यह कार्ड पूरे इंडिया में उपयोग हो जाएगा

Kailash Chandra Ladha

For chat on Whatsapp -
https://wa.me/message/MGAXBXAZ7MHOG1

9352174466

सरल शब्दों में, यदि आप किसी दुर्घटना या किसी भी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं तो मेडिक्लेम पॉलिसी आपकी जमा पूंजी की रक्षा के लिए काम आती है। यह आप को नर्सिंग, लॉजिंग और उपचार लागत के लिए कवर करता है जो पॉलिसी खरीदने के दौरान आपके द्वारा चुने गए कवरेज राशि के बराबर है।



बैरिएट्रिक सर्जरी को मोटापा कम करने वाली सर्जरी कहते है। जिसे लोग ओबेसिटी (Obesity) कम करने का अच्छा उपाय मानते है। जब व्यक्ति का मोटापा अधिक बढ़ जाता है और वजन बढ़ने लगता है तो ऐसे लोग कई तरह के डाईट और व्यायाम करने की कोशिश करते है। लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिलती है। आपको बता दे, मोटापा मधुमेह, स्लीप एपनिया, गठिया, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक जैसी कई हानिकारक बीमारियों को जन्म दे सकता है



पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम टैक्स छूट के अंतर्गत आता है।  80D

बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है. हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं.




Don't worry about ICU Charge...




All Operations are covered in Mediclaim...



इलाज के दौरान दवाई का खर्च कंपनी द्वारा


इस फोटो को ध्यान से देखिए आपको दिखेगा ऑपरेशन रोबोट द्वारा किया जा रहा है।।।
ये फैसिलिटी अपने यहां भी है।।




एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है।।।



हमारे पास डायबिटीज़ का प्लान है।।
इस प्लान में खासियत यह है 30 दिन के बाद शुगर बड़ने में भी एडमिट होते है।।
तो हमारे यहां फैसिलिटी उपलब्ध है।


क्या है ऑर्गन डोनेशन डोनेशन का मतलब दान होता है, मेडिकली भाषा में लोग जिंदा रहते यह शपथ लेते हैं कि ब्रेन डेड की स्थिति में उसकी बॉडी के ऑर्गन डोनेट कर दिया जाए। उनके ये ऑर्गन बीमार आदमी को नई जिंदगी देते हैं।
Organ Donor expenses include



55 वर्ष के मनुष्य को बीमार होने के चांसेज 200 प्रतिशत होती है।।।।
इन उम्र के लोगों में बीपी,सुगर होना आम बात हैं।।
इन उम्र के लोको में इम्यूनिटी पॉवर काम होती है जिससे हड्डियों की डेंसिटी काम होती है।



कैशलेस क्लेम में ग्राहक को ईलाज के खर्च के लिए अस्पताल को कोई रकम चुकाने की जरूरत नहीं है.!!!

1.क्या आपके पास भी है आकस्मिक खर्चो से बचने के लिए पर्याप्त हेल्थ कवर?
2.क्या आपकी हेल्थ पॉलिसी भी करती है कवर (ABCD) यानि अस्थमा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खर्चा?

3.क्या आपकी हेल्थ पालिसी भी देती है वर्ल्डवाइड मेडिकल असिस्टेंस?

4.क्या आपकी पालिसी भी देती है हेल्थ कवर एक्सास्ट होने पर 100% कवर रीलोड का बेनिफिट?

5.क्या आपकी पॉलिसी में है नो क्लेम बोनस का एक छोटे से क्लेम से 0 ना हो जाने वाला फीचर?

6.सबसे महत्वपूर्ण सवाल, क्या आपकी पॉलिसी देती है आपको स्वयं को फिट रखने पर अगले साल के प्रीमियम में 100% तक का डिस्काउंट?

अगर इन सभी सवालों का जवाब है "नहीं" तो जानिए कैसे आप ये सब बेनिफिट ले सकते हैं




Day Care Treatment :

Day Care Treatment होता वो treatment जो एक दिन मैं हो जाते है जैसे Eye treatment ,Nose ,Ear treatment। तो इस पालिसी मैं कुल 586 listed procedures cover है। आप इन treatments को अपने SI use कर सकते है।

Health Check-up Program :

Health Check-up की बात करे तो साल मैं एक बार आपको Health Check-up free मैं मिलेगा।

Organ Donor Expenses :

अगर आपको कभी organ donor की जरूरत पड़ती है तो इसका भी खर्चा इस पालिसी मैं कवर होता है।

Domestic & International Emergency Assistance Services भी इस पालिसी मैं available है including Air Ambulance।

HealthReturns™:

इस पालिसी मैं आपको फिट रहो और पायो 100 % discount अगले साल की Policy मैं  वाला ऑप्शन दिया जा रहा है।
आपको एक app आपके फ़ोन मैं install करना है नाम है Activ health app जो आपको playstore मैं मिल जाएगी और हर महीने 13 Active days complete करने है यानि 10000 steps हर दिन या 30 minutes Gym main या 300 Calories burned करनी है और आपको अगले साल 30 % discount।

In-patient Hospitalization :

इसका मतलब होता है की आपको अपना कवर तभी मिलता है जब आप 24 घंटो के लिए hospitalized होते है किसी भी treatment के लिए।

महामारी के लिए कवर -

हम जानते हैं की लोग कोरोना वायरस के वजह से डरे हुए हैं इसलिए हम उसको भी कवर करते हैं |

Domiciliary Hospitalization :

यानि home care कई बार ऐसा होता है आपको घर से इलाज करवाना पड़ता है और उस मैं डॉक्टर घर पर ही visit करता है

Whatsapp - https://wa.me/message/MGAXBXAZ7MHOG1

कैलाश चन्द्र लढा(Jodhpur)
+91 9352174466

http://sanwariyaa.blogspot.com/.../make-your-health-card...

रविवार, 15 अगस्त 2021

क्यों किया जाता है अंतिम संस्कार?


ऊँ नमः शिवाय
क्यों किया जाता है अंतिम संस्कार?????

आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता चल जाता है । ऐसे में वो स्वयं भी हथियार डाल देता है अन्यथा उसने आत्मा को शरीर में बनाये रखने का भरसक प्रयत्न किया होता है और इस चक्कर में कष्ट को झेला होता है।

अब उसके सामने उसके सारे जीवन की यात्रा चल-चित्र की तरह चल रही होती है । उधर आत्मा शरीर से निकलने की तैयारी कर रही होती है इसलिये शरीर के पाँच प्राण एक 'धनंजय प्राण' को छोड़कर शरीर से बाहर निकलना आरम्भ कर देते हैं । 
ये प्राण, आत्मा से पहले बाहर निकलकर आत्मा के लिये सूक्ष्म-शरीर का निर्माण करते हैं । जोकि शरीर छोड़ने के बाद आत्मा का वाहन होता है। धनंजय प्राण पर सवार होकर आत्मा शरीर से निकलकर इसी सूक्ष्म-शरीर में प्रवेश कर जाती है। 

बहरहाल अभी आत्मा शरीर में ही होती है और दूसरे प्राण धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकल रहे होते है कि व्यक्ति को पता चल जाता है । उसे बे-चैनी होने लगती है, घबराहट होने लगती है। सारा शरीर फटने लगता है, खून की गति धीमी होने लगती है। सांस उखड़ने लगती है । बाहर के द्वार बंद होने लगते हैं।

 अर्थात अब चेतना लुप्त होने लगती है और मूर्च्छा आने लगती है । चैतन्य ही आत्मा के होने का संकेत है और जब आत्मा ही शरीर छोड़ने को तैयार है - तो चेतना को तो जाना ही है और वो मूर्छित होंने लगता है । बुद्धी समाप्त हो जाती है और किसी अन्जाने लोक में प्रवेश की अनुभूति होने लगती है - ये चौथा आयाम होता है।

फिर मूर्च्छा आ जाती है और आत्मा एक झटके से किसी भी खुली हुई इंद्री से बाहर निकल जाती है । इसी समय चेहरा विकृत हो जाता है । यही आत्मा के शरीर छोड़ देने का मुख्य चिन्ह होता है । शरीर छोड़ने से पहले - केवल कुछ पलों के लिये आत्मा अपनी शक्ति से शरीर को शत-प्रतिशत सजीव करती है - ताकि उसके निकलने का मार्ग अवरुद्ध ना रहे - और फिर उसी समय आत्मा निकल जाती है और शरीर खाली मकान की तरह निर्जीव रह जाता है । 

इससे पहले घर के आसपास कुत्ते-बिल्ली के रोने की आवाजें आती हैं । इन पशुओं की आँखे अत्याधिक चमकीली होती है । जिससे ये रात के अँधेरे में तो क्या सूक्ष्म-शरीर धारी आत्माओं को भी देख लेते हैं । जब किसी व्यक्ति की आत्मा शरीर छोड़ने को तैयार होती है तो उसके अपने सगे-संबंधी जो मृतात्माओं के तौर पर होते है । उसे लेने आते है और व्यक्ति उन्हें यमदूत समझता है और कुत्ते-बिल्ली उन्हें साधारण जीवित मनुष्य ही समझते है और अन्जान होने की वजह से उन्हें देखकर रोते है और कभी-कभी भौंकते भी हैं ।

शरीर के पाँच प्रकार के प्राण बाहर निकलकर उसी तरह सूक्ष्म-शरीर का निर्माण करते हैं । जैसे गर्भ में स्थूल-शरीर का निर्माण क्रम से होता है । 
सूक्ष्म-शरीर का निर्माण होते ही आत्मा अपने मूल वाहक धनंजय प्राण के द्वारा बड़े वेग से निकलकर सूक्ष्म-शरीर में प्रवेश कर जाती है । आत्मा शरीर के जिस अंग से निकलती है उसे खोलती, तोड़ती हुई निकलती है । जो लोग भयंकर पापी होते है उनकी आत्मा मूत्र याँ मल-मार्ग से निकलती है । जो पापी भी है और पुण्यात्मा भी है उनकी आत्मा मुख से निकलती है । जो पापी कम और पुण्यात्मा अधिक है उनकी आत्मा नेत्रों से निकलती है और जो पूर्ण धर्मनिष्ठ हैं, पुण्यात्मा और योगी पुरुष है उनकी आत्मा ब्रह्मरंध्र से निकलती है।

अब शरीर से बाहर सूक्ष्म-शरीर का निर्माण हुआ रहता है । लेकिन ये सभी का नहीं हुआ रहता । जो लोग अपने जीवन में ही मोहमाया से मुक्त हो चुके योगी पुरुष है । उन्ही के लिये तुरंत सूक्ष्म-शरीर का निर्माण हो पाता है । अन्यथा जो लोग मोहमाया से ग्रस्त है परंतु बुद्धिमान है ज्ञान-विज्ञान से अथवा पांडित्य से युक्त है । ऐसे लोगों के लिये दस दिनों में सूक्ष्म शरीर का निर्माण हो पाता है ।

हिंदु धर्म-शास्त्र में - दस गात्र का श्राद्ध और अंतिम दिन मृतक का श्राद्ध करने का विधान इसीलिये है कि - दस दिनों में शरीर के दस अंगों का निर्माण इस विधान से पूर्ण हो जाये और आत्मा को सूक्ष्म-शरीर मिल जाये । ऐसे में, जब तक दस गात्र का श्राद्ध पूर्ण नहीं होता और सूक्ष्म-शरीर तैयार नहीं हो जाता आत्मा, प्रेत-शरीर में निवास करती है । अगर किसी कारण वश ऐसा नहीं हो पाता है तो आत्मा प्रेत-योनि में भटकती रहती है । 

एक और बात, आत्मा के शरीर छोड़ते समय व्यक्ति को पानी की बहुत प्यास लगती है । शरीर से प्राण निकलते समय कण्ठ सूखने लगता है । ह्रदय सूखता जाता है और इससे नाभि जलने लगती है। लेकिन कण्ठ अवरूद्ध होने से पानी पिया नहीं जाता और ऐसी ही स्तिथि में आत्मा शरीर छोड़ देती है । प्यास अधूरी रह जाती है । इसलिये अंतिम समय में मुख में 'गंगा-जल' डालने का विधान है । 

इसके बाद आत्मा का अगला पड़ाव होता है शमशान का 'पीपल' । यहाँ आत्मा के लिये 'यमघंट' बंधा होता है । जिसमे पानी होता है । यहाँ प्यासी आत्मा यमघंट से पानी पीती है जो उसके लिये अमृत तुल्य होता है । इस पानी से आत्मा तृप्ति का अनुभव करती है । 

ये सब हिन्दू धर्म शास्त्रों में विधान है । कि - मृतक के लिये ये सब करना होता है ताकि उसकी आत्मा को शान्ति मिले । अगर किसी कारण वश मृतक का दस गात्र का श्राद्ध ना हो सके और उसके लिये पीपल पर यमघंट भी ना बाँधा जा सके तो उसकी आत्मा प्रेत-योनि में चली जायेगी और फिर कब वहां से उसकी मुक्ति होगी । कहना कठिन होगा l

*हां,  कुछ उपाय अवश्य है पहला ये कि किसी के देहावसान होने के समय से लेकर तेरह दिन तक  निरन्तर भगवान के नामों का उच्च स्वर में जप अथवा कीर्तन किया जाय और जो संस्कार बताए गए हैं उनका पालन करने से मृतक भूत प्रेत की योनि, नरक आदि में जाने से बच जाएगा , लेकिन ये करेगा कोन ?*

*ये संस्कारित परिजन, सन्तान, नातेदार ही कर सकते हैं l अन्यथा आजकल अनेक लोग केवल औपचारिकता निभाकर केवल दिखावा ही अधिक करते हैं l

*दूसरा उपाय कि मरने वाला व्यक्ति स्वयं भजनानंदी हो, भगवान का भक्त हो और अंतिम समय तक यथासंभव हरी स्मरण में रत रहा हो ।

*तीसरा भगवान के धामों में देह त्यागी हो, अथवा दाह संस्कार काशी, वृंदावन या चारों धामों में से किसी में किया हो l*

*स्वयं विचार करना चाहिए कि हम दूसरों के भरोसे रहें या अपना हित स्वयं साधें l*

 जीवन बहुत अनमोल है, इसको व्यर्थ मत गवाओ। एक एक पल को सार्थक करो हरिनाम का नित्य आश्रय लो । मन के दायरे से बाहर निकल कर सचेत होकर जीवन को जिओ, ना कि मन के अधीन होकर। ये मानुष जन्म बार बार नहीं मिलता। 

जीवन का एक एक पल जो जीवन का गुजर रहा है ,वह फिर वापिस नही मिलेगा। इसमें जितना अधिक हो भगवान का स्मरण जप करते रहें,   हर पल जो भी कर्म करो बहुत सोच कर करो। क्यूंकि कर्म परछाईं की तरह मनुष्य के साथ रहते है। इसलिए सदा शुभ कर्मों की शीतल छाया में रहो। वैसे भी कर्मों की धवनि शब्दों की धवनि से अधिक ऊँची होती है,अतः सदा कर्म सोच विचार कर करो।

 जिस प्रकार धनुष में से तीर के चल जाने के बाद वापिस नहीं आता,इसीप्रकार जो कर्म आपसे हो गया वो उस पल का कर्म वापिस नही होता चाहे अच्छा हो या बुरा।इसलिए इससे पहले कि आत्मा इस शरीर को छोड़ जाये, शरीर मेँ रहते हुए आत्मा को यानि स्वयं को जान लो और जितना अधिक हो सके मन से, वचन से, कर्म से भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण का ध्यान, चिंतन, जप कीर्तन करते रहो, निरन्तर स्मरण से हम यम फास से तो बचेंगे ही बचेंगे साथ ही हमें भगवत धाम भी प्राप्त हो सकेगा जोकि जीवन का वास्तविक लक्ष्य है!🔥

14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

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*🤷🏻‍♂️मैं अक्सर हिंदुओं से कहता हूं इस व्यक्ति की नियत पर कभी संदेह मत करो! ऐसा नेतृत्व सदियों में एक ही बार मिलता है! वर्तमान में मोदी जी से बड़ा राष्ट्रवादी और हिंदूवादी मैं किसी को नहीं मानता!*😎 
*🤨लेकिन कट्टर हिंनू इन्हे मौ-लाना कहते है! इसीलिए मैं कट्टरों को चूटिया कहता हूं!*😉

*✊आज मैने अखंड भारत संकल्प दिवस करके एक पोस्ट पढ़ी, उसे शेयर भी किया! मेरे मन में बहुत दिनों से एक खयाल था की 15 अगस्त को हम आजादी का जश्न मनाते है जबकि 14 अगस्त को हमने अपनी मातृ भूमि की दो भुजाएं खो दी थी, नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों हिंदू भाई बहनों को जान गंवानी पड़ी थी! इस दिन की याद में एक स्मृति दिवस तो होना ही चाहिए!*👍 

*✊और देखिए आज मोदी जी ने एक बार फिर, पता नहीं कैसे मेरे हृदय की बात जान ली और 14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस" #PartitionHorrorsRemembranceDay के तौर पर मनाने का निर्णय किया है! 🇮🇳🥺*

*मोदीजी एक ही दिल है.... ❤️*
*#TrustNaMo #ModiMatters #OnlyNaMoCan*
*🔜इंस्ट्राग्राम पर पोस्ट पढ़िए ❤️लाइक 🗣️कमेंट्स 🤳शेयर और 🆔 फॉलो करना न भूले*🙏
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सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से

*सौ करोड़, सौ करोड़, सौ करोड़ ...*
*सौ करोड़ की पीपणी बजाना बंद कर दो ...*
*ये सौ करोड़ का भ्रम निकाल दो अपने मस्तिष्क से ...*
*हम सौ करोड़ हैं ... करते करते तुम्हारे पैरो के नीचे से जमीन गायब हो रही है*

*सोचो ....*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या अयोध्या में हिंदुओं के हत्यारों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या रामसेतु को काल्पनिक बताने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवा आतंकी कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या कश्मीर में हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या सरेआम गाय कटवाने वालों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या दशहरा, दीपावली, होली पर ज्ञान बाँटने वालों को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या 'मन्दिर में जाने वाले लड़की छेड़ते हैं, ऐसा कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवान श्रीराम जी का प्रूफ मांगने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या ''इस देश के संसाधनों पे पहला हक़ मुसलमानों का है !' कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो,क्या बुरहान, याकूब, ओसामा को शहीद कहने वाले को सत्ता देते ?*
*यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या देश के दो टुकड़े (भारत-पाकिस्तान) करने वाले को सत्ता देते ??*
 
*सेक्यूलर, निलचट्टे, कायर, लालची... इन सबको घटाकर देखो - अल्पसंख्यक हो चुके हो, अल्पसंख्यक*
*सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से ..*
*जो भी तीस - चालिस करोड़ शुद्ध हिन्दू बचे हैं, वो आगे कैसे बचे रहेंगे ये सोचो 
🚩🚩 विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल 🚩🚩
🚩🚩 जय हिंदूत्व जय श्री राम 🚩🚩

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